मंगलवार, 1 सितंबर 2020

दिल्लीः पेट्रोल हुआ महंगा, रेट-82.08

नई दिल्ली। आज मंगलवार यानी 1 सितंबर 2020 को पेट्रोल के रेट फिर बढ़े। आज दिल्ली में पेट्रोल का रेट 5 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 82.08 रुपये प्रति लीटर हो गया, वहीं, डीजल का रेट 73.56 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा। सरकारी तेल कंपनियां कीमतों की समीक्षा करने के बाद प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम दैनिक आधार पर 6 बजे से पेट्रोल रेट और डीजल रेट में संशोधन करती हैं, और जारी करती हैं। दिल्ली में अब 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 82.08 रुपये है, वहीं 1 लीटर डीजल 73.56 रुपये प्रति लीटर पर है। कोलकाता में अब 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 83.57 रुपये है, वहीं 1 लीटर डीजल 77.06 रुपये प्रति लीटर पर है। मुम्बई में अब 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 88.73 रुपये है, वहीं 1 लीटर डीजल 80.11 रुपये प्रति लीटर पर है। चेन्नई में अब 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 85.04 रुपये है, वहीं 1 लीटर डीजल 78.86 रुपये प्रति लीटर पर है।             


सोना-चांदी के दाम नें फिर पकडी रफ्तार

मुंबई। आज सोना 52 हजारी हो चुका है, तो चांदी ने भी तगड़ी बढ़त हासिल की है। सोमवार शाम को चांदी 67,318 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी, जो आज 68,550 रुपये के स्तर पर खुली। यानी चांदी में बाजार खुलने के साथ ही 1232 रुपये की तगड़ी बढ़त देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में चांदी ने 68,649 का उच्चतम स्तर भी छू लिया और 68501 रुपये का न्यूनतम स्तर भी देखा। हालांकि, शुरुआती कारोबार में चांदी की चाल सुस्त ही लग रही है, क्योंकि उसमें कोई तगड़ी बढ़त नहीं दिख रही है। मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को चांदी की कीमत 611 रुपये की तेजी के साथ 69,448 प्रति किग्रा हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के सितंबर महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 611 रुपये अथवा 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 69,448 रुपये प्रति किग्रा हो गयी जिसमें 14,467 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी वाायदा कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण घरेलू बाजार में तेजी के रुख की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में चांदी की कीमत 0.88 प्रतिशत की तेजी के साथ 28.04 डॉलर प्रति औंस हो गई।             


पुनर्भुगतान पर 2 साल रह सकती है रोक

नई दिल्ली। केंद्र और रिजर्व बैक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि ऋणों के पुनर्भुतान पर रोक (मोरैटोरियम) दो साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ के सामने दलील दी कि केंद्र संकटग्रस्त क्षेत्रों पर पड़े प्रभाव के अनुसार यह तय करने के लिए इन क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया में है कि किस तरह की राहत प्रदान की जा सकती है।


मेहता ने स्पष्ट किया कि परिपत्र के अनुसार रोक बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शक्तियों पर अपना जवाब दायर किया है, और अदालत से केंद्र, आरबीआई, बैंकर संघों को एक साथ बैठक करने की अनुमति देने का आग्रह किया है। पीठ ने जवाब दिया कि वह पिछले तीन सुनवाई के दौरान इस बैठक के बारे में सुनती आ रही है। मेहता ने कहा कि वे उधारकर्ताओं के वर्ग की पहचान करेंगे। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कुछ ठोस चाहती है। मेहता ने दोहराया कि स्थगन की अवधि वैसे भी दो साल तक बढ़ाई जा सकती है।


पीठ ने जोर देकर कहा कि उसे योग्यता के आधार पर कई अन्य मुद्दों पर भी निर्णय लेना है, और जानना चाहा कि क्या अगले दो दिनों में इस पर कोई फै सला हो जाएगा?


