बुधवार, 4 मई 2022

जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे सिंह

जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे सिंह  

रोशनी पांडेय     

मुरादाबाद। जिला अस्पताल में बुधवार को हड़कंप मच गया। जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, मुरादाबाद मंडल प्रभारी एवं जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अचानक जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। जल शक्ति मंत्री के औचक निरीक्षण से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जिला अस्पताल के एल टू कोविड-19 अस्पताल का निरीक्षण किया, उसके बाद जिला अस्पताल के वार्ड में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना, साथ ही मरीजों से जानकारियां भी हासिल की।

इस दौरान कई मरीजों ने अपनी समस्याओं को भी जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष रखा। बता दे कि जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मुरादाबाद भ्रमण कार्यक्रम पर आए हुए हैं। बुुधवार सुबह उन्होंने सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उसके बाद अचानक वह जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के अचानक जिला अस्पताल के निरीक्षण से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जिला अस्पताल में पहुंचकर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने एल टू कोविड अस्पताल में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उसके बाद जिला अस्पताल के सभी वार्डों का निरीक्षण किया‌। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों से हाल-चाल जाना और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जानकारी ली। 

इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल का निरीक्षण किया है देखा है तैयारी क्या है ? कोविड हॉस्पिटल को लेकर बाकी व्यवस्था क्या है यहां पर देखा है। योगी के कार्यकाल की 5 साल की सरकार चल रही है, यहां की व्यवस्था हमें चुस्त दुरुस्त दिखी, पूरी तैयारी है सीएमओ की तरफ से और जो जो कमियां थी, उन कमियों के निस्तारण के लिए आश्वस्त किया है, सीएमओ साहब ने। हमने कुल मिलाकर मरीजों से भी पूछा मरीज के तीमारदारों से भी पूछा लोगों ने कहा कि नहीं अच्छा इलाज योगी सरकार में मिल रहा है, और ठीक ढंग से व्यवस्था हो रही है,बाकी जो कमियां रही है उसके लिए आग्रह सीएमओ साहब से किया गया है, उस समस्या का समाधान होगा। 

 शासन में सत्ता और सरकार जो है, एक मिशन है। राजनीतिक व्यापार नहीं है, राजनीति मिशन है। गरीब लोगों की सेवा के लिए सरकार बनती है, गरीब घर की खुशहाली के लिए सरकार बनती है‌।इसी कारण सरकार बनने के बाद मान्य मुख्यमंत्री जी एवं मंत्री सब सड़क पर हैं।

डेढ़ करोड़ रुपये की कीमत का घर कुर्क: कार्रवाई

डेढ़ करोड़ रुपये की कीमत का घर कुर्क: कार्रवाई 

सत्येंद्र पंवार
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में फिर से बड़ी कार्रवाई हुई है। यहां ड्रग्स माफिया तस्लीम का डेढ़ करोड़ रुपये की कीमत का घर लालकुर्ती पुलिस ने कुर्क कर लिया है। चरस और ड्रग्स बेचकर तस्लीम ने लिसाड़ी गेट की शानदार कॉलोनी में आलीशान घर बनाया था। लालकुर्ती पुलिस ने तस्लीम पर गैंगस्टर 14-ए के तहत कार्रवाई करने के लिए पहले मुकदमा दर्ज किया था।
इंस्पेक्टर लाल कुर्ती अतर सिंह ने बताया कि गैंगस्टर के तहत ही पुलिस फोर्स ने लिसाड़ी गेट में जा कर ड्रग्स माफिया तस्लीम का घर कुर्क किया है। कुर्क करने के दौरान आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। जिन को पुलिस ने वहां से खदेड़ा।
इस दौरान मौके पर एएसपी चंद्रकांत मीणा, एएसपी ब्रहमपुरी विवेक, इंस्पेक्टर लालकुर्ती अतर सिंह, इंस्पेक्टर संजीव कुमार शर्मा और इंस्पेक्टर लिसाड़ी गेट समेत भारी संख्या में आरएएफ और पुलिस बल तैनात रहा।

