18 साल पार सभी लोग बूस्टर डोज के पात्र
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को सरकार जल्द ही मौजूदा नौ महीने से घटाकर छह महीने कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय एनटीएजीआई) इस अंतराल को कम करने की सिफारिश कर सकता है जिसकी बैठक 29 अप्रैल को होने वाली है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अन्य अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थाओं के अध्ययनों में पता चला है कि टीके की दोनों खुराक के साथ प्रारंभिक टीकाकरण से करीब छह महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है और बूस्टर खुराक देने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
6 महीने किए जाने की संभावना
फिलहाल 18 साल से अधिक उम्र के वे सभी लोग टीके की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज के पात्र हैं जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने हो चुके हैं। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया, वैज्ञानिक साक्ष्यों और यहां तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए अध्ययनों के परिणामों को देखने के बाद कोविड-19 टीके की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच अंतराल को मौजूदा नौ महीने से कम करके जल्द ही छह महीने किये जाने की पूरी संभावना है। शुक्रवार को एनटीएजीआई की बैठक में इस बाबत सिफारिश किये जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। दो बूस्टर डोज के बीच 9 महीने के अंतराल को कई हेल्थ एक्सपर्ट सही नहीं मान रहे थे। हेल्थ एक्पसपर्ट की मांग थी दो बूस्टर डोज के बीच की अवधि को कम किया जाए। उनका कहना था कि कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन के कारण इम्युनिटी का असर छह महीने से ज्यादा नहीं रहता, इसलिए नौ महीने के अंतराल का कोई औचित्य नहीं है।
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