मेहता ने कहा कि अदालत हलफनामे को देख सकती है और इसके आधार पर दो दिनों में मामले को उठा सकती है। पीठ ने फिर जानना चाहा कि क्या दो दिन में फैसला लिया जा सकता है? मेहता ने कहा कि संभव नहीं है।


जिस पर, पीठ ने कहा कि वह बुधवार को मौरैटोरियम अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज की माफी, या ब्याज पर छूट की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।             


सुरक्षा का बंदोबस्त करें सरकारः मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनो में चार दलितों की हत्यायें चिंता का विषय है और सरकार को समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है। मायावती ने ट्वीट किया “यूपी की भाजपा सरकार में वैसे तो सर्वसमाज के लोग हर प्रकार की जुल्म-ज्यादती से पीड़ित हैं किन्तु दलितों के उपर अन्याय-अत्याचार की लगातार हो रही घटनायें अति-चिन्ता की बात है। रायबरेली में पुलिस बर्बता में दलित युवक की मौत व आगरा में तीन दलित की हत्या आदि अति-दुःखद व अति-निन्दनीय।”


उन्होने कहा “यूपी की इन ताजा घटनाओं के सम्बंध में सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी धाराओं में त्वरित कार्रवाई करने के साथ ही खासकर कमजोर वर्गों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह माँग है। यूपी में आएदिन ऐसी दर्दनाक घटनायें यहाँ जंगलराज होने को ही साबित करती हैं।”



  • गौरतलब है कि सोमवार को आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र में दलित दंपत्ति और उनके पुत्र के अधजले शव मकान के भीतर मिले थे वहीं रायबरेली के लालगंज इलाके में पुलिस हिरासत में एक दलित युवक की मौत हो गयी थी हालांकि जिला एवं पुलिस प्रशासन ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुये एक दिन के वेतन के तौर पर मृतक आश्रित को पांच लाख रूपये देने की घोषणा की है।             


उत्तराखंड में 88 दरोगा बने इन्सपेक्टर

देहरादून। राज्य पुलिस के 88 दारोगाओं का इंस्पेक्टर बनने का ख्वाब सोमवार को पूरा हो गया। पुलिस मुख्यालय ने दारोगा से इंस्पेक्टर बने पुलिसकर्मियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। आपको बता दें कि दारोगाओं की पदोन्नति में पेच वर्ष 2016 में फंसा तो प्रक्रिया उलझती ही चली गई। नतीजा यह हुआ साल 2017, 18 और 19 में एक भी दारोगा की पदोन्नति नही हुई।
उत्तराखंड पुलिस में पदोन्नति की पारदर्शी व्यवस्था के लिए करीब दो साल पहले नियमावली लाई गई थी, लेकिन नियमावली में कुछ पेच ऐसे फंसे कि मंजूरी के बावजूद भी इस पर अंतिम निर्णय नही लिया जा सका था। हालांकि, पिछले महीने शासन ने सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के कार्मिक अनुभाग ने जिलों से पदोन्नति के दायरे में आने वाले दारोगाओं की सूची भी मंगा ली। अगस्त के पहले सप्ताह में इसके आधार पर वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई। इसके बाद दारोगाओं को लगने लगा कि उनका इंस्पेक्टर बनने का ख्वाब अब जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन उनका यह इंतजार अब जाकर पूरा हुआ। इस सूची को उत्तराखंड पुलिस की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
                दारोगाओं की पदोन्नति में पेच वर्ष 2016 में फंसा तो प्रक्रिया उलझती ही चली गई। नतीजा यह हुआ 2017, 18 और 19 में एक भी दारोगा की पदोन्नति नही हुई। मामला कोर्ट पहुंचा तो दो साल पहले संशोधित सेवा नियमावली पर काम शुरू हुआ।               


रसोई 'गैस-सिलेंडर' की कीमत ₹594 हुई

नई दिल्ली। गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर 14.2 किग्रा की कीमत में इजाफा नहीं हुआ है और कुछ शहरों में इसके दाम कम हुए हैं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (HPCL, BPCL, IOC) ने LPG रसोई गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडाइज्‍ड एलपीजी सिलेंडर के दाम 594 रुपये पर स्थिर हैं। अन्य शहरों में भी घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। IOC की वेबसाइट पर दिए गए प्राइस के मुताबिक, दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला रसोई गैस सिलेंडर 2 रुपये तक सस्ता हो गया है।


क्या है कीमत


दिल्‍ली में 14.2 किलोग्राम वाले बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 594 रुपये पर स्थिर है। मुंबई की बात करें तो यहां बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 594 रुपये है।


