गुरुवार, 4 जून 2020

1974 के आंदोलन की पुनरावृति आवश्यक

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने देश में जयप्रकाश नारायण के 1974 में शुरू किए गए आंदोलन की तरह एक वैसे ही आंदोलन की जरूरत बताई और कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार कोरोना के मुकाबले के नाम पर गरीबी को नहीं, मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों को मिटा देने पर तुली है।


उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने यहां कहा कि सरकारें अपने अनियोजित और मनमाने फैसलों से आम आदमी को प्रतिदिन मौत के मुँह में ढकेल रहीं हैं। देश को आर्थिक तबाही के मोड़ पर पहुँचा दिया गया है। इसलिए इनके खिलाफ आज 1974 से भी बड़े छात्र युवा आन्दोलन की जरूरत है। उन्होंने छात्रों और नवजवानों से आग्रह किया है कि वे पांच जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करें और मजदूर, श्रमिक, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों की रक्षा के लिए लाकडाउन नियमों का पालन करते हुए 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करें।


रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि देश और राज्य सरकारों की कारपोरेट समर्थक नीति के कारण देश पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और आर्थिक मंदी से जूझ रहा था। किसान रो रहा था। अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग शासन के संरक्षण में भीड़ हिंसा का शिकार हो रहे थे। बैंक दिवालिया हो रहे थे। कोरोना को लेकर विदेशों से आने वाले देश में बिना जांच पड़ताल के चारो तरफ आ जा रहे थे और देश तथा राज्यों की कुछ सरकारें विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के बाद भी ट्रम्प के स्वागत और मध्यप्रदेश कब्जा की राजनीति में लगी रहीं तो कुछ सरकारें अपने दलीय हितों में। इस अनियोजित और अचानक लाकडाउन से देश एक ऐसे आर्थिक तबाही के दौर से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करने से रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस अनियोजित और अचानक किए गए लाकडाउन से 15 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं । किसान खेत में अपना उत्पाद नष्ट करने को मजबूर है। रोज कमाने खाने वाली देश की बड़ी आबादी भुखमरी की चपेट में है। राज्य सरकार और भारत सरकार की देखरेख में चल रही ट्रेनों में 80 मजदूर भूख प्यास से मर गए।


रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि इन सरकारों ने उन लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है जो रास्ते में मजदूरों की मदद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने 1974 में एक और नारा दिया था,सरकार निकम्मी है लेकिन यह देश हमारा अपना है। इसकी तस्वीर बदलने को लाखों आंखों में सपना है। हम सभी लोग इस नारे को याद करते हुए दुखी जनों को फिर से नई जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करें, स्वदेशी अपनाएं और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में कम से कम एक पौधा जरूर रोपें।


कांग्रेस के दो विधायकों ने दिया इस्तीफा

गांधीनगर। गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव से पूर्व मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए इसके दो और विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यह चुनाव पहले 26 मार्च को होने थे पर कोरोना संकट के कारण इन्हें टाल दिया गया था और अब इन्हे 19 जून को कराने की घोषणा की गयी है।


इससे पहले मार्च माह में भी कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद पार्टी ने बाकी विधायकों को राजस्थान के एक रिसॉर्ट में रखा था। इन सीटों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के तीन और कांग्रेस के दो प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। सामान्य अंकगणित के लिहाज से भाजपा केवल दो सीटें ही जीत सकती थी पर अब तीसरी सीट पर भी इसका पलड़ा भारी होता दिख रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने आज बताया कि करजन सीट के कांग्रेस विधायक अक्षय पटेल और कपराडा के जीतू चौधरी ने कल शाम व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर उन्हें अपने इस्तीफे दिये थे जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।


त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने दोनो विधायकों के चेहरे से मास्क हटवा कर उनकी पहचान खुद की थी। दोनो ने स्वेच्छा से त्यागपत्र देने की बात की थी। मजेदार बात है कि जब कांग्रेस विधायकों को मार्च में राजस्थान ले जाया गया था तो उस समय भी चौधरी कुछ समय तक वहां नहीं गये थे और कांग्रेस आलाकमान के लिए संपर्कविहिन हो गये थे हालांकि बाद में वह वहां पहुंच गये थे।