नीतिगत दर रेपो को %4.4 पर करने की घोषणा

नीतिगत दर रेपो को %4.4 पर करने की घोषणा  

कविता गर्ग
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपनी नीतिगत दर रेपो को बुधवार को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत पर करने की घोषणा की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई मुख्यालय पर इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि दीर्घकालीन वृद्धि दर के हित में मुद्रास्फीति को काबू में रखना जरूरी है।
उन्होंने वर्तमान आंतरिक और बाहरी परिदृश्यों को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की नीति के प्रति प्रतिबद्ध है। आरबीआई ने मई 2020 से अपनी रेपो दर (वह दर जिसपर केंद्रीय बैंकों को एक दिन के लिए धन उधार देता है) को 4 प्रतिशत पर बनाए हुए था ताकि कोविड से त्रस्त अर्थव्यवस्था को वृद्धि की राह पर आगे बढ़ाया जा सके।
रेपो दर बढ़ाने की रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गयी। बीएसई का 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के दौरान में 1342 अंक तक नीचे आ गया था। कोविड का संकट कम होने और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के बीच अचानक रूस यूक्रेन युद्ध से जिंसों का अंतरराष्ट्रीय बाजार और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने के कारण मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ गया है।
मार्च में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत तक पहुंच गयी जो इसका 17 महीने का उच्चतम स्तर है। फरवरी में भी मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत थी जबकि रिजर्व बैंक को खुदरा महंगायी दर को 2-6 प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुयी है। आरबीआई गर्वनर ने कहा कि तमाम उभरती चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी आधातों से निपटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में है।

पूर्व सांसद को गोवा का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया

पूर्व सांसद को गोवा का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया

इकबाल अंसारी       
पणजी। तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व सांसद कीर्ति आजाद को गोवा का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया है। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि ममता बनर्जी के निर्देश पर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद को तत्काल प्रभाव से पार्टी का गोवा प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि गत फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने सांसद महुआ मोइत्रा को गोवा का प्रभारी नियुक्त किया था। पार्टी ने विधानसभा चुनाव महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी(एमजीपी) के साथ गठबंधन में लड़ा, जिसमें एमजीपी ने दो सीट पर जीत हासिल की जबकि उसका खाता भी नहीं खुला। विधानसभा का चुनाव समाप्त होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण कंडोलकर सहित कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। तृणमूल कांग्रेस ने हाल में गोवा में अपनी इकाई को पुनर्गठित करने की घोषणा की थी।

सरकार का रवैया, सैनिक हित विरोधी हैं: गांधी

सरकार का रवैया, सैनिक हित विरोधी हैं: गांधी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार का रवैया सैनिकों के हितों पर कुठाराघात करने वाला है और वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को नकारने के बाद अब उन्हें पेंशन नहीं देने की नीति पर काम किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कई पूर्व सैनिकों को अप्रैल की पेंशन नहीं मिलने संबंधी एक अखबार में छपी खबर को बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए सरकार पर हमला किया और कहा कि उसका रवैया, सैनिक विरोधी है और वह सैनिकों के हितों को कुचलने की बराबर कोशिश करती है।
गांधी ने ट्वीट कर कहा, “वन रैंक वन पेंशन’ के धोखे के बाद अब मोदी सरकार ‘आल रैंक नो पेंशन’ की नीति अपना रही है। सैनिकों का अपमान देश का अपमान है। सरकार को पूर्व सैनिकों की पेंशन जल्द से जल्द देनी चाहिए।” कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार का सशस्त्र बलों पर नियोजित हमला लंबे समय से चल रहा है।
सशस्त्र बलों के हितों पर यह न पहला हमला है और न आखिरी। सरकार ने उच्चतम न्यायालय में भी “वन रैंक वन पेंशन-ओआरओपी’ का विरोध किया है। विकलांगता पेंशन पर कर लगाने के साथ ही सरकार ने ईसीएचएस बजट में भी कटौती की है। उन्होंने कहा “सैन्य अस्पतालों में शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के इलाज से इनकार किया गया है और पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिए पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी आदि के आवंटन से इनकार किया गया है। सीएसडी कैंटीन में वस्तुओं की खरीद पर रोक लगाने के साथ ही इस समान पर जीएसटी लगाई जा रही है।

