रविवार, 29 मई 2022

देश की पहली आरआरटीएस ट्रेन चलाने का लक्ष्य

देश की पहली आरआरटीएस ट्रेन चलाने का लक्ष्य 

अकांशु उपाध्याय/अश्वनी उपाध्याय 
नई दिल्ली/गाजियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन पर मार्च 2023 तक देश की पहली आरआरटीएस ट्रेन चलाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एनसीआरटीएस तेजी से कार्य कर रहा है। इस कॉरिडोर पर चलने वाली आरआरटीएस ट्रेनें गुजरात के सावली से जल्द गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो पहुंचेंगी। दुहाई डिपो में इनके लिए ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं और ट्रेन की टेस्टिंग के लिए भी पूरी तैयारी है। आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए दुहाई डिपो में ही प्रशासनिक भवन बनाया गया है।
17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई आरआरटीएस स्टेशन और दुहाई डिपो हैं। आरआरटीएस ट्रेनों के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन बनाई जा रही हैं, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है।
स्टेबलिंग लाइनों का प्रयोग ट्रेनों के खड़ा करने के लिए किया जाता है। वर्कशॉप लाइनों पर ट्रेनों के रख रखाव और तकनीकी खराबियों को ठीक किया जाता है। आईबीएल लाइनें ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए बनाई जाती हैं और हेवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन पर ट्रेनों के भीतर की सफाई की जाती है।
आरआरटीएस ट्रेनों को जनता के लिए ऑपरेशनल करने से पहले इसकी कई प्रकार की टेस्टिंग की जाती है। साथ ही सिग्नलिंग, रोलिंग स्टॉक और सतत विद्युत सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इसे कई प्रक्रियाओं द्वारा जांचा-परखा जाता है। सभी प्रक्रियाओं की सफल टेस्टिंग के बाद प्री-ऑपरेशनल ट्रायल होता है, जिसमें सफल होने के बाद ही ट्रेन को यात्रियों के लिए ऑपरेशनल किया जाता है।
दुहाई डिपो में ट्रेनों के लिए रूफ शेड लगाने, अंडरपास और बाउंड्री वॉल के निर्माण समेत अन्य कई कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसके साथ ही ट्रेनों के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए ओएचई लगाने का काम जल्द शुरू होने वाला है। डिपो में ओएचई लगाने के लिए पोल और केंटीलिवर लगाए जा चुके हैं। जल्द ही पूरा डिपो ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगा।
इसके साथ ही दुहाई आरआरटीएस स्टेशन को दुहाई डिपो से जोड़ने वाले वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। इस वायाडक्ट के पूरा होने के साथ ही ट्रेनों के लिए डिपो से बाहर निकलने के लिए लाइन तैयार हो जाएगी। वहीं प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रैक बिछाने और ओएचई लगाने का कार्य भी प्रगति पर है।

लिपुलेख-लिंपियाधुरा व कालापानी का मुद्दा उठाया

लिपुलेख-लिंपियाधुरा व कालापानी का मुद्दा उठाया 

सुनील श्रीवास्तव
काठमांडू। नेपाल ने उत्तराखंड के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी का मुद्दा फिर उठाया है। अब प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भी इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया। कहा कि इस मामले में नेपाल का रुख पूरी तरह दृढ़ है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में भी नेपाल इन क्षेत्रों पर अपना दावा कर चुका है।
देउबा ने कहा कि हमारा देश तटस्थ विदेश नीति पर चलता रहा है। नेपाल सरकार ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सामने रखा है। पड़ोसियों और अन्य देशों से जुड़े मुद्दों में हम आपसी लाभ की नीति पर चलते हैं। सरकार अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है। देउबा ने कहा, सीमा का मुद्दा एक संवेदनशील मामला है। हम समझते हैं कि इन मुद्दों का समाधान संवाद के माध्यम से निकाला जा सकता है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हम राजनयिक चैनलों के जरिये प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने चाल चलते हुए 20 मई 2020 को कैबिनेट में नए नक्शे को पेश किया था। जिसे नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसमें भारत के कालापानी, लिपु लेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। वहीं भारत ने इसका विरोध करने के लिए नेपाल को एक डिप्लोमेटिक नोट भी सौंपा था। इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल के नए नक्शे को एतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ भी करार दिया था।
नेपाल के इस कदम से भारत के साथ उसके रिश्‍तों पर गहरा असर पड़ रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि इस सीमा विवाद का हल बातचीत के माध्यम से निकालने के लिए आगे बढ़ना होगा। इसके बाद नेपाल ने पिथौरागढ़ से सटे बॉर्डर पर बरसों पुराने एक रोड प्रोजेक्‍ट को शुरू करवा दिया। यह रोड रणनीतिक रूप से अहम है और उसी इलाके में है जहां पर नेपाल अपना कब्‍जा बताता रहा है।


