बुधवार, 16 सितंबर 2020

संडे हो या मंडे जान ले कोलेस्ट्रॉल का गणित

संडे हो या मंडे कितने खाएं अंडे, जानें क्या है अंडे में कोलेस्ट्रॉल का गणित।


सर्दी हो या गर्मी अंडे हर मौसम में स्वादिष्ट और पोषण का भंडार होते हैं। गरमा-गरम उबले हुए अंडे या उनसे बनी तरह-तरह की डिशेज का लुत्फ उठाना हर कोई चाहता है।अंडा हर मौसम में दैनिक जीवन का आहार है, लेकिन अक्सर यह सवाल होता है कि कितने अंडे हमारी सेहत के लिए सही हैं। दरअसल, अंडे को धरती पर दुनिया के सबसे ज्यादा पोषक तत्वों वाले आहार के रूप में गिना जाता है, लेकिन इसके पीले हिस्से में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की वजह से यह थोड़ा बदनाम है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल के मामले में सब कुछ कह देना इतना आसान नहीं है। क्योंकि हम भोजन के जरिये जितना कोलेस्ट्रॉल लेते हैं. हमारा शरीर उतना ही कम कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करता है। इसलिए यदि आप थोड़े बहुत अंडे खाते हैं तो आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ेगी।
विभिन्न प्रकार के अध्ययनों में शरीर में मौजूद ऊंचे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को हार्ट की बीमारी और असमय मौत से जोड़ा गया है। लेकिन यह भी हकीकत है कि कोलेस्ट्रॉल हर एक कोशिका के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे शरीर की बुनियाद के लिए यह जरूरी भी है।इसके अलावा शरीर में स्टेरॉयड हार्मोन्स जैसे टेस्टेस्टरॉन एस्ट्रोजन और कॉर्टिसोल के निर्माण के लिए इसका उपयोग होता है। इसकी उपयोगिता और महत्व को ध्यान में रखते हुए हमारा शरीर इसकी पर्याप्त आपूर्ति भी सुनिश्चित करता है। जब आप कोलेस्ट्रॉल से भरपूर खाना खाते हैं तो आपका लिवर कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करता है, ताकि इसका स्तर शरीर में बहुत ज्यादा न हो जाए।
अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, एक बड़े अंडे में लगभग 72 कैलोरी होती हैं। एक बड़े अंडे का वजन 50 ग्राम (जी) होता है।कैलोरी की संख्या अंडे के आकार पर निर्भर करती है। आकार के अनुसार छोटा अंडा (38 ग्राम): 54 कैलोरी, मध्यम अंडा (44 ग्राम): 63 कैलोरी, बड़ा अंडा (50 ग्राम): 72 कैलोरी, अतिरिक्त-बड़ा अंडा (56 ग्राम): 80 कैलोरी और जंबो एग (63 ग्राम): 90 कैलोरी का होता है।
वैसे लिवर यह कोशिश करता है कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर सही बना रहे, लेकिन यदि हम भोजन में कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा सेवन कर लेते हैं तो कोलेस्ट्रॉल हमें तकलीफ देने लगता है, इसलिए स्वाभाविक है हमें यह अनुमान लेना चाहिए कि हम हमारे शरीर में इसकी मात्रा बढ़ा रहे हैं।
आम तौर पर एक मध्यम आकार के अंडे में 186 एमजी कोलेस्ट्रॉल होता है, जोकि हमारी रोजाना जरूरत का 62 फ़ीसदी है। अंडे के सफेद हिस्से में ज्यादातर प्रोटीन है और कोलेस्ट्रोल की मात्रा बहुत ही कम है। कुछ अध्ययनों में अंडे खाने पर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढऩे के बारे में पाया गया कि 70 फ़ीसदी लोगों का एचडीएल लगातार बढ़ा एचडीएल शरीर के लिए अच्छा कोलेस्ट्रॉल है। कुछ लोगों शरीर में एलडीएल बढ़ा जोकि बुरा कोलेस्ट्रॉल है।
प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति पर कोलेस्ट्रॉल का प्रभाव अलग अलग होता है। कुछ अध्ययनों में अंडे खाने पर बढ़े कोलेस्ट्रॉल का हृदय रोगों से सीधा संबंध बताया गया है, जबकि कुछ अध्ययनों में यह स्थिति नहीं देखी गई है।लगभग सभी अध्ययनों का सार यह है कि एक बार में 3 अंडे स्वस्थ शरीर के लिए ठीक हैं। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि सभी अंडे एक जैसे नहीं होते लेकिन 3 अंडों की खुराक को लगभग सभी लोगों के लिए काफी बताया गया है।शरीर की अवस्था और कोलेस्ट्रॉल के गणित को ध्यान में रख कर कोई भी व्यक्ति अपनी सेहत के लिए कितने अंडे खाने हैं, यह तय कर सकता है।               


ईयर फोन का ज्यादा इस्तेमाल बनाएं बीमार

सावधानः ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल बना सकता है बीमार, बरतें ये सावधानियां।


आज कल युवाओं में ईयरफोन का चलन ज्यादा बढऩे लगा है।फिर चाहें सड़क पर चलते युवा हों या किसी बस, मेट्रो ट्रेन में बैठे लोग उनके कानों में ईयरफोन लगा जरूर दिख जाएगा।मगर क्या आप जानते हैं कि ईयरफोन लगाना और तेज आवाज में गाना सुनना आपके कानों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके ज्यादा इस्तेमाल से कानों में दर्द और सुनने में परेशानी जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में ईयरफोन का इस्तेमाल करने वालों को इससे जुड़े इन प्रभावों की जानकारी जरूर होनी चाहिए। साथ ही आप इससे बचाव के कुछ तरीके अपना कर भी खुद को इसके दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं। मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव
कई घंटों तक हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल करने से न सिर्फ कानों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि इससे मस्तिष्क पर भी नकारात्मक असर पड़ता सकता है। इसकी वजह यह है कि ईयरफोन से निकलने वाली चुंबकीय तरंगे मस्तिष्क की कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं।ऐसे में ज्यादा देर तक ईयरफोन का इस्तेमाल करने से सिर में दर्द, नींद न आने की समस्या, कानों में दर्द और गर्दन के किसी हिस्से में दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ईयरफोन में आने वाली सूक्ष्म ध्वनि भी स्पष्ट और तेज सुनाई देती है। अगर आप इसका इस्तेमाल करना ही चाहते हैं तो इसे कम से कम आवाज पर रखें। साफ-सफाई का रखें ध्यान
आज जिस ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, उस पर बैक्टीरिया पनपने का खतरा भी रहता है और जब आप अपने कान में इसे लगाते हैं, तो इन बैक्टीरिया की वजह से कान में संक्रमण होने की आशंका भी बढ़ जाती है।ऐसे में अपने ईयरफोन की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।


