सोमवार, 13 अप्रैल 2020

पॉजिटिव मिला तो होगा इलाका सील

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना पाॅजिटिव मामलों में लगातार वृद्धि होने पर केजरीवाल सरकार ने और कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। किसी भी इलाके में एक भी संक्रमित मिलने पर पूरे इलाके को सील कर दिया जाएगा।
सोमवार को सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी तक 43 इलाकों को सील किया गया है, अब किसी भी इलाके में एक भी कोरोना पाॅजिटिव मिलने पर उस पूरे इलाके को भी सील कर दिया जाएगा। दिल्ली में ऐसे कई इलाकों की पहचान भी कर ली गई है।



8 किमी नीचे था 'भूकंप' का केंद्र

नई दिल्ली। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार भूकंप की मध्यम तीव्रता के झटके शाम 5.45 बजे महसूस किए गए। इसका केन्द्र एनसीआर क्षेत्र में उत्तर में 28.7 डिग्री अक्षांश और पूर्व में 77.2 डिग्री देशांतर पर भू-सतह से आठ किमी गहराई में स्थित था।उल्लेखनीय है कि भूकंप की अधिक तीव्रता के लिहाज से देश को पांच जोन में बांटा गया है। दिल्ली, अधिक तीव्रता वाले चौथे जोन में स्थित है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक जीएल गौतम ने बताया कि भूकंप का केन्द्र उत्तर पूर्वी दिल्ली के वजीराबाद क्षेत्र में जमीन से आठ किमी गहराई में केन्द्रित था। उन्होने बताया कि भूकंप के झटके एनसीआर के पूर्वी इलाकों में नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी महसूस किये गये। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किये गये। आशा है सभी लोग सुरक्षित होंगे। मैं आप सभी में से हर एक के सुरक्षित होने की दुआ करता हूं।’


भूकंप के कारण भयभीत लोग अपने घरों से बाहर आ गए। स्थानीय प्रशासन ने अब तक जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिलने की जानकारी दी है। पूर्वी दिल्ली के निवासी एस दामले ने बताया कि उन्होंने भूकंप आने पर अपनी कुर्सी में कंपन महसूस किया। यह कुछ पल के लिये डरा देने वाला अनुभव था। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। इस वायरस के संक्रमण से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन के तहत लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं। दिल्ली में 2004 में 2.8 और इससे पहले 2001 में 3.4 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया था।


शहीदों को अर्पित किए श्रद्धा सुमन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार की 101वीं बरसी पर सोमवार को शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा,  ‘‘देश वीरों के साहस को हमेशा याद रखेगा। उनका शौर्य भारतीयों के लिए सालों तक प्रेरणा देता रहेगा।’’  मोदी ने इस मौके पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘‘जलियांवाला बाग में निर्दयता से मार दिए गए शहीदों को मैं नमन करता हूं। हम उनके साहस और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। उनकी वीरता आने वाले सालों में भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी।’’ मोदी ने अपनी जलियांवाला बाग मेमोरियल यात्रा की फोटो भी शेयर की है।13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में बैसाखी के मौके पर बाग में जमा हुए लोगों पर ब्रिट्रिश आर्मी के जनरल डायर के आदेश पर उसके सिपाहियों ने मशीन गन से गोलियां चला दी थी। बाग में जमा लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे। वे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो भारतीय नेता सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू को आजाद करने की मांग कर रहे थे।


हत्याकांड में एक हजार से ज्यादा की जान गई थी


जलियांवाला बाग हत्याकांड में करीब एक हजार से ज्यादा लोग शहीद हुए थे। इनमें बच्चे और महिलाएं भी थीं। वहीं, ब्रिट्रिश सरकार में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक, 379 लोगों की मौत हुई थी। करीब 1200 लोग जख्मी हुए थे। मुख्यमंत्री ने घर में रहकर अरदास करने को कहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर लाइव होकर कोरोना से निपटने के लिए लोगों से सहयोग मांगा है। उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस को अपनाने और डॉक्टरों की बात मानने की अपील की। बैसाखी के दिन सभी लोगों से दिन के 11 बजे अपने घरों में रह कर अरदास करने के लिए कहा है।


