सोमवार, 19 अगस्त 2019

देश में आर्थिक आपात जैसी स्थिति:सिंघवी

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की नरमी पर रविवार को चिंता जताते हुए कहा कि देश आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भाजपा पर लोगों का ध्यान अपनी विफलताओं से हटाने का आरोप लगाया।


सिंघवी ने वाहन क्षेत्र में नरमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग में नरमी का चलन अचानक से नहीं आया है। सिंघवी ने कहा कि वाहनों की बिक्री में 31 प्रतिशत गिरावट आयी है। यह यात्री वाहनों की बिक्री में लगातार नौंवे महीने की गिरावट रही। सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जुलाई 2018 के बाद के 13 महीनों में से 12 महीनों में वाहनों की बिक्री गिरी है। यह विश्व के चौथे सबसे बड़े वाहन बाजार में तेज नरमी का संकेत देता है। उन्होंने शेयर बाजार में गिरावट और बढ़ते राजकोषीय घाटे के मुद्दों को भी उठाया। इसके अलावा उन्होंने जीडीपी के गिरते आंकड़ों, घटते श्रम बल, रियल एस्टेट क्षेत्र में नरमी, लगातार कमजोर होता रुपया, गिरता प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में कमी आने के मुद्दे उठाए। साथ ही सिंघवी ने राजग सरकार पर ठोस आर्थिक नीति नहीं लाने का भी आरोप लगाया।


सामान्य हालात में महबूबा की बेटी नजरबंद

नई दिल्ली। कांग्रेस  के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मौजूदा हालात अब वहां सामान्य बात हो गई है। उन्होंने तंज करते हुए ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ सामान्य है। स्कूल खुले हुए हैं लेकिन छात्र नहीं है। राज्य में सब कुछ सामान्य है। इंटरनेट फिर से बंद है। महबूबा मुफ्ती की बेटी नजरबंद है। क्यों? कोई जवाब नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि अगर आपको हैरानी हो रही है कि यह सब क्या चल रहा है तो कृपया समझ लीजिए कि यह अब सामान्य बात हो गई है। हाल ही में सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का कदम उठाया था। इसके बाद से ही राज्य के कई इलाकों में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम और कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं।


अखिलेश ने फिर यूपी सरकार को घेरा

लखनऊ । सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर सोमवार को बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की घर में घुसकर हत्या की खबर की स्याही सूखी भी नहीं थी कि प्रयागराज में 12 घंटों में 8 हत्याएं हो गईं। प्रयागराज में उपमुख्यमंत्री अपना सम्मान समारोह करा रहे थे और बगल में अपराधी वारदात को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने कहा, प्रशासन और अपराधी जानते हैं कि भाजपा सरकार चलाने में सक्षम नहीं है। अखिलेश ने सोमवार को बयान में कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था से यूपी 'हत्या प्रदेश' बन गया है। क्या भाजपा यूपी की यही पहचान बनाना चाहती है? जब जनता को अपने जान-माल की सुरक्षा का ही भरोसा न हो तो फिर कैसा विकास और किस पर विश्वास? उन्होंने प्रयागराज की आपराधिक घटनाओं में पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 50-50 लाख रुपये की सहायता देने तथा अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने की मांग की है। साथ ही प्रदेश में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, गरीब की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। भाजपा के संरक्षण में अपराधी निरंकुश हैं। भाजपा सरकार लाख दावा करती रहे। लेकिन जब अपराधियों को जेल से भी अपनी गतिविधियां निर्बाध रूप से चलाने की छूट मिली हुई है तो राज्य के बाहर जाने का सवाल ही कहां उठता है?


दिल्लीवासियों के लिए हेल्पलाइन की जारी

नई दिल्‍ली। मुख्यमंत्री ने यमुना फ्लडप्लेंस के निवासियों से सरकार के टेंट्स में शिफ्ट होने की अपील की,कहा 
घबराने की जरुरत नहीं हैं, दिल्ली सरकार किसी भी स्थिति से निपटने लिए तैयार। सरकार स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं । जरुरत पड़ने पर टेलीफोन नंबर 22421656 और  टेलीफोन नंबर 21210849 पर संपर्क किया जा सकता है।
 दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि यमुना के जल स्तर के शाम तक खतरे के निशान (205.33 मीटर) को पार कर जाने की आशंका है क्योंकि हरियाणा ने रविवार शाम को 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है और यह पानी 36 से 72 घंटों के अंदर दिल्ली में पहुंच जाएगा।उन्होंने अपील की यमुना फ्लडप्लेंस में रहने वाले लोग अपनी जगह खाली कर दें और दिल्ली सरकार की तरफ से लगाये गये टेंट्स में शिफ्ट हो जाएं। इस बारे में जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें मंत्री श्री सत्येंद्र जैन, श्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव श्री विजय कुमार देव के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस प्रेस वार्ता से पहले दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में बाढ़ की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की गई।प्रेस कांफ्रेस में मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वह बिलकुल भी न घबरायें क्योंकि इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। दिल्ली के छह जिलों (नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट, शाहदरा, ईस्ट, सेंट्रल और साउथ वेस्ट) के निचले इलाकों में रहने वाले लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।


किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी के अलावा दिल्ली सरकार पहले से ही लोगों को ऐसी जगहों से निकालने और यमुना के दोनों तरफ लगाए गये टेंट्स में उनको ले जाने का काम कर रही है। अब तक, 2120 टेंट्स लगाये जा चुके हैं, जहां पर बिजली, खाने-पीने, पानी और टॉयलेट इत्यादि का इंतजाम किया गया है।श्री अरविंद केजरीवाल ने फ्लडप्लेंस में रहने वाले लोगों से बार-बार अपील करते हुए कहा कि वे शाम 6 बजे तक टेंट्स में शिफ्ट कर जाएं और तब तक वापस ना जाएं जब तक उनके इलाकों से पानी न निकल जाए क्योंकि यमुना के पानी के प्रवाह के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री ने बच्चों को लेकर विशेषतौर पर अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों का खास तौर पर ख्याल रखें क्योंकि अकसर बच्चे खेलने या नहाने नदी में चले जाते हैं। पिछले साल इसी तरह से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इसके अलावा बचाव कार्य के लिए 53 नावों को तैयार कर लिया गया है और 30 नावों को उन 30 स्थानों पर पहले से ही लगा दिया गया है जहां बाढ़ का असर ज्यादा रहने की संभावना है।


इसके लिए दिल्ली सरकार एक इमरजेंसी कॉन्टैक्ट टेलीफोन नंबर 22421656 जारी किया है। साथ ही एसडीएम प्रीत विहार नोडल ऑफिसर हैं और उनके कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 21210849 से कॉन्टैक्ट किया जा सकता है। इससे पहले 2013 में हरियाणा में 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था जिसकी वजह से जलस्तर 207.3 मीटर तक गया था। रविवार को हरियाणा की तरफ से जितनी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, उससे यमुना का जल स्तर काफी ज्यादा बढ़ सकता है मुख्यमंत्री ने कहा, अगले दो दिन बेहद अहम हैं। हम स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार, उप-राज्यपाल के ऑफिस और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ तालमेल बनाये हुए हैं। सरकार के लिए हर किसी का जीवन बेहद कीमती है, इसी को देखते हुए पूरा सरकारी तंत्र किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने लिए तैयार है।


92 की उम्र में राम मंदिर की पैरवी करना

 नई दिल्ली। कौन है 92 की उम्र में "राम मंदिर" के लिए "सुप्रीम कोर्ट" में घंटों खड़े होकर बहस करने वाला विद्वान वकील ? जब सीजेआई ने पूछा “क्या आप बैठ कर दलीलें पेश करना चाहेंगे?” तो क्या था जवाब पढें?


"यह मेरी अंतिम इच्छा है कि मरने से पहले मैं इस मामले को अंजाम तक पहुँचा दूँ। मैं अपने श्रीराम के लिए इतना तो कर ही सकता हूँ।92 की उम्र में राम मंदिर केस को अंजाम तक पहुँचाना ही मेरी अंतिम इच्छा है। अगर आप अदालती कार्यवाहियों का हिस्सा रहे हैं या फिर आपने यह व्यवस्था देखी है तो आपको पता होगा कि वकील खड़े होकर बहस करते हैं। कम से कम फ़िल्मों में तो आपने देखा ही होगा। इसी महीने पिछले सप्ताह में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर अदालत की सुनवाई चल रही थी। रामलला की तरफ से अदालत में एक वकील पैरवी कर रहे थे। पीठ की अध्यक्षता ख़ुद सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे थे।


 तभी बीच में सीजेआई गोगोई ने वकील से पूछा, “क्या आप बैठ कर दलीलें पेश करना चाहेंगे?” लेकिन, श्री राम मोती राम वकील ने कहा, मिलॉर्ड, आप बहुत दयावान हैं,लेकिन वकीलों की परंपरा रही है कि वे सुनवाई के दौरान खड़े होकर दलीलें पेश करते रहे हैं। मैं इस परम्परा से लगाव रखता हूँ।” क्या आपको पता है कि ये वकील कौन हैं? राम मंदिर से हिंदुओं की आस्थाएँ जुड़ी हैं। ऐसे में वो कौन है, जो 92 की उम्र में भी घंटों खड़े होकर दलीलें दे रहा है। हिदुत्व की लड़ाई लड़ रहा है, यह पता तो होना ही चाहिए। जज और वकील का यह कन्वर्सेशन अदालत के इतिहास में एक रोचक और अच्छी याद बन कर दर्ज हो गया।


