रविवार, 26 अप्रैल 2020

अक्षय तृतीया, नहीं दिखी सोने की चमक

बरेली। देशव्यापी लाकडाउन के बीच अक्षय तृतीया में गुलजार रहने वाला बाजार इस बार कोरोना के कारण बेजार रहा। सोने की चमक फीकी रही। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दुकानें खुली न खरीदार पहुंचे। इसके सापेक्ष पर्व को लेकर 10 फीसद लोगों ने ऑनलाइन सोने की खरीद का दावा किया।


सर्राफा कारोबारी बताते हैं कि लॉक डाउन के कारण एक माह से ज्यादा समय से दुकानें बंद हैं। पिछले साल जहां जिले में करीब 6 से 7 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। वहीं इस बार 10 करोड़ के करीब कारोबार की उम्मीद थी, लेकिन लाकडाउन के कारण कारोबार लगभग पूरी तरह ठप रहा। रविवार को अक्षय तृतीया था। अक्षय तृतीया को शुभ दिन माना जाता है। इस पावन दिन में शादियां तो होती ही हैं, बल्कि कोई भी नयी चीजों की खरीदारी को भी शुभ माना जाता है। हर साल इस दिन लोग खरीदारी भी करते रहे हैं। मगर, इस बार कोरोना की मार के कारण सोना-चांदी, बाइक-कार, बर्तन, फर्नीचर, बिजली के उपकरण समेत सभी दुकानें बंद हैं। खरीददार भी लक्ष्मण रेखा खींच कर घरों के अंदर है।शहर की बात करें तो यहां करीब 500 छोटी बड़ी सर्राफा दुकानों से अक्षय तृतीया पर करीब 10 करोड़ का करोबार होने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार बाजार का ऐसा रंग रहेगा, किसी ने पहले कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी। शादी-ब्याह के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। इस दिन सबसे अधिक शादियां होने के कारण सोना-चांदी के दुकानों पर भीड़ लगी रहती थी।


यही नहीं आमलोग भी इस दिन कुछ न कुछ खरीदना शुभ मानते हैं। बाजार खरीदारों से अटा पड़ा रहता था। इस दिन नई कार और नई बाइक भी लोग खूब खरीदते हैं। इसके लिए लोग पहले से ही लोग बुकिंग तक करवा कर रखते थे। मगर ऑटो मोबाइल सेक्टर भी बंद है। जिससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है।


अक्षय तृतीय के दिन आलमगिरिगंज की गलियों में रहा सन्नाटा
कोरोना वायरस ने हर धंधा चौपट कर दिया है। इसका असर अक्षय तृतीय के दिन देखने को मिला। इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते है, जो आलामगिरिगंज स्थित सराफा बाजार अक्षय तृतीय के दिन गुलजार रहता था। वो बाजार रविवार को अक्षय तृतीय के दिन सन्नाटे में बीता रहा। जिसके चलते आमजन से लेकर सर्राफा व्यापारी भी परेशान रहे। कोविड-19 के चलते पूरे सर्राफा मार्केट की चली रौनक गई। वहीं व्यापार ना होने से व्यापारियों के चेहरे मुरझाए नजर आए।


“आनलाइन सोने की खरीद का फार्मूला समझ से दूर है। वहीं दूसरी तरह लाकडाउन में इस बार पिछले कई दिन से रेट नहीं खुल रहे। ऐसे में व्यापारी और ग्राहक के बीच डिलींग पर कुछ कहना गलता होगा। हो सकता है कि शुभ म़ुहूर्त के चलते सोना या आभूषण की बुकिंग कर दी गई हो और भुगतान लाकडाउन के बाद डिलीवरी के दौरान उस समय के रेट से कर दिया जाए।” -संदीप अग्रवाल मिंटू, अध्यक्ष, बरेली सर्राफा एसोसिएशन


“अक्षय तृतीया पर कई शोरूम मालिकों द्वारा आनलाइन खरीददारी की बात कही गई है, लेकिन लाकडाउन में यहा मुनासिब होना नाकाफी है। वजह यह है डिलवीरी किसी भी कीमत पर नहीं की हो सकती। खरीददार को जब शुभ मुहूर्त में सोना या आभूषण नहीं मिलेगा तो बुकिंग का कोई मतलब नहीं बनता।” -संजीव औतार अग्रवाल, सर्राफा कारोबारी


बर्तन, इलेक्ट्रानिक बाजार को नुकसान
बर्तन के व्यापारी सुमित कुमार कहते हैं कि हर साल अक्षय तृतीया पर लोग कम से कम एक बर्तन जरूर खरीदते थे। थाली, गिलास, प्लेट, चम्मच समेत अन्य जरूरी बर्तन लोग खरीदकर बाजार से घर ले जाते थे। इस बार कोरोना के कारण सभी दुकानें बंद हैं। इससे बर्तन बाजार को भी काफी नुकसान हो रहा है। इसी तरह फर्नीचर-अलमीरा, बर्तन स्टैंड, ट्रंक, बिजली के उपकरण बेचने वाले दुकानदार भी कोरोना की मार झेल रहे हैं।


स्वास्थ्य रक्षा की ईश्वर से गुहार
आजाद नगर निवासी निशा कुमारी ने कहा कि इस बार अक्षय तृतीया पर मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं कर पाएं। बाजार से भगवान के लिए फूल-मालाएं एवं भोग के लिए प्रसाद लाना भी मुश्किल था। लिहाजा घर में ही खीर और हलवा बनाकर मां लक्ष्मी और विष्णु को भोग लगाया। खुशियां दोगुनी इसलिए भी रही क्योंकि बच्चे मुंडन था। कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकेर भी सभी के स्वास्थ्य रक्षा के लिए ईश्वर से गुहार लगाई।


 


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