मंगलवार, 29 नवंबर 2022

बिना किसी लाइसेंस के 'मदिरा' परोसने पर कार्यवाही 

बिना किसी लाइसेंस के 'मदिरा' परोसने पर कार्यवाही 

हरिशंकर त्रिपाठी 

देवरिया। जिला आबकारी अधिकारी ने जनपद के सभी होटल, रेस्टोरेन्ट एवं बैंकेटहॉल स्वामियों एवं सर्व साधारण को जनहित में अवगत कराया है कि यदि किसी ऐसी पार्टी का आयोजन करना है। जिसमें मदिरा का उपभोग होना है, तो उसके लिए नियमानुसार अकेजनल बार (एफ0एल0-11) अनुज्ञापन प्राप्त किये जाने के उपरान्त ही मदिरा परोसी जाएं तथा अन्य प्राप्त की मदिरा किसी भी दशा में न परोसी जाएं।

यदि किसी होटल, रेस्टोरेन्ट एवं बैंकेटहॉल के मालिक द्वारा अपने प्रतिष्ठान में बिना किसी अकेजनल बार लाइसेंस के मदिरा परोसी जाती है या अन्य प्रान्त की मदिरा परोसी जाती है, तो उसके विरुद्ध आबकारी अधिनियम व आई.पी.सी. की धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।

आकाशगंगाओं के गुणों को निर्धारित करने में मदद 

आकाशगंगाओं के गुणों को निर्धारित करने में मदद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत के सारस रेडियो टेलीस्कोप ने वैज्ञानिकों को बिग बैंग के 20 करोड़ वर्ष बाद बनने वाली सबसे पुरानी रेडियो चमकीली आकाशगंगाओं के गुणों को निर्धारित करने में मदद की है। बिग बैंग की अवधि को कॉस्मिक डॉन के रूप में जाना जाता है। ये निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के समूह की नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं जिससे पूर्व की रेडियो युक्त आकाशगंगाओं के बारे में जानने का अवसर मिला है। ये रेडियो युक्त आकाशगंगाएं आमतौर पर अत्यंत विशालकाय ब्लैक होल से संचालित होती हैं।

बेंगलुरु स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) के सौरभ सिंह सहित वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहली पीढ़ी की आकाशगंगाओं के ऊर्जा उत्पादन, चमक और द्रव्यमान का अनुमान लगाया, जो रेडियो तरंग दैर्ध्य के साथ प्रकाशमान हैं। आरआरआई में डिजाइन और विकसित किए गए स्वदेशी शेप्ड एंटीना मीजरमेंट ऑफ द बैकग्राउंड रेडियो स्पेक्ट्रम 3 (सारस) टेलीस्कोप को 2020 की शुरुआत में उत्तरी कर्नाटक में दंडिगनहल्ली झील और शरावती नदी के पास तैनात किया गया था। 

आरआरआई के अलावा, ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईआरओ) के अनुसंधानकर्ताओं ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय और तेल अवीव विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ रेडियो तरंग दैर्ध्य के कारण चमकीली आकाशगंगाओं की पहली पीढ़ी के ऊर्जा उत्पादन, चमक और द्रव्यमान का अनुमान लगाने के लिए अध्ययन में भाग लिया। वैज्ञानिकों ने लगभग 1420 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति पर उत्सर्जित आकाशगंगाओं में और उसके आसपास हाइड्रोजन परमाणुओं से विकिरण देखा।

पहली बार दो ईसाई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला 

पहली बार दो ईसाई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला 

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/अहमदाबाद। गुजरात की व्यारा विधानसभा सीट पर पहली बार दो ईसाई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने इस सीट पर ईसाई उम्मीदवार उतारे हैं। इस सीट से गुजरात को अमरसिंह चौधरी के रूप में पहला मुख्यमंत्री मिला था। कांग्रेस ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से अपने मौजूदा विधायक पूनाभाई गामित को टिकट दिया है, तो वहीं भाजपा ने चार बार से विधायक गामित से मुकाबले के लिए पहली बार ईसाई उम्मीदवार मोहन कोंकणी को मैदान में उतारा है।

गामित का कहना है कि ईसाई मतदाता फिर से कांग्रेस को वोट देंगे, जबकि कोंकणी का दावा है कि राज्य में भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास के कारण लोग उनकी पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कमजोर वर्गों को साथ लेकर चलने के कांग्रेस के दृष्टिकोण ने जनजातीय बहुल सीटों पर जीत हासिल करने में उसकी मदद की है, जबकि इस विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक पहलुओं को देखते हुए भाजपा को जीत हासिल करने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है। 

