शनिवार, 21 दिसंबर 2019

यमुना नदी के जल समझौते पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली-शिमला। हिमाचल प्रदेश के यमुना नदी के हिस्से का पानी दिल्ली सरकार को बेचने के सन्दर्भ में आज नई दिल्ली में दोनों राज्यों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।समझौता ज्ञापन पर प्रदेश के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता और दिल्ली सरकार की प्रधान सचिव मनीषा सक्सेना ने हस्ताक्षर किए।


डाॅ. बत्ता ने बताया कि 1994 में दोनों राज्यों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के मुताबिक हिमाचल प्रदेश को यमुना के पानी का तीन प्रतिशत हिस्सा मिला है, लेकिन वर्ष 1994 से इस पर कोई दावा नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार के आग्रह पर हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल ने हाल ही में यमुना के पानी का अपना हिस्सा दिल्ली को बेचने का निर्णय लिया था। इसके परिणामस्वरूप हिमाचल सरकार को सालाना 21 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।उन्होंने कहा कि देश में यह पहली बार है कि दो राज्यों के बीच इस प्रकार का समझौता हुआ है।


जयवीर सिंह हंस


निकाय भ्रष्टाचार पर विजिलेंस का संज्ञान

पावटा साहिब। गत दिनों नगर पालिका में रिश्वतखोरी को लेकर वायरल वीडियो के मामले में विजिलेंस ने संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है। यह बात आज एक पत्रकार वार्ता में आईजी विजिलेंस जेपी सिंह ने कही उन्होंने कहा कि उन्होंने भी नगर पालिका में रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार के मामले की वीडियो देखी है तथा इस मामले में उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि गत दिनों नगर पालिका उपाध्यक्ष नवीन शर्मा द्वारा एक सफाई ठेकेदार से ₹10000 लेते हुए वह नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णा धीमान के पति शशि धीमान  द्वारा पैसों की मांग किए जाने की वीडियो वायरल हुई थी। जिसके बाद शहर में सहित प्रदेश में काफी हंगामा हुआ था।


गत दिवस कांग्रेस ने भी एक लिखित शिकायत डीएसपी को सौंपी थी जिसमें आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। इस मामले में यदि कार्रवाई होती है तो नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्षव अध्यक्षा के प्रति श्रीमान का जेल जाना तय माना जा रहा है। वहीं इस मामले में पावटा भाजपा की किरकिरी भी होती नजर आ रही है। जहां एक और विवादों के बाद मंडल अध्यक्ष बने अरविंद गुप्ता ने अपनी किरकिरी करवा ली है। क्योंकि उन्होंने ही कह दिया था कि कोई जांच नहीं होगी। जबकि मैं खुद ही विवादों के बाद मंडल अध्यक्ष बने हैं तथा आईपीएच विभाग में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि अगली बारी कहीं पावटा साहिब भाजपा के मंडल अध्यक्ष अरविंद गुप्ता की तो नहीं लग जाती और वे  भाजपा के लिए एक सिरदर्द बन कर सामने आने वाले हैं।क्यूंकि भाजपा के लोग उनको ठिकाने लगाने के लिए तेयार बैठे है।


विरोध के बीच हिंसक घटना, बाजार बंद

रिपोर्ट- शमशाद चौधरी


कैराना। मुजफ्फरनगर में विरोध के बीच हुई हिंसक घटना के बाद कैराना में दोपहर बाद एकाएक बाजार बंद हो गए। हालांकि, कुछ देर बाद फिर से बाजार खुलने लगे।


शुक्रवार को सीएए के विरोध में मुजफ्फरनगर में हिंसा के बाद कैराना में अफवाह फैल गई, जिसके बाद यहां मुख्य चौक बाजार में धड़ाधड़क दुकानों के शटर गिरने लगे। यहां सुबह से ही चौक बाजार पूरी तरह से खुला हुआ था। कुछ देरी के लिए बाजार बंद होने के बाद फिर से दुकानें खुल गई। इस बाजार में दिनभर खासी चहल-पहल भी देखने को मिली। पुराना बाजार दिनभर रहा बंद, चौक बाजार व अन्य बाजार सुबह से ही पूरी तरह से खुले हुए रहे। लेकिन, पुराना बाजार में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी, जिसके चलते बाजार में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।


