रविवार, 26 अप्रैल 2020

सफाईकर्मी-पत्रकारों को किया सम्मानित

बेटी बचाओ बेटी बेटी पढ़ाओ के महानगर के पदाधिकारियों ने किया सफाई कर्मचारियों का सम्मान


प्रयागराज। सर्वोदय नगर अल्लापुर के वार्ड  23 मे प्रयागराज महानगर बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ अभियान की पदाधिकारी चेतना ओझा द्वारा सफाईकर्मियो एवं पत्रकारो को माल्यार्पण अंगवस्त्र एवं पुष्पवर्षा कर सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर संयोजक जयश्री जयसवाल जी सह संयोजक प्रेमा श्रीवास्तव जी डाँली जायसवाल जी अल्लापुर पार्षद कमलेश सिंह जी अधिवक्ता सत्यदेव ओझा जी विश्वास जायसवाल अक्षित ओझा शुभम श्रीवास्तव ईशान ओझा आदि सम्मिलित हुये।
रिपोर्ट बृजेश केसरवानी जिला संवाददाता प्रयागराज


अक्षय तृतीया, नहीं दिखी सोने की चमक

बरेली। देशव्यापी लाकडाउन के बीच अक्षय तृतीया में गुलजार रहने वाला बाजार इस बार कोरोना के कारण बेजार रहा। सोने की चमक फीकी रही। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दुकानें खुली न खरीदार पहुंचे। इसके सापेक्ष पर्व को लेकर 10 फीसद लोगों ने ऑनलाइन सोने की खरीद का दावा किया।


सर्राफा कारोबारी बताते हैं कि लॉक डाउन के कारण एक माह से ज्यादा समय से दुकानें बंद हैं। पिछले साल जहां जिले में करीब 6 से 7 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। वहीं इस बार 10 करोड़ के करीब कारोबार की उम्मीद थी, लेकिन लाकडाउन के कारण कारोबार लगभग पूरी तरह ठप रहा। रविवार को अक्षय तृतीया था। अक्षय तृतीया को शुभ दिन माना जाता है। इस पावन दिन में शादियां तो होती ही हैं, बल्कि कोई भी नयी चीजों की खरीदारी को भी शुभ माना जाता है। हर साल इस दिन लोग खरीदारी भी करते रहे हैं। मगर, इस बार कोरोना की मार के कारण सोना-चांदी, बाइक-कार, बर्तन, फर्नीचर, बिजली के उपकरण समेत सभी दुकानें बंद हैं। खरीददार भी लक्ष्मण रेखा खींच कर घरों के अंदर है।शहर की बात करें तो यहां करीब 500 छोटी बड़ी सर्राफा दुकानों से अक्षय तृतीया पर करीब 10 करोड़ का करोबार होने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार बाजार का ऐसा रंग रहेगा, किसी ने पहले कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी। शादी-ब्याह के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। इस दिन सबसे अधिक शादियां होने के कारण सोना-चांदी के दुकानों पर भीड़ लगी रहती थी।


यही नहीं आमलोग भी इस दिन कुछ न कुछ खरीदना शुभ मानते हैं। बाजार खरीदारों से अटा पड़ा रहता था। इस दिन नई कार और नई बाइक भी लोग खूब खरीदते हैं। इसके लिए लोग पहले से ही लोग बुकिंग तक करवा कर रखते थे। मगर ऑटो मोबाइल सेक्टर भी बंद है। जिससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है।


अक्षय तृतीय के दिन आलमगिरिगंज की गलियों में रहा सन्नाटा
कोरोना वायरस ने हर धंधा चौपट कर दिया है। इसका असर अक्षय तृतीय के दिन देखने को मिला। इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते है, जो आलामगिरिगंज स्थित सराफा बाजार अक्षय तृतीय के दिन गुलजार रहता था। वो बाजार रविवार को अक्षय तृतीय के दिन सन्नाटे में बीता रहा। जिसके चलते आमजन से लेकर सर्राफा व्यापारी भी परेशान रहे। कोविड-19 के चलते पूरे सर्राफा मार्केट की चली रौनक गई। वहीं व्यापार ना होने से व्यापारियों के चेहरे मुरझाए नजर आए।