1 शहर में मिला अंग्रेजों के जमाने का नाला

लखनऊ। वाराणसी के ह्रदय स्थल दशाश्वमेध पर एक बड़ा नाला मिला है। सोमवार दोपहर हाइड्रोलिक गेट बनाने के लिए हुई खुदाई के दौरान यह नाला सामने आया।पूरी तरह सूखे नाले के बारे में जल निगम के अधिकारियों को भी कुछ नहीं पता है। नाला कितना लंबा है? कहां से कहां तक जाता है? कब इसका निर्माण हुआ? यह सब किसी अधिकारी को फिलहाल नहीं पता है। यानी अधिकारियों को न तो इस नाले के भूगोल के बारे में जानकारी है और न ही इसका इतिहास पता है। आसपास के लोग इसे शाही नाला का ही हिस्सा मान रहे हैं। इसे भी शाही नाले की तरह अंग्रेजों के जमाने का नाला माना जा रहा है।


देर रात राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी भी इसे देखने पहुंचे। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से इस नाले के बारे में जानकारी ली।


जल निगम के अधिकारियों ने इस नाले के शाही नाले का हिस्सा होने को लेकर स्पष्ट न होने की बात कही। राज्यमंत्री ने अधिकारियों से मंगलवार को इस नाले की जानकारी लेने को कहा है।


क्षेत्रीय लोग इसे शाही नाला का हिस्सा मान रहे हैं। इस नाले का आकार बड़ा है। उसमें नीचे उतरने के लिए लोहे की कड़ियां भी लगी हुई हैं। खोदाई के दौरान जब इस नाले का चौकोर ढक्कन खोला गया तो लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। आसपास के काफी लोग इस नाले को देखने पहुंचे।           


नव नियुक्त महिला रेलकर्मी की संदिग्ध मौत

वाराणसी। सिगरा थाना क्षेत्र के तेलियाबाग स्थित सीएनआई क्रिश्चियन कॉलोनी में सोमवार को महिला रेलकर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बाथरूम के पास महिला मृत मिली। मकान मालिक ने औंधे मुंह गिरा देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के अधिकारियों को जानकारी दी। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फोरेंसिंक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाये।


झारखंड के धनबाद की रोमा कुमारी (32) वाराणसी मंडल में कार्मिक विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी थी। 30 जुलाई को ही उसकी नौकरी लगी थी। नौकरी लगने के बाद यहां रहने के लिए रोमा ने कुछ दिनों पहले कॉलोनी में किराए पर कमरा लिया था। दोपहर में मकान मालिक ने देखा कि वह बाथरूम के पास गिरी पड़ी है। उठाने की कोशिश की तो वह मृत मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल की। कमरे से मिले कागजात के आधार पर घर जानकारी दी गई।


पुलिस को आशंका है कि बाथरूम जाते समय फिसलकर गिर गई होगी और चोट लगने से मौत हो गई होगी। उसे अस्थमा की शिकायत भी बताई जा रही है। एक-दो दिन से उसकी तबीयत खराब थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताया जा रहा है कि रोमा की मां ने दोपहर में फोन भी किया था, लेकिन फोन रीसिव नहीं हुआ। रोमा के पति भी हाजीपुर रेलवे के सोनपुर में तकनीशियन हैं।                             


चुनाव आयोग ने केरल कांग्रेस को दी मान्यता

तिरुअनंतपुरम। निर्वाचन आयोग ने केरल कांग्रेस-(एम) गुट को अलग राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दे दी है। इस गुट के नेता दिवंगत के. एम. मनि के बेटे जोस के. मनि हैं। जोस के. मनि के दावों पर चुनाव आयोग ने फैसला करते हुए उनके गुट को चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया।



जोस के. मनि ने इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसे सत्य की जीत बताया है। जोस के. मनि ने कहा, ये के. एम. मनि की जीत है। हम पाला उपचुनाव इसलिए हार गए क्योंकि हमें चुनाव चिन्ह नहीं मिला था। हम जोसेफ के नेतृत्व वाले केरल कांग्रेस के विधायकों से इस्तीफा मांगेंगे।


उधर जोसेफ गुट ने कहा है कि वो चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। बता दें कि केरल कांग्रेस के जोसेफ गुट के पास तीन विधायक हैं जबकि जोस मनि गुट के पास दो।               


