बुधवार, 1 अप्रैल 2020

नवांं नवरात्र मां सिद्धिदात्री

सिद्धिदात्री
माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है और यह कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। नवरात्र में यह अंतिम देवी हैं। हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है।


मान्यताः माना जाता है कि इनकी पूजा करने से बाकी देवीयों कि उपासना भी स्वंय हो जाती है।


यह देवी सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं। उपासक या भक्त पर इनकी कृपा से कठिन से कठिन कार्य भी आसानी से संभव हो जाते हैं। अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां होती हैं। इसलिए इस देवी की सच्चे मन से विधि विधान से उपासना-आराधना करने से यह सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।


कहते हैं भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से यह तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिव जी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।


इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है।


विधि-विधान से नौंवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इनकी साधना करने से लौकिक और परलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। मां के चरणों में शरणागत होकर हमें निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उपासना करनी चाहिए। इस देवी का स्मरण, ध्यान, पूजन हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हैं और अमृत पद की ओर ले जाते हैं।


मंत्र:


सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयाात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।


जम्मू-कश्मीर में 'डोमिसाइल' किया लागू

अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिए जाने के आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल को लागू कर दिया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 15 सालों से रह रहे नागरिक इस डोमिसाइल के हकदार होंगे। इसके तहत जिन बच्चों ने सात वर्ष तक केंद्र शासित प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई की है और दसवीं या बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी है, वे भी जम्मू-कश्मीर के डोमिसाइल होंगे। उन्हें सरकारी नौकरियां भी मिल पाएंगी। डोमिसाइल कानून में नए संशोधन को उन चिंताओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो जम्मू और कश्मीर के लिए केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति में जनसांख्यिकीय बदलाव लाएंगे क्योंकि देश के किसी भी हिस्से के लोग वहां नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में बस सकते हैं। संसद द्वारा धारा 370 को खत्म किए जाने से पहले केवल पूर्ववर्ती राज्य के स्थायी निवासी माने जाने वाले लोग ही राज्य सरकार में नौकरी पा सकते थे। जब कश्मीरी राजनेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह से मिला था, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि केंद्र ने संघ राज्य क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने का इरादा नहीं किया है। शाह ने यह भी विश्वास दिलाया था कि जम्मू-कश्मीर के लिए नया कानून किसी भी अन्य राज्य की तुलना में बेहतर होगा। डोमिसाइल कानून 25,500 रुपये के मूल वेतन के साथ आने वाले सभी पदों पर भर्ती के लिए लागू होगा। गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या जिसने सात साल की अवधि तक अध्ययन किया हो और वहां कक्षा 10 वीं / 12 वीं की परीक्षा में उपस्थित हुआ हो, उसे वहीं का अधिवास माना जाएगा। सरकार के आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारी और केंद्र सरकार के स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वैधानिक निकाय के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान, जिन्होंने सेवा 10 वर्षों की कुल अवधि के लिए जम्मू और कश्मीर में सेवा की है उनके बच्चों को भी केंद्र शासित प्रदेश में अधिवासित माना जाएगा।


