बुधवार, 24 जून 2020

सेना प्रमुख ने हालात का जायजा लिया

नई दिल्ली। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को लेह और पूर्वी लद्दाख में सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। जनरल नरवणे ने उच्च मनोबल और साहस के लिए सैनिकों की प्रशंसा की और उन्हें इसी जोश और उत्साह के साथ काम करते रहने के लिए कहा। बढ़ते तनाव के बीच, चीन की आक्रामकता जारी रहने पर भारत एक प्रतिक्रिया के रूप में सभी संभावित सैन्य विकल्पों की खोज कर रहा है। भारत ने लद्दाख में अपनी तरफ के वास्तविक नियंत्रण रेखा के 826 किलोमीटर के मोर्चे पर भी तैयारी की है। मंगलवार को उन्होंने बेस हॉस्पिटल में घायल सैनिकों से बातचीत की। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों किए गए हमले में कुल 76 सैनिक घायल हुए और 20 शहीद हो गए। उन्होंने सैनिकों से बात की और उन्हें हर कदम पर पूरी एकजुटता का आश्वासन दिया।जनरल नरवणे का यह दौरा पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर हुआ है, जहां हजारों भारतीय सेना के जवान पीएलए से खतरे का सामना कर रहे वास्तविक नियंत्रण रेखा से कुछ मीटर की दूरी पर तैनात किए गए हैं।उन्होंने सैन्य बल की तैयारियों के साथ ही एलएसी पर तैनाती की भी समीक्षा की।


पृथ्वी से टकरा सकता है 'उल्का पिंड'

अंतरिक्ष से धरती की तरफ तेजी से बढ़ रही है मौत! कल पृथ्वी से टकरा सकता है एफिल टॉवर जितना बड़ा उल्का पिंड




जाने 2020 में ऐसा क्या हो गया है कि एक के बाद एक सिर्फ तबाही की खबरें ही सामने आ रही हैं। दुनिया जहां कोरोना से लड़ रही है, वहीं एक के बाद एक ऐसी आपदाएं पृथ्वी पर आ रही हैं कि लोग त्रस्त हो गए हैं। माया कैलेंडर मुताबिक, 21 जून को दुनिया खत्म होने की अफवाह अभी झूठी साबित हुई ही थी कि अब 24 जून को पृथ्वी के नजदीक से विशालकाय उल्कापिंड गिरने की खबर सामने आ रही है। नासा ने कंफर्म किया है कि ये उल्कापिंड 1 हजार 46 फीट बड़ा है। यानी एफिल टावर जितना। इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना काफी कम है। अगर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसे खींच लें, तभी कोई अनहोनी हो सकती है। इस खबर के सामने आने के बाद लोगों में एक बार फिर खौफ का माहौल है…


नासा एक विशालकाय उल्कापिंड को ट्रैक कर रहा है, जो एफिल टावर जितना बड़ा है। ये 24 जून को पृथ्वी के पास से गुजरेगा। स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने इसका नाम रॉक 441987 (2010 NY65) रखा है। कहा जा रहा है कि इसका साइज 140 से 319 मीटर तक हो सकता है। नासा ने इसे अपोलो उल्कापिंड कहा है। जो पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरते हैं। साइंटिस्ट्स के मुताबिक  पृथ्वी से इसके टक्कर की उम्मीद काफी कम है। फिर भी वो लगातार इसपर नजर बनाए हुए हैं।


बुधवार को सुबह 11:44 में ये उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। ये अंतरिक्ष से पृथ्वी की तरफ एक सेकंड में 12.89 किलोमीटर की रफ़्तार से आ रहा है।




शक्तिशाली भूकंप, अब सुनामी का अलर्ट

मैक्सिको सिटी। दक्षिणी मेक्सिको के तट पर मंगलवार सुबह एक शक्तिशाली भूकंप महसूस किया गया है। इससे मध्य अमेरिका के साथ प्रशांत तटीय क्षेत्रों के लिए सूनामी का अलर्ट जारी किया गया है। दक्षिणी मेक्सिको के ओक्साका राज्य में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) का कहना है कि मैक्सिकों के ओक्साका में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 दर्ज की गई है।


