बुधवार, 26 मई 2021

संयंत्रों की स्थापना, फंड उपलब्ध करायेगा यूएसए

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिका स्थित सेवा इंटरनेशनल भारत के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को कम करने के लिए 100 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए फंड उपलब्ध करायेगा। नये संयंत्रों की स्थापना के बाद देश में ऑक्सीजन की कमी काफी हद तक दूर हो जायेगी और अस्पतालों को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती रहेगी। जिससे अस्पतालों में मरीजों के प्राण संकट में पडने से बच जायेंगे। सेवा इंटरनेशनल की ओर से जारी बयान के मुताबिक हनीवेल को शीघ्र ही 30 संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 टन जिओलाइट्स के उत्पादन का आर्डर दिया गया है। इन प्रयासों के तहत इसने अगले आठ से बारह सप्ताह में करीब 10.8 लाख डॉलर की लागत से 15 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए कहा गया है।

सेवा इंटरनेशनल के अध्यक्ष अरुण कनकानी ने कहा कि ऑक्सीजन संयंत्रों के निर्माण के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया है। यह अभियान भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को समान रूप से वितरित करने में मदद करेगा। यह भारत को महामारी की संभावित तीसरी लहर का सामना करने में सहायक होगा। सेवा इंटरनेशनल के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र के परियोजना प्रबंधक मुकुंद कुटे ने कहा कि पहले ग्रामीण और आदिवासी बहुल क्षेत्रों के अस्पतालों में संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है तथा उसके बाद दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के शहरों के धर्मार्थ अस्पतालों में इसे स्थापित किया जायेगा।

विदेशों द्वारा टीके के दान पर निर्भर भारत: गांधी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि टीके को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी प्रचार का साधन बना दिया गया जिस कारण दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता राष्ट्र भारत आज दूसरे देशों द्वारा किए जा रहे टीके के दान पर निर्भर है। उन्होंने सरकार से सवाल करने संबंधी अपनी ‘जिम्मेदार कौन?’ श्रृंखला के तहत फेसबुक पोस्ट में यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री के अनुसार, जब सरकार ने पिछले साल ही टीकाकरण की पूरी योजना तैयार कर ली थी, तब ये हालात पैदा क्यों हुए?
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने कहा, ‘‘पिछले साल 15 अगस्त को मोदी जी ने लाल किले से भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने टीकाकरण की पूरी योजना तैयार कर ली है। भारत के टीका उत्पादन और टीका कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए यह विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।’’ उनके मुताबिक, ‘‘इस विश्वास का कारण था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (पुणे) को स्थापित कर भारत के टीका कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी। आगे चलकर भारत दुनिया में वैक्सीन का निर्यात करने लगा और आज वह दुनिया का सबसे बड़ा टीका उत्पादक है।’’

प्रियंका ने दावा किया कि कड़वी सच्चाई यह है कि महामारी की शुरूआत से ही भारत में टीका आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गया। इसके चलते सबसे बड़ा टीका उत्पादक भारत अन्य देशों से मिलने वाले टीके के दान पर निर्भर हो गया और टीकाकरण के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को टीके की पहली खुराक और मात्र 3 प्रतिशत लोगों को पूरा टीकाकरण नसीब हुआ है। प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘मोदीजी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में टीकाकरण में 83 प्रतिशत की गिरावट आ गई। जिम्मेदार कौन?’’ कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने देश को टीके की कमी के दलदल में धकेल दिया है। टीके पर अब बस मोदीजी की फोटो ही है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों के ऊपर डाल दी गई है। आज राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार केंद्र सरकार को टीके की कमी होने की सूचना भेज रहे हैं।’’ प्रियंका ने कहा, ‘‘ मोदी जी के बयान के अनुसार, उनकी सरकार पिछले साल ही टीकाकरण की पूरी योजना के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख टीके का ऑर्डर क्यों दिया गया?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदीजी की सरकार ने भारत के लोगों को कम टीका लगाकर, ज्यादा टीका विदेश क्यों भेज दिया? दुनिया का सबसे बड़ा टीका उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से टीका मांगने की स्थिति में क्यों आ गया और वहीँ ये निर्लज्ज सरकार इसे भी उपलब्धि की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश क्यों कर रही है?’’

