बुधवार, 3 जून 2020

भाजपा सांसद के लापता होने के पोस्टर

चंदौली में भाजपा सांसद के लापता होने का पोस्टर लगा , ढूंढ कर लाने वाले को 5,100 रुपए इनाम की घोषणा


 सुनील मिश्रा 


वाराणसी। केंद्रीय मंत्री एवं चंदौली सांसद डॉ महेंद्र नाथ पांडे चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में लापता होने का पोस्टर लगाया गया हैं। सांसद को ढूंढ कर लाने वाले को 5 ,100 रुपए इनाम की घोषणा भी की गई है। सांसद चंदौली के लापता होने के पोस्टर लाल बहादुर पीजी कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष अंकित कुमार यादव ने लगवाई है।अपने को सपा नेता बताने वाले पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि करोना जैसी महामारी 2 महीने से अधिक हो गया मगर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए।इस संबंध में सांसद के मीडिया प्रभारी हरवंश पटेल ने कहा कि यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए घटिया हरकत की गई है। आगे कहा कि सांसद लगातार चंदौली के साथ हैं।उन्होंने जिले के लिए पीपीई किट भिजवाई है। चंदौली में कोई भूखा न रहे इसके लिए लगातार रसद सामग्री बाटी जा रही है।


सॉलिसिटर जनरल की बर्खास्तगी की मांग

उठने लगी है सॉलिसिटर जनरल की बर्खास्तगी की मांग 

नई दिल्ली। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अब हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को धमकाने पर उतर आये हैं। शायद वे सोच रहे हैं कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस या जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत जैसे मामले हैं प्रवासी मजदूरों के, जो मैनेज हो जायेंगे। तुषार मेहता की उच्चतम न्यायालय में की गयी अमर्यादित तीखी टिप्पणियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। तुषार मेहता ने दुर्दशाग्रस्त प्रवासी मजदूरों के प्रति जो अहंकारी असहिष्णुता दिखाई है, उससे उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। देश के 19 हाईकोर्टों जहाँ कोविड-19 से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई हो रही है, पर समानांतर सरकार चलाने के तुषार मेहता के आरोप को उच्च न्यायालयों को धमकाने का प्रयास माना जा रहा है। जब प्रवासी मजदूरों से सम्बन्धित सभी याचिकाओं में बिना शपथपत्र लिए उच्चतम न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सभी बातें मान लीं तो उनका अहंकार स्वाभाविक है।  

इंडियन एक्सप्रेस में तो तुषार मेहता की बर्खास्तगी तक की मांग शुरू हो गयी है। तवलीन सिंह के लेख में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय में तुषार मेहता द्वारा की गयी अमर्यादित टिप्पणियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, जितना विपक्ष भी नहीं पहुंचा सका है। इसका कारण यह है कि मेहता ने सड़क पर पैदल चलने वाले उन प्रवासी मजदूरों के प्रति अहंकारी असहिष्णुता दिखाई है, जिन्होंने कोविड-19 में अपना सब कुछ खो दिया है। प्रवासी मजदूरों का  जितना नुकसान कोविड-19 ने नहीं पहुंचाया उससे ज्यादा  कार्यपालिका की आपराधिक लापरवाहियों ने पहुंचा दिया है। प्रधानमन्त्री से तुषार मेहता को बर्खास्त करने की मांग की गयी है। 

मूडीजः भारत की रेटिंग को बताया कबाड़ा

मूडीज़ ने भारत की रेटिंग को सिर्फ ‘कबाड़’ से ऊपर रखा, बीजेपी सांसद ने कहा-चीनी साज़िश 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने सीआईआई के 125वें वार्षिक समारोह में मंगलवार को दावा किया कि भारत अपनी ग्रोथ रेट जल्द पा लेगा, लेकिन दुनिया इस दावे पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की रेटिंग बेहद कम कर दी है। इसे बीएए-2 से घटाकर बीएए-3 कर दिया गया है जो निवेश की दृष्टि से सिर्फ कबाड़ ग्रेड से एक दर्जा ऊपर है। एजेंसी के मुताबिक आने वाले दिनों में आर्थिक स्थिति भारत की और बिगड़ेगी। निम्न आर्थिक वृद्धि दर, बिगड़ी वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव जोखिम कम करने की चुनौतियां होंगी। यह दो दशक में पहली बार हुआ है। इससे पहले 1998 में मूडीज़ ने भारत की रेटिंग को कम किया था।

मूडीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP)में 4 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। भारत के मामले में पिछले चार दशक से अधिक समय में यह पहला मौका होगा जब पूरे साल के आंकड़ों में जीडीपी में गिरावट आएगी। इसी अनुमान के चलते मूडीज ने भारत के विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा की दीर्घकालिक इश्युअर रेटिंग को बीएए-2 से घटाकर बीएए-3 पर ला दिया गया है। ‘बीएए-3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इससे नीचे दर्जे की रेटिंग निवेश लायक नहीं मानी जाता है।

