गुरुवार, 23 जुलाई 2020

फीस संबंधी याचिका पर बृहस्पति को सुनवाई

अकाशुन उपाध्याय


नई दिल्ली।  कोरोना संकट के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान स्कूलों से फीस लेने से मना करने संबंधी मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों की ओर से बच्चों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने संबंधी आदेश पारित करने पर संदेह व्यक्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर कहा कि पूरे देश के लिए एक समान आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में हाईकोर्ट जाने को कहा है।


बता दें कि पिछले काफी दिनों से अभिभावक मांग कर रहे हैं कि स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान की फीस लेने से रोका जाए। अभिभावकों की ओर से कहा गया था कि बिना किसी सेवा दिए स्कूलों द्वारा फीस और अन्य खर्चों की मांग करना अवैध है। स्कूल के एडमिशन फॉर्म में कोई फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है। स्कूल एडमिशन फॉर्म के नियमों और शर्तों को मानने को बाध्य हैं। वहीं गुजरात सरकार ने राज्य के स्व-वित्तपोषित स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोविड -19 की वजह से जब तक वे बंद हैं, तब तक छात्रों से ट्यूशन फीस न लें। सरकार ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 16 जुलाई को जारी अधिसूचना बुधवार को सार्वजनिक हुई।इसमें कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस जमा न होने पर इस अवधि में पहली से कक्षा से लकर आठवीं कक्षा तक के किसी भी छात्र को तटस्थतापूर्ण नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा -16 का उल्लंघन होगा। सरकार ने अधिसूचना में कहा कि इसके अलावा गुजरात उच्च न्यायालय के अनुसार 30 जून तक फीस जमा न करने वाले किसी भी छात्र को तटस्थका नियत नहीं किया जाएगा। विभाग ने कहा कि कई स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है।


सोमवार को विस्तृत सुनवाई होगीः एससी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने संबंधी राज्य विधानसभा अध्यक्ष का अनुरोध गुरुवार को ठुकरा दिया। न्यायालय ने हालांकि, यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट एवं उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में उच्च न्यायालय का कोई भी फैसला शीर्ष अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल तथा पायलट खेमे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले में सोमवार को विस्तृत सुनवाई करेगी। इस बीच उच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश पर रोक नहीं लगेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बाबत सुनवाई करेगी कि क्या उच्च न्यायालय सदन के अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर सकता है या नहीं? खंडपीठ अध्यक्ष के अधिकार बनाम अदालत के क्षेत्राधिकार जैसे महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करेगी। न्यायालय ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि उच्च न्यायालय का 24 जुलाई का कोई भी फैसला इस मामले में शीर्ष अदालत के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। राजस्थान के स्पीकर की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि क्या चुने गए प्रतिनिधि अपनी असहमति नहीं जता सकते? अगर असहमति को दबाया जाएगा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने शुक्रवार तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष को सचिन गुट पर कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता। न्यायालय का कल का आदेश न्यायपालिका और विधायिका में टकराव पैदा करता है।                       


सोने की कीमत ने बनाया नया कीर्तिमान

नई दिल्ली।  सोने के भाव में तेजी जारी है और आज वह नए रेकॉर्ड पर पहुंच गई है। सोने की कीमत ने बुधवार को कारोबार के दौरान 50199 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। )एक्स पर आज भी तेजी जारी होने और अगस्त में अधिसूचना के लिए सोने की कीमत 171 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 50,249 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। सितंबर फ्यूचर्स के लिए चांदी का भाव भी 170 रुपये चढ़कर 61,285 रुपये पहुंच गया।
सोने का कहना है कि कोरोनावायरस को लेकर अनिश्चितता का असर सोने और चांदी पर साफ नजर आ रहा है।


