बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

स्थापित हुआ प्रदेश का दूसरा आईटीएमएस सिस्टम

हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थापित हुआ प्रदेश का दूसरा आईटीएमएस सिस्टम
शिमला। हिमाचल प्रदेश का पहला आईटीएमएस कुल्लू में स्थापित करने के बाद राज्य का दूसरा... सिस्टम मनाली में लगाया गया जिससे यातायात नियमों की पालना को बढ़ाने के लिए मनाली शहर के अंदर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर 136 वाहन चालकों के ट्रैफिक चालान नंबर प्लेट पढ़ने वाले सीसीटीवी कैमरों द्वारा किए गए हैं।इनमे बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग के चालान शामिल हैं।
जिनमें मनाली एमसी एरिया में लगे कैमरों द्वारा वाहन चालक की नंबर प्लेट को रीड करके चालक द्वारा किए गए ट्रैफिक वॉयलेशन को रिकॉर्ड करके उसकी फोटो ,उस दिन की तारीख व समय के साथ चालक के पते पर भेजा गया है। आईटीएमएस सिस्टम मनाली में भी रैश ड्राइविंग,बाइक स्टंट, विथाउट हेलमेट,ट्रिपल राइडिंग , यूजिंग मोबाइल,ओवरस्पीडिंग इत्यादि को कैमरों से डिटेक्ट करके चालान कर रहा है।चालान का भुगतान ट्रैफिक कंट्रोल रूम मनाली रामबाग या पोलिस थाना मनाली में 7 दिन के अंदर किया जा सकता है। उसके बाद चालान कोर्ट में भेज दिया जाएगा। कुल्लू पुलिस की सभी चालकों से अपील है। कि ट्रैफिक नियमों का पालन कर कैमरों से चालान होने से बचें।

देश की पहली युवा महिला पायलट बनी आयशा

25 वर्ष की आयू में देश की पहली युवा महिला पायलट बनी आयशा अजीज
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर एक 25 वर्षीय युवती इन दिनों चर्चाओं का विषय बनी हुई है। अपकी जानकारी के लिए बता देंज कि जम्मू के कश्मीर की रहने वाली 25 वर्षीय आयशा अजीज देश की पहली युवा महिला पायलट बनी हुई है। आयशा की कामयाबी के लिए कश्मीरी महिलाएं उन्हें अपनी एक सशक्त प्रतिनिधि के रूप में देखने लगी हैं।
अब देश की यह युवा महिला पायलट रूस के सोकोल एयरबेस पर फाइटर प्लेन मिग-29 उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया। बाद में आयशा ने बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से एविएशन में ग्रेजुएट किया और साल 2017 में कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस हासिल किया आयशा 15 साल की उम्र में पायलट लाइसेंस पाने वाली सबसे युवा छात्र भी रही हैं। आयशा बताती हैं। कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर की महिलाओं ने काफी प्रगति की है।

लाहुल में हिमपात, टलन यातायात के लिए बाधित

लाहुल में ताजा हिमपात, अटल टलन यातायात के लिए बाधित, देखिए तस्वीरें
श्रीराम मौर्य
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में बिते दिन हुई बर्फबारी ने एक बार फिर लोगों की परेशानी बड़ा दी है। लाहुल के सिस्सू में 2 से 3 इंच ताजा बर्फबारी हुई है। वहीं प्रदेश भर में 3 से 5 फरवरी तक मौसम खराब होने की संभावना है।
वहीं इस बर्फबारी के बाद अटल टनल रोहतांग की वहानों की अवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता कि प्रदेश में आगामी दिनों में बर्फबारी की पूरी संभावना जताई गई है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, प्रशासन तैयारी में जुटा

संदीप मिश्रा   
लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा हैं। चुनाव में ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्यों के पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा निर्धारित कर दी गई हैं। इसके तहत ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार को अधिकतम 75 हजार तथा जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को 1.50 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर गांव में सरगर्मी काफी बढ़ गई है। उम्मीदवार चुनाव को लेकर अपनी अपनी तैयारी में लगे हैं। स्थानीय चुनाव कार्यालय तथा ब्लॉक कार्यालयों में भी चुनाव को लेकर कार्य तेज हो गया है। सूची तैयार करने के लिए मतदाताओं के नाम कंप्यूटर में फीड किए जा रहे हैं। 
वहीं जमानत राशि तथा खर्च की सीमा भी तय कर दी गई है। इसके मद्देनजर ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य तीन-तीन हजार तथा जमानत की धनराशि दो-दो हजार रुपये निर्धारित की गई है। इस पद के उम्मीदवार अधिकतम 75 हजार खर्च कर सकेंगे। जबकि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 150 रुपये, जमानत की धनराशि 500 रुपये तथा खर्च की अधिकतम सीमा 10 हजार तय की गई है। जिला पंचायत सदस्य के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 500 रुपये तथा जमानत राशि 4 हजार रुपए तय की गई है। जबकि खर्च की अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपए निर्धारित किया गया है।