भूकंप आने का कारण शहर में कई इमारतें कागज की तरह हिलने लगी थी। जिसके कारण हजारों लोग दहशत से घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए। भूकंप का केंद्र ओक्साका के प्रशांत तट पर बताया जा रहा है। द यूएस नेशनल ओसनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी दी है। द यूएस नेशनल ओसनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार मैक्सिको, दक्षिणी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर और होंडुरास में भूकंप के बाद सुनामी आ सकती है।


ग्वाटेमाला की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने अपने दक्षिणी प्रशांत तट के लिए एक मीटर ऊंची लहरों के साथ सुनामी की चेतावनी जारी की है। साथ ही लोगों को समुद्र से दूर जाने की सलाह दी गई है। वहीं मेक्सिको के कुछ तटों पर 3 से 9 फीट तक की सुनामी लहरें के उठने की संभावना है। जबकि इक्वाडोर में 3 फीट तक की सुनामी लहरें संभावना है। पीटीडब्ल्यूसी के अनुसार, मध्य अमेरिका के बाकी हिस्सों में, प्रशांत तट के पास एक फुट तक की सुनामी लहरों की संभावना है।


विश्व में 92 लाख का आंकड़ा किया पार

नई दिल्ली। दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। चीन के वुहान से पिछले साल दिसंबर में शुरू हुए इस खतरनाक वायरस का फैलाव दुनिया के लगभग हर देश में फैल चुका है। दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या मंगलवार को 92 लाख का आंकड़ा पार कर गई, जबकि 4.74 लाख लोगों की जान जा चुकी है। महामारी के चपेट में आए 49.61 लाख लोग इससे उबरे भी हैं। वहीं रूस में संक्रमण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार विश्व भर में इस बीमारी से संक्रमितों की संख्या 92 लाख से अधिक हो गई है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या 476,900 हो गई है। कोविड-19 के मामलों की संख्या बुधवार की सुबह तक 92,39,794 थी, जबकि घातक वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 476,945 हो गई। यह खुलासा विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग(सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में किया।


सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका 2,346,937 मामलों और 121,224 मौतों के साथ प्रभावित देशों की सूची में शीर्ष पर बना है, जबकि ब्राजील 1,145,906 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि यहां मरने वाले लोगों की संख्या 52654 है। सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, मामलों में रूस तीसरे (598,878), उसके बाद भारत (440,215), ब्रिटेन (307,682), पेरू (260,810), चिली (250,767), स्पेन (246,752), इटली (238,833), ईरान (209,970), फ्रांस (197,804), जर्मनी (192,480), तुर्की (190,165), मैक्सिको (191,410), पाकिस्तान (185,034), सऊदी अरब (164,144), बांग्लादेश (119,198), कनाडा (103,767) और दक्षिण अफ्रीका (106,108) का स्थान आता है। वहीं 10,000 से अधिक मौत वाले देश ब्रिटेन (43,011), इटली (34,675), फ्रांस (29,723), स्पेन (28,325), मैक्सिको (23,377) और भारत (14,011) हैं।


मिस्र में 24 घंटे में 1576 नए मामले :


मिस्र में 24 घंटे में 1576 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 56 हजार से अधिक हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 24 घंटे में 85 लोगों की मौत हुई है। देश भर में संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 2,278 हो गई।


डिजिटल तरीके से गैस-सिलेंडर की बुकिंग

प्रताप सिंह सुवाणा

 

डिजिटल तरीके से ही होगी गैस सिलेंडर की बुकिंग और भुगतान

 

मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस एजेंसियों को डिजिटल बुकिंग का निर्देश दिया है। इसके साथ सिलेंडर घर पहुंचने पर डिलिवरी ओथेंकेटिंग (प्रमाणीकरण) कोड (डीएसी) भी जरूरी होगा। इसलिए, गैस एजेंसियों पर डिजिटल बुकिंग करने का दबाव है।