बीसीजी वैक्सीन से इलाज-रोकथाम संभव

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी के इलाज को लेकर पूरी दुनिया में खोजबीन जारी है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का एक ऑब्जरवेशन सामने आया है, जो एक खुशखबरी साबित हो सकता है। अगर यह तरीका सफल हो जाए तो इससे महामारी रोकने में मदद मिल सकती है। ICMR के नेशनल चेयर और एम्स के पूर्व डीन नरिंदर मेहरा ने बताया कि भारत, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका जैसे देशों में टीबी (TB) का प्रकोप बहुत ज्यादा रहा है। यहां बचपन में ही BCG का इंजेक्शन दिया जाता रहा है। इसी वजह से ऐसे देशों में महामारी का असर कम देखने को मिल रहा है। नरिंदर मेहरा ने कहा कि यह एक ऑब्जरवेशन है। BCG वैक्सीन के जरिए महामारी का इलाज या रोकथाम संभव है कि नहीं इसके लिए अध्ययन करना पड़ेगा। BCG का इंजेक्शन टीबी के लिए भले दिया गया हो लेकिन इससे क्रॉस इम्यूनिटी हो सकती है। यानी इसकी वजह से महामारी को शरीर में फैलने से रोका जा सकता है। अब सवाल उठता है कि क्या महामारी में किसी एंटीबायोटिक का रोल है? क्रॉस इम्यूनिटी का सबसे बेहतर उदाहरण है BCG Vaccination। एक स्टडी में यह पाया गया कि बीसीजी वैक्सीनेशन से न केवल इंफेक्शन कम हो जाता है बल्कि मृत्यु दर भी कम होती है। नरिंदर मेहरा ने बताया कि Obseratvion बताता है कि पश्चिमी यूरोप और अमेरिका जैसे वो देश जिन्होंने BCG vaccination नहीं कराया वहां संक्रमण की दर बहुत ज्यादा है। इसकी वजह से वहां मौतें भी ज्यादा हो रही हैं। इंडिया, अफ्रीका साउथ, लैटिन अमेरिका में BCG vaccination काफी सालों से किया जा रहा है। अगर हम इसकी तुलना करें तो हो सकता है बीसीजी वैक्सीनेशन की वजह से क्रॉस इम्यूनिटी विकसित हो जाए।


मोदी 'योगनिद्रा' को बताया 'शानदार'

वाशिंगटन। वैश्विक महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों को फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए योगासन वीडियो की इवांका ट्रप ने सराहना करते हुए उसे ‘शानदार’ बताया है। इवांका ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी एवं उनकी वरिष्ठ सलाहकार हैं। मोदी ने ‘योग निद्रा’ का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया था कि जब भी समय मिलता है, मैं हफ्ते में एक-दो बार योग निद्रा का अभ्यास अवश्य करता हूं। उन्होंने कहा कि इससे शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है, साथ ही यह तनाव और चिंता को भी कम करता है। इवांका ने मोदी के वीडियो रिट्वीट करते हुए लिखा कि यह शानदार है। शुक्रिया नरेंद्र मोदी। इवांका अपने पिता डोनाल्ड ट्रंप के साथ फरवरी में भारत यात्रा पर भी आईं थी।


पदयात्रा करते लोगों का चेकअप किया

पदयात्रा कर रहे लोगों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण


 कौशाम्बी। कोरोना वायरस के संक्रमण पर विजय प्राप्त करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री जी की आधी अधूरी तैयारी के साथ पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है जिसका खामियाजा पूरे देश के गरीब तबके के मजदूर लोगों को उठानी पड़ रही है जो दो वक्त की रोटी के लिए अपने घर परिवार से हजारों किलो मीटर दूर रहकर मजदूरी करते हैं। दिहाड़ी मजदूरों की मूलभूत सुविधाओं को समझे बिना पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है जिससे दिहाड़ी मजदूरों के ऊपर लॉक डाउन मुसीबत के पहाड़ साबित हो रहे हैं और भूखों मरने की कगार आ गए हैं पेट की आग शांत ना होने पर अपने घरों से हजारों किलो मीटर दूर रहने वाले दिहाड़ी मजदूर पैदल ही अपने घर की दूरी तय करने पर मजबूर हो गए हैं।


दिल्ली से पैदल चल कर बिहार, झारखंड जा रहे लोगों को पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के सावित्री बाई फुले राज्यकीय बालिका विद्यालय में रोककर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चायाल प्रभारी मुक्तेश द्वेदी के द्वारा उन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा स्वास्थ्य परीक्षण के पश्चात उन सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई साथ ही पदयात्रा कर बिहार, झारखंड जा रहे लोगों को भोजन की सुव्यवस्था कराई गई और उन सभी लोगों को चौदह दिन तक इसी विद्यालय में ठहरने के लिए आग्रह करते हुए थानाध्यक्ष पुरामुफ्ती बलराम सिंह अपने हाथों उन सभी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए कहे पुरामुफ्ती पुलिस आप लोगों की हर संभव मदद के लिए तात्पर्य रहेगी।


