शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

टिहरी झील पर 300 करोड़ का झूला पुल बना

300 करोड़ का झूला पुल बनकर तैयार


प्रवेश राणा


देहरादून। उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील पर देश का सबसे बड़ा डोबरा-चांठी मोटरेबल झूला पुल बनकर तैयार हो गया है और बहुत जल्द ही इसका उद्घाटन भी होने वाला है। आपको बता दें कि 300 करोड़ की लागत से बना ये डोबरा चांठी पुल बनकर तैयार हो चुका है। हालांकि पुल पर अभी भी टेस्टिंग चल रही है। डोबरा-चांठी पुल प्रदेश का सबसे लम्बा सस्पेंशन पुल है, जिसकी कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं। इस पुल का निर्माण कार्य साल 2006 में शुरू हुआ था, जो अब बनकर तैयार हुआ है।                


भारत में कहां और क्यों मिलता है सस्ता सोना





नई दिल्ली। क्या आप जानते हों? भारत के कौन-कौन से शहरों में सस्ता सोना मिलता हैं और क्यों? अगर नहीं तो आपको बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में उत्तर भारत के मुकाबले काफी सस्ते दामों पर सोना खरीदा जा सकता है। अगर आप दुबई घूमने जा रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। यहां दुनिया में सबसे सस्ता सोना मिलता है और सोने की क्वालिटी भी काफी अच्छी होती है। दुबई स्थित डियरा सिटी सेंटर में दुनिया भर से लोग सोना खरीदने पहुंचते है। यहां दुनिया का सबसे सस्ता सोना मिलता है। भारत सहित कई देशों की तुलना में यहां सोने की कीमत 15 फीसदी तक कम है।आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के सभी शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमत अलग-अलग रहती है। इसीलिए आज हम आपको उन शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सबसे सस्ता सोना मिल रहा है।         






जमीन से घास खाने के लिए जिराफ का संघर्ष

नई दिल्ली। जिराफ की गर्दन कितनी लंबी होती है ये तो सभी जानते ही हैं। लंबी गर्दन की मदद से वह बड़े से बड़े शाखाओं तक पहुंच सकते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जिराफ जमीन से घास कैसे खाते हैं? सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जहां दिखाया गया है कि जमीन से घास खाने के लिए जिराफ किस तरह संघर्ष कर रहा है। ये देखने में इतना प्यारा है कि आपके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी। वीडियो को ट्विटर यूजर ‘डैनीडच’ ने ऑनलाइन शेयर किया था और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर वायरल हुआ। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि जिराफ घास कैसे खा सकता है, लेकिन यह राजसी है।’ छोटी क्लिप में एक जिराफ अपने सामने के दो पैरों को अलग करता है और घास तक पहुंचने के लिए अपनी गर्दन को अजीब तरह से मोड़ता है। घास खाने के बाद वो फिर खड़ा होता है और फिर वैसा ही करता है। यह दिखने में काफी फनी लग रहा है।               


अधिकारों को लेकर एससी का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले का उद्देश्य बहू का ससुराल में अधिकार सुनिश्चित करना है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि ‘बहू को आश्रित ससुराल में रहने का अधिकार है। बहू को पति या परिवार के सदस्यों द्वारा साझा घर से निकाला नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर यह घर ससुराल वालों द्वारा किराए पर लिया गया है या उनका हो और पति का इस पर कोई अधिकार नहीं है तो भी बहू को बाहर नहीं किया जा सकता।               


त्रिवेंद्र सरकार से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हल्द्वानी बस अड्डे के निर्माण मामले में त्रिवेंद्र सरकार फंसी, नैनीताल हाईकोर्ट ने मांगा जवाब।