यूपी में बिजली महंगी करने का प्रस्ताव

यूपी में बिजली महंगी करने का प्रस्ताव
मिडिल क्लास उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ
 बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने प्रस्तावित नए स्लैब पर बिजली की नई दरों का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है। प्रस्तावित दरों से कुछ उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है तो कुछ को नुकसान भी होगा। गरीब उपभोक्ताओं के दर में कोई बदलाव नहीं है। मध्यम श्रेणी के उपभोक्ता जिनकी संख्या अधिक है, उन पर अतिरिक्त भार डाला गया है। बिजली की अधिक खपत करने वाले बड़े उपभोक्ताओं को भी राहत दी गई है।
किसानों और उद्योगों को बिजली की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए स्लैब और दर से घरेलू शहरी और ग्रामीण के वे उपभोक्ता जो 101 से 150 यूनिट तक खर्च करते हैं, प्रभावित होंगे। नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन की प्रस्तावित दर को तीन दिन के अंदर समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने का आदेश बिजली कंपनियों को दिया है। 15 दिन में इस दर पर उपभोक्ताओं की आपत्तियां ली जाएंगी। बिजली दर पर आयोग में सुनवाई अब 24 तथा 28 सितंबर को होगी।
यूनिटवर्तमान  दर (घरेलू, शहरी)यूनिटप्रस्तावित दर0-1505.50 रुपये प्रति यूनिट0-1005.50 रुपये प्रति यूनिट151-3006.00 रुपये प्रति यूनिट101-3005.80 रुपये प्रति यूनिट301-5006.50 रुपये प्रति यूनिट300 से ऊपर6.65 रुपये प्रति यूनिट500 यूनिट से ऊपर  7.00 रुपये प्रति यूनिट


घरेलू शहरी उपभोक्ताओं के इस चार्ट से स्पष्ट है कि 100 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर कोई भार नहीं पड़ेगा। वहीं जो उपभोक्ता150 यूनिट तक खर्च करते हैं उन पर प्रति यूनिट 30 पैसे का बोझ बढ़ेगा। उपभोक्ताओं के इस वर्ग की संख्या अधिक है। वहीं 151 से 300 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 20 पैसे प्रति यूनिटन का लाभ हो रहा है। 301 से 500 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर भी प्रति यूनिट 15 पैसे का अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं 500 यूनिट से अधिक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 35 पैसे का लाभ हो रहा है।
यूनिटवर्तमान दर (घरेलू, ग्रामीण)यूनिटप्रस्तावित दर0-1003.35 रुपये प्रति यूनिट0-1003.35 रुपये प्रति यूनिट101-1503.85 रुपये प्रति यूनिट101-3004.40 रुपये प्रति यूनिट151-3005.00 रुपेय प्रति यूनिट300 से ऊपर5.60 रुपये प्रति यूनिट300 के ऊपर  6.00 रुपये प्रति यूनिट
घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं के इस चार्ट में भी 100 यूनिट से कम खर्च करने वाले गरीब उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं डाला गया है। वहीं 101 से 150 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के बड़े वर्ग पर सीधे प्रति यूनिट 55 पैसे का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि 151 से 300 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 60 पैसे की बचत भी दिख रही है। 300 यूनिट से अधिक खपाने वाले उपभोक्ताओं को भी 40 पैसे प्रति यूनिट का लाभ होगा। 


*बीपीएल उपभोक्ताओं के दर में कोई बदलाव नहीं*
ग्रामीण व शहरी घरेलू बीपीएल विद्युत उपभोक्ताओं की एक किलोवाट 100 यूनिट तीन रुपये प्रति यूनिट में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्सड चार्ज को 90 रुपये प्रति किलोवाट व शहरी घरेलू का 110 रुपये प्रति किलोवाट यथावत प्रस्तावित है। पावर कारपोरेशन ने घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें यथावत 500 रुपये प्रति किलोवाट ही रखी है। घरेलू ग्रामीण व शहरी की दरें निम्नवत प्रस्तावित है।                      


