मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

'सत्यमेव जयते' 2 की रिलीज की तारीख आगें बढ़ाईं

कविता गर्ग            

मुंबई। जॉन अब्राहम की मुख्य भूमिका वाली “सत्यमेव जयते 2” के निर्माताओं ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर फिल्म की रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी है। भूषण कुमार के टी-सीरीज और बॉक्स ऑफिस पर इसकी टक्कर सलमान खान की “राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई” से होनी थी। महाराष्ट्र में तेजी से फैलते संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने इस महीने के शुरू में घोषणा की थी कि सिनेमा हॉल बंद रहेंगे। एक बयान में “सत्यमेव जयते 2” के निर्माताओं ने कहा कि फिल्म के प्रदर्शन को टाल दिया गया है।

अफगान: बम विस्फोट में 10 आतंकियों की मौंत हुईं

काबुल। अफगानिस्तान के पूर्वी वर्दाक प्रांत के डे मिर्दाद जिले में आतंकवादियों के एक ठिकाने पर हुए बम विस्फोट में कम से कम 10 तालिबानी आतंकवादियों की मौत हो गयी। सेना ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि यह हादसा सोमवार को हुआ। वक्तव्य के मुताबिक कल शाम दादू खली गांव स्थित तालिबान आतंकवादियों के ठिकाने पर विस्फोट हुआ। जिसमें तालिबान कमांडर मुल्ला मंसूर समेत 10 आतंकवादियों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हो गये। तालिबान ने इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। प्रांतीय गवर्नर सैयद वाहिद कताली ने बताया कि रविवार को हेरात प्रांत के पस्तोन जर्घाेन जिले के एक मस्जिद के भीतर ऐसे ही बम विस्फोट में 20 आतंकवादी मारे गये और घायल हुए थे।

रक्षामंत्री राजनाथ ने कर्मियों की भर्ती को मंजूरी दीं

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड-19 के वर्तमान संकट से निपटने के लिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अस्थायी भर्ती के तहत पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत 51 पॉली क्लिनिकों में अनुबंध के आधार पर अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती को मंजूरी प्रदान की है। पिछले सप्ताह राजनाथ सिंह ने कहा था कि सशस्त्र सेना और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने में नागरिक प्रशासन को मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मंत्रालय ने कहा कि चिन्हित ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स के लिए अनुबंध पर भर्ती किये जाने वाले कर्मियों में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग सहायक, फार्मासिस्ट, ड्राइवर और चौकीदार शामिल हैं जिन्हें स्टेशन मुख्यालय में रात की ड्यूटी के लिए 3 महीने के लिए काम पर रखा जाएगा। जिन ईसीएचएस पॉली क्लिनिकों में कर्मचारियों को बढ़ाया जायेगा उनमें लखनऊ, दिल्ली कैंट, बेंगलूरू, देहरादून, कोटपुतली, अमृतसर, मेरठ, चंडीगढ़, जम्मू, नयी दिल्ली (लोधी रोड), सिकंदराबाद, आगरा, अंबाला, ग्रेटर नोएडा, गुरदासपुर, पुणे और तिरूवनंतपुरम शामिल हैं।

इस योजना के दायरे में जालंधर, कानपुर, गुरुग्राम, होशियारपुर, मोहाली, चंडीमंदिर, इलाहाबाद, गाजियाबाद (हिंडन), पठानकोट, जोधपुर, लुधियाना, रोपड़, दानापुर (पटना), खड़की, पालमपुर, बरेली, कोल्हापुर, योल और दक्षिण पुणे स्थित ईसीएचएस क्लिनिक भी आयेंगे। इसके अलावा विशाखापत्तनम, जयपुर, गुंटूर, बैरकपोर, चेन्नई, गोरखपुर, पटियाला, नोएडा, भोपाल, कोच्चि, वेल्लोर और रांची स्थित ईसीएचएस क्लिनिक भी शामिल हैं । गौरतलब है कि में एक दिन में 3,23,144 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद मंगलवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गयी जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ठीक होने की दर गिरकर 82.54 प्रतिशत हो गयी है।

जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान की मौंत हुईं

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। दिल्ली की एक जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान खान की सोमवार देर रात कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। वह एक हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे। कामरान खान द्वारका जिला अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट थे। द्वारका अदालत बार संघ के अध्यक्ष वकील वाई पी सिंह ने बताया कि न्यायाधीश को दस दिन पहले वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों बाद तबीयत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर रखा गया। उन्होंने कहा, ”वह बहुत युवा थे, बहुत बुद्धिमान और बहुत समझदार थे। वह बहुत जल्दी चले गए।” सिंह ने कहा, ”वह अविवाहित थे और अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। खान को दो महीने पहले साकेत अदालत से द्वारका अदालत में स्थानांतरित किया गया था।” बार संघ के सचिव जय सिंह यादव ने बताया कि खान को पहले मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से छुट्टी दे दी गई। बाद में स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अन्य अस्पताल ले जाया गया।