 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की तरफ से दिए गए डिजिटल बुकिंग लक्ष्य के मुताबिक गैस एजेंसियों को जुलाई से कम से कम अस्सी फीसदी बुकिंग डिजिटल तरीके से करनी होगी। मतलब बुकिंग के लिए एमएसएम, आईवीआरएस या व्हाट्सएप के साथ मोबाइल एप के जरिए सिलेंडर बुक करना होगा। एजेंसियों से कहा गया है कि सिलेंडर की डिलिवरी करने वाले कर्मचारी को अपने मोबाइल एप पर उपभोक्ता के मोबाइल पर आए डिलिवरी ओथेंकेटिंग कोड (डीएसी) को दर्ज करना होगा।

कंपनियों का कहना है कि एप पर डीएसी दर्ज करने से लोकेशन भी दर्ज हो जाएगी ताकि सिलेंडर सही व्यक्ति तक पहुंच जाए।

इसके साथ तेल कंपनियों ने गैस एजेंसियों को डिजिटल पेमेंट (भुगतान) का भी लक्ष्य दिया है। बड़े शहरों में एक जुलाई से कम से कम 60 फीसदी उपभोक्ताओं का डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। छोटे शहरों में सितंबर से कम से कम पचास फीसदी डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी शामिल नहीं हैं।

डिलिवरी करने वालों को आ रही दिक्कत

पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से जारी इन दिशानिर्देशों की वजह से घर पर सिलेंडर पहुंचाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। एक गैस एजेंसी के प्रबंधक ने कहा कि कोरोना की वजह से लोग सिलेंडर भी घर के बाहर रखवा लेते हैं। ऐसे में डिलिवरी बॉय को उपभोक्ताओं को डिजिटल बुकिंग और पेमेंट के बारे में समझाना मुश्किल हो रहा है।

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मीना को पार्षद चुनने पर समाजिक बधाई

मीना शर्मा (विश्वकर्मा) जी को मनोनीत पार्षद चुने जाने पर विश्वकर्मा समाज ने दी बधाई

 

अश्वनी उपाध्याय

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश शासन एवं भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नगर पालिका परिषद लोनी श्रीमति मीना शर्मा ( विश्वकर्मा ) जी को पार्षद मनोनीत होने पर विश्वकर्मा समाज की युवा टीम ने बड़े ही जोर शोर के साथ श्रीमती मीना शर्मा  (विश्वकर्मावंशी) जी को उनके निवास स्थान राजीव गार्डन संगम विहार पर पहुंचकर फूल मालाओ एवं विश्वकर्मा समाज जिंदाबाद के नारों के साथ स्वागत किया। श्रीमति मीना विश्वकर्मा ने संगठन व समाज के युवाओं का धन्यवाद करते हुए। युवाओ में समाज और राजनीति के प्रति नई सोच और राजनीतिक में भाग्य दारी आवश्यक होनी चाहिए एवं विश्वकर्मा समाज को आगे बढ़ने के लिए युवाओं से काफी चर्चा की गई।

मुख्य रूप से कपिल पांचाल प्रदेश महासचिव विश्वकर्मा महासभा उत्तर प्रदेश.मंडल मंत्री अंकुश पांचाल जिलाध्यक्ष विश्वकर्मा महासभा मंडल महामंत्री सचिन जांगिड़ विश्वकर्मा कमलदेव विश्वकर्मा आदित्य विश्वकर्मा  सुनील विश्वकर्मा आकाश विश्वकर्मा अनीश विश्वकर्मा राहुल विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।

कोरोना पर भक्ति की आस्था पड़ी भारी

संकरा बाबा में पूरी होती हैं मांगी मुरादे

मंगलवार को कौशाम्बी जिले से ही नही अपितुआसपास के जिलों के हजारो भक्तों का लगता है जमावड़ा

संक्रामक बीमारी  कोरोना पर भक्ति की आस्था भारी

आज भी बदहाली का शिकार है संकरा बाबा धार्मिक देवस्थल

 

अझुवा कौशाम्बी। सिराथू तहसील के नगर पंचायत अझुवा से डेढ़ किमी की दूरी पर भैरों बाबा(संकरा बाबा) का  प्रसिद्ध देवस्थान है जो हजारो वर्ष पुराना लोगों के आस्था का केंद्र है।