शेयर न करें ईयरफोन


कई बार दोस्तों में ईयरफोन को भी शेयर कर लिया जाता है, मगर आपको इससे बचना चाहिए।क्योंकि इससे किसी अन्य का संक्रमण आपके कानों तक पहुंच कर आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है।
कानों से कम सुनाई देना
अगर आप ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपके कानों की सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।सामान्य तौर पर कानों की सुनने की क्षमता 90 डेसिबल होती है, जो लगातार सुनने से धीरे-धीरे 40 से 50 डेसिबल तक कम हो जाती है। वहीं कुछ मामलों में यह बहरेपन का कारण भी बन सकता है।
ज्यादा देर न करें इस्तेमाल
अगर आप संगीत सुनने का शौक रखते हैं और रोजाना संगीत सुनने के लिए ईयर फोन का इस्तेमाल करते हैं, 2 घंटे से अधिक समय तक अपने कानों में ईयरफोन न लगाएं।बीच बीच में कानों को आराम दें।वरना लगातार ईयरफोन लगाने की वजह से आपके कानों को क्षति पहुंच सकती है।
बचाव का तरीका
अगर आप सड़क पर चल रहे हैं या वाहन चला रहे हैं तो ईयरफोन के इस्तेमाल से बचें।इससे आप और अन्य लोग भी प्रभावित हो सकते हैं।
अगर आपको अपने काम की वजह से लगातार कई घंटों तक ईयरफोन का इस्तेमाल करना पड़ता है, तो एक घंटे के दौरान कई बार 5-10 मिनट का ब्रेक जरूर लें। इससे कानों को आराम मिलेगा, साथ ही इसके अलावा अच्छी क्वालिटी के ईयरफोन का ही इस्तेमाल करें।
ईयर फोन लगाने से मल्टीपल फ्रिक्वैंसेस की टोन कान के पर्दे से टकराती हैं और टकराने के बाद वापस भी आ जाती हैं।ऐसे में कई सारी आवाजें कान के अंदर घूमती रहती हैं।इससे कानों की नसें कमजोर हो सकती हैं।             


पंचायत चुनाव का बिगुल बजने से खलबली

पंचायती चुनाव के बिगुल बजने से पहले हुई हलचल शुरू, ग्रामीण पंचायतों के दबंग महारथियों के चेहरों पर छायीं चिंता की लकीरें, हार जीत की गणित से कहीं ज्यादा अघोषित शासनादेश है उलझन की बजह।


मथुरा। पंचायत के महारथियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं, एक ऐसे नियम की कानाफुंसी हर जगह हो रही है जो अभी तक बना नहीं है, बावजूद इसके पंचायत चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्याशियों की चिंता का सबब बना हुआ है। कुछ संभावित प्रत्याशी इसका तोड निकालने में अभी से लग गये हैं जबकि शासन द्वारा जारी होने वाले नियम का खुलासा अभी नही हुआ है। 
जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के लिए पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की तैयारी से सियासी खेमे में हलचल बढ़ गई है। इससे जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही प्रधान पद की तैयारी कर रहे लोगों को भी झटका लग सकता है। इन दिनों गांवों में पंचायत चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने अपनी पैंठ बनाना शुरू कर दिया है। वहीं दो से अधिक बच्चे होने वालों की चिंता बढ़ गई है, उनका मानना है कि यदि यह कानून आता है तो उनकी राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी, यही वजह है कि वे चिंतित दिखाई दे रही हैं जबकि ग्रामीणों का मानना है कि यह कानून बनना चाहिए, ताकि जनसंख्या पर नियंत्रण करने में मदद मिल सके।
ग्राम पंचायत कारब में प्रधानी की तैयारी कर रहे धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि देश में कई राज्यों में दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होने का नियम है, उन्होंने कहा कि सरकार को यह नियम लागू करना चाहिए, करतार सिंह ग्राम पंचायत विधोनी ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है, इस तरह के नियम ऊपर से नीचे तक प्रत्येक चुनाव पर लागू होने चाहिए, सिर्फ पंचायत चुनावों के लिए अलग से नियम बनाना तर्कसंगत नहीं है । 
ग्राम पंचायत रायपुर के डिगम्बर सिंह कहते हैं कि यह निर्णय समाज में जागरूकता लाने का सरकार द्वारा एक प्रयास है, यदि सरकार के प्रयास से जनसंख्या नियंत्रण में सफलता मिलती है तो उन्हें प्रधानी जाने पर भी उन्हें दुख नहीं होगा, इस कानून के बनने से जनसंख्या पर काफी हद तक नियंत्रण लग सकेगा।
ग्राम पंचायत सौंसा के करण ठाकुर कहते हैं कि पंचायत चुनाव में दो बच्चे वाला नियम लागू होने पर जनसंख्या नियंत्रण में सरकार को काफी राहत मिलेगी, हालांकि केवल कहने वालों से कोई नियम लागू नहीं होता, उन्होंने कहा सरकार को जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के चुनाव सीधे जनता से कराने चाहिए।             


अब सरकार ढूंढ कर लाएगी 'दूल्हा-दुल्हन'

अब सरकार ढूंढ कर लाएंगी दूल्हा और दूल्हन , कराएगी आपकी शादी, इस बेबसाइट पर करें रजिस्ट्रेशन।


राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। सरकार अब आपको शादी के लिए मनपसंद रिश्ते ढूंढ कर देगी। सुनकर आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन यह एक सच्चाई है। सरकार द्वारा संचालित सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर पर रजिस्ट्रेशन करवाकर आप मनपसंद दूल्हा या दुल्हन तलाश कर सकेंगे। हरियाणा प्रदेश में अभी तक चार दिन में 285 लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। 
केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संचालित सीएससी के माध्यम से शादी के लिए मनपसंद रिश्ता ढूंढने वाले ग्रामीणों के लिए ग्रामीण मैट्रोमोनी (मिलन) पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। फतेहाबाद के एक सीएससी संचालक राजकुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के युवक और युवतियों की शादी के लिए वर व वधू खोजने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया गया है। सीएससी पर भरा गया प्रोफाइल बेहद ही सुरक्षित रहेगा।
राजकुमार ने बताया कि जिस परिवार ने शादी के लिए पंजीकरण कराया है, उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा तभी पंजीकरण करने वाला रिश्ते के लिए भेजी गई प्रोफाइल देख सकेगा। सीएससी संचालकों को पंजीकरण के लिए (मिलन.सीएससी-सर्विस.इन) पोर्टल से पंजीकरण हो सकेगा। पंजीकरण के लिए यूजर आईडी बनानी होगी। सीएससी संचालक ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के ग्रामीण इलाकों से अभी तक मैट्रोमोनी वेबसाइट पर 286 लोगों ने अपने आवेदन कर दिए हैं। जिसमें इस समय 259 लोगों की प्रोफाइल एक्टिव है तो वहीं 27 लोगों ने अपना पंजीकरण तो किया है, लेकिन उसमें पूरी जानकारी अभी तक नहीं भरी है। हरियाणा प्रदेश में अलग-अलग जिलों के गांवों से आवेदकों में 271 लड़के और 15 लड़कियां हैं। जिन्होंने शादी के लिए आवेदन किया है। 
ऐसे होगा पंजीकरण 
ग्रामीण मैट्रोमोनी पर अपना पंजीकरण करते समय युवक या युवती को अपनी एक फोटो देनी होगी, जो प्रोफाइल में दिखेगी और वहीं उसे अपनी पांच एमबी की एक ‌वीडियो भी अपलोड करनी पड़ेगी, जिसमें वह अपनी पूरी जानकारी देंगे। पोर्टल में जन्मतिथि, जन्म का समय, कद, रंग, व्यवसाय, शैक्षणिक योग्यता, इनकम, राशि और पूरे परिवार की जानकारी अपलोड करनी होगी। उसके बाद ही उसका पंजीकरण होगा और एक आईडी बनेगी।
ओटीपी से मिलेगी अनुमति
जो लोग रिश्ता ढूंढ रहे हैं, उन्हें वह प्रोफाइल दिखेगी। जब कोई यूजर उस प्रोफाइल को देखने की कोशिश करेगा तो पंजीकृत नंबर पर एक ओटीपी आएगा वह डालने के बाद ही कोई दूसरा किसी की प्रोफाइल देख पाएगा।             


डीजल से अंतिम संस्कार कर रहा है प्रशासन

शर्मनाकःडीजल डालकर कोरोना मृतकों को जला रहा प्रशासन।


करनाल। हिंदू-रीति के अनुसार अंतिम संस्कार लकड़ी, रॉल, धूप, घी आदि से किया जाता है, लेकिन हरियाणा के करनाल जिले के नगर निगम ने इन मान्यताओं के मायने ही बदल दिए हैं। निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, कोरोना से मृतकों का अंतिम संस्कार डीजल से किया जा रहा है। नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां दाह संस्कार की परंपरा का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। 
परिजनों का आरोप है कि शमशान घाट पर डीजल डालकर कोरोना मृतकों की चिताएं जलाई जा रही हैं। उनकी राख (फूल) के ऊपर से एंबुलेंस निकाली जा रहीं हैं। इसे सीधे तौर पर सनातनी दाह संस्कार परंपरा का अपमान बताकर कई समाजसेवियों ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए उसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। 
बलड़ी शमशान घाट पर कोरोना संक्रमण से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सुबह यहां तीन शव लाए गए। वहां उनके परिजन भी मौजूद थे, जिन्होंने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में उपचार और नगर निगम द्वारा कराए जा रहे दाह संस्कार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं।
एक मृतक की बेटी ने आरोप लगाए है कि पिता की डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मृत्यु हो गई। इसके बाद आज सुबह जब बलड़ी शमशान पहुंचे तो यहां नगर निगम की कोई व्यवस्था नहीं थी। यहां पहुंचते ही कर्मचारी ने डीजल लाने को कहा। उन्हें नहीं मालूम था कि डीजल का क्या करेंगे, जबकि वह तो दाह संस्कार के लिए सामग्री लेकर पहुंची थी। आरोप है कि कर्मचारियों ने चिता पर कुछ लकड़ी रखीं और डीजल डालकर आग लगा दी।
आरोप है कि जब शव श्मशान घाट पहुंचे तो वहां कुत्ते घूमते मिले। अंतिम संस्कार के लिए देशी घी व अन्य सामग्री लाए लेकिन यहां स्टाफ ने सबसे पहले डीजल की मांग की। आनन-फानन में जैसे तैसे शव के ऊपर कुछ लकड़ी रखकर डीजल डालकर आग लगा दी। बहुत कहने पर दो परिजनों को पीपीई किट दी तो वह शव के पास गए। यहां शव की राख (फूल) पड़ी थी, उसके ऊपर से वाहन गुजर रहे हैं, स्टाफ जूते पहनकर निकलता है। घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 
करनाल जन सेवा दल के प्रधान चरणजीत बाली ने कहा कि यह तो अमानवीयता की हद है, सरकार कोरोना के मृतकों के शवों का दाह संस्कार कराने में अक्षम है तो जनसेवा दल के अपना आशियाना को यह जिम्मेदारी सौंप दें। हम, लोग अपने परिजनों की तरह सभी शवों का रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करेंगे। 
शव को डीजल डालकर जलाना सनातन दाह संस्कार परंपरा का अपमान है। शव को डीजल डालकर जलाना, अस्थियों व चिता की राख के ऊपर से गाड़ियों का गुजरना, स्टाफ का जूते पहनकर फूल रौंदना, उनके ऊपर से पशुओं का घूमना, शमशान घाट पर पहली डिमांड डीजल होना, आखिर यह सब क्या है।ऐसा अपमान तो शायद ही किसी ने देखा और सुना होगा। वहीँ करनाल नगर निगम के सफाई निरीक्षक प्रवेश कुमार का कहना है कि यहां घासफूस तो है नहीं, इसलिए चिता की लकड़ियों पर डीजल डालना पड़ता है लेकिन शव के ऊपर नहीं डालते हैं। नगर निगम से पांच क्विंटल लकड़ी, दो लीटर डीजल मिलता है। किसी से डीजल नहीं मंगाते हैं। पीपीई किट व मास्क, ग्लब्स आदि रेडक्रास से मिलते हैं। स्थान की कमी है, सिर्फ पांच दाह संस्कार स्थल है लेकिन शव कई आते हैं, पिछले 12 दिनों में 41 शव आ चुके हैं। फूल बीनने की परंपरा तीन या पांच दिन के बाद होती है, इसलिए बाहर खुले में चिता लगानी पड़ती है।               


नॉएडाः झाड़ियों में चल रहा है सेक्स रैकेट

ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में झाड़ियों में चल रहा है सेक्स रैकेट, पुलिस बेखबर।


