रविवार, 2 अगस्त 2020

विदेशियों के लिए नई गाइडलाइन जारी

नई दिल्ली। सरकार ने विदेशों से भारत आने वालों के लिए कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आज नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। नए दिशा-निर्देशों के तहत अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन से छूट के लिए यात्रा शुरू करने से पहले ही ऑनलाइन आवेदन करना होगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि नये दिशा-निर्देश 8 अगस्त से लागू होंगे। इसके तहत सिर्फ कुछ ही श्रेणी के यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन से छूट दी जायेगी। छूट के लिए यात्रियों को यात्रा शुरू करने से कम से कम 72 घंटे पहले ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। सिर्फ गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार लोगों और 10 साल या उससे कम उम्र के बच्चों के माता-पिता तथा जिनके परिवार में किसी की मृत्यु हो गई हो उन्हें ही इससे छूट मिलेगी। अन्य यात्रियों को सात दिन तक संस्थागत क्वारंटीन में अनिवार्य रूप से रहना होगा।


इसके अलावा यदि कोई यात्री विमान में सवार होने से 96 घंटे पहले कोविड-19 की जांच कराता है और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसे भी संस्थागत क्वारंटीन से छूट मिल जायेगी। उसे घर पर ही 14 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा। नये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि क्वारंटीन से छूट के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद सरकार का जो भी फैसला होगा वह अंतिम होगा तथा बाद में उसमें कोई बदलाव नहीं किया जायेगा। फिलहाल जारी व्यवस्था के तहत लोग भारत आने के बाद प्रवेश स्थान पर क्वारंटीन से छूट के लिए आवेदन करते थे। इसमें काफी समय लगता था और हवाई अड्डे के निकास पर लंबी कतारें लग जाती थीं।


मंत्रालय ने बताया कि उड़ान के समय से कम से कम 72 घंटे पहले ही स्वघोषणा फॉर्म भी भरना होगा। उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि वे भारत आने पर 14 दिन क्वारंटीन के नियम का पालन करेंगे जिसमें सात दिन अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन का खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि हवाई मार्ग से, समुद्र के रास्ते या सड़क मार्ग से भारत आने वालों की यहां आने पर स्वास्थ्य जांच की जायेगी। जिन यात्रियों में कोविड-19 के लक्षण पाये जायेंगे उन्हें तुरंत अलग कर स्वास्थ्य सुविधा केंद्र ले जाया जायेगा। स्क्रीनिंग के बाद छूट प्राप्त यात्रियों को छोड़कर अन्य यात्रियों को संस्थागत क्वारंटीन में भेज दिया जायेगा।


मई से अब तक विभिन्न माध्यमों से नौ लाख से अधिक भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं। शनिवार तक कुल नौ लाख 14 हजार 451 लोग देश लौटे हैं। इनमें 7,88,280 लोग हवाई मार्ग से आये हैं। कुल 5,09,485 यात्री चार्टर्ड विमानों से, 2,78,795 यात्री एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों से आये हैं। एक लाख आठ हजार 949 लोगों को जमीनी सीमाओं के रास्ते सड़क मार्ग से और 3,987 लोगों को नौसेना के जहाजों से समुद्र के रास्ते लाया गया है। अन्य 13,235 लोग दूसरे माध्यमों से आये हैं।             


संक्रमण का पता लगा, बीईओ फांसी लगाई


उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कानपुर नगर में तैनात बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) ने उन्नाव स्थित अपने घर में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। उन्नाव के मोहल्ला कल्याणी निवासी सुरेश चंद्र वर्मा (52) कानपुर में बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) के पद पर तैनात थे।


उनके पास सदर बाजार का भी अतिरिक्त कार्यभार था। बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्होंने कानपुर उर्सला अस्पताल में जांच कराई थी। शनिवार देर रात रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इसकी सूचना दी गई।


इससे परेशान बीईओ ने घर के अंदर फंदे से लटककर जान दे दी। परिजनों ने शव को फंदे से लटका देख उन्हें नीचे उतारा और जिला अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने कोरोना प्रोटोकाल के तहत उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।              


