शुक्रवार, 27 मार्च 2020

ब्रेन हेमरेज से जवान की मौत, कोहराम


अतुल त्यागी (जिला प्रभारी)
39 वर्षिय एक जवान की ब्रैन हैमरेज से मौत अति दुर्गम इलाका लद्दाक में बर्फ बारी से हुआ ब्रैन हैमरेज।


गांव में सन्नाटा तो परिवार में कोहराम 


हापुड। जनपद के गढमुक्तेश्वर के सेहल गांव निवासी भूपेंद्र चौधरी 39 इंडियन तिब्बत बौर्डर फोर्श में 2002 में भर्ती हुये थे। जो वर्तमान में लद्दाख में तैनात थे दो दिन पहले ड्युटि के दौरान अति दुर्गम क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी के चलते ब्लडप्रेशर डाउन हुआ और ब्रेन हैमरैज हो गया।आनन फानन में भूपेंद्र को एअर इंडि विमान से चंडीगढ लाया गया और पी जी आई अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां चिकित्सकों का अथक प्रयाश भी उन्हें बचा न सका और अंतिम सांस ली।
सेना ने जहां एक जवान खोया वहीं सैनिक की पत्नि बीना के पति की मौत की खबर सुनते ही बेहोश हो गयी। 


सैनिक गार्द की एक बडी टीम सैनिक भूपेन्द्र चौधरी के शव  को बुद्धवार को उनके पैत्रक गांव सेहल लेकर पहुंची और सैनिक सम्मान के साथ शहीद को देर शाम अंतिम विदाई देकर  अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया।भूपेन्द्र चौधरी अपने पीछे पत्नि बीना के दो बेटी तनु,दीपांशी और एक बेटा वंश छोड गये हैं।सैनिक भूपेंद्र चौदरी को  उनके बडे भाई चौधरी गजेंद्र  सिंह नम आंखौं से मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। वहीं परिवार के बडे और पू्र्व सैनिक जो आई टी बी पी में ही डिप्टी कमांडेंट से सेवानिवृत हुये  चौधरी जोगिन्द्र सिंह का कहना है कि सैनिक भूपेंद्र सिंह.की पत्नी की हालत बोल पाने की स्थिति में नहीं है।  भाई की मौत से परिवार को बडा दुख है पर हमने अपना भाई देश सेवा में खोया है इसका हमें फक्र है।


भूपैंन्द चौधरी की मौत की खबर सुनने के बाद पूर्व सैनिक और भाकियू के राष्ट्रीय सचिव चौधरी सतबीर सिंह,  भाकियू के मंडल प्रवक्ता चौधरी दिनेश खेडा, पूर्व सैनिक और भाजपा के बहादुर मंडल अध्यक्ष दिनेश तोमर शोक व्यक्त किया।


या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रुपेण

जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं।


इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं। अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।


सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
महिमाः माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। माँ कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।


विधि-विधान से माँ के भक्ति-मार्ग पर कुछ ही कदम आगे बढ़ने पर भक्त साधक को उनकी कृपा का सूक्ष्म अनुभव होने लगता है। यह दुःख स्वरूप संसार उसके लिए अत्यंत सुखद और सुगम बन जाता है। माँ की उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है।


माँ कूष्माण्डा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है। अतः अपनी लौकिक, पारलौकिक उन्नति चाहने वालों को इनकी उपासना में सदैव तत्पर रहना चाहिए।


उपासनाः चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।


अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं।


अपीलः शार्प शूटर हूं, टपका दूंगा

उज्जैन। दो दिन में कोरोनावायरस के 6 मामले सामने आने के बाद हालात चिंताजनक हो गए हैं। इसके बावजूद लोग टोटल लॉक-डाउन के दौरान डिस्टेंस मेंटेन नहीं कर रहे हैं। नाराज महिदपुर टीआई संजय वर्मा ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज दे दिया, कहा कि यदि लोगों ने डिस्टेंस मेंटेन नहीं किया तो मैं एक शार्प शूटर हूं। सात सेकेंड में टपका दूँगा। खबर एसपी सचिन अतुलकर पहुँची उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए टीआई को लाइन अटैच कर दिया है।


क्या है पूरा मामला..................


