सोमवार, 30 सितंबर 2019

मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता

दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है।


चंद्रघंटा-सिद्धियां
चंद्रघंटा - नवदुर्गाओं में तृतीय
संबंध-हिन्दू देवी
अस्त्र-कमल
जीवनसाथी-शिव
सवारी-सिंह
माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं।


श्लोक:-पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||


स्वरूप:-माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।


कृपा साधना:-हमें चाहिए कि अपने मन, वचन, कर्म एवं काया को विहित विधि-विधान के अनुसार पूर्णतः परिशुद्ध एवं पवित्र करके माँ चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना में तत्पर हों। उनकी उपासना से हम समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं।हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सद्गति देने वाला है।


प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में तृतीय दिन इसका जाप करना चाहिए।


उपासना:- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


अर्थ :- हे माँ! सर्वत्र विराजमान और चंद्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।


इस दिन सांवली रंग की ऐसी विवाहित महिला जिसके चेहरे पर तेज हो, को बुलाकर उनका पूजन करना चाहिए। भोजन में दही और हलवा खिलाएँ। भेंट में कलश और मंदिर की घंटी भेंट करना चाहिए।


उपवास का महत्व और प्रभाव

उपवास में कुछ दिनों तक शारीरिक क्रियाएँ संचित कार्बोहाइड्रेट पर, फिर विशेष संचित वसा पर और अंत में शरीर के प्रोटीन पर निर्भर रहती हैं। मूत्र और रक्त की परीक्षा से उन पदार्थों का पता चल सकता है जिनका शरीर पर उस समय उपयोग कर रहा है। उपवास का प्रत्यक्ष लक्षण है व्यक्ति की शक्ति का निरंतर ह्रास। शरीर की वसा घुल जाती है, पेशियाँ क्षीण होने लगती हैं। उठना, बैठना, करवट लेना आदि व्यक्ति के लिए दुष्कर हो जाता है और अंत में मूत्ररक्तता (यूरीमिया) की अवस्था में चेतना भी जाती रहती है। रक्त में ग्लूकोस की कमी से शरीर क्लांत तथा क्षीण होता जाता है और अंत में शारीरिक यंत्र अपना काम बंद कर देता है।


1943 की अकालपीड़ित बंगाल की जनता का विवरण बड़ा ही भयावह है। इस अकाल के सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण बड़े ही रोमांचकारी हैं। किंतु उसका वैज्ञानिक अध्ययन बड़ा शिक्षाप्रद था। बुभुक्षितों के संबंध में जो अन्वेषण हुए उनसे उपवास विज्ञान को बड़ा लाभ हुआ। एक दृष्टांत यह है कि इन अकालपीड़ित भुखमरों के मुँह में दूध डालने से वह गुदा द्वारा जैसे का तैसा तुरंत बाहर हो जाता था। जान पड़ता था कि उनकी अँतड़ियों में न पाचन रस बनता था और न उनमें कुछ गति (स्पंदन) रह गई थी। ऐसी अवस्था में शिराओं (वेन) द्वारा उन्हें भोजन दिया जाता था। तब कुछ काल के बाद उनके आमाशय काम करने लगते थे और तब भी वे पूर्व पाचित पदार्थों को ही पचा सकते थे। धीरे-धीरे उनमें दूध तथा अन्य आहारों को पचाने की शक्ति आती थी।


इसी प्रकार गत विश्वयुद्ध में जिन देशों में खाद्य वस्तुओं पर बहुत नियंत्रण था और जनता को बहुत दिनों तक पूरा आहार नहीं मिल पाता था उनमें भी उपवसजनित लक्षण पाए गए और उनका अध्ययन किया गया। इन अध्ययनों से आहार विज्ञान और उपवास संबंधी ज्ञान में विशेष वृद्धि हुई। ऐसी अल्पाहारी जनता का स्वास्थ्य बहुत क्षीण हो जाता है। उसमें रोग प्रतिरोधक शक्ति नहीं रह जाती। गत विश्वयुद्ध में उचित आहार की कमी से कितने ही बालक अंधे हो गए, कितने ही अन्य रोगों के ग्रास बने।