बुधवार को फ्यूचर मार्केट में सोने की पहली बार 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया गया। दूसरी ओर चांदी भी 60,000 रुपये के पार चली गई। थोक जूलर्स के वाइस चैयरमैन पवन गुप्ता का कहना है कि जो परिस्थितियां बन रही हैं, उनमें सोना जल्दी ही 55,000 रुपये के स्तर को छू सकता है। इस वक्त स्वर्णकारों के लिए सैफ इसवन बना हुआ है।
आंतरिक बाजार में सोने की कीमत 1860.50 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। इसकी 2,000 डॉलर तक पहुंचने की बात कही जा रही है। ऐसे में अंजाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में सोने का स्तर किस तक पहुंच सकता है। इंटरनेशनल निवेशकों के सोने में निवेश की पीछे महत्वपूर्ण कारण यह है कि कोविड संकट के दौरान यह जबरदस्त डाउनलोड दे रहा है। इसी महीने में यह अब तक 12 प्रतिशत रिटर्न दे चुका है जबकि अन्य बाजार में ऐसा नहीं है। ऐसे में सोने से निवेश से कौन बचेगा।


कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने सेना में आज महिलाओं के स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। मंत्रालय के आदेश के बाद महिलाओं को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकेगी। रक्षा मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के जज एंड एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशनल कोर में ये सुविधा मिलेगी।इसके अलावा सेना के दस विभिन्न हिस्सों में भी स्थायी कमीशन की इजाजत दे दी गई है। अब आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटेलिजेंस कोर में भी स्थायी कमीशन मिल पाएगा। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया जैसे ही सभी प्रभावित एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करती हैं और अपेक्षित दस्तावेजीकरण पूरा करती हैं, उनका चयन बोर्ड निर्धारित किया जाएगा।आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने सेना में सभी एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले को लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने की इजाजत दी थी।


5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर 5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी दे दी है। लेकिन मुहूर्त की इस शुभ घड़ी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त की तिथि को ‘अशुभ घड़ी’ करार दिया है।


शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमें कोई पद नहीं चाहिए और न ही हम राम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक ढंग से हो और आधार शिला सही समय पर रखी जाए। अभी जो तिथि तय की गई है वह ‘अशुभ घड़ी’ है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तय मुहूर्त को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं ज्योतिषाचार्य नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि श्री हरि विष्णु शयन काल में मंदिर निमार्ण का मुहूर्त कोई विद्वान ब्राह्मण नहीं निकाल सकता, भगवान श्री राम हमारी आस्था के आधार हैं, इसलिए प्रत्येक कार्य विधि विधान से ‘शास्त्र’ सम्मत होना चाहिए ‘राजनैतिक’ दृष्टिकोण से नहीं।’ वहीं बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि राम के काम में कैसा मुहुर्त। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भारती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवा से दिक्कत है। कांग्रेस नफरत का जहर फैलाती है और उसने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया है। पार्टी ने हमेशा देश को बांटा है। इन लोगों को देश में शांति बदार्श्त नहीं है। आपको बता दें कि 18 जुलाई को  श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के बाद पांच अगस्त को भूमि पूजन का दिन तय किया गया था। ट्रस्ट की बैठक में ही भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने का फैसला लिया गया था और उसी दिन उन्हें आमंत्रित किया गया था। बताया जाता है कि ट्रस्ट के आमंत्रण को प्रधानमंत्री कार्यकाल ने स्वीकृति दे दी थी।          


प्रशासन का डरः असली हव्वा आया सामने

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में चोर उचक्कों और गलियों में निठल्ले घूमने वाले आवारा शोहदों के बीच पुलिस का डर खत्म हो गया है। विजय नगर में छेड़छाड़ का विरोध करने वाले विक्रम जोशी की चिता की रख अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि डासना में 11 साल की एक मासूम बच्ची से छेड़छाड़ के बाद छिछोरे लड़कों द्वारा उसके भाई की पिटाई का नया मामला सामने आया है।  इस मामले में पीड़ित परिवार ने मसूरी थाने में रिपोर्ट लिखाई है।  बच्ची दलित परिवार की होने के कारण इस मामले की जांच सीओ सदर धर्मेन्द्र चौहान को सौंपी गई है।  धर्मेन्द्र चौहान ने बताया कि उन्होंने मौका मुआयना करने के बाद मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 15 जुलाई को चौथी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची अपने घर के पास की एक दुकान पर कुछ सामान लेने के लिए गई थी। जहां वहां मौजूद लड़के उसे देखकर अश्लील गाने गाकर भद्दे इशारे कर रहे थे। इस दौरान उसका भाई वहां आया और विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। हालांकि बाद में मौहल्ले का मामला होने के कारण परिवार माफ कर शिकायत नहीं की। आरोप है कि 17 जुलाई के उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद छिछोरे लड़के मिलकर लगातार परिवार को परेशान कर रहे थे। परेशान होकर पीड़ित परिवार ने बुधवार को थाने पहुंचकर इस मामले में शिकायत की।             