देर शाम तक कैराना में डटे रहे डीएम-एसपी


कैराना। नागरिकता संशोधन कानून पर कई जिलों में हिंसक घटनाओं के बाद कैराना में शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए देर शाम तक डीएम व एसपी डटे रहे। शुक्रवार को सुबह करीब नौ बजे ही डीएम अखिलेश सिंह व एसपी विनीत जयसवाल कैराना कोतवाली पहुंच गए थे। जहां पर उनके द्वारा जहां पैदल मार्च किया गया, वहीं वे पल-पल की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए थे। देर शाम तक भी डीएम व एसपी कैराना में ही डटे रहे। यहां फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण है।


प्रदर्शन से रेलवे को 88 करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में भड़के उग्र प्रदर्शन के कारण रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। रेलवे के अनुसार  88 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, इसमें पूर्वी रेलवे जोन में 72 करोड़, दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में 13 करोड़ और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर जोन में 3 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हालात सबसे बदतर है, यहां बड़े पैमाने पर पूर्वी रेलवे है और केवल यहां 72 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शनिवार को रेलवे ने जोन वार अपने नुकसान का ब्यौरा दिया।
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बंगाल में सबसे ज्यादा हावड़ा, सीलदह और माल्दा प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नागरिकता कानून के खिलाफ रैली के बाद रेलवे की संपत्ति पर तेजी से हमला हुआ। हालांकि अब यहां हालात बेहतर हैं, रैली के बाद किसी तरह की कोई हिंसा नहीं हुई। रेलवे ने हिंसक घटनाओं को लेकर 85 एफआईआर दर्ज की हैं,जिसमें रेलवे के 12 कर्मचारी घायल हुए थे। अरुण कुमार के अनुसार ऐसे लोग हैं जिनकी पहचान हिंसा के वीडियो के जरिए हुई है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पूर्वोत्तर में 2200 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर ट्रेनों को रोक रहे हैं, उनमें तोड़फोड़ कर रहे हैं।


आरजेडी के बंद का 'बिहार में असर'

अणिमा वत्स अनु माही की रिपोर्ट


पटना। नेशनल हाइवे जाम से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है आपको बता दें कि आज RJD का बिहार बंद है और सुबह से ही इस बंद का असर दिखना शुरू हो गया है। ये RJD का बिहार बंद है और सबसे पहले तेजस्वी यादव ने गुजारिश कि बंद को शांतिपूर्ण रखना है और स्वास्थ्य संबंधी गाड़ियां जैसे कि एंबुलेंस आदि को नहीं रोकना है। स्थितियों के अनुसार बिहार बंद के दौरान पटना, हाजीपुर, अररिया, आरा आदि जगहों पर लोगों ने हंगामा किया, आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रत्येक चौराहे पर लोग तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं।


बवाल में कई राउंड फायरिंग, 24 घायल

पटना।इस वक्त की बड़ी खबर पटना के फुलवारीशरीफ से आ रही है, जहां बिहार बंद के दौरान दो गुट आपस में भिड़े गए और देखते ही देखते दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी।


घटना फुलवारीशरीफ के टमटम पड़ाव के संगत पर की है।खबर के मुताबिक इस झड़प में दो लोगों को गोली लग गई है और 24 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। खबर के मुताबिक बताया जाता है कि संगत पर प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों से झड़प हो गई। जिसके बाद दोनों तरफ से पथराव और फायरिंग होने लगी। जिसमें दो लोगों को गोली लगने की खबर है और 24 से अधिक लोग घायल हो गए। मामले की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर सिटी एसपी अभिनव राज पहुंच हालात को काबू करने में जुटे हैं। दोनों तरफ से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।


