शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने की कोशिश

गुवाहाटी। असम के दरांग जिले के सिपाझार में बृहस्पतिवार को पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने की कोशिश के दौरान गोलियां चलाईं। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस के साथ हुई झड़पों में करीब 20 लोग घायल हो गए। इस घटना का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। जिसमें छाती पर गोली के घाव के निशान वाले एक व्यक्ति को कैमरा लिए व्यक्ति पीटता हुआ दिखाई दे रहा है।
राज्य सरकार ने इस घटना को लेकर जनता के बढ़ते गुस्से के मद्देनजर घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की है। गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देबप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि इस घटना की जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी। इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस की कार्रवाई को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित गोलीबारी करार दिया। लगभग 800 परिवारों के पुनर्वास की मांग को लेकर जनता का विरोध शुरू हो गया था, इन लोगों का दावा है कि जिस जमीन पर वे दशकों से रह रहे थे उससे उन्हें बेदखल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के छोटे भाई एवं दरांग के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों से पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों पर हमला कर पथराव भी किया।

शिक्षक संगठनों का सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये

पंकज कपूर     
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान एवं शिक्षा व्यवस्था में किये जाने वाले सुधारात्मक कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों से शिक्षा के गुणात्मक विकास में सहयोग की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इस पर सभी को अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने विद्यालयों में संस्कृत एवं योग के शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बंधी कार्यवाही किये जाने की बात कही। प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाने में इससे मदद मिलेगी।
गुरुवार को सचिवालय में राजकीय शिक्षक संघ की लंबित मांगों के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक संघ की मांगों पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। शिक्षकों के पारम्परिक व अंतर मण्डलीय स्थानान्तरण सहित अन्य प्रकरणों को महानिदेशक शिक्षा के अधीन गठित प्रकोष्ठ द्वारा इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेने, गम्भीर रूप से बीमार शिक्षकों की शिक्षक संघ की अनुशंसा पर स्थानान्तरण किये जाने, प्रधानाचार्यों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाये जाने, यात्रा अवकाश की बहाली, शिक्षकों को सत्रांत का लाभ दिये जाने, वरिष्ठ व कनिष्ठ वेतन विसंगति का शासनादेश शीघ्र जारी करने, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का निर्धारण करने के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्कूलों में संस्कृत एवं योगा के अध्यापकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार किये जाए। उन्होंने शिक्षक संघ द्वारा वेतन विसंगति आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को इस सम्बन्ध में गठित वेतन विसंगति समिति को संदर्भित करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ करने की संघ की मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। मा. न्यायालयों में जो प्रकरण लम्बित चल रहे हैं उनकी पैरवी के लिये विभाग में लीगल सेल को प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा एवं योगा को बढ़ावा देकर प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाये जाने में भी मदद मिल सकेगी।

दिनदहाड़े रोहिणी कोर्ट में फायरिंग से हड़कंप मचा

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आज दिनदहाड़े रोहिणी कोर्ट परिसर में फायरिंग से हड़कंप मच गया। कोर्ट में हुई गैंगवार में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौत हो गई है। उसे तिहाड़ जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। बताया जा रहा है कि गोगी के विरोधी गैंग से जुड़े दो हमलावरों ने उसे गोली मारी।
ये हमला रोहिणी कोर्ट के रूम नंबर-207 के भीतर हुई है। हालांकि पुलिस ने मौके पर जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावर को ढेर कर दिया। शूटआउट में तीन से चार लोग घायल भी हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार एनकाउंटर में टिल्लू गैंग के दो बदमाशों को मार गिराया गया है। ये दोनों बदमाश वकील की ड्रेस पहनकर रोहिणी कोर्ट में घुसे थे। इन्होंने ही जितेंद्र गोगी को गोली मारी। टिल्लू गैंग के दोनों बदमाशों के नाम पुलिस अभी वेरीफाई कर रही है।
गौरतलब है कि जितेंद्र गोगी की गिनती दिल्ली के टॉप मोस्ट गैंग्स्टरों में की जाती थी। दिल्ली पुलिस ने उसपर 4 लाख रुपए का इनाम रखा था। वहीं हरियाणा पुलिस ने उस पर ढाई लाख रुपए का इनाम भी रखा था।