31 को जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर, सभा की जाएगी

31 को जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर, सभा की जाएगी 

नरेश राघानी  
उदयपुर। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ वामपंथी दलों द्वारा आगामी 31 मई को यहां जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर सभा की जाएगी। माकपा के जिला सचिव राजेश सिंघवी ने बताया कि जिला कलेक्ट्री, उदयपुर पर प्रदर्शन और सभा के पूर्व टाउन हाल से रेली निकलेगी, जो देहली गेट होते हुए कलेक्ट्री पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि बढ़ती महंगाई से लोगों पर अभूतपूर्व बोझ पड़ा है। 
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 70 प्रतिशत सब्जियों में 20 प्रतिशत खाना पकाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज की कीमतों में आठ प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

'मन की बात' कार्यक्रम के चलते, देश को संबोधित किया

'मन की बात' कार्यक्रम के चलते, देश को संबोधित किया

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के चलते देश को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, हाल ही में देश ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है। जो हम सभी को प्रेरित करती है। आप लोग क्रिकेट के मैदान पर किसी बैट्समैन की सेंचुरी सुनकर खुश होते होंगे, लेकिन भारत ने एक और मैदान में सेंचुरी लगाई है। इस महीने 5 तारीख को देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच चुकी है।
एक यूनिकॉर्न यानी कम से कम साढ़े 7 हजार करोड़ का स्टार्टअप होता है। इन यूनिकॉर्न्स का कुल वैल्युएशन 25 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। ये बात हर भारतीय के लिए गर्व करने की बात है।
पीएम मोदी ने कहा कि, इंडियन यूनिकॉर्न्स का एनुअल ग्रोथ रेट यूएसए, यूके और अन्य कई देशों से भी ज्यादा है। जानकारों का ये भी कहना है कि आने वाले समय में इसमें तेज उछाल देखने को मिलेगी। हमारे यूनिकॉर्न्स अलग-अलग क्षेत्रों के हैं। स्टार्टअप की दुनिया न्यू इंडिया की स्प्रिट को बढ़ा रही है। देश में लगातार स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ रही है।

