सोमवार, 21 सितंबर 2020

सांसद ने किया प्रतिमा के सामने प्रदर्शन

सदन की गरिमा गिराने वाले निलंबित सांसदों ने किया गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्र सरकार विपक्ष के विरोध के बीच दोनों बिलों को राज्यसभा में पास कराने में सफल रही। किन्तु इस दौरान विपक्षी दलों के कुछ सांसदों के कारण सदन की मर्यादा तार-तार हो गई। विपक्ष के कई सांसद मर्यादा को लांघ कर उपसभापति के चेयर तक पहुंच गए। इस दौरान माइक तोड़ दिए गए और रूल बुक भी फाड़ दी गई। कुछ सांसदों पर सदन के मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार करने की भी खबर है।
सांसदों की शर्मनाक हरकत के लिए आज सभापति वैंकेया नायडू ने राज्यसभा के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया है। निलंबित किए गए सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव केके रागेश, रिपुन बोरा डोला सेन सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम शामिल हैं।सभापति वैंकेया नायडू ने कहा।कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था।जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। इस दौरान डिप्टी चेयरमैन को शारीरिक रूप से खतरा था।  यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं।कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें।विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। कार्यवाही के स्थगन के विपक्षी दलों के अनुरोध की अनदेखी के बाद जिस तरह से सदन में दो कृषि विधेयकों को पारित किया गया।उसे लेकर ही यह नोटिस दिया गया है।               


64 डॉक्टरों के परिवार को मिले ₹5 लाख

कोरोना से लड़ते हुए जान गँवाने वाले 64 डॉक्टरों के परिवारों को मिले 50 लाख रुपए प्रति डॉक्टर      


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। देश में डॉक्टरों की शीर्ष संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से, 382 डॉक्टरों की सूची पेश किए जाने के बाद जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान कोविड-19 के हाथों जान गंवाई सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया।कि केवल 155 डॉक्टरों और हेल्थवर्कर्स के परिवारों को ही।कोविड।19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के तहत, वादा की हुई बीमे की रक़म मिली थी। जिन 155 स्वास्थ्यकर्मियों के परिवारों को उनकी मौत के बाद 50 लाख रुपए की बीमा राशि मिली उनमें 64 डॉक्टर थे।
महाराष्ट्र में जो सबसे अधिक कोविड-19 प्रभावित राज्य है। 21 परिवारों को बीमा सहायता मिली जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है। गुजरात और पश्चिम बंगाल दोनों में 14-14 परिवारों को ये राशि मिली। 12 लाभार्थी आंध्र प्रदेश में और 10 तमिलनाडु में थे। इस संख्या में आशा वर्कर्स और ऑग्ज़ीलियरी नर्स मिडवाइव्ज़ (एएनएम) भी शामिल हैं। ‘कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत।ये बीमा स्कीम 30 मार्च को घोषित की गई थी। शुरू में ये स्कीम केवल तीन महीने के लिए थी।लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।                 


एक्सप्रेस-वे पर हादसे में 4 लोगों की मौत

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्स्प्रेस वे पर हादसे में 4 की मौत।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। बीती रात को गाजियाबाद में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर भयंकर हादसा हुआ। एक तेज रफ्तार अर्टिगा गाड़ी खड़े हुए कैंटर में जा घुसी। । मुरादनगर थाना क्षेत्र में दुहाई के पास हुए इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई।  इस हादसे से कुछ देर पहले ही राज नगर एक्सटेंशन एलिवेटेड रोड पर भी हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी।आपको बता दें कि एग्जाम देकर वापस लौट रहे चार युवक अर्टिका गाड़ी में थे। गाड़ी की रफ्तार काफी तेज बताई जा रही है। गाड़ी अचानक पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे खड़े कैंटर में जा घुसी। बताया जा रहा है।कि ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक वक्त पर ब्रेक नहीं लगा पाया था। हादसा इतना भयानक था। कि दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाकी दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां सुबह दोनों ने दम तोड़ दिया।             


ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर की बैठक

ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर की बैठक संपन्न। 


राजू सक्सेना


कौशांबी। चायल तहसील क्षेत्र के भरवारी कस्बे के एक रेस्टोरेंट में ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन प्रयागराज की बैठक संपन्न हुई है। बैठक की अध्यक्षता जितेंद्र कुमार ने की है, और संचालन गौरव केसरवानी ने किया है।
ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन की बैठक में एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स को संगठित करने के लिए उन्हें प्रेरित किया गया है और सदस्यता अभियान चलाते हुए डिस्ट्रीब्यूटर्स को सदस्यता ग्रहण कराई गई है। इस बैठक में एलपीजी वितरण में आने वाली दिक्कतों पर सदस्यों ने अपने विचार रखे,और उसके समाधान के लिए सदस्यों ने कहा कि,वह इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए समस्याओं का निदान कराने का प्रयास करेंगे। बैठक में अनिल सिंह, प्रदीप जयसवाल,मोहित मिश्रा, सुरेंद्र जायसवाल,श्याम कृष्ण मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