ऑक्सीजन की कोई कमी नही, को सफेद झूठ बताया

हरिओम उपाध्याय          

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान कि 'राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये ऑक्सीजन की कोई कमी नही है' को सफेद झूठ बताते हुए कहा कि जिंदगी मौत से जूझ रहे मरीजों के परिजन लखनऊ में लंबी-लंबी लाइनों में अनाप-शनाप दामों पर ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहे है। उन्होने कहा कि जब यह स्थिति राजधानी लखनऊ की है तो ऐसे में राज्य के अन्य सभी जिलों की स्थिति क्या होगी ? इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होने मुख्यमंत्री के बयान को 'हेडलाइन मैनेजमेंट' बताते हुए प्रश्न किया कि जब देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ, चिकित्सक व वैज्ञानिक पूर्व में ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चेतावनी दे रहे थे तब मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली अधिकारियों की टीम इलेवन क्या व्यवस्थाएं कर रही थी। इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी लहर के हाहाकार से बचने के लिये यदि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली टीम इलेवन ने समुचित तैयारियां की होतीं तो संक्रमितों को उचित उपचार उपलब्ध होता। संक्रमित मरीजों के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू, वेंटिलेटर व बेडों की पर्याप्त व्यवस्था होती तो आज बढ़ रहे भीषण संक्रमण और हो रहीं मौतों के आंकड़े से बचा जा सकता था लेकिन मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम इलेवन हाथ पर हाथ रखकर आपदा में अवसर तलाश करती रही। उसने लोगों के जीवन की रक्षा के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था के लिये कोई रणनीति बनाकर काम नही किया। जिसका भयावह नतीजा आज सबके सामने है। राज्य सरकार की इस सम्बन्ध में न कोई नीति है और न ही उसकी कोई रणनीति किसी को समझ में आयी है।उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री जिस तरह फर्जी आंकड़ों के सहारे कोरे दावे कर रहे हैं, उसकी जमीनी सच्चाई शून्य है। हर तरफ जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन व बेड की मारामारी के साथ हर तरफ कालाबाजारी हो रही है। मुख्यमंत्री एक तरफ बयान देते हैं कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और दूसरी तरफ खुद ही स्वीकार करते हैं कि कालाबाजारी हो रही है। यह कालाबाजारी करने वाले रैकेट का संरक्षक कौन है। इन्हें सत्ता या ब्यूरोक्रेसी में बैठे कौन लोग संरक्षण दे रहे है। मुख्यमंत्री जी और उनके नेतृत्व वाली टीम इलेवन अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच नही सकती है। उन्होने कहा कि प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं। इस भयावह मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का कोई आता पता नहीं है। आपदा के भीषण काल में स्वस्थ्य मंत्री के साथ साथ पूरे मंत्रिमंडल का कोई अता पता नहीं है। पूरी कैबिनेट संकट के इस समय कहाँ है। मंत्रिमंडल संवैधानिक भूमिका का निर्वहन करने में कहीं दिखायी नहीं दे रहा है।

18 साल से ज्यादा उम्र वालों को फ्री मिलेगीं वैक्सीन

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के कहर ने हाहाकार मचा रखा है। रोजाना यहां 20 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं तो वहीं, 300 से ज्यादा लोग प्रतिदिन दम तोड़ रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को यह ऐलान किया। बता दें कि देशभर में 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभर में कोरोना का जबरदस्त कहर छाया हुआ है। कोरोना काल में समाधान एक ही है और वो है वैक्सीन। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि 18 साल से ऊपर उम्र को फ्री वैक्सीन दी जाएगी। इसका पूरा प्लान तैयार हो रहा है। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमने देखा है कि इस महामारी से 18 साल से कम उम्र के जवान और बच्चे भी बहुत संक्रमित हो रहे हैं। अब उनके लिए भी सोचने का समय आ गया है कि ये वैक्सीन उनको भी लगाई जा सकती हैं और अगर नहीं लगाई जा सकती तो मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द दूसरी वैक्सीन भी इजाद होंगी। सीएम ने बताया कि आज 1.35 करोड़ वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दी गई है। वह बोले कि वैक्सीन के एक निर्माता ने कहा है कि वो राज्य सरकारों को 400 और दूसरे ने कहा कि वो 600 रुपये में वैक्सीन देंगे और केंद्र सरकार को 150-150 रुपये में देंगे। इसकी एक ही कीमत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दाम अलग अलग आ रहे हैं, जो ठीक नहीं है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से निवेदन है कि वह इसे 150 रुपये तक ले आएं। केंद्र सरकार से भी निवेदन है कि दाम पर कैपिंग की जाए। आपको बता दें कि दिल्ली से पहले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान और ओडिशा की राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश में 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों को फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा कर चुकी हैं।

