गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार

सरकार का राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार 

मीनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों पर पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर नहीं कम करने का आरोप लगाया है, लेकिन तथ्य यह है कि केंद्र सरकार सिर्फ भाजपा शासित राज्यों को तरजीह दे रही है और बाकी की अनदेखी कर रही है, बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रही है। बीते दिनों  सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के लिए भाजपा शासित राज्य सरकारों की प्रशंसा की, जबकि ऐसा नहीं करने के लिए गैर-भाजपा राज्यों की आलोचना की।

ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय बकाया के भुगतान के मामले में भाजपा शासित राज्य और गैर-भाजपा राज्य सरकारों के बीच अंतर व्यवहार कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिए बिना एकतरफा व्याख्यान दिया।ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम पहले से ही पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दे रहे हैं। केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल सरकार का कुल बकाया 97,000 करोड़ रुपये है। मैं प्रधानमंत्री से हमें भुगतान करने का अनुरोध करती हूं। हमें उस राशि का आधा भी मिले तो हम भाजपा शासित राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर बहुत अधिक सब्सिडी देंगे।

175 जीडबल्यू क्षमता का संयंत्र, करेंगे स्थापित

175 जीडबल्यू क्षमता का संयंत्र, करेंगे स्थापित

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत के पास दिसंबर 2022 तक 175 जीडबल्यू क्षमता के 'स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र' स्थापित करने का लक्ष्य है। फिलहाल अप्रैल का महीना ख़त्म हो रहा है और मार्च 2022 तक कुल 110 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता स्थापित हुई है। जो, कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है।
ग्लोबल थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने तो, अपने रिन्युब्ल एनेर्जी क्षमता के लक्ष्यों को पार कर लिया है। लेकिन 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब भी लक्ष्य से दूर हैं। इससे साफ़ होता है कि साल के बचे हुए महीनों में बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे देश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए।
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने मार्च 2022 तक 110 जीडबल्यू अक्षय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो पावर प्लांट्स को छोड़कर) स्थापित किया। जो कि 175 जीडबल्यू लक्ष्य का 63% है। 54 जीडबल्यू सौर क्षमता और ग्रिड पर 40 जीडबल्यू पवन क्षमता के साथ, राष्ट्र अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य के आधे और 2022 के लिए अपने पवन ऊर्जा लक्ष्य के दो-तिहाई पर है।
मार्च तक, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार के केंद्र क्षेत्र के राज्यों ने अपने सालाना लक्ष्यों को पार कर लिया था। गुजरात और तमिलनाडु भी अपने लक्ष्यों के करीब आ रहे हैं। अन्य राज्यों में सिर्फ उत्तराखंड और सिक्किम हैं जिन्होंने अपने लक्ष्यों का 50% से अधिक हासिल किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों को योगदान करने की आवश्यकता है, क्योंकि दिसंबर तक 175 जीडबल्यू के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्र को अगले नौ महीनों में 65 जीडबल्यू अधिक की आवश्यकता होगी।
इस 65 जीडबल्यू की कमी में पांच प्रमुख भारतीय राज्य दो-तिहाई के हिस्सेदार हैं: महाराष्ट्र (11 जीडबल्यू), उत्तर प्रदेश (10 जीडबल्यू), आंध्र प्रदेश (9 जीडबल्यू), मध्य प्रदेश (7 जीडबल्यू), और तमिलनाडु (5 जीडबल्यू)।
एम्बर के वरिष्ठ बिजली नीति विश्लेषक आदित्य लोला कहते हैं, "प्रमुख राज्यों में प्रगति की कमी भारत को इस दौड़ में जीतने में बाधक बन रही है। सभी राज्यों को इस दिशा में सहयोग करना होगा जिससे देशहित में यह लक्ष्य हासिल किए जा सकें।”
अगले नौ महीनों में सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना के 100 जीडबल्यू के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस दिशा में 85% की विकास दर वृद्धि की आवश्यकता है। वहीं पवन ऊर्जा को 60 जीडबल्यू लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले तीन तिमाहियों में लगभग 50% की वृद्धि की आवश्यकता है।
भारत 2030 तक 450 जीडबल्यू रिन्युब्ल एनेर्जी और 500 जीडबल्यू गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य को देख रहा है। 110 जीडबल्यू पहले से ही स्थापित होने के साथ, राष्ट्र को 340 जीडबल्यू नई अक्षय ऊर्जा क्षमता या औसतन 42.5 जीडबल्यू प्रति वर्ष की दर से अगले आठ साल क्षमता स्थापित करनी होगी 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए।
इस दौरान देश की सौर क्षमता को 54 GW से पांच गुना बढ़कर 280 जीडबल्यू पहुँचना होगा और पवन ऊर्जा को बढ़कर 140 जीडबल्यू पहुँचना होगा।
रिपोर्ट में अंततः यह कहा गया है कि भारत के लिए यह बिलकुल संभव है कि वह 2030 तक अपने 450 जीडबल्यू के रिन्युब्ल एनेर्जी लक्ष्य को हासिल कर ले, बस ज़रूरत होगी राज्यों के सहयोग की।