पीएम मोदी के जुल्म की इंतेहा, बाइडेन मुंह खोलेंगे

जिस दिन मोदी के जुल्म की इंतेहा होगी और बाइडेन मुंह खोलेंगे, उस दिन नारंगी संतरों का चेहरा देखने लायक होगा

नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। सिर्फ रिहाना ही नहीं, दुनिया भर की नामी-गिरामी हस्तियों ने भारत के किसानों का समर्थन किया है। किसानों के रास्ते में कीलें बिछाकर और दीवार खड़ी कर मोदी दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुके हैं।
फिलहाल जितना दबाव मोदी पर है। उससे कहीं ज़्यादा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर है। जिस दिन मोदी के ज़ुल्म की इंतेहा होगी और बाइडेन मुंह खोलेंगे, उस दिन नारंगी संतरों का चेहरा देखने लायक होगा। वैसे अगर मोदी आज फारेन टूर पर निकल गए तो विदेशी मीडिया उनके सामने फूल नहीं सवालों के तीर फेंकेगा। 
ग्रेटा थनबर्ग लिली, अमांडा सरने, वनीसा नकाते, ह्यूमन राइट्स वॉच, जेमी मारगोलिन, अन्नालिसा मारेली, जॉन क्यूसेक, क्लाउडिया वेब्बे ने किसानों का समर्थन किया है। बाकी खबर है। कि रिहाना का नाम बदलकर रहाणे करने की योजना है।

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, नहीं मिलेगी नौकरियां

सरकार का नया फरमान- अगर किया सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

अविनाश श्रीवास्तव    
पटना। ठंड के मौसम में सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ किसान आंदोलन और बजट को लेकर आरोप - प्रत्यारोप का दौर जारी है। तो वहीं अब हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। 
बताया जा रहा है। कि अगर आप किसी भी मांग को लेकर प्रदर्शन करते है। तो आपको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। दरअसल बिहार में अगर आपने अपने किसी भी मांग को लेकर प्रदर्शन किया तो फिर आपके लिए मुसीबत हो सकती है।
नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को एक नया फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया है। कि अगर राज्य में कोई प्रदर्शन करता है। तो फिर पुलिस के द्वारा उसका आचरण प्रमाण पत्र खराब किया जा सकता है। 
बिहार पुलिस के नए फरमान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी विधि व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामले में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है। और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्र जारी किया जाता है। तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए।
ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा। तो वहीं दूसरी तरफ नीतीश सरकार के इस ताजा फरमान को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन पर हमला बोला है। और कहा है। कि नीतीश कुमार अपने फैसलों के जरिए मुसोलिनी और हिटलर को भी चुनौती दे रहे हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके लिखा, 'मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं। कि अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी।
मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध प्रकट भी नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डरे हैं। बताना लाजमी है। कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल की ओर से जारी किए गए इस फरमान में कहा गया है। कि सरकारी ठेका, सरकारी नौकरी, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन लेना आवश्यक है।
इस पत्र में डीजीपी एसके सिंघल ने कहा है। कि यदि कोई राज्य में प्रदर्शन के दौरान अपराधिक घटना को अंजाम देता है। और ऐसा करने के लिए अगर पुलिस द्वारा उसे चार्जशीट किया जाता है। तो इसके बारे में संबंधित व्यक्ति के चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में इस बात का जिक्र होना चाहिए। 

पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर कहा- गलत तरीके से बनाता है शारीरिक संबंध
ग्वालियर। पुलिस थाना गिरवाई में एक नर्स ने अपने दूसरे पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। महिला नर्स का दूसरा पति रेलवे कर्मचारी है। एवं मुंबई में पदस्थ है। महिला नर्स का आरोप है। कि उसका पति उसे वाइफ स्वैपिंग के लिए मुंबई ले जाना चाहता है। 
उल्लेखनीय है। कि मुंबई में कुछ वाइफ स्वैपिंग क्लब और ग्रुप है। जहां लोग अपनी पत्नियों के साथ जाते हैं। और फिर किसी और की पत्नी के साथ रात बिताते हैं। जबकि उनकी पत्नी किसी और के साथ दूसरे कमरे में होती है। पहले पति से तलाक लेकर 25,00,000 रुपए स्थाई भरण पोषण लिया था।
उसका साल 2019 में पति से तलाक हो गया था। तलाक के बाद महिला को स्थायी भरण पोषण के लिए 25 लाख रुपए व 5 लाख रुपए के जेवरात मिले। तलाक के बाद महिला ने दतिया के रहने वाले रेलवे कर्मचारी विनोद बघेल से शादी कर ली। विनोद बघेल वर्तमान में मुंबई में पदस्थ है। 
महिला ने शिकायत में बताया है कि शादी पक्की होने के बाद ही विनोद ने उसके साथ गलत तरीके से शारीरिक संबंध बनाए। उसके विरोध करने पर भी नहीं माना। इसके बाद जब शादी हो गई तो 20 दिन साथ में रहा। तब भी वह गलत तरीके से शारीरिक शोषण करता रहा।
इस पर रेलवे कर्मचारी पति ने कहा कि मुम्बई में उसने एक ग्रुप ज्वाइन कर रखा है। यह ग्रुप वीकेंड पर पार्टी करता है। इस ग्रुप में लाइफ पार्टनर को बदलकर सभी एन्जॉय करते हैं। इसीलिए तुमको वहां ले जा रहा हूं। जब महिला नहीं मानी तो आरोपी विनोद ने उसे पीटा और छोड़ दिया। इसके बाद बाद उसने थाने पहुंचकर शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

बॉर्डर: किसानों की मदद के लिए आगे आए नागरिक

सिंघू बॉर्डर पर किसानों की मदद के लिए आगे आये स्थानीय नागरिक, किसानों को दे रहे ये सुविधाएं
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। अदालत ने सिंघु बॉर्डर पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी है। अदालत  ने उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है। अब वह आज शाम या कल तक रिहा हो सकते हैं। मनदीप ने स्वयं को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था।  बता दें पुलिस ने उस पर लोगों को भड़काने व कामकाज में बाधा पंहुचाने का आरोप लगाते हुए जमानत आवेदन पर विरोध जताया था। रोहिणी अदालत के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला मंगलवार को सुनने का निर्णय किया था। जिस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने मनदीप को जमानत दे दी।
वहीं दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान बिजली कटौती, पानी, और साफ-सफाई के अभाव  जैसी समस्याओं से किसानाें को दो- चार होना पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा  का कहना है। कि सुरक्षा बढ़ाना और लोगों एवं गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है। कि किसानों को खाना, पानी और बिजली, टॉयलेट जैसी बुनियादी जरूरत की चीज़ें भी न मिलें। इसी के विरोध में छह फ़रवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक, तीन घंटे का चक्का जाम किया जाएगा। 
ऐसे में स्थानीय लोग किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं।  स्थानीय लोगों ने किसानों को बिजली से लेकर अपने घरों के शौचालयों तक के इस्तेमाल की इजाजत दे रहे हैं। किसान सिंघू बॉर्डर के दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के पटिलाया जिले के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हम 27 जनवरी से रात में बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। अगर स्थानीय लोग नहीं होते तो हमें पूरी रात बिना बिजली के रहना पड़ता। वे बिजली देकर और अन्य चीजें देकर हमारी मदद कर रहे हैं। और हमसे शुल्क भी नहीं ले रहे हैं।
धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआत में तो चिंता हो रही थी। कि कहीं रात के अंधेरे का फायदा शरारती तत्व न उठा लें। ईश्वर का शुक्र है। कि स्थानीय लोगों की मदद और स्वयंसेवकों की एक टीम 24 घंटे निगरानी करती है। ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। एक अन्य किसान कहते हैं कि स्थानीय लोग अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं। आसपास के लोग  महिलाओं की हर संभव तरीके से मदद कर रहे हैं। वे उन्हें अपने शौचालय इस्तेमाल करने दे रहे हैं। वे जानते हैं। कि सरकार हमारे आंदोलन को कुचलना चाहती है। और वे हमारी दिल से मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगे न माने जाने तक वे एक इंच नहीं हिलेंगे। 
एक अन्य किसान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने हमेशा से काफी अच्छा बर्ताव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले प्रदर्शन स्थल पर हुआ हमला स्थानीय लोगों ने नहीं किया था। बल्कि एक राजनीतिक पार्टी द्वारा भेजे गए गुंडों ने किया था। बता दें कि तीन जनवरी को सिंघू बॉर्डर पर राजमार्ग के एक हिस्से में किसानों और कुछ लोगों के बीच संघर्ष हुआ था। इन लोगों का दावा था कि वे स्थानीय हैं। कई किसानों ने कहा कि गणतंत्र दिवस की घटना के बाद स्थिति और खराब हुई है।  प्रशासन ने उन्हे परेशान करने के लिए  बॉर्डर पर बिजली, पानी, टॉयलेट और इंटरनेट सेवाओं को बंद दी है। 