उपवास पूर्ण हो या अधूरा, थोड़ी अवधि के लिए हो या लंबी अवधि के लिए, चाहे धर्म या राजनीति पर आधारित हो, शरीर पर उसका प्रभाव अवधि के अनुसार समान होता है। दीर्घकालीन अल्पाहार से शरीर में वे ही परिवर्तन होते हैं जो पूर्ण उपवास में कुछ ही समय में हो जाते हैं।


हरियाणा भाजपा की फाइनल लिस्‍ट

राणा ओबराय


नई दिल्ली । भाजपाने सोमवार को विधानसभा चुनाव के लिए 78 प्रत्याशियों कीपहली सूची जारी कर दी।मुख्यमंत्रीमनोहर लाल खट्‌टरकरनाल से, योगेश्वर दत्त बरोदा, सुभाष बराला टोहाना से, संदीप सिंह पिहोवा, बबीता फोगाट दादरी से उम्मीदवार होंगे।रविवार को केंद्रीय चुनाव समिति ने देर रात तक टिकटों पर मंथन किया और नामों को अंतिम रूप दे दिया था। लेकिन हां-नां के बीच सूची जारी नहीं हो पाई थी। सूची जारी न होने के पीछे एक बड़ा कारण राव इंद्रजीत द्वारा बेटी के लिए टिकट की डिमांड करना भी बड़ा कारण माना जा रहा था।


सीट प्रत्याशी
1 कालका, लतिका शर्मा
2 पंचकूला, ज्ञान चंद गुप्ता
3 अंबाला कैंट, अनिल विज
4 अंंबाला सिटी, अशीम गोयल
5 मुलाना (एससी), राजीव बराडा
6 सधौरा (एससी), बलवंत सिंह
7 जगाधारी, कंवरपाल गुर्जर
8 यमुनानगर, घनश्याम दास अरोड़ा
9 रादौर(एससी), करणदेव कम्बोज
10 लाडवा, पवन सैनी
11 शाहाबाद(एससी), कृष्णा बेदी
12 थानेसर, सुभाष सुधा
13 पिहोवा संदीप सिंह (पूर्व हॉकी खिलाड़ी)
14 गुहला (एससी) रवी तारनवाली
15 कलायत कमलेश ढांढा
16 कैथल लीला राम गुर्जर
17 पूंडरी वेदपाल एडवोकेट
18 नीलोखेड़ी (एससी) भगवानदास कबीरपंथी
19 इंद्री रामकुमार कश्यप
20 करनाल मनोहर लाल खट्टर
21 घरौंडा हरविंदर कल्याण
22 असंध बख्शी सिंह गिल
23 पानीपत ग्रामीण महिपाल ढांढा
24 इसराना (एससी) कृष्ण पवार
25 समालखा शशिकांत कौशिक
26 राई मोहनलाल कौशिक
27 सोनीपत कविता जैन
28 गोहाना तीरथ सिंह राणा
29 बरोदा योगेश्वर दत्त (पूर्व ओलिंपियन)
30 जुलाना परमेंदर धुल
31 सफीदों बच्चन सिंह आर्य
32 जींंद कृष्ण मिड्ढा
33 उचाना कलां प्रेम लाला
34 नरवाना (एससी) संतोष दानोदा
35 टोहाना सुभाष बराला
36 रतिया (एससी) लक्ष्मण नापा
37 कालांवाली (एससी) बलकौर सिंह
38 डबवाली आदित्य देवीलाल
39 रानियां रामचंद्र कम्बोज
40 सिरसा प्रदीप रतूसारिया
41 ऐलनाबाद पवन बेनीवाल
42 उकलाना (एससी) आशा खेदार
43 नारनौंद कैप्टन अभिमन्यु
44 हांसी विनोद भयाना
45 बरवाला सुरेंदर पुनिया
46 हिसार कमल गुप्ता
47 नलवा रणवीर गंगवा
48 लोहारू जेपी दलाल
49 बाढड़ा सुुखविंदर मंडी
50 दादरी बबीता फोगाट (महिला रेसलर)
51 भिवानी घनश्याम शराफ
52 बवानी खेड़ा (एससी) बिश्मभर बाल्मीकि
53 गढ़ी सांपला किलोई सतीश नंदाल
54 रोहतक मनीष ग्रोवर
55 कलानौर (एससी) रामअवतार बाल्मीकि
56 बहादुरगढ़ नरेश कौशिक
57 बादली ओमप्रकाश धनकड़
58 झज्जर (एससी) राकेश कुमार
59 बेरी विक्रम काद्यान
60 अटेली सीताराम यादव
61 महेंद्रगढ़ रमबिलास शर्मा
62 नारनौल ओमप्रकाश यादव
63 नांगल चौधरी अभय सिंह यादव
64 बावल बनवारी लाल
65 पटौदी (एससी) सत्यप्रकाश जरावट
66 बादशाहपुर मनीष यादव
67 सोहना संजय सिंह
68 नूह जाकिर हुसैन
69 फिरोजपुर झिरका नसीम अहमद
70 पुन्हाना नौकशाम चौधरी
71 हथीन प्रवीण डागर
72 होडल (एससी) जगदीश नायर
73 पृथला सोहनपाल चौहक्कर
74 फरीदाबाद एनआईटी नागेंद्र भड़ाना
75 बड़खल सीमा तिरखा
76 बल्लभगढ़ मूलचंद शर्मा
77 फरीदाबाद नरेंद्र गुप्ता
78 तिगांव राजेश नागर