नई गाइडलाइन में सिर्फ मास्क्ड आधार ही शेयर करें

नई गाइडलाइन में सिर्फ मास्क्ड आधार ही शेयर करें 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। केंद्र ने देश की जनता को अलर्ट किया। अगर आप भी अपने आधार कार्ड को कहीं देने में लापरवाही बरतते हैं, या बेफिक्र तरीके से इसकी कॉपी शेयर करते हैं, तो आपको सरकार की इस चेतावनी पर गौर करना चाहिए। सरकार ने अपनी नई गाइडलाइन में लोगों से सिर्फ मास्क्ड आधार ही शेयर करने के लिए कहा है।
हो सकता है आधार का गलत इस्तेमाल...
सरकार का कहना है कि लोगों को किसी संस्थान को आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसकी जगह आप मास्क्ड आधार का उपयोग कर सकते हैं।
जानें क्या होता है मास्क्ड आधार...
मास्क्ड आधार में आपकी 12 डिजिट की पूरी आधार संख्या नहीं दिखाई देती है। बल्कि इसमें आधार संख्या के सिर्फ आखिरी चार अंक ही दिखाई देते हैं। इसे आप ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं।
गैर-लाइसेंसी नहीं रख सकते आपका आधार
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने नोटिस में ये भी साफ किया है कि गैर-लाइसेंसी प्राइवेट इकाइयां आपका आधार कलेक्ट नहीं कर सकती हैं, ना ही उसे अपने पास रख सकती हैं। इसमें बिना लाइसेंस वाले होटल और सिनेमा हॉल शामिल हैं ।केवल ऐसे प्राइवेट संस्थान ही आपके आधार कार्ड की कॉपी कलेक्ट कर सकते हैं।
जिन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से आधार के लिए यूजर लाइसेंस वाले होटल और सिनेमा हॉल शामिल हैं। केवल ऐसे प्राइवेट संस्थान ही आपके आधार कार्ड की कॉपी कलेक्ट कर सकते हैं जिन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से आधार के लिए यूजर लाइसेंस हासिल किया है।
साइबर कैफे से नहीं करें डाउनलोड
सरकार ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे अपने आधार की कॉपी को पब्लिक कंप्यूटर या साइबर कैफे से डाउनलोड नहीं करें। अगर वो ऐसा करते हैं तो ये सुनिश्चित करें कि आधार की डाउनलोड की कई सभी कॉपी को परमानेंट डिलीट कर दिया है।
आधार कार्ड को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है।
ये एक 12 डिजिट का एक न्यूमेरिक कोड होता है, जिसे आधार संख्या कहा जाता है। ये मूलत आपकी बायोमीट्रिक पहचान सुनिश्चित करने के लिए उपयोग किया जाता है। भारत सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार संख्या अनिवार्य है। वहीं इसके माध्यम से डिजिटल पेमेंट आधार पे भी हो सकता है।

भड़काऊ नारेबाजी, नेता को गिरफ्तार किया

भड़काऊ नारेबाजी, नेता को गिरफ्तार किया  

इकबाल अंसारी  
तिरुवनंतपुरम। केरल के अलप्पुझा जिले में हाल में आयोजित एक मार्च के दौरान एक नाबालिग लड़के के द्वारा कथित रूप से भड़काऊ नारेबाजी किये जाने के संबंध में रविवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक नेता को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले में याहया थांगल की गिरफ्तारी की पुष्टि की। थांगल को इसलिये गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह उस कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल था, जिसमें कथित रूप से नारेबाजी की गई।
थांगल ने शनिवार को केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अभी कोई कार्रवाई नहीं की है क्योंकि इस पर उच्च न्यायालय को संज्ञान लेना है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी तरफ से मामले में कार्रवाई शुरू नहीं कर सकती। पुलिस शनिवार को नाबालिग लड़के के पिता को गिरफ्तार कर चुकी है। गौरतलब है कि 21 मई को पीएफआई ने ‘गणतंत्र बचाओ’ रैली निकाली थी, जिसके एक वीडियो में एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे नाबालिग लड़के को कथित रूप से आपत्तिजनक नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

धर्मांतरण के लिए मजबूर करना, कतई बर्दाश्त नहीं

धर्मांतरण के लिए मजबूर करना, कतई बर्दाश्त नहीं  

इकबाल अंसारी  
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य में लोगों को ईसाई धर्म अपनाने का लालच देने के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार किए गए पादरी के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत से संबंधित मामला भी शामिल है। सावंत ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का पूरा सम्मान करती है, लेकिन लोगों को धन या दूसरी चीजों का लालच देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किए जाने को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि राजधानी पणजी से लगभग 20 किलोमीटर दूर उत्तरी गोवा के सालिगांव में सक्रिय पादरी डॉमिनिक डिसूजा और उनकी पत्नी जोआन को दो लोगों द्वारा अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। 
इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि दोनों धर्मांतरण में शामिल रहे हैं। अधिकारी ने कहा था कि पादरी और उनकी पत्नी कथित रूप से धन की पेशकश करके या बीमारी का इलाज कराने का लालच देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते थे।
सावंत ने कहा कि पहले भी डिसूजा द्वारा कथित रूप से जबरन धर्मांतरण कराए जाने के मामले पुलिस की नजर में आए थे। उन्होंने कहा कि पादरी के खिलाफ एक व्यक्ति की मौत के सिलसिले में भी मामला दर्ज किया गया था, जिसे उन्होंने कथित ‘चमत्कारी तेल’ लगाया था। सावंत ने कहा कि पादरी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की गई है और मामले की जांच जारी रहेगी।
पुलिस ने पादरी और उनकी पत्नी के खिलाफ धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने तथा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कृत्यों में लिप्त होने संबंधी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के अलावा औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