कोरोना संक्रमण की चपेट में आएंं 'गृहमंत्री'

अकाशुं  उपाध्याय


नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर्स की सलाह पर मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने खुद भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की पुष्टि की है। 


अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा है, ”कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं। मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जाँच करवाएं।


रविवार को देश में कोविड-19 के 54,735 मामले सामने आने के बाद, कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले की संख्या 17 लाख के पार पहुंच गई है। हालांकि 11 लाख से ज्यादा लोग अब तक ठीक भी हुए हैं। महज दो दिन पहले ही देश में संक्रमण के मामलों ने 16 लाख का आंकड़ा पार किया था।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक की डाटा के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17,50,723 हो गए हैं, जबकि बीमारी से एक दिन में 853 और लोगों के दम तोड़ने के बाद कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 37,364 हो गई है। वहीं, संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़कर 11,45,629 हो गई है जबकि देश में 5,67,730 लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं और उनका इलाज चल रहा है। डाटा के मुताबिक कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर 65.44 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर घटकर 2.13 प्रतिशत रह गई है।


समिति ने मास्क-सैनिटाइजर वितरण किया

संस्था ने बांटा मास्क और सैनिटाइजर


विधि सामाजिक उत्थान समिति द्वारा कोरोनावायरस से बचाव हेतु किया गया जन जागरण


कौशाम्बी सिराथू। कोरोनावायरस की महामारी से पूरा विश्व परेशान है और कोरोनावायरस की महामारी में केवल जन जागरूकता ही बचाव का मुख्य साधन है जन जागरूकता के द्वारा इस महामारी को नियंत्रण किया जा सकता है। उक्त बातें विधि सामाजिक नवोत्थान समिति के सचिव मलयज शर्मा ने सिराथू तहसील के गनपा के पास स्थित निर्मला टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में कोरोना वायरस से बचाव एवं नियंत्रण से संबंधित जन जागरूकता अभियान में कहीं और इस मौके पर मौजूद लोगों को संस्था द्वारा सेनेटाइजर और मास्क दिया गया है।


जन जागरूकता अभियान में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए विधि सामाजिक उत्थान समिति के सचिव मलयज शर्मा ने कहा कि जब बहुत आवश्यक कार्य हो तभी लोग घर से बाहर निकले बेवजह सार्वजनिक स्थल पर भीड़ न लगाएं भीड़ लगाने से कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने की संभावनाएं अधिक होती हैं। इसलिए भीड़ से बचें और सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन करें।


उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस महामारी के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। जन जागरूकता अभियान के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने के लिए उन्होंने प्रेरित किया तथा उन्होंने सभी लोगों से कहा कि इस महामारी से बचने के लिए बार-बार साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित करते हुए उपस्थित लोगों को मास्क और सेनेटाइजर वितरित किया। इस मौके पर देवेश कुमार नीलकमल मिश्रा सुरेश चंद्र अरविंद द्विवेदी ज्ञानमती जुबेदा रमेश चंद्र सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


 ज्ञानू सोनी


ग्रामीणों ने खोल दी घोटाले की पोल

ग्रामीणों ने खोल दिया ग्राम प्रधान की पोल घोटाले का खुला राज


भाजपा सरकार में हो रहे हैं लम्बे लम्बे घोटाले


पूर्व ग्राम प्रधान के कार्यकाल में जो नाली खड़ंजा बना था वह अपना दिखा कर किया घोटाला एडीओ पंचायत के सामने आई सारी सच्चाई सामने


बेरूवा कौशाम्बी। ग्रामीणों ने सारी पोल खोल दिया है ग्राम प्रधान के सारी पोल खुलकर सामने आ गई और ग्राम  कृष्णा डोली मजरा समसपुर में हद तो अब हो गई हैं कि पूर्व ग्राम प्रधान ने नाली व खड़ंजा लगवाया था लेकिन वर्तमान ग्राम प्रधान ने  नाली व  खड़ंजा नही लगवाया हैं और उसी को देखकर सरकारी रकम निकाल कर अपना  बैंक बैलेंस खूब कर लिये हैं और इस तरह में यह लगता हैं कि ग्राम प्रधान व सिंगरेट्री के मिली भगत से हो गये घोटाले लेकिन कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दिया था


