रविवार, 3 जनवरी 2021
16 को 'साहित्य' सम्मेलन आयोजन की शुरुआत
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020
खाद्य-दवा में मिलावट पर आजीवन कारावास
भोपाल। मध्य-प्रदेश में खाद्य पदार्थों एवं दवाओं में मिलावट करने वालों को अब आजीवन कारावास की सजा होगी। इसके लिए मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दण्ड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेज दिया है। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की डिजिटल बैठक हुई। इसमें खाद्य पदार्थों एवं दवाओं में मिलावट को लेकर पूर्व में अनुमोदित दण्ड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक-2020 को दण्ड विधि अध्यादेश-2020 के रूप में प्रभावशील करने की मंजूरी दी गई।’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की इस बैठक में इस अध्यादेश के अलावा 11 अन्य अध्यादेशों को भी मंजूरी दी गई और इन सभी को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। मंत्रि मंडल की बैठक के बाद मध्य प्रदेश के कानून एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘खाद्य पदार्थ और दवाओं में मिलावट पर आजीवन कारावास की सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की अंतिम मंजूरी मिलते ही यह नया कानून भी प्रदेश में लागू हो जाएगा।’ द प्रिंट के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां बयान जारी कर कहा, ‘मिलावट एक भयानक अपराध है। खाद्य पदार्थों और दवाइयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाले प्लाज्मा और कोरोना के टीके में भी मिलावट के समाचार मिले हैं। इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या?’ उन्होंने कहा, ‘यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। यह किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा।’ चौहान ने कहा, ‘इसके लिए मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर छह माह के कारावास और 1,000 रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है।’
शनिवार, 26 दिसंबर 2020
अराजकता फैलाने वालों को सीएम की धमकी
एमपी: लव जिहाद कानून को कैबिनेट की मंजूरी
आधार से 1 दिन में बनेगा आय-जाति प्रमाण पत्र
6,000 से ज्यादा किसानों को सरकार का नोटिस
2018-19 में शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त मध्य प्रदेश के 1 लाख 71 हजार पात्र परिवारों को मिली थीं। जिसके बाद उन किसानों से पात्रता का प्रमाण मांगा गया, अब पांचवीं किस्त आने तक 50 प्रतिशत परिवार कम होकर 82 हजार 247 बचे हैं। लेकिन जैसे ही किसान दस्तावेज जमा करा रहे हैं, उन्हें खाते में सम्मान निधि की राशि भी दी जा रही है।
दस्तावेजों की जांच में 6,589 किसान परिवार ऐसे सामने आए, जो योजना के लिए अपात्र है। करीब 5 हजार से ज्यादा सीहोर जिले के बताए गए हैं। इन किसानों से सम्मान निधि के करीब 5 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं। अब सरकार ने इन सभी किसानों को वसूली का नोटिस थमाया है, जिसके बाद से ही किसानों में हड़कंप मचा हुआ है।
गुरुवार, 24 दिसंबर 2020
एमपी: आयुष्मान योजना के डेढ़ करोड़ कार्ड बने
गुरुवार, 17 दिसंबर 2020
कमल सरकार गिराने में मोदी की भी भूमिका
बुधवार, 16 दिसंबर 2020
कानून बनानें से पहले सुझाव ले सरकार: संगठन
एमपी में 1 जनवरी से शुरू की जाएगी कक्षाएं
सोमवार, 14 दिसंबर 2020
एमपी: कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए आवेदन जारी किए
रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ
रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ पंकज कपूर देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...
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