अवैध एनएसए, डाक्टर को तुरन्त रिहा करे

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- डॉ. कफील खान पर NSA अवैध, तत्काल रिहा करें
 बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में दो वर्ष पहले बच्चों की मौत के बाद से चर्चा में आए डॉ. कफील खान अब बेहद सुर्खियों में हैं। अलीगढ़ के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए, एनआरसी व एनपीए के विरोध में उनके ऊपर एनएसए के तहत कार्रवाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध करार दिया है। इसके साथ ही करीब छह महीने से जेल में बंद डॉ. कफील खान को तत्काल रिहा भी करने का निर्देश दिया है।माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक डाक्टर कफील की रिहाई हो सकती है।यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और इसके बाद हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है। कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए। अलीगढ़ के डीएम ने नफरत अलीगढ़ में फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर रासुका लगाया था, उसके बाद से ही जेल में बंद हैं। इस कार्रवाई के खिलाफ कफील की मां ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को एनएसए के तहत गिरफ्तार करने तथा लगातार उसकी अवधि बढ़ाने के मामले को गैरकानूनी करार दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को 13 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए, एनआरसी तथा एनपीए के विरोध के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने रासुका के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और हिरासत की अवधि को बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार दिया।अलीगढ़ में 13 फरवरी 2020 को कफील पर रासुका लगाया गया था। इसके बाद हाल ही में उनकी हिरासत अवधि बढ़ा दी गई थी। इस दौरान हाल ही में उनकी हिरासत को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था। इसके बाद डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने की अपील के साथ कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैड भी भेजा था। वह करीब छह महीने से मथुरा की जेल में बंद हैं। कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक केस में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रहते हुए रासुका की तामील कराई गई।नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर डॉ कफील ने एएमयू में भड़काऊ भाषण दिया था। भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए जिलाधिकारी अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को डॉ. कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया। यह अवधि दो बार बढ़ा दी गई। हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाना में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। जेल में रहते हुए रासुका तामील कराई गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की है। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉ. कफील खान की मां की याचिका पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा था। इसके बाद ही मंगलवार को हाईकोर्ट ने डॉ कफील की रिहाई का आदेश दिया है।               


कोरोना की वजह से डब्लूएचओ की चैतावनी

लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे में सामने आया है कि दुनिया के 90% से ज्यादा देशों का हेल्थ सिस्टम कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मार्च से जून के बीच मिले डेटा से पता चलता है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं और ऐसे ही चलता रहा तो इनका और ज्यादा दिनों तक टिका रहना काफी मुश्किल होगा। WHO ने चेताया है कि जो देश बिना तैयारी के लॉकडाउन हटा रहे हैं, वे तबाही को बुलावा दे रहे हैं।
WHO के मुताबिक कोरोना के चलते कई रूटीन अपॉइंटमेंट और स्क्रीनिंग कैंसल करनी पड़ रही हैं। वहीं महामारी की वजह से कैंसर के इलाज जैसे क्रिटिकल केयर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा।

मध्यम और कम आय वाले देशों को सबसे ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आधे से ज़्यादा देशों में गर्भनिरोध और फैमिली प्लेनिंग (68%), मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का इलाज (61%) और कैंसर का इलाज (55%) प्रभावित हुआ। एक चौथाई देशों में जीवनरक्षक आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुईं।               