देहरादून। उत्तराखंड के हल्द्वानी में अंतरराज्यीय बस अड्डा के निर्माण के मामले में राज्य सरकार बुरी तरह फंस गई है। उच्च न्यायालय की ओर से प्रदेश सरकार को अंतिम मौका देते हुए बस अड्डे को गौलापार से अन्यत्र स्थानांतरित करने के मामले में जवाब देने को कहा है। अदालत ने सरकार से पूछा है। कि वह तीन सप्ताह के अंदर बताए की गौलापार से बस अड्डा स्थानांतरित करने के लिए कौन से कारण मौजूद हैं।
हल्द्वानी के गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से शुक्रवार को दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र पैठाणी की युगल पीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार ने बिना उचित कारण के गौलापार में बनाए जाने वाले अंतरराज्यीय बस अड्डे को हल्द्वानी के तीन पानी क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय ले लिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया सरकार अभी तक गौलापार में बनाए जाने वाले बस अड्डे पर 11 कराड़ रुपये खर्च कर चुकी है जबकि इसके लिए लगभग 2625 पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया किस वर्ष 2009-10 में प्रदेश सरकार की ओर से नए बस अड्डे के निर्माण के लिए हल्द्वानी में सर्वे काम शुरू किया गया। सर्वे टीम में वन विभाग, परिवहन विभाग एवं राजस्व के कर्मचारी शामिल थे। सर्वे टीम ने पाया कि गौलापार के रौखड़ क्षेत्र में मौजूद वन विभाग की आठ हेक्टेयर भूमि नए बस अड्डे के निर्माण के लिए उचित है। टीम ने यह भी पाया इस भूमि पर किसी प्रकार की अड़चन नहीं है। इसके बाद केंद्रीय वन मंत्रालय से अनुमति मांगी गई। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 2015 में केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश सरकार को कुछ शर्तों के साथ इस भूमि पर गैर वानिकी गतिविधि की अनुमति दे दी गई। साथ ही राज्य सरकार की ओर से 84 लाख रुपए इस भूमि पर मौजूद पेड़ों की कीमत के रूप में जमा किए गए तथा इतनी भूमि पर अलग से पौधारोपण किया गया। यही नहीं सात करोड़ 60 लाख रुपए का भुगतान बस अड्डे के निर्माण के लिए एक कंपनी को कर दिए गए। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया अभी तक कुल 11 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके बावजूद 19 नवंबर 2018 को राज्य सरकार की ओर से बिना उचित कारण बताए इस भूमि पर बस अड्डे का निर्माण रोक दिया गया और अन्यत्र निर्माण का फैसला ले लिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।               


हेडफोन के अंदर घुसी मकड़ी, कान गुदगुदाया

हेडफोन के अंदर थी बड़ी मकड़ी, महिला के कान में लगाते ही अचानक हुआ ये।


सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में एक महिला प्लंबर ने हेडफ़ोन के उपयोग के दौरान अपने कानों में गुदगुदी महसूस की जिसके बाद जब उसने हेडफोन को कान से हटाकर देखा तो दंग रह गयी। दरअसल हेडफोन की नरम पैडिंग के अंदर एक बड़ी मकड़ी मौजूद थी। अब हेडफोन में मकड़ी का यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। ओली थर्स्ट अपने हेडफ़ोन में गुदगुदी के कारण काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी। जिसके बाद उन्होंने हटा कर देखा। जब उसने उपकरण को हिलाकर मकड़ी से छुटकारा पाने की कोशिश की, तो वह हिल नहीं पायी और अंदर ही रह गई। साझा किए गए वीडियो में ओली कहती हैं। मैं अपने कान में गुदगुदी महसूस कर रही थी। वो मकड़ी बाहर आना चाहती थी। वीडियो तेजी से वायरल हुआ और फेसबुक यूजर्स ने इसपर हजारों कमेंट किए. कुछ लोगों ने कहा कि मकड़ियां मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं हैं। एक यूजर ने टिप्पणी की यह बुरा नहीं है। अच्छाई यह है। कि आपके कान को मकड़ी गुदगुदी कर रही थी। वो आप से अधिक डरी हुई होगी। एक यूजर ने लिखा एक छोटी सी चीज़ को शायद एक भयानक छेद मिला।             