गिरी की मौंत पर दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत को लेकर सीबीआई ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई है। पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त निदेशक विप्लव चौधरी को सौंपी गई है और जांच दल में 20 सदस्य है। जो प्रयागराज, हरिद्वार, दिल्ली सहित कई धार्मिक स्थलों पर जाएंगे। जांच दल में फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में एक टीम पहुंच गई है और उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद एफआईआर, पोस्टमार्टम एवं सुसाइड नोट की कॉपी ले ली है। सीबीआई जांच दल इस मामले में न्यायिक हिरासत में लिए गए महंत आनंद गिरी, मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी एवं संदीप तिवारी को अपने हिरासत में लेकर नए सिरे से पूछताछ करेगी।

‘अक्षर संग्रहालय’ का निर्माण शुरू करने का फैसला

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। उच्च साक्षरता दर और अद्वितीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परंपरा के लिए पहचाने जाने वाले केरल में जल्द ही इस विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय होगा। जिसे दुनिया में अपनी तरह का पहला भाषा-साहित्यिक और सांस्कृतिक संग्रहालय बताया जा रहा है। केरल सरकार ने एक नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस पर कोट्टायम जिले के नट्टकम में ‘अक्षर संग्रहालय’ का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया।
लेखकों की प्रकाशन और बिक्री सहकारी समिति, साहित्य प्रवर्तक सहकारी समिति के तत्वावधान में अद्वितीय संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। राज्य के सहकारिता मंत्री वी एन वासवन और संग्रहालयों के प्रभारी मंत्री अहमद देवरकोविल की बृहस्पतिवार को हुई संयुक्त समीक्षा बैठक में संग्रहालय भवन का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया गया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भाषा के मूल्यांकन और भाषण से लेकर आधुनिक पाठ तक के शब्दों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी, संग्रहालय के प्रमुख आकर्षणों में से एक होगी जिसे वैश्विक मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। विभिन्न युगों में विद्यमान भाषा के मूल्यांकन की प्रस्तुति के अलावा, प्रस्तावित संग्रहालय आगंतुकों को गुफा चित्रों से लेकर आधुनिक साहित्यिक कार्यों तक सब कुछ एक बार में अनुभव करने का अवसर प्रदान करेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा कारों के सीमित विकल्प

वाशिंगटन डीसी। डीजल-पेट्रोल की कीमतों को आसमान छूते देख सोचता हूं कि क्यों न एक इलेक्ट्रिक कार खरीद लूं। किफायती रहेगी और पर्यावरण के अनुकूल भी। मगर जब इस खयाल को निर्णय तक पहुंचाने की कोशिश करता हूं। रास्ते में कुछ अवरोध आ खड़े होते हैं। इनमें से तीन कुछ ज्यादा ही प्रतोसाहित करने वाले हैं। पहला, इसकी ऊंची कीमत। दूसरा, जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा, इन कारों के सीमित विकल्प। ये तीन अवरोधक शायद मेरे जैसे कई और इच्छुक ग्राहकों के लिए फैसले की राह दुर्गम कर रहे हों और शायद इसी कारण तमाम सरकारी रियायतों के बावजूद देश में इलेक्ट्रिक कार की बिक्री मनचाही रफ्तार नहीं पकड़ पा रही। पर सुखद यह कि तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियां इन कारों के सस्ते और सर्वसुलभ विकल्प विकसित करने में जुटी हैं, जिनके अपेक्षित नतीज़े जल्द आने की उम्मीद है।
वैसे यह जानना खासा दिलचस्प होगा कि जिस इलेक्ट्रिक कार को हम ताज़ा तकनीकी अविष्कार और भविष्य की कार के तौर पर देखते हैं, वह सही मायने में दुनिया की पहली कार है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इलेक्ट्रिक कार की अवधारणा करीब दो सौ साल पुरानी है।
हालांकि पहली इलेक्ट्रिक कार किसने ईजाद की, इसे लेकर थोड़ा विवाद है। फिर भी ज्यादा सहमति इस बात पर है कि पहली इलेक्ट्रिक कार बनाने में सफलता हंगरी के एनोस जेडलिक ने पाई। इसके बाद 1832 में स्कॉटलैंड के रॉबर्ट एंडरसन ने यह कर दिखाया। दो साल बाद (1834 में) अमेरिका के थॉमस डेवनपोर्ट ने भी इलेक्ट्रिक कार बनाने का दावा पेश कर दिया। हालांकि ये कारें बहुत व्यवहारिक नहीं बन सकी थीं।
लिहाज़ा, बेहतरी की कवायद चलती रही, प्रयोग होते रहे। 1890-91 में अमेरिका के ही वैज्ञानिक विलियम मॉरिसन ने एक ऐसी कार बनाने में सफलता पाई, जिसमें छह लोग बैठ सकते थे और यह 23 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफतार से दौड़ सकती थी। इस बीच 1885 में जर्मन इंजीनियर कार्ल बेंज ने पेट्रोल से चलने वाली पहली कार पेश कर दी थी, जिसकी लागत इलेक्ट्रिक कार से कम थी और रफ्तार ज्यादा।