विश्व की दूसरी शक्ति रूस, सयंमित

रूस को दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है और इस दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु संपन्न में देश भी माना जाता है। रूस एक शक्तिशाली देश होने के साथ-साथ एक अमीर देश भी है आज हम आप लोगों को और उसके बारे में ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे शायद आप नहीं जानते हैं।
1. आपकी जानकारी के लिए बता दे रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश माना जाता है रूस का क्षेत्रफल प्लूटो ग्रह से भी ज्यादा है। रूस में 11 प्रकार के अलग-अलग टाइम जोन है। रूस दुनिया का दूसरा शक्तिशाली देश है।
2. रूस के पास प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है जिसके कारण रूस एक अमीर देश है। रूस के पास जितना पेट्रोलियम, खनिज तत्व आदि है, उसका मूल्य करीब 75 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक है।
3. दुनिया का सबसे बड़ा बम Tsar Bomba रूस के पास है। यह एटॉमिक बम से 1400 गुना अधिक शक्तिशाली है।
4. रूस की साक्षरता दर काफी अधिक है। यहां पर 99% लोग साक्षर हैं।
5. साइबेरिया में विश्व का लगभग 25% से अधिक जंगल है। साइबेरिया का विस्तार 5.2 मिलियन वर्ग मील है, जो लगभग 9 प्रतिशत पृथ्वी के शुष्क भूमि के बराबर है।
6. आपको जानकर हैरानी होगी कि रूस में प्रति वर्ष 5,00,000 से अधिक मृत्यु अल्कोहल से होती है।
7. सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया में तेल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो प्रति दिन औसतन 9,900,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है।


प्रशासन कुछ-कुछ फीका पड़ रहा है

पुलिस प्रशासन,परिवहन विभाग अभियानों की शुरुआत तो करता है लेकिन कुछ आंदोलनों के सामने फीका पड़ जाता 


