शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

वांटेड के साथ हुई पुलिस की 'मौज-मस्ती'

कानपुर। कानपुर प्रकरण के बाद अपराधियों और पुलिसकर्मियों के बीच साठगांठ के रोजाना खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर की चोरी फॉर्च्यूनर हापुड़ पुलिस ने बरामद कर मेरठ पुलिस को आइना दिखाया तो दिल्ली एनसीआर में पहले से बदनाम सोतीगंज फिर से चर्चा में आ गया। सोतीगंज के वांटेंड कबाड़ी इकराम उर्फ राहुल काला के गुरुवार को पुलिसकर्मियों के साथ मौजमस्ती के फोटो वायरल होने के बाद आला अधिकारी भी सख्त हो गए हैं। आईजी रेंज प्रवीण कुमार ने कहा है कि अपराधियों से पुलिस की दोस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राहुल काला के खिलाफ 35 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह कई वर्षों से चोरी व लूट के वाहन काटता आ रहा है। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों से उसकी दोस्ती बताई जाती है। वायरल फोटो में भी क्राइम ब्रांच और सर्विलांस में तैनात कुछ पुलिस वाले दिखाई दे रहे हैं। एक सिपाही के हाथ में बीयर की बोतल है और दूसरा पुलिसकर्मी मस्ती में डांस कर रहा है। तीन पुलिसकर्मी फोटो में दिखाई दे रहे हैं और वह वांटेड राहुल काला के साथ फोटो सेशन भी कर रहे हैं। यह पार्टी कहां और कब चली, इसका खुलासा तो पुलिस अधिकारी जांच कराकर करा सकते हैं।भारी पड़ सकती है यह दोस्तीः सोतीगंज के शातिर कबाड़ियों की अपराधियों से दोस्ती भारी पड़ सकती है। लोगों का कहना है कि अधिकारियों को जल्द ही इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। कानपुर प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री भी सख्त निर्देश दे चुके हैं कि जिन पुलिसकर्मियों की अपराधियों से दोस्ती है, उनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। मेरठ के सोतीगंज में चोरी की गाड़ियां कटती हैं और संरक्षण पुलिस का मिलता है। इन फोटो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पुलिस से दोस्ती होगी तो कबाड़ी सोतीगंज में चोरी और लूट के वाहनों को क्यों नहीं काटेंगे।

           

हाईवे पर जलजमाव, शुरू धान की बुवाई

आगरा। ग्वालियर रोड पर नेशनल हाईवे रोहता सेवला के बीच हो रहे जलभराव को लेकर यूथ कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूथ कांग्रेस ने ग्वालियर रोड पर नेशनल हाईवे रोहता सेवला के बीच हो रहे जलभराव में धान की फसल की बुवाई कर अपना आक्रोश जताया। इस प्रदर्शन के माध्यम से यूथ कांग्रेस ने सरकार को बताया कि यह वही जगह है, जो किसानों से छीनकर नेशनल हाईवे बनाया गया किंतु सरकार उस हाईवे का ठीक से रखरखाव तक नहीं कर पा रहा है। जिससे सड़क एक बार फिर पानी से भरे हुए खेत के तब्दील हो गयी है।


यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस नेशनल हाइवे को बने हुए तकरीबन दो से ढाई साल हो गए। इस नेशनल हाईवे से डेली सैकड़ों की संख्या में वीआईपी अधिकारी व जनप्रतिनिधि निकलते हैं लेकिन इस समस्या की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। इस हाइवे पर जलभराव की वजह से मलेरिया जैसी कई बीमारियां पनप रही है। यह हाईवे भोपाल, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों और जिलों को जोड़ता है। जलभराव के कारण सड़क पर गहरे गहरे गड्ढे हो गए है, निकलने वालों के साथ हादसे भी हो चुके है लेकिन जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार की नींद नहीं खुल रही है।     


मनोज सिंह ठाकुर


असम में तोड़ा कोविड-19 केयर सेंटर




असम के कामरूप जिले में मरीजों ने तोड़ा कोविड -19 केयर सेंटर, खाना-पानी ना मिलने के खिलाफ नेशनल हाइवे किया जाम