राजकुमार


जहाज पर समुद्र में रहेंगे वैज्ञानिक

नई दिल्ली। करीब 100 क्रू मेंबर, जिसमें 30 वैज्ञानिक भी शामिल हैं, ने तय किया है कि वे तब तक अपने समुद्री रिसर्च जहाज पर ही रहेंगे, जब तक देश में 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता। वे चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियन टेक्नोलॉजी एनोआइटी के चार जहाजों पर सवार हैं, जो कि करीब 3 हफ्ते पहले समुद्र के धरातल के अध्ययन के लिए निकले थे। इसके जरिए उनकी कोशिश सैंपल्स के अध्ययन के जरिए पूर्वी और पश्चिमी तटों के लिए सुनामी का वॉर्निंग सिस्टम लगाना था।


एनोआइटी के डायरेक्टर एमए आत्मानंद कहते हैं कि सागर निधि, सागर मंजूषा, सागर अन्वेषिका और सागर तारा पर मौजूद वैज्ञानिक अलग-अलग तरह का डेटा जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा, “वहां पर रहना, जमीन पर आने के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है। हमने अपने सभी चार जहाजों को 14 अप्रैल के करीब वापस आने के निर्देश दिए हैं।


मददगारो को बेवजह परेशान न करेंं।

जरूरत मंदों की मदद  कर रहे लोगों को अनायास परेशान न करे पुलिस


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस की महामारी से उपजे संकट से जूझ रहे लोंगो की मदद के लिए उठे हाथों को प्रोत्साहित करने के बजाय पुलिस द्वारा बेवजह परेशान न किया जाए l समाजवादी पार्टी के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन ने बयान जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन द्वारा फरमान जारी किया गया है कि जिन लोगों को किसी भी तरह की मदद करनी हो वह पहले तो अपने क्षेत्र में ही रहें और एक दिन पहले ही थाने पर सूचित करें कि उनको कहाँ और कितने लोगों को भोजन, पानी, राशन आदि देना है l सपा नेता ने इस फरमान को गैर व्यावहारिक बताया है l उन्होने सपा कार्यकर्ताओं को जानबूझकर रोकने के आरोप भी लगाया है l
   जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने श्रमिकों, निराश्रित लोगों, राशनकार्ड धारकों को तीन माह का खाद्यान्न देने की सरकार द्वारा की गई घोषणा का तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित कराने एवं एस. डी. एम. स्तर से निगरानी किए जाने की मांग की है,ताकि कोई अभाव ग्रस्त छूट ना जाए l
  महानगर मीडिया प्रभारी सै०मो० अस्करी के अनुसार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर मास्क,पूड़ी सब्ज़ी के पैकेट,आँटा,चावल,दाल चाय की पत्ती चीनी,बिस्किट,साबुन, फल आदि का वितरण किया जा रहा है l जिसमे वरिष्ठ नेताओं, पार्षद गण, युवा नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं सहित व्यापारियों, छात्रों, नौजवानों सहित महिलाएँ लगातार  प्रत्येक मुहल्लों में सड़कों व गलियों में राहगीरों व मज़दूर रिक्शा चालक,कमज़ोरों आदि को राहत पैकेट बाँट कर सहयोग कर रहे है ।लेकिन प्रशासन के नए फरमान से लोगों में इस बात को लेकर निराशा के साथ ग़ुस्सा भी है की एक तरफ लोग गरीबों को भोजन आदि अपने सामर्थ के हिसाब से दे रहे हैं तो शासन स्तर पर ग़रीबों के हक़ में उठे हाँथ में ज़नजीर जकड़ने का कार्य कर रहा है।


बृजेश केसरवानी


चूल्हे पर उसूल पकाऐंगेंं 'संपादकीय'

ज्यादातर भारतीय देशभक्त नहीं, मतलबी और मौकापरस्त हैं।


जितेन्द्र चौधरी


हो सकता है आपको यह शब्द पढ़कर गुस्सा आ रहा हो। परंतु गुस्से की कोई बात नहीं है मैं अपने लिए कह रहा हूँ।


बाबा अदम गोंडवी ने कहा था।


"चोरी न करें झूठ न बोलें तो क्या करें,
चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे, शाम को।"


