रविवार, 5 अप्रैल 2020

ब्रिटेन में भी जारी किया 'लॉक डाउन'

लंदन। चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में दिख रही है और करोड़ों लोगों को अपने घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूरे ब्रिटेन में देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) के आदेश दिए हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया समेत कई इलाकों को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटेन में लॉकडाउन के पीछे एक ब्रिटिश शोध रिपोर्ट है, जिसने चौंकाने वाला अनुमान लगाया है।


कोरोना वायरस पर लंदन के इंपीरियल कॉलेज की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस पर अगर काबू नहीं पाया गया तो यह ऐसे ही तीव्र गति से फैलता रहा तो ब्रिटेन में करीब 5 लाख 10 लोगों की मौत हो सकती है। वहीं, अमेरिका के लिए भी इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के फैलने से 2.2 मिलिनय यानी 22 लाख लोगों की मौत हो सकती है। दरअसल, इस रिपोर्ट में एक तरह से चेतावनी दी गई है कि अगर समय रहते इस वायरस पर काबू नहीं पाया गया तो दोनों देशों में स्थित भयावह हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इस रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है कि अगर कुछ कदम नहीं उठाए गए तो अगले तीन महीनों में मरने वालों की संख्या चरम पर होगी और इससे करीब 81 फीसदी आबादी प्रभावित होगी। इंपीरियल कॉलेज ब्रिटेन की सरकार को पिछले महामारियों को लेकर भी सलाह दे चुकी है, जिनमें सार्स, एवियन फ्लू और स्वाइन फ्लू शामिल हैं। इंपीरियल की इस रिपोर्ट का नेतृत्व प्रोफेसर नील फर्गुसन ने किया है, जिनके साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और 50 वैज्ञानिकों की एक टीम है। प्रोफेसर फर्गुसन के मुताबिक, यह रिपोर्ट इटली में कोरोना वायरस से जुड़े ताजा आंकड़ों की तुलना के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची है। बता दें कि इटली में चीन से भी भयावह स्थिति है और कोरोना से मौत के मामले अब चीन से ज्यादा इटली में हो गए हैं। इटली में करीब 3500 लोगों की मौत हो चुकी है।प्रोफेसर फर्गुसन ने रिपोर्ट जारी होने के बाद कहा कि कोरोना वायरस से कैसे निपटा जाए और इसके प्रकोप को कैसे रोका जाए, इसे सोच कर ब्रिटेन पिछले कुछ सप्ताह से संघर्ष कर रही है। हमारे और टीम के अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन के अलावा सच में कोई विकल्प नहीं है। मगर चीन के नक्शेकदम पर चलकर इससे निपट सकते हैं। बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक करीब 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 2 लाख 65 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। ब्रिटेन में लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। ठीक उसी तरह अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य ने भी बड़ा कदम उठाते हुए लोगों से किसी भी हाल में अपने घर में ही रहने को कहा है। अमेरिका ने आर्थिक मोर्चे की दिक्कतों को दूर करने के लिए एक हजार अरब के आपातकालीन राहत पैकेज का वादा किया है।


जमीन पर हमले, संप्रभुता का हनन

तेहरान। अमेरिका ने ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के बाद कहा था कि अगर ईरान ने प्रतिक्रिया दी तो उसके 52 ठिकानों पर हमले किए जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने खुद ट्वीट कर ईरान को यह चेतावनी दी थी। अब जब ईरान बदले की कार्रवाई में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दाग चुका है तो उसे अमेरिकी प्रतिक्रिया की आशंका सताने लगी है। इसलिए वह ईरान के 52 ठिकानों को ध्वस्त करने की अमेरिकी चेतावनी के जवाब में 140 अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दे रहा है। उधर, इराक ने कहा कि ईरान ने मिसाइल हमलों की जानकारी पहले ही दे दी थी।