182 सदस्यीय विधानसभा में अभी भाजपा के 103 और कांग्रेस के 66 विधायक (दो नये और मार्च के पांच विधायकों के इस्तीफे के बाद) हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक विधायक है, कांग्रेस समर्थित निर्दलीय एक (जिग्नेश मेवाणी) और इसके सहयोगी दल भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो हैं। जीत के लिए एक उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 35 मतों या कुछ कम की जरूरत होगी। राजनीतिक प्रेक्षकों ने अभी भी कुछ और कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे की संभावना से इंकार नहीं किया है। भाजपा ने यह भी दावा किया है बीटीपी के विधायक भी उसके उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।


क्षति का आकलन करेगी केंद्रीय टीम

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के अनुसार पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान से हुई क्षति का आंकलन करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) गुरुवार को वहां जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित सात-सदस्यीय केंद्रीय टीम 20 मई को सुंदरबन सहित दक्षिण बंगाल के जिलों के एक बड़े हिस्से में आए चक्रवाती तूफान से हुई समग्र क्षति का जायजा लेगी।


एमएचए के संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी अनुज शर्मा के नेतृत्व में टीम शुक्रवार को हवाई और जमीनी मूल्यांकन करेगी। सूत्रों ने कहा कि वे कोलकाता के आसपास के दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों का दौरा करेंगे, जहां चक्रवात अम्फान की वजह से नुकसान और विनाश की मात्रा का पता लगाया जाएगा। टीम, राज्य की राजधानी कोलकाता के आसपास दौरा कर सकती है।


हदः बिजनौर में मिले 10 नए संक्रमित

बिजनौर। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 10 और लोग नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जनताा अभी वायरस के संक्रमण और उसके दुष्प्रभाव से अनभिज्ञ है या फिर जानबूझकर आवश्यक दिशा-निर्देश का पालन नहीं कर रही है।  जिसके चलते उत्तर प्रदेश में वायरस का संक्रमण  नियमित रूप से बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ ही बिजनौर में अब कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या 126 हो गई है। जहां दो मरीजों के मौत के बाद जिले में एक्टिव संख्या 61 हो गई। सीएमओ डा. विजय यादव ने इस बात कि पुष्टि की है।


देश में बढ़ते संक्रमण ने रिकॉर्ड तोड़े

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में हर दिन तेजी से इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या सवा दो लाख पार हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक, अबतक 2 लाख 16 हजार 919 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 6075 की मौत हो चुकी है। हालांकि एक लाख चार हजार लोग ठीक भी हुए हैं।पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के मामलों में अबतक सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। आज देश में 9304 नए केस आए और 260 मौतें हुईं।


किस राज्य में कितनी मौतें हुईं?
स्वास्थय मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2587, गुजरात में 1122, दिल्ली में 606, मध्य प्रदेश में 371, तमिलनाडु में 208, तेलंगाना में 99, आंध्र प्रदेश में 68, कर्नाटक में 53, उत्तर प्रदेश में 229, पंजाब में 47, पश्चिम बंगाल में 345, राजस्थान में 209, जम्मू-कश्मीर में 34, हरियाणा में 23, केरल में 11, झारखंड में 5, बिहार में 25, ओडिशा में 7, असम में 4, हिमाचल प्रदेश में 5, मेघालय में 1 मौत हुई है।


राज्यवर आंकड़े



















































































































































































































































क्रमांकराज्य का नामकोरोना के कुल मामले (11 विदेशी नागरिक शामिल)
ठीक हुए/डिस्चार्ज हुएमौत
1अंडमान निकोबार33330
2आंध्र प्रदेश4080246668
3अरुणाचल प्रदेश3810
4असम16724134
5बिहार4390207725
6चंडीगढ़3012145
7छत्तीसगढ़6681882
8दिल्ली236459542606
9गोवा79570
10गुजरात18100122121122
11हरियाणा2954108923
12हिमाचल प्रदेश3591505
13जम्मू कश्मीर2857100734
14झारखंड7523215
15कर्नाटक4063151453
16केरल149465111
17लद्दाख90481
18मध्य प्रदेश85885445371
19महाराष्ट्र74860323292587
20मणिपुर118380
21मेघालय33131
22मिजोरम1410
23ओडिशा238814167
24पुद्दुचेरी82250
25पंजाब2376202947
26राजस्थान96526744209
27तमिलनाडु2587214316208
28तेलंगाना3020155699
29त्रिपुरा4681730
30उत्तराखंड10852828
31उत्तर प्रदेश87295176229
32पश्चिम बंगाल65082580345
भारत में कुल मरीजों की संख्या2169191041076075


