शनिवार, 12 मार्च 2022

एमपी: लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसलीं एयर फ्लाइट

एमपी: लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसलीं एयर फ्लाइट  

मनोज सिंह ठाकुर      
जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में डुमना एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा होते-होते बच गया। दिल्ली से आ रही भारतीय एयर फ्लाइट, एआरटी-72-600 लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गई। बाद में नियंत्रण कर सबकुछ ठीक जरूर किया गया, लेकिन 55 यात्रियों की जान जोखिम में आ गई थी। अभी के लिए सभी सुरक्षित हैं।
ये घटना दोपहर 1.13 पीएम की है, जब दिल्ली से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट को डुमना एयरपोर्ट पर लैंड करना था। 
अब जब फ्लाइट हवाई पट्टी पर उतरने वाली थी, तब पायलट ने नियंत्रण खो दिया और विमान रनवे से फिसल गया। बाद में तुरंत अपनी सूझबूझ से पायलट ने विमान को फिर नियंत्रण में लाया और सभी यात्रि सुरक्षित कर लिए गए। उस समय 55 यात्री के अलावा 5 क्रू मेंबर भी मौजूद थे। हादसे के बाद डीसीजीए ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस हादसे की वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।

एआईसीसी कार्यालय में होगी 'सीडब्ल्यूसी' की बैठक

एआईसीसी कार्यालय में होगी 'सीडब्ल्यूसी' की बैठक  

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक रविवार को 4 बजे, दिल्ली में एआईसीसी कार्यालय में होगी। जिसमें 5 राज्यों में चुनावी हार और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों में सभी जगह से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी में सुधार की मांग उठाने को लेकर कल जी-21 नेताओं की बैठक बुलाई गई थी।सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हो रही इस बैठक में कपिल सिब्बल, अखिलेश प्रसाद सिंह, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता शामिल हुए थे। ये बैठक दिल्ली में हुई‌। सूत्रों के मुताबिक, देर रात चली बैठक में कई मसलों पर फैसला हुआ।

ब्राह्मणों को एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी

ब्राह्मणों को एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी      

संदीप मिश्र          

शाहजहांपुर। विधानसभा चुनाव में इस बार सर्वाधिक केंद्र बिंदु में ब्राह्मण ही रहे। चुनाव के दौरान यह भी खूब प्रचारित किया गया कि ब्राह्मण भाजपा से नाराज हैं। हालांकि मुख्यमंत्री समेत तमाम वरिष्ठ नेता इस बात को नकारते ही रहे, इसके बावजूद ब्राह्मणों को साधने की कवायद भी चलती रही। इसी कवायद के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद को बतौर ब्राह्मण चेहरा भाजपा में शामिल किया गया और उन्हें ब्राह्मणों को समझाने और एकजुट करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

इस जिम्मेदारी को जितिन प्रसाद बहुत ही खामोशी से निभाकर एक तरफ हट गए। शहर सीट से भाजपा के दिग्गज नेता सुरेश कुमार खन्ना की नौवीं जीत काफी हद तक जितिन प्रसाद की ही देन है। यदि ब्राह्मण वोट नहीं साधा गया होता, तो इस बार खन्ना की हवाइयां उड़ चुकी होतीं। वैसे भी जीत के बाद से ही रोजा मंडी मतगणना स्थल पर सभी भाजपाई एक ही बात कहते घूम रहे थे कि इस बार गोली कनपटी से निकल गई। वहीं, भाजपा से निकाले जाने के बाद सपा का दामन थामने वाले जितिन के चचेरे भाई जयेश प्रसाद ने भी विप्रों को साधने के लिए कई मीटिंगें की, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी।

जितिन प्रसाद वाला कमाल जलालाबाद में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायक शरदवीर सिंह ने किया, जिस कारण इस विधानसभा में भाजपा खाता खोलने में कामयाब हो सकी। वैसे देखा जाए तो राजनीति का खेल बाकई बहुत घिनौना है। अब देखिए कि अंतिम नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा से जयेश प्रसाद की पत्नी नीलिमा प्रसाद चुनाव मैदान में थीं और सपा से पार्टी जिलाध्यक्ष और तत्कालीन निवर्तमान चेयरमैन तनवीर खां की वालिदा जहांआरा उम्मीदवार थीं।