45 गांवों में पानी की टंकी के लिए जगह नहीं

45 गांवों में पानी की टंकी के लिए जगह नहीं

बृजेश केसरवानी
बरेली। जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले के 1,405 गांवों में पानी की टंकी लगाकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है। करीब 45 गांवों में अभी तक भूमि नहीं मिल पाई है। जिसके लिए कार्यदायी संस्था के पदाधिकारियों ने लेखपाल के साथ बैठक कर भूमि उपलब्ध कराएं जाने की मांग की है। प्रत्येक गांव में टंकी निर्माण आबादी के अनुसार कराया जाएगा।
अलग-अलग क्षमता की टंकी होने से लागत भी अलग-अलग आएगी। लेखपाल के अलावा ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव जमीन की तलाश कर रहे हैं। डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि भूमि निशुल्क व पहुंच मार्ग पर होनी चाहिए, ऐसी जमीन चिन्हित की जा रही है। जमीन मिलने के बाद जल्द ही पानी की टंकी का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इसके बाद पाइपलाइन बिछाकर ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा।

गर्मी और बढ़ते बिजली बिल से पाएं राहत

गर्मी और बढ़ते बिजली बिल से पाएं राहत

सुनील श्रीवास्तव       
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। गर्मी का सीजन आ चुका है। तापमान बढ़ते ही घरों में पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर ऑन हो गए हैं। इन उपकरणों की मदद से गर्मी से तो राहत मिल रही है, लेकिन बिजली का बिल जेब पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में हम आपको बिल घटाने के कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल करके आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। इन तरीकों से न सिर्फ गर्मी से राहत मिलेगी बल्कि बिजली के बिल को भी कंट्रोल में किया जा सकता है। आइए जानते है।
पंखों में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का ही इस्तेमाल करें- गर्मी में पंखे सबसे ज्यादा चलते हैं। ऐसे में समय-समय पर पंखों की सर्विसिंग कराते रहें। पंखे में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का ही इस्तेमाल करें। कंडेंसर और बाल बेयरिंग खराब हो रहा है तो इसको तुरंत बदलवा लें।
कूलर के पंखों और पंप की ऑलिंग-ग्रीसिंग कराएं- भारत में अधिकतर घरों में कूलर का ज्यादा इस्तेमाल होता है। कूलर के पंखे और पंप की। ऑलिंग-ग्रीसिंग कराना जरूरी होता है। ज्यादा चलने से पंप ज्यादा बिजली खीचता है, ऐसे में समय-समय पर ऑलिंग करते रहें। कूलर के पंखे के कंडेंसर और रेगुलेटर की जांच भी जरूर कराएं। इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर से भी बिजली कम खर्च होती है।
24 से 26 डिग्री के बीच सेट करें AC- घंटों AC चलने से बिजली की ज्यादा खपत होती है। AC को चलाने के साथ-साथ पंखा भी ऑन रखें। एसी के तापमान को 24 से 26 डिग्री के बीच सेट करें। हर 10 से 15 दिन में एयर फिल्टर को अच्छी तरह धोकर साफ करें। फिल्टर में धूल जमने से पूरी ठंडक नहीं मिलती और एसी ज्यादा देर तक चलाना पड़ता है। याद रखें कि जब AC चल रहा हो तो खिड़की-दरवाजें बंद हो, नहीं तो AC की ठंडी हवा बाहर ज्यादा जाएगी और कमरा ठंडा नहीं हो पाएगा।