मान्यता के अनुसार यहाँ जो कुछ भी भक्ति भाव से मांगों उसे  संकराबाबा पूरा जरूर करते हैं बरसात हो या तपन यहां भक्तों का रेला लगा रहता है भैरों बाबा देवस्थान पर मंगलवार को हजारों की संख्या में भक्त यहाँ पहुँच कर बाबा से अपनी फरियाद करते है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी के आदेशानुसार  किसी भी मंदिर में भीड़ नही लगनी चाहिए मास्क और सोसल डिस्टेंसिंग का हर हाल में पालन किये जाने के निर्देश है 

जिस किसी को धार्मिक अनुष्ठान पूजा आदि करना हो अपने अपने घरों में रहकर करे उसी के अनुपालन में रास्तों से  ही अझुवा पुलिस चौकी इंचार्ज ने अपने हमराहियों के साथ भक्तों को अपने अपने घरों में रहकर पूजा पाठ करने का अनुरोध किया 

 

सुबह से ही  अझुवा चौकी पुलिस भैरों बाबा के दरबार मे पहुंच गई थी !दूसरे जनपदों से आये हुए तमाम श्रद्धालु अपनी मनौती पूरी होने पर ही आये थे जिन्हें कोरोना वारियर्स रूपी पुलिस ने अपने  अपने घर जाने का अनुरोध करते हुए लोगों से मास्क और अंगौछा के साथ साथ सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए मंदिर प्रांगड़ के नीचे से  दर्शन करवाकर वापस कर दिया ।.वहीं फतेहपुर जिले के सेमौरी से आये एक बुजुर्ग श्रद्धालु  रामप्यारे ने बताया  उसके बुजुर्गों ने बताया था कि संकरा क्यों चढ़ाते हैं इसकी एक बहुत पुरानी कहानी है इस स्थान के बगल से मुख्य रेलमार्ग है एक दिन अचानक रेलवे की मालगाड़ी भैरों बाबा के स्थान पर आकर बंद हो गयी उस मालगाड़ी को स्टार्ट करने बड़े बड़े इंजीनियर आये परन्तु किसी को सफलता नही मिली। ये तमासा देखने के लिए गांव से कुछ आदमी आये उन लोगों ने इंजीनियरों से कहा बग़ल में देवस्थान है वहां जाकर संकरा चढा दो मालगाड़ी स्टार्ट हो जाएगी उपस्थित सारे लोगों ने हंसी में टाल दिया तब एक इंजीनियर ने कहा चलो पूजा कर ही लेते हैं देवस्थान में पहुंच कर इंजीनियरों ने अनुरोध किया नाम लेकर मालगाड़ी स्टार्ट किया ,स्टार्ट हो गयी तभी रेलकर्मियों ने उस देवस्थान में हर साल संकरा चढ़ाने की मन्नत मांग ली कथानुसार आज भी रेल विभाग वहां संकरा अवश्य चढ़ाते हैं।

 

नगर पंचायत के ही तमाम समाज सेवी और स्वच्छ हवा का आंनद लेने वाले सुबह भ्रमण के लिए देवस्थान में जाकर योगा से लेकर तमाम तरह की शारीरिक क्रियाएं करते हैं उनमें से एक वरिष्ठ समाजसेवी ने संकरा बाबा देव स्थान पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर चार पांच कमरों का धर्मशाला बनवाने की मांग रखी थी जिस पर मंत्री महोदय ने जिलाधिकारी को आदेशित किया था जिस पर अझुवा के संबंधित अधिकारी ने यह कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डलवा दिया कि संकरा बाबा धार्मिक स्थान धुमाई ग्राम सभा मे लगता है!

