शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

वित्तीय-संकट से झूजती सरकार का आदेश

पंजाब वित्तिय संकट से जूझती पंजाब सरकार ने जारी किए आदेश
पंजाब में बजट कंट्रोल सिस्टम लागू


 अमित शर्मा


चंडीगढ़। गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही पंजाब सरकार ने सरकारी खजाने के लिए बजट कंट्रोल सिस्टम लागू कर दिया है। इसके साथ ही, सरकारी व अर्द्ध सरकारी संस्थानों की कार्यप्रणाली के खर्च में कुछ ओर कटौती करने के नए आदेश जारी किए गए हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में, राज्य में नए विकास कार्य शुरू करने और विभागों के खर्च में 20 फीसदी कटौती करने के आदेश जारी करने के बाद पंजाब सरकार ने अब सरकारी कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशाप के आयोजन में किफायत बरतने, विदेशों में प्रदर्शनियां लगाने पर पूर्णता रोक लगाने के साथ-साथ फाइव स्टार अथवा महंगे होटलों में हर तरह के समारोहों के आयोजन, विदेशों में स्टडी टूर पर भी रोक लगा दी है। वित्त विभाग की ओर से राज्य के सभी विभाग प्रमुखों, डिवीजनों के कमिश्नरों, डीसी को भेजे पत्र में कहा गया है कि सरकार के वित्तीय साधनों के मद्देनजर वित्त विभाग द्वारा बजट उपबंध के खर्चों में किफायत बरतने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके तहत तय किया गया है, कि राज्य में की जाने वाली कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशाप करने संबंधी खर्च में पूरी किफायत बरती जाए। केवल वही कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशाप ही कराई जाएं, जो बहुत जरूरी हों। विदेशों में प्रदर्शनियां लगाने पर पूरी पाबंदी लगाई गई है। लेकिन व्यापार को बढ़ावा देने से संबंधी प्रदर्शनियां मुख्यमंत्री की अनुमति से ही लगाई जाएं। इसके अलावा, फाइव स्टार या इससे बड़े स्तर के होटलों में मीटिंग, कांफ्रेंस, वर्कशाप, सेमिनार आदि पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अन्य राज्यों या विदेशों में सरकारी खर्च पर स्टडी टूर, कांफ्रेंस, वर्कशाप, सेमिनार पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। और केवल उसी स्थिति में अनुमति दी जाएगी, जब ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन स्पांसरशिप से किया जाएगा।सरकारी खर्च से यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएंगा  में यह भी साफ कर दिया गया है कि उपरोक्त आदेश सरकारी व गैर सरकार संस्थानों, बोर्ड, पीएसयू, आयोग, सोसाइटियों पर भी लागू होंगे। विभागों के प्रबंधकीय सचिव, विभाग प्रमुख और दफ्तरों के इंचार्ज अपने-अपने विभाग के तहत आने वाले संस्थानों में उक्त आदेश का पालन कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ पंजाब सिविल सेवा (सजा व अपील) 1970 के तहत सजा देने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वित्त विभाग ने सरकारी व अर्द्घसरकारी संस्थानों, बोर्डो, आयोगों, सोसाइटियों के लिए उपरोक्त आदेश जारी करने के साथ ही राज्य के लेखा व खजाना निदेशक और सभी जिला खजाना अधिकारियों को भी हिदायत जारी की है कि सरकार ने राज्य के खजानों में बजट कंट्रोल सिस्टम लागू कर दिया गया है, इसलिए उपरोक्त खर्चों में किफायत बरतने के उपाय को लागू करने के लिए विभागों द्वारा ऐसे कार्यक्त्रस्मों के जो भी बिल खजाने में पेश किए जाएं, उनकी मंजूरी निर्धारित किए गए बजट-कट के अनुसार की जाए। इसके साथ ही वित्त शाखाओं के सभी सुपरिटेंडेंट से कहा गया है। कि अगर किसी विभाग द्वारा उक्त आदेशों का उल्लंघन किया जाता है।तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पेश किया जाए। दरअसल, वित्त विभाग ने यह भी माना है कि विभागों द्वारा जो भी खर्च किए जाते हैं, उनकी रसीद कम जेनरेट की जा रही हैं।
वेतन, पेंशन और ब्याज अदायगी पर सारा जोर
जनवरी के पहले हफ्ते में, वित्त विभाग की बजट शाखा-1 द्वारा राज्य से सभी विभाग प्रमुखों, सभी डिवीजनों के कमिश्नरों और डिप्टी सपीकरकमिश्नरों को भेजे पत्र में कहा गया था कि सभी विभागों के लिए वेतन, पेंशन, बिजली के बिल और कर्ज की अदायगी को छोड़कर बाकी सभी तरह के खर्च मे कटौती की है।


