सोमवार, 20 अप्रैल 2020

1,760 नाविको में 1,046 संक्रमित

पेरिस। फ्रांस के सैन्य नेतृत्व से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि देश के प्रमुख विमानवाहक पोत पर सवार आधे से अधिक नाविक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। यह जहाज भूमध्य सागर, उत्तर सागर और अटलांटिक महासागर से गुजरा है।

नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 'चार्ल्स डे गॉल' पर सवार 1,760 नाविकों में से 1,046 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। फ्रांस के नौसेना प्रमुख एडमिरल क्रिस्टोफ प्राजुक ने पोत पर अधिक संख्या में नाविकों की मौजूदगी को इस इस वायरस के तेजी से फैलने का कारण बताया है।
उन्होंने शनिवार शाम यूरोप-1 रेडियो कहा कि वायरस से बचाव के उपायों का ठीक से पालन नहीं किया गया जिस कारण हम इस महामारी की शुरुआत में ही पता लगाकर उसे नियंत्रित नहीं कर पाए। पिछले सप्ताह टूलॉन लौटने के बाद से पोत को संक्रमणमुक्त करने की एक लंबी प्रक्रिया चलाई जा रही है।


फ्रांसः पानी मे भी वायरस, सप्लाई रोकी

नई दिल्ली/ पेरिस। डॉक्टर और वैज्ञानिक बार-बार आगाह कर रहे हैं कि नोवल कोरोना वायरस के बारे में अभी सबकुछ पता नहीं चल सका है। वैज्ञानिकों का सारा ध्यान तो इलाज करने, इलाज के लिए दवा खोजने और संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन की तलाश में लगा हुआ है। लेकिन, इस बीच कोरोना वायरस के बारे में लगभग रोजाना कोई न कोई नई बात सामने आ जाती है। पहले वैज्ञानिकों ने बताया कि यह जानलेवा वायरस घंटों तक हवा में भी जिंदा रह सकता है और इसलिए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। लेकिन, अब जो जानकारी सामने आई है, वह तो और भी हिला देने वाली है। फ्रांस में इस वायरस को पानी के अंदर भी मौजूद पाया गया है। हालांकि, अभी पानी के जिस सैंपल में यह वायरस पाया गया, वह पीने का पानी नहीं था, लेकिन सवाल उठता है कि अगर किसी एक जगह कोरोना वायरस पानी में अपनी पैठ बना सकता है तो क्या वह दूसरी जगह भी पानी को संक्रमित नहीं कर सकता?


जर्मन ने चीन को भेजा 149 यूरो का बिल

अकाशुं उपाध्याय 


नई दिल्ली/बर्लिन। कोरोना वायरस महामारी स्वास्थ्य संकट के साथ ही अब वैश्विक गतिरोध की वजह बनता जा रहा है। दुनिया के तमाम देश वायरस के पीछे चीन की साजिश बता रहे हैं। अमेरिका ने खुलेआम धमकी तक दे डाली है और अब जर्मनी ने तो चीन से भारी-भरकम हर्जाना भी मांग लिया है। यानी कोरोना के जनक माने जाने वाले चीन के पीछे दुनिया पड़ गई है।
अमेरिका के अलावा कई यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी भी चीन को ही कोरोना वायरस फैलने के लिये जिम्मेदार मान रहा है। जर्मनी में अब तक करीब डेढ़ लाख कोरोना केस आ चुके हैं और यहां 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना प्रभावित देशों में अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस के बाद जर्मनी पांचवें नंबर पर है। यानी जर्मनी में भी कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। इस तबाही से गुस्साए जर्मनी ने चीन से हिसाब चुकता करने के लिये कहा है।


इटली में मौत के आंकड़ों में आई कमी

रोम। इटली में नोवेल कोरोना वायरस से रोज मरने वालों की आधिकारिक संख्या रविवार को 433 तक घट गई। यह एक सप्ताह में रोज होने वाली मौतों का सबसे छोटा आंकड़ा है। फरवरी में इटली में कोरोना वायरस संकट की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से सिविल प्रोटेक्शन सर्विसेज द्वारा दर्ज की गई मौतों की कुल संख्या 23,660 है। कोविड-19 से मौतों की यह संख्या अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
 
इटली में रविवार का हुई मौतों का आंकड़ा एक महीने में दूसरा सबसे छोटा आंकड़ा है। नए वायरस संक्रमण 3047 हुए जो कि संक्रमण में वृद्धि का सिर्फ 1.7 प्रतिशत है। वायरस संक्रमण दर को इटली सरकार करीब से देख रही है। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि मार्च मध्य से पहले लगाए गए लॉकडाउन से देश को कैसे बाहर निकाला जाए। वर्तमान में जारी प्रतिबंध 4 मई को हटाए जाने का कोशिशें की जा रही हैं। सरकार यह निर्धारित करने की कोशिश कर रही है कि कौन-कौन से व्यवसायों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है। और लोगों को घरों से बाहर जाने दिया जा सकता है या नहीं।