मेरा गुस्सा बहुत क्षणिक और मतलबी है।
कोरोना के मामले में मैं चीन के प्रति गुस्से से भरा हुआ हूँ । परंतु दूसरी तरफ मैं चीन के साथ व्यापार में हर साल अरबों रुपए का घाटा उठाने मे चीन का मददगार हूँ। मैं बड़े शौक से टिकटोक यूज करता हूँ , यूसी ब्राउज़र यूज करता हँ , बिगो यूज करता हूँ और अलीबाबा द्वारा प्रायोजित पेटीएम जैसे चाइनीस ऐप को लगातार इस्तेमाल करता हूँ । साथ में देश भक्त भी बनता हूँ और चाइना को गाली भी देता हूँ।


कोरोना जैसी महामारी से देश त्राहि-त्राहि कर रहा है परंतु मैं अपने घर में बैठा हूँ। मुझे बिल्कुल किसी पर गुस्सा नहीं आ रहा है कि हर गांव में मंदिर है, मस्जिद है , गिरजाघर है परंतु अस्पताल नहीं है।
मेरा खून शायद पानी हो गया है जो भूख से मरते हुए लोगों को देख कर भी नहीं उबल रहा है। मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा है कि कोई किसी को एक टाइम की रोटी खिलाकर सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर रहा है।
मुझे बिल्कुल शर्मिंदगी महसूस नहीं हो रही है कि जो लोग इस महामारी में कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं उनके पास जरूरी मास्क, ग्लोब्स नहीं है सैनिटाइजर नहीं है। मुझे बिल्कुल क्रोध नहीं आ रहा जब उत्तर प्रदेश का एक दरोगा एक पत्रकार को कह रहा है कि तुझे धरती में गाड़ दूंगा।  मुझे इस बात की भी बिल्कुल चिंता नहीं है अगर पत्रकार के साथ यह व्यवहार है तो आम जनता के साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती होगी ? चिकित्सा अधिकारी सुरक्षा उपकरण ना होने की वजह से नौकरी छोड़ना चाहते हैं परंतु मेरे माथे पर कोई शिकन नहीं है। पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा नहीं आ रहा लोग डॉक्टर का भेष धरकर सड़कों पर घूम रहे हैं। जरूरी सेवाओं के इस तरह के दुरुपयोग पर भी मैं चुप हूं।


पता नहीं मैं क्यों नहीं समझता कोई हिंदू मुस्लिम नहीं है। कानून तोड़ने वाला चाहे वह किसी भी धर्म से हो, किसी भी जाति से हो, किसी भी समाज से हो वह अपराधी है।
मैं बिल्कुल भी आहत नहीं दिखाई पड़ता जब एक डॉक्टर को पुलिस वाले सड़क पर पीट देते हैं।


मेरी आत्मा मुझे नहीं कचोटती जब कोरोनावायरस को भी सांप्रदायिक रंग दे दिया जाता है। शायद भारत दुनिया का पहला देश है जहां कोरोना हिंदू मुस्लिम गया है। गरीब मजदूर दर बदर की ठोकरें खाते हुए हजारों किलोमीटर दूर जाकर भी भूखा मर रहें है और मेरे देश का मीडिया हिंदू मुसलमान कर रहा है परंतु मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।


भूख से हुई बच्चे की मौत पर मां कहती है कर्फ्यू के बाद नहीं बना खाना। परंतु मैं निश्चित दिखाई पड़ता हूं। 
दूसरे देश का वित्त मंत्री वित्तीय हालातों से डर कर आत्महत्या कर लेता है तो मुझे क्या ?  हमारी वित्त मंत्री के सामने हमारा अर्थ तंत्र ही आत्महत्या कर लेगा। हमारी वित्त मंत्री सुरक्षित रहेंगी मुझे पूरा यकीन है।


मैंने थोड़ी कहा था असंगठित क्षेत्र में लोगों को काम करने के लिए। मैं उन सब के लिए चिंता क्यों करूं ? मेरी देशभक्ति पर अगर आपको कोई संशय है तो कुछ ना कहें जहर का घूंट पिएं और सो जाएं। क्योकि मैं अभी लाखों मजदूरों , जमात , वैष्णो देवी और मजनू का टीला में बिलकुल नही उलझा हुआ हूँ। मुझे बिल्कुल चिंता नहीं है एक दिन सड़क पर भी बीमारों के बिस्तर लगेंगे।