18 साल पार सभी लोग बूस्टर डोज के पात्र

18 साल पार सभी लोग बूस्टर डोज के पात्र
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को सरकार जल्द ही मौजूदा नौ महीने से घटाकर छह महीने कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय एनटीएजीआई) इस अंतराल को कम करने की सिफारिश कर सकता है जिसकी बैठक 29 अप्रैल को होने वाली है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अन्य अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थाओं के अध्ययनों में पता चला है कि टीके की दोनों खुराक के साथ प्रारंभिक टीकाकरण से करीब छह महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है और बूस्टर खुराक देने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
6 महीने किए जाने की संभावना
फिलहाल 18 साल से अधिक उम्र के वे सभी लोग टीके की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज के पात्र हैं जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने हो चुके हैं। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया, वैज्ञानिक साक्ष्यों और यहां तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अध्ययनों के परिणामों को देखने के बाद कोविड-19 टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को मौजूदा नौ महीने से कम करके जल्द ही छह महीने किये जाने की पूरी संभावना है। शुक्रवार को एनटीएजीआई की बैठक में इस बाबत सिफारिश किये जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। दो बूस्टर डोज के बीच 9 महीने के अंतराल को कई हेल्थ एक्सपर्ट सही नहीं मान रहे थे। हेल्थ एक्पसपर्ट की मांग थी दो बूस्टर डोज के बीच की अवधि को कम किया जाए। उनका कहना था कि कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन के कारण इम्युनिटी का असर छह महीने से ज्यादा नहीं रहता, इसलिए नौ महीने के अंतराल का कोई औचित्य नहीं है।

कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा, किनारा किया

कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा, किनारा किया

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने प्रजेंटेशन में नेतृत्व को लेकर कोई बात नहीं की। जबकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि किशोर ने कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सलाह दी थी।चिदंबरम के मुताबिक उन्होंने कई सारे अच्छे डेटा दिए हैं। जिस पर पार्टी आने वाले दिनों में अमल कर सकती है। बता दें कि पिछलों दिनों प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। लेकिन कहा जा रहा है कि किशोर ने खुद इससे इनकार कर दिया।
एनडीटीवी से बातचीत करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, ‘पीके ने नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा। प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बारे में भी मैंने कुछ नहीं सुना। नेतृत्व का मुद्दा अगस्त के अंत तक आंतरिक चुनावों के साथ हल कर लिया जाएगा। बता दें कि मीडिया में पिछले दिनों ऐसी खबरें आईं थी कि प्रशांत किशोर ने अपने प्रजेंटेशन में प्रियंका को अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया है।
चिदंबरम ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर ने चुनाव, मतदान पैटर्न और कैंडिडेट के बारे में जो डेटा सामने रखे वो बेहद प्रभावशाली थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पार्टी के पास उस तरह का डेटा पहले से था। डेटा का उनका विश्लेषण प्रभावशाली था। हम कुछ प्रस्तावों पर अमल करने का इरादा रखते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि प्रशांत किशोर ने क्यों कांग्रेस का ऑफर ठुकरा दिया इस बारे में फिलहाल बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘शायद वो सलाहकार बने रहना चाहते हैं। वो टीआरएस, टीएमसी और जगन रेड्डी को सलाह दे रहे हैं। वह शायद इन पार्टियों के सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका बरकरार रखना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस को ये पसंद नहीं था कि प्रशांत किशोर तेलंगाना राष्ट्र समिति को भी चुनावी रणनीति को लेकर सलाह दे। लेकिन चिदंबरम ने ऐसी अटकलों से इनकार किया है। प्रशांत किशोर और कांग्रेस के करीबी सूत्रों ने संकेत दिया था कि पार्टी उनके द्वारा सुझाए गए व्यापक सुधारों के लिए तैयार नहीं थी। इससे पार्टी से कई दिग्गजों को परेशानी हो जाती।

