शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

अधिकारी खा रहे काजू-बादाम, पुष्कर मंदिर


चार करोड़ रुपए के फंड के बाद भी विश्व के एक मात्र ब्रह्मा मंदिर की इमारत जर्जर। 
भगवान को सब्जी रोटी का भोग, अफसर खा रहे हैं काजू-बादाम। 
जब भाजपा की सीएम वसुंधरा ने कुछ नहीं किया तो कांग्रेस के अशोक गहलोत क्यों करें?
पिछले ढाई वर्ष से पुष्कर स्थित विश्व के एक मात्र ब्रह्मा मंदिर की देखरेख का काम राज्य सरकार द्वारा गठित प्रबंध कमेटी कर रही है। इस कमेटी का अध्यक्ष अजमेर के जिला कलेक्टर को बना रखा है और कमेटी में क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार आदि सदस्य है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार की कमेटी के कब्जे के बाद ब्रह्मा मंदिर की आय कई गुना बढ़ गई। आय का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कमेटी के पास अब तक चार करोड़ रुपए जमा हो गए हैं। यह बात अलग है कि ब्रह्मा मंदिर में जब महंत रहे तब मंदिर की पंरपरा के अनुरूप बाहर से आने वाले साधु संतों का सत्कार और तीज त्यौहारों पर धार्मिक कार्यक्रम होते थे, लेकिन अब जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी का कब्जा है, इसलिए विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर का प्रबंध सरकारी ढर्रे पर चल रहा है। मंदिर की इमारत जर्जर स्थिति में है, लेकिन सरकारी कारिंदों को कोई चिंता नहीं है। मंदिर परिसर की दीवारें जगह जगह से टूटी पड़ी है तथा छत का प्लास्तर श्रद्धालुओं पर गिर रहा है। इतना ही नहीं बरसात के मौसम में छतों से पानी भी टपक रहा है।  जगह-जगह गंदगी है तो मंदिर का सामान कबाड़ हो रहा है। हालात इतने खराब है कि मंदिर द्वारा संचालित गौशाला की सफाई तक नहीं हो रही है। वैसे तो गौशाला की गायों को रखने में सरकारी कारिंदों की कोई रुचि नहीं हंै। मुश्किल से दस गाय होंगी, जिनकी देखभाल भी नहीं हो पा रही है। ब्रह्मा मंदिर के अंतर्राष्ट्रीय महत्व और  आतंकियों की धमकी को देखते हुए मंदिर परिसर में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात है, लेकिन फिर भी सरकारी प्रबंध कमेटी सुरक्षा गार्डों के नाम पर मोटी राशि प्रतिमाह खर्च  कर रही है। सवाल उठता है कि जब चार करोड़ की राशि बैंक में जमा है तो फिर ब्रह्मा मंदिर की ऐतिहसिक इमारत की मरम्मत क्यों नहीं करवाई जाती? यदि कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या सरकार का उद्देश्य ब्रह्मा मंदिर से कमाई करने का कही है? महंत सोमपुरी के निधन के बाद जब सरकार ने मंदिर पर कब्जा किया तब कहा गया था कि मंदिर से प्राप्त होने वाली राशि को श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर ही खर्च किया जाएगा, लेकिन पिछले ढाई वर्ष से सरकार ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने की कोई योजना नहीं बनाई। 
नेता और अफसर खा रहे है काजू बादाम:
महंत के कार्यकाल में मंदिर की परंपरा के अनुरूप रोजाना स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग भगवान के लगाया जाता था, लेकिन सरकारी कारिंदे, अब सिर्फ सब्जी रोटी का भोग लगाते हैं। यानि सरकार ने भोग के मामले मेंभी धार्मिक परंपरा को खत्म कर दिया है। यह बात अलग है कि मंदिर में जब कोई मंत्री या बड़ा अधिकारी परिवार सहित दर्शन के लिए आता है तो उसे काजू बादाम का नाश्ता करवाया जाता है। चूंकि धनराशि खर्च करने का अधिकार भी कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास है, इसलिए मंत्रियों और अफसरों को खाने पिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। 
कांग्रेस के सीएम गहलोत क्यों करे?
इस समय राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए ब्रह्मा मंदिर की व्यवस्थाएं सुधारने की जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की है। लेकिन सवाल उठता है कि अशोक गहलोत सुधार क्यों करें? असल में मंदिर पर सरकारी कब्जा करवाने का कृत्य तो भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था। यूं तो वसुंधरा राजे स्वयं को बेहद धार्मिक होने का दिखावा करती है, लेकिन आज ब्रह्मा मंदिर की दुर्दशा के लिए वसुंधरा राजे ही जिम्मेदार है। महंत सोमपुरी के निधन के बाद सरकारी कब्जे का फैसला वसुंधरा राजे ने ही किया। जब वसुंधरा राजे अपने कार्यकाल में मंदिर में धार्मिक गतिविधियों की रक्षा नहीं कर सकी तो अब कांग्रेस सरकार से उम्मीद करना बेमानी है। 
सृष्टि के रचियता है ब्रह्मा:
भारत की सनातन संस्कृति में माना जाता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा हैं। लेकिन आज उनके मंदिर की स्थिति ही जर्जर हो रही है। जिन ब्रह्माजी  ने इस सृष्टि को बनाया उनके मंदिर को मरम्मत की दरकार है। भारत की लालफीताशाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंदिर से कमाई तो की जा रही है, लेकिन श्रद्धालुओं को सुविधा नहीं दी जा रही है। जिन दान पात्रों से चार करोड रुपए एकत्रित किए गए उन दान पात्रोंको भी श्री सीमेंट जैसे संस्थान से मुफ्त में लिया गया है। 
रिटायर कर्मचारी के भरोसे मंदिर:
विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर अजमेर तहसील के रिटायर कर्मचारी सत्यनारायण पारीक के भरोसे हैं। पारीक गत वर्ष 31 मई को रिटायर हो गए, लेकिन ब्रह्मा मंदिर का मोह नहीं छोड़ा। रिटायरमेंट के बाद संविदा कर्मी के तौर पर पारीक ने नियुक्ति पा ली। सवाल उठता है कि पारीक का मंदिर प्रबंधन में इतना मोह क्यो हैं? कमेटी ने पारीक को मंदिर परिसर में एक कमरा दे रखा है जिसमें बैठ कर पारीक दिनभर पंचायत करते हैं। पारीक के व्यवहार को लेकर कई बार शिकायतें हो चुकी है, लेकिन कमेटी कोई सुनवाई नहीं करती। 
एस.पी.मित्तल