सभी को 7 दिन होम आइसोलेट की सलाह

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। होम आइसोलेशन वाले लक्षण विहीन कोरोना संक्रमितों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना फोन करके उनके हालचाल लिए जाएंगे। यदि 10 दिनों की अवधि में किसी प्रकार का लक्षण प्रदर्शित होता है तो मरीज को उसकी आयु और को-मार्बिडिटीज की स्थिति के मुताबिक कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। दूसरी ओर से यदि 10 दिन की अवधि के दौरान कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होने पर उसे संक्रमण मुक्त मान लिया जाएगा। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक 10 दिनों के बाद भी सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से जारी शासनादेश प्राप्त हो गए हैं। इसके अलावा कोविड फैसिलिटी में भर्ती लक्षण विहीन रोगियों में यदि लक्षण प्रदर्शित नहीं हुए हैं तो प्रारंभिक जांच के 10वें दिन अथवा भर्ती होने के सातवें दिन (जो बाद में आए) बिना जांच के डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ऐसे रोगियों को आठ दिन होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा। हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक पहले सैंपल के आठवें दिन फॉलोअप सैंपल ट्रूनॉट मशीन पर जांच हेतु लिया जाएगा। फालोअप सैंपल के निगेटिव आने की स्थिति में (लक्षण प्रदर्शित होने के उपरांत 10 दिवस) उस तिथि से सात दिन होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जाएगा। मध्यम तीव्रता वाले रोगियों को जिनमें लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण हों। मतलब, खांसी, बुखार आदि के साथ सांस लेने में परेशानी और निमोनिया का असर हो तो ऐसे रोगियों को एल-2/3 में भर्ती किया जाएगा। ऐसे मरीज जो ऑक्सिजन देने के बाद भी शरीर में ऑक्सिजन का स्तर बनाए रखने में असमर्थ हों, उन्हें एल- 2/3 में भर्ती किया जाएगा, और साथ ही ऐसे रोगियों को 12 दिन उपरांत फॉलोअप सैंपल लेने के बाद निगेटिव आने पर सात दिन होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जाएगा। डिस्चार्ज करने से पूर्व इस बात पर ध्यान देना होगा, कि किसी प्रकार के लक्षण तो प्रदर्शित नहीं हो रहे है।       


'परिवहन उद्योग' को भारी नुकसान पहुंचा

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक की गई लॉकडाउन की घोषणा के बाद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की ज़िंदगी यथार्थ रूप में ही थम गई थी और उन्हें इससे उबरने में अभी काफी समय लगेगा। परेशान ट्रांसपोर्टरों की एक बड़ी मांग थी कि उन्हें रोड टैक्स से राहत दी जाए।ट्रांसपोर्टरों की मांग पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सभी यात्री वाहनों को दो महीने और यात्री वाहनों को 1 महीने के लिए टैक्स से राहत दी है। परिवहन मंत्रालय के इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से करीब चार लाख यात्री वाहनों और डेढ़ लाख माल वाहक वाहन मालिकों को राहत मिलेगी। वहीं, इससे परिवहन विभाग को करीब 240 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। माल वाहक वाहनों का अप्रैल का और यात्री वाहनों का अप्रैल और मई महीने का टैक्स माफ किया गया है। सरकार ने यह छूट मोटरयान अधिनियम-1997 के तहत दी है। माना गया है कि मालवाहन वाहन केवल एक महीने ही नहीं चले। मई से वे आवश्यक वस्तुओं को लाने- ले जाने के लिए उपयोग में लाए गए। इसी तरह यात्री वाहन अप्रैल और मई दो महीने नहीं चले। एक जून से यात्री वाहन भी संचालित होने लगे थे। इससे पहले प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन की वजह से मार्च और अप्रैल का कर न जमा करने वाले यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों को 5 फीसदी लगने वाली पेनाल्टी में छूट दी थी। इसके लिए 14 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई थी कि 30 दिन के अंदर कर जमा करने वालों को यह छूट मिलेगी। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आरके सिंह ने बताया कि जिन वाहन संचालकों ने अप्रैल का कर जमा कर दिया है उनका कर आगे के महीनों में समायोजित कर दिया जाएगा।