नियमों को ताक पर रखकर चंद महीनों के अंतराल पर एक ही सड़क के लिए दो बार सरकारी धन स्वीकृत किया गया था और दुर्भाग्य देखिए कि नगर पंचायत के वार्ड नं 3 काली माता मंदिर से भैरों बाबा (संकरा बाबा) तक जाने वाली सड़क के लिए जनप्रतिनिधि की निधि से 25लाख रुपये की लागत से इंटर लॉकिंग सड़क का निर्माण कराया गया था बावजूद इसके डूडा द्वारा कुछ महीनों के अंतराल पर इसी सड़क के लिए लगभग 92  लाख रुपये लागत से नाली सहित इंटर लॉकिंग सड़क एवम नाली निर्माण के लिए धन स्वीकृत कराया गया  था यह है कौशाम्बी के परम् भ्रस्टाचारियो का खेल जिसमे एक ही विकास कार्य के लिए भिन्न विभागों से धन स्वीकृत कराकर जनता को बेवकूफ बनाकर खून चूस रहे हैं! लोग कहते हैं संकरा बाबा की ख्यातिनुसार उस क्षेत्र को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित नही किया जा रहा इस देव स्थान में प्रत्येक मंगलवार पचासों ट्रैक्टर छोटा हाथी पिकअप चार पहिया कारें सैकड़ों मोटरसाइकिल से भक्त दर्शन करते हैं। यदि ग्राम पंचायत धुमाई और नगर पंचायत अझुवा के जिम्मेदार, जनप्रतिनिधि समाजसेवी ठान ले तो हजारों लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र भैरों बाबा  स्थान का एक बेहतर विकास किया जा सकता है !जिससे सैकड़ों हजारों परिवार को परिवार चलाने में सहूलियत और रोजगार भी मिल सकता है!

सन्तलाल मौर्य

मैन्युफैक्चरिंग 'चीन दुनिया की फैक्ट्री'

अकांशु उपाध्याय

बिजिंग। चीन दुनिया की फैक्ट्री है। क्या हमारे कारखाने उस क्वालिटी का और उतना माल बनाने के लिए तैयार हैं ? एक फैक्ट्री मालिक होने के नाते मेरा अनुभव यह है कि हम लोग इंजीनियरिंग और खासकर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया से बहुत पिछड़े हुए हैं।

अपनी फैक्ट्री में एक छोटी सी मशीन बनवाने, या किसी डाई को रिपेयर कराने के लिए मुझे जो संघर्ष करना पड़ता है, वह मुझे हैरान करता है कि हर साल करोड़ों ग्रैजुएट्स उगलने वाले इस देश के महान शिक्षा संस्थान क्यों कुछ ऐसे लोग नहीं दे पाते जो ठीक से एक डाई भी बना सकें। पिछले 20 सालों की आर्थिक तेजी में जो थोड़ा बहुत कमाल हमने दिखाया है, वह बस सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में है, मैन्युफैक्चरिंग के मामले में हम निकम्मे हैं।

क्या ऐसा इसलिए है कि भारत चिंतन करने वालों का देश रहा है। हाथ से काम करने को यहां नीची निगाह से देखा जाता है, इसलिए हमारी आबादी के सारे तेज दिमाग लोग किसी ऐसे पेशे में नहीं जाते जिसमे हाथ का काम हो। वे सिर्फ पढ़ते, सोचते हैं ! एक अमूर्त कंप्यूटर प्रोग्राम को डिकोड करना हमारे लिए अधिक आसान है बजाएं रंदा चलाकर एक लकड़ी को सीधा करने से हमारे सारे शिक्षा संस्थान सिर्फ सोचना सिखाते हैं, करना नहीं। ऐसे में उस चीन से हम कैसे जीतेंगे जो आठवीं क्लास पास करने के बाद ही बच्चे को सीधे ही कोई हुनर सिखाते हैं। वोकेशनल कोर्स कराते हैं। अपनी चीन यात्रा के दौरान मैंने जाना था कि चीन ने अपने हुनरमंदों की इज्जत की। उन्हें उद्यमी बनाया। दूसरी तरफ हमारी सरकार ने इनफॉरमल इकोनामी कह कर उनकी बेइज्जती की। सरकारी अफसरों ने उन्हें इतना डराया धमकाया कि वे बड़े होने से डरने लगे। हमारे देश में परंपरा से जो हुनरमंद आते हैं उनकी कद्र बड़ी इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज़ ने भी नहीं की। सिर्फ इसलिए क्योंकि ये हुनरमंद एक अलग भाषा में बात करते हैं। उनकी शब्दावली उनकी दुनिया की है। इसलिए हमारे यहां ये दोनों दुनियाऐं अलग अलग समानांतर चलती रहीं और एक दूसरे को कोई फायदा नहीं पहुंचा पााईं। अगर पढ़े -लिखे इंजीनियर अपना अहंकार छोड़ कर इन दोनों दुनियाओं के बीच में पुल बनाने की कोशिश करते तो आज हम मैन्युफैक्चरिंग के मामले में इतने पिछड़े ना होते।हबेशक हमारे युवा संख्या में बहुत हैं, पर एक बार उनकी क्वालिटी पर भी नजर डालिये। स्कूल कालेजों से कच्ची पक्की परीक्षाएं पास किए ये लोग अब खेती करने में बेइज्जती महसूस करते हैं और उनके पास ऐसा कोई ज्ञान या हुनर नहीं है जो फैक्ट्रियों के काम का हो। बारहवीं पास बच्चा किराने की दुकान पर सामान का हिसाब भी ठीक से नहीं जोड़ सकता। हमारे स्कूलों के पाठ्यक्रमों में ऐसा कुछ नहीं है जो बाजार के काम का हो। हमें इस बारे में गम्भीरता से विचार करना होगा।