मुंबई व अन्य शहरों के कई स्थानों पर कड़ी सुरक्षा

मुंबई व अन्य शहरों के कई स्थानों पर कड़ी सुरक्षा

कविता गर्ग
मुंबई। अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग किये जाने के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ करने के, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के आह्वान के एक दिन बाद बुधवार को मुंबई और आस-पास के शहरों में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर मस्जिदों में सुबह की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई। उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे समेत सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षा बलों की तैनाती का जायजा लेने के लिए गश्त पर निकले हैं।
कुछ जगहों पर मस्जिदों के बाहर भी पुलिस तैनात की गई है। अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर नाकाबंदी की गई है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए देर रात से ही वाहनों की जांच की जा रही है। शहर की पुलिस ने एहतियाती तौर पर मनसे के कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के खिलाफ दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 149 (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए) सहित विभिन्न धाराओं के तहत 1,600 से अधिक नोटिस जारी किए हैं।
पुलिस ने विभिन्न मस्जिदों के मौलवियों और न्यासियों के साथ बैठकें भी की और उन्हें उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों तथा ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन करने के लिए कहा। पड़ोसी जिले ठाणे और पालघर में भी कई स्थानों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। ठाणे के मुंब्रा कस्बे में जुम्मा मस्जिद के पास व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं ने वहां करीब ही हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बनाई थी, लेकिन धार्मिक परिसर के बाहर ‘अजान’ सुनाई नहीं देने के बाद वे चले गए।
मुंब्रा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अशोक कदलाग ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। भिवंडी के जोन II के पुलिस उपायुक्त योगेश चव्हाण ने भी कहा कि ठाणे के पावरलूम शहर में शांति कायम है।

4 मई को खुला 'एलआईसी का आईपीओ'

4 मई को खुला 'एलआईसी का आईपीओ' 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) का आईपीओ 4 मई को खुल गया है। IPO के जरिए सरकार LIC की 3.5% हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इससे 21,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना और कैसे निवेश कर सकते हैं।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं।
रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 15 शेयरों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस हिसाब से रिटेल निवेशकों को 45 रुपए के डिस्काउंट के बाद मिनिमम 13,560 रुपए लगाने होंगे। मैक्सिमम लिमिट 14 लॉट है, यानी 210 शेयर। निवेशक मैक्सिमम 1,89,840 रुपए लगा सकते हैं। इसी तरह पॉलिसी होल्डर्स 60 रुपए के डिस्काउंट के बाद मिनिमम 13,335 रुपए और मैक्सिमम 1,86,690 का निवेश कर सकते हैं। हालांकि, पॉलिसी होल्डर्स और एम्प्लॉई के पास एक एडिशनल बेनिफिट भी है।

क्या इसमें किसी तरह का डिस्काउंट मिल रहा है?
रिटेल निवेशकों के लिए LIC ने 45 रुपए का डिस्काउंट रखा है। अगर आप अपर बैंड पर शेयर के एक लॉट के अप्लाय करते हैं तो फिर 949 रुपए प्रति शेयर की जगह आपको 904 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से पेमेंट करना होगा। यानी एक लॉट के लिए आपको 14,235 की जगह केवल 13,560 रुपए देने होंगे।