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली और दक्षिण गुजरात के जनजातीय बहुल तापी जिले में स्थित व्यारा सीट पर कुल 2.20 लाख मतदाताओं में से लगभग 40,000 यानि 20 प्रतिशत ईसाई हैं। अधिकांश ईसाई गामित, चौधरी और कोंकणी जनजाति समुदायों से परिवर्तित हुए हैं। एक दिसंबर को पहले चरण में इस सीट पर मतदान होना है। कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरसिंह चौधरी ने 1972 से 1985 के बीच चार बार इस सीट पर जीत हासिल की थी। साल 1985 में वह राज्य के पहले और अब तक के एकमात्र जनजातीय मुख्यमंत्री बने थे। 

समाज शास्त्री गौरांग जानी ने कहा कि कमजोर समुदायों को साथ लेकर चलने के अपने दृष्टिकोण के कारण जनजातीय सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली है, जिससे भाजपा को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि इस क्षेत्र में जनजातीय समुदायों का धर्मांतरण करके ईसाई धर्म अपनाना लंबे समय से जारी है, जिससे इसके सामाजिक समीकरण जटिल हो गए हैं।

खड़गे को फ्रिंज कहा, दलित विरोधी विषवमन किया

खड़गे को फ्रिंज कहा, दलित विरोधी विषवमन किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने उसके (कांग्रेस के) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को फ्रिंज (अराजक) कहकर दलित विरोधी विषवमन किया है। जो भाजपा की मानसिकता को दिखाता है। दरअसल, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख मालवीय ने खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कथित तौर पर रावण से किए जाने को लेकर उन पर निशाना साधा था। 

इसके बाद कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा और सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने मालवीय पर पलटवार किया। खेड़ा ने मालवीय के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, वे (भाजपा) इस तथ्य को पचा क्यों नहीं पा रहे हैं कि एक दलित कांग्रेस का निर्वाचित अध्यक्ष बन गया? उन्हें फ्रिंज’ कहना यह दिखाता है कि आप और आपकी पार्टी दलितों के बारे में क्या सोचती है? 

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, आपके पास यह दुस्साहस है कि एक वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले और पिछले 55 वर्षों से चुनाव जीत रहे व्यक्ति को फ्रिंज कहा जाए। हमें कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर खरगे जी पर गर्व है। उन्होंने कहा, अब समय है कि आप लोग दलित विरोधी विषवमन बंद करिए। आपकी और फर्जी खबरें फैलाने वाली आपकी ब्रिगेड फ्रिंज है। 

इससे पहले, मालवीय ने खरगे के एक भाषण से जुड़ा वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, गुजरात चुनाव में मुकाबला करने में असमर्थ रहने के बाद अब फ्रिंज तक पहुंच चुके, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शब्दों पर अपना नियंत्रण खो बैठे और प्रधानमंत्री को रावण कह दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौत का सौदागर से लेकर रावण तक, कांग्रेस गुजरात और उसके बेटे का अपमान करना जारी रखे हुए है।

प्राकृतिक गैस पर 5 साल के लिए मूल्य सीमा लागू होगी 

प्राकृतिक गैस पर 5 साल के लिए मूल्य सीमा लागू होगी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस पर पांच साल के लिए मूल्य सीमा लागू की जा सकती है। सरकार द्वारा किरीट पारेख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की है। सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को चार डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) के न्यूनतम मूल्य और 8.57 डॉलर की मौजूदा दर के मुकाबले अब अधिकतम 6.5 डॉलर का भुगतान किया जाएगा। मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

हालांकि, मुश्किल क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को नहीं बदला जाएगा। मूल्य निर्धारण की यह व्यवस्था रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के केजी-डी6 क्षेत्र और ब्रिटेन की इसकी भागीदार बीपी पीएलसी के मुश्किल क्षेत्रों पर लागू होती है। पारेख समिति को भारत में गैस-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बाजार-उन्मुख, पारदर्शी और भरोसेमंद मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया था। समिति को यह भी तय करना था कि अंतिम उपभोक्ता को उचित मूल्य पर गैस मिले।

उन्होंने कहा कि न्यूनतम और नियंत्रित मूल्य पांच साल के लिए होगा और इसकी हर साल समीक्षा की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कीमतें उत्पादन लागत से नीचे नहीं गिरेंगी, जैसा कि पिछले साल हुआ था। या मौजूदा दरों की तरह रिकॉर्ड ऊंचाई तक भी नहीं बढ़ेंगी। सूत्रों ने कहा कि समिति की सिफारिशों के आधार पर खोज और उत्पादन (ईएंडपी) में निवेश की चिंताओं को भी दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार आधारित मूल्य निर्धारण से नए निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और वैश्विक कंपनियां यहां आएंगी। 