भारत रत्न 'अटल' की प्रथम पुण्यतिथि मनाई

अश्वनी उपाध्याय


भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि पर याद किया "
गाजियाबाद । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व लोनी नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा ने अपने कैंप कार्यालय बेहटा हाजीपुर पर भारत रत्न परम श्रद्धेय पूर्व प्रधान मंत्री स्व: अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।
इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओ ने अटल के चित्र के समक्ष माला व पुष्प अर्पित किये तथा उनकी आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन किया।
इस अवसर पर मनोज धामा ने सभी के समक्ष अपने विचारों से पूर्व प्रधान मंत्री अटल को याद किया तथा बताया कि किस प्रकार से संघर्ष की राजनीति करते हुये उन्होंने 1998 से लेकर 2004 तक एनडीए की सरकार का नेतृत्व किया । माननीय अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। एक बार 1996 मे तो केवल मात्र 13 दिनों तक उनकी सरकार चली । पुन: 1998 मे प्रधान मंत्री बने । फिर 1999 से लेकर 2004 तक उन्होने अपना कार्यकाल पूरा किया । 
मनोज धामा जी ने बताया कि गत वर्ष 16 अगस्त को राजनीति के चमकते सितारा ने हम सभी के बीच से विदा ली। वो दिन भाजपा परिवार के लिये बेहद ही दु:खद रहा है ।हम सभी को आज भी उनकी कमी महसूस होती है। भाजपा परिवार के प्रत्येक कार्यकर्ता को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि किस प्रकार से एक छोटा सा कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व तक पँहुच सकता है। लेकिन उसके लिये हमे अपना जीवन तपाना पडता है। कठिन संघर्ष करना पडता है तब जाकर हम लोग देश की सेवा कर पाते हैं।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा कि स्व: अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के युगपुरूष थे। जिन्होंने देश मे मूल्यों व आदर्शों की राजनीति को बढावा दिया। उनका "सबका साथ- सबका विश्वास"का भाव आज भी हम सबके लिये प्रेरणा है। सन 2014 मे पूर्व पीएम अटलजी को देश के सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया।
उनके कार्यकाल मे सर्वसमाज के उद्धार के लिये अनेकों योजनाएं परवान चढी जिसमें "सर्वशिक्षा अभियान, संचार को बढावा, स्वर्ण चतुर्भुज सडक योजना सहित सैकड़ों योजनाएं उनके कार्यकाल मे चली ।स्व:अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार मे ही मई 1998 मे पोखरण मे परमाणु परीक्षण किया गया। इस परमाणु परीक्षण के साथ ही हम लोग विश्व मे परमाणु शक्ति वाले देशों मे शुमार हुये । कई देशों के विरोध के बावजूद अटलजी की सरकार ने परीक्षण का साहसिक फैसला किया ।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष बसंत त्यागी ,संगम विहार मंडल अध्यक्ष रूपेन्द्र चौधरी,सभासद अमित तोमर, रोहित भारदुाज,सतीश जैन, देवेन्द्र पाल,सतपाल शर्मा, बबलू खलीफा, इन्द्रजीत,मुकेश पाल, सतेन्द्र शर्मा, अनुज त्यागी, कमल प्रकाश, दिनेश कठेरिया, राजीव शर्मा, अरूण मिश्रा,अकिंत अवस्थी ,संजय चौधरी ,ओमपाल सिंह ,योगेन्द्र पांचाल, प्रवीन ढिंगिया, जोंटी वाल्मीकि सहित सैकड़ों की संख्या मे भारतीय जनता पार्टी के देवतुल्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