प्राप्त जानकारी के अनुसार,कोरोना वायरस से बचाव के लिए उज्जैन में एक टीआई ने सोशल मीडिया पर लोगों को खुली धमकी दे दी। बात सिर्फ इतनी थी कि कहीं भी भीड़ इकट्टा ना करें लेकिन पोस्ट में टीआई ने जिस भाषा और धमकी का इस्तेमाल किया उसके कारण एसपी ने उन्हें फौरन सस्पेंड कर दिया।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपील के साथ सख्ती बरती जा रही है। लेकिन उज्जैन के महिदपुर टीआई संजय वर्मा ने सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे डाली। टीआई वर्मा ने अपने मोबाइल फोन से बीती रात एक मीडिया चैनल के व्हाट्सएप ग्रुप पर तीन पोस्ट डाले। पोस्ट में टीआई ने लिखा कि आप डिस्टेंस नहीं रखेंगे तो हम इलाज करेंगे। आप लोग मान जाओ नहीं तो मैं एक स्नैप शूटर हूं। इसके बाद टीआई संजय वर्मा ने यह भी लिखा कि मैं सिल्वर मैडिलिस्ट हूं। सात सेकेंड में टपका दूंगा, आप लोग मुझे याद रखोगे। सोशल मीडिया पर तीन पोस्ट के बाद टीआई संजय वर्मा ने इन्हें दूसरे ग्रुप में पोस्ट करने की अपील की। लोगों ने ये पोस्ट टीआई के नाम से दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड भी कर दीं। इस पर लोगों ने कमेंट भी किए।


रामानंद कृत रामायण का पुनः प्रसारण

मुंबई। रामानंद सागर की रामाणय को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च से ‘रामायण’ का प्रसारण पुनः दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू होगा।  पहला एपिसोड सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे प्रसारित होगा ।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर रामानंद सागर की रामायण और बीआर चोपड़ा की महाभारत को फिर से टेलिकास्ट करने की मांग की जा रही थी। ऐसे में उन सभी की इस मांग को पूरा करते हुए फिलहाल रामायण का प्रसारण दोबारा से शुरू कर दिया गया है।


रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। वहीं बीआर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण भी साल 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था।  रामायण और महाभारत को लोग इतने चाव से देखते थे कि सड़कों पर एक दम सन्नाटा होता था। इन धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के वक्त बाहर सड़कों का माहौल एक दम कर्फ्यू की तरह ही होता था।


1987-88 में रामायण और महाभारत को लोग बड़े ही चाव से देखते थे। कहा जाता है कि उस दौर में अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। भारत के तमाम शहरों और गांवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं।


गौरतलब है कि रामायण में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने निभाया था। वहीं सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को आज भी सीता के रूप में ही याद किया जाता है। इसके साथ ही दारा सिंह ने हनुमान का रोल निभाया था। वहीं रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी।


आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करेंगे कोच

नई दिल्ली। रेलवे जरूरत पड़ने पर कोच फैक्ट्रियों में मेडिकल उपकरण बना सकता है। रेलवे ने सैनिटाइजर और मास्क बनाने की शुरुआत कर दी है। इसके अलावा कोचों को आइसोलेशन वार्ड में भी तब्दील किया जा सकता है। मैकेनिकल और मेडिकल की टीम इस विकल्प पर मीटिंग भी कर रही है।


पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना को विश्व युद्ध से भी खतरनाक बताया था। रेलवे ने इसी आधार पर तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रेलवे के वर्कशॉप में एंबुलेंस, बख्तरबंद गाड़ियों के निर्माण से लेकर एयरक्राफ्ट की मरम्मत तक हुई थी। मौजदा समय में कोच फैक्ट्रियों में रेल से जुड़ा सभी तरह का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है। इसलिए कोच फैक्ट्रियों में बेड, रैक, स्टैंड, मेज, कुर्सी बनाए जा सकते हैं। रेलवे बोर्ड ने इसके संबंध में रिपोर्ट भी मांगी है।


रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर रेलवे कोचों को आइसोलेशन वॉर्ड में भी बदला जा सकता है। कोचों को मोबाइल अस्पताल में पहले भी बदल चुका है। एक कोच में चार टॉयलेट होते हैं, इसलिए 2 से 4 आइसोलेशन वार्ड बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि हर तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। स्थितियों को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।


भारतीय सेना का 'ऑपरेशन नमस्ते'

नई दिल्ली। देश पर जब-जब भी संकट आया है, सेना ने सबसे आगे आकर मोर्चा संभाला है और हर संकट से मुक्ति दिलाने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई है। आज जब देश के सामने कोरोना वायरस के महा-संकट से पार पाने की गंभीर चुनौती है तो आर्मी फिर से मोर्चे पर तैनात हो गई है। भारतीय सेना ने कोरोना के खिलाफ ‘ऑपरेशन नमस्ते’ छेड़ दिया है।


आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑपरेशन नमस्ते के बारे में बताते हुए कहा, ‘छुट्टी पर पाबंदी लगाई गई है। 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान 8-10 महीने में कोई छुट्टी पर नहीं गया था। पराक्रम में भी हम विजयी निकले हैं, ऑपरेशन नमस्ते में भी कामयाब रहेंगे।’ आर्मी चीफ के मुताबिक भारतीय सेना की आंतरिक खूबी है कि हम अपने सांगठनिक ढांचे और ट्रेनिंग की बदौलत तरह-तरह की आपातकालीन परिस्थितियों से उबल जाते हैं। हम कोविड-19 से निपटने में भी अपनी इसी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे।


उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार और सामान्य प्रशासन की मदद करना हमारा दायित्व है। बतौर आर्मी चीफ सैन्य बलों को चुस्त-दुरुस्त रखना मेरी जिम्मेदारी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘देश की रक्षा के लिए हमें खुद को सेफ और फिट रखना काफी महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने पिछले कुछ हफ्तों में 2-3 अडवाइजरी जारी की है।’ आर्मी चीफ ने कहा कि सेना ने पहले भी सभी अभियानों में सफलता पाई थी और ऑपरेशन नमस्ते को भी सफलतापूर्वक अंजाम देगी। सेना की ओर से देशभर में अब तक आठ क्वारेंटाइन सेंटर्स स्थापित किए जा चुके हैं।


सेना की ओर से हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। इसके लिए सेना के साउर्थन कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉदर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड और दिल्ली हेडक्वॉर्टर में कोरोना हेल्प लाइन सेंटर्स बनाए गए हैं। इसके जरिए कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की मदद की जाएगी। साथ ही, आम नागरिकों को इस संकट से जुड़ी जानकारियां भी दी जाएंगी। निगरानी और आइसोलेशन की क्षमता बढ़ाई जा रही है।


सभी आर्मी हॉस्पिटलों को छह घंटों की सूचना पर सिर्फ कोविड-19 मरीजों के लिए 45 बेड का आइसोलेशन वार्ड और 10 बेड का आइसीयू वॉर्ड तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जिन इलाकों में कोरोना का असर ज्यादा है, वहां के 30 प्रतिशत फिल्ड हॉस्पिटलों को स्टैंडबाय मोड में रखा गया है। क्विक रिएक्शन मेडिकल टीमें गठित होंगी जो सूचना मिलने के छह घंटे के अंदर मरीज को अस्पतालों में पहुंचाने को तैयारी कर लेगी।


दिसंबर 2001 में संसद पर हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के कुछ अहम सबूत मिले तो भारत ने उसके खिला ऑपरेशन पराक्रम चलाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सेना को सीमा की ओर कूच करने का आदेश दिया था और दिसंबर 2001 से जून 2002 तक भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सेना धीरे-धीरे नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ओर बढ़ती रही। इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तानी सेना ने दबाव में आकर आतंकवादी समूहों को समर्थन देना बंद कर दिया। आर्मी चीफ नरवणे ने इसी का उदाहरण देते हुए बताया कि तब भी सेना के जवान लंबे वक्त तक छुट्टियों पर नहीं गए थे।