आयुर्वेद की प्रभावशीलता, लोकप्रियता बढ़ाने का आह्वान

आयुर्वेद की प्रभावशीलता, लोकप्रियता बढ़ाने का आह्वान 

मनोज सिंह ठाकुर
उज्जैन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को आयुर्वेद विशेषज्ञों से रोगों के उपचार एवं महामारी विज्ञान के नए-नए क्षेत्रों में आयुर्वेद की प्रभावशीलता एवं लोकप्रियता को बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत के गांवों में आज भी पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं और अभी भी किसी अन्य चिकित्सा पद्धति ने इसका स्थान नहीं लिया है।
उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें महाधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, सचमुच में भारत गांवों का देश है और गांवों में जो पारंपरिक चिकित्सा की व्यवस्था है, वह आज भी आयुर्वेदिक ही है। इसका विकल्प अभी भी किसी भी अन्य चिकित्सा पद्धति में नहीं है। किसी भी चिकित्सा पद्धति ने इसका स्थान अ​भी तक नहीं लिया है।उन्होंने कहा, अनुसंधान से जुड़े हुए लोगों से अपेक्षा है कि रोगों के उपचार एवं महामारी विज्ञान के नए-नए क्षेत्रों में आयुर्वेद की प्रभावशीलता और लोकप्रियता को बढ़ाया जाए। कोविंद ने कहा, विश्व भर में अनेक चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं। परंतु आयुर्वेद इनमें सबसे अलग है। आयुर्वेद का अर्थ है ‘साइंस ऑफ लाइफ’ अर्थात आयु का विज्ञान।
उन्होंने कहा, विश्व में प्रचलित अनेक चिकित्सा पद्धतियों के साथ पैथी शब्द जुड़ा होता है। पैथी अर्थात रोग हो जाने पर उसका उपचार करने की पद्धति।
लेकिन आयुर्वेद में स्वास्थ्य रक्षा अर्थात रोग के उपचार के साथ-साथ रोग निवारण पर भी बल दिया जाता है। रोग का मूल कारण ढूंढ़ करके उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है। ऐसे सर्वहितकारी आयुर्वेद का परंपरागत ज्ञान हमारे पास है। यह हम सबका सौभाग्य है।कोविंद ने आगे कहा, लेकिन आज का समय शोध और अनुसंधान का, प्रमाणन का और गुणवत्ता का समय है। यह समय आयुर्वेद के लिए ज्ञान को अधिक गहराई से समझने, वैज्ञानिक कसौटी पर कसकर खरा उतरने का तथा वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी विश्व को देने का है। ये हम सबके लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है और मुझे विश्वास है कि आप सब लोग मिलकर इस चुनौती को स्वीकारेंगे और इसमें प्रगति करेंगे।
उन्होंने कहा कि ये जानकर गौरव होता है कि मॉरिशस सहित विश्व के लगभग 20 देशों में आयुर्वेद में अनुसंधान किया जा रहा है। कोविंद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए अनेक उपाय किए गए हैं, लेकिन वर्ष 2014 में पृथक आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद इस कार्य में और तेजी आई है। उन्होंने आशा जताई कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चिकित्सा सुविधाओं को प्रदेश में लगातार संबल मिलता रहेगा और यह प्रदेश आयुर्वेद चिकित्सा का गंतव्य बनेगा।