ड्रेनेज में डूबकर 4 बच्चियों की मौत

सहरसा। जिले के नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के दिबरा में साग तोड़ कर घर लौट रही चार बच्चियों की शुक्रवार की शाम को डूबने से मौत हो गयी। चार बच्चियों की डूबने से मौत की खबर से परिजन और ग्रामीणों में कोहराम मच गया है। वहीं, घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी ने आपदा कोष से चार-चार लाख मुआवजा देने की बात कही है।


जानकारी के मुताबिक, जिले के नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के दिबरा निवासी पुरुषोत्तम ठाकुर की आठ वर्षीया पुत्री प्रीति कुमारी, माधवेंद्र ठाकुर की दस वर्षीया पुत्री अभिलाषा कुमारी व कोमल कुमारी और सुरेश यादव की 11 वर्षीया पुत्री अंजलि कुमारी सहित एक अन्य लड़की अपनी सहेलियों के साथ शुक्रवार को खेत में साग तोड़ने गयी थी। साग तोड़ कर जब सभी बच्चियां घर लौट रही थी, तो ड्रैनेज पार करते समय अधिक पानी में चले जाने के कारण चार बच्चियों की डूबने से मौत हो गयी। वहींं, एक बच्ची तैर कर ड्रैनेज से निकल गयी। उसी ने हो-हल्ला किया, तो ग्रामीण मौके पर जुटे. मौके पर स्थानीय ग्रामीणों की मदद से चारों शवों को बरामद कर लिया गया। शव मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया है।


अमिर झा


बैंक मैनेजर को बंधक बनाकर लूटा

बक्सर। बिहार के बक्सर जिले में बेखौफ अपराधियों नेदक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में दिनदहाड़े 11 लाख रुपए डकैती को अंजाम दिया। घटना औद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनवर्षा इलाके की है। सूचना मिलते ही एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा मौके पर पहुंचे और घटनास्थल पर छानबीन की। 


पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे बैंक खुलते ही 3 नकाबपोश अपराधी बैंक में घुस आए। अपराधियों ने बैंक कर्मचारियों को बंधक बना लिया और मैनेजर, कैशियर को पिस्टल दिखाकर लॉकर की चाभी मांगी। अपराधियों ने लॉकर खोलकर उसमें रखे 11 लाख 10 हजार रुपए निकाल लिए और एक बैग में रखकर चलते बने।
बैंक मैनेजरकी सूचना पर मौके पर पहुंचे एसपी ने कहा कि बक्सर के बॉर्डर इलाके पर सभी गाड़ियों को चेक करने का आदेश दिया गया। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। अपराधी जल्द पुलिस गिरफ्त में होंगे।


कैसे सजाएं क्रिसमस ट्री ?