कोरोनाः एसबीआई ने लिए बड़े फैसले

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस के चलते देश में लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत बैंक ने अपनी शाखाओं में कामकाज का समय बदल दिया है। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है।


एसबीआई के प्रबंध निदेशक पी के गुप्ता ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकारों के परामर्श से पूरे देश में बैंकिंग सेवाओं के लिए टाइम स्लॉट लागू किए हैं। गुप्ता ने कहा कि कई राज्यों में हमने अपनी शाखा खोलने के समय को सीमित रखा है। कुछ राज्यों में यह सुबह 7 बजे से 10 बजे तक है, जबकि कुछ राज्यों में यह समय सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और कुछ राज्यों में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक है। इस बीच एसबीआई की ओर से बैंक शाखाओं में काम कर रहे उसके कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जबकि कतार में कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखी जा रही है। प्रशासन विभाग के लोग वैकल्पिक दिनों में काम कर रहे हैं।


बैंक मोबाइल एटीएम सेवाएं भी चला रहा है ताकि ग्राहक बिना एटीएम शाखाओं में आए आसानी से पैसा निकाल सकें। पीके गुप्ता ने ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक की ओर से चलाए जा रहे एक ऐसे मोबाइल एटीएम का वीडियो भी साझा किया। एसबीआई ने नकदी निकालने के लिए एटीएम का उपयोग करने वाले सभी बैंक ग्राहकों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को लेकर 7 टिप्स भी साझा किए हैं। एसबीआई के अलावा एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक और अन्य कई बैंकों ने देश में कोरोना वारयर सके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अपनी शाखाओं के परिचालन के समय में संशोधन किया है। साथ ही गैर जरूरी बैंकिंग सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।


बैंकिंग सेवाओं जैसे पासबुक अपडेट, काउंटर चेक संग्रह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों से अपनी बैंकिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजिटल और ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करने का आग्रह किया है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भी भारतीय नागरिकों से सामाजिक संपर्क को कम करने के लिए डिजिटल भुगतान का उपयोग करने का आग्रह किया है। एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने कहा कि वर्तमान लॉक-डाउन की स्थिति में हम सभी नागरिकों से घर पर रहने का अनुरोध करते हैं। हम सभी सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान के तरीकों का इस्तेमाल करने का आग्रह भी करते हैं।


हाई रेट में पुलिस की लाठी हुई तेज

तौबा मेरे तौबा पिटाई क्या बताऊँ ?
क्या क्या हुआ इनके उनके साथ रे !
मिर्जापुर। लाकडाउन में टेम्परामेंट डाउन की अनेकानेक कहानियाँ पिछले 48 घण्टे में सुनने को मिलीं । ड्यूटीरत सिपाही-दरोगा का टेम्परामेंट जो डाउन हुआ है तो उनकी जुबान और साथ ड्यूटीमें लगे सिपाही ही नहीं होमगार्डों की लाठी की चोट हाई है । हाई में वीआईपी शामिल हैं तो जरूरत के सामानों के रेट भी हाई है । इसी हाई-लो बोल्टेज में लाकडाउन चल रहा है ।
संकटमोचनपर बैठे शराफत के दुश्मन---
लाकडाउन में नगर के संकटमोचन मंदिर से दुर्व्यहार की खबरें ज्यादा मिलीं । यहां गुरुवार को नगरपालिका के जलकल के एक आपरेटर को तब ठोक दिया, जब वह DM के आदेश पर सड़कों पर दवायुक्त पानी के छिड़काव के लिए सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पास लेने जा रहा था । पास न होने से अनेक ट्यूबबेलों पर ड्यूटी दे रहे आपरेटर पुलिस के गाली-गलौज के शिकार हुए । तिवराने टोला में भी ट्यूबबेल चलाने जा रहे आपरेटर को पुलिस ने हड़काया । इसके अलावा संकटमोचन पर कतिपय मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की बातें सुनने को मिली लेकिन परिस्थितियों को देखकर मीडियाकर्मी ने मामले को तूल नहीं दिया ।