कामरुप। असम में तकरीबन 100 से मरीजों ने कोविड-19 सेंटर को तोड़ कर हाईवे जाम कर दिया। दरअसल, मरीजों का आरोप है कि कामरूप जिले में मरीजों को पानी और खाना नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके विरोध में इन लोगों ने नेशनल हाइवे 31 को जाम कर दिया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि कामरूप के उपायुक्त कैलाश कार्तिक ने पुलिस के साथ गुरुवार को चंगसारी में मरीजों से राजमार्ग को खाली करने और केंद्र पर लौटने के लिए कहा और मामले को बातचीत से हल करने पर भी हामी भरी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तनाव व्याप्त है, हालांकि, आश्वासन के बाद मरीज वापस केंद्र में लौट आए। एक रूम में 10 से 12 मरीज रखने का आरोपः रोगियों ने आरोप लगाया कि उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और बिस्तरों की स्थिति भी ठीक नहीं है। एक कमरे में 10से 12 मरीजों को रखा जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर ने दिया आश्वासनः डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके आरोपों पर गौर किया जाएगा और समस्याओं का हल निकाला जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर मरीज COVID देखभाल सुविधा से खुश नहीं हैं, तो वे होम क्वारंटाइन का विकल्प चुन सकते हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि राज्य में स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात ड्यूटी पर हैं और हम मानते हैं कि वह अपनी जॉब में लेट हो सकते हैं क्योंकि वह ओपरटाइम कर रहे हैं। मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य में टेस्ट पैसे लेने के बाद हो रहे हैं, लेकिन असम में सभी प्रकार के खर्च राज्य सरकार उठा रही है।           





प्रतिबंधित करेंसी के साथ दो गिरफ्तार

आगरा। बीती रात हरीपर्वत थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना पुलिस ने बीते गुरुवार देर रात दो लोगों को 32.70 लाख रुपये के प्रतिबंधित हो चुके 500-1000 के नोटों के साथ गिरफ्तार किया। युवकों से लाखों में प्रतिबंधित पुरानी करेंसी बरामद होने से पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने तुरंत दोनों युवकों को हिरासत में लिया और कानूनी कार्यवाही की। आरोपियों को सात महीने पहले एक बिल्डर ने पुराने नोट देकर डेढ़ लाख रुपये लिए थे। अब आरोपी नोट बदलवाने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे थे। पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली और दोनों को पुराने नोटों के साथ पकड़ लिया। दोनों के पास 500-1000 के प्रतिबंधित नोटों की गड्डियां देखकर पुलिस दंग रह गई। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी उखर्रा निवासी भाव सिंह और अलबतिया निवासी नीरज तोमर हैं। भाव सिंह पशुपालक है, मूलरूप से फतेहाबाद का रहने वाला है। उसके पिता प्रधान हैं। नीरज एक जूता फैक्टरी में काम करता था। पिछले दिनों लॉकडाउन में नौकरी चली गई। दोनों में काफी समय से परिचय है।           


सिपाहियों से की अभद्रता, किया प्रदर्शन

राम जी परिहार 
औरैया। औरैया जिले के सहायल में भाजपा नेता से अभद्रता के आरोप में लाइन हाजिर किए गए सिपाहियों ने जुलूस निकाला। क्षेत्र में धारा 144 लागू होते हुए भी बिना मास्क लगाए सिपाहियों ने लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई। सामाजिक दूरी का उल्लंघन भी किया।


उधर, पुलिस के आला अधिकारी ने इसे विदाई का नाम दिया। जुलूस की फोटो खुद पुलिसकर्मियों ने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी वायरल की। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। भाजपा सहायल मंडल महामंत्री सोनू मिश्रा के साथ कुछ दिनों पहले बाजार में पुलिसकर्मियों ने अभद्रता की थी।

मामले में एसपी सुनीति ने चार सिपाहियों प्रतीक सिंह, ओमजी पांडेय, सुनील चाहर और श्यामसुंदर को लाइन हाजिर कर दिया। बुधवार को चारों सिपाहियों ने बाइकों से जुलूस निकाला। इस दौरान वे माला पहने हैं। चारों बुलट से हैं। सिपाहियों और अन्य लोगों ने फोटो भी खिंचवाई। किसी के चेहरे पर मास्क भी नहीं है। इनकी फोटो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं। वहीं, अफसरों का कहना है कि विदाई दी गई थी।

