रविवार, 15 दिसंबर 2019

देश में लागू हुआ फास्ट टैग सिस्टम

आज से पूरे देश में लागू हुआ फास्टैग सिस्टम, केंद्र सरकार ने किया अधिसूचित


अब 100 फीसदी टोल टैक्स वसूली इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगी


नई दिल्ली। टोल प्लाजा पर यातायात को सुगम बनाने और टोल टैक्स की वसूली को आसान बनाने के लिए लागू किया जा रहा फास्टैग सिस्टम आज आधी रात से पूरे देश में लागू हो चुका है। यह अधिसूचना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी की गई है। सरकार ने राजमार्गों पर टोल पेमेंट के लिए अनिवार्य रूप से फास्टैग लागू करने की तारीख 15 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने पहले इसकी तारीख 1 दिसंबर तय की थी।


अब से राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम के तहत लागू हो रहे इस सिस्टम के तहत पर 100 फीसदी टोल टैक्स वसूली इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगी। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, नया सिस्टम लागू होने के बाद यदि कोई वाहन चालक बिना फास्टैग के फास्टैग वाली लेन में घुस जाता है तो उससे दोगुना टोल टैक्स वसूली जाएगा। हालांकि, अभी भी सभी वाहनों में फास्टैग नहीं लग पाया है। जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लग पाया है उनके लिए टोल प्लाजा पर हाइब्रिड लेन बनाई गई है। इस लेन में फास्टैग को छोड़कर अन्य सभी प्रकार से टोल टैक्स लिया जाएगा। बता दें कि बिना फास्टैग वाले वाहनों को हर टोल पर दोगुना टोल टैक्स लगेगा। इसलिए, अगर आपके वाहन के पास फास्टैग नहीं है तो जल्द ही इसे ले लें और परेशानियों से मुक्ति पाएं।


रेहान अंसारी की खास रिपोर्ट


आवास योजना के हिलते-ढुलते मकान

सुबीर चेोधुरी
मरवाही!आपने जहाज महल , हवा महल और झुकती मिनार का नाम सुना होगा और कई ने देखा भी होगा । लेकिन क्या आपने हिलते डुलते आवास का नाम सुना या देखा है । नहीं ना तो फिर हमारे मरवाही ब्यूरो के द्वारा भेजी गई ये खबर पढ़िए । ये खबर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की हदें पार करनी वाली है । मरवाही विकासखंड के मगुरदा पंचायत में प्रधान मंत्री आवास में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है । यहां बने आवास की दिवाले फट रही है और हद तो ये कि यदि आप छत पर चढ़ जाएं तो छत हिलने लगती है ।


प्रधानमंत्री आवास योजना, सरकार की एक बहुउद्देशीय योजना,जिससे एक तय समय सीमा तक पूरे देश की काया कल्प बदल जाएगी।सभी के पास अपना खुद का पक्का मकान होगा। छतों से पानी नही टपकेंगे,मजबूत दीवारें होंगी,परिवार खुद को सुरक्षित महसूस कर पायेगा।थोड़ी धीमी गति से ही सहीं, पर धीरे धीरे कच्चे मकानों को पक्के में तब्दील किया जा रहा।लेकिन कहीं न कहीं ये आवास भी अब कुछ लोगों के पेट भरने का जरिया बनता जा रहा।अब अगर पूरी ईमानदारी से आवास निर्माण में स्तर का ध्यान न रखा जाये तो, यह उन कच्चे मकानों से भी ज्यादा असुरक्षित होगा।


मामला एक नजर में
मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत मगुरदा पंचायत,व उस पंचायत के अंतर्गत एक आवास मोहल्ला है,जो मुख्य सड़क से काफी अंदर है,व जंगलों के रास्ते वहां तक पहुंचा जा सकता है।वहां के बुधसिंह अपने परिवार समेत अपने परिवार के अन्य सदस्य के कल्याणसिंह के नाम से बने आवास में रहते हैं,जिनकी मृत्यु हो चुकी है।अब बुधसिंह का कहना है,की इस आवास को बने अभी एक वर्ष भी नही हुआ है,और इसमें से पानी लीकेज होने लगा है,दीवारों से छतें अलग हो गयी है,दरारे आ गयी है,ऊपर छत में जाने पर यह अहसास होता है,जैसे वो हिल रही हो।अब ऐसे असुरक्षा के बीच बुधसिंह अपने बच्चों सहित पूरा परिवार लेकर कैसे रहतें हैं,ये तो उन्हीं को पता है।
आखिर कौन जिम्मेदार
सरकार की ये बहुआयामी व अच्छे भविष्य की दूरवर्ती सोच वाली योजना का जमीनी स्तर पर क्या हाल है,ये तो उनके घरों का हाल व परिवार वालों की असुरक्षित व कंपकपाती बातों से बयान होता है।अब बड़ा प्रश्न यह है की आखिर ऐसी बड़ी योजना को कागजों में भरा पूरा करते व पीछे लोगों के सपनों को तोड़ते इन निर्माणों का असल जिम्मेदार कौन है।चूंकि गरीबी रेखा से नीचे के ये छोटे कृषक स्वयं इन आवास को बनाने में सक्षम नही हैं,तो पंचायतों पर इन निर्माण कराने की जिम्मेदारी आती है,अब पंचायत कर्मचारी निर्माण किनसे व कैसे कराते हैं व किस स्तर का निर्माण होता है,यह भी उनके जांच का विषय है।आखिर ऐसे गैरजिम्मेदाराना व स्तरहीन आवास निर्माण की जिम्मेदारी कौन लेगा।
ब्लॉक में ऐसे सैकड़ों मामले
यह केवल अकेला एक मामला नहीं है, ऐसे अनेकों मामले हैं,जो प्रधानमंत्री आवास योजना को फैल करते दिखते हैं। मामलों में कुछ ऐसे भी हैं जिनका आवास 4 सालों से आज तक अधूरा पड़ा है, स्तर हीन आवास की जांच आवश्यक रूप से होनी चाहिए।ताकि लोगों को एक सुरक्षित घर व उनका अधिकार मिल सके।