डीडीए 13,000 फ्लैट की बिक्री करेगा, मौका

डीडीए 13,000 फ्लैट की बिक्री करेगा, मौका 
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। अगर आप भी दिल्ली में फ्लैट लेने का सपना देख रहे हैं तो दिल्‍ली विकास प्राधिकरण (DDA) आपके लिए एक बेहद शानदार मौका लेकर आया है। DDA जल्द ही 13,000 फ्लैट की बिक्री करने वाला है। इस मामले पर जानकारी देते हुए DDA अधिकारी ने बताया कि स्पेशल हाउसिंग स्‍कीम 2021 के तहत बेचे जाने वाले फ्लैट्स के लिए अब लोगों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही DDA ने एक लकी ड्रा निकाला था जिसमें कुछ 5,227 मकानों को ग्राहकों को आवंटित किया जा सकता है। वहीं इस योजना के तहत दिल्ली में कुल 18,335 फ्लैटों का आवंटित किया जाना है। ऐसे में 13,000 कुल फ्लैटों को आवंटित करना अभी भी बचा हुआ है।
DDA इन फ्लैटों का आवंटन पहले आओ और पहले पाओ के तर्ज पर करेगा। यह फ्लैट पुरानी आवासीय योजना के तहत बनाए गए है। ऐसे में इन फ्लैट्स को बेचने से पहले इसके लिए मंत्रालय से परमिशन लेनी पड़ेगी। इसके बाद फिर फ्लैट के लिए ग्राहकों से आवेदन मांगा जाएगा। इसके बाद DDA लकी ड्रा के जरिए इन फ्लैट का आवंटन करेगा।
बता दें कि DDA इस बार ऐसे फ्लैट को बेचने वाली है जो पहले सरेंडर कर दिए गए हैं या फिर रिजेक्ट कर दिए गए हैं। यह कुल 13,000 फ्लैटों दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के हैं। इसमें रोहिणी,सिरसपुर, द्वारिका, लोक नायक पुरम और रामगढ़ इलाके में बेचे जाएंगे। वहीं सबसे ज्यादा फ्लैट्स दिल्ली के नरेला इलाके में बेचे जाएंगे। यहां करीब 8000 फ्लैट्स बेचे जाएंगे। बता दें कि अगर आप पहले DDA का फ्लैट खरीद चुके हैं और दोबारा खरीदना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में 20 प्रतिशत फ्लैट ऐसे लोगों के लिए आवंटित किए गए है।
आजकल लोग सबसे ज्यादा प्राइवेट डेवलपर से फ्लैट खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि उनमें बेहतर सुविधाएं मिलती है। इस कारण से DDA फ्लैट खरीदारों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। साल 2014 में करीब 10 हजार लोगों ने अपने फ्लैट सरेंडर कर दिए थे क्योंकि यह साइज में बहुत छोटे थे। इसके साथ ही बवाना, नरेला और रोहिणी के फ्लैट्स में कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम रहती है।

शेयर बाजार ने उछाल के साथ कारोबार किया

शेयर बाजार ने उछाल के साथ कारोबार किया
कविता गर्ग  
मुंबई। गुरुवार को ऑटो, गैस, तेल और एनर्जी सेक्टर में अच्छी तेजी देखी जा रही है और इनके दम पर शेयर बाजारों में अच्छी तेजी देखी जा रही है। आज शेयर बाजारों में अच्छी शुरुआत देखी गई है और एशियाई बाजारों की तेजी के सहारे भारतीय शेयर बाजार भी उछाल के साथ कारोबार कर रहे हैं।
आज के कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 470 अंक से ज्यादा चढ़कर कारोबार कर रहा है और इसमें 476.92 अंक यानी 0.84 फीसदी की तेजी के साथ 57,296.31 पर कारोबार की शुरुआत हुई है। निफ्टी में 151.10 अंक यानी 0.89 फीसदी की उछाल के साथ 17,189.50 पर ट्रेड ओपन हुआ है।
निफ्टी के शेयरों की बात करें तो इसके 50 में से 42 शेयरों में आज तेजी के हरे निशान के साथ कारोबार हो रहा है। इसके अलावा बाकी बचे 8 शेयरों में गिरावट के लाल निशान के साथ ट्रेडिंग देखी जा रही है। बैंक निफ्टी में भी आज बढ़त दर्ज की जा रही है और ये 37 अंक ऊपर चढ़कर 36068 के लेवल पर कारोबार कर रहा है।
सेक्टोरियल इंडेक्स को देखें
आज के कारोबार में ऑयल एंड गैस, पावर, एनर्जी, मेटल शेयरों में अच्छी तेजी बनी हुई है और मीडिया शेयरों को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरियल इंडेक्स बढ़त के हरे निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं। ऑयल एंड गैस शेयरों में 1.07 फीसदी तो फार्मा शेयरों में 1.05 फीसदी की उछाल देखी जा रही है। एफएमसीजी में 0.92 फीसदी और मेटल शेयरों में 0.68 फीसदी की बढ़त दर्ज की जा रही है।
आज के कारोबार में एचयूएल का शेयर 2.5 फीसदी की उछाल के साथ कारोबार कर रहा है और यूपीएल में 2.07 फीसदी की तेजी देखी जा रही है। सन फार्मा 1.81 फीसदी की तेजी पर कारोबार कर रहा है। डीवीज लैब्स में 1.73 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार देखा जा रहा है। एशियन पेंट्स में 1.67 फीसदी का उछाल देखा जा रहा है।
आज प्री-ओपनिंग में बाजार की चाल देखें तो बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 476.92 अंक यानी 0.84 फीसदी की तेजी के साथ 57,296.31 पर कारोबार देखा जा रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 151.10 अंक यानी 0.89 फीसदी की उछाल के साथ 17,189.50 पर ट्रेड दिखा रहा है।
ये हैं आज के टॉप लूजर्स
आज के शेयरों में बजाज ऑटो 2.13 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहा है और भारती एयरटेल 0.35 फीसदी की तेजी पर कारोबार कर रहा है। ब्रिटानिया में 0.31 फीसदी की कमजोरी देखी जा रही है‌।एचडीएफसी बैंक 0.21 फीसदी तो आईसीआईसीआई बैंक 0.09 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं।
एशियाई बाजारों की चाल
आज सभी एशियाई बाजार उछाल के साथ कारोबार कर रहे हैं। जापान का निक्केई 0.61 फीसदी तो कोरिया का कोस्पी 0.55 फीसदी ऊपर है। चीन के शंघाई में 0.67 फीसदी तेजी है तो हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 1.58 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहा है। सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स भी आज ऊपर बना हुआ है।