रेलवे एयरलाइंस कंपनियों की बुकिंग शुरू

रायपुर। रेलवे और एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद की अपनी बुकिंग शुरु कर दी है। यह बुकिंग कैबिनेट सचिव के उस बयान के बाद शुरु की गई है जिसके अनुसार 21 दिनों के लॉक डाउन को आगे बढ़ाने की केन्द्र सरकार की कोई योजना नहीं है। कैबिनेट सचिव का यह बयान रविवार को आया था। इससे पहले माना जा रहा था कि सरकार लॉक डाउन को 14 अप्रैल से और आगे बढ़ा सकती है।


कैबिनेट सचिव राजीव गाबा के बयान के बाद रेलवे और एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद से यानि की 15 अप्रैल से अपनी बुकिंग लेनी शुरु कर दी है। रेलवे की टिकट की बुकिंग अभी आप काउंटर से नहीं कर पाएंगे। लॉक डाउन की वजह से काउंटर 14 अप्रैल तक बंद रहेंगे। अगर आपको टिकट बुक करनी है तो आप आईआरसीटीसी की ऐप और वेबसाइट से कर सकते हैं। दोनों पर ही टिकटें 15 अप्रैल से उपलब्धि हैं।  एयरलाइंस कंपनियों ने भी घरेलू उड़ान के लिए 15 अप्रैल की बुकिंग लेनी शुरु कर दी है। इंडिगो, विस्तारा, एयर इंडिया जैसी कंपनियों की बुकिंग जारी है।


शराब नहीं मिली, स्प्रिट पीने से 2 की मौत

सत्यपाल सिंह


रायपुर।  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौत स्पिरिट पीने की वजह से हुई है। चर्चा है कि लाॅकडाउन होने की वजह से शराब दुकानें 7 अप्रैल तक बंद है, लिहाजा तीन दोस्तों ने स्पिरिट पीकर अपनी लत दूर करने की कोशिश की, लेकिन जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया। घटना गोलाबाजार थाना क्षेत्र में बाँसटाल की है। यहां रहने वाले तीन लोगों ने शराब की जगह स्पिरिट का सेवन कर लिया था। इससे उनकी तबियत बिगड़ गई। फिर इनमें से दो लोग असगर खान (43 वर्ष) और दिनेश समुंदर (45 वर्ष) की मौत हो गई है। जबकि अजय कुंजाम की हालत गंभीर बनी हुई है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी है। महापौर एजाज ढेबर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह कोरोना वायरस के मद्देनजर शराब की दुकानें बंद की गई है। यह उसका ही असर है। महापौर ने बताया कि एक अन्य जगह से उनके पास यह खबर आई है कि एक युवक ने शराब ना मिलने की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या की। इसके साथ ही कांच खाने की बात भी सामने आई है। ढेबर ने मृतक के परिजनों से भी मुलाकात की।


मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान

नई दिल्ली। हज़रत निज़ामुद्दीन में तब्लीगी जमाअत के मरकज़ मामले को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सद्र का बयान सामने आया। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि इस संजीदगी भरे माहौल में एक दूसरे पर इल्ज़ाम लगाने से यह लड़ाई कमज़ोर पड़ सकती है। इस समय जब पूरा मुल्क ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ाई लड़ रही है तो इस समय लड़ाई को मज़हबी रंग देना बहुत दुख की बात है। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते अगर मरकज़ में कुछ लोग फंसे रह गए और उनमें से कुछ इस महामारी की चपेट में आगए तो इसमें क़यामत टूटने जैसी कोई बात नहीं बल्कि उनके इलाज की सहूलियात मुहैया कराई जानी चाहिए।


मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि जिस तरह लॉकडाउन के चलते मुल्कभर के लाखों की तादाद में लोग फंसे हुए हैं हुए हैं। सभी अपने घर जाने के लिए तैयार है। ऐसे हालात में अगर मरकज़ में कुछ लोग फंस गए तो हम समझते हैं कि इसमें कानून तोड़ने जैसी कोई बात नहीं।