काला दिवस: सरकार विरोधी नारे, पुतले भी फूंके

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर बुधवार को ‘काला दिवस’ मनाया और इस दौरान उन्होंने काले झंडे फहराए, सरकार विरोधी नारे लगाए, पुतले जलाए और प्रदर्शन किया। गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर थोड़ी अराजकता की भी खबर है, जहां किसानों ने भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बीच केन्द्र सरकार का पुतला जलाया। 
‘काला दिवस’ प्रदर्शन के तहत किसानों ने तीन सीमा क्षेत्रों सिंघू, गाजीपुर और टिकरी पर काले झंडे लहराए और नेताओं के पुतले जलाए।दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण से हालात और लागू लॉकडाउन के मद्देनजर इकट्ठे नहीं होने की अपील की है और कहा कि प्रदर्शन स्थल पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह कड़ी नजर बनाए रखे है। किसान नेता अवतार सिंह मेहमा ने कहा कि न केवल प्रदर्शन स्थल पर बल्कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के गांवों में भी काले झंडे लगाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने अपने घरों और वाहनों पर भी काले झंडे लगाए हैं। मेहमा ने कहा, ”सरकार के नेताओं के पुतले जलाए गए। आज का दिन यह बात दोहराने का है कि हमें प्रदर्शन करते हुए छह माह हो गए हैं लेकिन सरकार जिसके कार्यकाल के आज सात वर्ष पूरे हो गए, वह हमारी बात नहीं सुन रही है।”

'यास' ओडिशा के निकट पहुंचा, हलचल हुईं तेज

बालासोर। ओडशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगार के निकट गंभीर चक्रवाती तूफान ‘यास’ के पहुंचने की प्रक्रिया बुधवार सुबह नौ बजे शुरू हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात बालासोर से करीब 50 किलोमीटर दूर तट पर बहनागा ब्लॉक के निकट धामरा के उत्तर और बहनागा के दक्षिण में पहुंचा। ‘डॉपलर’ रडार डेटा के अनुसार, इस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार घंटे का समय लगेगा। बालासोर और भद्रक जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उन्होंने बताया कि करीब 5.80 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है।

मौसम विभाग ने पहले कहा था कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है। जेना ने कहा कि चक्रवात अनुमानित समय से कुछ घंटों की देरी से पहुंचा क्योंकि इसकी रफ्तार 15-16 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होकर 12 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। उन्होंने बताया कि देर रात दो बजे के बाद चक्रवात की तीव्रता और नहीं बढ़ी। जेना ने कहा कि तीव्रता में कमी आने के कारण चक्रवात के पहुंचने के दौरान 165 किलोमीटर प्रति घंटे के बजाय 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ जगह पेड़ उखड़ गए, लेकिन कोई बड़ी घटना नहीं हुई। कोलकाता में अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के तटीय इलाकों में चक्रवात के कारण पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया।

पूर्वी मिदनापुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं, जबकि दक्षिण 24 परगना के फ्रेसरगंज में 68 किलोमीटर और कोलकाता में 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। दक्षिण बंगाल में भी मंगलवार रात के बाद से काफी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने चक्रवात के दस्तक देने के दौरान पूर्वी मिदनापुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान जताया था। भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में बारिश हुई। राज्य में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश भद्रक जिले के चांदबाली (273 मिमी) में हुई। इससे बाद पारादीप (197 मिमी), बालासोर (51 मिमी) और भुवनेश्वर (49 मिमी) में बारिश हुई।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 2,08,921 नए मामलें

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,08,921 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,71,57,795 हो गई। वहीं, देश में मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक 22,17,320 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे में संक्रमण से 4,157 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,11,388 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में मंगलवार को सर्वाधिक 22,17,320 नमूनों की जांच की गई। देश में अभी तक कुल 33,48,11,496 नमूनों की कोविड-19 संबंध जांच की गई है और नमूनों के संक्रमित आने की दर 9.42 प्रतिशत है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार दूसरे दिन नमूनों के संक्रमित पाए जाने की दर 10 प्रतिशत से कम है। संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 11.45 प्रतिशत हो गई है। देश में अभी 24,95,591 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 9.19 प्रतिशत है। वहीं, कुल 2,43,50,816 लोग अभी तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 89.66 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.15 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार गए। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।

पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी: पीएम

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी दशकों में, मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है, जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस चुनौती का मजबूती से मुकाबला कर रहा है और इसमें टीके की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 दशकों में मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है। हमने पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी। कोरोना ने दुनिया को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद पृथ्वी पहले जैसी नहीं रहेगी और हम घटनाओं को आने वाले समय में कोविड से पूर्व या कोविड से बाद की घटना के रूप में याद करेंगे। 

उन्होंने कहा कि अब इस महामारी को लेकर, बेहतर समझ विकसित हो गई है। हमारे पास टीके उपलब्ध हैं जो लोगों की जान बचाने और महामारी को हराने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने इस महामारी में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस महामारी में जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया और जो इससे पीड़ित रहे, वह उनके दुख में शामिल हैं। यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से करता है। इसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख शामिल होते हैं। इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे। वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-284 (साल-02)
2. ब्रहस्पतिवार, मई 27, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:55, सूर्यास्त 07:08।
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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मंगलवार, 25 मई 2021

बाइडेन पहली बार राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे

वाशिंगटन डीसी/ मास्को। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। 16 जून को यह मुलाकात जिनेवा में होगी। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को इसकी पुष्टि कर दी। दोनों देशों के बीच, लंबे वक्त से कई मुद्दों पर तनाव चल रहा है। इसमें सबसे ज्यादा अहम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की खुफिया एजेंसियों की दखलंदाजी का है। अमेरिकी विदेश विभाग रूस पर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा चुका है। बाइडेन और पुतिन की मीटिंग को लेकर कई हफ्तों से कयास लगाए जा रहे थे। मंगलवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने 16 जून की मुलाकात पर मुहर लगा दी। दोनों नेता स्विटजरलैंड के जिनेवा में बातचीत करेंगे।

साकी ने कहा- मीटिंग के दौरान सभी मुद्दों पर बातचीत होगी। और वो मुद्दे कौन से हैं, इसकी जानकारी सभी को है। हम चाहते हैं कि रूस और अमेरिका के रिश्तों में सुधार हो और ग्लोबल इश्यूज पर हम सहयोग करें।क्लाइमेट चेंज और जी-20 की मीटिंग में दोनों वर्चुअली शामिल हुए थे। लेकिन, ये पहली बार होगा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति आमने-सामने बातचीत करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने फरवरी में कहा था कि आंतरिक सुरक्षा के लिए रूस सबसे बड़ा खतरा है। इसके बाद चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया का नाम भी लिया गया था।

कोरोना से हुईं मौतों का जिम्मेदार कौन हैं: प्रियंका

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। इसलिए सरकार को बताना चाहिए, कि यह किसकी लापरवाही से हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को फेसबुक पोस्ट में कहा कि जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश में तबाही मचानी शुरू की और लोग बेड, ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाइयों के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब लोगों को सरकार से उम्मीद थी कि वह स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध संसाधनों का पूरा इस्तेमाल कर लोगों को बचाने का काम करेगी लेकिन सरकार पूरी तरह से मूकदर्शक बनी रही और पूरे देश में पीड़ादायी स्थिति पैदा हुई। उन्होंने कहा कि सरकार के पास तैयारी के नाम पर कुछ नहीं था। इस फौरन सरकार ने अपनी गैर जिम्मेदारी का परिचय दिया और वैक्सीनों के निर्यात की अनुमति दी और 2020 में इसके निर्यात को दोगुना कर दिया। देश की आबादी की परवाह किये बिना सरकार का व्यवहार एकदम गैर-ज़िम्मेदाराना रहा। सरकार की इसी लापरवाही के कारण दूसरी लहर के दौरान मौतों के आंकड़े बताते हैं कि इसका कहर कितना घातक था।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आज जब प्राकृतिक रूप से यह लहर थोड़ी थमने लगी तो अचानक सरकार अपनी मीडिया और मशीनरी के द्वारा फिर से दिखने लग रही है तथा प्रधानमंत्री और उनके मंत्री आगे आकर फिर से बयान देने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही से उनके लोगों की जान गयी है इसलिए कुर्सी पर बैठे लोगों को देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी और अपनी जवाबदेही समझ में आनी चाहिए।

सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 3 जून तक बढ़ाईं

रांची। झारखंड में कठोर प्रावधानों के साथ लॉकडाउन की अवधि तीन जून तक बढ़ायी गई है। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। यह तीसरी बार है, जब राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई गई है। राज्य में पहली बार 22 अप्रैल को लॉकडाउन लगाई थी।मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जानी बयान में कहा गया। ''स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह अब पहले लगाए गए सभी प्रतिबंधों के साथ 3 जून तक बढ़ा दिया गया है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में यह फैसला किया गया।अधिकारी ने कहा, राज्य सचिवालय दोपहर दो बजे तक 33 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या के साथ काम करेगा और लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध होगा। अधिकारी ने आगे कहा,'' सरकारी अधिकारियों, मीडियाकर्मियों और फैक्टरी कर्मियों को अनिवार्य काम के लिए ई-पास से छूट दी गई है।

5 ट्रकों को वाहन अधिनियम में निरुद्ध सीज किया

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत पुलिस अधीक्षक के निर्देशन के क्रम में क्षेत्राधिकारी चायल के नेतृत्व में ओवर लोड परिवहन में संलिप्त वाहनों के विरुद्ध सर्किल चायल क्षेत्रान्तर्गत टीम गठित कर पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक थाना सराय अकिल पुलिस ने पांच ट्रकों व छः ट्रैकटर को धारा 207 के तहत सीज किया है। पुलिस कार्यवाही के अंतर्गत थाना पिपरी पुलिस ने पांच ट्रक को अंतर्गत धारा 207 मोटर वाहन अधिनियम में निरुद्ध कर सीज किया है।थाना पुलिस की ओवरलोड वाहनों को 207 में सीज किए जाने के पीछे पुलिसिया खेल फिर उजागर हो रहा है एक बार पुलिस कार्यवाही की बात कर रही है लेकिन ओवरलोड बालू वाहनों के नाम पर समुचित धाराओं में कार्यवाही नहीं हो रही है। वाहनों में अभिलेखों की कमी दिखाकर वाहनों को सीज किया जा रहा है। इसके पीछे थाना पुलिस का खेल है। आला अधिकारियों को वाहनों को सीज करने की सूचना देकर वाहवाही लूट रही है।दूसरी तरफ बालू के अवैध कारोबार में लगे माफियाओं को बचा रही है।
गणेश साहू 

कोरोना महामारी से बचाव का हथियार 'टीकाकरण'

बृजेश केसरवानी            
प्रयागराज। चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा। जनपद के द्वारा जन समुदाय से कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अपील की गई है, कि कोरोना महामारी से बचाव का हथियार कोविड-19 टीकाकरण है। जिसका रजिस्ट्रेशन आप अपने मोबाइल या जन समुदाय केंद्र से कर सकते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा के अंतर्गत टीकाकरण हेतु निम्नलिखित केंद्र बनाए गए हैं। प्रथम केंद्र -सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा है। जहां पर 18 वर्ष से 44 वर्ष एवं 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का अलग-अलग कक्षाओं में टीकाकरण सोमवार से शनिवार तक प्रातः 9:00 बजे से 5:00 बजे तक किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गांव ,धरोता, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरकपुर में किया जा रहा है, जो कि सरकार द्वारा निशुल्क है। इस महामारी को हराने हैं तो बार-बार हाथ धोना एवं सोशल डिस्टेंस को भी अपने जीवन शैली में अवश्य अपनाएं। उनके द्वारा बताया गया कि घर-घर सर्वे का तीन चरण समाप्त हो चुके हैं। जिसके अंतर्गत खांसी, बुखार, जुखाम एवं सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनकी जांच कराई जा रही है। और दवा की किट उपलब्ध कराई जा रही है। घर-घर सर्वे का चौथा चरण दिनांक 27/5 /2021 से प्रारंभ होगा।
टेलिफोनिक स्वास्थ्य परामर्श हेतु विशेषज्ञ डॉक्टरों के नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिस का समय  प्रातः 9:00 बजे से अपराहन 2:00 बजे तक का है। उनका नाम एवं मोबाइल नंबर निम्न वत है।
नंबर 1 -डॉ आर जी वर्मा बाल रोग विशेषज्ञ 99 53 460 795 नंबरदो -डॉक्टर जी प्रसाद नेत्र शल्य 8840 195408 नंबर 3 -डॉ वैभव त्रिपाठी एमबीबीएस 94 50 0 91 715 नंबर 4- गुंजा अरोरा एमबीबीएस 97 94044 35 7।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं और डॉक्टर अपने रोस्टर ड्यूटी से ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना की जांच प्रत्येक दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा में की जा रही है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव संबंधी सभी सुविधाएं कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार दी जा रही हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन आरआरटी टीम बनाई गई है, जो क्षेत्र मैं जाकर जांच करती हैं। इस सुविधा से बूढ़े-बुजुर्ग एवं दिव्यांग व्यक्तियों तक सुविधाएं पहुंच रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊआइमा के चिकित्सा अधीक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का नतीजा है, कि चिकित्सीय सुविधाएं जन जन तक पहुंच रही हैं।