जब रेलवे में 60 साल की नौकरी कर के रिटायरी होने के बाद अगर उसे ग्राम प्रधान बना दिया जाए तो यही होता हैं। वह यह सोचता है कि जैसे हमारी रेलवे से पेमेंट आ रही थी वैसे आज ग्राम प्रधान बना कर पैसे आ रहा है और कोई यह नही सोच था कि अगर ग्राम प्रधान बना दिया जाये गा तो कोई काम नहीं कराये गा  सारे का सारा पैसा वह खा जायेगा। प्रधानी का पैसा रेलवे जैसे समझने लगे है प्रधान और अपना जेब भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ हैं। जब एडीओ पंचायत व सिंगरेट्री ग्राम प्रधान की मौजूदागी में निरीक्षण किया तो सारे का सारे पूर्व प्रधान के कामो को देखकर पैसे का घोटाला कर लिया है।


सूत्रों कि माने तो कृष्णा डोली गांव में वर्तमान में नाली नही बनी हैं। ना खडंजा लगा है ग्राम प्रधान व  सिंगरेट्री मिलकर खूब कस के घोटाला  किये हैं। एडीओ पंचायत ने जैसे ही वह अपने फोरव्हीलर कार मे बैठ कर चले है। वैसे ही ग्राम प्रधान ने कह रहे थे कि पैसे के आगे सब फेल हैं इसका मतलब क्या है यह जांच का विषय है और मुझे जो करना था मैं कर चुका हूँ कालोनी तो योगी आदित्यनाथ दे नरेंद्र मोदी देगे इस तरह में क्या लगता हैं कि ग्राम प्रधान के ऊपर किसी बड़े अधिकारी का हाथ होने के कारण यह ग्राम प्रधान बोल रहा है। इसे किसी बात को डर नही है कृष्णा डोली गांव में न तो किसी को भी कालोनी मिली है और जो शौचालय बनवाया है। वह भी अधूरी है ईट बालू  एक बोरी सीमेंट देकर बोला है कि बनवा लो जो कि पूरी तरह से शौचालय खराब हो चुका है।


ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कुछ महीने पहले एक ट्रैक्टर से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर प्रार्थना पत्र देते हुए गभीरता से आरोप भी लगाये है। अगर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का ध्यान आकर्षित करने की मांग भी कर रहे हैं। अगर कृष्णा डोली मजरा समसपुर की ओर नजर नही टेडी किये तो बहुत लम्बा घोटाला उजागर होगा।


मंजीत सिंह


बिहारः 18,722 संक्रमित, 65.08 रिकवरी

पटना। स्वास्थ्य सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 1,823 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 35,473 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 65.08 प्रतिशत है। 31 जुलाई को कोविड-19 के 2,502 नये मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 18,722 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 28,624 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 5,76,796 है।              


अयोध्या की सीमाएं सील, हाईवे बंद

संतलाल मौर्य


अयोध्या। सूचना के अनुसार चार व पांच अगस्त को अयोध्या की सुरक्षा में 3500 पुलिसकर्मी, 40 कंपनी पीएसी, 10 कंपनी आरएएफ, दो डीआईजी व आठ पुलिस अधीक्षक तैनात रहेंगे। सुरक्षा की कमान एडीजी कानून व्यवस्था संभालेंगे।


विदित हो चले कि कोरोना के संक्रमण के कारण सुरक्षा व्यवस्था में 45 साल से कम उम्र के सुरक्षकर्मी ही तैनात किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी के मद्देनजर अयोध्या हाइवे भी चार-पांच अगस्त को बंद किया जा सकता है। वहीं, तैयारियां को परखने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तीन अगस्त को अयोध्या का दौरा करेंगे जहां वह व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे।          