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दिल्ली में संक्रमितों के लिए बिस्तर- 15475

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में लगभग 78 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन के अनुसार दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के रोगियों के लिए कुल 15475 बिस्तर हैं, जिनमें से केवल 3342 पर ही रोगी हैं। इससे संकेत मिलता है कि लगभग 78.40 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं। दिल्ली में बुधवार को 1227 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.26 लाख से अधिक हो गई है। इसके अलावा 29 रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद 3719 तक पहुंच गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सोमवार को एक दिन में सामने आए संक्रमण के मामलों की संख्या गिरकर 954 रह गई थी, जो उसके अगले दिन यानि मंगलवार को बढ़कर 1349 हो गई।             


यूपी में संक्रमित संख्या 20 हजारः प्रसाद

लखनऊ। यूपी में सक्रिय कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 20 हजार पार कर गई है। ये जानकारी प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी।
बुधवार को प्रदेश में 2308 कोरोना के नए मामले पाए गए हैं। हालांकि, 33500 लोग पूरी तरह ठीक होकर घर जा चुके हैं।उन्होंने बताया कि मंगलवार को 45,650 सैपल्स की जांच की गई। अभी तक प्रदेश में 16 लाख सैपल्स की जांच हो चुकी है। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेसन की जांच के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है और जो भी लोग होम आइसोलेसन में हैं चिकित्सकीय सहायता के लिए 1800-180-5146 पर कॉल कर सकते हैं।             


35 फ़ीसदी उपभोक्ता नहीं भरते हैं बिल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। राज्य में 35 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन लेने के बाद कभी भी बिजली बिल भरा ही नहीं। ये जानकारी उस वक्त सामने आई हैं जब 4000 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) बिजली की कीमतों को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।


उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ स्थित शक्ति भवन में 15 जुलाई को एक वर्चुअल मीटिंग की थी। इसमें एक रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें इस बात का जिक्र था कि राज्य के 3 करोड़ सक्रिय उपभोक्ताओं में से 1.39 करोड़ ने कनेक्शन लेने के बाद कभी बिल ही नहीं भरे। इस रिपोर्ट को हिन्दुस्तान टाइम्स ने भी एक्सेस किया है।             


सबके लिए सरकारी नौकरी पाने का मौका

लखनऊ। लखनऊ में 8वीं पास से लेकर डिग्री होल्डर तक के उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरी पाने का मौका है। एसजीपीजीआई लखनऊ ने 800 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 21 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।


एसजीपीजी लॉकडाउन स्टाफ नर्स रिकरुमेंट 2020 के तहत सिस्टर, जूनियर मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट तकनीशियन (रेडियोग्राफी), चालक और चिकित्सा सामाजिक सेवा अधिकारी के पदों पर भर्ती की जाएगी।             