इस बार शहीदों को घर से श्रद्धांजलि 
पिछले साल जलियांवाला बाग की घटना के 100 पूरे हो गए थे। 2020 में केंद्र सरकार ने इसके शताब्दी वर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का संकल्प लिया था। इसके तहत बाग के संरक्षण का काम जारी था, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के बीच लागू किए गए लाॅकडाउन में यहां 30 अप्रैल तक सब कुछ बंद रहेगा। इस कारण शहीदों को बाग में इस बार श्रद्धा के दो फूल भी नहीं मयस्सर होने के आसार नहीं हैं। जलियांवाला बाग शहीद परिवार समिति के प्रधान महेश बहल और फ्रीडम फाइटर फाउंडेशन के प्रधान सुनील कपूर का कहना कि इस बार घर में ही पूरा परिवार शहीदों को याद करेगा।


 


पाक में भुखमरी, विश्व से लगाई गुहार

इस्लामाबाद। कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में कोहराम मचा है। देश के सरकारों के पास एक तरफ कोरोना वायरस से लड़ने की चुनौती है तो दूसरी ओर अपनी अर्थव्यवस्था संभालना भी है। इस बीच पहले से ही आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान में हालात दिन ब दिन खराब हो रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विश्व समुदाय से मदद की गुहार लगाई है और कहा है कि कोरोना के चलते देश में भूखमरी के हालात पैदा हो गए हैं इसलिए उन्हें कर्ज में राहत दी जाए। इमरान खान रविवार को एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है, “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अपील करता हूं कि जिस चुनौती के साथ विकासशील देश कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं उन्हें साकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए।


इमरान ने अपने विडियो संदेश में कहा, ”मैं आज वैश्विक समुदाय के सामने तक अपनी बात पहुंचना चाहता हूं। कोविड-19 के खिलाफ हम दो तरह की प्रतिक्रिया देख रहे हैं- एक विकसित देशों में और एक विकासशील देशों में विकसित देश पहले लॉकडाउन के जरिए कोरोना को रोक रहे हैं और बाद में वो इससे प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को संभाल रहे हैं। लेकिन, विकासशील देशों में कोरोना वायरस को रोकने और आर्थिक चुनौती के साथ साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि यहां लोग भूखे मर रहे हैं।”


बता दें कि पाकिस्तान में लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है और अब तक यहां 5,183 कोरोना के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें से आधे मामले अकेले पंजाब प्रांत से दर्ज किए गए हैं। वहीं अब तक 86 लोगों की जानें गई हैं।


सरकार ने बनाए 2 वर्ग, समझें

नई दिल्ली। सभी जिलों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। जिलों के दो वर्ग होंगे। ए वर्ग में वे जिले होंगे जहां 14 अप्रैल तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। वर्ग बी में वह जिलेे होंगे जहां पॉजिटिव केस मिल चुके हैं या 14 अप्रैल तक और मिलने की आशंका है।


ए वर्ग वाले जिलों में कुछ रियायतें दी जाएंगी।
बी वर्ग वाले जिलों में प्रतिबंध पूरी तरह से जारी रहेगा।


2.) जिलों में चिह्नित किए गए हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी भी तरह का मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यहां प्रशासन राशन और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था करेगा।


3). 30 अप्रैल तक प्रदेश में कहीं भी पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध रहेेगा और धारा 144 लागू रहेगी।


4). 31 मई तक पूरे प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग की नीति भी इसी तारीख तक लागू रहेगी।