प्रवासी कामगारों को सरकार से वेतन

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय सभी प्रवासी कामगारों को फिलहाल सरकार द्वारा वेतन दिये जाने संबंधी याचिका की सुनवाई पर बुधवार को सहमत हो गया। वकील प्रशांत भूषण ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और अंजलि भारद्वाज की याचिका का विशेष उल्लेख फोन के जरिये न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव के समक्ष किया।


प्रशांत भूषण ने कहा कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के संक्रमण के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को सरकार को वेतन देना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन नागरिकों के बीच भेदभाव का कारक है। न्यायमूर्ति राव ने श्री भूषण की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई से सहमति जता दी और कहा कि अगली बार जब भी बेंच बैठेगी, इस याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा।


आज पीएम, मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे

नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से राज्य से लेकर केंद्र तक में हलचल तेज है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा करेंगे।


इस दौरान वह कोविड-19 से निपटने के लिए राज्यों की तैयारियों का जायजा लेंगे। साथ ही मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में आ रही दिक्कतों और परेशानियों को भी सुनेंगे। बता दें कि भारत में कोरोना के अब तक 1,637 मामले आ चुके हैं। इनमें से 39 की मौत हो गई है। कोरोना के सबसे अधिक संक्रमित मरीज महाराष्ट्र से हैं। यहां अब तक 320 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं जबकि 9 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा देश के अंदर कोरोना वायरस के कई हॉटस्पॉट भी बनकर तैयार हो गए हैं जो खतरे से कम नहीं। कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर पीएम मोदी खुद ही फ्रंट फुट से कमान संभाले हुए हैं। इससे पहले उन्होंने मेडिकल प्रफेशनल्स से भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी।


42334 लोगों की मौत, 860106 संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आए है। इसमें उत्तर कोरिया भी शामिल हैं। किम जोंग का कहना है कि उनके यहां कोरोना का कोई मामला नहीं आया है। जबकि उनके देश की सीमा चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से लगी है। इन दोनों देशों में कोरोना वायरस काफी लोगों को संक्रमित कर चुका है।इसके अलावा बोत्सवाना, तुर्कमेनिस्तान, तजाकिस्तान, यमन, कोमोरोस, मलावी, साओ तोमे एंड प्रिंसिपी, दक्षिण सूडान में कोरोना वायरस ने दस्तक नहीं दी है। इसके अलावा सोलोमन आइसलैंड,वानूआतू जैसे आइलैंड भी अभी कोरोना संक्रमण से बचे हुए हैं।कुछ विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया की सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं तो कुछ ने समर्थन किया है। उत्तर कोरिया में एक भी मामला सामने नहीं आने के पीछे कहा जा रहा है कि यह देश बाकी दुनिया से कटा हुआ है। इसलिए वहां संक्रमण नहीं पहुंचा है। वहीं जहां इस समय दुनिया कोरोना से लड़ रही है तो किम जोंग मिसाइल परीक्षण करने में लगे हुए हैं।दुनियाभर में कोरोना वायरस ने अबतक 860,106 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है जबकि 42,334 की मौत हो चुकी है। वायरस 180 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। अमेरिका में चीन से ज्यादा 4,055 लोगों की कोरोना के कारण जान जा चुकी है। वहीं अब तक संक्रमितों की संख्या 188,592 हो गई है। इसके बाद इटली का नंबर आता है जहां संक्रमितों की संख्या 105,792 और मृतकों की संख्या 12,428 हो चुकी है।


गुजरात में एक और मौत, संक्रमित 53

गांधी नगर। कोरोना वायरस के कहर के बीच गुजरात में एक और मौत का मामला सामने आया है। अहमदाबाद में 46 साल की कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई है। उसे 26 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला उच्च रक्तचाप, मधुमेह से पीड़ित थी और वेंटिलेटर पर थी। इस बात की जानकारी सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल ने दी।
इस महिला की मौत के साथ ही गुजरात में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या चार हो गई है। इनमें से अहमदाबाद में दो और भावनगर और सूरत में एक-एक मौत हुई है। साथ ही गुजरात में छह और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में इसके कुल मामले बढ़कर 53 हो गए हैं।


एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार शाम से लेकर अब तक छह नए मामले दर्ज किए गए। प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने कहा,'गत शाम को छह नए मामले सामने आने से राज्य में ऐसे मामले की संख्या 53 हो गई है।'
भारत में अब तक कुल 873 लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिसमें से 775 व्यक्ति अभी भी कोविड-19 से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। देश में कोरोनावायरस महामारी के चलते 19 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि, केरल में मौत का एक मामला सामने आऩे से यह आंकड़ा 20 हो गया है। इसके अलावा, उपचार के बाद 78 व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए हैं। देश के 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड़-19 संक्रमण से जुड़े मामले सामने आए हैं। कुल 103 जिले घातक वायरस से प्रभावित हुए हैं।


परमाणु युद्धः 10 करोड़ के मरने का अनुमान

वाशिंगटन। अमेरिका की रटजर्स यूनिवर्सिटी- न्यू ब्रून्सविक के शोधकर्ताओं के आकलन पर आधारित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दोनों देशों के पास मौजूद परमाणु हथियारों का महज एक फीसदी हिस्सा भी 10 करोड़ लोगों की तत्काल जान ले सकता है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर आधुनिक इतिहास के सबसे बड़े खाद्यान्न संकट का कारण बन सकता है। इससे लोगों के खाने के लाले पड़ जाएंगे और करोड़ों लोगों की जान भूख के कारण चली जाएगी। अध्ययन में कहा गया कि दोनों के बीच परमाणु युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर तापमान में गिरावट के अलावा बेहद कम बारिश और सूरज की धूमिल रोशनी जैसे बुरे प्रभाव होगा।


इसका बड़ा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। पहले साल में ही खाद्यान्न उत्पादन 12 फीसदी गिर जाएगा, जो किसी भी ऐतिहासिक सूखे के चलते हुई खाने की कमी से चार गुना ज्यादा बड़ा आंकड़ा होगा। यह असर करीब एक दशक तक पूरे विश्व के खाद्यान्न उत्पादन और व्यापार को प्रभावित करता रहेगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका असर 21वीं सदी के आखिर तक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कहीं ज्यादा होगा। उनका मानना है कि वैसे तो कृषि उत्पादकता पर वैश्विक तापमान में वृद्धि का व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है, लेकिन तापमान में अचानक गिरावट के वैश्विक फसल वृद्धि पर प्रभाव की जानकारी फिलहाल बेहद कम स्तर पर है। इस अध्ययन में अपना योगदान देने वाले प्रोफेसर एलेन रोबोक ने कहा कि हमारे नतीजे से इस वजह को बल मिलता है कि परमाणु हथियारों का अवश्य ही सफाया किया जाना चाहिए, क्योंकि यदि वे बने रहे तो उनका इस्तेमाल किया जा सकता है और दुनिया के लिए इसके परिणाम त्रासद हो सकते हैं।


संक्रमण में अमेरिका ने चीन को पछाड़ा

वाशिंगटन। दुनिया भर में कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व भर के 199 देश कोरोना की चपेट में हैं। वहीं अमेरिका में भी कोरोना वायरस का आंतक बढ़ता जा रहा है। चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना का अब सबसे ज्यादा संक्रमण अमेरिका में हो रहा है। यहां कोरोना संक्रमित पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिका में कोरोना कन्फर्म केस की संख्या 85,000 के पार पहुंच चुकी है। जबकि पूरी दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 5 लाख के पार पहुंच गई है।


इटली, स्पेन और अमेरिका में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। अमेरिका कोरोना संक्रमण के मामले में चीन से आगे निकल गया है। अबतक कोरोना की चपेट में आकर दुनिया में 24,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में अमेरिका में 16,000 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं और वहां कुल आंकड़ा 85,000 के पार पहुंच चुका है। अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 263 लोगों की मौत हुई है, जो एक दिन में अमेरिका में कोरोना से मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस तरह अमेरिका में गुरुवार तक कुल 1,290 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। जबकि करीब 2,000 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। ऐसे में आने वाले दिनों में अमेरिका में मौत और कन्फर्म केस का संख्या में इजाफा की आशंका बनी हुई है।


