शनिवार, 9 जुलाई 2022

48वें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव नहीं

48वें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव नहीं

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। शनिवार को एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के नए दाम जारी किए जा चुके हैं। बीते कई शनिवार की तरह यह शनिवार भी राहतभरा है। हालाँकि, 100 डॉलर प्रत‍ि बैरल के नीचे पहुंचने वाले क्रूड के दाम में मामूली तेजी देखी गई। दरअसल, डब्‍ल्‍यूटीआई क्रूड का भाव 102.5 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर पहुंच गया। वहीं, ब्रेंट क्रूड 104.4 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर पहुंच गया। इसके अलावा हम आपको यह भी जानकारी दे देते, कि पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार 48वें दिन भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस समय सबसे सस्ता पेट्रोल पोर्ट ब्लेयर में 84.10 रुपये है और डीजल ₹79.74 लीटर है। इसी के साथ इस समय दिल्‍ली में पेट्रोल 96.72 रुपये लीटर मिल रहा है। कंपनियों ने 6 अप्रैल के बाद से इसकी कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।
जबकि क्रूड के भाव एक समय 140 डॉलर प्रति बैरल तक चले गए थे। मंगलवार सुबह ब्रेंट क्रूड का भाव 113.8 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो पिछले सप्‍ताह 119 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। आप भी अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना SMS के जरिए भी चेक कर सकते है। गतिविधियां तेज होने, गर्मियों की छुट्टियों में लोगों के यात्राएं करने तथा फसल बुवाई शुरू हो जाने से जून में भारत में पेट्रोल और डीजल की बिक्री बढ़ गई है। इसी के साथ उद्योग के शुरुआती आंकड़ों में बताया है कि बुवाई का मौसम शुरू होने से डीजल की मांग दो अंक में बढ़ी है। वहीं डीजल की बिक्री सालाना आधार पर 35.2 प्रतिशत बढ़कर जून में 73.8 लाख टन पर पहुंच गई। दरअसल यह जून, 2019 की तुलना में 10.5 प्रतिशत और जून, 2020 के मुकाबले 33.3 फीसदी अधिक है।

लोगों को ‘राजनीतिक अवसरवाद’ के लिए बांटा जा रहा

लोगों को ‘राजनीतिक अवसरवाद’ के लिए बांटा जा रहा

मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि देश के लोगों को ‘‘राजनीतिक अवसरवाद’’ के लिए बांटा जा रहा है। सेन ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि राजनीतिक कारणों से लोगों को कैद करने की औपनिवेशिक प्रथा भारत को आजादी मिलने के दशकों बाद भी जारी है। उन्होंने ‘आनंदबाजार पत्रिका’ के शताब्दी समारोह को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीयों को बांटने की कोशिश हो रही है…राजनीतिक अवसरवाद के कारण हिंदुओं और मुसलमानों के सह-अस्तित्व में दरार पैदा की जा रही है।
’’ इस दैनिक का पहला संस्करण 13 मार्च, 1922 को प्रकाशित हुआ था। प्रफुल्ल कुमार सरकार इसके संस्थापक-संपादक थे। सेन (88) ने कहा, ‘‘उस समय (1922) देश में कई लोगों को राजनीतिक कारणों से जेल में डाल दिया गया था … मैं तब बहुत छोटा था और अक्सर सवाल करता था कि क्या बिना कोई अपराध किए लोगों को जेल भेजने की यह प्रथा कभी बंद होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, भारत आजाद हो गया, लेकिन यह प्रथा अभी भी जारी है।

राष्ट्रपति चुनाव, सरकार से आग्रह करना शामिल रहेगा

राष्ट्रपति चुनाव, सरकार से आग्रह करना शामिल रहेगा

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शनिवार को कहा कि अगर वह निर्वाचित होते हैं तो उनकी प्राथमिकताओं में कश्मीर मुद्दे का स्थायी रूप से हल करना और केंद्र शासित प्रदेश में शांति, न्याय, लोकतंत्र तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार से आग्रह करना शामिल रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर हैं। जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश से पांच लोकसभा सदस्य हैं, इनमें तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस से और दो भाजपा से हैं। आज की तारीख में जम्मू कश्मीर से राज्यसभा में एक भी सदस्य नहीं हैं।
सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, अगर निर्वाचित होता हूं तो मैं बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में अपना कर्तव्य निभाऊंगा। मेरी प्राथमिकताओं में कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, लोकतंत्र, सामान्य स्थिति बहाल करने तथा जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का सरकार से आग्रह करना शामिल रहेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किए जाने के लगभग तीन साल बाद भी उच्चतम न्यायालय ने इससे संबंधित मामले की सुनवाई शुरू नहीं की है। उन्होंने कहा, संवैधानिक मामले लंबित रहने से शीर्ष अदालत की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए तथा विधानसभा के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव जल्द से जल्द होना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं जम्मू कश्मीर में जबरन और हेरफेर करने वाले जनसांख्यिकीय परिवर्तन का विरोध करता हूं।’’ सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए स्थितियां बनाने के अपने वादे में विफल रही है।
उन्होंने कहा, इसे न केवल कश्मीरी पंडितों के लिए बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी वादा पूरा करना चाहिए, जिन्हें कश्मीर से पलायन करने करने के लिए मजबूर किया गया था। सिन्हा ने कहा, ‘‘जून 2020 में एक सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘दिल की दूरी’’ और ‘‘दिल्ली की दूरी’’ को हटाने का वादा किया था। दो साल से अधिक समय बीत चुका है और वादा अधूरा है। सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर उनके मन में बहुत सम्मान है।
उन्होंने कहा, हालांकि, मैं उनसे वही प्रतिज्ञा और वादे करने का आग्रह करता हूं जो मैंने किए हैं। जम्मू कश्मीर के लोग भी उनसे इस आश्वासन की उम्मीद करते हैं। सिन्हा ने कहा कि उनसे उनकी श्रीनगर यात्रा का कारण पूछा गया क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में जम्मू कश्मीर का बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व नहीं है। सिन्हा ने कहा, मैंने उनसे कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ हुए अन्याय को उजागर करने के लिए श्रीनगर जा रहा हूं। मैं चाहता हूं कि शेष भारत के लोग यह जानें कि कैसे जम्मू कश्मीर में उनके हमवतन लोगों से उनके मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए हैं।

