मंगलवार, 12 मई 2020

दुनिया में मृतको की संख्या- 287332

दुनियाभर में तबाही मचाने वाली महामारी प्‍लेग ने कई सत्‍ताओं की जमीन हिला दी थी। कई नेता अपनी साख तक नहीं बचा पाए थे। वहीं, कोरोना वायरस का सत्‍ता और सत्‍ताधीशों की साख पर ठीक उलटा असर होता दिखाई दे रहा है। दुनियाभर के ज्‍यादातर नेताओं की लोकप्रियता में वैश्विक महामारी के बीच इजाफा ही हुआ है, जबकि कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2,87,332 लोगों की मौत हो चुकी है।


अमेरिका समेत कई देशों की सरकारें इस वैश्विक महामारी के आगे घुटने टेक चुकी हैं और कई देश लॉकडाउन की अवधि में वृद्धि करने से आगे कुछ सोच भी नहीं पा रहे हैं। अमेरिका की रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्‍ट ने पाया कि वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएचओ के 11 मार्च को कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद से दुनिया के 10 नेताओं की लोकप्रियता में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। इनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ऊपर हैं। भारत के अलावा ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी के शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता में इजाफा दर्ज किया गया है।


नेताओं की लोकप्रियता में दर्ज 'इजाफा'

इन शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता में दर्ज हुआ है इजाफा


अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली।  मॉर्निंग कंसल्‍ट के मुताबिक, लोगों ने उन नेताओं के पक्ष में वोट किया, जिन्‍होंने कोविड-19 को काफी गंभीरता से लेते हुए इसे फैलने से रोकने के लिए सख्‍त से सख्‍त कदम उठाए। लोकप्रियता के मामले में सबसे ज्‍यादा उछाल हासिल करने वाले नेताओं में ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी शामिल हैं।इन देशों में अन्‍य पश्चिमी देशों के मुकाबले मृत्‍यु दर काफी नियंत्रण में रही है। फ्रांस में हालात काफी खराब होने के बाद भी इमैनुअल मैक्रां की लोकप्रियता बढ़ी है। वहीं, ब्रिटेन के लोग अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पीछे खड़े नजर आ रहे हैं. लोगों में ये डर बना हुआ है कि लॉकडाउन में मामूली छूट भी हजारों लोगों की जान ले सकती है। वहीं, पीएम मोदी की लोकप्रियता में कुछ अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है।


शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं की लोकप्रियता घटी

जापान और ब्राजील के शीर्ष नेताओं की लेाकप्रियता घटी


टोक्यो/ ब्रासिलिया। कुछ देशों के शीर्ष नेताओं पर वैश्विक महामारी को लेकर नासमझी के आरोप भी लग रहे हैं। जापान ने ज्‍यादातर देशों के मुकाबले कोरोना वायरस को लेकर अच्‍छे कदम उठाए, लेकिन उस पर अन्‍य एशियाई देशों की तुलना में कम बेहतर निर्णय लेने का आरोप लग रहा है। इसलिए जापान के शीर्ष नेता शिंजो आबे की लोकप्रियता गिरी है। वहीं अमेरिका, मेक्सिको और ब्राजील के राष्‍ट्रपतियों ने कहा कि


कोविड-19 को लेकर लोग बेवजह डरे हुए हैं। इस वजह से मेक्सिको के राष्‍ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज ऑब्राडोर और अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की लोकप्रियता में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं, ब्राजील के राष्‍ट्रपति जैर बोल्‍सोनारो की लोकप्रियता 9 प्‍वाइंट्स घट गई है।


82 फीसदी भरोसा, पीएम का 'सही काम'

82 फीसदी को भरोसा, पीएम मोदी कर रहे सही काम


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में रिसर्च डेटा में अप्रूवल रैकिंग के लिहाज से 82 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है कि पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से अच्‍छे से मुकाबला कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पीएम मोदी ने समय रहते देश में लॉकडाउन का ऐलान किया और जब जरूरत पड़ी तो राज्यों के सीएम व विपक्ष के नेताओं से चर्चा कर इसे बढ़ाने का भी फैसला किया।


भारत के इस फैसले की तारीफ डब्‍ल्‍यूएचओ भी कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट के दौरान काम रहे, स्वास्थकर्मियों, पुलिसकर्मियों और दूसरे लोगों को 'कोरोना वॉरियर्स' की संज्ञा दी ताकि उनका मनोबल ऊंचा रहे। सिर्फ देश में ही नहीं पीएम मोदी ने भारत के मित्र देशों की मदद भी की। अमेरिका और दूसरे देशों को कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजी। इसके लिए ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ भी की। वहीं, राज्‍यों में फंसे मजदूरों के लिए गृहराज्‍य लौटने के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।


