शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

यमुना की छाती में जख्म कर रही पॉकलेन

यमुना की छाती में जख्म कर रही पॉकलेन 
अंकित गोस्वामी
गाजियाबाद। यमुना के दोनों भाई यम और शनि लाचार है। वहीं पिता सूर्य देव प्रदूषण के घने आवरण में यमुना की इस दुर्दशा का समाधान करने में विवश है। सही मायने में यह रामराज्य ही है। परंतु यह कौन सा राम है? इसका विश्लेषण करने की सख्त जरूरत है। गौरतलब हो कि लोनी विधानसभा क्षेत्र में यमुना नदी में बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी है। जाहिर-सी बात है कि मानक अनुरूप खनन किसी भी रूप में संभव नहीं है। अवैध खनन की जानकारी प्रशासनिक अमले के पास भी है। लेकिन गाढ़ी कमाई के चलते कोई कुछ नहीं करता है। इस में कथित पत्रकारों की भूमिका भी विशेष अहमियत रखती है। थोड़ा-सा अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है। लोनी क्षेत्र में होने वाले अवैध खनन का ठीकरा पत्रकारिता के काले कारनामों के सिर ही फूटने वाला है। पुख्ता सबूतों के आधार पर आपको जानकारी देने की जरूरत है कि क्षेत्र में एक कथित पत्रकार अवैध खनन करने वालों से इस बाबत अवैध वसूली कर रहा है कि पत्रकार इस अवैध खनन के कार्यक्रम पर ना कुछ लिखेंगे ना कुछ बोलेंगे। क्षेत्र के सभी पत्रकारों के नाम पर अवैध उगाही की जा रही है। ऐसा नहीं है कि सभी 'दूध के धुले है' कुछ पत्रकार इस प्रकरण में संलिप्त भी हैं। हालांकि सभी को पत्रकारिता से परिभाषित करना न्यायसंगत नहीं होगा। प्रकरण की तह तक पहुंचने में अब अधिक समय नहीं लगेगा। आप लोगों के सामने जल्द ही 'दूध का दूध और पानी का पानी' करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था और निरंकुश शासन के चेहरे से भी नकली नकाब हटा कर सभी के वास्तविक चेहरों से आपको रूबरू कराएगा, आपका 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस'।

मॉडलिंग के नाम पर महिलाओं के पोर्न वीडियो

कैलिफोर्निया। महिलाओं के साथ हमेशा ज्यादती होती ही है। चाहे वो भारत हो या फिर विदेश ,कभी काम के नाम पर महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश या फिर किसी खास बजह को लेकर ब्लैक मेल करके उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना और उसके बाद उनका वीडियो बनाकर पोर्न साईट पर अपलोड कर देना एक आम बात सी हो गयी है। बताना लाजमी है कि अश्लील सामग्री मुहैया करानेवाली वेबसाइट मुश्किल में फंस गई है।

कैलिफोर्निया में 40 महिलाओं ने उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। महिलाओं ने उनकी अश्लील वीडियो से मुनाफा कमाने और पूरी सहमति के बिना पब्लिश करने का आरोप लगाया है। बताना लाजमी है कि गर्ल्स डू के खिलाफ आरोप है कि लड़कियों को मॉडलिंग के विज्ञापन का झांसा देकर शोषण करती थी। बाद में उन्हें बताया जाता कि विज्ञापन दरअसल वीडियो के लिए है।

उन्हें प्रलोभन देने के साथ पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया जाता था। इसके अलावा, उनसे कहा जाता था कि उनके वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा। महिलाओं का कहना है कि वीडियो बनाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य उत्तरी अमेरिका में इंटरनेट पर दिखाने का था। पीड़ित महिलाओं में से कुछ ने शारीरिक प्रताड़ना और हिंसा का आरोप लगाया है। एक ने अपने साथ रेप होने की बात कही है। 

बतादें कि पीड़ित महिलाओं ने कहा कि सामग्री मुहैया करानेवाली एक साझेदार कंपनी के वीडियो से पोर्न हब ने मुनाफा कमाया। हालांकि, ये वास्तव में सेक्स ट्रैफिकिंग का ऑपरेशन चला रही थी। गौरतलब है कि पीड़ित सभी महिलाएं 'गर्ल्स डू ' शिकार बनी थीं। 2019 में गर्ल्स डू को अदालती आदेश के बाद एफबीआई ने बंद करा दिया था। उसके मालिक सेक्स के लिए महिलाओं पर दबाव डालने और वीडियो ऑनलाइन शेयर करने के सिलसिले में झूठ बोलने के दोषी पाए गए थे।