आपके पास है LIC की पॉलिसी तो आपको सस्ते में मिलेंगे शेयर, यहां जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें
अगर आपके पास LIC की पॉलिसी है तो आपको 60 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। आप पॉलिसी होल्डर कोटे से अपर बैंड पर शेयर के एक लॉट के अप्लाई करते हैं तो आपको 889 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से पेमेंट करना होगा। यानी एक लॉट के लिए आपको 14,235 की जगह 13,335 रुपए देने होंगे।
क्या डीमैट खाता होना जरूरी है।
सेबी नियमों के मुताबिक किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयर केवल डीमैट रूप में ही जारी होते हैं। इसलिए कोई भी, चाहे पॉलिसी होल्डर्स हो या रिटेल निवेशक, उसके पास एक डीमैट खाता होना जरूरी है।
आप जिस कैटेगिरी के लिए अप्लाय करना चाहते हैं उस पर क्लिक करें। इसके बाद आप कितने लॉट के चाहते हैं वो भरें। इसके बाद आपके अकाउंट से लॉट की कीमत का पैसा लीन (ब्लॉक) हो जाएगा। ऐसे में 12 मई को जब शेयर अलॉटमेंट में अगर आपको शेयर मिलते हैं तो आपके अकाउंट से पैसा कट जाएगा और 16 मई को आपके डीमैट अकाउंट में शेयर आ जाएंगे। इसके बाद LIC का शेयर 17 मई को मार्केट में लिस्ट हो जाएगा।
वहीं अगर आपको शेयर नहीं मिलते हैं तो 13 मई से आपके पैसे को अनब्लॉक करने की प्रोसेस शुरू हो जाएगी। ऐसे में 1-2 दिन में ही आपका पैसा अनब्लॉक हो जाएगा। वहीं अगर आप ऑफलाइन अप्लाय करना चाहते हैं तो आपको LIC ऑफिस या अपनी डीमैट अकाउंट कंपनी के ऑफिस में संपर्क करना होगा।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने 2 ग्रामीणों को अगवा कर लिया था। इसमें से एक पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि धारदार हथियार से गला रेत कर युवक को मारा गया है। माओवादियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था। जबकि अगवा किए गए दूसरे युवक को अपने कब्जे से रिहा कर दिया है। मामला जिले के मोदकपाल थाना क्षेत्र का है। हालांकि इसकी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक, माओवादियों ने सोमवार शाम जिले के नक्सल प्रभावित कुंदलनार ग्राम पंचायत के गुड़ीपाल इलाके से 2 ग्रामीणों को अगवा किया था। रात भर दोनों ग्रामीणों को बीजापुर जील के जंगल में ही अपने साथ रखे थे। जिनसे पूछताछ की जा रही थी। इसके बाद मंगलवार शाम एक ग्रामीण सत्यम पुलसे की नक्सलियों ने धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी। उसके शव को गांव के ही जंगल में फेंक दिया था। अंदरूनी और नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी।
21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जनअदालत लगा उसकी हत्या की थी।
साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर गला रेत का हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी। नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जनअदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इनपर भी पुलिस मुखबिरी योय आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा।
जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी। 10 फरवरी को माओवादियों ने दंतेवाड़ा जिले के टेटम में एक युवक की हत्या कर दी थी। 17 मार्च को माओवादियों ने बीजापुर जिले के मद्देड थाना क्षेत्र में एक पास्टर की हत्या की थी। 28 अप्रैल को दंतेवाड़ा के नीलावाया में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर दी। 2 मई को दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण इलाके के एक कोटवार को मारा था।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,205 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,205 नए मामलें  

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 3,205 नए मामलें सामने आए हैं। जबकि 31 मरीजों की मौत हो गई। देश में कल कोरोना मामलों में कुछ कमी देखने मिली थी, सोमवार को देश में 2,568 नए केस मिले थे, लेकिन मंगलवार को फिर कोरोना केस 3 हजार के पार पहुंच गए हैं।
देश में एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 19,509 महामारी की शुरुआत से अब तक देश में कुल 5.23 लाख लोगों ने जान गंवाई है।
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ एक्टिव केस भी बढ़ गए हैं। फिलहाल देश में 18,317 संक्रमितों का इलाज चल रहा है। सोमवार को देश में कोरोना के एक्टिव केस 13,137 हो गए थे। वहीं, देश में पॉजटिविटी रेट 1.22% हो गया है।
कोरोना हॉटस्पाट बना हुआ है।दिल्ली
दिल्ली कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है, यहां बीते कई दिनों से लगातार हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 1,414 नए मामले सामने आए। इससे पहले राजधानी में 1,076 केस मिले थे। बीते दिन दिल्ली में कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। यहां कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 5,986 हो गई है।
अन्य राज्यों में कोरोना की स्थिति की बात करें तो महाराष्ट्र में 182 केस सामने आए और एक मरीज की मौत हो गई। वहीं, उत्तर प्रदेश में 193 केस, हरियाणा में 505 केस और केरल में 386 मामले सामने आए हैं। वहीं 24 घंटे में हुई 54 मौतों में से 52 सिर्फ केरल में हुई हैं।
कोवोवैक्स टीके की कीमत 900 रुपए से घटकर 225 रुपए हुई।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने मंगलवार को कोवोवैक्स टीके की कीमत में भारी कटौती की है। SII ने हर खुराक की कीमत 900 रुपए से घटाकर 225 रुपए कर दी है। इसमें टैक्स शामिल नहीं है। 12-17 वर्ष की आयु के बच्चों के कोविड-19 टीकाकरण के लिए कोवोवैक्स को कोविन पोर्टल पर सोमवार को ही शामिल किया गया है।