मूडीज का कहना है कि सुधारों की धीमी गति और नीतियों की प्रभावशीलता में रुकावट ने धीमी वृद्धि में योगदान किया। यह स्थिति कोविड- 19 के आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी और यह इस महामारी के बाद भी जारी रहने की संभावना है।

मूडीज ने इससे पहले नवंबर 2017 में 13 साल के अंतराल के बाद भारत की राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान चढ़ाकर बीएए-2 किया था। एजेंसी ने कहा कि नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग को एक पायदान बढ़ाना इस उम्मीद पर अधारित था कि महत्वपूर्ण सुधारों का प्रभावी क्रियान्वरयन किया जाएगा और इससे अर्थव्यवस्था, संस्थानों और वित्तीय मजबूती में लगातार सुधार आएगा। तब से लेकर इन सुधारों का क्रियान्वयन कमजोर रहा और इनसे बड़ा सुधार नहीं दिखाई दिया। इस प्रकार नीतियों का प्रभाव सीमित रहने के संकेत मिलते हैं। दूसरी रेटिंग एजेंसियों,फिच रेटिंग्स और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने हाल में भारत की रेटिंग को मूडीज से भी एक रेटिंग कम दिया है।

 

उधर, सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता मूडीज़ के इस आकलन से भड़के हुए हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री मोदीको पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि मूडीज़ और दूसरी एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने के लिए चीन के इशारे पर ऐसा कर रही हैं। उन्होंने लिखा, ” … ये रेटिंग एजेंसियां ऐसे व्यवहार करती हैं जैसे ये भगवान हैं और हमारे देश को तीसरे दर्जे का देश मानती हैं। इसलिए भारत की सावरेन रेटिंग को लगातार नीचे रखा जाता है।”

आखिर पुलिस के चक्कर में फंस गए 'संबित'

रायपुर। कोरोना संकट के बीच बीजेपी नेता व राष्ट्रीय प्रवक्‍ता संबित पात्रा पुलिस के चक्‍कर में फंस गए हैं। राजधानी पुलिस ने उन्हें तीसरी बार नोटिस जारी किया है। संबित को पहले 20 मई, फिर 2 जून और अब 8 जून को रायपुर बुलाया गया है। लेकिन वो एक भी बार पेश नहीं हुए है। अब इस बार वो आएंगे या नहीं कुछ नहीं कहा जा सकता है। दरअसल सिविल लाइन थाना रायपुर में अपराध क्रमांक 200/2020 धारा 153ए, 298, 505(2) भादवि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। इस संबंध में संबित पात्रा से पूछताछ किया जाना है। इसलिए रायपुर पुलिस ने तीसरी बार नोटिस जारी कर 8 जून सुबह 11 बजे उपस्थित होने को कहा है।


बता दें कि संबित पात्रा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सन् 1984 के सिक्खों के कत्ल, कांग्रेस पार्टी और उनके वरिष्ठ-दिवंगत नेताओं पर टिप्पणी की थी। इसी मामले में रायपुर पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।


मेरठ में फूटा कोरोना बम, 20 नए संक्रमित

मेरठ। कोरोना मरीजों का बढ़ता ग्राफ बता रहा है कि जिले में संक्रमण अनियंत्रित हो चुका है। मंगलवार को 20 नए मरीजों के साथ आंकड़ा 463 पर पहुंच गया। वहीं, ब्रम्हपुरी की महिला की मौत भी हो गई। जिसकी रिपोर्ट में पाजिटिव मिली। स्वास्थ्य विभाग ने भी माना है मरीजों के आंकड़े अभी बढ़ते रहेंगे।सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि मंगलवार को 227 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 14 में कोरोना मिला। इसमें युग अस्पताल से छह मरीजों में बीमारी की पुष्टि हुई। अस्पताल को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। पहली बार किसी अस्पताल से इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं। इसमें कृष्णा नगर का 40 साल का व्यक्ति, रजपुरा की 36 साल की महिला, सूरजकुंड आर्यनगर का 30 साल का युवक, भोपाल विहार जयभीमनगर से 18 साल का लड़का, इंचौली उदयपुर का 30 वर्षीय युवक और 20 वर्षीय हसनपुरकलां माछरा का मरीज पाजिटिव मिला है। अस्पताल के छह लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। उधर, असौड़ा हाउस के एक मरीज के संपर्क में आकर मंगलवार को परिवार के ही छह लोग संक्रमित हो गए। इसमें चार पुरुष, दो महिलाएं हैं। अहमदनगर लखीपुरा के 23 साल के युवक व धनवंतरि अस्पताल में भर्ती कंकरखेड़ा की 50 साल की महिला में कोरोना मिला है। उधर, मेडिकल कालेज में भर्ती पांच लोगों में संक्रमण मिला है, इसके अलावा ब्रह्मपुरी की महिला का आंकड़ा भी मेडिकल ने अपनी रिपोर्ट में नहीं जोड़ा है। दो मरीजों का छह घंटे में भी पता नहीं लगा पाया स्वास्थ्य विभाग, माना जा रहा कि कोरोना संक्रमितों के आंकड़े अभी बढ़ते ही रहेंगे मुजफ्फरनगर के दाल मंडी में महिला पॉजिटिव मिलने के बाद उनके दो बच्चे और पति भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। मंगलवार को आई रिपोर्ट में परिवार के तीन सदस्यों की पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने यह जानकारी दी है। वहीं बुलंदशहर में भी तीन नए केस मिले हैं। औरंगाबाद में मिला कोरोना वायरस केस, संक्रमित युवकों इलाज के लिए जेपी हॉस्पिटल चिता में भर्ती कराया गया है। नगर पंचायत द्वारा पूरे कस्बे को सैनिटाइज किया जा रहा है और युवक के परिवार के सदस्यों को कौन टाइम कर दिया गया है। अब जिले में कोरोना के पॉजिटिव केस की संख्या 133 हो गई है। पॉजीटिव केस मिलने के बाद औरंगाबाद की फल और सब्जी मंडी अग्रिम आदेशों तक बंद कर दी है।वार्ड 29 के कोरोना संक्रमित सफाई कर्मचारी के संपर्क में आने के बाद नगर आयुक्त डॉ. अरविंद चौरसिया का भी स्वास्थ्य विभाग ने सेंपल लिया था। साथ ही वह होम क्वारंटाइन हो गए थे। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।