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि हब और उसकी मूल कंपनी 'माइंड गीक' को मालूम था कि गर्ल्स डू का मामला क्या था मगर उसके बावजूद उन्होंने साझेदारी बनाए रखी। मुकदमा दायर करनेवाली महिलाओं ने हर्जाने के तौर पर प्रति दस लाख डॉलर रकम देने की मांग की है। महिलाओं ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने 2016 के बाद कई बार हब और माइंड गीक से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अदालती दस्तावेज से पता चलता है कि 2019 से लेकर और 2016 के आखिर में निश्चित रूप से माइंड गीक को गर्ल्स डू की कारगुजारियों का पता था। गर्ल्स डू कैसे महिलाओं के साथ धोखाधड़ी, जबरदस्ती, डरा धमका कर उनके साथ ट्रैफिकिंग करवा रहा था और जानकारी के बावजूद माइंड गीक ने उससे किनारा नहीं किया। दस्तावेज के मुताबिक, कंपनी अपना मुनाफा खत्म होने तक बिल्कुल लापरवाह बनी रही। महिलाओं का कहना है कि सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप के बावजूद वीडियो वेबसाइट पर कुछ दिनों पहले तक अपलोड थी। 

अंगूठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी मुखाग्नि

5 फुट ऊंची बनाई गई अंगीठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी जाएगी मुखाग्नि
राणा ओबरॉय   
करनाल।  किसान आंदोलन के समर्थन में सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मारने वाले संत राम सिंह का अंतिम संस्कार थोड़ी देर में होगा। इससे पहले बीते दिन पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल समेत 10 हजार से ज्यादा लोगों ने संत राम सिंह के अंतिम दर्शन किए। अब उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव सिंघड़ा में 5 फीट ऊंचे अंगीठा सहिब बनाये गए है। देश-दुनिया के हजारों लोग इकट्‌ठा हो रहे हैं।
बीते रोज भी करीब 10 हजार लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। आज यानी कि शुक्रवार को सुबह ग्‍यारह बजे से उनके अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया शुरू हुई । अंतिम संस्‍कार आज इससे दो दिन पहले ही करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमार्टम हुआ था।  बता दिया जाए कि, रामसिंह ने बीते बुधवार की शाम उस वक्‍त खुद को गोली मार ली, जब वह सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ आंदोलनरत थे। 
65 वर्षीय संत राम सिंह करनाल जिले के गांव सिंघड़ा के रहने वाले थे। गांव में ही उनका डेरा भी है। वह खुद कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके थे। वहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवचन करने के लिए जाते थे। उनके हरियाणा-पंजाब के अलावा दुनियाभर में लाखों अनुयायी हैं। पिछले कई दिन से वह सोनीपत के सिंघु बॉर्डर चल रहे धरने में शामिल थे। वहां बुधवार को दोपहर बाद राम सिंह ने खुद को गोली मार ली थी।
एक शिष्य के मुताबिक इस खौफनाक कदम के उठाने से पहले उन्‍होंने कहा था। मैं किसानों की मौजूदा हालत से काफी दुखी हूं। सरकार के कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। मैं इस पीड़ा में ही जान दे रहा हूं। इसके कुछ ही देर बाद उनकी पार्थिव देह बरामद की गई। सूचना के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। रात 11 बजे करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। गुरुवार को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादी भी संत राम सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे वहीं इसके बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार से पहले भी अनुयायियों का आना लगातार जारी है।
करीब 2 दशक से राम सिंह के शिष्य गुलाब सिंह ने इस पूरी घटना को लेकर बात की। गुलाब सिंह के मुताबिक, 8-9 दिसंबर को ही बाबा राम सिंह ने करनाल में एक समागम किया, जिसमें किसान आंदोलन के लिए अरदास रखी गई। उन्होंने खुद भी आंदोलन में मदद के लिए पांच लाख रुपए गर्म कंबलों की सेवा दी। संत राम सिंह ने अपनी डायरी में किसान आंदोलन को लेकर दुख व्यक्त किया था। और कहा था कि अब उनसे ये देखा नहीं जा रहा है। इसके बाद वह आंदोलन वाली जगह आए। उन्होंने अपने साथ आए लोगों से स्टेज के पास जाने को कहा और खुद गाड़ी के पास चले गए। वहां अपने अंतिम नोट में लिखा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोग नौकरी घर छोड़कर आ रहे हैं। ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित करता हूं।