भारतीय सीमा में घुसा पाकिस्तानी ड्रोन, मार गिराया

भारतीय सीमा में घुसा पाकिस्तानी ड्रोन, मार गिराया

इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव  
श्रीनगर/इस्लामाबाद। जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में घुसने के कुछ ही देर बाद एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया गया‌। जिस पर सात मैग्नेटिक बम एवं इतने ही यूबीजीएल ग्रेनेड थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह घटना दक्षिण कश्मीर हिमालय में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले हुई है। इस यात्रा से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जम्मू), मुकेश सिंह ने बताया कि पुलिस तलाशी दल ने सुबह राजबाग थाना क्षेत्र के तल्ली हरिया चक इलाके में सीमा पर एक ड्रोन की गतिविधि देखी और उस पर गोलियां चलायी, तब वह नीचे गिर गया। सिंह ने बताया कि इस ड्रोन पर लादे गये सामानों की जांच के लिए बुलाये गये बम निरोधक दस्ते को सात मैग्नेटिक बम और सात ‘अंडर बैरल ग्रेनेडल लांचर’ (यूबीजीएल) मिले।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि दरअसल सीमापार से बार-बार ड्रोन की गतिविधियां होने के चलते पुलिस तलाशी दल नियमित रूप से उस क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं। इस संघशासित प्रदेश में 30 जून से 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से शुरू होने वाली है।

'नीट एमडीएस 2022' का परिणाम जारी किया

'नीट एमडीएस 2022' का परिणाम जारी किया 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। जिन छात्रों ने नीट एमडीएस 2022 की परीक्षा दी थी, उनका इंतजार अब खत्म हो गया है। दरअसल नेशनल बोर्ड एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने नीट एमडीएस 2022 का परिणाम जारी कर दिया है। अभ्यर्थी अपने नतीजे ऑफिशियल साइट और nbe.edu.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। उम्मीदवार अपने स्कोर कार्ड ऑफिशियल साइट पर जारी हो जाने के बाद डाउनलोड कर सकेंगे। बता दें इस परीक्षा का आयोजन 2 मई 2022 को किया गया था। परीक्षा का आयोजन एक शिफ्ट में हुआ था, ये परीक्षा सुबह 09 बजे शुरू हुई थी जो कि 12 बजे तक चली थी।
नीट एमडीएस 2022 के परिणाम के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को अब 50% अखिल भारतीय कोटा सीटों, 50% राज्य कोटा सीटों, डीम्ड/केंद्रीय विश्वविद्यालयों, ईएसआईसी और निजी विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली 6,501 एमडीएस सीटों पर प्रवेश प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक वर्ग के लिए नीट एमडीएस 2022 पर्सेंटाइल स्कोर का कटऑफ रिजल्ट के साथ ही जारी होगा। अभ्यर्थी किसी भी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल साइट की मदद ले सकते हैं।
 ऑफिशियल वेबसाइट natboard.edu.in पर जाएं। इसके बाद उम्मीदवार होमपेज पर “एनईईटी-एमडीएस 2022 का परिणाम” के लिंक पर क्लिक करें। अब आपकी स्क्रीन पर एक अधिसूचना प्रदर्शित होगी। इस अधिसूचना में दिए गए लिंक पर क्लिक करें। अब उम्मीदवार भविष्य के लिए उसी की हार्ड कॉपी अपने पास रख लें।