कोरोना: डीएम ने ग्रामीण क्षेत्र का किया निरीक्षण

बृजेश केसरवानी       
प्रयागराज। संगम नगरी जनपद के जिलाधिकारी भानू चंद्र गोस्वामी ने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर कोविड-19 से बचाव के तहत किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। घरौली, बहादुरपुर ग्राम पंचायत भवन, उच्च प्राथमिक विद्यालय बाबूगंज, फूलपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बौड़ई, फूलपुर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फूलपुर का निरीक्षण किया। वही, निगरानी समितियों के सदस्यों, आशा बहु एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां को ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन हेतु जागरूकता फैलाने को कहा।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फूलपुर में बने वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण करते हुए वैक्सीनेशन लगवाने आये लोगों से बातचीत भी किया।

घटनास्थल पर जांच करने के लिए पहुंचें अधिकारी

अतुल त्यागी           
हापुड़। मामला जनपद के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव फतेहपुर का है। जहां पंचायत चुनाव के वैलेट पेपर जंगल में पड़े मिलने से हड़कंप मचा। ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं। वही, सोशल मीडिया पर खबर चलने के बाद एक्शन में आए अधिकारी काफी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर जांच करने के लिए अधिकारी पहुंचें।
बताया जा रहा है, जंगल में पड़े मिले सभी वैलिड पेपर चुनाव चिन्ह पर मोहर लगे हुए है। अब देखना यह है, अधिकारी मौके पर जांच कर क्या कार्रवाई करते हैं। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र का मामला अधिकारी मौके पर जांच में जुटे।

यूपी: 24 घंटे में कोरोना के 3,957 नए मामलें मिलें

हरिओम उपाध्याय              

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 3,957 नये मामले आये हैं। जबकि 10,441 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया, कि राज्य में टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। सोमवार को कुल 2,98,808 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 4,73,62,430 सैम्पल की जांच की गयी है। अब तक 15,88,161 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत 94.7 है। प्रदेश में कोरोना के कुल 69,828 एक्टिव मामले में 42,653 कोविड मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में जारी 3 टी अभियान का स्थलीय निरीक्षण कर लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कर्फ्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 मण्डलों का भ्रमण समाप्त किया है। लगभग 15 दिनों में 18 मण्डलों के साथ 75 जिलों की समीक्षा भी की है। करीब 40 जिलों में मुख्यमंत्री स्वयं जाकर स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। वह टीम-9 की बैठक निरन्तर कर रहे हैं। आज मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। नवनीत सहगल ने बताया कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है।

पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 97,509 गांवों में 87,868 कर्मियों के द्वारा 51,645 गांवों में साफ-सफाई, 27,262 गांवों में सेनिटाइजेशन तथा 9,501 गांवों में फॉगिंग की गयी है। उन्होंने बताया कि निगरानी समितियों के द्वारा 03 लाख 58 हजार लोगों को मेडिकल किट बांटी गयी है, तथा 37 लाख लोगों को 05 मई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग करायी गयी है।

ड्रोन का इस्तेमाल साल 2021 के अंत में प्रारंभ

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। दवाओं, टीकों जैसे सामान सुदूर इलाकों में कम समय में पहुंचाने के लिए ड्रोन का वाणिज्यिक इस्तेमाल इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। दृश्य सीमा से दूर ड्रोनों के परिचालन के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमति प्राप्त ऑपरेटरों में शामिल स्काई एयर मोबिलिटी के मुख्य परिचालन अधिकारी विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) एस. विजय ने बताया कि परीक्षण अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। 