नोएडा। सूरजपुर थाना कोतवाली क्षेत्र के औद्योगिक पुलिस चौकी क्षेत्र में कई जगह झाड़ियों में सेक्स रैकेट का धंधा खुलेआम जोरों पर है। पुलिस प्रशासन इस नापाक धंधे को बंद करवाने में नाकाम साबित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संदेश को सूरजपुर थाना पुलिस नहीं मानती वही उधर झाड़ियों में सेक्स रैकेट के इस धंधे को चलाने वाला आखिर एक सफेदपोश का चेहरा प्रकाश में आया है। बिना नंबर की प्लैटिना मोटरसाइकिल सवार युवक खुद को एक पार्टी का नेता बताते हुए सेक्स संचालिका को कहता है कि पुलिस की जिम्मेदारी मेरी है तुम खुलेआम अपना कार्य करती रहो ऐसे में साबित होता है कि सेक्स रैकेट को चलाने में सफेदपोश भी शामिल है।                


मार्मिकः मासूम के साथ मां की आत्महत्या

बांदा- मां नें मासूम बेटी सहित फांसी लगाकर की आत्महत्या।


बांदा। जिले के चिल्ला कस्बे में दो वर्षीय पुत्री के साथ मां ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कमरे का बंद दरवाजा तोड़कर दोनों शव कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम कराया। घटना के पीछे जहां सौतन से कलह की चर्चा है तो पति टीबी की बीमारी से तंग आकर आत्महत्या की दलील दे रहा है। कस्बा चिल्ला निवासी रजनी (25) पत्नी शिवदास ने रात में मकान की पहली मंजिल पर सीलिंग फैन में साड़ी बांधकर पहले अपनी दो वर्षीय बेटी शालिनी को फांसी पर लटकाया और फिर दूसरे छोर पर खुद फांसी पर झूल गई।
पति के मुताबिक, वह तड़के घर आया तो बंद कमरे में दोनों के शव फांसी पर लटके थे। पति शिवदास ट्रक चालक और गायक है। उसने दो शादियां कीं। पहली शादी बांदा शहर निवासी शिवकांती के साथ वर्ष 2000 के आसपास की थी।उसके चार बच्चे हैं। दूसरी शादी वर्ष 2012 में तिंदवारी कस्बे के प्रेमनगर की रहने वाली रजनी से की थी। यह कोर्ट मैरिज थी। रजनी से मात्र दो वर्षीय पुत्री शालिनी थी। शिवदास अपनी दोनों इन पत्नियों को चिल्ला कस्बे में एक ही मकान में रखे था। रजनी मकान के ऊपरी हिस्से में रहती थी और शिवकांती निचले हिस्से में रहती है। ग्रामीणों के मुताबिक, दोनों में पटती नहीं थी। एक-दूसरे को सौतन की निगाह से देखती थी। आए दिन दोनों में विवाद होता था। घटना से कुछ घंटे पहले दोनों के बीच विवाद हुआ था। चिल्ला थाना पुलिस ने रजनी के शव का पोस्टमार्टम कराकर पति को सौंप दिया। चिल्ला इंस्पेक्टर रामाश्रय सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मां-बेटी की आत्महत्या ही प्रतीत हो रही है। घटना के पीछे गृह कलह बताया।               


बीजेपी नेता पर गेंगरेप का आरोप लगाया

बीजेप नेता और डॉक्टर पर लगा छात्रा से गैंगरेप का आरोप एफ आई आर दर्ज कराई।


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में बीए में पढ़ने वाली एक छात्रा से। गैंगरेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छात्रा के साथ गैंगरेप का आरोप बीजेपी के एक नेता और उनके डॉक्टर साथी पर लगा है। जानकारी के अनुसार मामला साल भर पुराना है। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में अब जाकर आरोपी बीजेपी नेता और डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने पीड़ित छात्रा का मेडिकल करा दिया है। हालांकि।नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने अभी तक रसूखदार बीजेपी नेता और आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया है। आरोपी बीजेपी नेता ने खुद को बेगुनाह बताते हुए इसे सियासी साजिश करार दिया है। पीड़ित छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक़, बीजेपी नेता डॉ श्याम प्रकाश द्विवेदी और उनके साथी डॉ अनिल द्विवेदी ने कई बार पिस्टल की नोक पर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान मुंह खोलने व शिकायत करने पर उन्‍हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाती थी। पीड़ित छात्रा के मुताबिक़, श्याम द्विवेदी उन्‍हें अपने होटल में बुलाता था। और वहां अपने दोस्त डॉ अनिल द्विवेदी के साथ मिलकर यौन संबंध बनाता था। पीड़ि‍ता की शिकायत के अनुसार, 8 मार्च को दोनों जबरन उनके घर में घुस आए थे। और अपनी हवस का शिकार बनाया था।परिवार वालों की जान का खतरा होने के डर की वजह से वह काफी दिनों तक अपना मुंह बंद रखे हुए थीं। आरोपी बीजेपी नेता डॉ श्याम प्रकाश द्विवेदी की गिनती प्रयागराज के रसूखदार नेताओं में होती है। वर्तमान समय में वह बीजेपी युवा मोर्चा के काशी प्रांत के उपाध्यक्ष हैं। श्‍याम प्रकाश के पिता रामरक्षा द्विवेदी प्रयागराज में बीजेपी के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। श्याम द्विवेदी का अपना होटल है और साथ ही कई दूसरे कारोबार भी हैं।उन्‍होंने सोशल मीडिया पर पीएम और सीएम के साथ ही पार्टी के कई दूसरे कद्दावर नेताओं संग अपनी फोटो लगा रखी है। श्याम द्विवेदी का साथी डॉ अनिल द्विवेदी शहर के सोहबतियाबाग इलाके में एक प्राइवेट अस्पताल चलाता था। हालांकि।यह अस्पताल इन दिनों बंद रहता है. पीड़ित छात्रा द्वारा दर्ज शिकायत के मुताबिक़ दोनों आरोपी प्रतापगढ़ की एक ज़मीन को बिकवाने के नाम पर उनसे मिलते थे। छात्रा की शिकायत पर बीजेपी नेता और उनके डॉक्टर साथी के खिलाफ कर्नलगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रयागराज के एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक़ जल्द ही पीड़िता का मजिस्ट्रेटी बयान कराया जाएगा। उनके मुताबिक़ शुरुआती जांच के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। दूसरी ओर आरोपी बीजेपी नेता डॉ श्याम द्विवेदी का कहना है। कि वह पिछले कई वर्षों से धर्मांतरण रोकने की एक मुहिम में लगे हुए हैं। इसलिए साजिश के तहत उन्‍हें फंसाया जा रहा है।             