6) वर्ग बी के जिलों की सीमाएं सील रहेंगी और सामान का परिवहन भी जिलों की सीमा के अंदर नहीं होगा। वर्ग ए के जिलों में जिलाधिकारी की अनुमति से परिवहन में रियायत दी जा सकती है। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच कोई आवागमन नहीं होगा। वर्तमान में लागू पास मान्य होंगे। स्वास्थ्य परीक्षण आदि जारी रहेगा।


7). हॉटस्पॉट वाले इलाकों को छोड़कर जोखिम का आकलन कर डीएम निर्माण, औद्योगिक उत्पादन और खनन की अनुमति दे सकेंगे।


8). स्टांप एवं रजिट्रेशन की सभी जिलों में नियमों के अधीन अनुमति।


 ये भी हुआ तय


9). ये रहेंगे बंद : होटल, धर्मशाला, होम स्टे, मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, रेस्टूरेंट, बार, धार्मिक संस्थान आदि बंद रहेंगे। जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी कार्मिक या अन्य व्यक्ति को हटाया नहीं जाएगा।


10). हॉटस्पॉट को छोड़कर इनको रहेगी अनुुमति : खेती किसानी, बागवानी, मौन पालन, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, कटाई बुवाई आदि को अनुमित रहेगी। राज्य की सीमा से बाहर और वर्ग बी वाले जिलों से श्रमिक नहीं लाए जा सकेंगे।


11). 15 मई तक प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।


12). अस्पतालों आदि को छोड़कर 15 मई तक प्रदेश मे एयर कंडीशनर के उपयोग पर भी रोक।


13) रियायत : वर्ग ए वाले जिलों के बीच सात बजे से लेकर एक बजे के बीच खुद के वाहनों से यात्रा हो सकेगी। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच वाहन नहीं चलेेंगे, केवल आवश्यक सामान की ढुलाई हो सकेगी।


14). वर्ग ए वाले जिलों सहित अगर कहीं कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आते हैं तो प्रतिबंध अधिक सख्त किए जाएंगे।


15). क्वारंटीन होने वालों को इधर-उधर आने-जाने की इजाजत नहीं होगी।


16). सभी निजी अस्पताल और अन्य चिकित्सीय संस्थाएं प्रदेश में खुली रहेंगी और सोशल  डिस्टेंस नीति का पालन होगा।


17) सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मनरेगा को वर्ग ए जिलों में अनुमति होगी।


पीएम आज राष्ट्र को संबोधित करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किये गए 21 दिन के लॉकडाउन के आखिरी दिन मंगलवार की सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे ।
कोरोना संक्रमण कोविड 19 की रोकथाम और देश में लॉकडाउन को लेकर अभी हाल ही में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई चर्चा में पीएम मोदी ने देश में कोरोनावायरस के संक्रमण की स्थिति पर बातचीत की थी । पीएम के साथ इस मीटिंग में कई मुख्यमंत्रियों ने लॉक डाउन को आगे बढ़ाने की अपील की थी. इसके बाद कई राज्यों ने अपनी तरफ से ही लॉक डाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है, ऐसे में पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहेगा कि 21 दिन के लॉक डाउन के बाद हुए देश के लोगों के लिए किस तरह की नीतियों की घोषणा करते हैं ।


भारतीय इतिहास में दर्ज 'काला दिन'

आइये इस हत्या कांड के शताब्दी वर्ष में उन 15 सौ निहत्थे शहीदों को नमन करें, जिन्हें जनरल डायर ने गोलियों से भून दिया था…


 नितिन सिन्हा 


13 अप्रैल सन 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हजारों की संख्या में लोगों इक्ट्ठा हुए थे.इस दिन इस शहर में कर्फ्यू लगाया गया था लेकिन इस दिन बैसाखी का त्योहार भी था. जिसके कारण काफी संख्या में लोग अमृतसर के हरि-मन्दिर साहिब यानी स्वर्ण मंदिर आए थे. जलियांवाला बाग,स्वर्ण मंदिर के करीब ही था. इसलिए कई लोग इस बाग में घूमने के लिए भी चले गए थे और इस तरह से 13 अप्रैल को करीब 20,000 लोग इस बाग में मौजूद थे.जिसमें से कुछ लोग अपने नेताओं की गिरफ्तारी और रॉलेट एक्ट(काला कानून)के मुद्दे पर गांधीवादी विरोध पर शांतिपूर्ण रूप से सभा करने के लिए भी एकत्र हुए थे.वहीं कुछ लोग अपने परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए भी आए हुए थे।