उन्होंने कहा, “ यदि सब कुछ सामान्य रहा तो इस साल के अंत तक सामान पहुंचाने में ड्रोन के वाणिज्यिक इस्तेमाल की अनुमति मिल जायेगी। शुरू में दवाओं, टीकों और प्राकृतिक आपदा के समय खाने के पैकेट जैसी चीजों की अनुमति मिलने की संभावना है।” डीजीसीए ने ड्रोन परेशन के लिए 500 मीटर की दूरी को दृश्य सीमा के रूप में परिभाषित किया है। स्काई एयर तेलंगाना सरकार की ‘मेडिसिन फ्रॉम दि स्काई’ (एमएफटीएस) परियोजना में काम कर रही है। विजय के अनुसार, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से दृश्य सीमा से बाहर ड्रोन के इस्तेमाल संबंधी नीतिगत बदलाव की प्रक्रिया तेज हुई है। उन्होंने कहा, “पहली लहर के कारण परीक्षण में देरी हुई थी। दूसरी लहर ने इसे गति प्रदान की है। अब लोगों को समझ आ रहा है कि आपदा के समय ड्रोन का इस्तेमाल कितना प्रभावशाली हो सकता है।”

उन्होंने बताया कि लंबी दूरी के ड्रोन ऑपरेशन के लिए काफी डाटा उपलब्ध है। पिछले साल कुछ अफ्रीकी देशों ने भी ड्रोन से दवाओं का वितरण शुरू किया है। उनकी भौगोलिक परिस्थितियां हालांकि अलग हैं और उनके अनुभव को हम जस का तस नहीं अपना सकते। इसीलिए अलग से परीक्षण किया जा रहा है। एमएफटीएस परियोजना के लिए स्काई एयर ने विशेष डिब्बों का इंतजाम किया है जिनमें दवाओं और टीकों को खास तापमान पर रखकर उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जा सकेगा। विजय ने बताया कि जब सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति मिल जायेगी तो अचानक मांग बढ़ेगी। बड़ी संख्या में ड्रोन तो उपलब्ध होगा, लेकिन उनके लिए पायलट तैयार करना चुनौती होगी। देश में ड्रोन पायलटों का प्रशिक्षण पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ है। अब तक जितने पायलटों का प्रशिक्षण हुआ है वे पहले से ही किसी न किसी संस्थान के लिए काम कर रहे हैं। इसे देखते हुये शुरुआती दिनों में प्रशिक्षित ड्रोन पायलटों की कमी हो सकती है।

फिर चिकित्सा व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण किया

बृजेश केसरवानी   वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन मंगलवार को भी यहां चिकित्सा व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के फैलाव को रोकने के लिए समुचित उपाये किये जा रहे हैं और जून से कोविड-19 वैक्सीन पर्याप्त उपलब्धता होगी, जिससे कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान आज एक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण तथा ड्रोन द्वारा गंगा नदी में निगरानी व्यवस्था का शुभारंभ किया। ड्रोन का संचालन सिगरा स्थित कोविड कंट्रोल रूम से किया जाएगा। गंगा में ड्रोन से निगरानी व्यवस्था की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में लगातार भेजी प्राप्त होगी। आधुनिक कैमरे अलग से ड्रोन की वीडियो और फोटो लेकर भेजेंगे। इसके अलावा ड्रोन की मदद से विभिन्न क्षेत्रों में एहतियाती तौर पर दवाओं के छिड़काव के साथ ग्रामीण इलाकों एवं शहर की सफाई व्यवस्था का समय-समय पर निरीक्षण भी होगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा चार ड्रोन मंगाये गए हैं।

उन्होंने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अंतिम दिन शिवपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहे कोरोना टीकाकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर वैक्सीन का पहला डोज लगवा रही सोनी एवं सौरभ शर्मा से उन्होंने कुशलक्षेम पूछा। सोनी और सौरभ ने बताया कि वैक्सीनेशन कराने के लिए कल ही उन्होंने सलॉट बुक कराया था तथा आज टीका लगवा लिया।

मुख्यमंत्री योगी ने यहां सर्किट हाउस में विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की और सस्ते गल्ले की सरकारी राशन की दुकानों पर लोगों को वितरित हो रहे खाद्यान्न वितरण को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए अपने दो-दो प्रतिनिधि वहां पर तैनात करने को कहा। उन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही खाद्यानन वितरण करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटरों पर भी दो-दो लोगों को तैनात कर वैक्सीनेशन कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी वहां स्वयं जाने की अपील की।

मुख्यमंत्री योगी शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस दौरान पंडित छन्नूलाल मिश्र मुख्यमंत्री से मिलकर संतुष्ट दिखे। इस दौरान श्री मिश्र की पुत्री ने एक निजी चिकित्सालय द्वारा विगत दिनों अपनी छोटी बहन की चिकित्सा में हुई लापरवाही की बात उन्हें कही।