लोकतंत्र: हर दिन कतरा-कतरा खत्म

आपका लोकतंत्र हर दिन कतरा-कतरा खत्म हो रहा है?
हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। लोकतंत्र धीरे-धीरे दशकों में बनता है। और वैसे ही उसे धीरे-धीरे खत्म किया जाता है। आज के मीडिया की तरह। लोकतंत्र का बनना, मजबूत होना, कमजोर होना या खत्म होना कोई धमाकेदार घटना नहीं है। इसे बारीक नजर से देखना पड़ता है। क्या आपको अपने उस लोकतंत्र की चिंता है। जिसे ‘दुनिया के सबसे बड़े लाकतंत्र’ का खि‍ताब हासिल है?
छह-सात साल पहले से प्रचारित करना शुरू किया गया कि सरकार, प्रशासन और सत्ता से जो लोग सवाल करते है। वे देश का नुकसान करते हैं। फिर व्यक्ति‍ विशेष के लिए कहा गया कि उनकी आलोचना ही देश की आलोचना है। ये सिलसिला यहां तक आ पहुंचा है। कि एक रिपोर्ट या एक ट्वीट के लिए पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है।
कानपुर में 24 जनवरी को एक स्कूल यूपी स्थापना दिवस मनाया गया इस दौरान छोटे बच्चों को हाफ पैंट पहनाकर, बिना स्वेटर के योग कराया गया अधि‍कारी सूटबूट में बैठे देखते रहे। ये खबर प्रसारित करने के लिए तीन पत्रकारों पर मुकदमा कर दिया गया। तीनों पत्रकारों पर सार्वजनिक दुर्व्यवहार और आपराधिक धमकी" देने का आरोप लगाया गया है।
गौर कीजिए कि आज ही जेल से छूटे युवा पत्रकार मनदीप पुनिया पर भी ‘दुर्व्यवहार’ का आरोप है।
किसान आंदोलन को कवर करने वाले, उस बारे में ट्वीट करने वाले 9 पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है। और राजद्रोह जैसे आरोप लगाए गए हैं। ट्रैक्टर परेड में एक युवक नवरीत सिंह की मौत हो गई। इन पत्रकारों ने कहा था। कि नवरीत की मौत ‘कथि‍त तौर पर’ गोली से हुई है। इसी बात को लेकर कहा गया कि इन पत्रकारों ने झूठ बोला और जनता को भड़काया।
यानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोटोग्राफिक सबूत कहते हैं, कि नवरीत के सिर में कम से कम एक गोली का जख्म है। वहां मौजूद लोगों ने जो वीडियो लिए और उसके शरीर को चेक भी किया था। उनके मुताबिक, पहले नवरीत को पुलिस की गोली लगी और बाद में उसका ट्रैक्टर पलट गया।
यानी जो बात सच के कहीं आसपास थी। उसके लिए तमाम लोगों की भावनाएं आहत हो गईं और पत्रकारों पर केस हो गया। एक युवक की मौत की ईमानदार जांच की जगह पत्रकारों की कलम पर भाले और तलवार तानी जा रही है।
क्या अब किसी की मौत की रिपोर्ट करना अपराध माना जाएगा। पत्रकार कोई खबर चलाते हैं। तो पुलिस के वर्जन का ख्याल रखते हैं। या फिर लिखते हैं कि ऐसा आरोप है। यह मानक है। इसके बगैर खबर नहीं चलाई जाती। अगर कोई रिपोर्ट सच नहीं है। तो प्रशासन इसका खंडन कर देता है। या सफाई दे देता है। मनदीप पुनिया पुलिस का ही वर्जन लेने का प्रयास कर रहे थे। जब उन्हें पकड़ कर जेल भेज दिया गया।
क्या अब पुलिस बनाम जनता के किसी मसले पर मीडिया दोनों पक्ष नहीं रखेगा द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन का अपराध यही है। कि उन्होंने मृतक नवरीत के परिजनों से बातचीत की। क्या अब पीडि़त का पक्ष दिखाना अपराध होगा।
एक महीने में एक दर्जन पत्रकारों पर केस दर्ज करके गंभीर धाराएं लगाना, उन्हें जेल भेजना, उनको प्रताडि़त करना, इसे सामान्य मत समझिए। मीडिया से इतनी अपेक्षाएं इसीलिए हैं। कि वह जनता की आवाज माना जाता है। मीडिया का मुंह बंद करके जनता की आवाज को कुचलने की कोशि‍श की जा रही है। आपका लोकतंत्र हर दिन कतरा-कतरा खत्म हो रहा है।

