शनिवार, 29 मई 2021

सौतेले बाप ने नाबालिग को बनाया हवस का शिकार

श्रीराम मौर्य   

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से बेहद शर्मनाक मानवता को झकझोर कर रख देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक दरिंदे बाप ने अपनी नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बना लिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है

प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब वह बेटी का गर्भपात कराने के लिए राजकीय महिला अस्पताल लेकर पहुंचा पुलिस ने जब पीड़ित से पूछताछ की तो पुलिस को मामला समझ में आते देर ना लगे उसके बाद आरोपी के खिलाफ पॉस्को सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया गया उसे गिरफ्तार किया पुलिस ने आरोपी को मेडिकल के बाद न्यायलय में पेश किया जहां से उसको जेल भेज दिया गया।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह के अनुसार विगत सुबह एक व्यक्ति 13 साल की किशोरी को गर्भपात कराने के लिए राजकीय महिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा जिस पर चिकित्सकों ने मामला संदिग्ध लगा देखकर मामले की जानकारी चाही लेकिन वह व्यक्ति कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका जिसपर चिकित्सकों ने कोतवाली पुलिस को मामले की जानकारी दी पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल महिला दरोगा लक्ष्मी मनराल कर्मियों के साथ मौके पर पहुंची लेकिन तब तक वह व्यक्ति किशोरी को छोड़कर भाग निकला। पुलिस ने पीड़िता से मामले की जानकारी ली, पीड़िता ने बताया कि उसकी पिता का देहांत हो चुका है मां ने दूसरी शादी प्रकाश पुत्र अमर सिंह निवासी फरीदाबाद हरियाणा से की है जो कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत हरिद्वार मे ठहरे हैं।

पीड़िता ने बताया कि उसका सौतेला बाप उसके साथ डरा धमका कर गलत काम करता था जिससे पेट में दर्द होने कारण अस्पताल लेकर आया था चिकित्सकों से जानकारी लेने पर पता चला कि पीड़िता किशोरी ढाई माह से गर्भवती है पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी सौतेले बाप के खिलाफ पोस्को सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर कर एक सूचना पर पुलिस ने आरोपी को रोड़ीवैला वाला मैदान स्थित आनंद वन समाधि के पास से गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने आरोपी का मेडिकल कराने के बाद न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया।

संक्रमण की चपेट में आए कुल लोग 2,77,29,247

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। देश में एक दिन में कोविड-19 के 1,73,790 मामले सामने आए जो पिछले 45 दिनों में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण की चपेट में अब तक आए कुल लोगों की संख्या 2,77,29,247 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक रोजाना की संक्रमण दर घटकर 8.36 प्रतिशत पर आ गई है और लगातार पांच दिनों से 10 प्रतिशत से कम दर्ज की जा रही है जबकि संक्रमण की साप्ताहिक दर 9.84 प्रतिशत दर्ज की गई।
मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 3,617 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या 3,22,512 पर पहुंच गई है। मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को कोविड-19 के लिए 20,80,048 जांच की गई जिसके बाद देश में अब तक 34,11,19,909 नमूनों की जांच की जा चुकी है। देश में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी घटकर 22,28,714 पर आ गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 8.04 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 90.80 प्रतिशत हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,51,78, 011 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार पहुंच गए थे। वहीं, 28 सितंबर को 6 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गए थे। भारत ने चार मई को दो करोड़ संक्रमितों का गंभीर आंकड़ा पार किया था।

पांच मंजिला इमारत का हिस्सा गिरने से 7 की मौत

कविता गर्ग   

ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर कस्बे में इमारत का एक हिस्सा ढहने से सात लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देगी। मरने वालों में एक किशोर और तीन महिलाएं शामिल हैं।

नेहरू चौक में स्थित पांच मंजिला इमारत ‘साई शक्ति’ का एक हिस्सा शुक्रवार देर रात ढह गया। देर रात अधिकारियों ने जानकारी दी कि घटना में छह लोगों की मौत हो गई है और चार या पांच लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया,”मलबे से एक और शव बरामद होने से घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। इस दुर्घटना में तीन महिलाएं, तीन पुरुष और एक किशोर की मौत हो गई।”उन्होंने बताया मारे गए लोग दो परिवार से थे। यह इमारत 26वर्ष पुरानी है और इसमें 29 फ्लैट हैं। कदम ने बताया,” रात नौ बजे पांच फ्लैटों के लिविंग रूम वाला हिस्सा भरभरा कर गिर गया। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय आपदा मोचन बल और ठाणे आपदा मोचल बल के कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया।”

अधिकारी ने बताया कि सातवां शव बरामद होने के बाद शुक्रवार रात 12.46 बजे तलाश अभियान बंद कर दिया गया। मृतकों की शिनाख्त पुनीत बाजोमल पंजवानी (17), दिनेश बाजोमल पंजवानी (40), दीपक बाजोमल पंजवानी (42), मोहिनी बाजोमल पंजवानी (65), कृष्ण इंदुचंद बजाज (24),अमृता इंदुचंद बजाज (54) और लवली बजाज (20) के तौर पर हुई है। शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा,” राज्य सरकारे मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपए अनुग्रह राशि के तौर पर देगी।” उन्होंने कहा कि हाल के दिनों ने इस क्षेत्र में यह दूसरी ऐसी घटना है।