तस्लीम बेनकाब
मुजफ्फरनगर। सरकार द्वारा जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत जनपद मुजफ्फरनगर को भी सम्मिलित किया गया था तो उस वक्त बड़ी उम्मीद  और आशाएं बनी थी तथा दावे प्रति दावे भी किए गए थे मुजफ्फरनगर को वह सभी सुविधाएं विकास आदि उपलब्ध कराए जाएंगे जो एनसीआर के तहत अन्य जिलों को मिल रहे हैं लेकिन उस समय सब कुछ ठीक-ठाक तरीके से चला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नाम पर जनपद मुजफ्फरनगर में जबरदस्त वाहन चेकिंग अभियान चला था जिस पर दस साल के पुराने डीजल के वहांन वह पंद्रह साल पुराने पेट्रोल के वाहनों के खिलाफ एआरटीओ एवं पुलिस प्रशासन द्वारा गतिशील तरीके से अभियान चलाया गया था ओर काफी गाड़ियों को बंद किया गया था लेकिन अब धीरे-धीरे यह अभियान भी मंद होता चला गया आज स्थिति यह है कि 10 साल तथा 15 साल पुराने वाहन सड़कों पर पूरी गति के साथ बिना किसी रोक-टोक के दौड़ रहे हैं एनसीआर का कुछ भी फायदा जिले को नहीं हुआ है जबकि आशाओं और उम्मीदों में पूरे पुलिंदा बांधे गए थे आज हालात यह है कि कहीं दूर तक भी ऐसा कुछ नजर नहीं आता कि जनपद मुजफ्फरनगर जिला एनसीआर में शामिल होकर कुछ स्पेशल सुविधाएं विकास या उन्नति पा रहा हो। पहले की भांति ही सब कुछ चल रहा है बदला है तो केवल यह नाम की जिला एनसीआर में शामिल है जबकि शामिल होने के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है आखिर ऐसा क्यों बहुत से ऐसे सवाल हैं जिन पर चिंतन एवं मंथन किया जा सकता है नए-नए यातायात संबंधी नियम बनाए जा रहे हैं तथा उनको लागू भी किया जा रहा है फिर ऐसा क्या कारण है कि सड़कों पर 10 साल तथा 15 साल पुराने वाहनों की गति पर कोई रोक नहीं लग पा रही है पुलिस प्रशासन द्वारा जो अभियान चलाया गया था वह भी किसानों के आगे दब कर रह गया क्योंकि उस वक्त टैक्टर तथा रेल के पुराने इंजन पुरानी जिप्सी सरकारी गाड़ियों को लेकर किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं ने यह भी मांग रखी थी कि पहले इन वाहनों पर रोक लगे उसके बाद दूसरे वाहनों को रोका जाए इस पर आंदोलन भी हुए ट्रेन के इंजन सरकारी गाड़ियां बंधक बनाई गई धरना प्रदर्शन हुए इसके बाद यह अभियान धीरे-धीरे मंद होता चला गया जिसका नतीजा यह रहा कि आज के समय में इस अभियान के कहीं कोई सार्थकता किसी को कहीं नजर नहीं आ रही है यातायात नियमों के प्रति सचेत किया जाता है जागरूक किया जाता है लेकिन सड़कों पर अवैध रूप से चल रहे हैं वाहनों की संख्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है उदाहरण के तौर पर 10 साल और 15 साल पुराने यदि वाहनों को रोका जाए तो सड़कों पर लोड काफी कम होगा तथा यातायात के नियम भी प्रभावी रूप से सार्थक होते नजर आएंगे तथा दिन प्रतिदिन दूषित हो रहा पर्यावरण भी काफी हद तक सुधरेगा प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी लेकिन इस संदर्भ में अभी तक कोई भी ठोस एवं प्रभारी कदम नहीं उठाए गए हैं पुलिस प्रशासन एआरटीओ विभाग अभियानों की शुरुआत तो करता है लेकिन कुछ आंदोलनों के सामने फीका पड़ जाता है जिसका परिणाम यह रहता है कि ऐसे अभियान अंत में शून्य ही बनकर रह जाते हैं जैसा कि अक्सर होता आया है बेहतर हो कि पुलिस प्रशासन एवं परिवहन विभाग मिलकर एक बार पुनः मजबूती के साथ ऐसे अभियान को पुनः चलाएं ताकि सड़कों पर दबाव कम हो प्रदूषण कम हो और यातायात के नियम भी प्रभावी हो सके तो इसके लिए अति आवश्यक है कि ऐसे अभियानों को हर हाल में चलाया जाना चाहिए तथा सरकार इस मसले पर गंभीरता दिखाए आंदोलन कर्मियों को भी इस बारे में अवगत कराएं उनकी बातों को सुनें तथा समझाए की ऐसे अभियान जनता के लिए कितने सार्थक हैं जो मसले विवादित हैं उन पर मिल बैठकर बात भी की जा सकती है लेकिन यह कोई औचित्य नहीं है कि जरा से दबाव में आकर पूरे अभियान को ठुश करके रख दिया जाए स्थानीय प्रशासन तभी द्रढ़ इच्छाशक्ति दिखाता है जब पीछे से शासन सत्ता और सरकार सहयोग प्रदान करें।


