गुरुवार, 9 सितंबर 2021

सीजी: बालोद में 655.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की

दुष्यंत टीकम              
रायपुर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 874.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 9 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 1261.6 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 655.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 774.1 मिमी, सूरजपुर में 1069.1 मिमी, बलरामपुर में 862.3 मिमी, जशपुर में 891.9 मिमी, कोरिया में 862.9 मिमी, रायपुर में 722.0 मिमी, बलौदाबाजार में 811.3 मिमी, गरियाबंद में 786.0 मिमी, महासमुंद में 657.4 मिमी, धमतरी में 781.1 मिमी, बिलासपुर में 854.5 मिमी, मुंगेली में 806.4 मिमी, रायगढ़ में 741.9 मिमी, जांजगीर चांपा में 882.1 मिमी, कोरबा में 1227.7. मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1062.1 दुर्ग में 815.0 मिमी, कबीरधाम में 692.7 मिमी, राजनांदगांव में 677.7 मिमी, बेमेतरा में 953.6 मिमी, बस्तर में 934.9 मिमी, कोण्डागांव में 890.8 मिमी, कांकेर में 797.9 मिमी, नारायणपुर में 1028.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 993.8 मिमी और बीजापुर में 998.5 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

तूफान की चपेट में मरने वालों की संख्या-82 हुईं

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में इडा तूफान की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 82 हो गयी है।
सीबीएस न्यूज ब्रॉडकास्टर ने प्रांतीय अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लुइसियाना समेत दक्षिणपूर्वी राज्यों में 30 लोगों की मौत हुई है जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 52 लोग कालकवलित हुए हैं।
करीब 10 दिन पहले तूफान इडा ने खाड़ी तट, पेंसिल्वेनिया, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हाल ही में कई तूफानप्रभावित इलाकों का दौरा किया है।


बीएचयू हिन्‍दी में इंजीनियरिंग पढ़ायेगा विश्वविद्यालय

हरिओम उपाध्याय              
वाराणसी। बनारस हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय बीएचयू हिन्‍दी में भी इंजीनियरिंग पढ़ायेगा। नए सत्र से विश्‍वविद्यालय इंजीनियरिंग छात्रों को हिन्‍दी में पढ़ाई का विकल्‍प उपलब्‍ध कराने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुरुआती दौर में इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के छात्रों को हिन्‍दी में पढ़ाई का विकल्‍प चुनने की सुविधा होगी। बाद में आगे के वर्षों में इसे विस्‍तार दिया जाएगा । बीएचयू हिन्‍दी में इंजीनियरिंग का विकल्‍प देने वाला देश का पहला संस्‍थान होगा।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक और राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने हिन्‍दी में इंजीनियरिंग शुरू किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में किए जाने का प्रावधान है। इसके तहत बीएचयू इंजिनीयरिंग प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से शुरू करने जा रहा है। प्रोफेसर जैन ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के सम्‍मान और प्रयोग से इंजीनियरिंग को विस्‍तार मिलेगा।
संस्‍थान ने इसके लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली है। हिन्‍दी में इंजीनियरिंग पढ़ाने वाले विशेषज्ञों की सूची तैयार की गई है। आवश्‍यकता के मुताबिक बाहर से भी हिन्‍दी में पढ़ाने के लिए विशेषज्ञों को बुलाने का विकल्‍प है। हिन्‍दी पाठ्रयक्रम के लिए बीएचयू किताबों की व्‍यवस्‍था भी कर रहा है।
हिन्‍दी में इंजीनियरिंग अनिवार्य नहीं वैकल्पिक होगी। जो छात्र हिन्‍दी में इंजीनियरिंग करना चाहेंगे उन्‍हें ही हिन्‍दी में पढ़ाया जाएगा। प्रथम वर्ष के छात्र अब अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा के चयन भी कर सकेंगे।
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार ने पिछले साल आईआईटी की पढ़ाई हिन्‍दी में शुरू करने का विकल्‍प रखा था । बीएचयू ने तभी से इस योजना को अमली जामा पहनाने के प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन कोरोना के कारण इस पर अमल नहीं हो पाया था। अब संस्थान ने योजना को लागू करने का फैसला कर लिया है। हिन्‍दी में आईआईटी बीएचयू में जल्‍द ही हिंदी में एक नया बी-टेक कोर्स शुरू किया जाएगा।

