शुक्रवार, 1 मई 2020

अहमः 17 मई तक बढ़ा 'लॉक डाउन'

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ गृह मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि इस दौरान हवाई सफर, ट्रेन, इंटर स्टेट बस सर्विस, स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। देश में 40 दिनों का लॉकडाउन 3 मई को पूरा हो रहा था। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है। हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में शर्तों के साथ कुछ छूट भी दी जाएगी। लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग के नियम पहले की तरह जारी रहेंगे। 


गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश को काफी लाभ हुआ है। लॉकडाउन को 4 मई से अगले 2 सप्ताह तक बढ़ाने की घोषणा की जाती है। रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है। ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट भी दी गई है। देशभर में कोरोना का कहर जारी है और बीते 24 घंटे में कोरोना के 1755 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और 77 मौतें हुई हैं। कोरोना वायरस के कारण देशभर में अब तक 1152 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 से अब भी 35,365 लोग संक्रमित हैं जबकि 9065 लोग स्वस्थ हो गए और एक मरीज देश छोड़कर चला गया।
राज्यों ने भी दी थी लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन पर चर्चा की थी। इस दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन अभी जारी रखा जाए। हालांकि, कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को शर्तों और सावधानियों के साथ चालू करने पर जोर दिया था। 24 मार्च से शुरू हुआ था लॉकडाउनः पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद 14 अप्रैल से इसे 17 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था। यह तीसरे फेज में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन की घोषणा से पहले पीएम मोदी की अपील पर देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया था।


ब्रिटेनः चरम पर पहुंचा कोरोना वायरस

बीमारी के चरम को पार कर चुका है ब्रिटेन: जॉनसन


लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उनका देश बीमारी के चरम को पार कर चुका है। अब संक्रमण ढलान पर है। सरकार का कामकाज संभालने के बाद पहली बार प्रेस से मुखातिब हुए जॉनसन ने कहा, अगले सप्ताह वह लॉकडाउन से बाहर निकलने की चरणबद्ध योजना देशवासियों के सामने पेश करेंगे। प्रतिबंधों से छूट में फेस मास्क महती भूमिका निभाएगा। यूरोप में इटली के बाद सबसे अधिक मौतें ब्रिटेन में हुई हैं। महामारी से निपटने के अपने प्रयासों का बचाव करते हुए जॉनसन ने कहा, मृतकों की संख्या बहुत ज्यादा हो सकती थी। हमें नेशनल हेल्थ सर्विस को सामूहिक तौर पर धन्यवाद देना चाहिए, जिसने इस बड़ी आपदा को अपने प्रयासों से टाल दिया।


ऑस्ट्रेलिया में छूट पर 8 मई को निर्णय

ऑस्ट्रेलिया में प्रतिबंधों से छूट पर निर्णय आठ मई को


सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के चलते लगाए गए प्रतिबंध खत्म करने पर आस्ट्रेलियाई सरकार आठ मई को विचार-विमर्श करेगी ऑस्ट्रेलिया सरकार। प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने शुक्रवार को कैबिनेट के साथियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने के 15 मानदंडों में से 11 को देश पूरा करता है। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय आठ मई को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने देशवासियों से कांटैक्ट ट्रेसिंग एप डाउनलोड करने का भी आग्रह किया। इसे अभी तक 35 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। स्त्री को सरकार ने कहा कि जो लॉकडाउन का उल्लंघन करेगा उसे सजा अवश्य मिलेगी।


जापानः मरने वालों का आंकड़ा 5300

टोक्‍यो। जापान में रविवार को कोरोना वायरस के 72 नए मामले सामने आए हैं। 1 अप्रैल के बाद कोरोना रागियों की सबसे कम तादाद है। इसके साथ जापान में कोरोना के कुल रोगियों की तादाद 13,231 के पार पहुंच गई है। जापान की राजधानी टोक्‍यो में कोरोना रागियों की संख्‍या 3,900 से अधिक हैं। कोरोना से मरने वालों आंकड़ा 5300 के पार पहुंच गया है। जापान की सरकार ने लोगों को घर के अंदर रहने को कहा है। जापान में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने आपातस्थिति की घोषणा कर दी है। साथ ही अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से निपटने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर (76 लाख करोड़ रुपये) के प्रोत्साहन पैकेज का एलान किया। जापान में इस समय 3,650 कोरोना मरीज हैं, जो तमाम देशों की तुलना में बहुत कम हैं। जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है।