जुलूस की फोटो खुद पुलिसकर्मियों ने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी वायरल की। कार्रवाई की जद में आए एक सिपाही का कहना है कि उन लोगों ने कोई जुलूस नहीं निकाला है और न ही भाजपा नेता से अभद्रता की। थाने से निकलने के बाद कुछ लोगों ने विदाई दी और फोटो खिंचाई है। बकौल सिपाही, ‘हमारे पास हेलमेट भी था। फोटो खिंचाने की वजह से मास्क हटा लिया था। वह गले में लटक रहा है। यह अलग बात है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद फोटो खिंचाई। हमारे अधिकारी जो भी निर्णय लेंगे उसका हम सब पालन करेंगे’।

मामले में एसपी सुनीति ने बताया कि लाइन हाजिर होने के बाद उन्हें विदाई दी गई थी। फिर भी इसकी जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ यादव ने उनके बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा कि लाइन हाजिर किए गए पुलिसकर्मियों ने पुलिस मैनुअल का उल्लंघन किया है।             

नाबालिक सौतेली बेटी से दुष्कर्म किया

आगरा। आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में 14 साल की किशोरी से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोप किशोरी के सौतेले पिता पर है। पुलिस का कहना है कि दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

मूलरूप से नेपाल की रहने वाली किशोरी का परिवार जगदीशपुरा क्षेत्र में रहता है। कुछ दिन पहले किशोरी की मां नेपाल चली गई। उन्होंने दूसरी शादी की है। किशोरी की मौसी घर में रह रही थी। 12 जुलाई की रात को सौतेले पिता ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।
यह देख मौसी ने विरोध किया तो आरोपी ने उनके साथ भी मारपीट की। बुधवार रात को थाना जगदीशपुरा में सौतेले पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। रात दस बजे पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा। आरोपी घर से फरार है। 
तीन दिन बाद हुई सुनवाई 
बजरंग दल के संजय मल्होत्रा का आरोप है कि घटना के बाद पीड़िता की मौसी ने पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर पर सूचना दी। पीआरवी पहुंच गई। इस पर आरोपी फरार हो गया। तब पुलिस ने बात सुनने के बाद कहा कि वह घर आए तब बता देना। अगले दिन पीड़िता थाने गई। मगर, इस बार भी वही कह दिया। मामले की जानकारी संजय मल्होत्रा को हुई। उन्होंने क्षेत्राधिकारी लोहामंडी और एसएसपी को फोन पर मामले से अवगत कराया। तब पुलिस ने कार्रवाई की।           
     शरद मिश्रा

पीएम मोदी पर राहुल का जबरदस्त हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी टिप्पणी पर फिर तंज कसा है। उन्होंने मनरेगा से जुड़ा एक ग्राफ साझा करते हुए ट्वीट किया मनरेगा के बिना गरीबी नहीं गरीब मिट जाएगा।


राहुल गांधी ने कहा, ”मोदी जी ने कहा था कि मनरेगा में लोगों से बस गड्ढे खुदवाए जाते हैं। पर सच्चाई यह है कि जो मोदी जी ने आर्थिक गड्ढा खोदा है उससे ग़रीबों को आज मनरेगा ही निकाल रहा है। मनरेगा के बिना ग़रीबी नहीं ग़रीब मिट जाएगा। उन्होंने कोरोना वायरस (Corona virus) महामारी के चलते देश में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग बढ़ने से संबंधित आंकड़े का एक ग्राफ भी शेयर किया।


बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए सरकार ने कुछ महीने पहले मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की घोषणा की थी। इससे पहले मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने मनरेगा के लिए 61,000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था।


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने एक भाषण में कहा था, ”मेरी राजनीतिक सूझबूझ कहती है कि कभी मनरेगा को बंद मत करो। क्‍योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं को जीता जागता स्‍मारक है।” उन्होंने कहा था, ”आजादी के 60 साल बाद आपको लोगों को गड्ढ़े खोदने को भेजना पड़ा यह आपकी विफलताओं का स्‍मारक है। मैं गाजे-बाजे के साथ इस विफलता का ढोल पीटता रहूंगा।


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