राष्ट्रव्यापी आंदोलन नहीं होगा, काले झंडे लहरायेंगे

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। 26 मई को होने वाले राष्ट्रीय आंदोलन को किसान संगठनों ने अब वापस ले लिया है। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य सरकार की ओर से लागू बंदिशों के मद्देनजर किसानों ने यह फैसला लिया है। अब किसान अपने अपने स्थान से काले झंडे फहराएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में किसी तरह का आंदोलन या फिर सार्वजनिक सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कोई भी किसान दिल्ली की ओर मार्च नहीं करेगा। लोग जहां भी होंगे वही से काले झंडे दिखाकर विरोध जताएंगे।

विदित हो कि किसानों नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए लगभग 6 महीने गुजर चुके हैं। लेकिन सरकार ने तीनो कानूनों को वापस नहीं लिया है। अब किसानों द्वारा 26 मई को ब्लैक डे के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके मद्देनजर किसान अपने अपने स्थानों पर सरकार के खिलाफ विरोध जताएंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन एक बार फिर से सरकार रुख अपनाते हुए सरकार बातचीत करने के लिए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर चर्चा नहीं कर रही है। हम चाहते हैं कि तीनों किसी कानून हर हालत में वापस हो। विदित हो किसानों का कहना है कि जब तक बिल वापसी की नहीं घर वापसी नहीं। मोहाली में मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश ने यह बात कही थी। वह शहीद ए आजम भगत सिंह के परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे।

आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबा रहे हैं 'शव'

रांची। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच विभिन्न राज्यों से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कई जगह देखने में आया है कि शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। किसी के पास पैसे की दिक्कत थी तो कुछ शवो को आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबाना पड़ा।

कोरोना के इस संकट के बीच राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकते। जब भी मौका मिलता है, राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधती रहती हैं।अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में मरने वाले लोगों के लिए अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त में कफन मुहैया कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने जमकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। भाजपा ने वार करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर सीएम साहब दवाइयों की बात करते।

सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। भाजपा नेता दीपक प्रकाश ने ट्वीट के जरिए झारखंड के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा कि 'यह अजीब विडंबना है कि जहां एक और केंद्र सरकार देशवासियों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वहीं दूसरी और झारखंड की सरकार जनता को फ्री में कफन बाटने में जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर सरकार कफन की बात करने की वजह दवाइयां और इलाज उपलब्ध कराने पर जोर देती।

भाजपा के इस वार पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीखा पलटवार करते हुए लिखा कि 'आपकी घटिया राजनीति के कारण आपको सिर्फ कफ़न ही नजर आ रही हैं। हेमंत सरकार निशुल्क वैक्सीन भी दे रही है। पर आप और आपकी घटिया राजनीति की आपको सिर्फ कफ़न नजर आते है। वैसे आपके उत्तर प्रदेश में मां गंगा में तैरते शव, रेत में दबे गरीब के शव का नजारा ही शायद पसंद है

गलत आंकड़े पेश करने का खेल बंद करें सरकार

नरेश रघानी  

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आंकड़ेबाजी छोड़कर राज्यों को अधिकाधिक वैक्सीन उपलब्ध करने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश में जनता को गुमराह करना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर कम आंकड़े पेश करने का खेल बंद करना चाहिए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने सोशल मीडिया के जरिए राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में न अस्पतालों की दशा सुधरी, न स्टाफ़ लगाया, न आक्सीजन प्लांट लगाये, बैड और दवा की कालाबाजारी होती रही, मरीज अस्पताल के दरवाजे पर मरते रहे, मौत के आंकड़े छुपाते रहे, पचास प्रतिशत वैक्सीनेशन राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी, प्रदेश की जनता को गुमराह करते रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता आपकों कभी माफ़ नहीं करेगी। इसी तरह उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार को आंकड़ेबाजी छोड़ने का सुझाव देने से पहले मुख्यमंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर कम आंकड़े पेश करने का खेल बंद करें तो मुनासिब होगा।

उल्लेखनीय है कि आज ही अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आंकड़ेबाजी छोड़कर राज्यों को अधिकाधिक वैक्सीन उपलब्ध करना सुनिश्चित करना चाहिए। यदि तीसरी लहर ने बच्चों को प्रभावित किया तो देश कभी माफ नहीं करेगा।

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

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