कोरोना महामारी के बिगड़ते हालातों पर जताईं चिंता

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। भारत में कोरोना महामारी से बिगड़ते हालातों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने भारत में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले दिल दहलाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़े हैं। मरीजों के परिजन अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे है।

भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने का ऐलान

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली/ सिडनी। कोरोना संक्रमण के कारण एकबार फिर दूसरे देशों से भारत आने-जाने पर ग्रहण लगने के आसार बन गए हैं। भारत में कोरोना के कहर को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने आगामी 15 मई से भारत से आम मुसाफिरों को लेकर आने वाली सभी सीधी उड़ानों पर रोक लगाने का ऐलान किया है।
ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के कार्यालय ने खुद ट्वीट करके ये जानकारी दी है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर से भारत के ज्यादातर हिस्सों में कोहराम मचा हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के 3,23,144 नए मरीजों का पता लग चुका है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 1.76 करोड़ से भी ज्यादा हो चुकी है। हालांकि राहत की बात यही है कि संक्रमित होने वाले लोगों में से 1.45 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलियाई पीएम के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत के साथ अच्छे द्विपक्षीय रिश्ते होने के बावजूद मौजूदा समय में अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए मुसाफिरों की सीधी उड़ान को ऑस्ट्रेलिया आने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। क्योंकि ऐसा करने से ऑस्ट्रेलिया में भी कोरोना के एकबार फिर बेकाबू रफ्तार से बढ़ने का खतरा बन सकता है।

हाईकोर्ट ने न्यायालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी की

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की जिला अदालतों, अधिकरणों व पारिवार न्यायालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत मुकदमों की सुनवाई अब सिर्फ वर्चुअल मोड से ही होगी। भौतिक रूप से उपस्थित होकर कोई मुकदमा नहीं सुना जाएगा। हाईकोर्ट ने वकीलों और वादकारियों, स्टाम्प वेंडर और एडवोकेट क्लर्क के अदालत परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि सिर्फ फ्रेश जमानत, अग्रिम जमानत, रिमांड व अति आवश्यक मुकदमे ही सुने जाएंगे। इसके लिए एक या दो से अधिक न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी। मुकदमे सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला अदालत या न्यायिक अधिकारी के आवास से सुने जाएंगे। कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी। शेष मामलों के लिए पूर्व में जारी गाइडलाइन लागू रहेगी। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने वर्चुअल और फिजिकल मोड से मुकदमों की सुनवाई की अनुमति दी थी। मगर संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए इस आदेश को संशोधित कर दिया गया है।

एचसी ने टेस्ट सैंपलिंग का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह टेस्टिंग सेंटर बढ़ाएं। हाईकोर्ट ने केंद्र टेस्ट सैंपलिंग का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केरल सरकार के ऑक्सीजन के इस्तेमाल की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि केरल सरकार और तमिलनाडु सरकार काफी अच्छे से ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा नहीं खड़ी करने का निर्देश दिया है।
मेहता ने कहा कि सभी राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों ने केंद्र के सुझावों को सकारात्मक तरीके से लिया है। दिल्ली के नागरिकों की समस्या सुलझाने की कोशिश हो रही है। हालांकि सबसे ज्यादा खराब हालत महाराष्ट्र की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को प्रभावी वार रुम बनाने पर विचार करना चाहिए। केंद्र सरकार ने वार रुम बना रखा है। इसे जारी रखने की जरूरत है। 

एससी ने कोर्ट में गर्मी की छुट्टी के ऐलान की मांग की

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कोरोना को देखते हुए गर्मी की छुट्टी एक सप्ताह पहले से शुरू करने पर विचार कर सकती है। तय कैलेंडर के हिसाब से 15 मई से ग्रीष्मावकाश होना है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने आज बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान इस आशय की सहमति दी। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच की बैठक के बाद फैसला लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने पिछले 25 अप्रैल को चीफ जस्टिस और वरिष्ठ जजों को पत्र लिखकर 26 अप्रैल से कोर्ट में गर्मी की छुट्टी के ऐलान की मांग की थी। बार एसोसिएशन ने कहा था कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते छुट्टी जल्द घोषित हो। सुप्रीम कोर्ट को जुलाई की बजाय 7 जून से खोला जाए। बार एसोसिएशन ने यह मांग भी कि है कि सुप्रीम कोर्ट के नए परिसर में बने वकीलों के चैंबर को कोविड केयर सेंटर या अस्थायी अस्पताल में तब्दील किया जाए। ये चैंबर फिलहाल खाली पड़े हैं।

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया

यूके: 10वीं-12वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया  पंकज कपूर  रामनगर। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड का रिजल...