चीन से बराबरी करने का सपना देखने वालों को वहां काम करने वाली महिलाओं की संख्या भी देखना चाहिए। हमने देश की 50% आबादी को बेकार घर पर बिठा रखा है। पिछले कुछ सालों की कालेजों की मेरिट लिस्ट उठा कर देखिए। ज्यादातर गोल्ड मेडल लड़कियों ने हासिल किये हैं। वे लड़कियां मैन्युफैकचरिंग सैक्टर में क्यों दिखाई नहीं देतीं ?

जिस समय हमारी महिलायें कथा कीर्तन में व्यस्त होती हैं चीन की महिलायें अपनी फैक्ट्री चला रही होती हैं।

चीन से बराबरी के सपने देखता भारतीय समाज चीन की कार्य संस्कृति को क्यों नहीं देखता ? हमारे कारखानों में कामगारों के साल के औसत कार्य दिवस दुनिया के मुकाबले बहुत कम हैं।

कारपोरेट के हमारे मैनेजर इंनइफिशिएंट हैं। हमने मैनेजर बनने की एकमात्र योग्यता टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलना बना रखी है। ज्यादातर मैनेजर बस यही एक काम जानते हैं। चीन के लोग आज भी अपनी मातृभाषा में काम करते हैं।

अब वे भी उसी भ्रष्टाचार और अक्षमता के शिकार हो गए हैं। वे रिश्वत नहीं लेते, पर मोटी तनख्वाह लेकर बस अपनी खीज अपने मातहत कर्मचारियों पर उतारते हैं। यह बात मैं किसी किताब में पढ़कर नहीं अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कहता हूं। आप सोचेंगे यदि भारतीय समाज में इतनी बुराइयां हैं तो फिर 20 -30 सालों में हमने इतनी तरक्की कैसे की है ???

मेरे विचार में इसकी एक बड़ी वजह है ज़मीन का पैसा। 1991 में पी वी नरसिम्हा राव की सरकार ने आर्थिक सुधार लागू किए। उससे विदेशी निवेश आया, फिर अटल सरकार ने बड़े राजमार्ग बनाए, होमलोन सस्ते हुए। इन वजहों से जमीन के दामों में बहुत बड़ा उछाल आया। इसने बड़ी मात्रा में काला धन पैदा किया। यह धन किसी मेहनत या हुनर से कमाया हुआ धन नहीं था। यह जमीन के सट्टे की फसल थी। इस काले धन ने जो डिमांड पैदा की उसके लिए हमारी सप्लाई साइड तैयार नहीं थी। क्योंकि उसके पहले के 20- 25 साल देश में मंदी की वजह से नई फैक्ट्रीयां, नए कारोबार उस तादाद में नहीं लग पाए थे। रातों रात नई फैक्ट्रियां लगना संभव नहीं थी, इसलिये सप्लाई साइड की इनएफिशिएंसी के बावजूद बाजार उछलता रहा। तो हमें चीन की तरफ जाना पङा। बाप दादाओं के खेत बेचकर स्कॉर्पियो खरीदने वाला एक नया वर्ग पैदा हुआ जो जमीनों की दलाली में धनकुबेर बना। 