कोरोना काल में PPE बना मुसीबत
कोरोना वॉरियर्स डरे हुए हैं, सहमे हुए हैं। मजबूरी में दिल्ली के AIIMS में नर्स यूनियन ने प्रदर्शन किया। डर की वजह कोरोना नहीं है बल्कि कोरोना से बचाने के लिए बने पीपीई किट हैं। कोरोना संकट में लोगों की जान बचाने वाले इन कोरोना वॉरियर्स को अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ा।


एम्स में प्रदर्शन कर रहीं नर्सों का कहना है कि ड्यूटी के दौरान उन्हें लगातार 6 घंटों तक पीपीई किट पहनकर काम करना पड़ता है। जिससे उनकी सेहत खराब हो रही है। किट पहनकर काम करने के दौरान उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नर्सों की मांग है कि उनकी ड्यूटी की अवधि 6 घंटे से घटाकर 4 घंटे की जाए और उनकी सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए। अपनी मांग को लेकर इन नर्सों ने अस्पताल प्रशासन को चिट्ठी भी लिखी जिसमें कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।


104 ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी

लापरवाह 104 प्रधानों को डीएम ने जारी की नोटिस



 सद्दीक खान


हरदोई। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया है कि 30 नवम्बर 2018 को ग्रामों को खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया था। इसके उपरान्त छूटे हुए वंचित पात्र परिवारों के लाभार्थियो को एलओबी के अन्तर्गत आच्छाांदित किया गया था। पुनः अवशेष छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को एनओएलबी (नो वन लेफ्ट बिहाइन्ड) के अन्तर्गत चयनित करते हुए। सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को शौचालय निर्माण हेतु धनराशि भी निर्गत की जा चुकी है। शासन द्वारा सर्वोच्च वरीयता के दृष्टिगत शौचालयों को मई 2020 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये थे।
उन्होने बताया कि जनपद में अभी तक 104 ग्राम प्रधानों द्वारा शौचालय पूर्ण कराने हेतु कोई प्रयास न करते हुए, निर्माण कार्य अभी भी शुरू नही कराया गया हैं। सम्बन्धित 104 ग्राम प्रधानों द्वारा पदीय दायित्वों का निवर्हन न करते हुए सौपे गये दायित्वों की अवहेलना की जा रही है। जिसके लिए 104 ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है तथा ग्राम पंचायत में एनओएलबी के शौचालयों को 15 जून 2020 तक पूर्ण कराये जाने तथा अपना स्पष्टीकरण साक्ष्यों सहित एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण ने देने पर दोषी मानते हुए उ0प्र0 पंचायतराज अधिनियम की धारा 95(1)(छ) के अन्तर्गत सम्बन्धित ग्राम प्रधानों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, जिसके जिम्मेदार स्वयं ग्राम प्रधान होंगे।



तस्करो-पुलिस में फायरिंग, एक अरेस्ट

संभल। अनलॉक-1 की शुरुआत होते ही संभल में पशु तस्कर सक्रिय हो गए, जहां मुखबिर की सूचना पर थाना हयातनगर पुलिस ने पशु तस्करों की बोलेरो कार को रोक लिया। जिसके बाद पशु तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी और बोलेरो कार लेकर वहां से फरार । पुलिस ने तुरंत हयातनगर क्षेत्र के वबेना में बदमाशों की घेराबंदी की जिसके बाद दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू होने लगी।



वहीं जिले के मुख्यालय पर क्राइम मीटिंग ले रहा है। जिले के एसपी को जैसे ही सूचना लगी तो तुरंत पुलिस महकमे में खलबली मच गई और एएसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जिसके बाद एक पशु तस्कर को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी राहुल भी घायल हो गया जिसके बाद घायल पशु तस्कर और पुलिसकर्मी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया वहीं पशु तस्कर के फरार दो साथियों की तलाश में पुलिस लगातार कॉम्बिंग कर रही है। पकड़े गए पशु तस्कर की पहचान मारूफ के नाम से हुई है ।