महिला पुलिस सिपाही ने रची साजिश

अपनी पत्नी का फोन नंबर दोस्त को देकर चाहता था हो जाए दोस्ती और  फिर


बागपत। अपने ससुराल पक्ष के लोगों को फंसाने के लिए महिला सिपाही ने ऐसा कदम उठाया, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो सकते हैं। हालांकि महिला सिपाही ने जिस साजिश को रचा था, उसका खुलासा जिले की पुलिस ने कर दिया। पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। बीते गुरुवार को पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया।


दरअसल, महिला सिपाही ने ससुरालियों को फंसाने के लिए स्कूटी समेत, दो लाख रुपये की लूट और खुद पर जानलेवा हमले का ड्रामा रचा था। महिला सिपाही ने अपने प्रेमी से ही खुद गोली चलवाई थी। बीते गुरुवार को पुलिस ने आरोपी महिला सिपाही व उसके प्रेमी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उनकी निशानदेही पर जली हुई स्कूटी, तमंचा और कारतूस बरामद कर लिया।


सीओ (सीटी) ओमपाल सिंह ने बताया कि 16 सितंबर को नैथला गांव के पास महिला कांस्टेबल रेणु पत्नी अनुज निवासी लुहारी घायल अवस्था में मिली थी। इस दौरान उसके हाथ में गोली भी लगी हुई थी। महिला सिपाही ने अज्ञात दो युवकों पर गोली मारकर स्कूटी व दो लाख रुपये लूटने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को सर्विलांस से काफी मदद मिली। महिला सिपाही ने ससुराल वालों को फंसाने के लिए खुद ही साजिश रची थी। पुलिस ने गुरुवार को महिला सिपाही रेणु, उसके प्रेमी मनीष उर्फ मोनू और विकास को गिरफ्तार कर लिया।  


 


बाल्मीकि संगठन ने निकाला कैंडल मार्च

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में वाल्मीकि बच्चों की निर्मम हत्या पर श्रद्धाजंलि सभा संपन्न


वाल्मीकि नवयुवक संघ ने गांधी पार्क में निकाला कैंडल मार्च सरकार से उक्त घटनाओं की रोकथाम करने की मांग


फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के ज़िला फिरोजाबाद-वाल्मीकि नवयुवक संघ के जिलाध्यक्ष विनय वाल्मीकि के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के शिवपुरी (ग्राम-भावखेड़ी) में वाल्मीकि बच्चों की लाठियों से पीटकर निर्मम हत्या करने के विरोध में श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन हुआ। पदाधिकारियों ने कहा कि देश में बढ़ रही इस प्रकार की घटनाओं पर जनता में भारी आक्रोश है। साथ ही सरकार से उक्त घटनाओं की रोकथाम करने की मांग की गयी। ताकि देश में भाईचारे एवं सौहार्द की भावना जाग्रत हो। इसी क्रम में कैंडल मार्च गांधी पार्क में जिलाध्यक्ष विनय वाल्मीकि के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। श्रद्धाजंलि देने वालों में समाजसेवी भुवनेश चन्द्रा, पार्षद अवधेश वाल्मीकि, किताब सिंह, पप्पू केशव, मोनू जाटव, सौरभ, प्रवीन वाल्मीकि, रिंकू वाल्मीकि, शहंशाह भाई, विशन वाल्मीकि, सौरभ वाल्मीकि, शिवम वाल्मीकि, छोटू वाल्मीकि, प्रशान्त वाल्मीकि, अभिषेक वाल्मीकि, मुकेश वाल्मीकि, रिषभ पचैरी, डीके, गोलू, निकेत वाल्मीकि, अमन शेखर, सुरजीत वाल्मीकि, रितिक वाल्मीकि, सुशान्त वाल्मीकि, कार्तिक वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि सहित काफी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।


रिपोर्टर-रिहान अली


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...