जनसंख्या नियंत्रण का होगा प्रचार-प्रसार

अकांशु उपाध्याय


गाजियाबाद । डासना देवी मंदिर के महंत और क्रान्तिकारी सन्यासी यति नरसिंहानंद सरस्वती के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज को बुलंद किया है और उनकी आवाज इतनी बुलंद हुई कि उसे देश के प्रधानमंत्री ने सुना समझा और उस पर संज्ञान लिया। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नरसिंह आनंद सरस्वती के द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी का स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जनसंख्या विस्फोट के विषय को स्वीकार करते हुए इससे पडने वाले दुष्प्रभाव के विषय में भी जानकारी दी। देश की जनसंख्या को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से संपूर्ण देश को यह संदेश दिया है। यदि देश की जनसंख्या समय रहते नियंत्रित नहीं की गई। इसके भयानक परिणाम संपूर्ण देश को भुगतने होंगे। इसलिए इस विषय पर चिंतन करने की आवश्यकता है। जनसंख्या नियंत्रण करना हमारी प्राथमिकता में है। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि वह और उनके देश भर में फैले सभी अनुयाई 11 अक्टूबर से देशभर में पदयात्रा करके जनसंख्या नियंत्रण का प्रचार प्रसार करेंगे।


भाजपा नेता पवन मावी की गिरफ्तारी की मांग

सचिन विशौरिया


हो सकती है विपक्ष के दबाव में पवन मावी पर कार्यवाही


गाजियाबाद । लोनी का राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरम हो गया है। जहां समाजवादी पार्टी के नेताओं से भिड़े भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पवन मावी के द्वारा बताया गया वाकया इस प्रकार है कि कुछ दिन पहले समाजवादी के नेता लोनी के अपने किसी कार्यक्रम में आए थे। जहां उनकी गाड़ी का तेल खत्म होने के कारण बंद हो गई थी। जिसमें समाजवादियों ने लोनी की दुर्दशा को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट करना शुरू कर दिया। जिसका जवाब देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पवन मावी ने सोशल मीडिया पर ही सपाइयों को उनका जवाब दिया। पवन मावी कि इस जवाबदेही से रुष्ट होकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने एकत्रित होकर गाजियाबाद कप्तान को शिकायत पत्र देकर, गिरफ्तारी की मांग की है।


भाजपा के ढुलमुल रवैए से सफल रैली?