इस दिन करीब 12:40 बजे, डायर को जलियांवाला बाग में होने वाली सभा की सूचना मिली थी. ये सूचना मिलने के बाद डायर करीब 4 बजे अपने दफ्तर से करीब 150 सिपाहियों के साथ इस बाग के लिए रवाना हो गए थे. डायर को लगा की ये सभा दंगे फैलाने के मकसद से की जा रही थी.इसलिए इन्होंने इस बाग में पहुंचने के बाद लोगों को बिना कोई चेतावनी दिए,अपने सिपाहियों को गोलियां चलाने के आदेश दे दिए. कहा जाता है कि इन सिपाहियों ने करीब 10 मिनट तक गोलियां चलाई थी.वहीं गोलियों से बचने के लिए लोग भागने लगे. लेकिन इस बाग के मुख्य दरवाजे को भी सैनिकों द्वारा बंद कर दिया गया था और ये बाग चारो तरफ से 10 फीट तक की दीवारों से बंद था. ऐसे में कई लोग अपनी जान बचाने के लिए इस बाग में बने एक कुएं में कूद गए. लेकिन गोलियां थमने का नाम नहीं ले रही थी और कुछ समय में ही इस बाग की जमीन का रंग लाल हो गया था।


सहादत को नमन के सांथ उन्हें समर्पित कुछ पंक्तियाँ…


इन इतर कयासों को छोड़ो, मैं खूंरेजी का किस्सा हूँ
हूँ ख़्वार मगर पाकीज़ा हूँ, मैं जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।
नस-नस में लावा बहने की, ये रुधिर फुलंगों की बातें
क्षत-विक्षत बिखरे रक्त सने, अपनों के अंगों की बातें।
फूलों के कुचले जाने की, गुंचों के मसले जाने की
कुचलों को और कुचलने की, गिरतों को और गिराने की।
अपने हिस्से की साँसों की, अपनी निज़ता की बातों की
बारूदों की ज़द में मचले, बेख़ौफ़ उठे अरमानों की।
अंतिम निर्णय का शंखनाद, मैं विद्रोहों का किस्सा हूँ
मतवालों की मस्ती हूँ मैं, जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।
ग़ुस्ताख़ी मत करना कोई, चौकंद यहाँ पर रहना तुम
ख़ामोशी से ख़ामोशी को, कुछ कह लेना कुछ सुनना तुम। धीरे-धीरे हौले-हौले,जेहाद की आवाज़ें सुनना
ज़िद में मचलीं आज़ादी की, उन्माद की आवाज़ें सुनना।
महसूस करो तो कर लेना, स्व-राज की खूनी तनातनी
अरमान उठे तो भर लेना,मुट्ठी में मिट्टी लहू सनी।
कण कण फिर बोल उठेगा मैं, किस आहुति का किस्सा हूँ
हूँ ख़्वार मगर पाकीज़ा हूँ, मैं जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।


भारतः डेंजर जोन में पहुंचे 3 शहर

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में कोरना संक्रमितों की संख्या 9 हजार को पार हो गई। जिस तेजी से रोकने की कोशिशें हो रही है, उससे कहीं तेजी के साथ संक्रमण के आँकड़ें बढ़ते जा रहे हैं। देश में तीन ऐसे शहर हैं जो डेंजर जोन की तरह दिखाई देने लगे हैं। यहाँ जिस तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, मौतें हो रही वह बहुत ही खतरनाक है।