“आनलाइन सोने की खरीद का फार्मूला समझ से दूर है। वहीं दूसरी तरह लाकडाउन में इस बार पिछले कई दिन से रेट नहीं खुल रहे। ऐसे में व्यापारी और ग्राहक के बीच डिलींग पर कुछ कहना गलता होगा। हो सकता है कि शुभ म़ुहूर्त के चलते सोना या आभूषण की बुकिंग कर दी गई हो और भुगतान लाकडाउन के बाद डिलीवरी के दौरान उस समय के रेट से कर दिया जाए।” -संदीप अग्रवाल मिंटू, अध्यक्ष, बरेली सर्राफा एसोसिएशन


“अक्षय तृतीया पर कई शोरूम मालिकों द्वारा आनलाइन खरीददारी की बात कही गई है, लेकिन लाकडाउन में यहा मुनासिब होना नाकाफी है। वजह यह है डिलवीरी किसी भी कीमत पर नहीं की हो सकती। खरीददार को जब शुभ मुहूर्त में सोना या आभूषण नहीं मिलेगा तो बुकिंग का कोई मतलब नहीं बनता।” -संजीव औतार अग्रवाल, सर्राफा कारोबारी


बर्तन, इलेक्ट्रानिक बाजार को नुकसान
बर्तन के व्यापारी सुमित कुमार कहते हैं कि हर साल अक्षय तृतीया पर लोग कम से कम एक बर्तन जरूर खरीदते थे। थाली, गिलास, प्लेट, चम्मच समेत अन्य जरूरी बर्तन लोग खरीदकर बाजार से घर ले जाते थे। इस बार कोरोना के कारण सभी दुकानें बंद हैं। इससे बर्तन बाजार को भी काफी नुकसान हो रहा है। इसी तरह फर्नीचर-अलमीरा, बर्तन स्टैंड, ट्रंक, बिजली के उपकरण बेचने वाले दुकानदार भी कोरोना की मार झेल रहे हैं।


स्वास्थ्य रक्षा की ईश्वर से गुहार
आजाद नगर निवासी निशा कुमारी ने कहा कि इस बार अक्षय तृतीया पर मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं कर पाएं। बाजार से भगवान के लिए फूल-मालाएं एवं भोग के लिए प्रसाद लाना भी मुश्किल था। लिहाजा घर में ही खीर और हलवा बनाकर मां लक्ष्मी और विष्णु को भोग लगाया। खुशियां दोगुनी इसलिए भी रही क्योंकि बच्चे मुंडन था। कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकेर भी सभी के स्वास्थ्य रक्षा के लिए ईश्वर से गुहार लगाई।


 


यस बैंक घोटाले के आरोपी गिरफ्तार

मुंबई। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को यस बैंक के घोटाले के आरोपी वधावन बंधुओं को महाबलेश्वर से हिरासत में लिया जहां से उन्हेंं मुंबई लाया जाएगा। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि, “सतारा पुलिस ने सीबीआई को सभी तरह की सहायता प्रदान की और आरोपियों को ले जाने के लिए एक लिखित अनुरोध पर मुंबई तक चार गार्डों के साथ एक एस्कॉर्ट वाहन उपलब्ध कराया। वधावन बंधुओं की गिरफ़्तारी की प्रक्रिया चल रही है। 
देशमुख ने यह भी घोषणा की कि पूर्णबंदी के दौरान पुणे से सतारा जाने के लिए वधावन (डीएचएफएल के प्रमोटरों) और अन्य को दी गई अनुमति की जांच पूरी हो गई।