मंत्री ने कहा,” 1994-95 में स्थानीय निकाय ने कुछ अनधिकृत इमारतों के हिस्से, पिलर और रॉड गिरा कर इमारतों को गिरा दिया था। लेकिन ऐसा पाया गया है कि कुछ निर्माणकर्ताओं ने लोहे की छड़ों को ठीक करके और कुछ मरम्मत कार्य करके इमारत को नया रंग रूप दे दिया था और वे इमारतें अब गिर रही हैं और मासूम लोगों की जान ले रही हैं।” उन्होंने उल्हासनगर नगर निगम के आयुक्त राजा दयानिधि को ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

सरकार की लापरवाही के कारण संकट खड़ा हुआ

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार की ‘लापरवाही’ को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को कहा कि अगर केंद्र ने पहली एवं दूसरी लहर के बीच मिले समय में योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की होती तो इस संकट को टाला जा सकता था।सरकार से प्रश्न पूछने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह सवाल किया कि केंद्र ने महामारी वाले साल 2020 में ऑक्सीजन का निर्यात 700 प्रतिशत तक क्यों बढ़ा दिया? उन्होंने यह भी पूछा कि मोदी सरकार ने अपने ही विशेषाधिकार प्राप्त समूह की ऑक्सीजन संकट की सलाह को दरकिनार क्यों किया ?
प्रियंका ने कहा कि महामारी की मार के पहले तक ऑक्सीजन को प्राथमिक रूप से औद्योगिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता था, इसलिए भारत के पास ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले विशेष रूप से बनाये गए क्रायोजेनिक टैंकरों की संख्या 1200- 600 थी। कोरोना की पहली लहर एवं दूसरी लहर के बीच मोदी सरकार ने इन टैंकरों की संख्या बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया।

उन्होंने दावा किया कि भारत ऑक्सीजन का सबसे बड़ा ऑक्सीजन उत्पादक देश है, लेकिन केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते कोरोना की दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन संकट खड़ा हुआ और लोगों की जानें गईं। केंद्र सरकार ने 150 ऑक्सीजन संयंत्र चालू करने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन उनमें से ज्यादातर संयंत्र अभी भी चालू नहीं हो सके हैं।

प्रियंका ने यह आरोप भी लगाया कि इस संकट काल में भी मोदी सरकार ने लोगों की जेब काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संसद की स्वास्थ्य मामलों की स्थाई समिति ने सरकार को पहले ही सुझाया था कि केंद्र सरकार को ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम नियंत्रित करने के प्रयास करने होंगे, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत पिछले साल 4000 रू थी वहीँ एक साल में बढ़कर 7000 रू हो गई।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल दौरान केंद्र सरकार ने कोरोना पर विजय घोषित की, संसद के अंदर मंत्रियों ने इस विजय के लिए प्रधानमंत्री का स्तुतिगान भी किया। देश के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों से चेतावनी के बावजूद केंद्र ने दूसरी लहर के खतरे को अनदेखा किया।

शहीद मेजर की पत्नी को सेना में शामिल किया

अकांशु उपाध्याय  

जम्मू। पुलवामा में शहीद हुए अपने पति मेजर विभूति शंकर धौंदियाल के पदचिह्नों पर चलते हुए निकिता कौल शनिवार को सेना में शामिल हो गयीं। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने तमिलनाडु के चेन्नई में अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में उनके कंधों पर स्टार लगाए।

रक्षा मंत्रालय, उधमपुर के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस समारोह का एक संक्षिप्त वीडियो साझा किया है। पीआरओ उधमपुर ने ट्वीट किया, ”पुलवामा में प्राण न्योछावर करने वाले मेजर विभूति शंकर धौंदियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि देते हुए आज उनकी पत्नी निकिता कौल ने सेना की वर्दी पहन ली। यह उनके लिए गर्व का मौका होगा क्योंकि सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट वाई के जोशी ने उनके कंधे पर स्टार लगाए।”

मेजर धौंदियाल जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे और राष्ट्र के लिए उनके बलिदान को लेकर उन्हें शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने सेना और शहीद सैन्यकर्मी की पत्नी की सराहना की है।

स्वप्निल पांडे ने लिखा ”आपको पता है यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि सैनिक ना भी रहे लेकिन सेना उनके परिवारों को कभी अकेलापन का अहसास नहीं होने देती है। बहादुर अधिकारी से शादी करने वाली और अब खुद वर्दी पहनने वाली वीर नारी का साथ देना सेना के मूल्यों और इसके आचार संहिता को प्रदर्शित करता है।” कुछ और लोगों ने भी कौल की सराहना करते हुए लिखा, ”दिवंगत अधिकारी को यह सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि है।”

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-287 (साल-02)
2. रविवार, मई 30, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:53, सूर्यास्त 07:09।
5. न्‍यूनतम तापमान -18 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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