गुरुवार, 5 सितंबर 2019

कैबिनेट में कई प्रस्तावों को मिली मंजूरी

कैबिनेट बैठक में 6 प्रस्तावों को दी गई मंजूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों,निगमों,आयोगों  व परिषदों में गैर सरकारी उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है।ये सभी आवासीय भत्ते की मांग कर रहे थे।प्रदेश कैबिनेट ने सभी निगमों,विभागों,आयोगों व परिषदों में नामित उपाध्यक्षों को 10 हजार रुपये आवासीय भत्ता देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।संस्थाओं में नामित उपाध्यक्ष सत्ताधारी दल से जुड़े गैर सरकारी लोग होते हैं।सरकार ने अटल बिहारी बाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के चक गंजरिया में बनाने का भी फैसला किया है।प्रदेश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज इससे संबद्ध होंगे।इसके निर्माण के लिए भूमि स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।


कार्यालय पर आईटी विभाग की बैठक

भाजपा कार्यालय पर आई टी विभाग की हुई बैठक
अलीगढ। विधानसभा उप चुनाव को लेकर भाजपा आई टी विभाग ने आज जापान हाउस अलीगढ़ भाजपा कार्यालय पर हुई बैठक।प्रदेश सह सयोंजक आई टी विपिन मिश्रा ने कार्यकर्ताओं की बैठक में आगामी चुनाव की तैयारी के लिए निर्देश दिए।मिश्रा ने बताया आई.टी.विभाग हर विधानसभा स्तर पर डाटा तैयार करे और एक कॉल सेंटर की स्थापना करे और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार और पार्टी की रीति-नीति का प्रसार करे।


निदेशालय संपत्तियों का करेगा डिजिटाइजेशन

निदेशालय ने निकायों की संपत्तियों का डिजिटाइजेशन कराने का किया फैसला
अलीगढ। नगर निगम,पालिका परिषद व नगर पंचायतों के पास शहरी क्षेत्रों में काफी संपत्तियां हैं।इनमें स्कूल, दुकान,आवासीय कॉलोनियों के साथ काफी जमीनें भी हैं।इन पर आए दिन कब्जे की शिकायतें मिलती रहती हैं।इसीलिए निदेशालय ने इन संपत्तियों का डिजिटाइजेशन कराने का फैसला किया है।इसकी जिम्मेदारी वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड को दी गई है।निकाय निदेशक डॉ काजल ने नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि वे अपनी निजी संपत्तियों का ब्यौरा जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं।इसके बाद इन संपत्तियों को ऑनलाइन करने की तैयारी है,ताकि यह पता चल सके कि किसके पास कितनी संपत्तियां हैं।ताकि इन पर होने वाले कब्जों को रोका जा सके।