इस चुनाव में जयेश प्रसाद समेत पूरा भाजपाई अमला तनवीर खां का बर्चस्व तोड़ने में लगा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली और जीत जहांआरा की ही हुई, इससे पहले तनवीर खां ही चेयरमैन बनते आए थे। विधानसभा चुनाव में वही जयेश प्रसाद तनवीर के पक्ष में ब्राह्मणों यानि विप्रवरों को एकजुट करने में जुटे थे। अगर जयेश प्रसाद के प्रयास सफल हो जाते तो भी सुरेश खन्ना की पराजय पक्की थी और अपने वर्ग के सहारे खन्ना को घेरने वाले तनवीर खां के मंसूबे पूरे हो जाते, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

वहीं, जितिन प्रसाद इस मामले में बाजी मार ले गए और पूरे अंक बटोर कर चुपचाप किनारे हट गए। विप्र समाज जितिन के पीछे-पीछे ही था। लोगों की माने तो खन्ना की जीत में जितिन प्रसाद का बड़ा हाथ है। वहीं, चुनाव में खन्ना ने जिस तरह से ककरांकला को विकास का केंद्र बनाया और उसे तब न्यू सिटी घोषित किया, जब ककराकलां की हालत ऐसी थी कि वहां लोग जाना तक पसंद नहीं करते थे।

क्षेत्र में जबरदस्त विकास कराने के बाद खन्ना इस मुगालते में आ गए कि इस बार वहां के लोग उन्हें जरूर वोट देंगे, लेकिन बताया जाता है कि ककराकलां से खन्ना को जो वोट मिले वह दहाई के आंकड़े वाले भी नहीं थे। कमोवेश यही हाल मोहल्ला किला का भी रहा। यहां खन्ना की मीटिंगें कराकर उन्हें न सिर्फ सम्मानित किया गया, बल्कि भरोसा भी दिया गया कि इस बार वोट उन्हें ही दिया जाएगा, लेकिन यहां भी इसका उल्टा ही हुआ।

इसी तरह विधानसभा जलालाबाद में भाजपा जिलाध्यक्ष हरि प्रकाश वर्मा की जीत में सपा विधायक शरदवीर सिंह का बड़ा हाथ रहा, जो चुनाव से ठीक पहले टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और उन्होंने भाजपा को जिताने तथा सपा प्रत्याशी नीरज कुशवाहा को हराने का संकल्प ले लिया था। इसके बाद वह हरि प्रकाश वर्मा के साथ क्षेत्र के ठाकुरों और ब्राह्मणों को एकजुट करने में कामयाब रहे। मतगणना में नीरज कुशवाहा और हरि प्रकाश वर्मा में कांटे की टक्कर दिखाई दी। अंत में भले ही जीत हरि प्रकाश वर्मा के हिस्से आई हो, लेकिन इस जीत में शरदवीर सिंह का भी योगदान है।

यूके-बिहार: गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार

यूके-बिहार: गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार 

पंकज कपूर     

पटना/देहरादून। बिहार और उत्तराखंड राज्यों में गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है और अब जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) में कमी आने के साथ यहां इसका पानी नहाने योग्य है। इससे स्पष्ट है कि नदी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है। बीओडी पानी की गुणवत्ता तय करने का अहम मानक है।

इसका अभिप्राय जैविक जंतुओं द्वारा ऑक्सीजन के उपभोग से है। निम्न मूल्य होने का अभिप्राय पानी की बेहतर गुणवत्ता से है। आंकड़ों के मुताबिक गंगा का पानी नहाने के मानक के अनुकूल मिला जो अन्य तथ्यों के साथ प्रति लीटर पानी में तीन मिलीग्राम बीओडी की मांग होने पर होता है। ‘पीटीआई-भाषा’ से साझा किए गए आंकड़ों में गंगाजल की वर्ष 2015 और 2021 की तुलना की गई है। जिसके मुताबिक उत्तराखंड (हरिद्वार से सुल्तानपुर तक) और बिहार (बक्सर से भागलपुर तक)के हिस्से में गंगाजल में बीओडी का स्तर तीन मिलीग्राम प्रति लीटर रहा जो अप्रदूषित की श्रेणी में आता है। स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय मिशन (एनएमाीजी) के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने बताया कि गंगा नदी के दो अन्य मार्गों जो उत्तर प्रदेश के कन्नौज से वाराणसी के बीच और पश्चिम बंगाल में त्रिवेणी से डायमंड हार्बर के बीच प्रदूषण का स्तर श्रेणी पांच में रहा जो न्यूनतम है। इस श्रेणी में बीओडी का स्तर प्रति लीटर तीन से छह मिलीग्राम होता है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 के मुकाबले 2021 में जल गुणवत्ता में सुधार आया है क्योंकि बिहार में बीओडी का स्तर 7.8 से 27 मिलीग्राम प्रति लीटर (दूसरी श्रेणी) था जबकि उत्तर प्रदेश में यह तीसरी श्रेणी यानी 3.8 से 16.9 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी थी। हालांकि, वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल से गुजरने वाली गंगा के हिस्से के बीओडी में बहुत सुधार नहीं हुआ और मामूली सुधार के साथ त्रिवेणी से डायमंड हार्बर तक यह पांचवी श्रेणी में बनी रही। यह 3.1 से 5.8 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 1.3 से 4.3 मिलीग्राम प्रति लीटर पर आ गई। उल्लेखनीय है कि बीओडी छह मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक होने पर पानी को प्रदूषित माना जाता है और उपचारात्मक कार्रवाई की जरूरत होती है।