 


लापरवाही इंस्पेक्टर सहित 3 लाइन हाजिर

अनियमितता लापरवाही पर नैनी इंस्पेक्टर समेत तीन को किया गया लाइन हाजिर।


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित के कार्यकाल में नियुक्ति पाने वाले लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। रविवार को ऐसे ही तीन पुलिसकर्मियों को उनकी वर्तमान तैनाती से हटा दिया गया इनमें नैनी इंस्पेक्टर राजकिशोर समेत तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं। तीनों को लाइन भेज दिया गया है,जिन तीन पुलिसकर्मियों को रविवार को लाइन हाजिर किया गया,उनमें नैनी इंस्पेक्टर राजकिशोर,अरैल चौकी प्रभारी धीरेंद्र सिंह व नैनी कस्बा चौकी प्रभारी राकेश राय शामिल हैं। पुलिस की ओर से बताया गया कि तीनों को कार्य में अनियमितता, लापरवाही व कानून व्यवस्था में शिथिल नियंत्रण पर हटाया गया। बता दें कि पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित के कार्यकाल में जिन इंस्पेक्टरों की बतौर प्रभारी तैनाती खासा चर्चा में रही,उनमें राजकिशेार भी शामिल थे।करीब साल भर पहले उन्हें जोन कार्यालय से गैर जनपद स्थानांतरित किया गया था। पूर्व में भी कई गंभीर मामलों में उनकी ओर से लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी मऊआइमा में उनके कार्यकाल में हुई एक मुठभेड़ भी खासा चर्चा में रही, जिसमें गिरफ्तार बदमाश इश्तियाक के कब्जे से बिना ट्रिगर वाला तमंचा बरामद किया गया था। पुलिस का दावा था कि यह बदमाश बैंक मैनेजर अनिल कुमार दोहरे हत्याकांड में शामिल था,जिसे मुठभेड़ में पकड़ा गया लेकिन बिना ट्रिगर वाले तमंचे की बरामदगी ने दावों पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए थे।
इससे पहले थरवई में बतौर प्रभारी तैनाती के दौरान खुलासे की जल्दबाजी में उन्होंने दोहरे हत्याकांड में दीवान के निर्दोष बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था,बाद में पता चला कि हत्याकांड को स्मैक के लती गिरोह ने लूट की नीयत से अंजाम दिया था। जिसके बाद दीवान के बेटे को निर्दोष करार दिया गया नैनी में तैनाती के साथ ही उन पर कई अन्य तरह के भी आरोप लगे यह भी चर्चा रही कि आवास होने के बावजूद उन्हें नैनी में पोस्टिंग दी गई इसी तरह कस्बा चौकी प्रभारी राकेश राय को भी नियमविरुद्ध तरीके से तैनाती दी गई नैनी मेें यह उनकी दोबारा तैनाती थी। जबकि रीपोस्टिंग पर मुख्यालय स्तर से रोक है। इसके अलावा अरैल चौकी प्रभारी धीरेंद्र सिंह का भी आवास नैनी में होने के बावजूद उन्हें थाना क्षेत्र स्थित चौकी का प्रभारी बनाया गया अनियमितता की शिकायतें मिलीं थीं जिस पर जांच कराई गई। प्रारंभिक रूप से आरोप सही पाए गए,जिस पर तीनों पुलिसकर्मियों को फिलहाल लाइन हाजिर कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई विस्तृत जांच रिपोर्ट मिलने के बाद की जाएगी। सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, उपमहानिरीक्षक,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक।               


मेलाः दूर-दूर बसेंगे संत-कल्पवासियों के डेरे

शुरू हुआ माघ मेले की तैयारी, कोरोना के मद्देनजर बढे़ंगे सेक्टर,दूर-दूर बसेंगे संतों-कल्पवासियों के शिविर।