ट्रंप के 52 के जवाब में ईरान का 140ः याद रहे कि ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर ‘बहुत तेजी से और जोरदार हमला’ करेगा। अब कुद्स फोर्स का कहना है कि उसने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के 140 ठिकानों की निशानदेही कर ली है। उसका कहना है कि अगर अमेरिका ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरान को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो वह इन सभी ठिकानों को निशाना बनाएगा। ईरानी टेलिविजन के मुतााबिक, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के दफ्तर के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को जवाब देने के कई तरीकों में अभी मिसाइल हमले का सबसे ‘कमजोर’ तरीका चुना गया। ईरान इससे भी कड़ा और बड़ा कदम उठाने की क्षमता रखता है।
ईरान की धमकी पर इजरायल लालः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की ओर से हमले की कोशिशों पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘हम पर जो भी हमला करेगा, उसे मुहंतोड़ जवाब मिलेगा।’ दरअसल, ईरानी इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने मिसाइल हमलों की प्रतिक्रिया में ईरानी धरती पर हमले के जवाब में अमेरिका के सहयोगी देशों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसने कहा था कि अमेरिका ने भविष्य में ईरान की धरती पर बम बरसाया तो जवाब में संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) के दुबई और इजरायल के हाफिया जैसे शहरों को निशाना बनाया जाएगा। इजरायली पीएम ने ईरान की इसी धमकी पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।
अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा: खामेनई
ईरान का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 से मिले ‘आत्मरक्षा के अधिकार’ के तहत इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, उसका इरादा अमेरिका के साथ युद्ध लड़ने का नहीं है। ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि उनका देश किसी भी आक्रमण का मुकाबला करने को तैयार है। उधर, ईरान के रक्षा मंत्री आमिर हातमी ने सरकारी न्यूज चैनल से कहा, ‘हमने छोटी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया… उम्मीद है कि यह अमेरिका के लिए यादगार सबक साबित होगा।’ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने भी कहा कि ईरान ने इराक के अल-असद और इरबिल सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों के जरिए अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा लगाया है।
‘इराक से अमेरिका पर हमले का वक्त आ गया’
इधर, इराक ने कहा कि ईरान ने उसे पहले ही बता दिया था कि वह अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने जा रहा है। ईराक में अर्धसैनिक बल के प्रमुख कैस अल-खजाली ने कहा कि अब अमेरिका पर इराक को ईरान से भी जोरदार हमला होगा। ईराक के हसद अल-शाबी पार्ल्यामेंट्री नेटवर्क के टॉप कमांडर ने कहा कि बगदाद में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए किए गए अमेरिका ड्रोन हमले का जवाब देने का वक्त आ गया है। अमेरिकी हमले में हसद के डेप्युटी चीफ अबू मेहदी अल-मुहांदिस भी मारे गए थे।
युद्ध का इरादा नहीं: ईरानी विदेश मंत्री
हालांकि, इराक के प्रधानमंत्री ने व्यापक युद्ध छिड़ने के भयावह परिणाम का जिक्र करते हुए ईरान और अमेरिका, दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय समझौतों और इराक का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इराक अपनी संप्रभुता के हनन और अपनी जमीन पर हमलों का विरोध करता है।


 


तालिबान से कई ऐतिहासिक समझौते

तालिबान से ऐतिहासिक समझौता


दोहा/कतर। अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहाासिक शांति समझौते पर 29 फरवरी शनिवार को मुहर लग गई। इसके तहत तय हुआ है कि अमेरिका का लक्ष्य 14 महीने के अंदर अफगानिस्तान से सभी बलों को वापस बुला लेना है। यह समझौता कतर के दोहा में हुआ। इस कार्यक्रम का साक्षी बनने के लिए दुनियाभर के 30 देशों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया, इनमें भारत भी शामिल है। कतर में भारत के दूत पी कुमारन भारत की तरफ से दोहा में यूएसए-तालिबान शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। यह पहला मौका होगा, जब भारत, तालिबान से जुड़े किसी मामले में आधिकारिक तौर पर शामिल हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ समझौते पर हस्ताक्षर करने के गवाह बने।


श्रृंगला ने अशरफ गनी को पीएम मोदी का पत्र सौंपाः अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर से एक दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शुक्रवार को काबुल पहुंचे और शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए भारत का खुला समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से भेंट की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र सौंपा. श्रृंगला ने अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला, निर्वाचित उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब और कार्यकारी विदेश मंत्री हारून चखानसूरी से मुलाकात की तथा उन्हें अफगानिस्तान के सर्वांगीण विकास के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा कि अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, लोकतंत्र, बहुलवाद और उसकी समृद्धि एवं बाहरी प्रायोजित आतंकवाद के खात्मे में भारत उसके साथ खड़ा है। गनी के साथ श्रृंगला की बैठक के बारे में कुमार ने कहा कि अफगान राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में लोकतंत्र एवं संवैधानिक व्यवस्था के प्रति भारत के निरंतर सहयोग की सराहना की।कुमार ने कहा कि विदेश सचिव ने अफगानिस्तान के नेतृत्व के साथ वहां के विकास एवं शांति प्रयासों पर सार्थक चर्चा की. दोहा में शनिवार को अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं जिससे इस देश में तैनाती के करीब 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ होगाा। सम्मेलन का आयोजन रूस द्वारा किया गया था, जिसमें तालिबान का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, अफगानिस्तान, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन समेत समेत कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। शांति समझौते से पहले भारत ने अमेरिका को यह बता दिया है कि वह पाकिस्तान पर उसकी जमीन से चल रहे आतंकी नेटवर्कों को बंद करने के लिये दबाव डालता रहे यद्यपि अफगानिस्तान में शांति के लिये उसका सहयोग महत्वपूर्ण है। ऐतिहासिक समझौते से पहले नाटो प्रमुख पहुंचे अफगानिस्तान अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौते से पहले अधिकारियों से मिलने के लिए नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग शनिवार को अफगानिस्तान पहुंचे. नाटो ने एक बयान में बताया कि स्टोल्टनबर्ग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ शनिवार शाम काबुल मीडिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद होंगे। स्टोल्टनबर्ग देश में अमेरिका और नाटो बलों के प्रमुख जनरल स्कॉट मिलर से भी मुलाकात करेंगे। शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावनाः इस समझौते के तहत दोनों शत्रुओं के बीच चरमपंथ खत्म करने के बदले अफगानिस्तान से हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने पर सहमति बनी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान लोगों से नया भविष्य बुनने के मौके का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने हस्ताक्षर कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर कहा कि अगर तालिबान और अफगान सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर पाते हैं तो हम अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे और अपने सैनिकों को घर वापस ला पाएंगे। ट्रंप ने कहा कि वह संधि पर हस्ताक्षर के लिए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को भेज रहे हैं और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर काबुल सरकार के साथ अलग से घोषणा-पत्र जारी करेंगे। उम्मीद है कि इस समझौते से काबुल सरकार और तालिबान के बीच संवाद होगा और अगर यह बातचीत सार्थक रहती है तो अफगान युद्ध अंतत: समाप्त हो जाएगा।


