शनिवार, 12 जून 2021

मात्र 619 नये मामले दर्ज, टिकाकरण अभियान तेज

संदीप मिश्र  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में तेजी से कमी आ रही है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश से मात्र 619 नये मामले दर्ज हुये हैं। वहीं, प्रदेश में टीकाकरण का अभियान तेजी से बढ़ रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 2.20 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने शुक्रवार को यहां बताया कि बीते 24 घंटों में 07 जनपदों में शून्य, 23 जनपदों में दो डिजिट तथा 45 जनपदों में सिंगल डिजिट में कोरोना के नये मामले आये हैं। गत एक दिन में कुल 02 लाख 76 हजार से अधिक सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 05 करोड़ 27 लाख से अधिक सैम्पल की जांच की गयी है। कोविड-19 के टेस्ट में आधे से ज्यादा आरटीपीसीआर के माध्यम किए जा रहे हैं। 
3टी अभियान से संक्रमण नियंत्रण में मिल रही सफलता 
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 3टी नीति के तहत प्रदेश भर में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है। 3टी अभियान के तहत वृहद टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया था। इस कोरोना कर्फ्यू के दौरान औद्योगिक गतिविधियां चालू रखी गई थीं, जिसमें जीवन और जीविका दोनों को बचाया गया। 
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के लिए चलाये जा रहे अभियान की जमीनी हकीकत की समीक्षा एवं निरीक्षण 40 जनपदों तथा 18 मण्डलों का भ्रमण करके किया गया है। मुख्यमंत्री ने द्वारा भ्रमण के दौरान कोविड-19 की समीक्षा की गई है, ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित लोगों से उनका हालचाल लिया गया है तथा बनाये गये कैन्टेनमेन्ट जोन का निरीक्षण भी किया गया है। 
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश में 11,127 एक्टिव मामले हैं, जो 30 अप्रैल के 3 लाख, 10 हजार,783 एक्टिव मामलों से लगभग 96 प्रतिशत कम है। सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें लगभग 80 हजार से अधिक निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है। अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है। 
बताया कि सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक 18 करोड़ लोगों से उनका हालचाल जाना गया है। प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्ट कराये जा रहे हैं। 31 मार्च से अब तक 65 प्रतिशत टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 600 से कम होने पर जनपदों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू हटाकर पूर्व की तरह साप्ताहिक बंदी एवं रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू रहेगा। साप्ताहिक बंदी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों में फोगिंग, सैनेटाइजेशन व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में 1.60 लाख कर्मचारी लगाये गये हैं।
अब तक 2.20 करोड़ लोगों का हुआ टीकाकरण 
उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान के तहत अब तक करीब 02 करोड़ 20 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया है, जिसमें 40 लाख अधिक 18-44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण किया गया है। 01 करोड़ 82 लाख 45 वर्ष से अधिक लोगों का टीकाकरण की डोज दी गई है। 37 लाख लोगों को कोविड-19 की दूसरी डोज दी गई है। कल एक दिन में 04 लाख 28 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है, जो कि अन्य प्रदेशों में किए जा रहे एक दिन के टीकाकरण से अधिक है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिदिन किए जा रहे टीकाकरण को 06 लाख करते हुए इसे 10 लाख तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अगले माह से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है। तीन महीनों में 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग अपना पंजीकरण कराकर सीएचसी अथवा पीएचसी में जाकर अपना टीकाकरण अवश्य करवायें। उन्होंने लोगों से कहा कि टीकाकरण के संबंध में किसी प्रकार के अफवाह में न आयें। 
बढ़ाई जा रही अवस्थापना सुविधाएं 
सहगल ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में अवस्थापना सुविधा बढ़ाई जा रही है, जिसके तहत लगभग 80 हजार बेड बढ़ाए गये हैं। उन्होंने बताया कि 04 सालों में 39 मेडिकल कालेज बनाये गये हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन समुचित मात्रा में उपलब्ध है। भविष्य में ऑक्सीजन की प्रदेश में कोई समस्या न हो इसके लिए 428 ऑक्सीजन प्लाण्ट अस्पतालों में लगाये जा रहे हैं, जिसमें से 72 प्लाण्ट क्रियाशील हो गए हैं। 
प्रदेश में कल लगभग 350 मी0टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि संभावित कोविड की तीसरी लहर के तहत सभी मेडिकल कालेज में 100-100 बेड पीआईसीयू, हर जिला अस्पताल में 20-20 बेड पीआईसीयू के और कम से कम दो सीएससी में पीकू व नीकू के बेड बढ़ाये जा रहे हैं। इसके साथ-साथ सभी सीएचसी में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके साथ ही रेहड़ी, पटरी आदि लोगों को 1000 रुपये भत्ता देने हेतु पात्र व्यक्तियों का सत्यापन किया जा रहा है।