पहली मंजिल पर आग, चौथी मंजिल पर ली जान

नई दिल्ली! शालीमार बाग में चार मंजिला एक रिहायशी इमारत में शनिवार आग लग गई। इस हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई। मरने वालों में दो बुजुर्ग महिलाएं हैं। तीसरी महिला की उम्र भी 42 साल थी। चार-पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें दो बच्चे शामिल हैं। घायलों में एक 68 साल की महिला भी है। सभी घायलों को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सब आईसीयू में हैं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।


पुलिस ने मृतकों में 75 साल की कांता, 65 साल की किरण शर्मा और 42 साल की मेड सोमवती के नाम बताए हैं। दिल्ली फायर विभाग के चीफ अतुल गर्ग ने बताया कि आग शालीमार बाग की बिल्डिंग नंबर-बीक्यू-140 में शनिवार शाम को लगी। फायर विभाग के पास शाम 6:05 बजे कॉल आई थी। मौके पर तुरंत फायर ब्रिगेड की आठ गाड़ियों को भेजा गया। मौके से तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बचा लिया गया। कुछ बेहोश हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पता चला कि तीन महिलाओं की मौत हो चुकी है। रात 8:13 बजे आग बुझा दी गई। जिस बिल्डिंग में आग लगी थी उस बिल्डिंग में स्टिल्ट पार्किंग के बाद चार मंजिलें बनी थीं।


पहली मंजिल से आग, चौथी मंजिल पर फंसे लोग
पुलिस ने बताया कि बिल्डिंग की पहली मंजिल का फ्लैट बंद था। बाकी तीन मंजिलों पर लोग थे। दूसरी मंजिल पर 75 साल की कांता थीं, जिनकी मौत हो गई। तीसरी मंजिल से चार-पांच लोगों को बचा लिया गया, जबकि चौथी मंजिल पर दो महिलाएं फंस गईं। इस मंजिल पर 65 साल की किरण शर्मा और 42 साल की उनकी मेड सोमवती की मौत हो गई। घायलों में 68 साल की लाजवंती, 28 साल की इना, 16 साल के अक्षित और 14 साल की वंशिका शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि तमाम ऐंगल से जांच की जा रही है। आग बुझने के बाद भी मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रोक लिया गया कि कहीं आग न भड़क जाए। आग लगनेसे बिल्डिंग की पहली मंजिल पूरी तरह से राख हो गई।


रसोई से लगी थी आग?
बिल्डिंग में आग लगने की वजह स्टिल्ट पार्किंग के बाद पहली मंजिल की रसोई को माना जा रहा है। फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक की जांच में लग रहा है कि आग पहली मंजिल की रसोई से शुरू हुई। कोई गैस खुली छोड़ गया या फिर शॉर्ट सर्किट से आग लगी। तीनों मौतें जलने से नहीं, दम घुटने से हुई है। ठंड होने की वजह से सभी फ्लैटों के गेट और खिड़की बंद थे। नॉर्थ-वेस्ट जिले की डीसीपी विजयंता आर्य के छुट्टी पर होने से उनके जिले की भी कमान संभाल रहे आउटर-नॉर्थ जिले के डीसीपी गौरव ने बताया कि पुलिस को कॉल मिलने के बाद 10 मिनट में पुलिसकर्मी पहुंच गए थे।


बंगाल में ममता की अपील का असर

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन रविवार को भी जारी है। प्रदर्शनकारियों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील का भी असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हिंसक प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कम से कम 4 जिलों में हालात बेहद खराब हैं। कानून का विरोध कर रहे लोगों ने बड़ी संख्या में ट्रेनों और बसों को नुकसान पहुंचाया है। विरोध-प्रदर्शनों के चलते लंबी दूरी की लगभग 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।