अयोध्या की पहचान बनाने पर काम शुरू

आयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। राम नगरी को नई पहचान दिलाने और इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू करने का मन बनाया है।योगी सरकार की अयोध्या को लेकर क्या योजना है इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि सरकार ने अवधपुरी में इक्ष्वाकु नगरी के नाम से नई अयोध्या बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है।पहले चरण में खर्च होंगे 7 हजार करोड़ रुपए
नई इक्ष्वाकु नगरी को बसाने के लिए पहले चरण में 7 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नई अयोध्या में शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल तो बनाए ही जाएंगे, साथ ही ये आधुनिक भी होगी। इसकी खासियत ये होगी कि इसमें आधुनिक सुविधायुक्त रहन-सहन, शिक्षा, खेल, मनोरंजन, व्यायम, चिकित्सा पर्यटन और परिवहन की सुविधाएं होंगी। नई अयोध्या को बसाने के लिए पड़ोसी जिले गोंडा और अंबेडकर नगर जिलों की भी कुछ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव है।         


बकरा ईद को लेकर सरकार की गाइडलाइन

लखनऊ। यूपी सरकार ने बकरीद को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। प्रदेश सरकार ने लोगों से घर पर ही नमाज पढ़ने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर जोर दिया है। निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी स्थान पर भीड़ न इकट्ठा होने दी जाए।


इस संबंध में यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने जारी किए गए पत्र में कहा है कि समाज में सभी की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखा जाए। गाइडलाइन में पुलिसकर्मियों को लाउडस्पीकर की मदद से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरुक करने का निर्देश दिया गया है।         


चार राज्यों में भारी बारिश का पूर्वानुमान

नई दिल्ली। मौसम विभाग ने आज के लिए असम और मेघालय में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही पश्चिम बंगाल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश का अनुमान है। इसके अलावा पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड, ओड़िसा, अरुणाचल, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, तेलांगना, तमिलनाडु, कर्नाटक के कई स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। बिहार झारखंड में कई इलाकों में गरज के साथ बिजली भी गिर सकती है।


असम में अबतक 90 मौतें
असम में बुधवार को नये इलाकों में पानी घुसने से बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। बाढ़ के कारण राज्य में दो और लोगों की मौत हो गई और 26 लाख से अधिक व्यक्ति इससे प्रभावित हुए हैं। जबकि उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में वर्षाजनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है।


असम में 26 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित


बाढ़ के कारण मंगलवार तक 24 जिलों में 24.19 लाख लोग प्रभावित हुए थे। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बुधवार बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। असम में इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में राज्य भर में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है जिनमें 89 की मौत बाढ़ से और 26 की मौत भूस्खलन से हुई है। ग्वालपाड़ा बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां 4.68 लाख लोग पीड़ित हैं जबकि बारपेटा में 3.82 लाख लोग और मोरीगांव में 3.08 लाख लोग प्रभावित हैं।


बिहार में लगातार बारिश से नदियां उफान पर
लगातार बारिश से नदियों उफान पर हैं। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात किया गया है। बिहार के 11 जिलों- पश्चिम चंपारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गोपालगंज, कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी तथा सारण जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।


बिहार में 10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित


बिहार के दस जिलों में 4.6 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 13 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। बाढ़ के कारण राज्य में कहीं भी किसी के मरने की खबर नहीं है।


कोसी, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और लाल बकेया जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब उनका जल स्तर नीचे आ रहा है या स्थिर है।


उत्तर बिहार में विकराल हुई बाढ़: लाखों लोग हुए बेघर


नेपाल के कई इलाकों में भारी बारिश व वाल्मीकिनगर बराज से सवा तीन लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़े जाने के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। बुधवार को डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में चार लोगों की मौत हो गई। दो के शव की तलाश जारी है. वहीं मुजफ्फरपुर के गायघाट में चार लोगों की मौत डूबने से हो गई।


दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब


दूसरी तरफ दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब होती जा रही है। बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार बांध व एनएच पर शरण लिये हुए हैं। मोतिहारी में बंजरिया में तिलावे नदी का बांध व सुगौली में रिंग बांध टूटने से अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है। पिछले दो दिनों की बारिश व बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर की पांचों प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गंडक नदी जहां पारू व साहेबगंज में तबाही मचाने लगी है, वहीं बागमती व लखनदेई व मनुषमारा औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचाने लगी है। पांचों प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और बड़ी संख्या में निचले इलाके के लोगों को बांध व एनएच पर शरण लेनी पड़ी है। बूढ़ी गंडक में उफान से मुजफ्फरपुर शहर के तटवर्ती हिस्सों में कई मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे हैं।