अप्रैल में 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा

अप्रैल में 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा

सुनील श्रीवास्तव 
इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत समेत दक्षिण एशिया में समय से पहले ही झुलसा देने वाली गर्मी पड़ने लगी है। भारत और पाकिस्तान में अप्रैल के महीने में ही पारा 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अब इस भीषण गर्मी से आने वाले दिनों में भी राहत नहीं मिलने वाली है। स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक स्कॉट डंकन ने डराने वाली चेतावनी दी है। उन्होंने ट्विटर पर एक थ्रेड में कहा है कि भारत और पाकिस्तान की तरफ खतरनाक और झुलसाने वाली गर्मी बढ़ रही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अप्रैल के महीने में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने संभावना जताई है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जबकि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि यह गर्मी बहुत पहले ही पड़ने लगी थी। मार्च के शुरुआत से ही। आइए जानते हैं आखिर इतनी गर्मी पड़ने की वजह क्या है ?
स्कॉट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मार्च 2022 का एक ग्राफिक पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि इसमें आप देख सकते हैं कि दुनिया के इस इलाके में मार्च में कितनी खतरनाक गर्मी पड़ रही है।
स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक ने बताया है कि 19 वीं शताब्दी के बाद भारत और पाकिस्तान का तापमान बदला है। उन्होंने यह बेरकेले अर्थ के डेटा के हवाले से बताया है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे हमारे ग्रह का तापमना बढ़ता है हीटवेव और शक्तिशाली हो जाती है। गर्मी के खतरनाक स्तर को साल के ज्यादातर समय में देखा जा सकता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जनवरी में कहा था कि साल 2021 का जो तापमान रिकार्ड किया गया था वह धरती के सात सबसे गर्म सालों में से एक था। हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। साल 2020 में महामारी के दौरान वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में गिरावट देखी गई थी, लेकिन उसके बाद इसमें रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के लिए हमें एक लंबी दूरी तय करनी होगी। ग्रह के तापमान में कमी लाने के लिए तेजी से डीकार्बोनाइजेशन की जरूरत है। सबसे खतरनाक जलवायु परिवर्तन से बचा सकता है, क्योंकि अभी ज्यादा देर नहीं हुई है।