राणा ओबराय
क्या सांसद बीरेंद्र सिंह प्रदेश भाजपा के ढुलमुल सहयोग से कर पायेंगे सफल रैली
चण्डीगढ़। भाजपा अर्थात बीरेंद्र सिंह द्वारा आयोजित जींद रैली कितनी सफ़ल हो पायेगी यह तो आज की रैली ही बतायेगी। परन्तु इस रैली से एक खास बात साबित होगी जो हरियाणा में पुनः होने वाले विधानसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह को स्थापित करेगी।क्योंकि हरियाणा प्रदेश भाजपा का जींद रैली को प्रचार प्रसार कम है।
हरियाणा में भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद चौधरी बिरेंदर सिंह और उनका आईएएस बेटा बृजेन्द्र सिंह जिनका राज्य में अपना अलग से भी जनाधार है उसी हालात में अपने गृह जिले जींद में प्रदेश स्तर की रैली कर रहे हैं। जिस तरह 18 अगस्त को हरियाणा में कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिनका अपना भी खुद का जनाधार है अपने गृह जिले रोहतक में प्रदेश स्तर की रैली कर रहे हैं। इन दोनों रैलियों के आयोजन के पीछे कारण और हालात एक जैसे हैं दोनों की रैली कहीं न कहीं व्यक्तिगत ही हैं। रोहतक रैली अर्थात चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रैली की चर्चा फिर करेंगे आज जींद में आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर चर्चा करते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की आज की रैली के आयोजन के पीछे दो तीन महत्वपूर्ण कारण हैं। एक तो विधानसभा का चुनाव और उसमें टिकटों के बंटवारे के समय अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है तो एक छुपा हुआ मकसद हरियाणा में भाजपा में बहुत पावरफुल हो चुके मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चुनौती देना और अपने आका को यह बताना भी है कि रैली में मुख्यमंत्री के लोगों ने कोई रुचि नहीं ली।यह सारा शक्ति परीक्षण उनका अपना है। रैली की सफलता के लिए की गई करें कि गए जनसंपर्क में भी सारा प्रबंधन मेहनत समायोजन चौधरी बिरेंदर सिंह और उनके नजदीकी लोगों का रहा इसमें मुख्यमंत्री के नाम पर राजनीति करने वाले भाजपा के ज्यादातर भाजपा नेताओं ने दूरी बनाए अपने की नीति को प्रतिपालित किया। देखा जाए तो यह रैली हरियाणा में भाजपा को कमजोर करने का काम भी कर सकती है। आप जान लें कि भाजपा चौधरी नेता चौधरी बिरेंदर सिंह सोनीपत जींद और हिसार जिलों के अलावा पूरे हरियाणा में कहीं-कहीं अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के लिए टिकट चाहते हैं और अब अपना राजनीतिक वजूद बचाने के लिए उसी तरह संघर्ष कर रहे हैं जैसे कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा। चौधरी बिरेंदर सिंह की चिंता यह है कि बेशक वे केंद्र में मंत्री रहे अब उनका बेटा सांसद बन गया है उनकी पत्नी विधायक है परंतु वे हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं ।आज जिस तरह हरियाणा में 75 पार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पूरे हरियाणा में छाए हुए हैं, उसमें वे अपना वजूद तलाश करते नजर आ रहे हैं। उन्हें पता है कि मुख्यमंत्री टिकटों के मामले में उन्हें कहीं भी सहयोग नहीं करने वाले हैं। आप अनुमान लगा सकते हैं कि जिन सीटों पर चौधरी बिरेंदर सिंह अपना हस्तक्षेप असर और हक मानते हैं वहीं मुख्यमंत्री ने इधर-उधर से जुगाड़ कर अपनी ऐसी गोटिया पहले ही फिट कर दी हैं जिन्हें टिकट बंटवारे के समय दरकिनार करना बहुत कठिन हो जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चौधरी बिरेंदर सिंह को भाजपा में लेकर आए थे ।उन्होंने बहुत बार चौधरी बिरेंदर सिंह के हितों का ध्यान रखा है ।यहां तक कि जब वे भाजपा में शामिल हुए और 2014 का चुनाव आया तो उस समय भी विधानसभा की टिकटों में उन्हें ज्यादा तो नहीं परंतु कुछ टिकटें अलग से दी गई थी। यह अलग बात है कि उनमें से विधायक केवल उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना ही बन पाई ।बता दें कि चौधरी विरेंद्र विरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह को हिसार से लोकसभा की टिकट दिलाने में भी श्री अमित शाह की ही अहम भूमिका थी। परंतु जिन लोगों ने चौधरी विजेंद्र सिंह का केंद्रीय मंत्रिमंडल से यह तर्क देकर त्यागपत्र दिलवाया कि परिवारवाद और व्यक्तिवाद के आरोपों से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है। कहां गया कि लोग कहेंगे कि वीरेंद्र सिंह के परिवार के 3 सदस्य हैं और तीनों भाजपा के विधायक सांसद और मंत्री है। चौधरी बिरेंदर सिंह जींद रैली के मंच से अमित शाह को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि आज की रैली में किन-किन लोगों ने सहयोग नहीं किया और निज हित पूर्ति के लिए उन्हें और भाजपा दोनों को कमजोर करने का षडयंत्र रचा है। आज की जींद रैली इस बात को भी तय करने वाली है कि नौ नौ विधानसभाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले हरियाणा के भाजपा के लोकसभा सदस्य तथा राज्यसभा सदस्यों को टिकट वितरण में कुछ हिस्सेदारी मिलने वाली है या नहीं ,जिन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल उतना तवज्जो नहीं देते जितनी उनकी अपेक्षा है । भाजपा को यह समझ में आ जाएगा कि सांसदों आदि की यह महत्वाकांक्षा तो है ही ,आने वाले समय में हक के नाम पर बड़ा गतिरोध बन गया तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ।ऐसा इसलिए भी होता दिख रहा है कि अब भ्रम फैल गया है कि विधानसभा चुनाव में जिस किसी को टिकट दिया जाएगा वहीं एमएलए बन जाएगा। यह मान्यता भी आम हो गई है कि टिकटों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही निर्णायक साबित होने वाले हैं ।
उन्होंने शतरंज के मोहरे बड़ी चतुराई से ऐसे फिट कर दिए हैं कि देखते ही बनता है। आज की जींद रैली हरियाणा में भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है। आज की रैली के बाद पूरे राज्य में यह चर्चा भी आम हो जाएगी कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने मंत्री मनीष ग्रोवर राव नरबीर सिंह प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला राजीव जैन संजय भाटिया नायब सैनी सैनी कृष्ण लाल पंवार कृष्ण बेदी आदि पर ही भरोसा करते हैं। उनसे ही अंदर की मंत्रणा करते हैं हर किसी से नहीं। वैसे भारतीय जनता पार्टी के नेता जींद की आज की रैली मैं 2 वर्ष पहले इसी मैदान पर हुई एक फ्लॉप बाइक रैली को जरूर भूलना चाहेंगे।