दरभंगा में कमला जीवछ का पानी शहरी क्षेत्र पर दबाव बनाने लगा है. इसके अलावा 26 पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गईं हैं। यहां बागमती का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। सीतामढ़ी में बाजपट्टी एनएच 104 व एनएच 57 पर भी बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। यहां भी सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मधुबनी में शहर पर तो दबाव नहीं बढ़ा है, हालांकि ग्रामीण इलाकों मेंची पानी के कारण फसलों का बहुत नुकसान हुआ है।


उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी
उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग ने आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश से कई सड़कें, कई जगह भू-स्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग और SDRF अलर्ट पर है।


24 घंटे में 45 हजार नए संक्रमित मिलें

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है। पिछले 24 घंटे में पहली बार 45 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही सबसे अधिक एक हजार से ज्यादा मौत भी हुई हैं। देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या सवा 12 लाख के पार पहुंच गई है, वहीं करीब 30 हजार मौतें भी हुई हैं।


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल संक्रमितों की संख्या 12 लाख 38 हजार 635 हो गई है। इनमें चार लाख 26 हजार 167 एक्टिव केस हैं तो वहीं सात लाख 82 लोग ठीक हो चुके हैं। अबतक 29 हजार 861 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।


कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है। लेकिन अगर प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (4,100,875), ब्राजील (2,231,871) में हैं। देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में दूसरे/तीसरे नंबर पर बनी हुई है।


एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य
आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वक्त चार लाख से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और पांचवे नंबर पर दिल्ली है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है। यानी कि भारत ऐसा चौथा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।


कोर्ट पहुंचा राजस्थान का सियासी संकट

नई दिल्‍ली। राजस्थान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यहां पर दोनों तरफ के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीले रखी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से ने इनकार कर दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अगली सुनवाई होगी, जबकि स्पीकर की अर्जी पर कल ही राजस्थान हाईकोर्ट फैसला सुनाने वाला है।


सुप्रीम कोर्ट में अशोक गहलोत सरकार की तरफ से कपिल सिब्‍बल पेश हुए। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अनुरोध किया, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, “राजस्थान उच्च न्यायालय राजस्थान अध्यक्ष से अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की याचिका पर आदेश पारित कर सकता है।”मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में असंतोष की आवाज को बंद नहीं किया जा सकता है। बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और उनके वफादार 18 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के राज्य उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी और संविधान का तर्क दिया था कि अदालत अध्यक्ष के आदेश पर उल्लंघन नहीं कर सकती है।


वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान के अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से पेश होकर कहा कि अदालत अध्यक्ष को निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।


सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई अपडेट:


कोर्ट ने पायलट कैंप के वकील से मांगा जवाब- कोर्ट ने सचिन पायलट कैंप की ओर से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी से जवाब मांगा। सिब्बल ने कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का किया आग्रह- कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का आग्रह किया। यदि आप इसकी जांच कर रहे हैं, तो आपको निलंबित करना होगा कि हाईकोर्ट में क्या हो रहा है।


आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें: सिब्बल- शीर्ष अदालत ने कहा, “आपको केवल (राजस्थान) हाईकोर्ट द्वारा 24 जुलाई तक इंतजार करने का अनुरोध किया गया था, जिस पर सिब्बल ने जवाब दिया, “आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें। अदालत ऐसा नहीं कर सकती।”


तो समस्या केवल शब्द के साथ है? हर जगह आदेश को ‘अनुरोध’ कहा जाता है, कोर्ट ने पूछा।