सैंटा क्लॉज, जिंगल बेल्स, गिफ्ट्स, केक और चारों तरफ रेड और वाइट कलर की थीम- ये सारी चीजें आपको किस त्योहार की याद दिलाती हैं तो आप कहेंगे क्रिसमस। जी हां, एक बार फिर क्रिसमस का त्योहार सेलिब्रेट करने का मौका आ गया है। क्रिसमस फेस्टिवल में अब सिर्फ 5 दिन का समय बाकी है लिहाजा आपने भी अपनी पार्टी की तैयारियां जरूर शुरू कर दी होंगी। और बात जब क्रिसमस की आती है तो सबसे ज्यादा ध्यान क्रिसमस ट्री पर रहता है क्योंकि उसके बिना तो आपके सेलिब्रेशन अधूरा रह जाएगा ना। ऐसे में हर एक जैसी लाइट्स यै कैंडल्स से क्रिसमस ट्री को सजा-सजाकर बोर हो चुके हैं तो कुछ यूनीक और इनोवेटिव आइडियाज ट्राई करें… 
फूड आइटम्स से सजाएं क्रिसमस ट्री
जी हां इस बार आप चाहें तो अपनी क्रिसमस ट्री को इडेबल्स यानी खाने-पीने की चीजें जैसे- सेब, नट्स, चॉकलेट्स और दूसरे फूड आइटम्स से सजाएं। यकीन मानिए आपके फैमिली मेंबर्स के साथ-साथ मेहमानों को भी आपका ये आइडिया जरूर पसंद आएगा।
रंग-बिरंगे पॉम पॉम से सजाएं 
कुछ क्रिएटिव आइडिया अगर दिमाग में न आ रहा हो तो बाजार से रंग-बिरंगे पॉम पॉम खरीद कर लाएं और उनसे अपनी क्रिसमस ट्री को सजाएं। आप चाहें तो पॉम पॉम के साथ रंगे-बिरंग ऊन से बने बॉल्स का इस्तेमाल करके भी अपनी क्रिसमस ट्री को सजा सकते हैं। 
कलर पैलेट के हिसाब से सजाएं ट्री 
हर बार रेड ऐंड वाइट कलर कॉम्बिनेशन रखने की बजाए इस बार कुछ अलग करें और अपनी क्रिसमस ट्री को कलर थीम के हिसाब से सजाएं। ब्लू ऐंड वाइट, रेड ऐंड गोल्ड, पिंक और ग्रीन, जो कलर थीम आपको सबसे ज्यादा पसंद हो उसी कलर पैलेट को चुनें और उन्हीं रंगो के हिसाब से अपनी क्रिसमस ट्री को डेकोरेट करें।
फूलों से सजाएं क्रिसमस ट्री 
अगर आपको एक्सपेरिमेंट करना अच्छा लगता है कि तो आप इस साल अपनी क्रिसमस ट्री को फ्लोरल लुक भी दे सकती हैं। अपनी पसंद के वाइट या रेड कलर के फूलों से क्रिसमस ट्री को सजाएं। यह एक बेहद इको-फ्रेंडली तरीका भी है क्रिसमस ट्री को डेकोरेट करने का। 
फैमिली मेंबर्स की तस्वीर से सजाएं 
परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ बिताए गए खूबसूरत और फेवरिट मोमेंट्स की यादगार तस्वीरें और प्रिंटआउट निकाल लें और उन्हीं से क्रिसमस ट्री को सजाएं। यह भी एक बेहतरीन तरीका है क्रिसमस पार्टी के मौके पर ट्री को डेकोरेट करने का।


फोमो यानी पीछे छूटने का डर

फोमो यानी फियर ऑफ मिसिंग आउट या देसी भाषा में कहिए तो पीछे छूट जाने का डर। अगर आपको भी ऐसा डर हर समय सताता रहता है तो आप मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो चुके हैं। आमतौर पर लोगों के इस डिसऑर्डर की वजह उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स होते हैं…
तुलना जारी रहती है
मनुष्य का स्वभाव है कि हम अपनी तुलना लगातार दूसरों से करते हैं। हमें अक्सर लगता है कि दूसरों के पास जो चीजें हैं, वे हमसे बेहतर हैं और इसी सोच के चलते हम खुद को कमतर आंकने लगते हैं। हमारी यह मानसिक दिक्कत उस समय और अधिक बढ़ जाती है, जब कोई इंसान कुछ नया या बड़ा हासिल कर लेता है।
हमारे साथ बुरा ही होता है
फोमो के शिकार लोगों को अपने जीवन में आई छोटी-सी तकलीफ भी ऐसी लगती है कि जैसे कितना बड़ा हादसा हो गया है। उन्हें लगता है कि दुनिया में जितनी भी परेशानियां हैं वे सब उनकी लाइफ में आ गई हैं।
फोमो ग्रसित की स्थिति
मुख्य रूप से फोमो वह मानसिक स्थिति है, जो लोगों के मन में दूसरे लोगों की लाइफ से बाहर होने या उनकी लाइफ में अपनी अहमियत खोने के डर से जुड़ी है। यह लोगों में मिसिंग आउट होने का डर पैदा करती है।
कम्पल्सिव डिजायर
फोमो एक कम्पल्सिव डिजायर है, इसमें दूसरे लोगों की लाइफ से हर समय जुड़े रहने की इच्छा होती है। खासतौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से। ऐसे लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या मास विडियोज के द्वारा दूसरे लोगों की लाइफ में अपनी अहमियत देखते रहना पसंद होता है और उनकी जिंदगी से जुड़े रहना अच्छा लगता है।
लाइक और रिऐक्शन का गेम शुरू
फोमो के शिकार लोग हर समय सोशल मीडिया पर यह चेक करते रहते हैं कि दूसरे लोग क्या पोस्ट कर रहे हैं, उनकी लाइफ में क्या नया हो रहा है या हमारी पोस्ट पर लोग किस तरह से रिऐक्ट कर रहे हैं? हमारी पोस्ट पर कितने लाइक मिले हैं?
बढ़ती परेशानियों की वजह
कई स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि हर समय सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहनेवाले लोग कई तरह की मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे लोगों को ऐंग्जाइटी, मूड स्विंग्स, लोनलीनेस, असुरक्षा की भावना, आत्मविश्वास में कमी, सामाजिक असुरक्षा या चिंता, बहुत अधिक नकारात्मकता और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे आएं फोमो से बाहर 
फोमो के कारण पिछले कुछ वर्षों में ऐंटिडिप्रेशन दवाइयों की खपत कई गुना बढ़ चुकी है। इस परेशानी से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम करें। वर्जुअल दुनिया में नहीं वास्तविक दुनिया में अपना दायरा और लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाएं। स्थिति ना संभलने पर सायकाइट्रिस्ट्स की मदद जरूर लें।