सूत्रों ने कहा कि गैस के आवंटन में शहरी गैस को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलेगी। यह क्षेत्र शून्य कटौती श्रेणी में होगा, जिसका अर्थ है कि उत्पादन में गिरावट के मामले में पहले अन्य उपभोक्ताओं की आपूर्ति में कटौती की जाएगी। योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है और इसे अगले कुछ दिनों में सरकार को सौंप दिया जाएगा। पेट्रोलियम मंत्रालय इन सिफारिशों की समीक्षा के बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजेगा।

आप पर निशाना साधा, फसली बटेर की संज्ञा दी: नड्डा 

आप पर निशाना साधा, फसली बटेर की संज्ञा दी: नड्डा 

इकबाल अंसारी 

दाहोद। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए उन्हें फसली बटेर की संज्ञा दी और जनता को ऐसे दलों से सतर्क रहने की सलाह दी। जनजातीय बहुल दाहोद जिले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 सालों में जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया जबकि भाजपा सरकारों ने इसके लिए अनेकों काम किए और समुदाय विशेष के लोगों को राष्ट्रपति, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री तक बनाया है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आप ऐसी पार्टियां हैं जो सिर्फ चुनावों में दिखती हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाती हैं। लेकिन चुनाव के बाद अगर कोई सेवा के लिए बचता है तो भाजपा के कार्यकर्ता बचते हैं। उन्होंने कहा, गुजरात में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने आई थी लेकिन अब इसका आकार भी बचेगा या नहीं... ये तो आठ तारीख (मतगणना) के बाद ही पता चलेगा। ये चकमा देने वाले लोग हैं, इन फसली बटेरों से आपको सतर्क रहना है।

सातवें ‘ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट’ को संबोधित किया 

सातवें ‘ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट’ को संबोधित किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को कहा कि अगले दशक में डिजिटल कॉमर्स के लिए मुक्त नेटवर्क (ओएनडीसी) जैसे कदमों की वजह से भारत में ‘महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियां’ देखने को मिलेगी।नीलेकणि ने कार्नेगी इंडिया की तरफ से यहां आयोजित सातवें ‘ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट’ को संबोधित करते हुए कहा कि अगले एक दशक में भारत में व्यापक आधार वाली, समावेशी एवं लोकतांत्रिक आर्थिक गतिविधियां देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा मौजूदा समय में घटित हो रहे तीन बदलावों के कारण होगा।

नीलेकणि ने इसका ब्योरा देते हुए कहा, ‘‘इस समय तीन बड़ी चीजें घटित हो रही हैं। जिनका अगले दशक में भारत पर प्रभाव पड़ेगा। पहला ओएनडीसी, दूसरा खाता एग्रीगेटर नेटवर्क और तीसरा लॉजिस्टिक क्षेत्र में जीएसटी, फास्टैग एवं ई-वे बिल के कारण आ रहे बदलाव हैं।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि वस्तुओं एवं सेवाओं के आदान-प्रदान से जुड़े सभी पहलुओं के लिए एक मुक्त मंच के तौर पर गठित किया जा रहा ओएनडीसी जल्द शुरू होगा।

ओएनडीसी के माध्यम से लाखों छोटे आपूर्तिकर्ता अपने उत्पादों की बिक्री इस इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर कर पाएंगे। इसके अलावा छोटे विक्रेताओं को अपना कारोबार समावेशी बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इन्फोसिस के चेयरमैन ने कहा कि खाता एग्रीगेटर नेटवर्क की संकल्पना भी बुनियादी बदलाव लाने वाली है। इसके पीछे डेटा का सृजन करने वाले लोगों को ही इसका इस्तेमाल करने की छूट देने का विचार है।

इस तरह व्यक्ति एवं छोटे कारोबार तमाम सेवाओं तक पहुंच हासिल करने के लिए डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘खाता एग्रीगेटर नेटवर्क में एक सहमति प्रबंधक आपकी तरफ से आपसे संबंधित आंकड़े विभिन्न सेवा प्रदाताओं से हासिल करता है और फिर उसे अलग-अलग लाभ के लिए दूसरों को बढ़ा देता है। इससे कर्ज बांटने एवं अन्य वित्तीय सेवाओं की प्रक्रिया बुनियादी तौर पर अधिक लोकतांत्रिक होने जा रही है।’’

नीलेकणि ने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र में हो रहे बदलावों का भी आने वाले दशक में व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी, फास्टैग एवं ई-वे बिल जैसे कदमों से लॉजिस्टिक क्षेत्र में बदलाव हो रहा है और अब राजमार्गों पर गाड़ियों एवं सामान का आवागमन अधिक सरल हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने आधार कार्ड रखने वाले नागरिकों की संख्या बढ़कर 130 करोड़ हो जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इस ऑनलाइन पहचान व्यवस्था का इस्तेमाल देशभर में कहीं भी किया जा सकता है। आधार पहचान संख्या जारी करने की शुरुआत नीलेकणि के इस परियोजना का प्रमुख रहते समय ही हुई थी।

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...