जैन मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति व छत्र चोरी

सिकंदराबाद में जैन मंदिर में अष्टधातु की मूर्ति और चांदी के छत्र चोरी।


केपी खोकरान


बुलंदशहर। सिकंदराबाद नगर के मोहल्ला केसरीवाडा स्थित श्री जैन श्वेतांबर मंदिर में मंगलवार रात चोरों ने धावा बोलकर लाखों रुपये कीमत की अष्टधातु की मूर्तियां,चांदी के छत्र और दानपात्र में से नगदी चोरी कर ली। मंदिर में चोरी की घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस के आला अफसर जांच के लिए मौके पर पहुंचे। नगर के मोहल्ला केसरीबाड़ा में श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर स्थित है। बुधवार की सुबह पुजारी मंदिर को खोला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई । मंदिर से अष्टधातु की मूर्तियां, चांदी के छत्र समेत अन्य कीमती सामान गायब था। पुजारी चंदन कुमार झा ने मामले की सूचना मंदिर के ट्रस्टी को दी। बताया जाता है। कि चोर मंदिर में छत के रास्ते जंगला को तोड़कर घुसे। घटना को लेकर जैन समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया। सीओ नम्रता श्रीवास्तव, कोतवाल जितेंद्र कुमार सिंह समेत फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और मामले की बारीकी से जांच की। पुलिस ने चोरी के सामान की बाबत लोगों से पूछताछ की। सीओ नम्रता श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है।             


दबंगों ने पंजीकृत शराब विक्रेता को पीटा

मुरादनगर में दबंगों के हौसले बुलंद। मुफ्त शराब न मिलने पर पीटा ठेका संचालक को।


मुरादनगर। दबंगों के हौसले काफी बुलंद हैं। दबंगों ने बीच रोड पर शराब ठेके के संचालक को जमकर पीटा। मामले से जुड़ा हुआ एक लाइव वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है। कि बीच रोड पर ठेके के संचालक की जमकर पिटाई की जा रही है। वीडियो से साफ है। कि ठेका संचालक खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कई लड़के यहां पर मौजूद हैं।जो लाठी-डंडे लेकर ठेका संचालक को घेर रहे हैं। ठेका संचालक के अपहरण की नाकाम कोशिश की भी गयी।


दबंग चाहते थे। मुफ्त में शराब
ठेका संचालक का कहना है। कि ये दबंग मुफ्त में शराब मांगते हैं। लेकिन जब शराब देने से मना किया गया तो मारपीट पर आमादा हो गए। आरोप यह भी है। कि ये दबंग इलाके में अवैध शराब बेचने की भी कोशिश करते हैं। इससे पहले भी आरोपियों ने मारपीट की कोशिश की थी। मौके पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है।


लोगों की मदद से बचा अपहरण
पहले तो कुछ लोग वीडियो बनाते रहे। लेकिन बाद में लोगों की मदद से ही। दबंग मौके से भाग निकले। नहीं तो हो सकता था। कि वे दबंग ठेका संचालक का अपहरण भी कर लेते, क्योंकि आरोपी पूरी कोशिश कर रहे थे। कि वो ठेका संचालक को कहीं और ले जाएं। जहां पर ज्यादा मारपीट भी हो सकती थी।               


ट्रांसफार्मर की चपेट में आयें मासूम की मौत

ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर 13 साल के मासूम की मौत।कब जागेगा नींद से जिला प्रशासन।


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। बिना चारदीवारी के रखे हुए। ट्रांसफार्मर की वजह से एक और मौत हो गई। मामला विजयनगर इलाके का है। बिजली विभाग की लापरवाही का शिकार हुए 12 वर्षीय मासूम आकाश के घर मातम पसरा हुआ है। उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है। बिजली की जर्जर तारों ने ली जान
दरअसल बीती शाम, आकाश अपने पिता की दुकान पर जा रहा था और उसी दौरान रास्ते में जर्जर पड़े बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आ गया। उसे अस्पताल ले जाया गया।जहां उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले भी गाजियाबाद में बिजली की जर्जर तारों की वजह से लोगों की जान जा चुकी है। सवाल ये है। कि बिजली विभाग इस तरफ कब गंभीरता से ध्यान देगा। आकाश के परिवार ने उसको लेकर बहुत सारे सपने देखे थे।आकाश के पिता कहते थे। कि वह ज्यादा पढ़ लिख नहीं पाए, लेकिन अपने बेटे आकाश को पढ़ा लिखा कर एक अच्छे ओहदे पर जरूर पहुंचाएंगे। इसलिए वो आकाश की पढ़ाई को लेकर भी काफी गंभीर रहते थे। लेकिन एक लापरवाही ने आकाश को उसके परिवार से हमेशा के लिए छीन लिया।


4 दिन पहले अर्थला में हुआ हादसा
4 दिन पहले अर्थला की संजय कॉलोनी में भी बिजली की तारों की चपेट में आने की वजह से पूरा परिवार घायल हो गया था। घर का मुखिया अस्पताल में होने की वजह से परिवार के सामने आर्थिक संकट भी गहरा गया।                


'राज्यमंत्री' गर्ग पर जमीन हथियाने का आरोप

स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाज़ियाबाद से विधायक अतुल गर्ग पर लगे संपत्ति कब्जाने के आरोप।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाजियाबाद नगर से विधायक अतुल गर्ग पर उनके ही चचेरे भाई श्याम गर्ग ने जमीन व संपत्ति कब्जाने का गंभीर आरोप लगाया है। श्याम गर्ग ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से भी की है। नहीं चचेरे भाई ने न्याय न मिलने की सूरत में आत्महत्या की धमकी भी दी है। उनका आरोप है कि सत्ता के रसूख में अतुल गर्ग ने उनकी जमीन पर जबरन कब्ज़ा किया है। श्याम गर्ग का कहना है ।कि अभी भी उनका संयुक्त परिवार है। और कोई बंटवारा नहीं हुआ है। योगी सरकार में राज्य मंत्री अतुल गर्ग, उनके सगे चचेरे भाई हैं। बावजूद इसके अतुल गर्ग ने श्याम गर्ग के सगे भाई आलोक, अनुज राम और चाचा के साथ मिलकर परिवार की पैतृक चल-अचल संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं। अपना हिस्सा मांगने पर जान से मरने की धमकी दी जा रही है। श्याम गर्ग का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी, एसडीएम, एसएसपी, सीओ और एसओ सभी से की लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।               