 सीताराम कुशवाहा


राज्य मंत्री के बोर्ड को लेकर विवाद

अमेठी। उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्यमंत्री सुरेश पासी के एक बोर्ड को लेकर विवाद खड़ा हो गया। अमेठी में जगदीशपुर के जाफरगंज बाईपास पर लगाए द्वार पर उन्होंने महाराणा प्रताप पर टिप्पणी करने वाला बोर्ड लगाया। कांग्रेस एमएलसी ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की और अल्टीमेटम दिया। विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने इस बोर्ड को तत्काल हटा दिया है। हालांकि, इस पूरे मामले को लेकर मंत्री सुरेश पासी ने बुधवार को ही सोशल मीडिया पर लिखा कि भाई साहब मिस प्रिंट हो गया है सही हो जाएगा। 


सम्राट महाराणा प्रताप द्वार पर जगदीशपुर से विधायक सुरेश पासी ने एक बोर्ड लगवाया। इस बोर्ड पर उन्होंने लिखावाया, 'समय इतना बलवान होता है कि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।' उनकी इस लाइन पर विवाद हो गया। राजपूत समाज ने इसे आपत्तिजनक बताया और कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने विरोध दर्ज कराया।


दीपक सिंह ने कहा, 'गंदी विचारधारा वाले'
दीपक सिंह ने कहा, 'शौर्य पराक्रम वीरता की पहचान महाराणा प्रताप ने समय बलवान होने के कारण नहीं बल्कि स्वाभिमान के कारण घास की रोटी खाई थी। सुरेश पासी ने जो बोर्ड लगवाया उससे हमारे गौरवशाली इतिहास का अपमान हुआ है। यह बोर्ड उस विचारधारा की गंदी सोच है जिन्होंने लिखित माफी मांगकर अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार कर ली थी।'


जिला प्रशासन को लिखा पत्र
दीपक सिंह ने कहा कि मंत्री की विचारधारा उन लोगों के है जो अभी तक कांग्रेस के महापुरुषों का अपमान करती थी। अमेठी में कीचड़ से अनाज की बात कहकर अपमानित करती थी। अब उनकी विचारधारा इतना नीचे गिर गई है। महाराणा प्रताप का ऐसा अपमान अब बर्दाश्त नहीं होगा। कांग्रेस एमएलसी ने डीएम को अल्टीमेटम दिया कि अगर तत्काल इस बोर्ड को नहीं हटाया गया तो वह स्वंय जाकर इसे हटा देंगे।


खेत में किसान की पीट-पीटकर हत्या

औरैया। अछल्दा थाना क्षेत्र के ग्राम दलीपपुर में रात नौ बजे करीब खेत की रखवाली कर रहे किसान विजय की कुछ लोगो ने लाठी डंडों से पीट पीट कर हत्या कर दी। हत्या की सूचना से ग्रामीणों में दहशत है आए दिन किसानों पर हमले हो रहे हैं। खेत में गए किसान की निर्मम हत्या से ग्रामीणों में भय की लहर दौड़ रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हत्या के पीछे जुड़े कारण जानने के लिए गांव के लोगो से पुछताछ कर रही है।


दिल्ली की सीमाओं पर सख्त हुई पुलिस


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। हरियाणा में अनलॉक-1 का चौथा दिन है। दिल्ली से सटी हरियाणा की सीमाओं पर दिल्ली पुलिस की रोकटोक जारी है। दिल्ली पुलिस अब भी सिर्फ मूवमेंट पास और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही एंट्री दे रही है। प्रदेश में मरीजों की संख्या 3 हजार के पास पहुंच गई है। फरीदाबाद में बढ़ते मरीजों की वजह से 25 फीसदी बैड कोरोना के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं। इसी तरही होटलों को भी कोरोना केयर में तबदील किया जाएगा। मरीजों की देखभाल के लिए स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। यह फैसला फरीदाबाद के मंडलायुक्त संजय जून की समीक्षात्मक बैठक में लिया गया है।