लोकतंत्र में आवाज को दबाया नहीं जा सकता: न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा – “क्या जनता द्वारा चुने गए व्यक्ति असंतोष की बात को व्‍यक्‍त नहीं कर सकते? न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कपिल सिब्बल से पूछा, लोकतंत्र में असहमति की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।” किस आधार पर विधायकों को अयोग्य ठहराया गया? – शीर्ष अदालत ने कपिल सिब्बल से पूछा कि विधायकों को अयोग्य किस आधार पर ठहराया गया? जिस पर उन्होंने जवाब दिया, “विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए, वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। वे हरियाणा के एक होटल इनकम्युनिकाडो में हैं और अपनी ही पार्टी के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं।”सिब्बल का कहना है कि कोर्ट स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता: कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि अदालत ‘स्पीकर’ को निर्देशित नहीं कर सकती है और स्पीकर को एक निर्देश जारी करने में राजस्थान उच्च न्यायालय गलत था। यह इस बिंदु पर तय कानून के खिलाफ है।             


इस प्रकार की पुनरावृति दोबारा ना हो

गगन शर्मा 


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या और विकास दुबे समेत आरोपियों की मुठभेड़ों में मौत पर कहा कि यूपी सरकार इस बात का ध्यान रखे कि ऐसी मुठभेड़ दोबारा न हो। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन मौतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन के यूपी सरकार के मसौदे को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. बलबीर सिंह चौहान की अध्यक्षता में समिति गठित की है।


मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि इस जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर अपना काम शुरू कर देना चाहिए और दो महीने के अंदर इसे पूरा कर लेना चाहिए। न्यायमूर्ति चौहान की अध्यक्षता वाली इस जांच समिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता शामिल हैं। पीठ ने समिति को सचिवालय सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि यह सहयोग एनआईए या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह जांच समिति अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत के साथ ही राज्य सरकार को भी सौंपेगा। इससे पहले, राज्य सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. चौहान कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की जांच के लिए गठित समिति का हिस्सा बनने पर सहमत हैं। पीठ ने कहा कि यह समिति कानपुर के चौबेपुर थानांतर्गत बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने और इसके बाद हुई मुठभेड़ की घटनाओं की भी जांच करेगी।


उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि जांच समिति उन परिस्थितियों की भी जांच करेगी, जिसमें 65 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विकास दुबे को जमानत पर रिहा किया गया था। मेहता ने इस जांच समिति की कार्य-शर्तों को पढ़कर पीठ को सुनाया। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि हम जांच समिति के हाथ नहीं बांधना चाहते। जांच समिति के लिए कार्य-शर्तें रखना उचित नहीं है। जांच समिति की जांच का दायरा व्यापक होना चाहिए। शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दुबे और उसके पांच कथित साथियों की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का आग्रह किया गया था।            



मां-बेटियों ने प्रेमियों से पतियों की हत्या कराई

बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में मां-बेटी ने अपने अवैध संबंधों में बाधक बनने पर पूरे फिल्मी अंदाज में अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पति का कत्ल करवा डाला। आरोपियों ने पहले बलवीर को डंडों से पीटा, फिर गोली मारकर कर दी। हालांकि पुलिस ने 13 दिन में ही हत्याकांड का खुलासा कर मृतक की पत्नी व पुत्री को उनके प्रेमियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल को बरामद करने का दावा किया है।


बुलंदशहर के पहासू के गांव जटोला में रहने वाले 40 साल के किसान बलवीर सिंह की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी ही पत्नी व बेटी ने अपने आशिकों के साथ मिलकर करवा डाली। दरअसल, उसकी बेटी और पत्‍नी रानी के हेमंत और गोलू से अवैध संबंध थे, जिसकी भनक जब बलवीर सिंह को लगी तो उसने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था मां-बेटी ने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर रच डाली बलवीर सिंह के कत्ल की साजिश।