मुंबई: बॉलीवुड फिल्म 'सेल्फी' की शूटिंग प्रारंभ की

मुंबई: बॉलीवुड फिल्म 'सेल्फी' की शूटिंग प्रारंभ की 

कविता गर्ग     

मुंबई। बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की आने वाली फिल्म 'सेल्फी' की शूटिंग शुरू हो गयी है। राज मेहता के निर्देशन में बन रही सेल्फी वर्ष 2019 में प्रदर्शित मलयालम भाषा की कॉमेडी-ड्रामा 'ड्राइविंग लाइसेंस' की रीमेक है। इस फिल्म में अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की मुख्य भूमिका है। 

करण जौहर के नेतृत्व वाले धर्मा प्रोडक्शंस ने बैनर के सोशल मीडिया हैंडल पर फिल्म सेल्फी की शूटिंग शुरू होने की खबर साझा की। सोशल मीडिया पर क्लैप की तस्वीर सामने आई है और लिखा गया है कि, सेल्फ़ी का पहला दिन और हमें आप सभी के प्यार, आशीर्वाद और अच्छे वाइब्स की ज़रूरत है!

एक्ट्रेस उर्वशी ने सुपरहिट गाना 'हुआ' है, साझा किया

एक्ट्रेस उर्वशी ने सुपरहिट गाना 'हुआ' है, साझा किया  

कविता गर्ग      
मुंबई। तंजानिया के इंटरनेट सेंसेशन किली पॉल ने बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला का सुपरहिट गाना 'हुआ है, आज पहली बार' पर लिप सिंक किया है।
किली पॉल अक्सर बॉलीवुड के गानों पर लिप-सिंक करते हुए अपना वीडियो साझा करते हुवे दिखाई देते हे। इस बार उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया। जिसमें उन्होंने उर्वशी रौतेला की फिल्म सनम रे का गाना 'हुआ है, आज पहली बार' पर लिप सिंक किया है।
गौरतलब है कि किली पॉल और उनकी बहन नीमा वीडियो पोस्ट करके लाखों भारतीयों का दिल जीता है, जिसमें वे भारतीय फिल्मों के गानों के साथ लिप-सिंक करते हैं।

फिल्म 'इम्तिहान' का प्रदर्शन, 28 साल पूरे हुए: टंडन

फिल्म 'इम्तिहान' का प्रदर्शन, 28 साल पूरे हुए: टंडन 

कविता गर्ग    

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन की फिल्म इम्तिहान के प्रदर्शन के 28 साल पूरे हो गये हैं। रवीना टंडन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपने फैंस के साथ जुड़े रहने के लिए अक्सर अपने लाइफ के कई खास पलों को साझा करती हैं। रवीना की फिल्म 'इम्तिहान' के प्रदर्शन के 28 साल पूरे हो गये हैं। फिल्म 'इम्तिहान' में रवीना के साथ सैफ अली खान और सनी देओल भी मुख्य भूमिकाओं में थे। रवीना ने खुशी साझा करते हुए फिल्म इम्तिहान की कुछ तस्वारें अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की हैं। फिल्म की यादों को ताजा करते हुए रवीना ने कैप्शन में लिखा, "इम्तिहान के 28 साल, गाने और कहानी फिल्म की रीढ़ थे .. मजेदार यादें और हंसी।"रवीना टंडन जल्द ही फिल्म 'केजीएफ चैप्टर 2' में नजर आएंगी। फिल्म इस साल 14 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।यह फिल्म प्रशांत नील द्वारा निर्देशित, 'केजीएफ: चैप्टर 1' की अगली कड़ी है। इस फिल्म के लीड एक्टर रॉकी भाई (यश) के जीवन के आगे की कहानी दिखाई जाएगी। फिल्म में यश के अलावा संजय दत्त भी मुख्य भूमिका में हैं।