भारत-बांग्लादेश सीमा पर भूकंप के झटके

नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश सीमा के पास भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में आज सुबह करीब 7 बजकर 10 मिनट पर भूकंप के तेज झटके आए। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है।


इन दिनों भारत में भूकंप के लगातार झटके महसूस किए जा रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार(29 मई) को फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पिछले करीब डेढ़ महीने के दौरान दिल्ली में पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। दिल्ली में शुक्रवार(29 मई) को आए भूकंप का तीव्रता  रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। हालांकि किसी भी जगह से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं आई।भूकंप का अधिकेंद्र हरियाणा के रोहतक के अटायल गांव में था। दिल्ली में पिछले करीब डेढ़ माह के दौरान चार भूकंप पहले आ चुके हैं। पहला भूकंप 12 अप्रैल को आया था। उसके बाद 13 अप्रैल, 10 मई और फिर 15 मई को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 से लेकर 3.5 तक रही। खास बात यह कि इन सभी भूकंपों का केंद्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वजीराबाद और उत्तरी दिल्ली का वजीरपुर था।


इस बीच आज देश में चक्रवात ‘निसर्ग’ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक चक्रवात ‘निसर्ग’ के आज दोपहर से शाम के बी मुंबई से करीब 94 किमी की दूरी पर स्थित अलीबाग के पास टकराने की संभावना है।


लॉक डाउन-अनलॉक, योगीराज में अपराध

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लॉकडाउन हो या अनलॉक भाजपा राज में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, उन्हें खुली छूट मिली है। पुलिस कानून व्यवस्था संभालने के बजाय सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है। प्रदेश में भाजपा सरकार के चलते हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है। चाहे वह कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लारवाही हो या गरीबों, श्रमिकों वसामान्य जन की सुरक्षा की बात हो।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थी उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया है। पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया है। प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में सबसे ज्यादा बदहाली किसानों की हुई है। क्रय केंद्रों का पता नहीं है। किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियां लिए खड़े हैं। न तो उनका गेहूं बिक रहा है और न ही चीनी मिलें उनका गन्ना ले रही हैं। सब्जी बोने वाले किसानों ने अपनी फसलें नष्ट कर दी हैं। मटर-चना उत्पादक किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिली। कर्ज में डूबे किसानों को राहत देनेके बजाए भाजपा सरकार बैंकों और मिल मालिकों की मदद कर रही है।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राजनीतिक साजिश और षड्यंत्र करती रहती है। इससे जनता को सावधान रहना पड़ेगा। यूपी ने देश को प्रधानमंत्री दिया। भाजपा की सरकार ने 3 एमओयू किए हैं, लेकिन क्या सरकार बताएगी किस उद्योगपति ने निवेश किया और उद्योगपति को किस बैंक ने कितना लोन दिया है। मुख्यमंत्री जितने निवेश की बात कर रहे हैं अगर उतना हुआ होता तो अब तक उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों को नौकरियां मिल चुकी होती। आज हालत यह है कि पुराने उद्योग धंधे डूब रहे हैं। तीन साल की भाजपा सरकार में एक भी नया कारखाना नहीं लगा। अब सरकार श्रमिकों को भ्रमित करने के लिए नया आयोग की बात कर रही हैं।


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...