खाई- 30 एमकेआई में तैनात किया

भारत ने रूस के साथ हवा से हवा में मार करने वाली R-27 मिसाइलों की खरीद के लिए 1,500 करोड़ रुपये का करार किया है। इन मिसाइलों को लड़ाकू विमान


मास्को। खाई-30 एमकेआई में तैनात किया जाएगा। एक सरकारी सूत्र ने बताया, ‘भारतीय वायुसेना में तैनात लड़ाकू विमान सुखोई-30MKI के लिए हवा से हवा में मार करने वाली R-27 मिसाइलों के लिए रूस से करार किया गया है।’आपको बता दें कि रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर अमेरिकी की आपत्तियों के बीच यह सौदा किया गया है। इससे सरकार ने साफ किया है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए किसी तरह के दबाव में आने वाला नहीं है। इन मिसाइलों के जरिए भारतीय वायुसेना के पास हवा में लंबी दूरी तक मार करने की ताकत आ जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर कहा था कि हम राष्ट्र की सुरक्षा के मसले पर किसी तरह के अभाव, प्रभाव और दबाव की स्थिति में आने वाले नहीं हैं।इन मिसाइलों को सरकार ने 10-I प्रॉजेक्ट के तहत लेने का फैसला लिया है। इसके तहत यह तय किया गया है कि तीनों सेनाओं के पास जरूरी साजोसामान उपलब्ध रहे। रूस ने इन मिसाइलों को अपने मिग और सुखोई सीरीज के लड़ाकू विमानों में तैनात करने के लिए तैयार किया है। इससे भारत के पास मध्यम से लंबी दूरी तक की रेंज में मार करने की क्षमता होगी।रक्षा मंत्रालय की ओर से आपातकालीन जरूरतों के लिए मंजूरी दिए जाने के बाद बीते 50 दिनों में भारतीय वायुसेना ने अब तक अपने साजोसामान के लिए 7,600 करोड़ रुपये तक की डील्स की हैं। इसी साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद से सरकार ने तीनों बलों को किसी भी साजोसामान की खरीद के लिए आपातकालीन शक्तियां दी हैं।


लॉक डाउन में गोली मारकर हत्या

प्रयागराज। लॉक डाउन के दौरान शहर के करेली इलाके के बक्शी मोढ़ा में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि बख्शी मोढ़ा में चाय की दुकान पर हुए विवाद में गोली मारी गई है। लॉक डाउन उनमें रोक के बावजूद खुली चाय की दुकान पर हत्याकांड से खलबली मच गई है। जानकारी के अनुसार दुकान पर मौजूद लोटन निषाद और मोहम्मद सोना के बीच कोरोनावायरस व तबलीगी जमात को लेकर हो रही बातचीत के बीच कहासुनी होने लगी। बात इस कदर बढ़ी कि मोहम्मद सोना ने लोटन निषाद को गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


हत्या की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपीः मोहम्मद सोना को गिरफ्तार कर जांच में जुटी हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार आसपास के लोगों ने मोहम्मद सोना को घेर कर पकड़ लिया फिर पुलिस को सौंपा दिया गया। पुलिस के अनुसार चाय की दुकान पर कुछ लोग खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे थे। इस दौरान लोटन निषाद ने जमात के लोगो के पकड़े जाने पर सवाल उठाये जिस पर मोहम्मद सोना ने जमात के समर्थन में गोली चला दी। जिससे लोटन निषाद की मौके पर मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस इस बात की भी तफ्तीश कर रही है कि लाक़ डाउन के दौरान मनाही के बावजूद भी चाय की दुकान कैसे खोली गई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सख्त है। उन्होंने मृतक परिवार को चार का मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही आरोपियों पर रासुका के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए है। लॉक डाउन के दौरान चाय की दुकान क्यों खोली गई और पुलिसकर्मियों ने कोई कार्यवाही नहीं की इसको लेकर कप्तान ने पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।


बृजेश केसरवानी


3 महिने स्कूल के बच्चों की फीस माफ

बृजेश केसरवानी 


प्रयागराज। पिछले कई दिनों से ये चर्चा फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर तमाम तरह की साइडों पर ये चर्चा हो रही थी कि कोरान वाइरस को देखते हुए स्कूल के बच्चों की फ़ीस माफ़ हो। आज प्रयागराज के जसरा स्थित स्कूल के निदेशक ने आगे बढ़कर इस महामारी को देखते हुए अपने स्कूल के 3 महीनों की यानि अप्रैल, मई और जून की फीस को माफ़ कर दिया है और स्कूल के बच्चों की स्वस्थ होने की कामना की पेश है।