चुनाव: 'रामपुर' सीट से विधायक निर्वाचित हुए आजम

चुनाव: 'रामपुर' सीट से विधायक निर्वाचित हुए आजम  

हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ/रामपुर। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हाल ही में हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले सपा मुखिया एवं आजम खान ने अपने चुनाव क्षेत्र में दोबारा से इलेक्शन कराने की पटकथा तैयार करनी शुरू दी हैं। जिसके चलते उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में विधानसभा चुनाव की एक बार फिर से गहमा-गहमी देखने को मिलेगी।दरअसल उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की 10 मार्च को हुई मतगणना में उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव को जीत हासिल हुई है। 
इसी तरह जेल में बंद सपा के पूर्व मंत्री आजम खान भी रामपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। लेकिन दोनों ही सपा नेता लोकसभा के सदस्य हैं जिसके चलते दोनों ने ही सांसदी के बजाय अपना विधायकी पद छोड़ने का निर्णय लिया है। 
बताया जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव सांसद का पद अपने पास रखते हुए विधायक का पद छोड़ेंगे। इसी तरह पूर्व मंत्री आजम खान भी सांसद होने की वजह से विधायक पद से इस्तीफा देंगे। दोनों सपा नेताओं के एमएलए पद से इस्तीफा देने के बाद निर्वाचन आयोग को अब इन दोनों सीटों पर दोबारा से उपचुनाव कराना होगा।

यूपी में दोबारा से इलेक्शन कराने की पटकथा तैयार

यूपी में दोबारा से इलेक्शन कराने की पटकथा तैयार  

संदीप मिश्र     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हाल ही में हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले सपा मुखिया एवं आजम खान ने अपने चुनाव क्षेत्र में दोबारा से इलेक्शन कराने की पटकथा तैयार करनी शुरू कर दी हैं। जिसके चलते उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में विधानसभा चुनाव की एक बार फिर से गहमागहमी देखने को मिलेगी।दरअसल उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की 10 मार्च को हुई मतगणना में उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव को जीत हासिल हुई है। 

इसी तरह जेल में बंद पूर्व मंत्री आजम खान भी रामपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। लेकिन दोनों ही सपा नेता लोकसभा के सदस्य हैं जिसके चलते दोनों ने ही सांसदी के बजाय अपना विधायकी पद छोड़ने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव सांसद का पद अपने पास रखते हुए विधायक का पद छोड़ेंगे। इसी तरह पूर्व मंत्री आजम खान भी सांसद होने की वजह से विधायक पद से इस्तीफा देंगे। दोनों सपा नेताओं के एमएलए पद से इस्तीफा देने के बाद निर्वाचन आयोग को अब इन दोनों सीटों पर दोबारा से उपचुनाव कराना होगा।

सपा मुखिया अखिलेश यादव व सांसद आजम खान के अलावा अभी कई अन्य लोगों के भी इस्तीफे सामने आ सकते हैं। क्योंकि सपा मुखिया और पूर्व मंत्री आजम खान के अलावा कई अन्य सांसद भी विधायक निर्वाचित हुए हैं। यदि सत्ताधारी दल बीजेपी के भाजपा सांसदों को विधायकी के चलते मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलता है तो शायद वह भी सांसद के बजाय विधायक पद से ही अपना इस्तीफा देंगे।

विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ किया

विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ किया  

संदीप मिश्र     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 17 जिलों में सभी विधानसभा सीटें जीत कर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में ऐसे पहले मुख्यमंत्री बने है जिन्होने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के साथ दोबारा जीत भी दर्ज की है।भाजपा ने वाराणसी, सोनभद्र, बुलंदशहर, गोंडा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी-हरदोई, उन्नाव, फर्रुखाबाद, गोरखपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, देवरिया में सारी की सारी सीटें जीतीं हैं ।पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच साल के कार्यकाल के दौरान अपने कुशल नेतृत्व और कल्याणकारी योजनाओं के दम पर पूरे यूपी में बहुत बड़ी लाइन खींच दी, जिसे विरोधी पार नहीं कर पाए। योगी यूपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया और दोबारा जीत भी दर्ज की। चुनाव में भाजपा को इस बार सभी वर्ग का वोट मिला। योगी ने उत्तर प्रदेश को जाति के वोट बैंक को राष्ट्रवादी वोट बैंक में बदल दिया। यूपी में योगी की जीत की कई वजह रही, जिसमें प्रमुख रूप से मोदी का मार्गदर्शन, योगी का शासन, यूपी में गरीबों को राशन, महिलाओं को सुरक्षा का आश्वासन और हिन्दुत्व फैक्टर है।विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में जाट वोटर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बंट गये। दलित वोट पहली बार बीएसपी से बीजेपी में शिफ्ट होता दिखा। इस साथ के साथ बीजेपी ने गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, आगरा, कासगंज और एटा में क्लीन स्वीप किया, जबकि अलीगढ़, मथुरा, सहारनपुर, बुलंदशहर में बीजेपी की परफोरमेंस काफी बढ़िया रही। यूपी के हर फेज में चुनाव में बीजेपी विरोधियों को नुकसान हुआ।

इस बार के चुनाव में योगी के खिलाफ अखिलेश यादव और जयंत चौधरी, मायावती और प्रियंका गांधी मैदान में थीं। पश्चिम यूपी में जहां दावा जा रहा था कि एसपी और आरएलडी का गठबंधन आगे रहेगा लेकिन यहां बीजेपी लीड ले गई। जाट लैंड में राष्ट्रीय लोक दल के बड़ी मार्जिन से जीतने का दावा किया गया, पर जाटों ने बीजेपी को सपोर्ट किया। बुंदेलखंड ने भी बीजेपी को सियासी बुलंदी पर पहुंचा दिया।बुलंदशहर में सात सीटों पर कमल खिला। आगरा की नौ सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर इतिहास रचने का काम किया। सोनभद्र की तीन और वाराणसी की सात सीटें भाजपा के नाम रही। गोरखपुर की आठ सीटों पर कमल खिला, देवरिया भी पीछे नहीं रहा यहां सात विधानसभाओ में कमल का फूल खिल गया। गोंडा की भी सात सीटें भाजपा के नाम दर्ज हुईं। पीलीभीत की चार, शाहजहांपुर की सात, खीरी की आठ, हरदोई की आठ, उन्नाव की छह, फर्रुखाबाद की चार सीटों पर मोदी-योगी का जादू चला। कन्नौज की तीन, कानपुर देहात की चार, झांसी की चार, ललितपुर दो, हमीरपुर की दो, महोबा की दो सीटें भी भाजपा की झोली में पहली बार चली गईं, जबकि सहारनपुर में सात में से पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। बागपत में तीन में से दो सीटें भाजपा ने अपने नाम की। बरेली में नौ में से आठ सीटें भाजपा के खाते में आईं। सीतापुर की नौ में से आठ सीटें, लखनऊ की नौ में से सात, बांदा में चार में से तीन सीटों पर कमल खिला।

कानपुर देहात की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। लखीमपुर खीरी में भाजपा ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की जबकि जौनपुर की सदर सीट से बीजेपी कैंडिडेट और योगी कैबिनेट के मंत्री गिरीश चंद्र यादव चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 6000 से अधिक वोटों से सपा के मोहम्मतद अरशद को हराया। सोनभद्र जिले की चारों विधानसभा सीटों पर कमल खिला। हरदोई की आठों विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया है। गोरखपुर में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया। सीएम योगी के शहर गोरखपुर की सभी नौ सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। बुंदेलखंड में बीजेपी ने विपक्ष का पूरी तरह सफाया कर दिया। बीजेपी ने बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर जीत दर्ज की। हरदोई सदर सीट पर इतिहास में पहली बार भाजपा के नितिन अग्रवाल ने 43 हज़ार वोटों से जीत दर्ज की। बीजेपी ने शाहजहांपुर की छह विधानसभाओं में जीत का परचम लहराया। प्रयागराज की 12 में से 8 सीटों पर भाजपा तो चार पर सपा जीती। बागपत की दो सीटों पर भाजपा को जीत मिली।