लाचारीः एक लाख में बेचा नवजात शिशु

आगरा। 36 साल की बबिता ने पिछले हफ्ते एक बच्चे को जन्म दिया। उसकी यह डिलीवरी सर्जरी से हुई। अस्पताल वालों ने उसे सर्जरी के 30,000 रुपये और दवाओं के 5,000 रुपये समेत 35 हजार रुपये के बिल थमाया। बबिता के पति शिवचरण (45) रिक्शा चलाते हैं। उनके पास इतने रुपये नहीं थे। दंपती का आरोप है कि अस्पताल वालों ने उनसे कहा कि बिल चुकाने के लिए अपने बच्चे को एक लाख रुपये में बेच दें।
दंपती का यह पांचवां बच्चा है। वे उत्तर प्रदेश के आगरा में शंभू नगर इलाके में किराए के कमरे में रहते हैं। रिक्शा चलाकर शिवचरण की रोज 100 रुपये आमदनी होती है। यह आमदनी भी रोज नहीं होती है। उनका सबसे बड़ा बेटा 18 साल का है। वह एक जूता कंपनी में मजदूरी करता है। कोरोना लॉकडाउन में उसकी फैक्ट्री बंद हो गई तो वह बेरोजगार हो गया।
आशा वर्कर ले गई थी अस्पताल
बबिता ने बताया कि एक आशा वर्कर उनके घर आई। उसने कहा कि वह उसकी फ्री में डिलीवरी करवा देगी। शिवचरण ने कहा कि उन लोगों का नाम आयुष्मान भारत योजना में नहीं है लेकिन आशा ने कहा कि फ्री इलाज करवा देगी। जब बबिता अस्पताल पहुंची तो अस्पताल वालों ने कहा कि सर्जरी करनी पड़ेगी। 24 अगस्त की शाम 6 बजकर 45 मिनट पर उसने एक लड़के को जन्म दिया। अस्पताल वालों ने उन लोगों को बिल थमाया। शिवचरण ने कहा, 'मेरी पत्नी और मैं पढ़ लिख नहीं सकते हैं। हम लोगों का अस्पताल वालों ने कुछ कागजों में अंगूठा लगवा लिया। हम लोगों को डिस्चार्ज पेपर नहीं दिए गए। उन्होंने बच्चे को एक लाख रुपये में खरीद लिया।'
डीएम ने कहा, कराएंगे जांच
इस मामले में डीएम प्रभूनाथ सिंह ने कहा, 'यह मामला गंभीर है। इसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।' नगर निगम के वॉर्ड पार्षद हरि मोहन ने कहा कि वह जानते हैं कि दंपती को अस्पताल के बिलों का भुगतान नहीं करने के कारण अपने बच्चे को बेचना पड़ा। उन्होंने कहा कि शिवचरण गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे।
अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई
वहीं अस्पताल ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि बच्चे को दंपती ने छोड़ दिया था। उसे गोद लिया गया है, खरीदा या बेचा नहीं गया है। हम लोगों ने उन्हें बच्चे को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया। ट्रांस यमुना इलाके के जेपी अस्पताल की प्रबंधक सीमा गुप्ता ने कहा, 'मेरे पास माता-पिता के हस्ताक्षर वाली लिखित समझौते की एक प्रति है। इसमें उन्हें खुद बच्चे को छोड़ने की इच्छा जाहिर की है।'
'लिखित समझौते का कोई मोल नहीं'
बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने कहा कि अस्पताल के स्पष्टीकरण से उनका अपराध नहीं कम होता। हर बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने निर्धारित की है। उसी प्रक्रिया के तहत ही बच्चे को गोद दिया और लिया जाना चाहिए। अस्पताल प्रशासन के पास जो लिखित समझौता है, उसका कोई मूल्य नहीं है। उन्होंने अपराध किया है।'                   


यमुना बचाओ अभियान की शुरुआत

रवि चौहान


नई दिल्ली। विश्व पुरोहित यजमान न्याय परिसंघ द्वारा संचालित यमुना बचाओ अभियान की शुरुआत दिल्ली के आईटीओ के पास यमुना घाट पर हवन पूजा एवं तुलसी के पौधा रोपण कर की गई। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यमुना बचाओ अभियान का मुख्य उद्देश पर्यावरण को देखते हुए दिल्ली स्थित यमुना नदी के दोनों ओर 60 किलोमीटर तक 2 करोड़ औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। यमुना बचाओ अभियान के तहत समन्वय समिति में आज वैदिक वीरांगना सॉन्ग हिंदू रक्षा दल एवं से कई संगठनों द्वारा यमुना बचाओ अभियान की समन्वय समिति द्वारा 108 तुलसी पौधरोपण कर शुरुआत की गई। यमुना बचाओ अभियान की अध्यक्षता प्रोमिला आर्य मुख्य प्रशासनिक गुरुजी पंडित लक्ष्मण बाल योगी समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी आशीष मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक संस्था ऑल इंडिया क्राईम रिफॉर्म्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद गर्ग समाजसेवी जनचेतना के अध्यक्ष डॉ अनिल शर्मा जानकी सक्सेना,ऋषि सक्सेना, प्रदीप कुमार, टीटू गोस्वामी आदि समन्वय समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।