पॉलिटिकल व मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए

पॉलिटिकल व मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए

अखिलेश पांडेय  
कीव/मॉस्को। यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग के 10 हफ्ते बीत चुके हैं। लेकिन अब तक रूस को यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में ही बड़ी कामयाबी मिली है। जबकि पश्चिम के क्षेत्र में घुसने के लिए सेना मुश्किल का सामना कर रही है। लेकिन इस बीच रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव कर दिया है। रूस की तैयारी है कि पश्चिमी यूक्रेन के हिस्सों पर कब्जा जमाने की बजाय, पूर्वी क्षेत्र के जिन इलाकों को कंट्रोल कर लिया गया है, उन पर पूरी तरह से पॉलिटिकल और मिलिट्री कंट्रोल स्थापित किया जाए। क्रेमलिन की कोशिश है कि स्थानीय प्रशासन में अपने लोगों को स्थापित किया जाए। इसके अलावा स्थानीय लोगों से ट्रांजेक्शन में रूबल का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। यह ठीक वैसी ही पॉलिसी होगी।
जैसी उसने 2014 में क्रीमिया को शामिल करते वक्त अपनाई थी। की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रूस इन इलाकों में रेफरेंडम भी करा रहा है ताकि इनके विलय के लिए एक आधार तैयार किया जा सके। इसके अलावा व्लादिमीर चाहते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पद से हटाकर उनके स्थान पर अपने समर्थक किसी व्यक्ति को लाया जाए। यही नहीं स्थानीय सरकारों में भी रूस समर्थक लोगों को लाने की रणनीति पर व्लादिमीर पुतिन काम कर रहे हैं। दरअसल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था, लेकिन तब से अब तक जेलेंस्की ने हथियार डालने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा बातचीत से भी कोई समाधान नहीं निकल सका है। का कहना है कि उन्हें अब भी भरोसा है कि रूसी सेनाएं यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने में सफल होंगी। इसके अलावा डोनेत्सक और लुहान्सक क्षेत्रों पर पूरा नियंत्रण स्थापित करने की तैयारी है। यही नहीं यूक्रेन के दक्षिणी हिस्सों खेरसोन और जैपोरिझझिया क्षेत्रों के भी एक हिस्से पर रूसी सेनाओं ने नियंत्रण कर लिया है। ये दोनों क्षेत्र क्रीमिया से सटे हुए हैं, जिन्हें रूस ने 2014 में अपने में मिला लिया था। यही वजह है कि रूस को इन क्षेत्रों में नियंत्रण स्थापित करने में आसानी हुई है। इसकी एक वजह यह भी है कि यहां रूसी संस्कृति को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। ऐसे में सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर भी रूस को इन क्षेत्रों का विलय करने में आसानी होगी। अलावा रूस ने परसेप्शन के लेवल पर भी बड़ी तैयारी की है। 9 मई को दूसरे विश्व युद्ध के विजय दिवस के तौर पर रूस आयोजन करता रहा है। 
इस दिन यूक्रेन को लेकर भी कुछ ऐलान किया जा सकता है। इस दिन रूस में मिलिट्री परेड भी निकाली जाती रही है। गौरतलब है कि पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से में रूस समर्थक लोगों की भारी संख्या है। इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र में नाटो और यूरोप समर्थक लोगों की आबादी अधिक है। ऐसे में रूस की भी कोशिश यही है कि पूर्वी हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर यूक्रेन को दो टुकड़ों में बांट दिया जाए।

बिना चीर-फाड़, दिल की बीमारी का इलाज

बिना चीर-फाड़, दिल की बीमारी का इलाज  

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। राजधानी के सरकारी अस्पताल एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट ( ACI ) में 71 साल के बुर्जुग का बगैर चीर-फाड़ के एंजियोप्लास्टी से दिल की जटिल बीमारी का सफल इलाज किया गया है। दरअसल मरीज को हार्ट अटैक आने से दिल की दीवार फट गई थी, जिसे डॉक्टरों द्वारा बटन डिवाइस लगाकर बंद किया गया।
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में मरीज के बचने की संभावना काफी कम रहती है। प्रदेश में इस तरह का दूसरी बार सफल ऑपरेशन बार किया है।
तीन साल पहले भी आया था ऐसा ही केस
वर्ष 2019 में ऐसा ही एक केस आया था। इसका इलाज भी बटन डिवाइस लगाकर किया गया था। एसीआई के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव से मिली जानकारी के अनुसार 71 साल के मरीज को 27 अप्रैल को मेजर हार्ट अटैक आया। शॉक की स्थिति में निजी अस्पताल से इसे एसीआई में रेफर कर दिया गया। मरीज की रीढ़ की हड्‌डी में पहले से ही परेशानी थी। इसके कारण मरीज के पैरों को ऑपरेशन टेबल पर सीधा व स्थिर नहीं रख पा रहा था। इसलिए पैर के नस के जरिए हार्ट तक तार पहुंचाया गया और बगैर चीर-फाड़ दिल का ऑपरेशन किया गया। यह सर्जरी पूरे डेढ़ घंटे तक चली। ट्रांसक्यूटेनियस क्लोजर की प्रक्रिया पहले ही जटिल होती है। उस पर मरीज की रीढ़ की हड्डी का टेढ़े-मेढ़े होने से चुनौती और बढ़ जाती है। दरअसल इसमें पैरों की मांसपेशियों में संकुचन की लहर उठती है। मरीज की पहले हार्ट की दो नसों की एंजियोप्लास्टी की गई, ताकि दिल को सपोर्ट मिल सके। फिर सुराख को बटन डिवाइस से बंद किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की हालत स्थिर है एक-दो दिन में मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
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