 अपने देश की परिस्थितियों और गरीबी के हिसाब से कोई नयी सस्ता मकान या अन्य कोई तकनीक ढूंढ़ने में किसी का ध्यान नहीं था।

कोरोना इस तरह से वरदान है कि ईजी मनी के नशे में ग़ाफ़िल हमारे देश की प्रतिभाओं को शायद यह नींद से जगा दे। मजबूरी में ही सही हम अपने कंफर्ट जोन से बाहर आएं।

कुछ दिन पहले जो N95 मास्क 100 रूपये से अधिक में मिलता था आज हमने चीन से मशीनें मँगा कर अपने यहाँ बनाना शुरू किया तो यहाँ पर उसकी कीमत मात्र 30 रूपये आ रही है।

केवल मुंह बनाकर अंग्रेजी बोलना सिर्फ भाषाई योग्यता है, तरक्की के लिए मेहनत भी करनी होती है।

 शायद हमें एहसास हो कि धर्म और जाति नहीं गरीबी और भुखमरी अधिक महत्वपूर्ण है। और इस वक्त हमें एक दूसरे का हाथ पकड़कर इस मुसीबत से पार पाना है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब दुनिया ने जर्मनी का बहिष्कार कर दिया, तब वहां के इंजीनियरों ने लगभग हर मामले में अपने देश को आत्मनिर्भर बना लिया। यदि हम वास्तव में चीन का बहिष्कार करना चाहते हैं तो तो पहले हमें अपने मेहनतकश समाज को मजबूत करने के साथ-साथ देशहित को सर्वोपरि रखकर आगे बढ़ना होगा।

अभिनन्दन के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट स्थित उदयन

डीएम मनीष वर्मा एवं एसपी अभिनन्दन के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट स्थित उदयन


कौशाम्बी। सभागार में आगामी बकरीद एवं काँवड़ यात्रा के सम्बंध में धर्मगुरुओ के साथ बैठक का किया गया आयोजन।कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इस बार काँवड़ यात्रा पर रहेगी रोक।मंदिर में एक साथ 05 लोगो के प्रवेश पर रहेगी रोक। डीएम ने सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य रूप से पालन करने एवं मास्क का प्रयोग करने का दिया निर्देश।बकरीद त्यौहार को लेकर सामूहिक कुर्बानी की जगह इस बार घर में दी जाएगी कुर्बानी।एसपी अभिनदंन ने समस्त प्रभारी निरीक्षकों को अपने अपने क्षेत्र में निरन्तर भृमण कर विक्रय स्थल पर विशेष सतर्कता एवं सावधानी बरतने का दिया निर्देश।


विमलेश कुमार मौर्या


4 माह का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाए

सुनील पुरी


फतेहपुर। उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र फतेहपुर, विकास सिंघल ने बताया कि स्पेशल कंपोनेंट योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों को स्व-रोजगार युक्त बनाने हेतु गत वर्षों के भांति इस वर्ष भी पुरुषों को इलेक्ट्रिशियन एवं महिलाओं को कम्प्यूटर साफ्टवेयर ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है, जिसमे एक माह का सैद्धान्तिक तथा तीन माह का व्यवहारिक एवं पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जाति के व्यक्तियों को स्व-रोजगार युक्त बनाने हेतु पुरुषों को कम्प्यूटर साफ्टवेयर में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है जिसमे एक माह का सैद्धान्तिक एवं चार माह का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण के लिए आयु 18 वर्ष से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। गैर तकनीकी प्रशिक्षण हेतु लिखने -पढ़ने का ज्ञान आवश्यक है, तथा तकनीकी प्रशिक्षण हेतु कम से कम 8वीं पास होना आवश्यक है। इच्छुक अभ्यर्थी उक्त प्रशिक्षण हेतु निर्धारित आवेदन पत्र दिनाँक 25.07.2020 तक जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र , आबूनगर, फतेहपुर में प्राप्त एवं जमा कर सकते है। योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी हेतु किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय में संपर्क कर सकते है।


विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में पारम्परिक कारीगरों बढई, नाई, लोहार, कुम्हार, हलवाई के प्रशिक्षण हेतु गठित चयन समिति के द्वारा साक्षात्कार दिनाँक 25.06.2020 को ट्रेड बढ़ई, 29.06.2020 को ट्रेड नाई, 01.07.2020 को ट्रेड लोहार, 03.07.2020 को ट्रेड कुम्हार एवं 06.07.2020 को ट्रेड हलवाई का प्रातः 11:00 बजे से कार्यालय जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, आबूनगर, फतेहपुर में उक्त ट्रेडों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का साक्षात्कार/चयन किया है।


विमलेश कुमार मौर्या


मजिस्ट्रेट ने हॉस्पिटलों को किया सील

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बिना रजिस्ट्रेशन व मानक के अनुरूप संचालित न होने वाले हॉस्पिटलों को किया सील

 

गोरखपुर। जिलाधिकारी गोरखपुर के विजयेंद्र पांडियन के निर्देशानुसार शहर में बिना रजिस्ट्रेशन व मानक के अनुरूप अपना हॉस्पिटल न संचालित करने की सूचना पर जॉइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी सदर गौरव सिंह सोगरवाल अपने टीम के साथ  शहर के कूड़ाघाट क्षेत्र में कई हॉस्पिटलों जैसे शुभांगी डायग्नोस्टिक सेंटर एवं गिरीजा चाइल्ड केयर मानवी हॉस्पिटल हरदेव हॉस्पिटल व जया हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया  जिसमें  पाया गया कि हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के व आवश्यक मानकों का उल्लंघन करते पाया गया। बिना रजिस्ट्रेशन के पाए गए हॉस्पिटल को सील किया गया व बिना मानक के पाए गए हॉस्पिटल में मरीजों के प्रवेश पर रोक लगाया गया तथा हॉस्पिटल को 7 दिन के भीतर जवाब देने को बोला गया। निरीक्षण में उप जिलाधिकारी  सदर, अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी व तहसील सदर के कर्मचारी गण मौजूद रहे।

लखनऊः जवानों की पॉजिटिव संख्या बढ़ती

लखनऊ। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना के लक्षण वाले 2,373 सैंपल की कल हुई जांच में 91 पाॅजिटिव मिले हैं, इनमें अकेले लखनऊ के ही 72 लोग हैं। ये जांच रिपोर्ट आज सुबह जारी की गई है। चिंता की बात ये है कि पीएसी जवानों की पाॅजिटिव रिपोर्ट की संख्या लगातार बढ़ रही है।
लखनऊ में मिले 72 पाॅजिटिव में 5, 8 एवं 9 वर्षीय तीन बालक एवं सात महिलाएं हैं तथा दो छोटी बच्चियों को भी पाॅजिटिव पाया गया है, जिसमें एक बच्ची तो केवल एक साल की है तथा दूसरी बच्ची की उम्र 7 वर्ष है। 60 पुरुष पाॅजिटिव मिले हैं जिसमें कई युवक व 60, 75 एवं 80 वर्षीय तीन बुजुर्ग भी शामिल हैं। जहां केजीएमयू की रिपोर्ट में 72 नए पाॅजिटिव की बात की गई है तो सीएमओ आफिस की ओर से लखनऊ में 62 मामले बढ़ने की बात कही गई है। इनमें नाका क्षेत्र स्थित डीएवी कॉलेज परिसर ठहराए गए पीएसी के 24 जवान, हजरतगंज में एक इंश्योरेंस कंपनी के 11 कर्मचारी, वृंदावन में स्टेट बैंक के कर्मचारियों के 8 परिजन, कानपुर रोड स्थित एलडीए कालोनी के 5, ब्लंट स्कावयर के 3, महानगर के 2 एवं काकोरी, राम स्वरूप विवि, चिनहट के कमता, तेलीबाग के एक-एक तथा एक नर्स शामिल है। अन्य 4 मरीजों का व्यौरा जुटाया जा रहा है।
इसके अलावा केजीएमयू की रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल में 4, हरदोई में 3, शाहजहांपुर में 6, कन्नौज में 5, उन्नाव में एक मरीज की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है।


विजय आनंद वर्मा


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