'बिग बाजार' का नियंत्रण, अपने हाथ में लेना शुरू

'बिग बाजार' का नियंत्रण, अपने हाथ में लेना शुरू  

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीते सप्ताह 'बिग बाजार' का नियंत्रण अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया। अब कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप के इस सबसे बड़े ब्रांड का नाम बदलने की तैयारी भी कर ली है।

रिलायंस रिटेल उन सभी जगहों पर अब नया रिटेल स्टोर खोलने जा रही है, जहां पहले कभी बिग बाजार हुआ करता था। इस नए स्टोर का नाम स्मार्ट बाजार होगा। रिलायंस रिटेल मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल सेक्टर की कंपनी है। ये रिलायंस ट्रेंड्स, रिलायंस फ्रेश, रिलायंस डिजिटल जैसे रिटेल स्टोर पहले से ऑपरेट करती है।
रिलायंस रिटेल की प्लानिंग 950 जगहों पर अपने खुद के स्टोर खोलने की है। ये सभी लोकेशन कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप से अपने नियंत्रण में ली हैं। ईटी की खबर के मुताबिक इनमें से करीब 100 लोकेशन पर कंपनी इसी महीने स्मार्ट बाजार नाम से स्टोर खोल देगी। हालांकि इस बारे में रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप की ओर से अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपये का सौदा हुए साल भर से ज्यादा समय हो चुका है। लेकिन अमेजन के मुकदमों की वजह से सौदा पूरा नहीं हो पाया है। बीते सप्ताह से रिलायंस ने अपना रुख आक्रामक करते हुए फ्यूचर समूह के बिग बाजार का स्टोर अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया। रिलायंस ने पहले बिग बाजार के स्टोर्स की लीज को अपने नाम किया, लेकिन फ्यूचर को ऑपरेट करने दिया। अब रिलायंस इस बात पर स्टोर्स का नियंत्रण अपने हाथों में लगे रही है कि फ्यूचर इनका किराया दे पाने में असमर्थ है। 

यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए

यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए  

अखिलेश पांडेय   
कीव/मास्को। यूक्रेन पर रूस के हमले को देखते हुए अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। प्रतिबंधों से परेशान रूस की तेल कंपनियां भारत को तेल पर भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की तेल कंपनियां भारत को कच्चे तेल की कीमत पर 25-27 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश कर रहीं हैं।
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के कई बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया गया है जिसके बाद रूस के लिए अन्य देशों के साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया है। रूस की सरकार इस स्थिति से निकलने के लिए एक नए भुगतान तंत्र का निर्माण करने में लगी है। अगर ये हो जाता है तभी भारत के साथ रूस के तेल का व्यापार बढ़ पाएगा।
रूस की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से भारत अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीदता है। पिछले साल दिसंबर में जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे तब रोसनेफ्ट और इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन ने 2022 के अंत तक नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह के जरिए भारत को 2 करोड़ टन तक तेल की आपूर्ति के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया था।
भारत मध्य-पूर्व पर तेल खरीद के लिए निर्भर है लेकिन वो अमेरिका और रूस जैसे देशों से तेल खरीद बढ़ाने की तरफ आगे बढ़ रहा है ताकि तेल के आयात में विविधता आए।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि रूसी तेल कंपनियां ब्रेंट क्रूड ऑयल की पुरानी कीमतों पर 25-27 फीसदी की छूट दे रही हैं। रूसी कंपनियों द्वारा भारी छूट का संकेत देते हुए एक सूत्र ने कहा, ‘प्रस्ताव आकर्षक है। हालांकि, अभी भी कोई संकेत नहीं है कि तेल खरीद का भुगतान कैसे किया जाएगा।
हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि प्रतिबंधों के बीच रूस के साथ व्यापार शुरू करने से पहले भारत को बेहद सतर्क रहना चाहिए।यूक्रेन पर रूस के जारी हमले के बीच उससे तेल खरीदना कई देशों को नाराज कर सकता है, क्योंकि वो इसे रूस को वित्तीय सहायता देने के रूप में भी देख सकते हैं।

प्राइवेट बैंक के एक चीफ एग्जीक्यूटिव ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘यह रूस की समस्या है कि वो अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम नहीं हैं। युद्ध के कारण, कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 115 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं जिससे तेल खरीद के लिए भारत को भी अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं। हमें तेल आयात के लिए रूस के अलावा अन्य विकल्प भी तलाशने चाहिए। 

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...