यूपी हाईकोर्ट ने आजम खां को दी राहत

अकांशु उपाध्याय


लखनऊ। सपा सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। रामपुर में निर्माणाधीन रामपुर पब्लिक स्कूल के अवैध निर्माण को गिराने के मामले में उन्हें राहत दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक स्कूल की बिल्डिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने रामपुर विकास प्राधिकरण को अगले 10 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है। अदालत ने प्राधिकरण से 10 दिनों में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। अदालत ने प्राधिकरण के आदेश पर रोक लगाने की आजम खान की अपील को फिलहाल ठुकरा दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। आजम खान की तरफ से दलील दी गई कि तमाम लोगों के मकान, स्कूल व दुकानें उनसे भी आगे हैं, लेकिन प्राधिकरण सिर्फ उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अदालत ने इसी बिंदु पर प्राधिकरण से जवाब दाखिल करने कहा है। प्राधिकरण के सचिव सोमवार को खुद भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले 16 अगस्त 2019 को आजम खान के हमसफर रिजॉर्ट की दीवार तोड़ दी गई थी, क्योंकि सिंचाई विभाग के नाले पर होटल की दीवार बनी हुई थी। इस कार्रवाई के बाद डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने कहा है कि दीवार के मलबे में मिली ईंटों की प्रशासन जांच कराएगा। उन्होंने कहा कि सूचना मिली है दीवार के मलबे में पुरानी ईंटे भी मिली हैं। संभावना है कि किसी और बिल्डिंग को तोड़कर उसकी ईंटे लगाई गई हैं। डीएम ने कहा कि मलबे में मिली पुरानी ईंटों की कमेटी द्वारा जांच कराई जाएगी। बता दें कई बार इस संबंध में नोटिस देने के बावजूद भी आजम खान चुप थे। मौके पर भारी सुरक्षाबल की मौजूदगी में दीवार तोडऩे की कार्रवाई की गई। आरोप है कि अपने इस रिजॉर्ट के लिए आजम खान ने सिंचाई विभाग के नाले की 1000 गज जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। सिंचाई विभाग इस मामले में आजम खान को नोटिस भी जारी कर चुका है। रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिह ने बताया था कि हमसफर रिजॉर्ट में 1000 गज जमीन पर कब्जा किया गया है। यह जमीन पसियापुरा शुमाली से बड़कुसिया नाले की है। नाले पर कब्जे से पानी निकासी में दिक्कत हो रही है।


घाटी में खुले स्कूल,आतंकियों को करारा जवाब


कश्मीर घाटी में प्राइमरी स्कूल भी खुले। देशद्रोहियों को करारा जवाब। 

कश्मीर घाटी के अधिकांश क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूल भी खुल गए। हजारों बच्चों ने स्कूल पहुंच आपस में खुशियां बांटी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद यह पहला मौका रहा, जब घाटी में हालात सामान्य दिखे। इससे पहले लैंड लाइन फोन की सेवाएं भी शुरू कर दी गई थी। घाटी में प्रइमारी स्कूल खुलने और बच्चों की उपस्थिति दर्ज होने से देश द्रोहियों को करारा जवाब मिला है। देश में ऐसे कई लोग हैं जो अभी अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के पक्ष में हैं। पाकिस्तान भी हाय तौबा मचा रहा है। पाकिस्तान का दर्द तो समझा जा सकता है,लेकिन अपने ही देश के कुछ लोग बेवजह हालात बिगाडऩे पर तुले हैं। जम्मू और लद्दाख में तो जन जीवन पूरी तरह सामान्य हो गया। अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू और लद्दाख में खुशियां मनाई जा रही है, लेकिन कश्मीर घाटी के कुछ जिलों में प्रशासन को अभी अनेक पाबंदियां लगानी पड़ रही है। यही वे इलाके हैं, जहां आतंकवाद चरम पर था। प्रशासन ने ऐसे चरमपंथियों को सख्त हिदायत दी है और अनेक चरमपंथियों को गिरफ्तार भी किया है। चूंकि अब जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश हो गया है, इसलिए सारे कानून केन्द्र सरकार के लागू हो रहे हैं। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेता पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इन नेताओं की वजह से माहौल ज्यादा बिगड़ता था। अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को भी समर्थन नहीं मिल रहा है। मुस्लिम देशों ने भी साफ कह दिया है कि कश्मीर का मुद्दा भारत का आतंरिक मामला है। असल में पाकिस्तान और उसके समर्थकों को उम्मीद थी कि कश्मीर घाटी में हालात बिगड़ेंगे, लेकिन पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद एक पखवाड़ा गुजर गया, लेकिन सुरक्षा बलों को कहीं भी गोली चलाने की जरूरत नहीं पड़ी। पाकिस्तान और देशद्रोहियों की ओर से सोशल मीडिया पर हिंसा के जो वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं वो पुराने हैं। पांच अगस्त के बाद किसी भी स्थान पर हिंसा नहीं हुई है। 
एस.पी.मित्तल


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...