सर्दी में तिल के लड्डू है लाभकारी

शीत लहर ने दस्तक दे दी है। ठण्डी हवा से बचने जहाँ गर्म कपड़ों की जरूरत होती है, उससे अधिक जरूरत ऊर्जा युक्त ऐसे खाद्य पदार्थ भी जरूरी हैं जिनके सेवन से सर्दियों में चुस्त दुरुस्त रहा जा सकता है।


इनमें तिली के बने मीठे लड्डू और संबंधित अन्य खाद्य पदार्थ बेहद उपयोगी हैं। सर्दियों में अपनी तासीर की वजह से तिली के लड्डू न केवल ताकत और ऊर्जा का खजाना हैं बल्कि बादाम, काजू अखरोट आदि ड्रायफूड की तुलना में सस्ते भी होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक तिली और गुड़ का मिश्रण सेहत के लिये खास तौर पर वरदान साबित होता है।


विशेषज्ञों के मुताबिक तिल के अलावा गर्म तासीर वाली खाद्य वस्तुओं जैसे मूंगफली, पिण्ड खुजूर का का इस्तमाल भी सेहत के लिये फायदेमंद होगा। दरअसल सर्दी बढ़ने के साथ ही साथ लोगों के खान पान में बदलाव आया है। इसमें सबसे ज्यादा तिल के व्यंजनों को लिया जाता है। तिल शरीर को गर्मी देने के साथ ही शरीर को तंदुरुस्त रखता है और यह शारीरिक गरमाहट भी पहुँचाती है। सर्दी के बढ़ते ही तिल के कारोबार में भी रौनक आयी है। बाजारो में विभिन्न प्रकार के तिल के व्यंजनों की खूब बिक्री हो रही है।


गुड़ की गजक, बीकानेर की तिल पपड़ी, अजमेर की डाईफ्रूट गजक, पिस्ता गजक, तिल के लड्डू सहित अन्य सामग्री की डिमाण्ड बढ़ती जा रही है। आमतौर पर शरद ऋतु आते ही तिल के व्यंजन बाजारों में बिकना आरंभ हो जाते हैं, लेकिन इस बार सर्दी कुछ लेट आने से इनके व्यंजनों पर भी प्रभाव पड़ा है। बाजारों में तिल ने अब जोर पकड़ा है। वही माना जाता है की मकर संक्रांति पर तिल के व्यंजन बनाना शुभ रहता है। चीनी और गुड़ दोनों में गजक को बनाया जाता है, लेकिन गुड़ की गजक को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इतना ही नहीं तिल के लड्डू की डिमांड भी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।


सर्दी बढ़ने के साथ ही गजक की दुकानों पर भीड़ के साथ ही कई प्रकार की गजक व तिल के लड्डू भी उपलब्ध हैं। सर्दियों में तिल शरीर के रोग को दूर करने के साथ फायदेमंद भी साबित होता है।