सरकार ने खरीद के पुराने रिकॉर्ड तोड़ेः मोदी

किसानों ने उत्पादन और सरकार ने खरीद के पुराने रिकॉर्ड तोड़ेः मोदी


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के कारण जहां पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है। वहीं भारत के किसानों ने इस बार पिछले साल के प्रोडक्शन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। क्या आप जानते हैं। कि सरकार ने गेहूं, धान और दालें सभी प्रकार के खाद्यान्न की खरीद के अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की 75 वीं वर्षगांठ पर स्मारक सिक्का जारी करते हुए भारत में खेती-किसानी की बेहतरी की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम एमएसपी के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। एमएसपी और सरकारी खरीद, देश की फूड सिक्योरिटी का अहम हिस्सा हैं। इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है। भारत में अनाज की बबार्दी हमेशा से बहुत बड़ी समस्या रही है। अब जब एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में संशोधन किया गया है । इससे स्थितियां बदलेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पौष्टिक तत्वों से भरपूर फसलों को बढ़ावा देने से जुड़ी सरकार की कोशिशों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कुपोषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहा है। अब देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसमें पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा होते हैं। इससे दो तरह के लाभ होंगे। एक तो पौष्टिक आहार प्रोत्साहित होंगे, उनकी उपलब्धता और बढ़ेगी। और दूसरा- जो छोटे किसान होते हैं। जिनके पास कम जमीन होती है। उन्हें बहुत लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में पोषण अभियान को ताकत देने वाला एक और अहम कदम उठाया गया है। आज गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। आज भारत में निरंतर ऐसे रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं। जो ग्लोबल फूड सिक्योरिटी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। खेती और किसान को सशक्त करने से लेकर भारत के सार्वजनिक वितरण प्रणाली तक में एक के बाद एक सुधार किए जा रहे हैं।             


170 मामलों की सूची जारी, कानून बनाने की मांग

विहिप ने लव जेहाद के 170 मामलों की जारी की सूची सरकार से कानून बनाने की मांग।


नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने लव जिहाद की शिकार लड़कियों की आत्महत्या, हत्या और दुर्दशा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से कठोर कानून बनाने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद ने लव जेहाद के 170 मामलों की सूची भी जारी की है।
विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि लव जेहाद की घटनाओं की झड़ी सी लग गई है। लखनऊ में एक पीड़ित महिला का आत्मदाह करना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा शव मिलना हो, पिछले 8-10 दिन से बड़ी संख्या में ये घटनाएं सामने आ रही हैं। जो किसी पत्थर दिल व्यक्ति का दिल दहलाने के लिए भी पर्याप्त हैं।
केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है। गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से जबरन या धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता। यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का भोंडा तरीका ही नहीं, अपितु आतंकवाद का एक प्रकार भी है।
विहिप नेता ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लव जिहाद नाम दिया था। विश्व हिंदू परिषद ने पिछले आठ से दस वर्षों में संज्ञान में आईं 170 घटनाओं की सूची बनाई है। डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार बन जाती हैं। जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों का न केवल जबरन धर्मांतरण होता है। बल्कि नारकीय जिंदगी जीने पर मजबूर किया जाता है। वेश्यावृत्ति करवाने और उन्हें बेच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुषों व मित्रों के साथ जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती ही रहती हैं। जब इन अमानवीय यातनाओं की अति हो जाती है। तो ये लड़कियां आत्महत्या के लिए विवश हो जाती हैं। परंतु पुलिस में शिकायत करने का अवसर बहुत कम लड़कियों को मिल पाता है। एक न्यायालय ने तो अपनी टिप्पणी में पूछा भी था। कि लव जेहाद की शिकार लड़कियां गायब क्यों हो जाती है।
विहिप ने कहा कि अब विश्व के कई देश इससे त्रस्त होकर आवाज उठाने लगे हैं। म्यांमार की घटनाओं के मूल में भी लव जिहाद ही है। श्रीलंका में 10 दिन की आंतरिक एमरजेंसी लगाकर वहां के समाज के आक्रोश को शांत करना पड़ा था। लव जिहाद की फंडिंग के समाचार सामने आ रहे हैं।
पीएफआई, सिमी आईएसआई जैसी संस्थाएं इनके पीछे हैं। इसीलिए कहीं भी मामला बढ़ने पर बड़े वकील तुरंत इनकी पैरवी के लिए खड़े हो जाते हैं। जिनको लाखों-करोड़ों रुपए फीस के रूप में दिए जाते हैं। केरल की हादिया का उच्चतम न्यायालय में एक बड़े वकील द्वारा बड़ी फीस लेने का उदाहरण सबके सामने है।           