इंसान का जीवन बचाने के लिए तैयार है सेवक संघ

संदीप मिश्र             
बरेली। कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसको लेकर पहले से ही अलर्ट जारी है। दूसरी लहर से ज्यादा घातक होगी या कम, इस बारे में कोई रिपोर्ट सामने नहीं आयी है। लेकिन इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हर इंसान का जीवन बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। संघ ने बड़े पैमाने पर तीसरी लहर से लोगों को बचाने के इंतजाम किए हैं।
प्रांत, विभाग, महानगर और नगरों में संघ के 15-15 कार्यकर्ताओं की टीमें तैयार की गयी हैं। इसे ‘कोविड रिस्पांस टीम’ नाम दिया है। इनमें विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ डाक्टर्स, फार्मासिस्ट समेत अन्य चिकित्सा से जुड़े लोग शामिल किए गए हैं। नगरों की टीमें छोड़कर अन्य सभी टीमों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। नगरों की कोविड रिस्पांस टीमों का प्रशिक्षण जल्द शुरू होगा। बरेली विभाग और महानगर के साथ नगरों में भी टीमें तैयार हो चुकी हैं।
दो दिवसीय प्रवास पर बरेली आए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में चर्चा करने के लिए बुधवार को केशव कृपा भवन में संघ की विचाराधारा वाले शहर के करीब 150 डाक्टरों को बुलाया। डाक्टरों संग तीसरी लहर से निपटने के इंतजामों पर चर्चा की गयी। रामलाल ने डाक्टरों के साथ चर्चा की कि तीसरी लहर में किस तरह से लोगों की जान बचाने के प्रयास किए जाने चाहिए। किन-किन दवाओं से लेकर सुरक्षा उपकरणों की भी जरूरत ज्यादा रहेगी।
संघ की कोविड रिस्पांस टीमों में सहयोग करने के बिंदु पर भी बात की। डा. विमल भारद्वाज, डा. विनोद पागरानी, डा. विवेक मिश्रा, डा. अतुल शर्मा, डा. विजय गंगवार, डा. वीरेंद्र प्रताप समेत तमाम शहर के हर रोग के विशेषज्ञों से बात की। बैठक समाप्त होने के बाद वरिष्ठ डाक्टरों ने बाहर आकर भी रामलाल से कई बिंदुओं पर बातें कीं। दरअसल, कोविड की दूसरी लहर में संघ ने लोगों की जिंदगी बचाने के प्रबंध किए लेकिन इंतजाम करने में देरी हुई थी, इसलिए इस बार संघ ने पहले ही कोविड से लोगों को बचाने के लिए बड़े इंतजाम किए हैं।
अब गांव-गांव भी लगेंगी आरएसएस की शाखाएं
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुए सितंबर, 2025 में सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसके उपलक्ष्य में संघ ने जल, जंगल, जमीन, जन, जानवर पर कार्य करने वाले लोगों को जोड़ने के लिए फोकस शुरू किया है। संघ की विचाराधारा वाले लोगों को ही ग्राम प्रचारक बनाने की तैयारी की है। ग्राम प्रचारक ही गांव-गांव शाखाएं भी लगवाएंगे। अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने बरेली से ग्राम प्रचारक योजना का आरंभ किया है। इसमें खंड योजना और आदर्श मंडल आयोजन भी शुरू किए जाएंगे। आमजन तक विचाराधारा पहुंचाने के लिए संघ की गांव स्तर पर शाखाएं लगेंगी।
इसी संदर्भ में केशव कृपा भवन में बुधवार को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल के सानिध्य में वरिष्ठ कार्यकर्ता मिलन हुआ। इसमें 70 से अधिक उम्र या जो 40 वर्ष से अधिक संघ के साथ चल रहे हैं, उन स्वयं सेवकों को बुलाया गया। जिसमें 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में समाज के साथ समाज के लिए काम करने पर जोर दिया गया। रामलाल ने कहा कि स्वयंसेवक से ऐसे कार्यकर्ता तैयार करने हैं जो आगे चलकर राष्ट्रहित में अपना योगदान दें और समाज में सुधार की दिशा में भी कार्य करें।
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक विभाग, महानगर प्रचारक होते हैं अब संघ का विस्तार किया जा रहा है। इसलिए ग्राम प्रचारक नियुक्त किए जाएंगे। संघ की बैठकों में जल्द ग्राम प्रचारकों के नाम तय किए जाएंगे। वरिष्ठ कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम में रामलाल का स्वागत किया। रामलाल के साथ केसी गुप्ता विभाग संघचालक और डा. सत्यपाल सिंह महानगर संघचालक भी मंच पर बैठे। करीब 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने कार्यकर्ता मिलन में प्रतिभाग किया।