स्पेनः 24 घंटे में 738 लोगों की मौत

मैड्रिड। कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले में स्पेन ने चीन को पीछे छोड़ दिया है और यहां अब तक कुल 3,434 लोगों की मौत हो गई है। स्पेन ने रातभर में 700 से अधिक लोगों के मौत की पुष्टि की है। बता दें कि चीन में कोरोना वायरस से अब तक करीब (चीन के द्वारा) 3,281 लोगों की मौत हो चुकी है।


स्पेन की सरकार के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 738 लोगों की मौत हुई है और यह आंकड़ा 3434 पहुंच गया है। स्पेन में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 47,610 है। स्पेन की राजधानी में ही अब तक 1,535 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अब तक 5,400 स्वास्थ्यकर्मी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। स्पेन में अस्पतालों को संक्रमण मुक्त करने लिए गए सैनिकों ने लोगों को गंदगी और उन संक्रमित शवों के बीच रहते पाया जिनके बारे में संदेह है कि उनकी मौत कोरोनो वायरस से हुई है। इस संबंध में न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्री मार्गरिटा रोबल्स ने बताया कि बुजुर्ग लोगों को ‘पूरी तरह सेखुद के हवाले छोड़ दिया गया या कुछ को अपने बिस्तरों पर मृत छोड़ दिया गया।’ उन्होंने कहा कि कई नर्सिंग होम मिले हैं और कई शव मिले हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं दी कि ये अस्पताल कहां हैं और कितने शव मिले हैं।गौरतलब है कि चीन में विदेशों से आए, कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के 47 नए मामले सामने आए हैं और इसी बीच इस घातक वैश्विक महामारी के केंद्र वुहान में नौ सप्ताह के लॉकडाउन (बंद) के बाद पहली बार बुधवार को शहर के भीतर बस सेवा शुरू की गई। चीन ने मध्य हुबेई प्रांत में पांच करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों पर तीन महीने से लागू बंद को हटाने का मंगलवार को फैसला किया। हालांकि हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में लंबे समय से जारी बंद आठ अप्रैल को समाप्त होगा।राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि हुबेई और वुहान में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया लेकिन शहर में चार लोगों की मौत होने से चीन में मृतक संख्या बढ़कर 3,281 हो गई। उसने बताया कि मंगलवार को विदेशों से आए लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने के 47 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही चीन में इस प्रकार के मामलों की संख्या बढ़कर 474 हो गई। चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इन मामलों मे अधिकतर लोग विदेशों से लौटे चीनी नागरिक हैं।


कोरोनाः इटली में 51 डॉक्टरों की ली जान

रोम। कोरोना वायरस महामारी का गढ़ बन चुके इटली में 51 डॉक्‍टरों की इस किलर वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ये सभी डॉक्‍टर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे और इसी दौरान संक्रमित हो गए। इस बीच इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्‍या 9,134 पहुंच गई है जो दुनिया में सबसे ज्‍यादा है।


सीएनएन की रिपोर्ट मुताबिक ये सभी 51 डॉक्‍टर कोरोना वायरस पॉ‍जिटिव पाए गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इटली के डॉक्‍टर के संघ के अध्‍यक्ष फिलिपो अनेल्‍ली ने हाल ही में इसी खतरे को देखते हुए डॉक्‍टरों के लिए और ज्‍यादा सुरक्षा उपकरण मांगे थे। अनेल्‍ली ने कहा, सबसे पहला काम डॉक्‍टरों और हेल्‍थ केयर वर्कर की सुरक्षा करना है ताकि वे कोरोना की चपेट में न आएं। इस बीच इटली को कोरोना वायरस की त्रासदी से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। पिछले हफ्ते एक-दो दिन मरने वालों की संख्या में कमी आने से माना जा रहा था कि शायद जल्द ही यह देश इस महामारी से उबर जाएगा।हालांकि, शुक्रवार को एक बार फिर भयानक रेकॉर्ड दर्ज करते हुए कोरोना ने इटली में 970 से ज्यादा लोगों की जान ले ली।


भारतीय युवा इंजीनियरों का गेम चेंज

वाशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी दुनिया के 200 से भी ज्यादा देशों में 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। यह वायरस दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर कहर बन कर टूटा है। ऐसे में वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों की टीमें दिन-रात लोगों को वायरस से बचाने के लिए मेहनत कर रही हैं।