भारत के ये तीन शहर हैं आर्थिक राजधानी मुंबई(महाराष्ट्र), देश की राजधानी दिल्ली और मिनी मुंबई के नाम से मशहूर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शामिल है। इन शहरों में कोरोना के सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं और लगातार यहाँ संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज ही सुबह मुुंबई में 59, इंदौर में 22 नए मरीज सामने आए हैं। आँकड़ों की बात करे तो मुँबई में 13 अप्रेल की सुबह संक्रमितों की संख्या 1357, जबकि मृतकों की संख्या 93 पहुँच गई थी। वहीं दिल्ली में 1154, जबकि मृतकों की संख्या 24 पहुँच गई थी और इंदौर में तो अब तक 328 मरीज मिल चुके हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 33 हो चुकी है।


देश की स्थिति- भारत की आज की स्थिति की बात करे तो आँकड़ा 9 हजार 2 सौ को पार कर चुका है। सर्वाधिक खराब स्थिति मराष्ट्र की है। यहाँ संक्रमितों की संख्या 2 हजार से अधिक है। वहीं महाराष्ट्र के बाद दिल्ली और तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या हजार को पार हो चुकी है, जबकि राजस्थान हजार के करीब है। वहीं मध्यप्रदेश में तेजी केस सामने आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में 500 से अधिक मरीज अब तक आ चुके हैं।


असम-मेघालय में शराब की बिक्री

नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 से अब तक 273 लोगों की मौत हो चुकी है।कोरोना संक्रमण के 8447 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के कुल 918 नए मामले आए हैं और 31 लोगों की जान गई है।हालांकि थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से अब तक 765 लोग ठीक हुए हैं।बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया और यह 14 अप्रैल तक रहेगा।लेकिन इस बीच देश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए 30 अप्रैल तक लॉकडाउन का बढ़ाया जा सकता है।


कोरोनावायरस को लेकर लॉकडाउन जारी है।छत्तीसगढ़ में भी पहले मदिरा दुकानों को खोलने का निर्णय लिया गया था। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अपने कदम पीछे खिंचते हुए शराब दुकानों को बंद रखने का मन बना लिया।वही 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।कई राज्यों ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ा भी दिया है। इस बीच असम और मेघालय की सरकार ने सोमवार से शराब की दुकानों को खोलने का फैसला लिया है। असम में शराब की दुकानें सप्ताह में सातों दिन अब खुलेंगी।जबकि मेघालय में अभी तक सिर्फ शुक्रवार तक खोलने का ही फैसला लिया गया है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाएगा। मेघालय में दूर दराज में रहने वाले लोगों को होम डिलिवरी की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।


महिला-पुरुषों ने पुलिस पर हमला किया

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के एक गांव में संपत्ति विवाद को लेकर एक पुलिस दल पर हमला करने के आरोप में सात महिलाओं और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बीकापुर गांव में शनिवार देर रात हुई इस घटना के दौरान महिलाओं ने कथित रूप से एक कांस्टेबल का गला घोंटने की कोशिश की। सराय इनायत के इंस्पेक्टर एस.के.पांडेय ने कहा, “पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों की एक टीम को जानकारी मिली कि दो परिवारों की महिलाएं एक संपत्ति विवाद पर लड़ रही हैं।” उन्हें बताया गया था कि महिलाएं एक-दूसरे पर ईंट फेंक रही थीं इसलिए मामले को संभालने के लिए वे तत्काल वहां पहुंचे।


पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को शांत करने की कोशिश की। तभी दो आरोपियों दीपक और भोला यादव ने महिलाओं को उकसाया, जिन्होंने पुलिस टीम पर ईंट और पत्थरों से हमला कर दिया। हमले में एक कांस्टेबल ज्ञान प्रकाश यादव घायल हो गए। कथित रूप से अनियंत्रित भीड़ ने इस कांस्टेबल को पकड़ लिया और उसका गला घोंटने की कोशिश की। अन्य ग्रामीणों द्वारा इस बात की सूचना दिए जाने के बाद, चार पुलिस स्टेशनों सराय इनायत, फूलपुर, बहरिया और थरवई से बल मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिसकर्मियों को बचाया। घायल कांस्टेबल को इलाज के लिए हनुमानगंज के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।घायल कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर, रविवार को 10 नामजद और पांच अन्य के खिलाफ सराय इनायत पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।


आरोपियों की पहचान पूजा यादव, नीलम यादव, रिंकू यादव, सुनीता यादव, पूनम यादव, प्रभाती, कमलेश देवी और दीपक यादव और संजय यादव के रूप में हुई है, जो कि सभी बीकापुर के रहने वाले थे।


कैडियो के सामने आजीविका का संकट

टूर्नामेंट रद कैडियों के सामने आजीविका का संकट


मनोज कुमार


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के चलते पेशेवर गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआइ) टूर्नामेंट रद होने और गोल्फ कोर्स बंद होने से दिहाड़ी पर काम कर रहे सैकड़ों कैडियों (गोल्फर के सहायक) के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। देश में भारतीय गोल्फ यूनियन से रजिस्टर्ड 231 गोल्फ कोर्स हैं। इसमें 18,000 से 20,000 के करीब कैडी अपनी सेवा देते हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ही करीब डेढ़ दर्जन गोल्फ कोर्स में 700-800 कैडी काम करते हैं। दिल्ली-एनसीआर में करीब 2500 कैडी काम करते हैं जिनमें अधिकांश प्रवासी है। कई नियमित कैडी है तो कई पार्ट टाइम काम करते हैं।


दो बार एशियाई टूर के विजेता गोल्फर राशीद खान का मानना है कि अगर हालात में सुधार नहीं आया तो सबसे ज्यादा गाज कैडियों पर गिरेगी। कैडी रोज कमाते हैं ओर अब उनकी कमाई बंद हो गई है। उन्हें परिवार पालने हैं, किराया देना है। हालात नहीं सुधरने पर उनके लिए काफी कठिन हो जाएगा। चंडीगढ़ के अक्षय शर्मा और 2015 जूनियर विश्व गोल्फ चैंपियन शुभम जगलान के कैडी रहे मंटू ने कहा कि हालात सामान्य नहीं होने पर 95 प्रतिशत कैडियों पर असर पड़ेगा। हमारे देश में पांच प्रतिशत कैडी ही 20-25 हजार रुपये महीने कमा पाते हैं। बाकी सभी की हालत खराब है। करीब 50-60 कैडी ही शीर्ष गोल्फरों के साथ नियमित यात्रा करते हैं और कुछ को उनसे वेतन भी मिलता है लेकिन बाकी दिहाड़ी पर काम करते हैं।


जूडो महासंघ के निदेशक संक्रमित

मनोज कुमार


टोक्यो। जापान जूडो महासंघ के प्रबंध निदेशक सोया नाकाजातो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, जिससे फेडरेशन में संक्रमित लोगों की संख्या नौ पहुंच गयी है। ऑल जापान जूडो महासंघ ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 62 वषीर्य नाकाजातो को पिछले रविवार को बुखार हो गया था। उनका बुधवार को कोरोना टेस्ट हुआ, जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए। फेडरेशन के टोक्यो के बंक्यो वार्ड स्थित मुख्यालय में काम करने वाले कर्मियों में कोरोना संक्रमण का यह नौंवा मामला है। फेडरेशन ने अपना मुख्यालय 30 मार्च को बंद कर दिया था, लेकिन अगले दिन वहां एक बैठक हुई जिसमें नाकाजातो शामिल हुए थे।


लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं

लोगों के लिए 'पेयजल आपूर्ति' सुनिश्चित की जाएं  इकबाल अंसारी  चेन्नई। तमिलनाडु में गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए मु...