बिना लक्षण वाले मरीजों का घर से किया जाएगा उपचार
फरीदाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अगर अधिक होती है तो अस्पतालों में बेड की संख्या, अॉक्सीजन सिलेंडर का प्रबंध भी किया जाएगा। मरीज की अवस्था गंभीर होने पर ही उसे अस्पताल में दाखिल किया जाएगा। जिस मरीज में लक्षण नहीं हैं, उसे घर पर ही आइसोलेट किया जाएगा। उसे दवाई के साथ-साथ सावधानी बरतनी है।

दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर एक कार चालक को रोकते हुए पुलिसकर्मी। 

फरीदाबाद जिला प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों से की अपील
फरीदाबाद के आयुक्त यश गर्ग व उपायुक्त यशपाल ने कोरोना की लड़ाई में प्राइवेट अस्पतालों को भी आगे आकर अपनी हरसंभव तैयारी करने की अपील की है। उन्होंनेसभी अस्पताल अपने बेड और अन्य जरुरी सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।

हरियाणा में मरीजों का आंकड़ा 2954 पहुंचा


  • फिलहाल प्रदेश में यूएसए से लौटे 21 लोगों, 14 इटली नागिरकों व 133 जमातियों को मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 2954 पर पहुंच गया है। इनमें सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 1195, फरीदाबाद में 487, सोनीपत में 261, झज्जर में 103, रोहतक में 97, पलवल में 79, नूंह में 78, नारनौल में 70, अंबाला में 69, करनाल में 66, पानीपत में 65, हिसार में 61, सिरसा में 47, भिवानी में 45, कुरुक्षेत्र में 37, जींद में 32, कैथल में 30, पंचकूला में 27, फतेहाबाद में 25, रेवाड़ी में 23, चरखी-दादरी में 13 तथा यमुनानगर में 9 संक्रमित मरीज हैं।

  • वहीं 14 इटली नागरिकों सहित कोरोना को मात देने वालों का आंकड़ा 940 हो गया है। इनमें गुरुग्राम में 288, फरीदाबाद में 168, सोनीपत में 158, झज्जर में 92, नूंह में 66, पानीपत में 46,  अंबाला में 40, पलवल 44, पंचकूला में 26, जींद में 24, नारनौल में 21, कुरुक्षेत्र में 18,  करनाल में 16, सिरसा में 13,  यमुनानगर में 9, रोहतक में 10, भिवानी व फतेहाबाद में 7-7, कैथल 6, हिसार में 5,  रेवाड़ी में 4 तथा चरखी-दादरी में 1 मरीज ठीक होकर घर लौट चुका है।


गाजियाबाद डीएम का किया सम्मान

गाजियाबाद। जनपद  के कुशल जिलाधिकारी श्रीमान अजय शंकर पांडेय को कोरोना योद्धा के रूप में संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद द्वारा लाखों प्रवासी मजदूरों को अतिथि देवो भव के रुप में जनपद गाजियाबाद के नाम में वृद्धि करके उनके घरों को सुरक्षित भेजने तथा नोएडा दिल्ली मेरठ जैसे अति संक्रमित क्षेत्रों से घिरा होने के बावजूद कोरोना से जनपद को सुरक्षित रखने तथा कोरना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य होने में वृद्धि कराने के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । संयुक्त व्यापार मंडल द्वारा कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी में वृद्धि करने की होम्योपैथिक की दवाई संयुक्त व्यापार मंडल द्वारा भेंट की गई। संयुक्त व्यापार मंडल ने जिलाधिकारी श्रीमान अजय शंकर पांडे को लंबी आयु की कामना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । सदैव की तरह संयुक्त व्यापार मंडल ने अपने सहयोग की पेशकश की। इस अवसर पर जिला चेयरमैन संयुक्त व्यापार मंडल पंडित अशोक भारतीय , अमित कुमार वर्मा, राजेश वर्मा, महेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।


याचिका पर सुनवाई के दौरान फैसला

जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान फैसला


तीनों राज्यों को समान नीति बनाने का निर्देश


नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील हैं और लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है।


एनसीआर के लोगों की समस्याओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में आवागमन के लिए एक सुसंगत नीति होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य इसके लिए एक समान नीति तैयार करे।एक हफ्ते के भीतर ये एक नीति तैयार हो। इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए। सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि हमने सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालात में एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल बनाया जाए। वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो।


रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...