कांग्रेस नेता के घर 'आप' की पत्थरबाजी

वरूण कुमार


गुरदासपुर। पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ के घर आप नेता द्वारा पत्थर बाज़ी और पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने का आरोप लगा है| सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने आप के ब्लॉक प्रधान रमेश सोनी को हिरासत में लिया है| इस व्यक्ति ने जाखड़ की कोठी पर पथराव किया और कोठी के अंदर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की| फिलहाल कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है|


दो बहनों की गला रेतकर हत्या:चंडीगढ़

विनोद कुमार


चंडीगढ़। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद सेक्टर 22 में दो बहनों की गला रेत कर हत्या कर दी गई है । दोनों बहनों की पहचान अबोहर की रहने वाली राजवंत कौर व मनप्रीत कौर के तौर पर हुई है। दोनों बहने सेक्टर 22 के मकान नंबर 2598 में पिछले 4 सालों से बतौर पीजी रहती थीं। वे जीरकपुर की फैक्ट्री में काम करती थी। सूत्रों के अनुसार  उनके पीजी में कोई दाखिल हुआ। दाखिल होने के बाद अज्ञात ने दोनों बहनों की बेरहमी से गला रेत कर हत्या कर दी। सुबह जब परिजनों द्वारा  दोनों बहनों को फोन किया जा रहा था तो उनमें से किसी ने भी फोन नहीं उठाया। जिसके बाद परिजनों द्वारा चंडीगढ़ में रहने वाला अपने किसी रिश्तेदार को कॉल कर दोनों बहनों को देखने के लिए जाने को कहा। जब वह रिश्तेदार उन्हें देखने के लिए पीजी गया तो दरवाजे पर बाहर से ताला लगा हुआ था। ताला तोड़कर अंदर जाकर देखा तो वह घबरा गया। अंदर दोनों बहनों की लाशें पड़ी थी। चारों तरफ खून फैला हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवा दिया है तथा  परिजनों को सूचना दे दी गई है।


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...