अप्रूवल रेटिंग में 'पीएम' निकले आगे

अप्रूवल रेटिंग में पीएम मोदी निकल गए सबसे आगे


नई दिल्ली/ सिडनी। अप्रूवल रेटिंग के लिहाज से ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन की लोकप्रियता 64 फीसदी रही है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जेम्‍स ट्रूडो की लोकप्रियता 61 फीसदी, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की 58 फीसदी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन 61 फीसदी, फ्रांस के राष्‍ट्रपति मैक्रों 34 फीसदी, मेक्सिको के अम्‍लो 64 फीसदी और ट्रंप की लोकप्रियता 44 फीसदी रही है। जापान के आबे पर सिर्फ 28 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है, जबकि ब्राजील के बोल्‍सोनारो पर 47 फीसदी लोगों को कोरोना से निपट पाने का भरोसा है। लेकिन बोल्‍सोनारो की लोकप्रियता पहले के मुकाबले घट गई है।


भरपेट रोटी नहीं दे पा रही सरकार

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 तक सबको घर देने का वादा करने वाले सत्ताधारी आज बेघर भटकते भूखे-प्यासे लोगों को एक वक्त की रोटी तक नहीं दे पा रहे हैं। इतिहास गवाह रहा है, सड़कों पर उतरी जनता ने सर्वशक्तिमान होने का दंभ रखने वाले बड़े-बड़ों को पैदल कर दिया है।


सरकार केवल आत्मप्रशंसा में मगन है। उसके ढुलमुल फैसलों की वजह से व्यवस्था असफल हो रही है, जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है। यदि सरकार रोजगार और खाने का प्रबंध कर दे तो कोरोना को सरकार नहीं जनता हरा देगी।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लाख दावों के बावजूद झांसी, ललितपुर, मथुरा समेत कई सीमावर्ती क्षेत्रों से मजदूर अभी भी फंसे हैं। प्रदेश में मजदूरों की सुरक्षा भगवान के भरोसे है। वहीं, जो ट्रेनें भाजपाराज में चलने जा रही है, सब एसी कोच हैं। किराया भी राजधानी के बराबर है। इन ट्रेनों में जनरल या स्लीपर के डिब्बे नहीं होंगे। इन सुविधाओं का लाभ संपन्न वर्ग ही ले सकेगा। गरीब तो इनके नजदीक भी नहीं जा पाएगा। भाजपा को गरीब की जान की वैसे भी कहां परवाह है?अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी संकीर्ण मानसिकता के चलते विपक्ष के नेताओं के प्रति बदले की भावना से काम कर रही है। सीतापुर की जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा व बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। तजीन शनिवार को फिसलकर चोटिल हो गईं। अस्वस्थ होने के बावजूद उनका ठीक से इलाज तक नहीं हो पा रहा है। आजम खां भी अस्वस्थ हैं। भाजपा सरकार उनको जेल में रखकर प्रताड़ित कर रही है और उनकी छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने में लगी है।


यमुना में नहाने गए छह युवक डूबे

बागपत। बदरखा गांव के पास यमुना नदी में नहाने गए छह युवक डूब गए। चार को सकुशल बचा लिया गया जबकि एक की मौत हो गई। एक डूबे युवक की तलाश जारी है।थाना दोघट क्षेत्र के बामनौली गांव से पुष्पेंद्र, सनोज, सुखसोहन, रोहित, बॉबी उर्फ बंटी व रोहित उर्फ तूफान बदरखा गांव में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण में मजदूरी करने आए हुए थे। सोमवार दोपहर लगभग तीन बजे सभी युवक यमुना नदी में नहाने के लिए बदरखा गांव के सामने स्थित मंदिर वाले घाट पर पहुंच गए। नहाते समय सभी डूब गए। उन्हें डूबते देख आसपास के लोगों ने शोर मचाया तो वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने पुष्पेंद्र, सनोज, रोहित व सुखसोहन को सकुशल बाहर निकाल लिया लेकिन 19 वर्षीय रोहित उर्फ तूफान पुत्र गजे सिंह तथा 22 वर्षीय बॉबी उर्फ बंटी पुत्र धर्मेंद्र का कोई पता नहीं चला।शाम चार बजे बदरखा गांव में शिव मंदिर से बचाव का एलान होने के बाद काफी लोग यमुना किनारे पहुंच गए। एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह, नायब तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार भी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। सीओ ने बताया कि छह युवक नहाते समय यमुना नदी में डूब गए थे। चार को बचा लिया गया। बॉबी उर्फ बंटी का शव ग्रामीणों ने नदी से ढूंढ निकाला। रोहित उर्फ तूफान की तलाश जारी है।छह युवकों के डूबने की जानकारी जैसे ही बामनौली गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। युवकों के स्वजन बदरखा पहुंच गए। किसी ने इस बीच पुलिस को सूचना दे दी जिसके बाद मौके से पुलिस गोताखोरों के साथ पहुंचकर सर्च अभियान शूरू कर दिया। अभी एक युवक का पता नहीं चल पाया है तलाश जारी है।


 


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