पीआरवी ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल


पीआरवी 45 सराहनीय कार्य
अमानीगंज। गदुरही मार्ग पर भीषण सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की हालत गंभीर मोटर साइकिल सवार अनियंत्रित होकर सड़क पर लगे बोड से भिड़े घटना में सड़क किनारे पर बैठी दो महिलाओं को भी लगी चोट।
खण्डासा थाना क्षेत्र के रामनगर बाजार में हुई सड़क र्दुघटना में रुदौली कोतवाली के बरावां गाँव निवासी तीन लोगों को गंभीर चोटें आई है। सूचना पर पहुँच कर पीआरवी 45 ने घायलों को सीएचसी खण्डासा पहुंचाया। जबकि एक घंटे बाद तक ऐमबुलेंस का वाहन नहीं पहुंच सका। सभी घायल गदुरही बाजार से अमानीगंज की तरफ एक ही मोटर साइकिल पर जा रहे थे शराब के नशे में होने से वाहन अनियंत्रित होकर बोड से लड़ गये घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी खण्डासा संतोष कुमार ने बताया कि सभी घायलों की हालत चिंता जनक है और सब को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया घायलों मे एक का नाम जगन्नाथ बताया गया है।


आक्रोशित पीड़ित किसानों ने शुरू किया धरना

कालपी। भूमि का अधिग्रहण हो जाने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने कालपी खास मौजे के भूस्वामियों को प्रति कर की अदायगी नहीं की है। इससे आक्रोशित पीड़ितों ने एम.एस.वी इंटर कॉलेज कालपी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग हाईवे किनारे स्थित 23 जनवरी से टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन फोरलेन सड़क चौड़ीकरण परियोजना प्रभावित मुआवजे की मांग को लेकर हाइवे किनारे धरने में बैठें रहे। धरनास्थल में क्रमिक अनशन चल रहे आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि हमारी जायज मांगो को पूरा नहीं किया गया तो हम लोगों का आंदोलन निरंतर चलता रहेगा। धरना स्थल पर खूबेलाल, अब्दुल गनी, सैयद मेहराज, मो.अहमद, रईस, डॉ. अय्यूब, अरविंद राठौर, सलीम अंसारी, इस्तियाक, हेमचन्द्र कोष्टा, नरेंद्र सिंह गौतम, नन्दलाल, विमल आदि पीड़ितों के द्वारा अनशन किया जा रहा है।


बेटी है तो मां, बहन, बहू और पत्नी है

कानपुर। न्यू सिटी पब्लिक इंटर कॉलेज प्रतापपुरहरी सिंहपुर कानपुर में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। न्यू सिटी पब्लिक इंटर कॉलेज प्रतापपुरहरी सिंहपुर कानपुर की प्रधानाचार्या श्रीमती गीता कुशवाहा ने बताया कि लड़कियों के प्रति होने वाले भेदभाव को दूर करने,परिवार तथा समाज में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है।राष्ट्रीय बालिका दिवस 2008 से मनाया जाता है।बेटियों के खिलाफ होने वाले भेदभाव की मानसिकता में जागरूकता लाई जाती है। बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता ,असमानता के प्रति जागरूकता,शिक्षा एवं स्वास्थ्य की जागरूकता उत्पन्न की जाती है। इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक श्री पी एल कुशवाहा ने कहा कि अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार दो।उनको रानी लक्ष्मीबाई बनाओ।गलत बातों का वह विरोध करें।बेटी है तो मां है।बेटी है तो बीवी है। बेटी है तो बहन है।बेटी है तो वह बहू है। बेटी है तो वह पापा का अभिमान है। कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और प्रधानाचार्य गीता कुशवाहा द्वारा बच्चों को पुरस्कार भी दिए गये।