एप्स के बाद चीनी भाषा पर लगेगा बैन

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन सीमा विवाद जारी है। कुछ दिनों पहले, भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही, सरकार ने अब पड़ोसी देश की भाषा को अस्वीकार करने का फैसला किया है। हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नई शिक्षा नीति में, चीनी को उन विदेशी भाषाओं की सूची में नहीं रखा गया है जो माध्यमिक विद्यालय स्तर पर छात्रों को सिखाई जाएंगी। नई शिक्षा नीति की इस सूची में जर्मन, कोरियाई, फ्रेंच, रूसी, स्पेनिश, पुर्तगाली और थाई विकल्प शामिल हैं जिन्हें छात्र चुन सकते हैं। लेकिन खास बात यह है कि पिछले साल जब नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा था, जब इसमें फ्रांसीसी, स्पेनिश, जापानी के साथ-साथ चीनी का भी जिक्र था।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जारी एक नई शिक्षा नीति में चीनी को हटा दिया गया है। कहा जा रहा है कि वर्तमान में चीन के साथ सीमा विवाद के चलते मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है।


यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत सरकार ने हाल ही में चीन के 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें टिकटलॉक भी शामिल है। सरकार ने इन ऐप्स को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। कुछ ही दिनों बाद, सरकार ने इन ऐप्स के अन्य वेरिएंट और क्लोन के साथ 47 और ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।         


बलिदानियों के परिजन करें 'भूमि-पूजन'

अयोध्या। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष एवं श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के आंदोलन में जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार के लोगों से मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन कराना चाहिये। प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को कहा “मंदिर निर्माण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा होने वाले भूमि पूजन को मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार वालों से कराना चाहिये। तोगड़िया ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इससे हमारा जीवन धन्य हो गया है। क्योंकि पूरे देश में घूम-घूमकर संत-धर्माचार्यों के सानिध्य में रह करके मंदिर आंदोलन को कई वर्षों तक चलाता रहा, उसके बाद उच्चतम न्यायालय ने भव्य मंदिर निर्माण के लिये जो आदेश दिया है इससे मेरा जीवन धन्य हो गया है।” उन्होंने कहा “हमने अपना धर्म कर्म अदा किया है, क्योंकि मैं अस्पताल में रह करके करीब एक हजार मरीजों का सेवा करता था परन्तु राम के बुलावे में अयोध्या में आ करके राम आंदोलन से जुड़ गया और आज मंदिर बनने जा रहा है, जिससे मेरा जीवन धन्य हो गया है। मैं रामलला का दर्शन करने अवश्य आऊंगा।” तोगडिय़ा ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर 1985, 1990, 1992 में जिन-जिन रामभक्तों ने बलिदान दिया है उनके परिवार के एक-एक सदस्य को बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंह, गिरिराज किशोर के भी परिवार को इस भूमि पूजन में बुलाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो यह ट्रस्ट बना है वह सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर नहीं है। इस ट्रस्ट में पंद्रह ट्रस्टी के बजाय पांच सौ एक लोगों का नाम होना चाहिये जिसमें हिंदू के सभी जातियों को सम्मिलित करना चाहिये था। वर्तमान में जो ट्रस्ट बना है इसमें गिने-चुने लोग ही हैं। एक प्रश्न के उत्तर में तोगड़िया ने कहा “ मुझे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है, न ही टेलीफोन द्वारा मुझे कोई सूचना दी गयी है। मंदिर बनने से मेरा जीवन धन्य हो गया है और यह मंदिर सभी हिंदुस्तानियों के सहयोग से बन रहा है, क्योंकि इसमें सभी धर्म-जाति के लोगों ने बलिदान दिया है।” उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिये जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है उन्हीं के परिवार वालों से भूमि पूजन कराना चाहिये।


अहिप अध्यक्ष ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है ना कि केन्द्र सरकार द्वारा कानून बना करके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 1991 का कानून केन्द्र सरकार ने नहीं हटाया तो पांच अगस्त 2020 से अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद मथुरा और काशी के लिये लड़ाई लडऩे के लिये विवश हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या यह झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। देश के बीस हजार स्थानों पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये हो रहे भूमि-पूजन की खुशी तो हम मनायेंगे ही उसके बाद काशी, मथुरा को मुक्त कराने के लिये हमारा संकल्प दोहराया जायेगा।


उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कारसेवा की है उनके परिवार वालों को भी ट्रस्ट में स्थान नहीं दिया गया है। यह बड़ी विडम्बना की बात है, क्योंकि मंदिर निर्माण भी एकता का सबूत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जिस दिन फैसला आया है उस दिन पूरे देश में कहीं भी कोई घटना नहीं सुनाई पड़ी बल्कि सभी ने इस फैसले को माथों से लगाया है और भव्य मंदिर निर्माण के लिये अपना योगदान दिया है।         


योद्धाओं को राखी बांध की दीर्घायु कामना

योद्धा के रूप में डॉक्टर्स एवं समस्त नर्सिंग स्टाफ को  राखी बांध कर उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की


रतन सिंह चौहान
पलवल। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स पलवल की छात्राओं द्वारा जिला संगठन आयुक्त योगेश सौरौत एवं जिला संयोजक विष्णु गौड़ के मार्गदर्शन में रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर नागरिक अस्पताल होडल में कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टर्स एवं समस्त नर्सिंग स्टाफ को  राखी बांध कर उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।  आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी  सामान्य अस्पताल होडल डॉ चरण गोपाल ,डॉ एच.के. पंकज, डॉ रिंकी, डॉ राहुल, डॉ लक्ष्मी,नर्सिंग स्टाफ में मोहम्मद जुबेर, भरतराम, अनूप सौरौत, हरिओम, विकास, सर्वेश सौरोत आदि को गर्ल्स गाइड्स लीसा,सिमरन,मोनिका, पायल एवं गौरवी द्वारा राखियां बांधी गईं। कार्यक्रम का नेतृत्व एच.जी.एम. विद्यालय प्रबंधन समिति के निदेशक ज्ञानचंद सौरोत एवं प्राचार्य मुकेश वशिष्ट ने किया।  संस्था के जिला संगठन आयुक्त योगेश सौरौत ने बताया की संस्था प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन  पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन करती है। इस बार कोरोना संक्रमण काल में संपूर्ण देश में डॉक्टरों ने योद्धाओं की भांति कार्य करते हुए और अपनी नागरिकों  के जीवन की  रक्षा की है।उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए भी नागरिकों को बचाया है। इस कोरोना संक्रमण से बहुत से चिकित्सकों की मृत्यु भी हुई है। उन्होंने भी देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। इसलिए वे भी योद्धाओं की भांति सम्मान के अधिकारी हैं।वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ चरण सिंह ने कहा कि संकट के समय प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए।  इस वैश्विक आपदा के समय संपूर्ण विश्व के डॉक्टर्स ने अपनी भूमिकाओं का निर्वहन बहुत ही ईमानदारी से किया है। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स  इस आयोजन से उनके साथियों का मनोबल बढ़ाया है इस संकट के समय देश के सभी लोगों की दुआएं उनके साथ हैं। इस अवसर पर गाइड विंग की छात्राओं के द्वारा  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हस्त निर्मित मास्क अस्पताल के सभी स्टाफ एवं सफाई कर्मचारियों को वितरित किए गए। इस अवसर पर गिरधर रावत, हरीश चन्द, देवेंद्र कुमार, हरकेश सौरोत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।           


आदेशः उत्तरकाशी में बनेगा 'कंजर्वेशन सेंटर'

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में देश का पहला स्नो लैपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाया जाएगा। यह संरक्षण केंद्र जिले के भैरों घाटी के लंका क्षेत्र में बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में हिम तेंदुओं की गणना के भी निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए मिले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। इस दौरान सीएम रावत ने निर्देश दिए कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाए। हिम तेंदुओं के सरंक्षण और इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किए जाए। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गए हैं। स्थानीय लोगों और सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जाए। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बनती हैं। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखंड के प्राकृतिक और नैसर्गिक सौन्दर्य में वन और वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गए हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है।


विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केंद्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में प्रमुख सचिव वन और पर्यावरण आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, चीफ कंजरवेटर वाइल्डलाइफ रंजना काला, राजीव भरतरी, जीएस सुहाग और वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।         


रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...