चिंताः घट रही है मोदी की लोकप्रियता

फिसल रही है मोदी की लोकप्रियता, यूट्यूब पर लाइक से ज्यादा डिस्लाइक मिलने पर भाजपा चिंतित।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिर रहा है। अगर उनके मन की बात कार्यक्रम के यूट्यूब पर रिएक्शन को आधार बनाया जाय तो ऐसा ही लगता है।
प्रधानमंत्री ने रविवार 30 अगस्त को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित किया। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म यूट्यूब पर भी ये कार्यक्रम प्रसारित हुआ लेकिन दर्शकों के रिएक्शन को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह लोगों को रास नहीं आया। यही वजह है कि पीएम मोदी के ‘मन की बात’ को यूट्यूब पर पसंद करने वाले लोगों की संख्या से अधिक संख्या नापसंद करने वाले लोगों की देखी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से बने यूट्यूब अकाउंट पर ‘प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी मन की बात विद नेशन’ शीर्षक से वीडियो अपलोडेड है। इस वीडियो के आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि इस वीडियो को 35 हजार लोगों ने जहां लाइक किया है, वहीं करीब 90 हजार लोगों ने डिस्लाइक किया है। अब तक इस वीडियो को 668,852 व्यूज मिल चुके हैं। लाइक से ज्यादा डिस्लाइक की संख्या ने भाजपा के रणनीतिकारों को चिंता में डाल दिया है। पार्टी कारणों का पता लगाने में जुटी है कि ऐसा क्यों हुआ।                      


शासन ने करोड़ों रूपये पंचायतों को दिए

सरायपाली। ग्राम पंचायतों में सरपंचों व सचिवों द्वारा शासकीय राशियों की बंदरबाट व भ्रष्टाचार किया जाता है यह न किसी अधिकारी , जनप्रतिनिधियों व प्रशासन से छिपा है। ग्रामीण क्षेत्रो में जनसुविधाओं को बढ़ाने निर्माण व विकास कार्यो के लिए शासन द्वारा करोड़ो रूपये ग्रामपंचायतों को प्रदान किया जाता है जिसमे से मुश्किल से 40 से 50 प्रतिशत ही कार्य होता है बाकी शेष रकम कमीशनखोरी व बंटवारे में निकल जाता है। भ्र्ष्टाचार को सार्वजनिक करने वाले  मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी पेपर , विज्ञापन व नगद राशि के माध्यम से उन्हें भी सेट कर दिया जाता है ताकि निश्चिंत होकर भ्रस्टाचार कर सकें। सर्वाधिक दुखद पहली यह है कि जब किसी पंचायतों की शिकायत संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों , पत्रकारों व अन्यों के द्वारा संबंधित अधिकारियों से प्रामाणिक दस्तावेजो के साथ कि जाती है तो उसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही अथवा जांच नही की किये जाने से भ्रष्टाचारीयों में डर व भय समाप्त हो गया है।इसके बावजूद जब कुछ कार्यवाही होनी होती है तो राजनैतिक , प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यवाही नही किये जाने का निर्देश जारी कर दिया जाता है। कुछेक सरपंच व सचिव लोग राजनीति से जुड़े होने के कारण उन्हें सत्ताधारी पार्टी का सरंक्षण प्राप्त हो जाता है। इनकी फोटो बाकायदा  विज्ञापनों व पोस्टरों में बेहिचक दिखाई देती है। पार्टी व पत्रकारों को विज्ञापन देकर सभी को उपकृत करने व स्वयं को संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। इन सबमें सबसे अहम भूमिका सरपंच व सचिव संघ की रहती है जो अधिकारियों व नेताओ के संपर्क में लगातार रहकर अपने आपको बचाते हैं। आज भी सरायपाली जनपद में कई ऐसे सचिव हैं जो सालों से सरायपाली में ही अपने आकाओं के सरंक्षण में टिके हुवे है। ये पुराने सचिव काम कम करते हैं व नेतागिरी करते अधिक पाये गए है। संघ की आड़ में राजनीति करने व अपनो को सिर्फ बचाने का जारी अधिक किया जाता है। संघ का मूल उद्देश्य ही सिर्फ यही रह गया है।           


डीएम ने जिलापूर्ति विभाग की टीम को भेजा

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। खवाजा गरीब नवाज गैस एजेंसी के सपलायरो द्वारा गैस सिलेंडर कटिग करते हुए आज प्रताप विहार से लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया जिसकी शिकायत डी एम अजय शकर पाडेय से डी एम ने जिलापूर्ति विभाग की टीम को भेजा। टीम प्रताप विहार पुलिस चौकी पहुंची और अपनी कार्यवाही की। चौकी प्रभारी राघवेंद्र तोमर व ए आर ओ अशवनी कुमार ने बताया कि सप्लायर पुराना काटा लेकर चल रहे थे तथा उन पर आधार कारड नहीं था कुछ सिलेंडर तोल मे कम थे उन्होंने बताया कि वाट,माप तोल अधिनियम के तहत एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की गई है।                