गृहमंत्री की अध्यक्षता में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक

गृहमंत्री की अध्यक्षता में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक  

नरेश राघानी 
जयपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को यहां एक होटल में कड़ी सुरक्षा के बीच उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक शुरू हो गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। बैठक में आंतरिक सुरक्षा, सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी, बिजली और आम हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित व इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद हैं।

विजयपुरा: 4.4 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए

विजयपुरा: 4.4 तीव्रता का भूकंप, झटके महसूस किए 

इकबाल अंसारी 
बेंगलुरु। कर्नाटक के विजयपुरा जिले में शनिवार सुबह 4.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने एक बयान में बताया कि भूकंप सुबह छह बजकर 22 मिनट पर आया और उसका केंद्र ‘‘विजयपुरा जिले में विजयपुर तालुक, कन्नूर जीपी से 2.3 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में स्थित था।
’’ केएसएनडीएमसी निदेशक मनोज राजन ने बताया कि भूकंप की तीव्रता मध्यम रही और हो सकता है कि भूकंप के केंद्र से 30-40 किलोमीटर की दूरी तक भी झटके महसूस किए गए हो। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के भूकंप से स्थानीय समुदाय को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा क्योंकि यह मध्यम तीव्रता का है, हालांकि, स्थानीय झटके महसूस किए गए होंगे। भूकंप का केंद्र भूकंपीय क्षेत्र तृतीय के तहत आता है और टेक्टोनिक मानचित्र के अनुसार यह क्षेत्र किसी भी संरचनात्मक असंतुलन से रहित है।’

सहायक प्रोफेसर के पदों पर बंपर भर्तियां निकाली

सहायक प्रोफेसर के पदों पर बंपर भर्तियां निकाली

हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास हो सकती है। दरअसल, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर के पदों पर बंपर भर्तियां निकाली गई हैं। वे कैंडिडेट्स जो यूपीएचईएससी के असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर आवेदन करने के इच्छुक हों, वे ऑफिशियल वेबसाइट से अप्लाई कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए उत्तर प्रदेश हायर एजुकेशन सर्विस कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट का पता है – uphesc.org‌‌। ये भी जान लें कि इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसलिए जल्द से जल्द अप्लाई कर दें। बता दें यूपीएचईएससी के सहायक प्रोफेसर  पदों पर अप्लाई करने की लास्ट डेट 07 अगस्त 2022 है। इसके साथ ही फीस जमा करने की आखिरी तारीख 08 अगस्त 2022 है। इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से कुल 917 पद भरे जाएंगे।
वहीं अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो इन पदों पर अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से संबंधित विषय में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर्स डिग्री होनी चाहिए। इनके लिए अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष तय की गई है। वहीं आवेदन शुल्क सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ₹2000 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए ₹1000 है। आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। अधिक जानकारी पाने के लिए उम्मीदवार यूपीएचईएससी की ऑफिशियल साइट देख सकते हैं।

श्रीलंका: अपने आधिकारिक आवास से भागे 'राष्ट्रपति'

श्रीलंका: अपने आधिकारिक आवास से भागे 'राष्ट्रपति'

सुनील श्रीवास्तव
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे शनिवार को कथित तौर पर अपने आधिकारिक आवास से भाग गए हैं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में उनके घर को घेर लिया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति लगातार अपने पद नहीं छोड़ने की जिद पर अड़े हुए थे और उन्होंने साफ कर दिया था, कि वो किसी भी हाल में देश के राष्ट्रपति का पद नहीं छोड़ेंगे, लेकिन प्रदर्शनकारियों को अपने घर के आगे आया देख राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे अपने आधिकारिक आवास को छोड़कर फरार हो गये हैं।
श्रीलंका में पिछले कई महीनों से भारी आर्थिक संकट फैला हुआ है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है और श्रीलंका के पास ना पेट्रोल है और ना ही डीजल। माना जाता है कि, राजपक्षे सरकार की खराब आर्थिक नीतियों की वजह से देश में ये आर्थिक संकट आया है और पिछले हफ्ते श्रीलंकन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघ ने देश की संसद में ऐलान किया था, कि अब श्रीलंका दिवालिया हो चुका है। श्रीलंका में पिछले कई महीनों से प्रदर्शन किए जा रहे हैं और राजधानी कोलंबो में एक चौराहे पर मार्च महीने से लोग श्रीलंका की राजपक्षे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, स्थिति उस वक्त बिगड़ी, जब हजारों लोगों की भीड़ पर श्रीलंका की पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए। जिससे भड़के लोगों ने राष्ट्रपति आवास की तरफ कूच करना शुरू कर दिया। इससे पहले राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे, जो दो महीने पहले तक प्रधानमंत्री थे, वो भी लोगों के डर से फरार हो चुके हैं और श्रीलंका नौसेना के कैंप में रह रहे हैं।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...