सोमवार, 10 अप्रैल 2023

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस ट्रेन की नियमित सेवा 13 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी और यह अजमेर एवं दिल्ली कैंट के बीच चलेगी। यह ट्रेन जयपुर, अलवर और गुड़गांव में भी रुकेगी।

वंदे भारत एक्सप्रेस अजमेर से दिल्ली कैंट की दूरी 5 घंटे 15 मिनट में तय करेगी। इस मार्ग की वर्तमान में सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है जो दिल्ली कैंट से अजमेर के बीच का सफर 6 घंटे 15 मिनट में तय करती है। इस प्रकार वंदे भारत एक्सप्रेस उस मार्ग पर चलने वाली वर्तमान सबसे तेज ट्रेन की तुलना में 60 मिनट तेज होगी। पीएमओ ने कहा कि यह ट्रेन पुष्कर, अजमेर शरीफ दरगाह सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों से संपर्क में सुधार करेगी।

4 मई को मतदान एवं 13 मई को मतगणना संपन्न

4 मई को मतदान एवं 13 मई को मतगणना संपन्न


कौशाम्बी में नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 को संपन कराने के लिए प्रशासन ने की तैयारी

कौशाम्बी। जिले में नगर निकाय चुनाव के संबंध में डीएम सुजीत कुमार एवं एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी दी है। डीएम सुजीत कुमार ने बताया कि नगर निकाय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। कौशाम्बी जनपद में 4 मई को मतदान एवं 13 मई को मतगणना संपन्न होगी। डीएम ने बताया कि नगर निकाय चुनाव को संपन्न कराने के लिए मतदान कर्मियो की तैनाती की जा रही है।

जोनल मजिस्ट्रेट सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रभारी अधिकारी सहायक प्रभारी अधिकारी एवं आर.ओ. ए.आर.ओ. की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनाव के लिए 10 जोनल मजिस्ट्रेट, 32 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 32 प्रभारी अधिकारी, 40 सहायक प्रभारी अधिकारी, 20 निर्वाचन अधिकारी, 37 सहायक निर्वाचन अधिकारी की तैनाती की गई है।

गणेश साहू 

कोविन पोर्टल में शामिल 'कोवोवैक्स' टीका, मंजूरी

कोविन पोर्टल में शामिल 'कोवोवैक्स' टीका, मंजूरी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, समझा जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सीरम इंस्टीट्यूट के 'कोवोवैक्स' टीके को वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के तौर पर कोविन पोर्टल में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ का अर्थ है, कि किसी व्यक्ति ने विगत में कोई टीका लगवाया हो तो उसे बूस्टर खुराक के तौर पर किसी अन्य कंपनी का टीका लगाया जा सकता है। कोवोवैक्स के कुछ दिनों में पोर्टल पर उपलब्ध होने की संभावना है और इसकी कीमत संभवत: 225 रुपये प्रति खुराक होगी। इसके अलावा मूल्य पर उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू होगा। 

सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह द्वारा 27 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र के बाद यह कदम उठाया गया है। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, सिंह ने मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में जिक्र किया था कि कोवोवैक्स विभिन्न मशहूर संस्थाओं द्वारा अनुमोदित एक विश्वस्तरीय टीका है और इसे कोविन पोर्टल पर वयस्कों के लिए ‘हेटेरोलॉगस बूस्टर’ खुराक के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि कोवोवैक्स उन लोगों को दिया जा सकता है जिन्होंने पहले कोविशील्ड या कोवैक्सिन टीके लगवाए हैं। 

पिछले माह डॉ. एन के अरोरा की अध्यक्षता वाले कोविड-19 कार्यकारी समूह ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय से उन वयस्कों के लिए कोवोवैक्स को हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक के तौर पर पोर्टल में शामिल किए जाने की सिफारिश की थी जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले ली है। भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने 16 जनवरी को कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले चुके लोगों के लिए कोवोवैक्स टीके के बाजार के प्रमाणीकरण की मंजूरी दी थी। इस टीके को विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएसएफडीए आदि की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। 

ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध, विधेयक को सहमति 

ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध, विधेयक को सहमति 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव वाले विधेयक को अपनी सहमति दे दी है, जिसे मार्च में राज्य विधानसभा द्वारा दूसरी बार पारित किया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने तमिलनाडु में ऑनलाइन जुआ निषेध और ऑनलाइन खेलों के नियमन विधेयक को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल रवि द्वारा पहले वापस किए जाने के बाद 23 मार्च को विधानसभा द्वारा विधेयक को फिर से पारित किया गया। 