स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएससी का निरीक्षण

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डॉक्टर विकास सिंघल ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी का निरीक्षण किया। उन्होंने इमरजेंसी, ओपीडी के साथ ही अभिलेखों को भी खंगाला। उन्होंने सबसे पहले इमरजेंसी देखी। वहां तैनात डाक्टर और फार्मासिस्ट से पूछताछ की। उसके बाद इमरजेंसी में मौजूद दवाओं का निरीक्षण किया। अभिलेखों को देखकर असंतोष जताया और एएनएम विमला, रचना दुबे, गायत्री आदि को निर्देश दिया कि अभिलेखों में तरीके से प्रविष्टियां अंकित की जाएं। निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधीक्षक डॉ. समीर प्रधान उपस्थित रहे।


दुर्लभ जन्मजात बीमारी की सफल सर्जरी

नई दिल्ली। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने दिल की एक दुर्लभ एवं जन्मजात बीमारी के साथ जन्में एक माह के शिशु के दिल की सर्जरी की है जो ‘अनोमलस काेरोनरी आर्टरी फ्राॅम द पल्मोनरी आर्टरी(एएलसीएपीए) से पीड़ित था और यह बीमारी प्रति तीन लाख बच्चों में से एक बच्चे को होती है। दिल से जुड़े जन्मजात दोष (सीएचडी) को ब्लैंड व्हाइट गारलैंड सिंड्रोम भी कहा जाता है। इस बीमारी में दिल की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली बाईं कोरोनरी आर्टरी एओरटा के बजाय पल्मोनरी आर्टरी से शुरूआत होती है और दिल की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका अपनी सामान्य स्थिति में नहीं जुड़ी होती है। इस टीम का नेतृत्व सीटीवीएस के निदेशक एवं प्रमुख चिकित्सक दिनेश कुमार मित्तल और पीडिएट्रिक कार्डियोलाॅजी के वरिष्ठ सलाहकार डाॅ़ गौरव गर्ग ने किया। सर्जरी के बाद बच्चे काे एक दिन के लिए वेंटीलेटर पर रखा गया। डाॅ़ मित्तल ने कहा, नवजात बच्चे की सर्जरी काफी जटिल काम था क्योंकि अंग बहुत छोटे होते हैं। और सबसे बड़ी बात यह थी कि बच्चे का दिल का फंक्शन बहुत कम था लेकिन बच्चे का रिस्पांस अच्छा था। ऑपरेशन के अगले दिन वेंटीलेटर हटा दिया गया तथा आठवें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


एससी ने अनुच्छेद 370 पर फैसला रखा सुरक्षित

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वृहद पीठ के सुपुर्द करने या ना करने के मामले में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।याचिकाकर्ताओं की ओर से दिनेश द्विवेदी, राजीव धवन एवम् संजय पारिख ने दलीलें दी, जबकि एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा।इससे पहले सुनवाई की शुरुआत करते हुए वेणुगोपाल ने दलील दी कि अलगाववादी वहां जनमत संग्रह का मुद्दा उठाते आए हैं क्योंकि वह जम्मू कश्मीर को अलग संप्रभु राज्य बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने भारत की मदद इसलिए मांगी थी क्योंकि वहां विद्रोही घुस चुके थे। वहां पर आपराधिक घटनाएं हुईं और आंकड़े बताते हैं कि अलगाववादियों को पाकिस्तान से ट्रेनिंग दी गई ताकि यहां बर्बादी की जा सके। एटॉर्नी जनरल ने कहा कि जनमत संग्रह कोई स्थायी समाधान नहीं था। उन्होंने संविधान पीठ के समक्ष एक-एक कर ऐतिहासिक घटनाक्रम का ब्योरा दिया। साथ ही कश्मीर का भारत में विलय और जम्मू कश्मीर संविधान सभा के गठन के बारे में विस्तार से बताया। गौरतलब है कि केद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को दो भाग में बांटने और अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया था। इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर हैं, जिनपर सुनवाई हो रही है। इससे पहले याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश अधिवक्ता डॉ. राजीव धवन ने कहा 'पहली बार भारत के संविधान के अनुच्छेद-370 का उपयोग करते हुए एक राज्य को एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। यदि वे (केंद्र) एक राज्य के लिए ऐसा करते हैं। वे इसे किसी भी राज्य के लिए कर सकते हैं।'


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...