सभी बिजली बिल जमा करें, दर करेंगे कम: मंत्री

संदीप मिश्र   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने राज्य के बिजली अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट किया है कि पावर कारपोरेशन का मुख्यस्तंभ उपभोक्ता है और उनका उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कहीं से भी ऐसी कोई शिकायत सामने आयेगी तो पावर कारपोरेशन अधिकारियों पर कार्यवाही होना तय है। यह बात ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गांव सैफई में पावर स्टेशन का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कही। ऊर्जा मंत्री पूर्वांचल के दौरे के बाद आज इटावा, मैनपुरी और मथुरा के दौरे पर हैं और शनिवार को पश्चिमांचल के दौरे पर रहेंगे।  
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे और शहरी इलाके में 24 घंटे को रोस्टर तैयार किया गया है, इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अगर कोई फाल्ट आता है तो फिर त्वरित ढंग से फाल्ट को ठीक कर पावर सप्लाई को चालू करें। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिजली कटौती न की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सभी विद्युत अधिकारी कर्मचारी उपभोक्ताओं के फोन रिसीव करें। शिकायत मिलने पर बिजली अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही तय मानी जायेगी। बिना राजनैतिक भेदभाव के बिजली अधिकारी उपभोक्ताओं से वार्ता करें। 
ऊर्जा मंत्री अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार की दोपहर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के गांव सैफई स्थित पाॅवर स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले विद्युत विभाग के चीफ एवं एसई,एक्सईएन एसडीओ,जेई,लाइनमैन को जनता के बीच बुलाकर एक-एक करके जानकारी ली। उसके बाद वहां मौजूद लोगों से भी बिजली कटौती ट्रांसफार्मर खराब होने पर बदलने में कितना समय लग रहा है। इन सभी बिंदुओं पर जानकारी हासिल की। इस बीच उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती न की जाए।  
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और तहसील क्षेत्र में 20 से 22 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की जाए, इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। सभी विद्युत अधिकारी कर्मचारी उपभोक्ताओं के फोन रिसीव करें। शिकायत मिलने पर बिजली अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही तय किया जायेगा।
 
इसी बीच जिले से पहुंचे भाजपा के जिलाध्यक्ष अजय धाकऱे, प्रशांत राव चौबे अपने अन्य पदाधिकारियों के साथ वहां उन्होंने बिजली कटौती को लेकर ऊर्जा मंत्री को लिखित में शिकायत दी और सदर पाॅवर कारपोरेशन के एक्सईएन राहुल बाबू कटियार की ऊर्जा मंत्री से शिकायत की। मंत्री ने एक्सईएन राहुल बाबू की शिकायत एमडी को जांच सौंपी और कहा जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल से हमारी सरकार ने कोई दर नहीं बढ़ाई है हम तो सस्ता करने के प्रयास कर रहे हैं अगर सभी लोग सहभागी हों और समय पर बिल जमा करें तो आने वाले समय में बिजली की दरें हम कम करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि सरकार निर्बाध आपूर्ति के लिए संकल्पित है। पूर्ववर्ती सरकार में जहां 16 हजार मेगावाट से ज्यादा की आपूर्ति नहीं हो पाती थी। ज्यादा डिमांड होने पर फीडरों को बंद करना पड़ता था। आज हम 23 हजार मेगावाट से ज्यादा की आपूर्ति निर्बाध रूप से कर रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकारों से ज्यादा बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने अपील की कि उपभोक्ता विद्युत संबंधी समस्याओं के निदान के लिए 1912 पर शिकायत करें। साथ ही अधिकारियों को सोशल मीडिया पर आ रही शिकायतों का भी प्राथमिकता से निस्तारण करने के निर्देश दिए। वैक्सीनेशन पर ऊर्जा मंत्री ने बोलते हुए कहा कि हम सभी लोग मिलकर कोविड-19 को हराएंगे। इस महामारी में सबसे बड़ी दवा वैक्सीन है, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने वैक्सीन को लेकर अलग-अलग पार्टियों से जोड़ दिया। यह एक शर्मनाक बात है। वैज्ञानिकों का अपमान करना अब उसी वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। अगर भ्रम पैदा नहीं किया जाता तो बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाते। हम अपील करते हैं महामारी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। 