संगठन के सदस्यों ने 'अमूल' के खिलाफ प्रदर्शन किया

संगठन के सदस्यों ने 'अमूल' के खिलाफ प्रदर्शन किया

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरू। कर्नाटक में अमूल बनाम नंदिनी ब्रांड को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच एक कन्नड़ समर्थक संगठन के सदस्यों ने सोमवार को गुजरात स्थित डेयरी सहकारिता संस्था 'अमूल' के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने 'कर्नाटक रक्षण वैदिके' संगठन के सदस्यों को एहतियातन हिरासत में लिया। गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच राज्य में अमूल के दूध और दही बेचने की अपनी योजना की घोषणा के बाद वाकयुद्ध जारी है। ‘गुजरात कोॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन’ की घोषणा के अनुसार, उसकी बेंगलुरू में अमूल का दूध और दही बेचने की योजना है।

कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के नेताओं ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि इससे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के हितों को नुकसान होगा, जो नंदिनी ब्रांड का मालिक है। वहीं, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने रविवार को कहा, "यह गुजरात का बड़ौदा बैंक था जिसने हमारे विजया बैंक को अपने में मिला लिया। बंदरगाह और हवाईअड्डे गुजरात के अडानी को सौंप दिए गए।

अब, गुजरात का अमूल हमारे केएमएफ (नंदिनी) को खत्म करने की योजना बना रहा है। मिस्टर नरेंद्र मोदी, क्या हम गुजरातियों के दुश्मन हैं?" भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, "केएमएफ देश की दूसरी सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है। महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में इसके डिपो हैं।इसकी कुल बिक्री का 15 प्रतिशत कर्नाटक के बाहर है। नंदिनी का निर्यात सिंगापुर, यूएई और कई अन्य देशों में किया जाता है। अमूल और केएमएफ विलय नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने कर्नाटक में सरकार के खिलाफ "झूठ फैलाने" के लिए कांग्रेस की आलोचना की। इस बीच, बेंगलुरु मिल्क यूनियन लिमिटेड (बामूल) ने कहा कि गर्मियों की शुरुआत के कारण राज्य में दूध उत्पादन में कमी आई है।

हालांकि, कर्नाटक स्टेट होटल्स एसोसिएशन (केएसएचए) ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में अमूल के पक्ष में नंदिनी उत्पादों की "कृत्रिम कमी" पैदा की गई है। बामूल के निदेशक पी नागराजू ने पीटीआई-भाषा को बताया, "राज्य में दूध उत्पादन लगभग 90 लाख लीटर प्रतिदिन से घटकर लगभग 75 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है, जिसके कारण कुछ लोगों को कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है।" केएसएचए के अध्यक्ष चंद्रशेखर हेब्बर ने आरोप लगाया, "अमूल के पक्ष में नंदिनी की कमी पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें यह पता चल गया है। नंदिनी घी, जो बेहतर गुणवत्ता का है, इन दिनों उपलब्ध नहीं है।"

एपी: दो महीने के लिए मछली पकड़ने पर प्रतिबंध

एपी: दो महीने के लिए मछली पकड़ने पर प्रतिबंध

इकबाल अंसारी 

अमरावती। आंध्र प्रदेश सरकार ने झींगा और मछली की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण और प्रजनन के मौसम को ध्यान में रखते हुए, राज्य के उस जल क्षेत्र में दो महीने के लिए मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो बंगाल की खाड़ी में आता है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि वार्षिक प्रतिबंध 15 अप्रैल से शुरू होगा और 14 जून तक चलेगा। कुल 61 दिनों की इस अवधि के दौरान सभी पंजीकृत, मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाली मशीनयुक्त और मोटर चालित नावों से मछली पकड़ने पर रोक होगी।

मत्स्य विभाग के अधिकारी ने एक बयान में कहा, “आदेश का मुख्य उद्देश्य बहुतायत में मिलने वाली झींगा और मछली की विभिन्न प्रजातियों के प्रजनन के मौसम के दौरान संरक्षण उपायों का पालन करना है। सभी मछुआरों से अनुरोध है कि वे समुद्री मछली पकड़ने पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन करें जैसा कि पिछले वर्षों में किया गया था।” उन्होंने कहा कि इस उपाय का उद्देश्य प्रतिबंध के बाद की अवधि में मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए बेहतर स्थिति प्रदान करना और भावी पीढ़ी के लिए मत्स्य संपदा को बनाए रखना है।