प्रदेश के गृह मंत्री ने ट्वीट किया,“प्रधान सचिव गृह (विशेष) अमिताभ गुप्ता के खिलाफ जांच संबंधी अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक की रिपोर्ट आज या कल सौंपे जाने की संभावना है।” गत नौ अप्रैल को पूर्णबंदी केे दौरान आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन दोनों भाई परिवार के अन्य 21 सदस्यों के साथ पुणे में खंडाला हिलस्टेशन से सतारा के महाबलेश्वर गए थे। इससे एक दिन पहले आठ अप्रैल को अमिताभ गुप्ता ने पांच वाहनों में महाबलेश्वर की यात्रा करने के लिए लिखित में अनुमति दी थी लेकिन जब वे नौ अप्रैल को महाबलेश्वर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया और इसके बाद इन सभी को पंचगनी हिल-स्टेशन पर क्वारंटीन में भेज दिया गया था। इस घटना के दौरान स्थिति विस्फोटक हो गयी और एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप की झड़ी लग गई।


गृह मंत्री देशमुख ने अमिताभ गुप्ता को 10 अप्रैल से ‘अनिवार्य छुट्टी’ पर भेज दिया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घटना की जांच का आदेश दिया। इस बीच 22 अप्रैल को वधावन बंधुओं की क्वारंटीन अवधि समाप्त हो गयी और राज्य सरकार ने सीबीआई को उन्हें हिरासत में लेने को कहा जिसे जांच एजेंसी ने आज पूरा किया।


क्वारंटीन के दौरान हालांकि दोनों भाइयों ने अपने वकीलों के जरिये यह दावा किया कि वे वास्तव में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ से बचने के लिए महाबलेश्वर आए थे और और उन्होंने खंडाला के किराए के आवास से महाबलेश्वर में अपने पैतृक घर आने का फैसला किया था। इस विवाद के बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सतारा पुलिस को वधावन को पकड़ने के लिए पत्र लिखा था। बाद में उन पांच वाहनों को जब्त कर लिया जिनमें वधावन परिवारों ने यात्रा की थी।


 


दिल्ली में 44 स्वास्थ्य कर्मी पॉजिटिव

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल के 44 डाक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना पाजिटिव पाये जाने से दहशत का माहौल है। पिछले दिनों इलाके में वायरस संक्रमण के दो स्थानों पर बडी संख्या में मामले आने पहले से ही हडकंप है और अब अस्पताल के कर्मचारियों के इतनी अधिक संख्या में संक्रमित होने से लोगों में और भय फैल गया है।


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन रविवार को कहा जहांगीरपुरी में पिछले दिनों कोरोना संक्रमित सामने आए थे। अब बाबू जगजीवन राम अस्पताल के 44 कर्मी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने कहा अभी अन्य कर्मियों की रिपोर्ट आना शेष हैं। सत्येंद्र जैन ने कहा कि अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं को बंद कर पूरे अस्पताल को सैनेटाइज किया जा रहा है। उन्होंने कोरोन के गंभीर स्थानीय संक्रमण की आशंका व्यक्त की है। इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को अस्पताल की एक नर्स के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये जाने के बाद बंद कर दिया गया है। निगमायुक्त वर्षा जोशी ने बताया कि शनिवार शाम एचआरएच में कार्यरत एक नर्स कोरोना पाजिटिव पाई गई। नर्स ने अस्पताल परिसर में पिछले दो सप्ताह के दौरान कई जगहों पर काम किया है । इसलिए अस्पताल को पूरी तरह सैनेटाइज करने और नर्स के संपर्क में आने वालों का पता लगाने के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है।


निगमायुक्त ने कहा अस्पताल में प्रसूति विभाग मे केवल कुछ मरीज भर्ती हैं। उनके लिए अस्पताल प्रबंधन उचित व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रुप से लापरवाही का मामला है। यह मामला डेढ घंटा पहले ही संज्ञान में आया है। इसलिये कौन जिम्मेदार है अभी कह पाना संभव नहीं है। इसकी पूरी जांच की जायेगी और जो भी जिम्मेदार होगा उसे बक्शा नहीं जायेगा।