इस संकट के बीच भारतीय इंजीनियरों के बनाए गए वेंटिलेटर का अब अमेरिका भी कायल हो गया है। दरअसल, अमेरिका इस समय कोरोना वायरस का गढ़ बन गया है। यहां दो लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। अमेरिकी सरकार से लेकर विशेषज्ञों तक ने एक लाख मौतों का अंदेशा जताया है। संकट की इस घड़ी में अमेरिका कम से कम सात लाख वेंटिलेटर्स की कमी का सामना कर रहा है। इन हालातों में मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के साथ भारतीय इंजीनियरों ने सस्ती कीमत वाला वेंटिलेटर का निर्माण किया है। इस वेंटिलेटर की कीमत 500 अमेरिकी डॉलर है जो कि भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 37,500 रुपये है। बता दें कि मौजूदा समय में अमेरिका में जो वेंटिलेटर्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनकी कीमत 22.50 लाख रुपये है। यानी जो नया वेंटिलेटर बनाया गया है वो मौजूदा वेंटिलेटर्स के मुकाबले 60 गुना सस्ता है। अमेरिका ने इस वेंटिलेटर को अंतिम परीक्षण के बाद अगले कुछ हफ्तों में कॉमर्शियल प्रोडक्शन के लिए कार और विमान बनाने वाली 11 अलग कंपनियों को बनाकर देने का आदेश दिया है। इस पूरे मामले पर अमेरिका के कार्यकारी सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के युवा इंजीनियरों की यह कोशिश गेमचेंजर साबित होगी। हमें विश्वास है कि यह प्रयोग सफल होगा और हम जल्द ही बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन शुरू कर देंगे।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 06, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-238 (साल-01)
2. सोमवार, अप्रैल 06, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


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शनिवार, 4 अप्रैल 2020

कोरोनाः रूस में भूकंप ने तबाही मचाई

मॉस्को। एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ रूस में भूकंप ने तबाही मचाई है। रूस के उत्तरी पेसिफिक आइलैंड में बुधवार 25 मार्च को भीषण भूकंप आया है। इसकी रिक्टर स्कैल पर तीव्रता 7.5 मापी गई है और इसके बाद रूस के पूर्व में स्थित कुर्ली आइलैंड में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है. साथ ही हवाई में भी अलर्ट जारी किया गया है।


अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह भूकंप जापान सुदूर उत्तर में स्थित कुर्ली चेन के सेवेरो के उत्तर-पूर्व में 219 किमी दूर इस भूकंप का केंद्र बताया गया है। यह सतह से 56 किमी गहराई में है। अब तक इस भूकंप की वजह से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन पेसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर के अनुसार 1000 किमी के दायरे में भयानक सुनामी का खतरा पैदा हो गया है। अलर्ट में कहा गया है कि इससे पहले भी भूकंप के केंद्र से कई किलोमीटर दूर तक सुनामी का असर देखा गया है। इसके अलावा अमेरिका के हवाई में भी सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही सुनामी वॉर्निंग सेंटर अलास्का और अमेरिका को भी होने वाले संभावित नुकसान का आंकलन कर रहा है। दूसरी तरफ जापान में भी अलर्ट जारी किया है और कहा गया है कि समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं हालांकि, सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।लेकिन लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


पाक में लॉक डाउन सख्ती से लागू

इस्लामाबाद। चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस ने पड़ोसी देस पाकिस्तान को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसे देखते हुए इमरान खान सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते मंगलवार को लाखों लोग घरों में रहे। सड़कों को सुनसान किया गया, सार्वजनिक परिवहन, कार्यालय, दुकानें, बाजार, पार्क, और अन्य सार्वजनिक स्थलों को सभी चार प्रांतों, उत्तरी गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र, और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में बंद रखा गया।


पाकिस्तान में कोरोनवायरस वायरस के मामलों की संख्या 900 तक पहुंच गई है, जबकि लगभग सात लोगों की मौत हो चुकी है।सोमवार को, सरकार ने लॉक डाउन के लिए देशभर में सेना के जवानों की तैनाती की, जो अगले दो सप्ताह तक चलेगी। सरकार ने मंगलवार आधी रात से 31 मार्च तक देश भर में रेलवे परिचालन को स्थगित करने की घोषणा की। इससे पहले ट्रेनों में सवार होने के लिए कराची, लाहौर और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लोग लंबी कतार में लगे दिखे, जिसके फुटेज जियो न्यूज पर दिखाए गए। जमात इस्लामी ने कोरोना रोगियों के लिए अपने मुख्य हेड क्वार्टर मंसूरा लाहौर को अलगाव केंद्र में परिवर्तित कर दिया।दूरदराज के कई इलाकों से लॉक डाउन का पालन नहीं करने की खबरें सामने आईं। पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं की अच्छी व्यवस्था नहीं है, लिहाजा सरकार लोगों से खुद ही घरों में रहकर सुरक्षित रहने की अपील कर रही है।राजधानी इस्लामाबाद, वाणिज्यिक राजधानी कराची, सांस्कृतिक केंद्र लाहौर और अन्य प्रमुख शहरों में सामान्य रूप से हलचल वाली सड़कों और सार्वजनिक स्थान पूरी तरह से खाली थे और सेना व पुलिस के जवानों ने सड़कों पर गश्त की।कई शहरों में बंद का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों सहित न्यायपालिका ने भी अपने कार्यों को सीमित कर दिया है, और केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। जेलों में COVID-19 के प्रकोप के खतरों को कम करने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत पर छोटे अपराधों में शामिल सैकड़ों कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया।यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब लाहौर जेल में कोरोनोवायरस मामले की पहली पुष्टि हुई। मामलों की बढ़ती संख्या के बावजूद, संक्रमित होने वाले अधिकांश लोग हल्के लक्षणों से पीड़ित होते हैं और ठीक हो जाते हैं।


