शनिवार, 30 जुलाई 2022

पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया 

पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया 

संदीप मिश्र 

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के जनपद चित्रकूट में लगभग सवा साल पहले हुई मुठभेड़ के मामले में न्यायालय के आदेश पर बहिलपुरवा थाने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल सहित एसटीएफ और पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज हो गया है। इसमें कुछ अज्ञात के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के परवलिया गांव की निवासी नथुनिया पत्नी स्वर्गीय भालचंद्र ने न्यायालय में इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया था। नथुनिया के अनुसार तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल एसटीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार, संतोष कुमार, हेड कांस्टेबल उमाशंकर, कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह, शिवानंद शुक्ला, चित्रकूट जिले के स्क्वार्ट प्रभारी श्रवण कुमार सिंह, उप निरीक्षक अनिल कुमार साहू, हेड कांस्टेबल रईस खान, कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार वर्मा, राहुल यादव, बैल पुरवा थाने के उपनिरीक्षक दीन दयाल सिंह, रामकेश कुशवाहा समेत तीन से चार अज्ञात लोगों ने 31 मार्च 2021 को उसके पति भालचंद्र को सतना से लौटते समय मोटरसाइकिल से गिरा दिया था और गाड़ी से ले गए थे। नथुनिया ने आरोप लगाया है कि उसी दिन शाम को 7:00 बजे मुठभेड़ में उसकी मौत होना दिखाया गया। 

उसने आरोप लगाया कि भालचंद्र के शव को देखने से स्पष्ट था कि मारपीट कर उसकी हत्या की गई है। इस मामले में न्यायालय ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया था। अधिवक्ता ने बताया कि स्पेशल जज (डकैती कोर्ट) विनीत नारायण पांडे ने प्रार्थना पत्र के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद बहिलपुरवा थाने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समेत दर्जनभर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला सुसंगत कानूनी धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।

सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 1 अज्ञात आतंकी मारा गया 

सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 1 अज्ञात आतंकी मारा गया 

इकबाल अंसारी  

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बारामूला जिले के वानीगाम बाला गांव में आज सुबह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "तलाश अभियान के दौरान जब सुरक्षा बल आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने की ओर बढ़ रहे थे तभी छिपे हुए आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर गोली चलानी शुरू कर दी।

सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। मारे गए आतंकवादी की अभी पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने कहा कि इलाके में तलाश अभियान जारी है। पुलिस ने ट्वीट में कहा, "मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया है। तलाश अभियान जारी है। विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।"

सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव का फैसला लिया 

सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव का फैसला लिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उपराज्यपाल की ओर से दिए गए सीबीआई जांच के आदेश के बाद अनगिनत आरोपों का सामना कर रही केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार से आबकारी नीति में परिवर्तन किए जाने का ऐलान करते हुए कहा है कि सोमवार से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू की जा रही है जो अगले 6 महीने तक लागू रहेगी। शनिवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया है कि केजरीवाल सरकार ने राज्य में आबकारी नीति में बदलाव का फैसला लिया है। सोमवार से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू की जा रही है जो अगले 6 महीने तक लागू रहेगी।

उन्होंने कहा है कि राज्य में लाई गई नई आबकारी नीति वापस ले ली गई है। नई आबकारी नीति के तैयार होने तक पुरानी नीति के आधार पर ही राज्य में शराब की दुकानों पर शराब की बिक्री की जाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के भीतर नई आबकारी नीति लागू की थी, क्योंकि इससे पहले राज्य में खुली 850 शराब की दुकानों के माध्यम से सरकार को केवल 6000 करोड रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती थी। लेकिन हमारी सरकार ने जब नई आबकारी नीति लागू की तो उतनी ही दुकानों के माध्यम से सरकार को तकरीबन 9000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने लगा।

प्रतियोगी परीक्षाओं में 2 वर्ष की छूट देने का फैसला

प्रतियोगी परीक्षाओं में 2 वर्ष की छूट देने का फैसला 

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में दो वर्ष की छूट देने का फैसला किया हैं। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सोशल मीडिया के जरिए दी।

सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड के कारण दो वर्षों तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो सकीं इसलिए आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयुसीमा में दो वर्षों की छूट दी जाएगी। गौरतलब है कि बेरोजगारों ने गत दिनों में राजधानी जयपुर में काफी दिनों तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया और उनमें उनकी एक मांग यह भी थी और राज्य सरकार ने बेरोजगारों की इस मांग को आज मान ली।