आरजीओ और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ट्वीटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ), निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा कि ट्वीटर ने कहा है कि इन कर्मियों (सीसीओ, नोडल संपर्क अधिकारी और आरजीओ) की नियुक्ति कंपनी के कर्मचारियों के तौर पर की गयी है न कि ‘आकस्मिक कर्मचारी’ के तौर पर।
मंत्रालय ने कहा, ”ट्वीटर ने उक्त नियुक्त किए गए कर्मियों और उनके पदों के नाम उपलब्ध कराए हैं। ट्वीटर के हलफनामे में कहा गया है कि इनकी नौकरी चार अगस्त 2021 को शुरू हुई। ट्वीटर ने ऐसी नियुक्तियों के सबूत के तौर पर हलफनामे के साथ उनके अनुबंधों को भी संलग्न किया है।”
अदालत ने 10 अगस्त को केंद्र को ट्वीटर के हलफनामे के जवाब में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे। ट्वीटर ने अपने हलफनामे में आईटी नियमों का अनुपालन दिखाया था। मंत्रालय में साइबर विधि समूह में वैज्ञानिक-ई के तौर पर काम कर रहे एन एस बालन ने हलफनामे में कहा, ”मैं स्वीकार करता हूं कि ट्वीटर ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों, 2021 का अनुपालन करते हुए कर्मचारियों की नियुक्ति की है।”
अमेरिका स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा आईटी नियमों का अनुपालन न किए जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को पांच अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करनी है। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि आईटी नियम, 2021 ”देश में लागू एक कानून” है और ट्वीटर को ”आईटी नियमों 2021 का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।” उसने कहा, ”अनुपालन न करना आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है जिससे ट्वीटर को आईटी कानून, 2000 की धारा 79(1) के तहत मिली सुरक्षा खत्म हो जाएगी।”
केंद्र ने पहले अदालत में कहा था कि ट्वीट स्थायी रूप से अधिकारियों की नियुक्ति करके प्रथम दृष्टया नए आईटी नियमों का अनुपालन कर रहा है। इससे पहले ट्वीटर ने कहा था कि नियुक्त किए गए कर्मचारी पूर्णकालिक आधार पर काम करेंगे और वे कानून की शर्तों के अनुसार काम करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
अदालत ने 28 जुलाई को, ट्विटर द्वारा सीसीओ पद पर की गई नियुक्ति को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि सोशल मीडिया मंच नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा। केन्द्र ने भी दावा किया था कि ट्विटर ”नियमों का घोर उल्लंघन” कर रहा है। याचिकाकर्ता-वकील अमित आचार्य ने दावा किया कि उन्हें ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का कथित तौर पर अनुपालन नहीं करने के बारे में तब पता चला जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स की शिकायत करने की कोशिश की।

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...