सोमवार, 24 मई 2021
सरकार को टीकाकरण की कोई परवाह नहीं: राहुल
जम्मू कश्मीर: ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया
इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी घोषित कर दिया। इस संबंध में केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने महामारी बीमारी अधिनियम, 1897 की धारा दो के तहत अधिसूचना जारी की।इससे कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने का निर्देश दिया था।
अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी और निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इस बीमारी की जांच, पहचान और इलाज के संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी दिर्शानिर्देशों का पालन करना होगा। केंद्र शासित प्रदेश में शुक्रवार को ब्लैक फंगस की वजह से मौत का पहला मामला दर्ज किया गया।
1 जून तक लाॅकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया
महामारी से मौत, मुआवजे पर केंद्र से जवाब मांगा
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से सोमवार को जवाब मांगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने केन्द्र को कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
पीठ ने कह कि इसके लिये समान नीति अपनाई जाए। शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में केन्द्र तथा राज्यों को 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने कहा कि जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी, जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड था, तब तक मृतक के परिवार वाले किसी भी योजना के तहत, अगर ऐसी कोई है, मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे। पीठ ने केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिये 11 जून की तारीख तय की।
हादसा: डबल डेकर बस पलटीं, 6 गंभीर 29 घायल
155-165 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी
अकांशु उपाध्याय
भुवनेश्वर/कोलकाता/लखनऊ। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘यास’ में बदल गया है और इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। मौसम विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी। कोलकाता के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक संजीब बंदोपाध्याय ने बताया कि ‘यास’ के 26 मई की दोपहर को पारादीप और सागर द्वीपों के बीच होते हुए ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों से गुजरने का अनुमान है।
यह एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान होगा। जिसमें 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार की सुबह यह दबाव का क्षेत्र ओडिशा के पारादीप तथा पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच था और इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा मंगलवार तक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने का अनुमान है। विभाग के अनुसार बुधवार सुबह तक ‘यास’ अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात पर नजर रखने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य सचिवालय नबन्ना में नियंत्रण कक्ष खोले हैं। उन्होंने बताया कि तटीय जिलों पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण तथा उत्तर 24 परगना, हावड़ा तथा हुगली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यहां कुछेक स्थानों पर 25 मई से भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 26 मई को झारग्राम, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण तथा उत्तर 24 परगना, हावड़ा तथा हुगली और कोलकाता में जयादातर जगहों पर हल्का से मध्यम और एक या दो स्थानों पर भारी से ले कर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।
ओडिशा सरकार ने बचाव दलों को तैनात किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने की योजना बना रही है। विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया कि ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल और दमकल सेवा कर्मियों को तैनात किया है।
उसका अनुमान है कि बालासोर तथा भद्रक जिलों में चक्रवात का बहुत अधिक असर हो सकता है। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया, ”ओडिशा के चार तटीय जिले बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा तथा जगतसिंहपुर इस चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं।” उन्होंने बताया कि 120-165 प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और ओडिशा में भारी बारिश होगी। जेना ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन को योजना बनाने को कहा गया है।
लखनऊ। चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ के बाद अब बंगाल की खाड़ी से उठ रहे तूफ़ान ‘यास’ को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक चक्रवाती तूफान यास का असर उत्तर प्रदेश में 28 से 30 मई तक रहेगा। इस दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, आजमगढ़, बनारस सीतापुर, हरदोई आदि में जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
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अनियंत्रित ट्रैक्टर ने मारी टक्कर, 3 की मौत 1 घायल
कम लक्षण वालों की चिकित्सा उनके घर पर होगी
वहीं संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। सरकार का मानना है कि समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।
परीक्षा करा कर एक माह में परीक्षा परिणाम: यूपी
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल कॉलेज से लेकर परीक्षा भी पूरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में उन बच्चों का भविष्य भी अधर में लटक गया था जो अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे और परीक्षा बेहद नजदीक थी। मगर बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार को लॉकडाउन की घोषणा करनी पड़ी और परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी।
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहां है कि यूपी की बोर्ड परीक्षा की तैयारियां पूरी है। भारत सरकार द्वारा जिस तिथि से परीक्षा कराए जाने के संबंध में सुझाव प्राप्त होंगे उसी तिथि से परीक्षा करा कर एक माह के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। वहीं यूपी में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री खुद निर्णय लेंगे। जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि यूपी की बोर्ड परीक्षाएं संपादित करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी। वही बोर्ड परीक्षा देने वाले 18 वर्ष से ऊपर के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए भी अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। सीबीएसई बोर्ड की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अध्यक्षता की थी। जिसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने अपने अपने सुझाव भी दिए थे। बैठक में तय हुआ कि जैसे ही कोरोना संक्रमण कम होगा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा कराई जाएगी।
दिल्ली: बिना राशन कार्ड भी गरीबों को मिलेगा राशन
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को थामने के लिए लगाए गए लाॅकडाउन की वजह से रोजाना कमाकर खाने वाले गरीब लोगों को भूखे पेट ना सोना पड़े। इसलिए सरकार ने राजधानी में ऐसे लोगों को भी राशन देने का फैसला लिया था। जिनके पास अभी तक राशन कार्ड नहीं है। ऐसे लोगों के लिए इस सप्ताह पंजीकरण शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर लिंक दिया जाएगा। कुछ सरकारी तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद पंजीकरण आरंभ कर दिए जाएंगे।
सोमवार को दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि गरीबी की रेखा के तहत राशन पाने के लिए किसी भी तरह के आय प्रमाण पत्र अथवा गरीबी रेखा का प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए सिर्फ ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद लाभार्थी को एक ई-कूपन मिलेगा। जिसे दिखाने मात्र से ही संबंधित को राशन दे दिया जाएगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि पंजीकरण कराने के बाद जो भी व्यक्ति यह ई-कूपन प्राप्त करेगा। उसे राशन दे दिया जाएगा। सरकार की मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत संबंधित व्यक्ति को 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिलेगा। दिये जाने वाले खाद्यान्न के बदले कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। गौरतलब है कि 3 दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राजधानी दिल्ली में 17.50 राशन कार्ड से लगभग 7200000 लोगों को हर महीने राशन प्राप्त होता है। परंतु दिल्ली में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो बाहर से आकर रोजी रोटी कमा रहे हैं। रोजाना कमाकर खाने वाले लोगों की आमदनी पर गहरा असर पड़ा है। राशन कार्ड धारकों को भी राशन देने के लिए इसी सप्ताह पंजीकरण के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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