राष्ट्रपति भवन के 20 कर्मचारी संक्रमित

अफगानिस्तान में कोरोना के 933 पॉजिटिव केसअफगानिस्तान में ईरान से लौटे हैं 2 लाख लोग


काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में काम करने वाले 20 कर्मचारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की खबर है।समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह जानकारी दी है. अधिकारी ने खबर की पुष्टि इसलिए नहीं की क्योंकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है।


अभी यह साफ नहीं है कि इन स्टाफ के संपर्क में राष्ट्रपति अशरफ गनी आए हैं या नहीं। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने कोई जांच कराई है या नहीं। अफगानी राष्ट्रपति भवन ने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशरफ गनी फिलहाल सेल्फ आइसोलेशन में हैं।हालांकि हर दिन वे कुछ सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं। बता दें, गनी की उम्र 70 साल है और वे पूर्व में कैंसर का इलाज करा कर ठीक हो चुके हैं। लिहाजा वे कोरोना के अति जोखिम वाली श्रेणी में हैं।


हिमाचल को 400 करोड़ की चपत लगी

जगत सिंह


शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के चलते लगाए गए लाकडाउन से सरकार को 400 करोड़ रुपये की चपत लग गई है।


उन्होंने बताया कि लाकडाउन के कारण प्रदेश को राजस्व से मिलने वाले 450 करोड़ में से यह राशि 40-50करोड़ तक ही सिमट गई है शिमला में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमो की विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होंने कहा कि अन्य राज्यो की तुलना में हमारे प्रदेश में कोरोना की स्तिथि संतोषजनक है कोरोना के चलते समय समय पर सरकार ने महत्वपूर्ण फैसले लिए है मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में कहीं भी कोई व्यक्ति राशन से वंचित न रहे इसके के लिए प्रतिदिन प्रातः 10 बजे मॉनिटरिंग करते है


उत्तराखंड में आवागमन पर मिलेगी छूट

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को जनपद की परिस्थिति के अनुकूल आम आदमी की समस्याओं के समाधान में मानवीय व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की व्यावहारिकता देखें। ऐसे प्रकरण अंतर्जनपदीय भी हो सकते हैं। विवाह के लिए केन्द्र सरकार के सामाजिक दूरी व अन्य निर्देशों का अनुपालन करते हुए अनुमति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी आदि वजह से लॉक डाउन में फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। यही नहीं जिन लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखे हुए 14 दिन पूरे हो गए हैं उन्हें 15 वें दिन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यथा स्थान भेजने की व्यवस्था कर दी जाए।


सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के दृष्टिगत इससे संबंधित बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा एवं भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में व्यापक चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिए कि काश्तकारों के व्यापक हित में आम व लींची के सीजन के दृष्टिगत इसे क्रय करने हेतु आने वाले ठेकेदारों को भी आवश्यक चिकित्सा सुरक्षा जांच के बाद आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गर्मी व सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉक डाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जनपदों में इसका भी ध्यान रखें।


मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की भी अपेक्षा की। इस धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जारी किए जा रहे हैं उनका पालन गंभीरता के साथ सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप कृषि व खेती से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालन की व्यवस्था की जाए। माइग्रेट लेबरों के हित में उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता के दृष्टिगत उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि माइग्रेट कैम्पों में नियमित रूप से हेल्थ चेकिंग व उनके मनोबल को बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएं।


उन्होंने कहा कि आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को कतिपय जनपदों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किए जाने की बात भी सामने आ रही है, ऐसे ड्राइवरों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें जाने दिया जाए। उन्होंने वितरित की जा रही सामग्री की एकाउंटिंग पर भी ध्यान देने को कहा।मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड-19 के दृष्टिगत वन विभाग के जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई है उन्हें वनाग्नि के बचाव आदि कार्यों के दृष्टिगत कार्यमुक्त कर दें, इनके स्थान पर पीआरडी स्वयं सेवकों की तैनाती की जाए । अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग, चारधाम सड़क परियोजना, कुंभ मेले से संबंधित कार्य, पुलों, नाबार्ड, लोनिवि, राज्य योजना व जिला योजना से संबंधित 75 प्रतिशत प्रगति वाले निर्माण कार्य किए जाने हैं, इसका परिचालन मानकों के अनुरूप किया जाना है। उन्होंने निर्माण कार्यों के मजदूरों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही इसका साप्ताहिक अनुश्रवण किए जाने तथा कार्य स्थल पर अथॉरिटी इंजीनियर, जे.ई. की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा, इसकी व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी इनकी रहेगी।


इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव खाद्य सुशील कुमार एवं पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने उनके स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारियों से चर्चा की। जिलाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।


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