ईडी ने 3.92 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की

ईडी ने 3.92 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘सीशोर ग्रुप ऑफ कंपनीज’ के खिलाफ कथित पोंजी धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बीजू जनता दल (बीजद) के एक पूर्व विधायक और एक मीडिया कंपनी की 3.92 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ओडिशा की कटक-चौद्वार विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे प्रवत बिस्वाल की बैंक में जमा 25 लाख रुपये की राशि को कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया गया। बिस्वाल को इस मामले में 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।

एजेंसी ने यूपी के नोएडा में स्थित ‘मीडिया गुरु कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड’ की एक अचल संपत्ति भी कुर्क की। ईडी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्ति की कुल कीमत 3,92,20,000 रुपये है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ‘सीशोर ग्रुप ऑफ कंपनीज’ ने ”धोखाधड़ी और बेईमानी से आम जनता से भारी मात्रा में धन की उगाही की, जिसमें से 25 लाख रुपये पूर्व विधायक और उनके परिवार के सदस्यों को दिए गए तथा चार करोड़ रुपये मीडिया गुरु कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को एसटीवी नाम का समाचार चैनल स्थापित करने के लिए दिए गए।”

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और सीबीआई द्वारा सीशोर ग्रुप और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ दायर प्राथमिकी तथा आरोपपत्र से संबंधित है। ईडी द्वारा इससे पहले इस मामले में 258 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।

शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को 1 महीना पूरा 

शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को 1 महीना पूरा 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया। लेकिन, इसके कैबिनेट विस्तार के अभी कोई संकेत नहीं हैं। शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सत्ता में आने के बाद शिंदे सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

दो सप्ताह पहले फडणवीस ने कहा था कि परियोजना में तेजी लाने के लिए सभी मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि वर्तमान में शिंदे और फडणवीस ही कैबिनेट के सदस्य हैं। कैबिनेट विस्तार में देरी के कारण विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने  बातचीत के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा, ”यह राज्य के इतिहास में पहली बार है कि दो सदस्यों का एक विशाल मंत्रिमंडल बाढ़, कुछ स्थानों पर बारिश की कमी और अन्य मामलों को संभाल रहा है।’ ‘ उन्होंने कहा, ”किसी राजनीतिक दल के लिए कभी इतनी दयनीय स्थिति नहीं रही कि वह एक महीने में किसी राज्य में पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं बना पाया हो। इसके लिए भाजपा की अति महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” 40 विधायकों के अलावा पार्टी के 19 में से 12 लोकसभा सदस्यों ने भी शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है। सांसदों के अलग हुए समूह को लोकसभा अध्यक्ष ने मान्यता दी है, लेकिन शिवसेना ने मांग की है कि अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर दें। शिंदे धड़ के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में जिला संरक्षक मंत्री बनने में अधिक रुचि रखते हैं।

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, ”लंबे समय के बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है,जो लोगों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।” शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”पिछले एक महीने से कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। इससे पहले कभी भी महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को इस तरह से कम नहीं किया गया। राज्य के सम्मान से समझौता किया गया। शिंदे और फडणवीस द्वारा ली गई शपथ अवैध है।” उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई सहित कुछ भी हो सकता है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक महीने बाद भी कैबिनेट बनाने में असमर्थता से पता चलता है कि राज्य में राजनीतिक स्थिति अब भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ”राज्य के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और चूंकि कोई कैबिनेट मंत्री और संरक्षक मंत्री नहीं हैं, इसलिए लोगों की समस्याओं की उपेक्षा हो रही है। महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।’

पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई 

पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने नशीले पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई है और इसके परिणाम दिख रहे हैं। शाह ने कहा कि स्वस्थ समाज और समृद्ध राष्ट्र के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है। नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि ‘‘नशीले पदार्थों के व्यापार से उत्पन्न होने वाली काली कमाई का उपयोग देश के खिलाफ गतिविधियों में किया जाता है।

’’ सम्मेलन का आयोजन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया गया है। शाह ने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो भारत सरकार ने मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई।’’ शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ तेजी से और सही दिशा में बढ़ रही लड़ाई के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ युवा पीढ़ी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और इसे दीमक की तरह नुकसान पहुंचाते हैं। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का न केवल सेवन करने वालों पर, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।’’ सम्मेलन के आयोजन के साथ ही एनसीबी द्वारा दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में लगभग 31,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया।

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