कुछ लोगों को लगती है ज्यादा ठंड

सर्दियों में जहाँ कुछ लोग शॉटर््स और टी-शर्ट में आराम से घूमते रहते हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो तीन स्वेटर पहनने के बाद भी कांपते रहते हैं।


अगर आपको लगता है कि ठण्ड का ही असर लोगों पर अलग – अलग होता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, पसीने के मामले में भी ऐसा होता है। कुछ लोगों को पसीना इतना आता है कि लगता है कि वे पानी में भीगकर आ रहे हैं वहीं कुछ लोग हमेशा तरोताजा दिखते हैं। क्या आपको पता है कि ज्यादा गर्मी या सर्दी लगना हेल्थ प्रॉब्लम की ओर इशारा है?


ये हो सकती हैं वजहें : कई हेल्थ रिपोटर््स की मानें तो कुछ फेक्टर्स हैं जिन पर ध्यान नहीं जाता लेकिन गर्मी या ज्यादा सर्दी लगने के पीछे एनीमिया, कुपोषण, इन्फेक्शन, वजन से जुड़ी समस्या (ज्यादा या कम होना) यहाँ तक कि साईलेंट थायरॉयड भी वजह हो सकती है।


डॉक्टर से करें बात : ऐसी समस्याओं से बचने के लिये नियमित चेकअप और डॉक्टर से खुलकर बात करना बेहद जरूरी है। हम डॉक्टर के पास तभी जाते हैं जब हम ज्यादा बीमार होते हैं। हमें कण्डीशन खराब होने तक इंतजार नहीं करना चाहिये बल्कि एक या दो महीने में चेकअप करवाते रहना चाहिये।


तनाव या गुस्सा भी वजह : तनाव की वजह से आपको गर्मी या सर्दी लग सकती है। तनावपूर्ण स्थिति जैसे झगड़ा, व्यस्तता या वर्कलोड जैसी वजहों से आपके नॉर्मल तापमान में फर्क आ सकता है। उदाहरण के तौर पर ऑफिस में जब सभी ठण्ड से ठिठुर रहे हैं और आपको तेज गर्मी लगने लगे तो इसकी वजह आपकी किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से लड़ाई भी हो सकती है।


उदास होने पर लगती है ठण्ड : हेल्थ और दूसरे फिजिकल फेक्टर्स के अलावा किसी भी मौसम को ज्यादा फील करने के पीछे आपकी भावनात्मक स्थिति भी एक वजह हो सकती है। एक्सपटर््स की मानें तो जब लोग उदास या अकेले होते हैं तो वे ज्यादा कांपते हैं। यह भी कह सकते हैं कि जब हमारे हार्ट कोल्ड होते हैं तो हम भी वैसा ही महसूस करते हैं।


ज्यादा सर्दी या गर्मी फील करने से कैसे बचें : हमें सबसे पहले इसके पीछे की वजह पता करनी होगी। कुछ तरीके हैं जिनसे सर्दी या ज्यादा पसीने को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिये कपड़ों और खानपान में बदलाव करना एक तरीका है।


दिमाग को दें ट्रेनिंग : अलग – अलग मौसमों में कुछ खास तरह के फूड्स हमारे अंदर सर्दी या गर्मी का बैलेंस बनाते हैं। उदाहरण के तौर पर सर्दियों में सूप या कॉबोर्हाईड्रेट से हम शरीर को गर्म रख सकते हैं। वहीं गर्मियों में हरी और पत्तेदार सब्जियां राहत दे सकती हैं। आखिर में ज्यादा गर्मी या सर्दी से बचने का तरीका यह भी है कि अपने दिमाग को इसके लिये ट्रेनिंग दें। इमेजिन करें कि आप गर्म स्थान पर हैं इससे ठण्डॉर्फिन रिलीज होता है जो शरीर मे गर्माहट लाता है।


सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया

सीएम ने जनसभा कर, मतदाताओं से संवाद किया  संदीप मिश्र  बरेली। बरेली के आंवला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सुभाष इंटर कॉलेज ग्...