चोरी कर दुकान में लगाई आग

दुकान में चोरी कर चोरों ने ही आग लगाकर गुमराह करने का किया प्रयास ।


मीरजापुर। बीती रात एक दुकान में चोरों ने दुकान में चोरी की घटना को अंजाम देने के पश्चात ध्यान भटकाने के लिए दुकान में आग लगा दी, जिसके चलते दुकान की समस्त वस्तुएं पूरी तरह जलकर राख हो गई । प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय कोतवाली के अंतर्गत पक्काघाट क्षेत्र में स्थित मुन्नू काजी के दुकान को किराए पर लेकर महिलाओं के श्रृंगार सम्बंधित वस्तुओं की दुकान चलाने वाले राज मोदनवाल के अनुसार बीती रात करीब एक से दो बजे के करीब दुकान धू-धू कर जलने की जानकारी आसपास के लोगों द्वारा मिली। सौ नम्बर पर व फ़ायर बिग्रेड को सूचना दी गई। कुछ समय पश्चात दमकल द्वारा जबतक आग पर काबू पाया जाता तबतक बहुत देर हो चुकी थी। दुकान और दुकान का सामान पूरी तरह आगजनी से नष्ट हो चुका था। आसपास के सूत्रों के आधार पर जानकारी मिली कि दो व्यक्तियों को यहाँ से कुछ सामान ले जाते देखा गया है। इसी आधार पर पुलिस और स्थानीयों ने जाकर हीरो मिश्र पुत्र अजय मिश्र निवासी बाबू घाट को चोरी की सामग्रियों के साथ उसके निज निवास से पकड़ कर कोतवाली लाया गया। जहाँ विभिन्न धाराओं में मुक़दमा पंजीकृत कर लिया गया। दूसरे व्यक्ति की तलाश की जा रही है। फ़िलहाल उसकी भी पहचान की जा चुकी है। दोनों अभियुक्त हेरोइन के नशेड़ी है। स्थानीयों के अनुसार आजकल नशेड़ियों का आतंक रात्रि कालीन में कुछ ज्यादा ही है। रात्रि में दूर दराज से आनेवाले श्रद्धालुओं को भी अक्सर इनलोगों द्वारा काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इतने बड़े पैमाने पर हेरोइन का धंधा इस पावन क्षेत्र में इतनी आसानी से कैसे फलीभूत है । इस बिंदु पर पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े हो जाते है । कभी कभी दबाव महसूस होने पर पुलिस द्वारा किसी छोटे बिक्रेता को जेल भेज दिया जाता है । मुख्य कारोबारीयों पर पुलिस की कार्यवाई नही हो पाती । नगर विधायक ने भी एक अखबार में दिए गए बयान में इसका विरोध प्रदर्शित कर चुके है।


112 के रिस्पांस से लोगों को राहत

एक्के नंबर सब्बो बर डॉयल 112 मुश्किल में लोगों का मददगार साबित होते एक वर्ष सफलतम किया पूर्ण


कोरबा। पुलिस विभाग द्वारा संचालित एक्के नंबर सब्बो बर डायल 112 के तुरंत रिस्पांस से लोगो को मिल रही त्वरित मदद के कारण पुलिस की इस महती सेवा योजना को शाबाशी का पात्र समझा जाता है। पुलिस महकमा ने जनहित को देखते हुए गत वर्ष 4 सितंबर को डायल 112 की शुरुआत की थी।जिसका अच्छा रिस्पांस के साथ बीते बुधवार 4 सितंबर 2019 को एक वर्ष सफलतम पूरा हो गया।जिस तरह पुलिस विभाग द्वारा डॉयल 112 का नाम रखा गया "एक्के नम्बर सब्बो बर" उक्त नाम के अनुसार ही स्पष्ट है कि सभी आपातकालीन सेवाओं हेतु अलग-अलग नंबरों के स्थान पर केवल एक ही नंबर याद रखा जाये।इसी को ध्यान में रखकर पुलिस विभाग की पहल पर नेशनल इमरजेंसी रिस्पोंस सिस्टम के तहत् पुलिस सहायता (100),स्वास्थ्य सहायता (108) और अग्निशमन सेवा (101) को एकीकृत करते हुये डायल 112 योजना बनाई गयी।आज सालभर में डायल 112 की मदद से आमजनों को पल भर में पुलिस,एम्बुलेंस और तो और फायर ब्रिगेड की भी मदद के रूप में निशुल्क सेवा उपलब्ध हुई है।और आपातकालीन स्थिति में तुरंत रिस्पांस भी मिला है।


ज्ञात हो कि एम्बुलेंस,फायर ब्रिगेड या पुलिस सहायता की जरुरत आपातकालीन स्थिति में आमजन को पड़ती है।लेकिन पहले कभी नंबर नहीं लगता या फिर कभी बात नहीं हो पाती थी इसलिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन बीते एक वर्ष से कोरबा सहित प्रदेश के 11 जिलों को मिल रही इसकी सेवा का रिस्पॉन्स टाईम लोगों के लिए एक प्रकार से संकटमोचक साबित हो रहा है।जहाँ शहरी क्षेत्रों में 10 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 30 मिनट में पहुँचने वाली इस सेवा का अब तक कोरबा जिले के सैकड़ो लोगों ने मदद लिया है।डायल 112 की इमरजेंसी रिस्पांस व्हीलर (ईआरवी) की टीम जिले के हर थाना चौकी क्षेत्र के अलग-अलग चौक चौराहो में दिनभर तैनात व गश्त करती रहती है जिससे स्पॉट में ही लोगो को इसका तुरंत लाभ मिलने से डॉयल 112 की बड़ी सराहना भी हो रही है।एक तरफ ऐसे कई मामले है जहाँ डायल 112 में तैनात लोगों की सेवा में तत्पर रहने वाले जांबाज पुलिस जवानों ने अपने उत्कृष्ट सेवा से कितनो की जान भी बचायी हैं।जैसे नवजात शिशु व सड़क दुर्घटना में घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाना,किसी को आग के लपटों से बचाना,दरवाजा तोड़कर फांसी पर लटकते हुए व्यक्ति को बचाना,सर्पदंश से बचाना सहित ऐसे अनेकों जिंदगियां डॉयल 112 के आरक्षकों ने बचाई है।जिसके कारण आमजनों के लिए यह सेवा काफी सराहनीय हैं।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता

गतांक से...


मेरे प्यारे देखो बाह्य और आंतरिक दोनों दूषित हो गए तो उस समय मुनि मानो, देखो, उसके शोधन के लिए कोई क्रियाकलाप नहीं करता और वह परमाणु उसी को प्राप्त होकर के और भी कला का क्षेत्र बन कर के वह नाना प्रकार के और प्रिय भोज पदार्थ में रत हो करके मेरे प्यारे देखो अपने को नष्ट करने वाले बन जाते हैं। तो विचार-विनिय मैं विशेष चर्चा नहीं देने आया हूं। विचार यह देने के लिए आया हूं। साक्‍लय मुनि महाराज कालिंग के गिरी में बेटा देखो वह यह वाक्य उच्चारण करने लगे। मुनिवरो देखो कात्यायन की पत्नी ने कहा, प्रभु मुझे कुछ ऐसा प्रतीत होता है। आपके शरीर से आपके हृदय से मुझे ऐसी सुगंध आ रही है। जैसे ब्राहो ममता मे परिणत हो जाएं। साक्‍लय मुनि ने कहा देवी तुम्हारा वाक्य मिथ्या तो होता नहीं। मैंने कई काल कई ॠषियो से यह वाक्य मैंने श्रवण किया है। क्या तुम्हारा वाक्य यर्थात है तुम जीवन में सत्य उच्चारण करने वाली हो,मिथ्या  उच्चारण नही करती हो। जब इस प्रकार की आभा जब तुम्हारे में है तो मैं भी मोह में परिणत हो सकता हूं। कोई ऐसा आश्चर्य नहीं है। मेरे प्यारे देखो उन्होंने कहा तो प्रभु आप अपने को ममता से दूर कीजिए। आप अपने को मोह से भी दूर कीजिए। उन्होंने कहा देवी में प्रयास तो करूंगा। परंतु देखो यह कैसे होगा और उसको प्रभु ही जानता है। मैं नहीं जान पाता। आपको भविष्य कि मुझे चर्चाएं घोषणा की है मेरे प्यारे हो सकता है। मेरे यह शरीर में चित्र के मंडल में ऐसे अंकुर विद्यमान हो। 
 साक्‍लय मुनि महाराज ने बेटा एक रात्रि वहां विश्राम किया और वहां से उन्होंने गमन किया। गमन करते हुए जब आश्रम में आए तो हिरनी का बालक व्याकुल हो रहा था। वह जल का भी गमन नहीं कर रहा था। उनसे उनको मोह हो गया देखो हिरणी के बालक को, अपने ऋषि को पिता तुल्य स्वीकार करके उससे मोह हो गया। अब ऋषि ने आ करके उससे अपने कंठ से आलिंगन किया। रात्रि का समय हुआ तो उस वक्त को बिचारने लगा। क्या मुझे कात्यान की पत्नी ने जो वाक्य कहा है। वह वाक्य तो उन्होंने बड़ा विचित्र कहा हैै। हो सकता है मुझे भी आज हिरनी के वाल्य को दृष्टिपात करके मेरा अंत:हृदय यह कहता है कि तुझे मोह हो गया है।मानो तुझे ममत हो गई है तेरे बिना यह नहीं रह पाता और मेरा प्रांत:हृदय ही मानो उसकी निंदनीय दशा को दृष्टिपात करके मैं भी व्याकुल हो गया हूं। इस प्रकार वह चिंतन में लग गए और चिंतन करते रहे। मेरे प्यारे देखो चिंतित में लगे रहे मुनिवरो, देखो प्रात कालीन हिरनी के वाले को पुनः हृदय से प्रणाली गमन किया और उसको गो के गृह और दुग्ध के द्वारा उसका पालन करने लगे। तो मुझे कुछ ऐसा स्मरण है। क्या मुनिवरो, देखो पूर्णरूपेण जब वह पालन करने लगे तो एक समय भ्रमण करते हुए कहीं से उनके पिता