साजिश के तहत 9 जुलाई को जब बलवीर सिंह एक मोबाइल खरीद कर अपने घर पहुंचा, तो उसे फोन कर किसी ने बुलाया और उसके बाद वह घर नहीं लौटा। 11 जुलाई को उसका शव मिला। हत्यारों ने शव की पहचान मिटाने के लिए उसके चेहरे पर तेजाब भी डाल दिया था, लेकिन जब मृतक की शिनाख्त बलवीर के रूप में हुई। पुलिस ने शक के आधार पर जैसे ही उसकी पत्नी रानी और बेटी को हिरासत में ले सख्‍ती से पूछताछ की तो मां-बेटी ने कर दिया रिश्तों के कत्ल का खुलासा।


पुलिस ने मृतक की पत्नी-पुत्री उनके दोनों प्रेमियों व एक अन्य साथी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और पांचों को जेल भेज रही है।               


सैनिक के पिता की हत्या, पत्नी की घायल

अमेठी। उत्तर प्रदेश में लॉ एंड आर्डर कितना अपटूडेट है इसकी बानगी रोज ब रोज देखने को मिल रही है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के राज में अपराध दर अपराध होते ही चले जा रहे हैं। कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, अमेठी से लगाकर पूरे उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों का जलवा चरम पर है। एक के बाद एक अपराध होते चले जा रहे, पुलिस शायद कोरोना ढूंढ रही है।


ताजा मामला आज अमेठी में देखने को मिल रहा है। यहां राष्ट्रीय राइफल डोगरा रेजिमेंट में तैनात सूर्यप्रकाश मिश्र के पिता राजेन्द्र मिश्र की तेजधार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गयी। साथ ही उनकी गर्भवती पत्नी को पीटकर अधमरा कर दिया गया। अमेठी निवासी फौजी उत्तर प्रदेश शासन के खिलाफ परिवार सहित धरने पर बैठ गया है। न्याय न मिलने की उम्मीद के बाद आर्मी जवान ने आत्मदाह कर लेने की भी बात कही है।
22 जुलाई दोपहर वायरल हुआ यह वीडियो अमेठी का है, स्ट्रेचर पर पिता की लाश है और जो जमीन पर लोट-लोट कर बिलख रहा है वो पुंछ में तैनात जवान सूर्य प्रकाश मिश्र हैं। सूर्यप्रकाश के घर मे पड़ोस के कुछ दबंगों ने घर में घुसकर उनके पिता की हत्या कर दी। इसके अलावादबंगों ने उनकी गर्भवती पत्नी को भी पीट-पीटकर बेदम कर दिया। जवान सूर्यप्रकाश ने अपने पड़ोस में रहने वाले 6 लोगों पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमारा उनसे विवाद चल रहा था। जिसकी सूचना उन्होंने नजदीकी थाने में कई बार दी। बावजूद इसके उनकी सुनवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा जो सैनिक सरहद पर देश की रक्षा करता है वो अपने घर में ही अपने पिता को नहीं बचा सका।            


सुनहरे उल्लू के साथ 10 तस्कर गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश में उज्जैन में एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में वन्य जीवों की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए इसके छह पुरुष और चार महिला सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 5.25 करोड़ रुपये की कीमत के दो दुर्लभ वन्य जीव भी बरामद किए हैं।


उज्जैन एसटीएफ एसपी नितेश गर्ग ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ लोग उज्जैन के नानाखेड़ा इलाके में वन्यजीवों को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और दो कारों में सवार कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में चार महिलाएं थी। सभी आरोपी इंदौर और आसपास के इलाकों मे रहने वाले हैं। एसपी के मुताबिक, कार सवार लोगों के कब्जे से एक सुनहरा उल्लू और दो मुंहा सांप (Red Sand Boa) बरामद किया गया है। पकड़े गए दोनों जीव बेहद दुर्लभ हैं। सुनहरे उल्लू को स्मगलर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बेचते हैं जिसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये है। वहीं दो मुंह वाले सांप का इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए किया जाता है और इसकी कीमत करीब 2.25 करोड़ रुपये है। पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि तस्करों ने उल्लू व सांप को खंडवा के जंगलों से पकड़ा है। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों जीवों को जंगल में ही छोड़ा जाएगा।              


 


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लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...