उल्लंघन करने पर मत्स्य विभाग दोषियों की नावों को जब्त कर लेगा और आंध्र प्रदेश समुद्री मत्स्य पालन विनियमन अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत भारी जुर्माना लगाएगा, जिसमें सब्सिडी वाले तेल की आपूर्ति और अन्य लाभों को रद्द करना शामिल है। प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए विभाग तटरक्षक बल, तटीय सुरक्षा पुलिस, नौसेना और राजस्व विभाग के साथ मिलकर दक्षिणी राज्य के तट पर गश्त लगा रहा है, जो भारत की दूसरी सबसे बड़ी तटरेखा है। 

2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया: समूह 

2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया: समूह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने सोमवार को 2019 से अपनी कंपनियों में बेची गई कुल 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया। समूह ने साथ ही यह भी बताया कि किस तरह इस राशि का 2.55 अरब डॉलर हिस्सा दोबारा व्यापार में लगाया गया। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे के जवाब में समूह ने यह जानकारी दी। राहूल गांधी ने आरोप लगाया था कि 'बेनामी कंपनियों' के जरिए समूह में 20,000 करोड़ रुपये आए हैं। समूह की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक अबू धाबी स्थित वैश्विक रणनीतिक निवेश इकाई इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) जैसे निवेशकों ने अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) जैसी समूह की कंपनियों में 2.593 अरब डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया।

प्रवर्तकों ने अडाणी टोटल गैस लिमिटेड और एजीईएल में हिस्सेदारी बेचकर 2.783 अरब डॉलर जुटाए। समूह ने कहा, ''इस राशि को नए कारोबार के विकास और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडाणी पावर लिमिटेड जैसी कंपनियों की वृद्धि को गति देने के लिए प्रवर्तक संस्थाओं ने दोबारा निवेश किया।'' बयान में अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन की एक रिपोर्ट का खंडन किया गया, जो स्पष्ट रूप से गांधी के बयान का आधार था। रिपोर्ट में सवाल किया गया था कि, ''अडाणी की बेनामी कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये अचानक कहां से आ गए।'' समूह ने कहा, ''हम समझते हैं कि अडाणी को गिराने की प्रतिस्पर्धी दौड़ ध्यान खींच सकती है। लेकिन, हम प्रतिभूति कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहे हैं और प्रवर्तक स्वामित्व तथा वित्तपोषण को लेकर चीजें बिल्कुल साफ है।''

अडाणी ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रवर्तकों ने नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी एजीईएल में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की दिग्गज कंपनी टोटल एनर्जी को बेचकर दो अरब डॉलर जुटाए। इससे पहले, उन्होंने शहरी गैस इकाई- अडानी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी उसी फ्रांसीसी कंपनी को 78.3 करोड़ डॉलर में बेची थी। टोटल एनर्जीज ने इस तरह के कुछ निवेश करने के लिए प्रवर्तकों की विदेशी निवेश कंपनियों को खरीदा।

विदेश में मिली धनराशि को समूह की कंपनियों में वापस लाया गया, जिसे कुछ लोग अब 'बेनामी कंपनियों' का नाम दे रहे हैं। बयान में कहा गया, ''इस राशि को प्रवर्तकों ने फिर से नए कारोबार के विकास के लिए निवेश किया।'' बयान में आगे कहा गया कि अडाणी की कंपनियों में प्रवर्तकों की पर्याप्त हिस्सेदारी है, जो समय के साथ बढ़ी है। ऐसा इक्विटी बिक्री के जरिए मिली राशि के निवेश की वजह से हुआ।

समूह ने कहा कि इन सभी लेन-देन की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी गई है। बयान के मुताबिक अडाणी परिवार ने हिस्सेदारी बिक्री से मिली राशि का इस्तेमाल एजीईएल के शेयर खरीदने के लिए किया। इसके अलावा एजीईएल को शेयरहोल्डर ऋण और अन्य प्रतिभूतियों के जरिए समर्थन भी दिया गया।

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

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