इटली में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर

रोम। कोरोना का सबसे ज्यादा कहर अब इटली में टूटता दिख रहा है। वहां एक ही दिन में 1000 से ज्यादा लोगों ने कोरोना से पीड़ित होकर दम तोड़ दिया है। वहां मरने वालों की संख्या 9000 पार हो चुकी है। अमेरिका में भी कोरोना पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आंकड़ा एक लाख पार कर गया है। अमेरिका से कई गुना ज्यादा आबादी वाले भारत में यदि फैलता है तो बेहद चिंता का विषय हो जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाएं हमारे देश में अमेरिका और इटली जैसे उपलब्ध नहीं है उसके बावजूद आत्म अनुशासन और सरकारी सख्ती के कारण कुछ हद तक कोरोना के संक्रमण की गति पर नियंत्रण पाने की कोशिश सफल होती नजर आ रही है। लेकिन इतना काफी नहीं है। कोरोना से बचने के तमाम उपाय बेहद जरूरी है। इटली की हालत बेहद खराब है। यही हाल अमेरिका का भी है। अमेरिका और इटली की तुलना में हमारे देश मे आंकड़े बहुत तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं लेकिन फिर भी कल 3 लोगों की मौत और मरीजों की संख्या 834 तक पहुंचना चिंता को बढ़ाने के लिए काफी है।


स्पेनः 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौत

मेड्रिड। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।


स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।


महाराष्ट्र में संक्रमितो का आंकड़ा 300

मुंबई। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस से देश में हाहकार मचा हुआ है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है।


आज लॉक डाउन का आठवां दिन है। देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है।महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के 18 नए मामले दर्ज किए गए हैं,जिससे कुल आंकड़ा 320 पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार खतरनाक कोविड-19 महामारी से अब तक राज्य में 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार को कहा महाराष्ट्र में मंगलवार रात तक कोविड-19 के 302 मामले थे। आज यानि बुधवार को 18 और लोग इससे संक्रमित पाए गए। राज्य में अब इसके कुल 320 मामले हैं। उन्होंने बताया कि 18 नए मामलों में से 16 मुम्बई और दो पुणे से है। महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक मामले केरल में सामने आए हैं।


यूपी में वायरस ने ले ली दूसरी जान

मेरठ। कोरोना वायरस से संक्रमित 72 साल के वृद्ध की मेरठ में बुधवार को मौत हो गई। एक ही दिन में यूपी में दूसरी मौत हुई है। मेरठ के लाला जी लाजपत राय स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय के प्रचार्य आर.सी. गुप्ता ने बताया, “मृतक मेरठ के पहले संक्रमित मरीज इकरामुल हसन के ससुर थे। मृतक की उम्र 72 साल थी। वह 29 मार्च को एडमिट हुए थे।”


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया, “अभी तक संक्रमित मरीज ऑक्सीजन पर था। लेकिन मंगलवार रात वह 75 फीसदी ऑक्सीजन पर भी सर्वाइव नहीं कर पा रहे थे। देर रात एक बजे मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। आईसीयू के डॉक्टरों ने लगातार हालात बिगड़ना बताया। बुधवार सुबह आठ बजे से हालात और ज्यादा बिगड़नी शुरू हो गई।”


प्रो. गुप्ता ने बताया कि “इस मरीज के साथ कुछ रिस्क फैक्टर भी था। जैसे मरीज को शुगर भी था और उम्र भी ज्यादा थी। बुधवार सुबह आठ बजे के करीब इनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। 11 बजे के करीब अब्दुल अहमद की मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि “कोरोनावायरस संक्रमित मरीज की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार ही होगा। इस बारे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अन्य प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है।”


ज्ञात हो कि 27 मार्च को अमरावती महाराष्ट्र से मेरठ आए एक 50 साल के व्यक्ति में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई थी। 28 मार्च को इसी शख्स की पत्नी और तीन अन्य रिश्तेदारों में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी और बाद में 29 मार्च को इसी परिवार के 11 अन्य रिश्तेदारों में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी। इन्हीं में से एक कोरोना संक्रमित यह बुजुर्ग भी थे। कोरोना से मेरठ में यह पहली और प्रदेश में दूसरी मौत है। इससे पहले एक मौत गोरखपुर में हो चुकी है।


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