बनर्जी को अब न्याय पालिका पर भी भरोसा नहीं

बनर्जी को अब न्याय पालिका पर भी भरोसा नहीं  

मिनाक्षी लोढी   
कोलकाता। कोयला घोटाला मामलें में सीबीआई जांच दायरे में आए सीबीआई जांच से पेरशान तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को अब न्याय पालिका पर भी भरोसा नहीं रहा। उन्होंने न्याय पालिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अभिषेक बनर्जी द्वारा न्याय पालिका पर गंभीर आरोप लगाए जाने पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने उन्हें जमकर लताड़ा।
दरअसल अभिषेक बनर्जी ने पूर्वी मिदनापुर जिला में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि न्यायपालिका का एक छोटा सा हिस्सा गुलाम बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच का आदेश दे रहा है। बनर्जी ने हल्दिया के बंदरगाह शहर में कहा कि मुझे यह कहते हुए शर्म आती है कि न्यायपालिका का एक बहुत छोटा हिस्सा मिनियन बन गया है। एक या दो व्यक्ति समझ के साथ काम कर रहे हैं। सभी नहीं, केवल एक प्रतिशत। वे हर मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे रहे हैं। वे हत्या की चल रही जांच पर भी रोक लगाने का आदेश दे रहे हैं। क्या आपने कभी इस बारे में सुना है। आप हत्या की जांच पर रोक लगाने का आदेश नहीं दे सकते। उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अभिषेक बनर्जी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने यह आरोप क्यों लगाया कि न्यायपालिका का एक हिस्सा निर्देशों के तहत काम कर रहा था, लेकिन यह स्पष्ट था कि वह परोक्ष रूप से इस तथ्य की ओर इशारा कर रहे थे कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत सीबीआई द्वारा 272 मामलों की जांच की जा रही है। इनमें से अधिकांश मामलों में राजनीतिक हिंसा शामिल है जो टीएमसी के 2021 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हुई थी।
उन्होंने कोयला तस्करी मामले का उल्लेख किए बिना प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें भेजे गए समन  का भी उल्लेख किया, जिसमें वह और उनकी पत्नी रुजीरा संदिग्ध हैं। सीबीआई ने उनसे पिछले साल पूछताछ की थी। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सीबीआई और ईडी लगातार मुझे निशाना बना रहे हैं लेकिन मैंने उनके सामने अपना सिर नहीं झुकाया है। मैं किसी एजेंसी या जांच से नहीं डरता। ईडी ने मुझे दो बार दिल्ली बुलाकर परेशान करने की कोशिश की। मैं कभी किसी एजेंसी से नहीं भागा। मैंने उनसे कहा कि अगर वे मुझसे पूछताछ करना चाहते हैं, तो उन्हें बंगाल आना चाहिए। मैं इस मिट्टी का पुत्र हूं। मैं सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टीएमसी नेता और उनकी पत्नी को दिल्ली में ईडी के सामने पेश होने से राहत दी और एजेंसी को कोलकाता में दंपति से पूछताछ करने का आदेश दिया।
बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा टीएमसी ने न्यायपालिका को उसी तरह निशाना बनाया है जिस तरह से उसने सभी संस्थानों और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा,  “यह कहना कि वह न्यायपालिका के एक प्रतिशत या एक या दो न्यायाधीशों की बात कर रहे थे, कोई फर्क नहीं पड़ता। यह कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ थी जिसने अपने आदेश (चुनाव के बाद की हिंसा के मामले में) में कहा था कि बंगाल अपने स्वयं के कानून द्वारा चलाया जा रहा है।
 प्रख्यात वकील और माकपा के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि बनर्जी का बयान अदालत की अवमानना के समान है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना है। न्यायपालिका के प्रति अनादर दिखाया गया है। केवल टीएमसी नेता ही ऐसी चीजों के लिए सक्षम हैं। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी अपनी पार्टी के नेताओं को न्यायपालिका को निशाना बना रही हैं क्योंकि वह ऐसा नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि टीएमसी नेता पार्टी के खिलाफ जाने वाले फैसलों को स्वीकार नहीं कर सकते। अभिषेक बच्चा है। ममता बनर्जी ये बयान क्यों नहीं दे रही हैं। हल्दिया की बैठक में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर भी निशाना साधा। उन्होंने खुद को सीबीआई जांच से बचाने के लिए कैंप बदलने का आरोप लगाया।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-233, (वर्ष-05)
2. सोमवार, मई 30, 2022
3. शक-1944, ज्येष्ठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अमावस्या, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-40+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...