1 खिलाड़ी समेत 12 मेंबर्स हुए संक्रमित

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का आयोजन 19 सितंबर से होना है। लेकिन सीएसके के एक खिलाड़ी समेत 12 मेंबर्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से लीग को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना के मामलों की वजह से सीएसके को ओपनिंग मैच से बाहर रखा जा सकता है। धोनी की अगुवाई वाली सीएसके पिछले सीजन की उपविजेता रही है। 


बीसीसीआई ने 19 सितंबर से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का शेड्यूल अब तक जारी नहीं किया है। हालांकि आईपीएल का शुरुआती मैच पिछले सीजन की विजेता और उपविजेता टीम के बीच ही खेला जाता है।बीसीसीआई ने पहले जो शेड्यूल जारी किया था उसमें आईपीएल 13 का आगाज मुंबई इंडियंस और सीएसके के बीच टक्कर से होना था।               


नंदी ग्राम सुंगेरा के पास हुआ शव बरामद

रायपुर। धरसींवा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक युवक की खारुन नदी ग्राम सुंगेरा के पास शव बरामद हुआ है जो की धरसीवां क्षेत्र के अंतिम छोर का गांव हैं अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। लेकिन शव पूरी तरीके से गल गया है, लेकिन उसके हाथ में मोबाइल अभी भी पकड़ा हुआ देख रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है हालांकि शव को देख कर काफी पुराना है वैसे इस क्षेत्र में गांव से काफी दूर नदी पड़ती हैं जिसके चलते लोगों को लाश का पता नहीं चल पाया नदी किनारे इलाका सुनसान पाया जाता है काफी पुरानी होने के बाद लाश लोगों की नजर पड़ी बॉडी पूरी तरीके से सड़ गई है लाश को कब्जे में लेकर पुलिस प्रशासन शव को पोस्टमार्टम कर जांच में जुटी धरसीवा पुलिस|



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चुनिंदा गर्भपातः लड़कियों की संख्या घटेगी

नई दिल्ली। भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म के आंकड़े में लगभग 68 लाख की कमी आएगी और सबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगी। सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवसिर्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटे डे पेरिस, फ्रांस के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद यह बात कही है।


1970 के दशक से भारत में रहा है असंतुलन
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन और सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की वजह से 1970 के दशक के समय से जन्म के समय लैंगिक अनुपात में असंतुलन रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के असंतुलन से प्रभावित दूसरे देशों के विपरीत भारत में लैंगिक अनुपात में असंतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग है।               


दुष्कर्म पर कांग्रेसियों ने किया 'धरना- प्रदर्शन'

नैनीताल। द्वाराहाट विधायक पर दुष्कर्म का मुकदमा शीघ्र दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार को कांग्रेसियों ने सरोवर नगरी नैनीताल के तल्लीताल गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नैनीताल श्रीमती सरिता आर्य ने कहा कि द्वाराहाट के विधायक पर दुष्कर्म का मामला राज्य सरकार के दबाब में दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक और भाजपा बेटी बचाओ का नारा दे रही है तो दूसरी ओर खुद भाजपा नेता ही बेटियों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के चलते उन पर मुकदमें दर्ज नहीं हो रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी को देखते हुए अब तो ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं से ही बेटियों का बचाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक प्रकरण की जल्द से जल्द जांच हो, और सरकार को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।
इस दौरान पूर्व सांसद महेंद्र पाल ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा बेरोजगारों के संग छल करते हुए अपने बच्चों को बिना विज्ञप्ति निकाले बैकडोर से सरकारी नौकरी में नियुक्त किया जा रहा है।यह प्रदेश के युवाओं के साथ नाइंसाफी है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में नगर कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, हेम चंद आर्य, सुमित हृदयेश, खष्टी बिष्ट, मुकेश जोशी मंटु, मनमोहन कनवाल, पुष्कर बोरा, जेके शर्मा, संजय कुमार, पप्पू कर्नाटक, सूरज पांडे, कैलाश अधिकारी, राजेंद्र समेत कई अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल थे।             


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...