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। कोविड-19, करोना के संक्रमण के बीच संगम की रेती पर माघ मेला बसाने की तैयारियां आरंभ हो गई हैं।सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए इस बार मेला सेक्टर बढ़ाए जाएंगे संतों और कल्पवासियों के शिविरों को दूर-दूर बसाया जाएगा मेला। कितने सेक्टर में बसेगा,और इसका स्वरूप क्या होगा। इस पर जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक होने के संकेत मिले हैं। संगम पर माघ मेले का स्वरूप तय करने में अफसर जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक दूरी बनाए रखने के लिए सेक्टरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है,ताकि दूर-दूर शिविरों को बसाने की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही अभी यह भी तय किया जा रहा है,कि इस माघ मेले में कितनी धार्मिक-सांस्कृत संस्थाओं को बसाया जाए।मेले में चार से 5-हजार संस्थाओं के शिविर लगते रहे हैं। ऐसे में इस बार संस्थाओं की बजाए कल्पवासियों को प्राथमिकता दी जा सकती है। कुछ संतों को भी जगह दी जाएगी,ताकि मेले का स्वरूप बना रहे इसी,के साथ गंगा पर पांटून पुलों और चकर्ड प्लेट मार्गों के अलावा बिजली,पानी व अन्य इंतजामों की तैयारी का खाका खींचा जाने लगा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के बादल छाए हैं,इस महामारी के संक्रमण की वजह से अभी तक माघ मेले की तैयारी की दिशा में रत्ती भर कदम नहीं बढ़ाया जा सका था,इस वजह से काम पिछड़ा हुआ है। लेकिन, समय से बाढ़ का पानी उतरने से अफसर उत्साहित हैं। उनका कहना है,कि पानी सूखते ही रेती के समतलीकरण का काम आरंभ करा दिया जाएगा।पांटून पुलों,मार्गों के अलावा बिजली,पानी,सफाई व सुरक्षा से जुड़ी फाइलें तैयार कर ली गई हैं। अफसरों को अभी शासन की ओर से प्रोटोकाल का इंतजार है। प्रोटोकाल आते ही टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी उल्लेखनीय है,कि सदियों से गंगा,यमुना और विलुप्त सरस्वती के तट पर बसने वाले माघ मेले के जरिए भारतीय आध्यात्मिक,सांस्कृतिक और सामाजिक समागम के महत्व को देश-दुनिया के पटल पर प्रस्तुत किया जाता रहा है। इसके लिए पिछले वर्ष अगस्त तक पांटून पुल, सड़क,बिजली,पेयजल समेत अन्य संसाधनों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरा कर लिया गया था।                                  


3 लाख से अधिक युवाओं को दी नौकरियां

समाजवादी सरकार के मुकाबले योगी सरकार ने 3 साल में दी ज्यादा नौकरियां।
बृजेश केसरवानी


लखनऊ। पिछली सरकार के पूरे कार्यकाल में हुई उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की विभिन्न भर्तियों में लगभग 26,000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। वहीं, मौजूदा सरकार ने 3 वर्षों में 26,103 अभ्यर्थियों का चयन किया है।
उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार ने अपनी तीन साल के कार्यकाल में ही ज्यादा नौकरियां दी हैं। योगी सरकार में युवाओं को तीन लाख से ज्यादा नौकरियां भी मिली हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहित सभी विभागीय भर्तियों में पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया को अपनाया। यही वजह है कि योगी सरकार तीन साल में ही पिछली सरकारों के मुकाबले ज्यादा नौकरियां देने में कामयाब रही।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सपा-बसपा शासनकाल में हुई भर्तियां।
सपा-बसपा शासनकाल में हुई सभी भर्तियां भ्रष्टाचार की हीं भेंट चढ़ गई।
इन भर्तियों में भाई-भतीजावाद, वंशवाद, क्षेत्रवाद खूब चला और ज्यादातर भर्तियों को लेकर न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। कई मामलों की जांच तो सीबीआई से भी करानी पड़ी। जानकारों की मानें तो हाईकोर्ट में लगभग 500 और सुप्रीम कोर्ट में 50 से अधिक मुकदमें लंबित हैं। वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इतिहास में पहली बार पीसीएस-2015 की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ और  वर्ष 2016 की आरओ व एआरओ प्रारंभिक परीक्षा का भी प्रश्नपत्र लीक हुआ। मौजूदा सरकार ने इन परीक्षाओं को निरस्त कराकर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया।
समाजवादी के 5 वर्ष पर योगी सरकार के तीन साल भारी।
पिछली सरकार के पूरे कार्यकाल में हुई उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की विभिन्न भर्तियों में लगभग 26,000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया । वहीं, मौजूदा सरकार ने 3 वर्षों में 26,103 अभ्यर्थियों का चयन किया है।
सवालों में रही भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता।
मार्च 2017 से पहले की सरकारों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहित विभिन्न विभागीय भर्तियों में अपनाई गई प्रक्रिया की विश्वसनीयता कटघरे में रही।
सपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष आपराधिक इतिहास के व्यक्ति डा. अनिल यादव को बनाया गया था। साथ ही अयोग्य विभागीय अधिकारी रिजवानुर्रहमान को सचिव बनाया गया।इन दोनों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पद से बर्खास्त किया।
आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश  रोजगार अभियान के तहत 1.25 करोड़ से अधिक रोजगार उपलब्ध कराये गये हैं। 50 लाख से अधिक कामगारों को क्रियाशील औद्योगिक इकाइयों में रोजगार दिया गया। 11 से अधिक कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न औद्योगिक संस्थानों से एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।              


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...