प्रधानमंत्री एबी के अनुसार आपातस्थिति राजधानी टोक्यो समेत देश के कुछ इलाकों में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर किया गया। जापान में कुछ हफ्ते पहले करीब दो हजार मरीज सामने आए थे, लेकिन इसके बाद उनकी संख्या में बढ़ोतरी कम हो गई और माना गया कि देश में महामारी नियंत्रित हो गई है। कुछ दिन पहले उसने फिर से सिर उठा लिया। नियंत्रण के कुछ उपाय लागू किए गए, लेकिन जब वे कारगर साबित नहीं हुए तो अब राष्ट्रीय आपातस्थिति घोषित कर सरकार ने ज्यादा सख्ती का फैसला किया है। इस स्थिति में लॉकडाउन कर लोगों को घर पर रखा जा सकेगा, कारोबार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे जा सकेंगे और यातायात को नियंत्रित किया जाएगा। इस दौरान भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी और निजी इमारतों को भी चिकित्सकीय कार्यो के लिए लिया जा सकेगा। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर अर्थदंड भी लगाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, यह व्यवस्था फिलहाल एक महीने के लिए लागू की गई है। इसमें हम सभी देशवासियों का सहयोग चाहते हैं। एबी ने स्पष्ट किया कि देश में आपातस्थिति लगाई गई है और कुछ पाबंदियां भी लगाई जाएंगी, लेकिन वे वैसी नहीं होंगी जैसी अन्य देशों में लगाई गई हैं जिनसे जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है।


1 महीने तक बढ़ सकता है, आपातकाल

जापान में एक महीने और बढ़ सकता है आपातकाल


टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री एबी शिंजो ने शुक्रवार को कहा कि वह आपातकाल एक महीने तक और बढ़ा सकते हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि विशेषज्ञों ने संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट नहीं आने तक प्रतिबंधों को लागू रखने की सलाह दी है। यहां देश जापान राजधानी टोक्यो में आपातकाल बढ़ाने पर अंतिम निर्णय चार मई को लिया जाएगा।


जापान में संक्रमण के 14 हजार मामले हैं और 436 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले राजधानी टोक्यो में 4,000 लोग संक्रमित हैं।


लोगों के बाहर निकलने पर 'विचार-विमर्श'

स्पेन में लोगों के बाहर निकलने के समय पर विचार-विमर्श शुरू


मेड्रिड। स्पेन में किस-किस समय पर लोग बाहर निकल सकेंगे, सरकार ने इसकी योजना बनानी शुरू कर दी है। योजना बनाते समय दूसरे दौर का संक्रमण नहीं फैले, इस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा था कि दो मई से वयस्क लोगों को एक्सरसाइज और बाल कटाने सहित कुछ अन्य जरूरी सेवाओं के लिए छूट दी जाएगी। देश में गुरुवार को 268 लोगों की मौत हुई। 20 मार्च के बाद यहां स्पेन राजधानी  मेड्रिड में यह पहली बार है जब एक दिन में इतने कम लोगों की मौत हुई है।


फ्रांसः 1 माह के बाद सबसे कम मौतें

पेरिस। फ्रांस में करीब एक माह के बाद गुरुवार को कोरोना वायरस से सबसे कम 289 मौतें हुईं। हालांकि बीते रविवार को 242 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन उस आंकड़े में नर्सिग होम में जान गंवाने वालों की संख्या शामिल नहीं थी। यहां देश फ्रांस राजधानी पेरिस में अब तक महामारी से दम तोड़ने वालों की संख्या 24,637 हो गई है। वहीं आइसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 4207 से घटकर 4019 हो गई है। यह लगातार 22 वां दिन था जब आइसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या गिरावट दर्ज की गई है। देश में संक्रमण के 1138 नए मामलों का पता चला है जिसके साथ संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख 30 हजार के करीब हो गई है।


मृतक संख्या-1152, संक्रमित-35,310

नई दिल्ली। घातक कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। देश में कोविड-19 वायरस के अब तक कुल लगभग 35,365 मामले आ चुके हैं। इस बीमारी से 9065 लोग ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह जानलेवा बीमारी देश में अब तक 1152 लोगों की जान ले चुकी है। अबतक कहां कितने मामले सामने आए हैं।