गर्मी का मौसम कहीं भी ज्यादा गर्म हो सकता है

गर्मी का मौसम कहीं भी ज्यादा गर्म हो सकता है
कविता गर्ग  
मुंबई। बॉलीवुड योग एक ऐसी होलिस्टिक प्रैक्टिस (समग्र अभ्यास) है, जो हर किसी की फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। जैसे, कुछ योग आसन हैं, ऐसे हैं जो खास बीमारियों या स्थितियों को मैनेज करने में हेल्प करते हैं, ऐसे ही कुछ योग ऐसे भी हैं। जिनसे भीषण गर्मी में भी राहत मिल सकती है। जैसा की आप आजकल महसूस कर पा रहे हैं, पारा 45 के पार पहुंच रहा है‌। गर्मी इतनी ज्यादा है कि बाहर निकलते ही लू के थपेड़े पड़ रहे हैं और घर में बिना एसी के रहना मुश्किल हो रहा है। ऐसे लोग खुद को गर्मी से बचाने के लिए कई उपाय करने में जुटे हैं‌। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की योगा ट्रेनर अंशुका परवानी  ने इंस्टाग्राम पर कुछ योग ब्रीदिंग टेकनीक शेयर की हैं, जो भीषण गर्मी के समय भी आपको कूल रहने में मदद करती हैं।
अंशुका ने अपनी इंस्टा पोस्ट पर शेयर किए वीडियो के कैप्शन में लिखा, “बीट द् हीट! (गर्मी को मात दें), गर्मी का मौसम कहीं भी, बहुत तेज और बहुत ज्यादा गर्म हो सकता है। ऐसे में हर समय खुद को हाइड्रेटेड रखें और जितना हो सके खुद को गर्मी से दूर रखना बहुत जरूरी है, यहां कुछ योग ब्रीदिंग टेकनीक हैं, जो आपको इस गर्मी में गर्मी को मात देने में मदद करेंगी।
सबसे प्रभावी आसनों में से एक है चंद्रभेदन प्राणायाम, इसमें अपनी राइट नॉस्ट्रिल (नासिका) को बंद करें और लेफ्ट नॉस्ट्रिल  से सांस लें। इसे करने से आपके मन को शांति मिलती और साथ ही ये आपकी बॉडी को कूल रखने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज को करने से आपके शरीर को तुरंत ठंडक मिलती है। अपने दांतों को मिलाएं, अपने होठों को खोलें और एक श्वास अंदर लें। जैसे ही हवा आपके थूक से गुजरती है, यह ठंडी हो जाती है और इसलिए जैसे ही यह आपके शरीर में प्रवेश करती है, इसे अंदर से ठंडा कर देती है। नाक से सांस छोड़ें। इस क्रिया को आप सर्दियों के मौसम में गलती से भी न करें। इससे आपको सर्दी में खांसी-जुकाम की समस्या हो सकती है।
विज़ुअलाइज़ेशन मेडिटेशन
इस योग को करते समय आपको विज़ुअलाइज़ेशन करना होता है, जैसे आप किसी बर्फिली जगह पर बैठे हैं। इसका आभास होने पर आपके शरीर ठंड महसूस होती है। बर्फ से ढके पहाड़ों को देखने से शरीर के तापमान में गिरावट आती है। इसमें महारत हासिल करने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन यह बहुत फायदेमंद होता है। आप गहरे नीले रंग की कल्पना करने का भी प्रयास कर सकते हैं, जब बाहर के रंग वास्तव में धूप के पीले होते हैं।
इसके साथ ही योगा ट्रेनर अंशुका परवानी ने सुझाव दिया कि गर्मियों के मौसम में अपनी डेली डाइट में पानी से भरपूर खट्टे फल और सब्जियां शामिल करें।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,303 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,303 नए मामलें 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 3,303 नए मामलें सामने आने से देश में कोरोना वायरस से अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,68,799 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 16,980 पर पहुंच गई।
देश में 46 दिन बाद तीन हजार से अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमण से 39 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,23,693 हो गई है। वहीं, देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 16,980 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 701 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.74 प्रतिशत है।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 0.66 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 0.61 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,25,28,126 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 188.40 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत के 39 मामले सामने आए, जिनमें केरल में 36, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया।