रिकवरी के बाद मरीजों में सुनाई देने की शक्ति कम

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से रिकवर होने वाले बहुत से मरीजों में सुनाई देने की शक्ति कमजोर हो रही है और कुछ लोगों में तो यह बीमारी ला-इलाज हो चुकी है. यानी आपको पहले की तरह नहीं सुन पाएंगे। दिल्ली के एक ही सरकारी अस्पताल के ईएनटी विभाग में ऐसे 15 मरीज अब तक आ चुके हैं।
दिल्ली के रहने वाले डॉक्टर सौरभ नारायण पिछले साल कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। इसी के चलते उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में 21 दिन बिताने पड़े, जिसके बाद वे रिकवर हो गए। हालांकि उसके बाद से अब इन्हें पहले की तरह सुनाई नहीं देता। लेकिन यह बात इन्हें इतनी देर से समझ में आई कि अब हियरिंग एड के बिना इनका इलाज नहीं हो सकता यानी यह कभी पहले की तरह ठीक तरीके से नहीं सुन पाएगें। वे दाएं कान से सुनने की शक्ति लगभग खो चुके हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में पिछले 2 महीने में ऐसे 15 मरीज आ चुके हैं जिनके कान में या तो दर्द है या फिर उन्हें सुनाई देना बहुत कम हो चुका है। यह सभी मरीज कोरोना वायरस की बीमारी से रिकवर हुए मरीज है। ज्यादातर मामलों में मरीज इतनी देरी से डॉक्टर तक पहुंच रहे हैं कि उनकी सुनाई देने की शक्ति को वापस लौटाने का, यानी समय पर इलाज का वक्त जा चुका है।
ऐसा होने पर 72 घंटे में इलाज जरूरी
अंबेडकर अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि, अगर आपके कान में भी दर्द होता है, कान में भारीपन महसूस होता है, सीटी बजती है या आपको लगता है कि आपको कम सुनाई दे रहा है तो 72 घंटे के अंदर डॉक्टर से मिलना बेहद जरूरी है। शुरुआत में इस हियरिंग लॉस को दवाओं से रोका जा सकता है। लेकिन अगर ज्यादा वक्त बीत जाता है तो फिर रिकवरी मुमकिन नहीं है।

भाजपा व शिवसेना मिलकर बना सकती है सरकार

कविता गर्ग   
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान ने इन कयासों को हवा देने का काम किया है। रामदास अठावले ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पूर्व सहयोगी भाजपा और शिवसेना समेत अन्य दलों की महायुति (महागठबंधन) सरकार बनाई जा सकती है। अठावले ने कहा कि इस महायुति में मुख्यमंत्री पद को आधे-आधे कार्यकाल के लिए शिवसेना के साथ बांटा जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने बयान में कहा कि इस मुद्दे को लेकर मैंने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भी इस पर चर्चा की जाएगी। रामदास अठावले का यह बयान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करने के कुछ दिन बाद आया है। उद्धव ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की थी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी सभी बातों को गंभीरता पूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण, जीएसटी समेत कई संवदेनशील मुद्दों पर वार्ता हुई। पीएम नरेंद्र मोदी से रिश्तों और मुलाकात को लेकर पूछे गए सवालों को लेकर उद्धव ठाकरे ने बेबाकी से जवाब दिए। भले ही राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारा रिश्ता खत्म हो गया है। मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। इसलिए यदि मैं उनसे व्यक्तिगत मुलाकात करता हूं तो इसमें गलत क्या है। इसके बाद शिवसेना और भाजपा के फिर से एक साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं।

