गुरुवार, 23 जुलाई 2020

5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर 5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी दे दी है। लेकिन मुहूर्त की इस शुभ घड़ी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त की तिथि को ‘अशुभ घड़ी’ करार दिया है।


शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमें कोई पद नहीं चाहिए और न ही हम राम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक ढंग से हो और आधार शिला सही समय पर रखी जाए। अभी जो तिथि तय की गई है वह ‘अशुभ घड़ी’ है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तय मुहूर्त को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं ज्योतिषाचार्य नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि श्री हरि विष्णु शयन काल में मंदिर निमार्ण का मुहूर्त कोई विद्वान ब्राह्मण नहीं निकाल सकता, भगवान श्री राम हमारी आस्था के आधार हैं, इसलिए प्रत्येक कार्य विधि विधान से ‘शास्त्र’ सम्मत होना चाहिए ‘राजनैतिक’ दृष्टिकोण से नहीं।’ वहीं बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि राम के काम में कैसा मुहुर्त। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भारती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवा से दिक्कत है। कांग्रेस नफरत का जहर फैलाती है और उसने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया है। पार्टी ने हमेशा देश को बांटा है। इन लोगों को देश में शांति बदार्श्त नहीं है। आपको बता दें कि 18 जुलाई को  श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के बाद पांच अगस्त को भूमि पूजन का दिन तय किया गया था। ट्रस्ट की बैठक में ही भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने का फैसला लिया गया था और उसी दिन उन्हें आमंत्रित किया गया था। बताया जाता है कि ट्रस्ट के आमंत्रण को प्रधानमंत्री कार्यकाल ने स्वीकृति दे दी थी।          


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