बेरोजगारी दिवस, दौड़ी सपा की साईकिल

बेरोज़गारी दिवस की पूर्व संध्या पर गाँव गाँव दौड़ी समाजवादी साईकिल


देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन से एक दिन पहले ही सपाई हुए हमलावर


सपाई साईकिल चला कर बेरोज़गारों को झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाली केन्द्र व प्रदेश सरकार की खोल रहे पोल


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के यूवाओं की टोली साईकिल चलाते हुए गाँव गाँव में घूम कर केन्द्र व प्रदेश सरकार की नाकामी को बताने निकले।देवेन्द्र यादव विधायक के नेत्रित्व में साईकिल पर सवार हो कर गाँव गाँव की पकडण्डीयों से होकर बेरोज़गारी को लेकर सरकार पर हमलावर हुए। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर समाजवादी पार्टी के यूवाओं ने विरोध जताने को शहर से गाँव का रास्ता अख्तियार करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार को बेरोज़गारो के साथ अन्याय करने का ज़िम्मेदार मानते हुए गाँव और कस्बों में पहोँच कर आम जनमानस को अवगत कराते हुए कहा की झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाले देश के प्रधानमंत्री का चाल चरित्र उजागर हो गया है।साईकिल सवारों का उत्साह वर्धन करने ज़िला पंचायत सदस्य रणधीर सिंह,मयंक यादव जॉन्टी,सन्दीप यादव,अखिलेश गुप्ता,राघवेन्द्र यादव,विकास समाजवादी,मिथुन गुप्ता ने युवाओं के साथ साईकिल चला कर फूलपूर विधान सभा के कोटवा,ककरा,छिबैया,मलखानपुर,जमुनीपुर आदि गाँव में सपाईयों ने बाईस में बाईसिकल की सरकार बनाने के आहृवान के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी पर जमकर हमला बोला।साईकिल यात्रा में अंगद यादव,प्रत्युष यादव,देवेन्द्र विधायक,बेली सिंह,प्रकाश यादव आदि शामिल रहे।


कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले रोके गए प्रदर्शनकारी

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के किसानों को एक समान मुआवजा देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा करने वाले किसानों का धरना प्रदर्शन बुधवार सुबह गोविंदपुरम अनाज मंडी तक ही सिमट कर रह गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह से ही गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाल रखा है,जबकि किसान अनाज मंडी में धरने पर बैठक कर पंचायत कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात पर सहमति बनाने का प्रयास किया कि पांच सदस्यीय किसान कलेक्टेट जाकर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन सौंप आए। दूसरी तरह किसानों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। बुधवार सुबह से गोविंदपुरम अनाज मंडी में पुलिस, किसान व मीडिया का भारी जमावाड़ा लगा रहा। बता दें कि भारतीय कल्याण समिति के नेतृत्व में कई किसान संगठन के पदाधिकारी व समर्थक मेरठ से अर्धनग्न अवस्था में पैदल मार्च करते हुए मंगलवार देर शाम को गाजियाबाद में गोविन्दपुरम स्थित अनाज मंडी पहुंचे थे।


किसानों की मांग है कि पिछले कई माह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें एक समान मुआवजा दिया जाए। वर्ष-2013 अधिनियम के तहत एक जगह के लिए अलग-अलग मुआवजा तय नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इस मामले से करीब 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष दलवीर सिंह, पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे बबली गुर्जर, मास्टर मनोज नागर, रणवीर दहिया, मनवीर त्यागी, बलराज, यशपाल मलिक समेत अनेक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली एक्सप्रेस-वे के मामले में एक ही गांव में तीन रेट का मुआवजा दे दिया। उन्होंने कहा कि किसानों का यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसान एक समाज मुआवजा देने के साथ सर्विस रोड बनाने की भी मांग कर रहे थे।


दूसरी तरफ कलेक्टेट के घेराव की घोषणा करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल बुधवार सुबह से गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाले हुए है। वह किसानों से सहमति बनाने के लिए लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह, एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार वैश्य, सिटी मजिस्ट्रेट विपिन कुमार, एसपी सिटी अभिषेक वर्मा, एडीएम सदर डी.पी.सिंह, कविनगर थाना प्रभारी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।                    


महामारी, मौतें और मुआवजा 'संपादकीय'

महामारी, मौतें और मुआवजा संपादकीय 
विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कुछ ज्यादा रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। कुछ ही कम एक लाख लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। 24 घंटे में 90,123 संक्रमितो के साथ देश में संक्रमितो की संख्या 50,20,360 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक 80,000 लोगों की मौत हो चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा और वैक्सीन की उपलब्धता के पूर्व कई लोगों की जान भी चली जाएगी। महामारी का दंश झेलने वाला हमारा देश चीन की सीमा पर तनाव से भी कम आहत नहीं है। भले ही चीन भयभीत हो गया है और थरथर कांपने लगा है। किंतु किसी भी परिस्थिति में युद्ध दोनों देशों के लिए जटिलता उत्पन्न करने का काम करेगा। हालांकि यह भी कोई मोनोपॉली हो सकती है। फिलहाल इस विषय पर हम कोई बात नहीं कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं कोरोना महामारी की, जो लोग महामारी से ग्रस्त हैं। जिनके परिजनों की मृत्यु हो चुकी है। क्या सरकार को उनके परिवारों की सहायता नहीं करनी चाहिए ? परिस्थितिवश प्रतिकूल उपजे वातावरण और लाचारी में सरकार अपने दायित्व से नहीं भाग रही है।


यदि सच में कोई महामारी है तो अभी तक राज्य अथवा केंद्र सरकार ने मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा क्यों नहीं दिया ? बाढ़, भूकंप, तूफान, सुनामी और महामारी आदि आपातकाल की स्थिति में सरकार के द्वारा मुआवजा देकर पीड़ितों की सहायता की जाती है। इसी कारण देश का प्रत्येक नागरिक इस प्रश्न का उत्तर खोज रहा है। महामारी के काल का ग्रास बनने वाले नागरिकों के परिजनों की सरकार किस प्रकार सहायता कर रही है ? यदि सरकार इस कठिन परिस्थिति में भी नागरिकों की सहायता नहीं कर रही है। तब नागरिकों के लिए यह और भी जटिल हो जाता है। यदि मृतक परिवार का मुखिया अथवा पालन करता है। परिजन आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वाले हैं। तब, सरकार उन लोगों की भी सहायता करने में कैसा संकोच कर रही है ? सरकार की उन्मुक्त क्षमताएं और निर्णय क्षमताओं में एक बड़ी असमानता है। जो देश की जनता को गहरे जख्म देने के अलावा कुछ नहीं कर सकेगी।


 राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


मुस्लिम लीग ने भाजपा नेतृत्व पर साधा निशाना

रामपुर। इडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ज़िला कैंप कार्यालय पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में शहर के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मीटिंग को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष फारूक़ मियां ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ हम नाम मोहरों के जरिए भाजपा शहर का माहौल खराब कराना चाहती है। उनहोंने कहा कि मौलाना साईदुजफर साहब शहर की एक एक अच्छी शख्सियत है वो मुसलमानों के इमाम है और मुसलमान अपने इमाम के बारे में कुछ भी बर्दाश्त नहीं करेगा। फारूक़ मियां ने कहा कि भाजपा के इशारे पर नाचने वाले पयादे इमाम साहब का बाल भी बाका नहीं कर सकते हैं फारूक़ मियां ने कहा कि मौलवी साहब के खिलाफ़ जो एफ आई आर कराई गई है। वो निहायत शर्म की बात है उनहोंने कहा कि अगर मौलाना साईदुजफर साहब को गिरफ्तार किया गया तो रामपुर की जेल छोटी पड़ जायेगी इतनी गिरफ्तारियां कराऐगे हम। उनहोंने कहा कि भाजपा के एजेंट ने मुसलमानों की ग़ैरत को ललकारा है और रामपुर वालो की ग़ैरत को ललकारा है। फारूक़ मियां ने कहा कि प्रशासन भाजपा के दबाव में कोई भी ऐसा कदम न उठाए जोकि शहर के माहौल पर असर पड़े फारूक़ मियां ने शहर काजी व शहर मुफ्ती साहब से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी गयी। गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर मुसलमानों की फलां बबूद के लिए काम करें क्यो कि यह आग मौलाना साईदुजफर साहब के घर तक सीमित नहीं रहेंगी इस आग की लपटों में आप का भी घर आ जायेगा मीटिंग में शामिल रहे, हाफिज़ रेहान खान, सलीम अंसारी, समी राईनी, सोनी, आसिफ खान, मोबिन खान, मौ नूर खान, परवेज़ मियां, चाँद खान, मुराद खान, जाहिद खान सिकंदर मियां, आदि।               


18 सितंबर से शुरू 'पुरुषोंत्तम या मलमास'

अधिकमास 18 से शुरू होगा, इसे पुरुषोत्तम या मलमास भी कहा जाता है
सत्यदेव शर्मा सहोड़
नई दिल्ली/शिमला। अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम क्या है? शास्त्रों में इसका वर्णन कैसे किया गया है? इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आइए जानते हैं वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा से। बुधवार 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में आ जाएगा और इस राशि में ये ग्रह अगले महीने 17 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान सभी राशियों पर सूर्य का असर पड़ेगा। सूर्य के कन्या राशि में आने से इसे कन्या संक्रांति कहा जाएगा। वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा के मुताबिक सूर्य का शुभ असर के कारण मेष, कर्क और धनु राशि वाले लोगों के जॉब और बिजनेस में अच्छे बदलाव होने की संभावना है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति और सेहत के लिए भी अच्छा समय शुरू होगा। वहीं, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर,  कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। 
ज्योतिर्विज्ञान में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य के शुभ असर से सेहत संबंधी परेशानी दूर होती है। आत्मविश्वास बढ़ता है। सरकारी काम पूरे हो जाते हैं। जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलती है। बड़े लोगों और अधिकारियों से मदद मिलती है और सम्मान भी बढ़ता है। वहीं सूर्य के अशुभ असर के कारण नौकरी और बिजनेस में रुकावटें आती हैं। नुकसान भी होता है। बड़े लोगों से विवाद हो सकता है। आंखों से संबंधित परेशानी होती है। सिरदर्द भी होता है। कामकाज में रुकावटें आती हैं। विवाद और तनाव भी रहता है। 
16 को राशि परिवर्तन और 18 से अधिकमास
हिन्दू कैलेंडर में अधिकमास का बहुत महत्व है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। अधिकमास नहीं होता तो हमारे त्योहारों की व्यवस्था बिगड़ जाती। पंडित डोगरा के मुताबिक सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच का अंतर दूर करने के लिए हर तीन साल में अधिकमास की व्यवस्था बनाई गई है। अधिकमास से त्योहारों की व्यवस्था बनी रहती है। अधिकमास की वजह से ही सभी त्योहारों अपने सही समय पर मनाए जाते हैं। वरना होली ठंड के दिनों में यानी दिसंबर-जनवरी में मनानी पड़ती और दिवाली बारिश मनाई जाती।
अधिकमास को मलमास भी कहा जाता है। इस वजह से कोई भी देवता इस मास का स्वामी बनना नहीं चाहता था। तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु जी ने इसे अपना नाम दिया। इसी वजह से इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। मलमास में जो हम पूजा करते हैं वह सीधे-सीधे श्री नारायण हरि को प्राप्त होता है। 18 सितंबर से मलमास शुरू होगा और 16 अक्टूबर तक चलेगा। 17 अक्टूबर  शारदीय नवरात्रि का महालय आरंभ होगा।
सर्व पितृ अमावस्या
पंडित डोगरा बताते हैं कि 16 सितंबर को सूर्य राशि बदलकर कन्या में आएगा। 17 सितंबर को पितृ पक्ष का आखिरी दिन भी है। इसे सर्व पितृ अमावस्या या मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि पर उन मृत लोगों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं हो। इसी दिन सभी पितरों को श्राद्ध के साथ ही विदाई दी जाती है। इस पर्व पर कन्या राशि में सूर्य के होने से पितरों के श्राद्ध का विशेष फल मिलेगा।               


महंगाईः ऊंचाई पर आए 'टमाटर के भाव'

नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना तो दसूरी तरफ बारिश की मार टमाटर का खुदरा भाव सातवें आसमान पर पहुँच गया है। टमाटर आम लोगो की रसाई से गायब हो गया है।गौरतलब है कि  देश के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश से टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि माल्दा, एजल और इंफाल में इसकी खुदरा कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को देश में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। मंत्रालय देशभर के 114 बाजार केंद्रों में 22 अनिवार्य वस्तुओं की कीमत पर नजर रखता है। इसमें आलू, टमाटर और प्याज शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को आलू और प्याज की औसत कीमत 35 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।आलू, प्याज और टमाटर लगभग हर भारतीय रसोई का हिस्सा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में टमाटर की कीमत क्रमश: 63 रुपए, 68 रुपए, 80 रुपए और 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। हालांकि सब्जीवाले, फेरीवाले इत्यादि सरकारी दाम से ज्यादा पर ही टमाटर की बिक्री कर रहे हैं। इस साल दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल कम रहने की आशंका है। कोविड-19 महामारी के दौरान कीमतों को लेकर अनिश्चिता के चलते इस बार किसानों ने कम रकबे पर टमाटर की खेती की है। इस बीच सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।             