तीनों नेताओं की बैठक से कयासों का बाजार गर्म

हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो दिवसीय दिल्ली दौरे के बाद राष्ट्रीय राजधानी की सियासत में जून माह की तपिश का पारा ऊपर ही चढ़ता जा रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात के बाद भी बैठकों का दौर थमा नहीं। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने अमित शाह और जेपी नड्डा को अपने आवास पर बुलाया। इन तीनों नेताओं की बैठक से कयासों का बाजार गर्म है।
 हालांकि, चर्चा तो केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की है, किंतु इसके गर्भ में उतर प्रदेश के वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ ही कांग्रेस नेतृत्व की पंजाब और राजस्थान राज्यों की सियासी उठापटक भी शामिल है। मोदी, शाह और नड्डा की इस तीन सदस्यीय बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर हो रही है। इसमें उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की विस्तार तक की बात शामिल है। 
 खासकर, पश्चिम बंगाल में भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में मुकुल रॉय की वापसी ने केंद्रीय नेतृत्व को सोचने के लिए विवश कर दिया है। भाजपा नेतृत्व को इस बात की चिंता सता रही कि पद की आस में कांग्रेस या अन्य प्रमुख दलों से आए बड़े नेताओं को सही समय पर खुश नहीं किया गया तो मुकुल राय जैसी घटनाएं और भी देखने को मिल सकती हैं। सबसे बड़ी चिंता मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समायोजन को लेकर है। साथ ही उत्तर प्रदेश के आगामी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जितिन प्रसाद को लेकर भी भाजपा पर दबाव है। प्रसाद को यूपी मंत्रिमंडल में तो सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की बात कही जा रही है। 
 वहीं सूत्रों का कहना है कि तीनों दिग्गज नेताओं की हुई बैठक में सरकार की छवि को राजनीतिक, सामाजिक व सियासी रूप से दुरूस्त करने को लेकर मंथन हुआ। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि अगले वर्ष के शुरूआत में होने वाले पांचों राज्यों के चुनाव पहले करने की रणनीति पर चर्चा की गई। इसके लिए सरकार के स्तर पर कुछ आम जनता को खुश करने वाली घोषणाएं और संगठन स्तर पर नीचे तक कार्यकर्ताओं को काम सौंपे जाने को लेकर रणनीतिक मंथन हुआ। सूत्र बताते हैं कि मोदी, शाह और नड्डा की बैठक में अव्वल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ तीनों नेताओं की अलग-अलग हुई बैठक पर चर्चा की शुरूआत हुई। तीनों नेताओं ने सियासी रूप से देश के सबसे बड़े सूबे में सभी को साथ लेकर चलने के लिए ज्यादा से ज्यादा कदम उठाने पर जोर दिया।
 इसके अलावा, तीनो दिग्गज नेताओं की बैठक में कोरोना के बाद उपजे हालात को लेकर सरकार की गंभीरता पर गहन मंथन हुआ। सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण अभियान पर पूरा जोर दिया जाएगा। इस अभियान को सरकार की उपलब्धियों के रूप में राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर प्रचारित भी किए जाने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस नेतृत्व के पंजाब और राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर भी मंथन किया गया। राजस्थान में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट अपने कुछ विधायकों के साथ आज दिल्ली में ही मौजूद है। 

गर्भवती महिलाओं को टीका, सुनवाई से इंकार किया

रवि चौहान  

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का वैक्सीन लगाने की मांग करने वाली याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार ने जब जस्टिस अमित बंसल की बेंच को बताया कि इस मामले पर विचार चल रहा है तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई भी आदेश देने की जरूरत नहीं है।

 यह याचिका गर्भवती प्रियाली सुर ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील वसुधा जुत्शी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन देने के लिए केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश देने चाहिए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा और अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि इसे लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआई) ने कई अनुशंसाएं की हैं। उन अनुशंसाओं को नेशनल वैक्सीन एडवाइजरी कमेटी को भेज दिया गया है।

 चेतन शर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह के फैसले विशेषज्ञों पर छोड़ देना चाहिए। अनुराग अहलूवालिया ने एनटीएजीआई की बैठक के मिनट्स साझा करते हुए कहा कि इस बात के सुझाव दिए गए हैं कि गर्भवती महिलाओं को उनके नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन दी जा सकती है। बैठक में ये भी सुझाव दिया गया कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने के पहले उन्हें वैक्सीन के नफा-नुकसान के बारे में भी बताया जाए। बैठक में इस बात का भी सुझाव आया कि गर्भवती महिलाओं पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन का असर जानने के लिए अध्ययन किया जाए। केंद्र सरकार की इस दलील के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है। 

कोरोना के नए मामलों में 78 प्रतिशत की कमी दर्ज

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों व एक्टिव मामलों में कमी दिखाई दे रही है। देश में नए मामलों में 78 प्रतिशत की कमी दर्ज की जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले एक हफ्ते में नए मामलों में औसतन 31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 17 अप्रैल को जहां देश में 2.81 लाख नए मामले सामने आ रहे थे, वो घटकर 11 जून तक एक लाख से भी नीचे आ गए है। पिछले चार दिनों से देश में कोरोना के नए मामले एक लाख के नीचे है। 
 
 शुक्रवार को कोरोना की स्थिति व उसके लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि मई के महीने में जहां 531 जिलों में 100 से अधिक मामले सामने आ रहे थे। ऐसे जिलों की संख्या जून में घटकर 196 जिले रह गए । उन्होंने बताया कि देश में एक्टिव मामलों में भी तेजी से कमी आई है। देश में एक्टिव मामले 70 फीसदी तक कम हुए हैं। वहीं, पॉजिटिविटी दर भी 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है।
 
 देश में 15 राज्यों में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम है। उन्होंने बताया कि देश में 19.85 करोड़ लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वहीं, 4.76 करोड़ लोगों को टीके की दूसरी खुराक भी लगाई जा चुकी है। अब तक कुल 24.61 करोड़ खुराक लोगों को दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में हालात बेहतर हो रहे हैं लेकिन वायरस अभी गया नहीं है। लोगों को सावधानी बरतना बंद नहीं करना है, लापरवाही बरतने से देश में फिर पहले जैसे हालत हो सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...