12 तक देश के कई राज्यों में हो सकती हैं बारिश

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। देश में मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। किसी दिन तेज धूप तो कुछ देर में हल्की बारिश माैसम को बदल कर रख देती है। सितम्बर की शुरूआत में भी मौसम कुछ गर्म ही बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग ने राहत भरी खबर देते हुए अनुमान जताया है कि बारिश का मौसम के जाते-जाते ठंड का एहसास करा सकता है। 12 सितंबर तक देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने के अनुसार दस राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, गोवा, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। वहीं 11 सितंबर से ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में ज्यादा बारिश हो सकती है 12 सितंबर से छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
आईएमडी के अनुसार देश में 8 से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक 8-12 सितंबर के दौरान मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र में ज्यादा बारिश हो सकती है और कोंकण, गोवा, गुजरात राज्य और तटीय कर्नाटक में तेज बारिश होने की जानकारी पहुंचा दी गई है। 9-11 सितंबर के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों और उससे सटे पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बारिश होने के अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली में 10 से 12 सितंबर के बीच मध्यम बारिश होने हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत के जुड़ाव का एक पहलू

एल्बनि/ नई दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की निर्णय लेने वाली संरचनाएं आज की दुनिया को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं और वैश्विक संगठन की आवाज कमजोर कर रही हैं। उन्होंने खेद जताया है कि चुनिंदा देश सुधार प्रक्रिया को विफल कर रहे हैं और सुधार के लिए केवल जुमलेबाजी करते हैं।
आधिकारिक यात्रा पर आईं लेखी ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सुधार संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत के जुड़ाव का एक प्रमुख पहलू है। उन्होंने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल महासभा को बताया था “संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में, प्रक्रियाओं में और किरदार में सुधार का समय आ गया है। उन्होंने बताया कि साधारण तथ्य यह है कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन इसके निर्णय लेने वाली संरचनाएं, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद, अब भी 1945 के काल में अटकी हैं और आज की दुनिया को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।

लेखी ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद को अधिक विश्वसनीय बनने के लिए आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना होगा। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि अफसोस की बात है कि सुधार प्रक्रिया को कुछ मुट्ठी भर देश विफल कर रहे हैं जो सुधार के लिए केवल जुमलेबाजी करते हैं।
सुरक्षा परिषद के सुधारों का विरोध करके, वे वास्तव में बहुपक्षवाद को नुकसान पहुंचा रहे हैं।” 
“चूंकि सदस्य राष्ट्रों के बीच सुधारों के लिए भारी समर्थन है, इसलिए हम उनके साथ काम करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि सुधारों को कैसे आगे बढ़ाया जाए।
मैंने इसे अपनी बैठक में उप महासचिव के साथ भी उठाया था।” वर्तमान में सुरक्षा परिषद में दो साल के लिए एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का कार्यकाल इस साल जनवरी में शुरू हुआ था। वह पिछले महीने 15-राष्ट्रों की परिषद का अध्यक्ष था।

रक्षामंत्री ने आयोजित समारोह को संबोधित किया

इकबाल अंशारी             
जालोर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक भारत सशक्त भारत का नारा देते हुए कहा है कि रक्षा और विकास एक दूसरे के पूरक हैं। जालोर जिले में भारत पाक सीमा से 40 किलोमीटर पहले हाइवे पर यूद्धक विमानों के आपातकालीन उतरने के लिए बनी हवाई पट्टी का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने आज कहा कि जिस तरह से हाइवे का उपयोग रक्षा कामों के लिए हो रहा है। उससे विकास और रक्षा एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले यह माना जाता था कि रक्षा पर खर्च करने से विकास रुक जाता है लेकिन हाइवे पर आपात लैंडिंग के नये प्रयोग ने यह साबित कर दिया है कि रक्षा खर्च पर खर्च से विकास नहीं रुकता है। उन्होंने कहा कि सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है तथा हाइवे पर लेंडिंग की सुविधा से सेना और मजबूत हुई है।
प्रगति के मानक बन गये है। उससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से काफी लोगो को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने सड़क सीमा संगठन की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन द्वारा लद्दाख में 19 हजार तीन सौ फीट ऊंचाई पर सड़क बनाने का अद्भूत कार्य किया है। हथियार एवं अन्य युद्धक सामग्री के आयात पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में भारत अब दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के आयोजन से रक्षा मामले में भी आत्मनिर्भरता बनेगी।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...