श्वेतकेतु आ गए और माता भी आ गई आ गई। पित्रो संभव्‌ लोकांम मेरे प्यारे श्वेतकेतु को दृष्टिपात करके महर्षि साक्‍ल्य मुनि महाराज ने मानो उनके चरणों को स्पर्श किया और उन्हें आसन दिया। उस पर वह विराजमान हो गए माता भी विद्यमान हो गई । तो वह हिरनी के वालक को दुग्ध का पान कराने लगे। उनका स्वागत तो इतना ही किया। तो वह विराजमान हो गए और वह हिरनी के वाले को दुग्ध आहार कराने लगे। माता पितरों को मानो दुग्ध आहार नहीं कराया अंजल पान नहीं कराया। मानो कंदमूल नहीं दिया हिरनी के वलेय की ममता में उसके रथ रहने पर मेरे प्यारे देखो वह श्वेतकेतु ऋषि के अश्रु पात होने लगे और अपनी पत्नी से बोले क्या। हे देवी हम वृद्धि यहां से हमारा प्रस्थान होना चाहििए। उन्होंने कहा प्रभु ओम ब्रह्मा पुत्र शुभम ब्रह्मा उन्होंने कहा ऋषि साकलय के पुत्र स्वीकार करेंंगे। इन्हें ऋषि की दृष्टि से दृष्टिपात करोगे उन्होंने कहा देवी महतो दृष्टि ऋषि की आवाज से ही प्राप्त कर रहा हूं। परंतु देखो मेरा अंतरात्मा दुखित हो जा रहा हैै। क्यों, उन्होंने कहा देवी, हमने इसके बाल्यकाल में इसके बनाने में जो हमने सहयोग दिया है। वैसे योग आज हमें व्रत प्रतीत हो रहा हैै। मेरे पुत्रों उन्होंने कहा भगवान ऐसा क्यों है? उन्होंने कहा इससे मोह हो गया है ना होने के कारण हम आए हैं। हमारा संभव हमारा अंतरण ह्रदय यह कह रहा है कि यह ममता-मोह में परिणित हो गया है! साथ सावले ब्रह्मा करले ने कहा है भगवान,ॠषिवर आप व्‍याकुुल क्यों हो रहे हैं क्यों पागल हो रहे हो। उन्होंने कहा कि है पुत्रों, क्या मैं तुम्हें मोह में दृष्टिपात कर रहा हूं। साक्‍लय मुनि ने कहा प्रभु आप मुझे तो मोह में ही दृष्टिपात कर रहे हैं। मैं मोह में आपको भी दृष्टिपात कर रहा हूं। अब मुनि वह देखो वह पिता मोहन हो गए। माता ने कहा कहो भगवान ॠषिवर शाक्यल मुनि क्या कह रहे हैं। मेरे प्यारे उन्होंने कहा यथार्थ कह रहे हैं। मैं ममता में ही हू । शाक्यलमुनि कहते हैं क्या मोह की संतान मोह में ही नष्ट हो जाती है। भगवान! मेरे प्यारे देखो, स्वाद को दृष्टिपात करते हुए उन्होंने यहां यथार्थ बताया है। इसलिए वेद ऋषि कहता है मंत्र कहता है। वक्तव्य ब्राहा ब्रह्मण प्रवचन।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 06, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-34 (साल-01)
2.   शुक्रवार,06सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष अष्‍टमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:56,सूर्यास्त 6:44
5.न्‍यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275


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यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...