देश में अभी तक संक्रमण से कुल 5,23,693 लोगों की मौत हुई, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,47,838, केरल के 68,952, कर्नाटक के 40,057, तमिलनाडु के 38,025, दिल्ली के 26,170, उत्तर प्रदेश के 23,506 और पश्चिम बंगाल के 21,201 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।

संपत्ति कर बढ़ाने की तैयारी कर रहा नगर निगम

संपत्ति कर बढ़ाने की तैयारी कर रहा नगर निगम 

अश्वनी उपाध्याय  
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम कमाई बढ़ाने के लिए संपत्ति कर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। शहर में लखनऊ, अलीगढ़ जैसे महानगरों की तरह डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाया जा सकता है। नगर निगम के फैसले से जहां निगम क्षेत्र में रहने वाले 5.70 लाख संपत्ति करदाताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के राजस्व में 150 करोड़ का इजाफा होगा।
नगर निगम ने शुक्रवार को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में इस प्रस्ताव को पेश करने की तैयारी की है। अगर कार्यकारिणी की मंजूरी मिल जाती है, तो प्रस्ताव को सदन में रखा जाएगा, सदन की अनुमति मिलने पर डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर लिया जाएगा।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार डीएम सर्किल रेट लागू होने के बाद संपित्‍त कर तीन से चार गुना तक बढ़ सकते हैं। वर्तमान में नगर निगम द्वारा सवा रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से संपत्तिकर का निर्धारण कर वसूला जा रहा है। लेकिन डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर की वसूली पर करदाताओं पर तीन से चार गुना तक भार बढ़ जाएगा। पॉश एरिया में चार रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से संपत्तिकर वसूला जाएगा।
लखनऊ, अलीगढ़ सहित कई नगर निगम ऐसे हैं, जहां पर संपत्ति कर की दर का निर्धारित सर्किल रेट के आधार पर हो चुका है। वहीं, गाजियाबाद में भवन और उसके सामने की सड़क के आधार पर संपत्तिकर का निर्धारण किया गया है। इस मामले में नगर निगम द्वारा एक साल पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 300 से अधिक आपत्तियां आईं थीं। सभी आपत्तियों पर सुनवाई कर उनका निस्तारण किया जा चुका है।
नगर आयुक्‍त महेंद्र सिंह तंवर के अनुसार डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर लागू करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी के माध्यम से सदन में लाया जाएगा। इस प्रस्ताव को सदन की मंजूरी मिली तो नगर निगम की आय बढ़ेगी, राजस्व में 150 करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे, जिनसे शहर में और विकास कार्य हो सकेंगे।

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