निर्देश देते होमगार्ड---
सिटी कोतवाली के पास कतिपय होमगार्ड एक चाय की दुकान खुलवाए थे । चाय पी रहे थे तभी एक पत्रकार ने जब फोटो खींच लिया तब उसी में से एक होमगार्ड चिल्लाकर बोला-'ऐ पत्रकार साहब, इधर आइए ।  चाय पीते फोटो मत लीजिए । हम लोगों ने थाने के कतिपय कर्मियों के लिए दुकान खुलवा रखा है ।' इस प्रकार पहलीबार होमगार्ड भी आदेशात्मक मूड में दिखाई पड़े ।
 वीआईपीसुन नहीं रहे---
सर्वाधिक दिक्कत कुछ बीमार लोगों की रही । जिनको गम्भीर बीमारी के लिए वाराणसी जाना था । ADM से सम्पर्क करने पर उन्होंने तो भरोसा दिया और सिटी मजिस्ट्रेट से पास लेने का सुझाव दिया लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट से आधे पर ही फोन कट गया फिर लगा नहीं । इस तरह और भी कई बीमारों की स्थिति सुनने को मिली ।
 गांवों की स्थिति---
गांवों में यदि कोई देश के ही किसी हिस्से से अपने घर किसी प्रकार लौट रहा है तो बमचक मच जा रहा है । लौटा व्यक्ति कह रहा है कि वह स्वस्थ है जबकि उसके परिवार के विरोधी पुलिस को फोन कर दे रहे हैं । कतिपय लोग इसे गांव की सतर्कता कह रहे हैं तो कुछ लोग आपसी मनमुटाव का परिणाम बताते सुने गए ।
अर्धनारी श्वररूप--
घर से बाहर निकलने पर प्रतिबन्ध के चलते बहुत से घरों में पुरुष वर्ग महिलाओं के जिम्मे वाला काम करते सुने गए । कोई किचेन में बैठकर सब्जी काट रहा है, तो कोई झाड़ू लगा रहा है । दाई न आने से कोई बर्तन माँज रहा तो कोई कपड़ा साफ कर रहा है । इस प्रकार 'समय बिताने के लिए करना है कुछ काम' की स्थिति है । कहा जाए तो पुरुष आधे नारी रूप में आ गया है ।
 बड़े ऑफिसरों पर बोझ ज्यादा--
मंडल के तीनों जनपदों की निगरानी के लिए कमिश्नर एवं आईजी तथा जिले पर डीएम, एसपी रात दिन दौड़ते नजर आ रहे हैं । एक पैर कहीं तो दूसरा पैर कहीं की हालत है। अतः अपने अपने क्षेत्र में संजीदगी से लोग ड्यूटी दें तो लाकडाउन के लिए नागरिक धीरे धीरे अभ्यस्त होते दिख रहे हैं ।



-सलिल पांडेय


चौकी प्रभारी ने कराया भूखों को भोजन

बजरडीहा में चौकीप्रभारी अजय प्रताप यादव ने बटवाया भूखो को भोजन
वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र भेलूपुर थाना के बजरडीहा में विभिन्न प्रदेशो से जीविकोपार्जन के लिए आये सैकड़ो गरीब व निर्धन परिवारों की लाकडाउन होने के कारण रोजी-रोटी अधर में पड़ गयी जिसके कारण लाकडाउन के पांचवें दिन दिहाड़ी मजदूरो के सम्मुख भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी। तेज तर्रार चौकी प्रभारी बजरडीहा अजय कुमार यादव को जब पता चला तो आनन-फानन में उपनिरीक्षक धनन्जय यादव व अपने मातहतो के साथ भूख से जूझ रहे दर्जनो निर्धन व गरीब परिवारों को तत्काल भोजन का प्रबन्ध किया और अपने मातहतो के साथ बजरडीहा के विभिन्न क्षेत्रो में भूख से पीड़ितो को भोजन बटवाते हुए नसीहत दिया कि सरकार आपके सुरक्षा के लिए लाकडाउन जैसा निर्णय लिया है, जिससे किसी को घबराने या भयभीत होने की आवश्यकता नही है। सभी लोग संयम से आपस में सामन्जस्य बनाकर साफ सुथरे ढंग से रहे और मास्क का प्रयोग करें, अनावश्यक घरो से बाहर न निकले। उन्होने आश्वासन दिया कि सम्भव प्रयास कर भूखो को भोजन की कमी महसूस नही होने दिया जायेगा। समय-समय पर किसी न किसी तरीके से भोजन का प्रबन्ध होता रहेगा। भोजन पाकर गरीब व निर्धन परिवारो ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली को खूब सराहा, जिसकी पूरे दिन क्षेत्र में जबरदस्त चर्चा रही।