यूपी में हुई संक्रमितो की संख्या-1793

लखनऊ। सुभे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लॉकडाउन में हॉटस्पॉट बनाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के प्रयास में तब्लीगी जमाती तथा उनके नजदीकी रोड़ा बन रहे हैं। प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस पॉजिटिव बढ़ते ही जा रहे हैं। शन‍िवार शाम मुरादाबाद में एक और मौत के बाद प्रदेश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्‍या 27 हो गई है। इनमें से आठ आगरा के हैं। वहीं संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1793 तक पहुंच गई हैैै।


प्रदेश के 75 में से 57 जिले कोरोना वायरस पॉजिटिव की चपेट में हैं। प्रदेश में शनिवार को 177 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इस तरह से प्रदेश में अब कोरोना पॉजिटिव की सक्रीय मरीजों की संख्या 1793 हो गई है। इनमें तब्लीगी जमात के 1040 लोग हैं।अब तक आगरा 373, लखनऊ 193, गाजियाबाद 53, नोएडा 113, लखीमपुर खीरी 4, कानपुर 149, पीलीभीत 2, मुरादाबाद 101, वाराणसी 26, शामली 27, जौनपुर 5, बागपत 15, मेरठ 89, बरेली 6, बुलंदशहर 38, बस्ती 23, हापुड़ 18, गाजीपुर 6, आजमगढ़ 8, फिरोजाबाद 83, हरदोई 2, प्रतापगढ़ 6, सहारनपुर 160, शाहजहांपुर 1, बांदा 3, महाराजगंज 6, हाथरस 4, मिर्जापुर 3, रायबरेली 43, औरैया 10, बाराबंकी 1, कौशांबी 2,  बिजनौर 29, सीतापुर 20, प्रयागराज 4, मथुरा 9, बदायूं 13, रामपुर में 20, मुजफ्फरनगर 17,  अमरोहा 25, भदोही में 1, कासगंज 3, इटावा 2, संभल 12, उन्नाव 1, कन्नौज 7, संत कबीर नगर 21, मैनपुरी 5, गोंडा 1, मऊ 1,एटा 3, सुल्तानपुर 3, अलीगढ़ 11, श्रावस्ती 4, बहराइच 8, बलरामपुर 1, अयोध्या 1 मरीज अब तक कोरोना पॉजिटिव मिलेयूपी में अब तक कोरोना से बस्ती में 1, मेरठ में 4, वाराणसी में 1, बुलंदशहर में 1, मुरादाबाद में 6, आगरा में 8, कानपुर 3, लखनऊ 1, फिरोजाबाद 1, अलीगढ़ में 1 मरीजों की मौतकिंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शनिवार सुबह 822 सैंपल में से 43 की रिपोर्ट पॉजिटिव है। इनमें 20 लखनऊ, 11 आगरा, नौ सहारनपुर तथा तीन सीतापुर में भर्ती हैं।