कंगना के साथ आई उद्धव सरकार, सब हैरान

इस मामले में कंगना रनौत के साथ आई उद्धव सरकार, सब हुए हैरान
कविता गर्ग  
मुंबई।  कंगना रनौत को महाराष्ट्र की उद्धव सरकार स्पोर्ट कर रही है। ये सुनकर कोई भी हैरान हो जायेगा। क्योंकि कंगना के मुखर स्वभाव के कारण अगर इस समय कंगना का कोई सबसे बड़ा दुश्मन है। तो वो है। उद्धव सरकार, और ऐसे में अगर वही कंगना को स्पोर्ट करते दिखे तो किसी को भी हैरानी होगी ही।
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत के ट्विटर अकाउंट को स्थाई रूप से निलंबित किए जाने की मांग वाली याचिका का विरोध किया।  सरकारी वकील वाई पी याग्निक ने कहा कि याचिकाकर्ता अली काशिफ खान देशमुख द्वारा की गयी मांगें अस्पष्ट हैं। और याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। 
स्थानीय वकील काशिफ खान देशमुख ने अपनी आपराधिक रिट याचिका में कहा कि ट्विटर के माध्यम से देश में नफरत फैलाने से रोकने के लिए रानौत के अकाउंट को स्थाई रूप से निलंबित या बंद करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि ट्विटर जैसे मंच के दुरुपयोग को रोकने के लिए देश के दिशा-निर्देशों और कानूनों का पालन करने का भी निर्देश दिया जाना चाहिए। 
वकील ने रानौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के कई विवादास्पद ट्वीट का हवाला दिया जिनसे उन्होंने कथित तौर पर समुदायों और राज्य तंत्र के खिलाफ घृणा भड़काने की कोशिश की थी।  न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की खंडपीठ के समक्ष बहस करते हुए देशमुख ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों पुलिस और महाराष्ट्र के अधिकारियों को पत्र लिखकर कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। 
देशमुख ने कहा कंगना रनौत के खिलाफ कई एफआईआर लंबित है। पहले भी उन्होंने अपने फायदे के लिए अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का दुरुपयोग किया है। और वह अब किसानों आंदोलन के साथ भी ऐसा कर रही हैं। लेकिन जजों ने पूछा कि क्या यह याचिका जनहित याचिका (पीआईएल) है। 
देशमुख द्वारा इनकार करने पर उन्होंने कहा कि फिर हम किसी तीसरे पक्ष द्वारा किए गए दावों के आधार पर आपराधिक मामले में कैसे कार्रवाई कर सकते हैं। जो किसी भी तरह से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है। क्या यह जनहित याचिका है। यदि नहीं तो आपको व्यक्तिगत क्षति दिखानी होगी कि यह आपको कैसे प्रभावित कर रहा है। 

आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत

किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत
रोहतक। कृषि कानून को लेकर चल रहे आंदोलन में लगातार किसान भाई अपनी जान गवा रहे है। गौरतलब है। कि ऐसी कड़कड़ाती ठंड में किसानो के लिए रोड पर रहे पाना थोड़ा मुश्किल है। उसके बाबजूद भी किसान भाई अपनी हक़ की लड़ाई लड़ रहे है। बताना लाजमी है। कि जो किसान शहीद हुए है। उनके परिवार वालों पर क्या गुजर रही होगी। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। बतादें कि बहादुरगढ़ किसानों के हित में संघर्षरत एक और किसान ने वीरवार को बलिदान दे दिया। भटिंडा के नथाना ब्लॉक निवासी जय सिंह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था। वीरवार सुबह जब वह नहीं उठा तो साथी किसानों ने चिकित्सक को बुलाया।
मृत घोषित होने पर जय सिंह के शव को शहर के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया गया। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान 27 नवंबर को टीकरी बार्डर पर आ डटे थे। इसके अगले ही दिन 28 नवंबर को यहां बाईपास पर कार में जलने से सहायक मैकेनिक जनकराज की मौत हो गई थी। जबकि 29 नवंबर की रात को तबीयत बिगड़ने से गज्जन सिंह की जान चली गई। 
फिर बीमार होने से गुरजंट, मेवा सिंह और लखबीर की जान चली गई। पांच दिसंबर को भी एक किसान की मौत हुई थी। लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। वीरवार 10 दिसंबर की रात को सीने में दर्द उठने के बाद आढ़ती के मुनीम कृष्ण लाल की मौत हो गई। वीरवार सुबह करीब 37 वर्षीय जय सिंह पुत्र कुलदीप निवासी भटिंडा पंजाब की हृदयघात से मौत हो गई।
उसके 14, 12 और 10 साल के तीन बच्चे हैं। इसके अलावा जींद निवासी 38 वर्षीय देवेंद्र सिंह को भी वीरवार का धरना समाप्त होने से पहले श्रद्धांजलि दी गई। दरअसल, देवेंद्र 7 दिन तक टीकरी बॉर्डर पर किसानों के साथ रहा और फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण 11 दिसंबर को घर चला गया। लेकिन पीजीआईएमएस रोहतक में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वीरवार को कनाडा से टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे बलविंद्र सिंह ने किसानों को समर्थन देते हुए बताया कि वे अब तक किसान आंदोलन के दौरान असमय मृत्यु का शिकार हुए 11 किसानों के परिवार को 50 हजार की आर्थिक सहायता दे चुके हैं।
सरकार किसानों को कमजोर समझने की भूल ना करे और उनकी मांगें मानते हुए काले कानूनों को रद करे। आपको पता होगा कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चूका है। जिसको लेकर किसानो को उम्मीद है। कि उनको न्याय के मंदिर से न्याय जरूर मिलेगा। 