अलीगढ़ प्रशासन द्वारा गरीबों की मदद

अन्नू सोनी


अलीगढ़ में प्रशासन लॉक डाउन के चलते कर रही घरों तक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की पूर्तिती। जनता से अपील है कि बाजारों में दिए समय को भीड़ न लगाकर उस समय का ऐसे पीड़ित व लाचार परिवारों की सहायतार्थ समय का उपयोग करें व समाज सेवा करें।



अलीगढ़। थाना सासनीगेट क्षेत्र के कबीर नगर में एक महिला का परिवार चार दिन से भूख से बेहाल थी। तब उस महिला ने 112 नम्बर पर पुलिस को कॉल कर अपने घर की स्तिथि का हाल बताया और पुलिस द्वारा सहायता का लिए निवेदन किया। महिला के घर जाकर पला चौकी इंचार्ज सतीश कुमार ने अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ जाकर खाद्य वस्तुएं देकर सहायता पहुँचायी।
सबसे बड़ा सवाल यहाँ इस बात का है कि क्यों हर इंसान को पुलिस प्रशासन की सहायता की जरूरत पड़ रही है क्यों पुलिसकर्मियों को ही हर बात के लिए जिम्मेदार बनाया जाता है क्या आम जनता की कोई जिम्मेदारी नहीं जनता कर्फ़्यू व लॉक डाउन तोड़ने पर आमादा जनता बस नियम तोड़ने के लिए ही उतारू है क्या इस तरह की समस्याओं को हल करने के लिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीँ जनता से अपील है कि पुलिस प्रशासन आपकी हर सुरक्षा को लेकर पूरी तरह लगा हुआ है इस समय हालात इतने खराब है कि पुलिस प्रशासन के लिए हर जगह एक समस्या मुँह उबाये खड़ी है कृपया धैर्य बनाये रखकर पुलिस विभाग की सहायता करें न कि उनपर ही निशाना साधे।
जनता से अपील है कि बाजारों में दिए समय को भीड़ न लगाकर उस समय का ऐसे पीड़ित व लाचार परिवारों की सहायतार्थ समय का उपयोग करें व समाज सेवा करें।


1 लाख का दान, फैंस ने सुनाई खरी-खोटी

नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस से निपटने में सरकार के साथ साथ उद्योगपति, खिलाड़ी और हर खासोआम आदमी अपने अपने तरीके से लगा है। इस बीच मदद के नाम पर क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसा काम किया कि लोगों के साथ साथ अपने फैंस के गुस्से का शिकार हो गए।
दरअसल, कोरोनावायरस जैसी आपदा से निपटने के लिए देश के अमीर तबके ने अपने खजाने खोल दिये हैं। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने इस आपदा के पीड़ितों के लिए पचास लाख की रकम देने का ऐलान किया है तो कई उद्योगपतियों ने करोड़ों की मदद दे डाली है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मदद के नाम पर शर्मनाक कारनामा किया है।
धोनी ने पुणे के दिहाड़ी मजदूरों के लिए एक लाख रुपये दान देने की घोषणा की। उनकी इस आर्थिक मदद की घोषणा के बाद उनके फैंस सोशल मीडिया पर भड़क गए। लोगों ने धोनी को सोशल मीडिया पर जमकर खरी खोटी सुनाई।  फैंस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सालाना 800 करोड़ रुपये कमाने वाले धोनी मदद के नाम पर सिर्फ एक लाख रुपये की मदद कर भद्दा मजाक कर रहे हैं। इससे बेहतर था कि वो मदद ही नहीं करते। धोनी इस शर्मनाक कारनामे की वजह से सोशल मीडिया पर खूब खरी खोटी सुन रहे हैं।


रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...