लखनऊ और आगरा के साथ ही अब सहरानपुर में भी तब्लीगी जमात के कारण पॉजिटिव की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश में 173 नए पॉजिटिव केस सामने आए थे। कल लखनऊ में मिले पॉजिटिव में नौ माह का बच्चा भी शामिल है। अलीगढ़ में एक महिला डाक्टर कोरोना संक्रमित पाई गई है। प्रदेश में बीते तीन दिन में 1499 संदिग्ध मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। वहीं 20 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। अब तक 226 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त सूबे के प्रयागराज में फिर नए मरीज सामने आए हैं। प्रदेश में सर्वाधिक 359 पॉजिटिव आगरा में हैं और दूसरे नंबर पर लखनऊ में 224 हैं। तीसरे नंबर पर सहारनपुर में अब 160 पॉजिटिव हो गए हैैं। शुक्रवार को कोरोना वायरस के जो 173 संक्रमित पाए गए उनमें आगरा में 12, लखनऊ में कुल 21 (शुक्रवार शाम 19 मरीज), नोएडा में नौ, कानपुर में 48 मरीज, वहीं सहारनपुर में 28, , मुरादाबाद में सात, वाराणसी में सात, शामली में एक, मेरठ में चार, बुलंदशहर में पांच, बस्ती में तीन, प्रयागराज में तीन, अलीगढ़ में दो, आजमगढ़ में एक, फीरोजाबाद में नौ, सहारनपुर में 25, मथुरा, कन्नौज, मैनपुरी, कन्नौज में मिले एक-एक मरीज शामिल हैैं।वहीं, शुक्रवार को जो 20 डिस्चार्ज किए गए उनमें शामली में 13,बागपत में एक, गाजियाबाद में दो, मेरठ में दो और नोएडा में दो मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। अब तक 226 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। अभी तक जो कुल 1683 मरीज कोरोना के पाए गए हैं उनमें 962 तब्लीगी जमात से लौटे लोग व इनके संपर्क में आए लोग शामिल हैं।अब तक जिन 26 मरीजों की मौत हुई है उसमें आगरा में आठ, मुरादाबाद में पांच, मेरठ में चार, कानपुर में तीन और बस्ती, वाराणसी, बुलंदशहर, लखनऊ, फीरोजाबाद और अलीगढ़ में एक-एक मरीज शामिल है। प्रदेश में कुल 57 जिलों में कोरोना वायरस के मरीज पाए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने 11 जिलों को कोरोना मुक्त घोषित किया था मगर प्रयागराज में दोबारा मरीज मिलने के बाद अब 10 जिले कोरोना मुक्त हैं। ऐसे में कुल 47 जिलों में कोरोना के एक्टिव केस हैं।यूपी में कोरोना की जांच के लिए 15 लैब हैं और इसमें से चार चिकित्सा संस्थानों में पूल टेस्टिंग भी की जा रही है। ऐसे मे अब साढ़े तीन हजार से अधिक सैंपल लैब में रोजाना जांचे जा रहे हैं। शुक्रवार को नई जांच और बैकलाग के कुल 7683 नमूनों की रिपोर्ट जारी की गई। अब तक 53166 मरीजों की जांच हुई है और इसमें से 51161 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 384 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।यूपी में चीन सहित विदेश यात्रा से लौटे 91719 लोगों को शुक्रवार को चिन्हित किया गया। इन्हें स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम की निगरानी में रखा गया है। अब तक 182190 लोग चिन्हित किए जा चुके हैं। 11936 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया गया है।राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मिले कुल 19 पीडि़तों में एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल हैं। जिनमें नौ माह का बच्चा भी शामिल है। इस परिवार के अब तक आठ लोग संक्रमित मिल चुके हैं। जो कि प्रदेश का सबसे कम उम्र का कोरोना संक्रमित है। इससे पहले गोमती नगर निवासी महिला डॉक्टर को ढाई वर्षीय बच्चे में कोरोना पाया गया था। वहीं, 19 संक्रमितों में छह दिल्ली निवासी जमाती भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि लखनऊ में अब तक 224 संक्रमित मिल चुके हैं।