ट्रंप और बाइडन ने अलग-अलग सभाएं की

ट्रंप, बाइडन ने डायरेक्ट डिबेट के बजाय अलग-अलग सभाएं की।


वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन में दूसरी बहस करने को लेकर सहमति नहीं बनी और बहस के बजाय दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए दो अलग-अलग टाउन हॉल कार्यक्रमों में भाग लिया। दोनों कार्यक्रम गुरुवार रात को हुए।
जहां फिलाडेल्फिया में एबीसी न्यूज द्वारा बाइडन के टाउन हॉल की मेजबानी की गई थी। वहीं एनबीसी न्यूज द्वारा मियामी में ट्रंप के 60 मिनट के अपीयरेंस के साथ टाउनहॉल में मेजबानी की गई। 3 नवंबर के चुनाव दिवस से पहले केवल 19 दिन शेष रहने के बीच ट्रंप को अपनी कोविड-19 प्रतिक्रिया और चुनावी दौड़ पर कठिन सवालों का सामना करना पड़ा, जबकि बाइडन को अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले विवादास्पद अपराध बिल के लिए समर्थन देने को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा। बाइडन जहां इत्मीनान के साथ जवाब देते दिखाई दिए वहीं ट्रंप का सवालों से जूझते और बचाव करने का चिरपरिचित अंजाद देखने को मिला। दोनों कार्यक्रमों में विदेश नीति पर बात बमुश्किल ही हुई। गौरतलब है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडन के बीच 15 अक्टूबर को दूसरी बहस होने वाली थी लेकिन ट्रंप ने वर्चुअल रूप से बहस में भाग लेने से मना कर दिया जिसकी वजह से ऐसा नहीं हो सका। हालांकि, बाइडन वर्चुअल रूप से बहस करने को लेकर राजी थे। ट्रंप की घंटे भर के इवेंट में दिलचस्प का क्षण तब था। जब उन्होंने स्पष्ट रूप से श्वेत वर्चस्ववादियों की निंदा की जो उन्होंने अपनी बहस में स्पष्ट रूप से नहीं किया था। उन्होंने फिर बाइडन को चुनौती दी कि वह एंटी-फासिस्ट मूवमेंट की निंदा करें, जो हाल के महीनों में पुलिस की बर्बरता और नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और लूटपाट के पीछे है। जो डेमोक्रेट द्वारा समर्थित है। 22 अक्टूबर को ट्रंप और बाइडन के बीच तीसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट निर्धारित है। 3 नवंबर चुनाव दिवस से पहले केवल 19 दिन शेष होने के साथ लगभग 1.6 करोड़ अमेरिकियों ने पहले ही शुरुआती मतदान में अपने मतपत्र डाल दिए हैं।             


अक्षय के साथ काम को लेकर उत्साहित हूँ

अक्षय कुमार के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूंः मानुषी छिल्लर


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। पूर्व ब्यूटी क्वीन मानुषी छिल्लर बॉलीवुड में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है। कि वह सुपरस्टार अक्षय कुमार के साथ फिल्म के सेट पर आने के लिए उत्साहित हैं। मानुषी आगामी ऐतिहासिक फिल्म पृथ्वीराज में अक्षय के साथ बॉलीवुड की शुरुआत कर रही हैं। उन्होंने कहा मैं पृथ्वीराज के सेट पर वापस आने के लिए रोमांचित हूं क्योंकि मैंने इस लाइफ को बुरी तरह से मिस किया है। मैं हर दिन शूटिंग के लिए तैयार हूं क्योंकि मैं बहुत कुछ सीख रही हूं और मुझे यह पसंद आ रहा है। मैं अक्षय सर के साथ सेट पर होने के लिए उत्साहित थी। क्योंकि मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। और बहुत कुछ सीखना बाकी है।
मानुषी ने खुलासा किया कि अक्षय ने उन्हें काम के लिए बहुत प्रोत्साहित किया और वह इसके लिए आभारी हैं। उन्होंने कहा मैं टीम के साथ काम करने के लिए खुद को भाग्यशाली मानती हूं और हर कोई का सहयोग मिला है। जब आप डेब्यू करते हैं। तो यह कठिन होता है। और आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। अक्षय सर सहित हर कोई बहुत सहयोगी और उत्साह बढ़ाने वाला है। पृथ्वीराज चौहान के जीवन और वीरता पर आधारित फिल्म है। कोरोनावायरस महामारी का देश में प्रकोप फैलने से पहले फिल्म ने अपने फिल्मांकन का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर लिया था। फिल्म का निर्देशन डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी कर रहे हैं। जिन्होंने टेलीविजन महाकाव्य चाणक्य और पीरियड ड्रामा पिंजर बनाया था।              


बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने की मांग

अनिश्चितकालीन धरना 16 दिनों से है। जारी बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने की मांग।


राहुल चौबे
सुकमा। जिला मुख्यालय में ऑल इंडिया स्टूडेन्टस् फेडरेशन।ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन विगत 29 सितम्बर से नागरिक आपूर्ति निगम विभाग में लेखापाल पद पर कार्यरत तुलाराम नाग को बिना किसी कारण व सूचना के नौकरी से हटा दिए। इसके विरोध में तुलाराम नाग को पुन। नियुक्त करने स्थानीय बेरोजगारों रोजगार दिया जाने की की मांग को लेकर विगत 16 दिनों से धरने में बैठे हैं। इसके समर्थन में कोन्टा ब्लाक के महिला फेडरेशन पहुंचकर तुलाराम नाग को पुन। नियुक्ति करने की मांग की। महिला फेडरेशन ने कहा मांग व धरना के साथ है। और साथ रहेंगे हम सब अपने हक अधिकार कि लड़ाई तेज करने की बात कही है। इस दौरान अखिल भारतीय महिला फेडरेशन के ब्लाक उपाध्यक्ष ललिता सरियम सचिव ओयाम गंगोत्री, कोषाध्यक्ष लीना ओयाम अनिश्चित कालीन धरना की समर्थन में बैठे रहे। इस दौरान एआईएसएफ।एआईवायएफ के कार्यकर्ता उपस्थित थे।            


हटकेः युवक की जेब में फटा 'मोबाइल फोन'

दिल दहला देने वाला मामलाः युवक की जेब में फटा मोबाइल फोन, गुप्तांग में आई चोट लोगों ने ऐसे बचाई जान।


नरेश राघानी


राजस्थान। राज्य से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। भरतपुर जिले में एक 18 साल के युवक की जेब में पड़ा मोबाइल फोन अचानक फट गया। बताया जा रहा है। कि फोन की बैटरी इतनी गर्म हो गई थी। कि मोबाइल फट गया। मोबाइल के फटने से युवक के कपड़ों में आग लग गई, जिसको मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह मिट्टी डाल कर बुझाया और गंभीर हालत में घायल हुए युवक को आनन-फानन में अस्पताल भर्ती कराया गया जहां अब उसकी हालत स्थिर बतायी जा रही है। क्यों फट जाता है। मोबाइल आपने पहले भी फोट के फटने की घटनाओं के बारे में जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते और समझते है। कि ये कितना जानलेवा साबित हो सकता है। फोन की बैटरी लिमिट से ज्यादा अगर गर्म हो जाती है। तो अकसर ऐसी घटनाएं सामने आती है। फोन के इस्तेमाल पर सभी को नजर रखनी चाहिए। आपके मोबाइल के अधिक इस्तेमाल करने से मोबाइल की बैटरी गर्म हो जाती है। जिससे फटने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको लगे कि आपका फोन गर्म हो गया है। तो मोबाइल को कुछ समय के लिए खुद से दूर रख दें। जब तक वो नॉर्मल स्थिति में नहीं आ जाता। आपका गर्म मोबाइल हाथ में रखना, कान पर लगा कर बात करना, कहीं ऐसी जगह रखना जहां आसपास लोग मौजूद हो ये जानलेवा साबित हो सकता है।             


यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...