प्याज निर्यात पर रोक से नेता भी हुए लाल

नई दिल्ली / मुंबई। केंद्र सरकार सोमवार को अचानक प्याज के भाव तेज होते देख प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है।  प्याज तो लाल हो रही है मगर मंगलवार को ऐसा लगा कि प्याज के साथ -साथ नेता भी लाल हो गए है।  मुंबई से एनसीपी प्रमुख शरद पंवार ने कहाकि केंद्र सरकार के निर्यात पर रोक लगाने के निर्णय पर एक बार पुन : विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की प्याज मंडी में प्याज का भाव 30, 000 रुपए क्विंटल पर है और इस्का रिटेल भाव 35 – 45 रुपए चल रहा है।  यही बड़ा कारण है कि मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है, मगर निर्यात पर रोक के बहाने नेता किसानों को आगे रखकर कह रहे है कि सरकार के इस फैसले से किसान नाराज है पिछले महीने तक प्याज का रिटेल भाव 15 – 20 रुपए था।  किसान कह रहे है प्याज किसानो को अब जाकर सही भाव मिला है और पीछे तो किसान नुकसान उठा रहे थे।  गौरतलब  है कि दुनियाभर में भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन और खेती होती है।  जबकि श्रीलंका , मलेशिया , बंगलादेश और नेपाल जैसे देश भारत पर निर्भर करते है और यदि ऐसे में निर्यात रोक दिया तो इसका लाभ पाकिस्तान को मिल सकता है। एक बात और कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में ज्यादा बारिश से प्याज की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है और मंडियों में  प्याज की आवक कम हो गई है। प्याज का उत्पादन प्रमुख रूप से 6 राज्यों में होता है। 50 प्रतिशत प्याज तो भारत की 10 मंडियों से आता है, इनमें से 6 तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में हैं।

मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पंवार ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल से बात की और कि महाराष्ट्र में किसान सरकार के फैसले से नाराज है।  किसानो का कहना था कि पिछले काफी समय से किसान प्याज की खरीद में बड़ा नुकसान उठा रहे है और अब जाकर उन्हें प्याज के अच्छे दाम मिल रहे है तो केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है।  पंवार ने ट्वीट करते हुए कहाकि सरकार के इस निर्णय ने प्याज उगाने वाले क्षेत्र  में इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन लोगों ने मुझसे फोन पर बात की है और केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए कहा है। शरद पंवार किसानो के साथ -साथ वहां की राजनैतिक पार्टियों की भी अगवाई कर रहे है। शरद से इसको इस लिहाज से भी समझाने की कोशिश की कि यदि सरकार ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो खाड़ी देशों में प्याज के सप्लाई के मामले में पाकिस्तान भारत की जगह ले लेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि शारद पंवार किसानो के बहाने प्याज माफियाओं के इशारे पर नाच रहे है। बहरहाल इतना तो तय है फिलाल प्याज के भाव कम होने वाले नहीं है यदि केंद्र सरकार इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाती है और प्याज माफिया उसके दवाब में प्याज के दाम गिरा सकते है।  फिलाल प्याज की बड़ी कीमते आम आदमी की आंख से आँसू निकालते रहेंगे।           

रात के अंधेरे में कांग्रेसियों ने जलाई मशाल

पढिय़े रात के अंधेरे में कांग्रेसियों ने क्यों जलाई मशाल।


मशाल जलाकर किया सरकार को जगाने का प्रयास।
अधर में अटके मार्ग के निर्माण को लेकर कांग्रेसियों का अनोखा प्रदर्शन।
पंकज कपूर


किच्छा। नगर में एनएच 74 के अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रात्रि के अंधेरे में मशाल जलाकर राज्य की सरकार को जगाने का प्रयास किया है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा काफी समय धरना प्रदर्शन के बाद अब यह कदम उठाया गया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेश पपनेजा के नेतृत्व में 17 वें सप्ताह में सरकार को जगाने के लिए धरना प्रदर्शन के साथ मशाल जलाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया गया। 
आपको बता दें कि किच्छा के निकट पुलभट्टा ओवर ब्रिज का निर्माण, किच्छा के आदित्य चौक पर रोड का निर्माण किच्छा के बाईपास पर सर्विस लेन निर्माण की मांग लगातार कांग्रेस के कार्यकर्ता कर रहे हैं, लेकिन एनएच 74 निर्माणाधीन संस्था गलफार कंपनी इस कार्य को नहीं कर रही है। जिसको लेकर कांग्रेसियों ने विरोध जताया है।                  


राहुल ने सरकार पर साधा निशानाः कोरोना

राहुल का कोरोना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना।


मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोरोना और अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। और बुधवार को उन्होंने एक बार फिर सरकार की संक्रमण से निपट पाने में विफलताओं को लेकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने एक से एक खयाली पुलाव पकाए, जिनमें से एक ही सच निकला।
उन्होंने ट्वीट किया, “कोरोना काल में भाजपा सरकार ने एक से एक ख़याली पुलाव पकाए।
21 दिन में कोरोना को हरायेंगे
आरोग्य सेतु ऐप सुरक्षा करेगा
20 लाख करोड़ का पैकेज
आत्मनिर्भर बनो।
सीमा में कोई नहीं घुसा
स्थिति संभली हुई है।
लेकिन एक सच भी था- आपदा में ‘अवसर। “हैशटैगपीएमकेयर्स।”
कोरोना मामले में विश्व में देश दूसरे नंबर पर है। अमेरिका पहले और ब्राजील तीसरे नंबर है। देश में बुधवार के आंकड़ों में कुल संक्रमित 50 लाख 20 हजार 360 हैं। मृतक 82066 हो गये हैं। सक्रिय मामले नौ लाख 95 हजार 933 है जबकि 39 लाख 42 हजार 361 ने वायरस को मात दी है। कोरोना के देश में भयावह रूप के बीच सुकून की बात यह है कि रिकवरी दर 78.33 प्रतिशत और मृत्यु दर मात्र 1.63 प्रतिशत है। सक्रिय मामले कुल मामलों के 20 प्रतिशत से भी कम 19.84 प्रतिशत हैं।                  


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...