आगरा हॉट स्पॉट में संक्रमित- 358

आगरा। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना का असर ताज नगरी आगरा पर पड़ रहा है। यहां 8 लोग अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। शनिवार को सुबह जिले में कोविड-19 से संक्रमित 10 लोग पाए गए। नए मरीजों के साथ जिले में अब संक्रमित मरीजों की संख्या 358 पहुंच गई है। जबकि 18 लोग स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। वहीं जिले में एक्टिव केस 312 है। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1648 पहुंच गई है। जबकि इस वायरस से अबतक कुल 26 लोग मर चुके हैं। शुक्रवार को भले ही नए कोरोना मरीजों की संख्या कम हो, लेकिन पुलिस लाइन की मैस में फॉलोअर के संक्रमित होने की खबर ने सबकी नींद उड़ा दी है। मैस में बड़ी संख्या में पुलिस वाले खाना खाने आते थे। फॉलोअर का मकान आवास विकास कालोनी में है। इसके अलावा संक्रमितों में एक एसएनएमसी का वार्ड ब्यॉय भी है। दो संक्रमित शहजादी मंडी क्षेत्र के हैं। अन्य संक्रमितों में भोगांव मैनपुरी, नगला कली की महिला, करोधना कलां, पश्चिमपुरी के लोग शामिल हैं। वहीं ताजगंज निवासी गुड्डू (35) की सांस की बीमारी के कारण 21 अप्रैल को मौत हो गई थी। सैंपल लिए जाने के बाद गुरुवार को रात में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वहीं, बुंदू कटरा निवासी सराफा व्यवसायी निरंजन अग्रवाल (57) की गुरुवार को मौत हो गई थी। देर रात आई कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। डीएम प्रभु एन. सिंह ने बताया कि आगरा में 13 संक्रमित मिलने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या 348 हो गई। है। आगरा में अब तक 4,605 लोगों की जांच हो चुकी है। उन्होंने बताया कि आगरा में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। वीरवार को आए ताजा आंकड़ों ने आगरा के स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल भी खोलकर रख दी। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने ही स्वास्थ्य कर्मियों और टेक्नीशियनों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। बता दें कि कोरोना पॉजिटिव का सेंपल ले रहे टेक्नीशियन भी कोरोना पॉजिटिव निकला है। जिले के एसआर अस्पताल से 9 जबकि पारस अस्पताल से कोरोना के 9 संक्रमित सामने आ चुके हैं। जिला प्रशासन ने इनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई। इतना ही नहीं आगरा की स्थिति हर दिन बदहाल होती जा रही है। यहां कोरोना के एक्टिव केस 275 हो चुके हैं। 4332 से ज्यादा लोगों की अभी तक सेंपलिंग हो चुकी है। इतने केस बढने के बावजूद जिले में अभी तक 299 रेपिट किट टेस्ट उपलब्ध है। इसके अलावा एक एम्बुलेंस ड्राइवर भी संक्रमित पाया गया है। जिसके बाद से ही एम्बुलेंस स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है। अब जिला प्रशासन ने सभी एम्बुलेंस चालकों की जांच का फैसला लिया है। इस जिले में कोई भी दिन ऐसा नहीं है जिस दिन कोई मरीज न मिले। इससे पहले सोमवार को 12 नए मामले सामने आने के बाद मरीजों की संख्या 267 हो गई थी। लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद आगरा अब यूपी का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। आगरा में बढ़ते पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने और सख्ती बढ़ा दी है। पिछले दो दिनों से शहर में कफ्र्यू जैसा माहौल है। पुलिस के साथ ही पीएसी को भी सड़कों पर उतार दिया गया है। साथ ही अब शहर में सब्जी व दूध बेचने के लिए भी अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के सब्जी या दूध बेचने पर एफआईआर दर्ज होगी। रविवार को दो सब्जी विक्रेताओं में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है। साथ ही शहर की तीन सब्जी मंडियों को भी बंद कर दिया गया है।दरअसल, रविवार को फ्रीगंज इलाके में एक सब्जी बेचने वाले में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद चमन लाल बाड़ा इलाके को सील कर दिया गया। साथ ही 2000 लोगों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया। इसके बाद देर रात एक और सब्जी विक्रेता में संक्रमण की पुष्टि हुई। विजय नगर क्षेत्र में सब्जी विक्रेता में संक्रमण की पुष्टि मिलने के बाद हड़कंप मच गया। उसके बाद जिला प्रशासन ने बिना अनुमति के सब्जी या दूध बेंचने पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही कहा गया है कि बिना अनुमति के सब्जी या दूध बेचने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी। फव्वारा इलाके में दवा के थोक विक्रेता के एक कर्मी में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद शहर के मेडिकल स्टोर संचालक सहमे हुए हैं। आगरा में अब तक 308 लोग कोरोना पाजिटिव हुए हैं। इनमें 104 लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं या फिर उनके संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। अब तक जिले में 6 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।