मंत्री-डीएम ने औचक निरीक्षण कर सुनी समस्याएं

मंत्री और डीएम ने औचक निरीक्षण कर सुनी समस्याएं- कराया निदान 
भानुप्रताप उपाध्याय   
मुजफ्फरनगर। प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने काशीराम आवासीय काॅलोनियों का औचक निरीक्षण कर जनसमस्याएं सुनी और अधिकारियों को निस्तारण करने के निर्देश दिये। शुक्रवार को प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. दिन निकलते ही बुढ़ाना रोड़ खांजापुर स्थित काशीराम आवासीय काॅलोनी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री कपिलदेव अग्रवाल व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. को सरकारी अमले के साथ आया देख काॅलोनीवासी हक्का-बक्का रह गये। इस दौरान काॅलोनी निवासियों ने अपनी बिजली पानी और सफाई आदि की समस्याएं मंत्री कपिल देव अग्रवाल व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. को बताई। जिनके निराकरण का आश्वासन देते हुए उन्होंने अधीनस्थों को निस्तारण के निर्देश दिए। काॅलोनीवासियों ने उनके सामने टूटी-फूटी सड़कों के साथ गंदे पानी की निकासी का मामला भी रखा।
इसके बाद मंत्री कपिलदेव अग्रवाल व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. शहर के सरकुलर रोड़ स्थित काशीराम आावासीय काॅलोनी पहुंचे और वहां रह रहे लोगों की समस्याएं सुनी। काॅलोनीवासियों ने रास्ते और बिजली, पानी के साथ सड़क आदि की समस्याएं उनके सामने रखी। जिनमें से कुछ समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर दिया गया जबकि बाकी बची शिकायतें अधिकारियों को सौंपते हुए उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये।

अजय बनाएंगे साउथ फिल्म का हिंदी रीमेक

अजय बनाएंगे इस साउथ फिल्म का हिन्दी रीमेक, करण और अभय आएंगे नजर 
कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन, अभय देओल और सनी देओल के बेटे करण देओल को लेकर फिल्म बना सकते हैं। बॉलीवुड में चर्चा है। कि अजय देवगन ने तेलुगू क्राइम कॉमेडी फिल्म 'ब्रोचेवारेवरुरा के राइट्स खरीद लिए हैं। फिलहाल यह फिल्म स्क्रिप्टिंग स्टेज में है। इस फिल्म में वह अभय देओल और सनी देओल के बेटे करण देओल को कास्ट करना चाहते हैं। अजय देवगन ने इस हिन्दी रीमेक फिल्म को वेल्ले नाम दिया है। फिल्म का निर्देशन देवेन मुंजाल कर सकते हैं।
बताया जा रहा है। कि अजय को इस फिल्म की कहानी इतनी पसंद आई थी। कि उन्होंने तुरंत इसके राइट्स खरीदने का फैसला कर लिया। वह इस कहानी को पूरे देश के सामने पेश करना चाहते हैं। गौरतलब है। कि वर्ष 2019 में प्रदर्शित 'ब्रोचेवारेवरुरा में तीन दोस्तों आर3 बैचा रॉकी, रैंबो और राहुल की कहानी दिखाई गई है। जो हर साल परीक्षा में फेल हो जाते हैं। लेकिन एक दिन इनके साथ कुछ ऐसा होता है। जिसकी वजह से ये तीनों बड़ी मुसीबत में फंस जाते है। फिल्म को दक्षिण भारत में काफी पसंद किया गया था।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...