अलीगढ़: गांव के ही तीन लोगों ने किया गैंगरेप

अलीगढ़ में खेत पर गई लड़की से गांव के ही तीन लोगों ने किया गैंगरेप

अलीगढ़। एक नाबालिग के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस इस मामले में तीनों आरोपियों की तलाश में जुटी है। बता दें कि यूपी के अलीगढ़ में नाबालिग से गैंगरेप करने वाले तीनों आरोपी गांव के ही रहने वाले हैं। 
पुलिस के अनुसार पीड़िता खेत गई थी इसी दौरान आरोपियों ने उसे जबरन पकड लिया और उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। उन्होंने लड़की को धमकाया और किसी से कुछ न बताने के लिए कहा, लेकिन लड़की घर पहुंची और उसने पुरे मामले की जानकारी माता-पिता को दी। जिसके बाद परिजन उसे लेकर पुलिस थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया।
वहीं पुरे मामले पर पुलिस ने कहा कि तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है। यह पूरा मामला मंगलवार को सामने आया है। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट भी कराया हुआ है।

देश की अर्थव्यवस्था में शराबियों का बड़ा हाथ

चंडीगढ़। कोरोना काल में जब अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। तब सरकार ने लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने का फैसला किया। कहना गलत नहीं होगा की देश की अर्थव्यवस्था में शराबियों का बड़ा हाथ है। खैर छोड़ो मजे दार बात तो ये है कि हरियाणा के जींद जिले के लोगों ने शराब पीने में एक तरफ से रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दरअसल आपको जानकर हैरानी होगी कि जींद जिले के लोग केवल आठ माह में ही 140 करोड़ रुपये की शराब गटक गए हैं। उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) रणधीर सिंह ने बताया कि शराब ठेकों से जिला आबकारी विभाग के पास लगभग 140 करोड़ रुपये का राजस्व आठ माह में मिल गया है।
160 करोड़ रुपये का विभाग का टारगेट मिला है। इसे भी समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि सरकार की नई आबकारी नीति के तहत जींद के आबकारी विभाग को 160 करोड़ के राजस्व हासिल करने का टारगेट मिला था। और विभाग आठ माह में ही टारगेट के बहुत निकट पहुंच चुका है। कोरोना में लॉकडाउन के कारण तीन महीने तक शराब ठेके बंद भी रहे, फिर भी सरकार के खजाने में जींद के लोगों ने 140 करोड़ रुपये पहुंचा दिए हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष मार्च माह में नई आबकारी नीति को लागू किया गया था और 23 मार्च को ही कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया था।
जिसके चलते शराब ठेकों को बंद कर दिया गया था। हरियाणा प्रदेश में 7500 करोड़ रुपये और जींद जिले में 160 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य सरकार ने रखा था। अनलॉक हुआ और छह मई से नई नीति लागू हो पाई। तब से 31 जनवरी तक जींद के आबकारी विभाग को शराब ठेकों से 140 करोड़ का राजस्व मिला है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले भी काफी बेहतर है।
फिलहाल वर्तमान वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग द्वारा कुल 284 शराब ठेके और उप ठेके खेले गए हैं। इनमें शराब के 104 ठेके और 180 उप ठेके हैं। विभाग द्वारा देशी शराब का कोटा 64.80 लाख प्रूफ लीटर और अंग्रेजी शराब का 7.28 लाख प्रूफ लीटर निर्धारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष की शराब ठेकों को लेकर लाइसेंस फीस 108 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य: वित्त मंत्री

अगले 14 महीने में क्या होने जा रहा है वह समझिए 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए साल 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये विनिवेश के जरिये जुटाने का ऐलान किया था।
दोनों साल की विनिवेश की रकम जोड़ ले तो कुल तीन लाख 85 हजार करोड़ रुपये होती है। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक विनिवेश के जरिये सरकार को केवल 17,958 करोड़ रुपये हासिल हुए है।
इसलिए इक्वेशन यह है। कि अगले 14 महीने में सरकार को कुल तीन लाख 67 हजार करोड़ रुपये की रकम हासिल करनी है। यानी इन 14 महीनो में मोदी सरकार 70 सालो से इकठ्ठा हुई देश की संपत्ति को बेचने जा रहे है।

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...