इंफेक्शन रोकने को जिलेवार टीम गठित

लखनऊ, (इस्लाम खान)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए बेहतर तथा प्रभावी प्रयास किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मियों को प्रत्येक दशा में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने मेडिकल इंफेक्शन की रोकथाम के लिए डेडिकेटेड टीम गठित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए राज्य मुख्यालय तथा जनपदों में टीम बनायी जाए। यह टीम सरकारी और निजी सभी अस्पतालों में मेडिकल इंफेक्शन पर फोकस करते हुए इसे रोकने के लिए कार्य करंे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्राथमिकता पर ऐसी टीमों का गठन करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों की श्रृंखला तैयार करने, चिकित्सालयों में आॅक्सीजन की नियमित व सुचारू आपूर्ति बनाये रखने तथा ट्रेनिंग को और गति देने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि मेडिकल शिक्षा के विद्यार्थियों तथा आयुष आदि चिकित्सकों की भी मेडिकल ट्रेनिंग करायी जाए। उन्होंने एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक जनपद में एक अतिरिक्त सी0एच0सी0 को एल-1 अस्पताल के तौर पर तैयार किया जाए। इस कार्य को समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित कराने के लिए एक अधिकारी को नामित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि लाॅकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाए। अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई निरन्तर जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि रमजान के दृष्टिगत पूरी सावधानी व सतर्कता बरती जाए। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए। उन्होंने संक्रमण की दृष्टि से जनपद संतकबीरनगर की बढ़ी हुई संवेदनशीलता के मद्देनजर, मण्डलायुक्त बस्ती, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती तथा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्लाई चैन से जुड़े लोगों की टेस्टिंग करायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग अपनायी जाए। शेल्टर होम में क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले श्रमिकों को राशन की किट व एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद स्तर पर किये जा रहे कार्यों की प्रगति की निरन्तर जानकारी प्राप्त करते रहें। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर अलग-अलग कार्यांे के लिए अधिकारी नामित किये जाएं, जिससे कार्यांे का सुचारू संचालन हो और इनके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित की है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे कार्य योजना बनाकर सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तालाब व चेक डैम आदि से सम्बन्धित कार्य शुरू कराये जाए। इन कार्यों में प्रवासी मजदूरों को भी लगाया जाए। मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों तथा मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाए जाने के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श किया। उन्होेंने बड़ी संख्या में शेल्टर होम को तैयार किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनमें पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाए, भोजन एवं शौचालय की सुचारू व्यवस्था की जाए। उन्होंने कम्युनिटी किचन को और प्रभावी बनाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि किसी भी उद्योग के संचालन से यदि संक्रमण फैलने की जरा भी सम्भावना हो तो उसे संचालन की अनुमति न दी जाए। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0 के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, क्यांेकि इनके माध्यम से इंफेक्शन बढ़ने की सम्भावना नहीं है। इस सेक्टर के उद्योगों के कच्चे माल की आपूर्ति के लिए सप्लाई चैन बनायी जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 को पी0पी0ई0 किट्स की आपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कृषि विभाग द्वारा इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए कि प्रदेश में कृषि उपकरणों की कमी नहीं है। किसान समय से फसल कटवाते हुए अपनी उपज को क्रय केन्द्र पर ले जाएं। प्रदेश में पर्याप्त संख्या मंे क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मण्डियांे तथा क्रय केन्द्रों पर भीड़ एकत्र न हो तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रभावी ढंग से लागू रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मण्डी तथा क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 50 लाख कुन्तल से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...