ममता ने कही कड़ी कार्रवाई की बात:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को शनिवार को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।बनर्जी ने लोगों से शांति बनाये रखने और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की थी। हालांकि प्रदर्शनकारियों पर ममता की अपील का कोई असर नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं करने और राज्य को जलने देने का आरोप लगाया है।


यात्रा कर रहे हजारों लोग फंसे, लूटपाट भी हुई
पश्चिम बंगाल में यात्रा कर रहे हजारों मुसाफिर फंस गए हैं क्योंकि कई जगहों पर नेशनल और स्टेट हाइवे को भी प्रदर्शनाकारियों ने अपने निशाने पर लिया है। कई लोकल ट्रेनों को भी कैंसिल कर दिया गया है जबकि कई को बीच में ही रोकना पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में लंबी दूरी की बसों और सिटी बसों को भी आग के हवाले किया है। इस बीच कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा यात्रियों से लूटपाट की खबरें भी सामने आ रही हैं। कई जगहों पर रेलवे स्टेशनों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।


बैंक ने थमाया 50 पैसे के लिए नोटिस

 झुंझुनू! जहां एक ओर लोग बैंकों से लाखों-करोड़ों रुपये लेकर भाग जाते हैं और बैंकों को पता भी नहीं चलता, वहीं अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप यकीन नहीं करेंगे। राजस्थान के झुंझुनूं में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक ब्रांच ने अपने ग्राहक को 50 पैसे चुकाने का नोटिस थमाया है। शनिवार को खेतड़ी लोक अदालत में यह मामला पहुंचा। नोटिस देखकर ना सिर्फ ग्राहक, बल्कि अदालत के जज भी हैरान हो गए। एसबीआई बैंक में जितेंद्र कुमार का जनधन खाता खुला हुआ है। इसके खाते में 124 रुपये जमा हैं।


लेकिन तब भी बैंक की ओर से 12 दिसंबर की रात 11 बजे जितेंद्र के घर एक नोटिस भेजा गया। यह नोटिस 50 पैसे बकाया चुकाने को लेकर था।इस संदर्भ में जितेंद्र कुमार ने बताया कि नोटिस में लिखा था कि, शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


हालांकि ग्राहक जितेंद्र की जगह उनके पिता विनोद सिंह खेतड़ी लोक अदालत पहुंचे क्योंकि उनकी रीड़ की हड्डी में तकलीफ है। अदालत में मौजूद बैंक अधिकारी कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए। पीडि़त ग्राहक जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने इस मामले पर बताया कि वे सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर दिया।


वहीं जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था। अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा।


आदमी के पाद से मर जाते है मच्छर-कीड़े

आप जानकर हैरान हो जाएंगे लेकिन ये बात बहुत तेजी से चर्चा में आ रही है कि क्या आदमी के पाद से मच्छर मर सकता है! जी हां, ऐसा हुआ है! एक व्यक्ति है जिसकी जहरीली गैस में इतनी ताकत है कि उससे मच्छर तक मर जाते हैं! अविश्वसनीय है पर अब वैज्ञानिक इस आदमी के पाद के रसायनों की जांच कर रहे हैं।


इस आदमी की पाद में इतनी ताकत है कि 6 मीटर (करीब 20 फीट) की दूरी तक सारे मच्छर मर जाते हैं! ये खबर द मिरर अखबार ने प्रकाशित की है! उसके अनुसार ये आदमी अपने जहरीले पाद के कथित असर का दावा कर रहा है। 48 साल के जो वामिरामा का दावा है कि अब उसकी पाद से मच्छर मारने वाला रेपेलेंट बनाया जाने वाला है! इसके लिए एक कंपनी ने उसे हायर किया है! जो वामिरामा का दावा है कि कुछ वैज्ञानिक उसकी जहरीली पाद के रसायनों का अध्ययन करने के लिए उसे फंडिंग दे रहे हैं।


अफ्रीकी देश युगांडा में रहने वाले इस व्यक्ति ने अपनी पाद की बदौलत अपने गांव को मलेरिया के प्रकोप से बचाया है! उसका दावा है कि वह अपनी जहरीली गैस से मच्छरों को मार सकता है।जो वामिरामा ने बताया कि सबकी तरह ही सामान्य खाना खाता है! रोज नहाता है. लेकिन उसका पाद मच्छरों के लिए जहरीला है! एक स्थानीय नाई ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जब जो वामिरामा आता है तो मच्छर उस जगह से भाग जाते हैं! इतनी जहरीली गैस छोड़ता है ये आदमी कि मर जाते हैं मच्छर!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 16, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-132 (साल-01)
2. सोमवार, दिसंबर 16, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष, तिथि-  चतुर्थी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:12,सूर्यास्त 05:35
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-18+ डी.सै., कोहरा छाया रहने की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


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