मंत्रालय का कहना है कि एक पखवाड़े पहले की तुलना में अब कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या 13.1 फीसदी से बढ़कर 25.2 फीसदी हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर पुरुषः केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1,075 लोगों की इस बीमारी के कारण मौत हुई है जबकि 8,372 लोग इससे उबर चुके हैं। इस तरह कुल मृत्यु दर 3.2 फीसदी है। मरने वालों में 65 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं हैं। मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार शाम 5 बजे तक देश में कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या 33,610 थी जिनमें से 24,162 पुष्ट मामले थे। बुजुर्गों में कम संक्रमणः कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में 45 से 60 साल के लोगों की अच्छी खासी संख्या है जबकि 14 फीसदी की उम्र 45 साल से कम है। कुल मौतों में 75 फीसदी से अधिक उम्र के लोगों की संख्या महज 9.2 फीसदी है। माना जा रहा है कि बुजुर्गों के लिए यह बीमारी बहुत खतरनाक है लेकिन इस आयु वर्ग के कम ही लोग इसका शिकार हुए हैं। बीमारी से उबर रहे हैं युवाः केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के पॉजिटिव मामलों का उम्रवार ब्योरा नहीं दिया है लेकिन 6 अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक युवाओं में इसके संक्रमण की दर अधिक थी। इसमें 21 से 40 वर्ष के लोगों की संख्या 42 फीसदी थी जबकि 32.8 फीसदी मरीज 41 से 60 की उम्र के थे। हालांकि युवाओं में मृत्यु दर कम है जो इस बात का संकेत है कि उनमें से अधिकांश बीमारी से उबर चुके हैं। 60 साल से अधिक उम्र और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इसके संक्रमण के ज्यादा खतरा है।


स्पेन में मृतकों की संख्या 24,824

मैड्रिड। स्पेन में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी से मौतों का सिलसिला थम नहीं ले रहा है और पिछले 24 घंटों के दौरान 281 लोगों की मौत के बाद देश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24,824 हो गयी है। देश में हालांकि प्रतिदिन हो रही मृतकों की संख्या में कमी आयी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार की जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या में कमी दर्ज की गयी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि देश में सक्रिय मामलों में कमी आ रही है और पिछले 24 घंटों में 1175 मामले सामने आये है जबकि इसी दौरान 2628 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल 75,700 सक्रिय मामले है। स्पेन में 14 मार्च से स्टेट ऑफ़ इमरजेंसी लागू है और यह नौ मई तक के लिए बढ़ा दी गयी है।प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने पिछले सप्ताह लॉकडाउन उपायों के चौथे चरण की घोषणा की थी। उन्होंने हालांकि देशवासियों को आगाह भी किया कि जून के अंत से पहले देश में स्थिति सामान्य नहीं हो सकेगी।


इटली में 27 हजार लोगों की मौत

रोम। कोरोना वायरस ने इटली में हाहाकार मचा रखा है और लॉकडाउन के कारण लोगों का बुरा हाल है लेकिन ऐसे हालात में भी वहां के कुख्यात माफिया को लोगों पर तरस नहीं आ रहा है। माफिया इस स्थिति का फायदा उठा रहा है और लोगों को लूटकर पैसा बना रहा है। इटली में एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है जिसमें दिखा रहा है कि एक कुख्यात माफिया ने एक पोस्ट ऑफिस का गेट ब्लॉक कर रखा है और वह पैसे ऐंठने के बाद ही लोगों को अंदर जाने दे रहा है।


स्थानीय मीडिया के मुताबिक माफिया गिरोह कोरोना महामारी का फायदा उठाकर गरीबों को लूट रहे हैं। बीमारी के कारण देश में अफरातफरी का माहौल है जिससे संगठित अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। इटली उन देशों में शामिल है जहां कोरोनावायरस ने सबसे अधिक कहर बरपाया है। देश में कोरोनावायरस के 2 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है और 27 हजार लोग मारे गए हैं। सत्ता के लिए मददः एक अन्य वीडियो में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार खाना खरीदने के लिए उनकी मदद नहीं कर रही है। इससे पहले खबर आई थी कि माफिया कोविड-19 लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है। संगठित अपराध के बारे में जानकारी रखने वाले सर्जियो नजारो ने कहा कि माफिया गिरोह केवल अपनी सत्ता कायम करने के लिए लोगों की मदद कर रहे हैं।


अमेरिकाः 24 घंटे में 2,000 से अधिक मौतें

वाशिंगटन। अमेरिका में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे की अवधि के भीतर कोरोना वायरस के कारण 2,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले अमेरिका में इस संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है। बृहस्पतिवार को देश में इस संक्रमण के कारण 2,053 लोगों की मौत हुई और उससे पहले बुधवार को 2,502 और मंगलवार को 2,207 लोगों ने इस संक्रमण के कारण जान गंवाई। बाल्टीमोर स्थित विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका में कोविड-19 से अब तक कम से कम 62,906 लोगों की मौत हो चुकी है।


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