स्पेनः 9053 की मौत, लाखों संक्रमित

कुल 9053 मरे, मरीजों की संख्या एक लाख पार


मैड्रिड। दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे 180 देशों में कोविड 19 से सबसे ज्यादा मौत वाले दूसरे नंबर के देश स्पेन में पिछले 24 घंटे में 864 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है जो कोरोना संकट में एक दिन में स्पेन में सबसे ज्यादा मौत है। स्पेन में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या एक लाख को पार कर गई है जबकि कुल मौत की संख्या 9053 हो चुकी है।


मंगलवार तक स्पेन में 8189 मौत हुई थी जबकि पॉजिटिव केसों की संख्या 94417 थी। स्पेन में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1 लाख 2 हजार 136 हो चुकी है। स्पेन में 14 मार्च से लॉकडाउन है लेकिन मरीजों और मौत के बढ़ते आंकड़ों से लगता नहीं है कि कोरोना वायरस का प्रकोप कम हो रहा है। स्पेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बीमारी अब स्टैबलाइजेशन फेज में घुस रही हो सकती है- मतलब ऐसी स्थिति जब मौत और नए मरीजों की संख्या हर रोज बहुत ज्यादा बढ़ना बंद हो जाए।बढ़ती मौत के साथ ही पीएम पेड्रो सांचेज सरकार पर विपक्ष का हमला तीखा होता जा रहा है जो सरकार पर सही समय पर कड़े और जरूरी कदम ना उठाने का आरोप लगा रही है। वहीं सरकार कह रही है कि वो विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकारी विशेषज्ञों की सलाह पर काम कर रही है।चीन से शुरू कोरोना के कहर का सबसे बड़ा शिकार यूरोपीय देश इटली बना है जहां अब तक 12 हजार से ज्यादा लोग मारे इस बीमारी से मर चुके हैं। मौत के मामले में स्पेन दूसरे नंबर पर है और उसके बाद अमेरिका है जहां अब तक 4000 से ज्यादा लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं।अमेरिका के बाद फ्रांस है जहां साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं। चीन पांचवें नंबर पर है जहां 3300 से कुछ ज्यादा मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई है। 500 से ज्यादा मौत वाले देशों में ईरान, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम भी शामिल है। भारत में कोरोना के अब तक 1673 मामले सामने आए हैं जिसमें 133 ठीक हुए जबकि 38 की मौत हुई है।


सोशल डिस्टेंसिंग, को समझे नागरिक

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ही नहीं बल्कि उसकी गैर-मौजूदगी में कमरे में टिका रह सकता है। यह जानकारी एक नए अध्ययन से सामने आई है। अध्ययन में पाया गया है कि जब मरीज अपने कमरे में नहीं होता है तब भी वायरस के अंश हवा में मौजूद रहते हैं। इसने अध्ययन ने मरीज के संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ के प्रॉटेक्टिव सूट पहनने की जरूरत पर बल दिया है।


वैज्ञानिकों को यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर में रूम और उससे बाहर जा रहे रास्तों में वायरस के अंश मिले हैं जहां कोरोना के मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया था। साइंस वेबसाइट MedRxiv में प्रकाशित रिपोर्ट को लिखने वाले वैज्ञानिक जॉन लोई ने कहा, ‘हमने और नमूनों को चिह्नित किया है जिसमें हवा में वायरस के जीन्स पाए गए हैं, इसने स्वसन संबंधी सुरक्षा पर ध्यान देने के महत्व को दर्शाया है।’इसलिए मेडिकल स्टाफ के लिए एहतियात जरूरी
रिपोर्ट को लिखने से पहले अस्पताल के 11 कमरे के सैंपल लिए गए हैं और इसमें एक ही जगह बड़ी मात्रा में वायरस को एकत्रित पाया गया। रूम के बाहर जहां से अस्पताल के कर्मचारी गुजर रहे थे वे भी पॉजिटिव पाए गए हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में अभी यह विश्लेषण नहीं किया गया है कि वायरस हवा में विस्तार लेने वाले हैं या नहीं, लेकिन इसने मेडिकल स्टाफ के प्रॉटेक्टिव सूट पहनने पर जोर दिया है। रिपोर्ट के एक अन्य राइटर जोशुओ ने कहा, ‘इस तरह के अध्ययन से हेल्थ केयर वर्कर्स, मरीज के संपर्क में रहने वाले लोगों की सुरक्षा की जरूरत को समझा जा सका है जो कि मरीज की देखभाल करते हैं और उन्हें इस महामारी से लड़ने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा अध्ययन जारी रहेगा और ताकि कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को समझा जाए और कोरोना के मरीजों की देखभाल में जुटे लोगों की सुरक्षा के रास्ते ढूंढने में मदद मिले।


भारत-अमेरिका करेंगे वायरस का सामना

भारत-अमेरिका साझेदारी के साथ पूरी ताकत से करेंगे कोरोना का सामना


ट्रंप से फोन पर बातचीत के बाद बोले पीएम मोदी


नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच पूरा देश महामारी से इस वक्त डटकर सामना कर रहा है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोविड-19 पर शनिवार को गहन चर्चा की। दोनों नेताओं ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने का संकल्प लिया।
 पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ”हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।


गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 2,78,458 मामले सामने आये हैं और 7,100 से अधिक मौतें हुई हैं।वहीं, भारत में 3,000 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं और 68 लोगों की मौतें हुई हैं। भारत में कोरोना के मामले 3 हजार के पारः भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 3 हजार के पार हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार को कोरोना के नए मामले में पिछले 24 घंटे के दौरान अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। चौबीस घंटे के दौरान 525 नए मामले आए हैं। इसके बाद कोरोना के अब तक कुल मामले भारत में बढ़कर 3,072 हो गए हैं। इनमें से 2,784 एक्टिव केस, 235 डिस्चार्ज और 75 मौत शामिल हैं। कोरोना से दुनियाभर में 60 हजार की मौतः ना से दुनियाभर में तबाही मचा रखी है। इस महामारी के चलते दुनियाभर में 60 हजार लोगों की शनिवार की शाम तक मौत हो चुकी है। उधर, स्पेन ने कोरोना के चलते स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए 25 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज शनिवार (4 अप्रैल) को यह जानकारी दी। वहीं, इस वायरस की वजह से देश में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों में लगातार दूसरे दिन कमी आई। हालांकि मौतों का आंकड़ा 809 रहा। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार (4 अप्रैल) को जारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई। इसके मुताबिक स्पेन में गुरुवार (2 अप्रैल) को सबसे अधिक 950 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई थी। स्पेन में अब तक 11,744 लोगों की मौत हुई है जो इटली के बाद सबसे अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक स्पेन में संक्रमण के नए मामलों में भी कमी आई है और 7,026 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 1,24,736 हो गई है। उधर, अमेरिका में शुक्रवार को अमिका में सबसे अधिक 1480 लोगों की मौत हुई।


कोरोना वायरस से सुरक्षित राज्य

गंगटोक। सिक्किम के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अब तक राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।
महानिदेशक (स्वास्थ्य सेवा) पीटी भूटिया ने बताया कि प्रशासन ने 35 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे थे लेकिन किसी के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने बताया, ” अब तक राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।”
भूटिया ने कहा कि हालांकि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण जैसे लक्षणों के कारण आठ लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 1,122 लोगों को उनके घर में ही पृथक-वास में रखा गया है जबकि 107 लोगों को सरकारी पृथक केंद्रों में रखा गया है।


बांग्लादेश में 7 अप्रैल तक उड़ाने रद्द

ढाका। बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएबी) ने कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी घरेलू उड़ानों और लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर 7 अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया है। सीएएबी के प्रवक्ता मोहम्मद सोहेल कमरुज्जमां ने शनिवार को बीडीन्यूज24डॉटकाम को बताया कि हमने प्रतिबंध एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि मालवाहक विमान की उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होंगी।


बांग्लादेश और अधिकांश अन्य देशों ने पहले ही महामारी से लड़ने के लिए हवाई यात्रा प्रतिबंधित कर दिया है।
बांग्लादेश ने इस महामारी को खत्म करने के प्रयासों के तहत लोगों को घर पर रखने के लिए सार्वजनिक परिवहन और कार्यालयों को 4 अप्रैल तक 10 दिनों के लिए बंद कर दिया। स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान 9 अप्रैल तक बंद रहेंगे।बीडीन्यूज24डॉटकाम के रिपोर्ट के मुताबिक बीमन बांग्लादेश एयरलाइंस ने शुक्रवार को कहा, “ब्रिटेन को अपनी अंतिम उड़ानें, जो यूरोप से आने वाले प्रतिबंधों के दायरे में नहीं थीं, मंगलवार को ढाका से रवाना होंगी और अगले दिन वापस आ जाएंगी।” यूरोप के अलावा, बांग्लादेश ने 21 मार्च को भारत, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत, यूएई, तुर्की, मलेशिया, ओमान और सिंगापुर के साथ हवाई संपर्क को बंद कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि अभी चीन से कुछ उड़ानों का संचालन हो रहा है। बांग्लादेश में कोरोनावायरस से अब तक पांच की मौत हो चुकी है।


कुत्ते-बिल्लियों के मांस खाने पर रोक

बीजिंग। चीन के शेन्जेन शहर में कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसा करने वाला चीन का ये पहला शहर है। ये कदम कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए उठाया गया है जिसका संबंध जंगली जानवरों के मांस के आहार से बताया जा रहा है। चीन सरकार ने इसके बाद जंगली जानवरों का मांस खाने पर पाबंदी लगा दी थी। मगर शेन्जेन ने एक कदम और आगे जाते हुए कुत्तों और बिल्लियों के मांस खाना भी बैन कर दिया है।


ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल नामक संस्था के अनुसार एशिया के देशों में हर साल तीन करोड़ कुत्तों को मांस के लिए मार दिया जाता है। हालांकि चीन में बिल्लियों का मांस खाना सामान्य नहीं है। वहां के ज्यादातर लोगों ने न तो इन जानवरों का मांस कभी खाया है और न ही वे इन्हें खाना चाहते हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक शेन्जेन सरकार ने कहा है, कुत्ते और बिल्लियां पालतू जानवरों के तौर पर इंसानों के काफी करीब हैं और पालतू जानवरों के मांस खाने पर विकसित देशों और हांगकांग और ताइवान में पाबंदी लगाई जाती रही है। ये बैन मानव सभ्यता के अनुकूल है। जानवरों के हितों के लिए काम करने वाली संस्था ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल ने इस कदम का स्वागत किया है। संस्था के विशेषज्ञ डॉक्टर पीटर ली ने कहा, ये फैसला उस बर्बर व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा जिसमें चीन में हर साल एक करोड़ कुत्तों और 40 लाख बिल्लियों का कत्ल कर दिया जाता है।भालुओं का पित्त लेना जारीः मगर इन कदमों को उठाने के साथ-साथ चीन ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए भालुओं के पित्त के इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। चीन में भालुओं के पित्त में मौजूद एसिड का इस्तेमाल पथरी और लिवर की बीमारियों के इलाज के लिए देसी दवाओं के तौर पर होता रहा है। मगर इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि ये कोरोना के लिए भी कारगर है। ऐनिमल एशिया फाउंडेशन नामक संस्था के प्रवक्ता ब्रायन डेली ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, हमें उस खतरनाक वायरस के इलाज के लिए जंगली जानवरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, जिसका स्रोत ही जंगली जानवर बताए जा रहे हैं। जंगली जानवरों का बाजारः चीन सरकार ने फरवरी में वन्य जीवों के व्यापार और उनके मांस के खाने पर रोक लगा दी थी। ये कदम ये बात सामने आने के बाद उठाया गया कि वुहान का एक बाजार से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ जहां वन्य जीवों के मांस बेचे जाते थे। इन जानवरों के माध्यम से ही ये वायरस इंसानों में आया। मगर वैज्ञानिक अभी तक ये पता नहीं लगा पाए हैं कि इस वायरस का स्रोत क्या था और ये इंसानों में कैसे फैला।


हिमाचल में वायरस के मामले बढ़े

शिमला। हिमाचल में कोरोना वायरस के तीन नए मामले सामने आए हैं। सभी मरीज ऊना जिले के बताए जा रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि सैंपल पॉजिटिव होने के साथ ही मरीजों के यात्रा इतिहास और कांटेक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है। बताया कि गुरुवार को प्रदेश के 27 लोगों के कोरोना वायरस की जांच को लेकर सैंपल लिए गए थे जिनमें से तीन के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। एक का फिर से सैंपल लिया जा रहा है, बाकि 23 सैंपल सामान्य पाए गए हैं।


इसके साथ ही प्रदेश में अब कोरोना मरीजों की संख्या चार हो गई हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग कांगड़ा में तीन से नौ अप्रैल से विदेशों और बाहरी राज्यों से आए लोगों के लिए सर्च अभियान चलाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में लगभग 1700 टीमें गठित कर दी हैं। एक टीम प्रतिदिन कम से कम 30 घरों का भ्रमण करेगी। टीमें बीएमओ को हर दिन की गतिविधियों की रिपोर्ट करेगी। टीमों के निरीक्षण के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है। उधर, सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि एक्टिव केस फाइडिंग के लिए शुक्रवार से हर घर में टीमें जाएंगी। इसमें हाल ही में विदेशों और देश के बाहरी राज्यों से आए लोगों का डाटा एकत्रित किया जाएगा।


'चंडीगढ़' वासियों को मिली राहत

राणा ओबराय

चण्डीगढ़ वासियो को मिली राहत,दो दिनों में चंडीगढ़ में तीन कोरोना वायरस के मरीज हुए ठीक

चंडीगढ़। देशभर में कोरोना का कहर जारी है। इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। दो दिनों में चंडीगढ़ में तीन कोरोना वायरस के मरीज ठीक हो गए है। इस बात की जानकारी चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने दी है। जानकारी के अनुसार, शनिवार को जीएमसीएच 32 में भर्ती सेक्टर 30बी निवासी कोरोना पॉजिटिव युवक और 21डी निवासी 45 वर्षीया महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। दोनों की रिपीट टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। इससे पहले शुक्रवार रात पीजीआई से कोरोना संक्रमित 26 वर्षीय डॉक्टर को डिस्चार्ज किया था, जोकि लंदन से शहर लौटी थी। यहां अब पॉजिटिव मरीजों की गिनती 18 से घटकर 15 हो गई है। शुक्रवार को यहां सेक्टर-32 जीएमसीएच से चार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को शिफ्ट भी कर दिया गया। शिफ्टिंग के दौरान संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का इस्तेमाल किया गया। पीजीआई प्रवक्ता डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि मरीजों को हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया है। अन्य मरीजों के लिए भी कमरे तैयार हैं। 300 बेड के नेहरू एक्सटेंशन को कोरोना के मरीजों के लिए ही तैयार किया गया है। वहां जिन डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है, उनकी सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि उन्हें संक्रमण न हो।


यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...