बुधवार, 10 मार्च 2021
"महामृत्युंजय" मंत्र 'संपादकीय'
सोमवार, 1 मार्च 2021
इस महीने कौन-कौन से त्योहार आएंगे, जानिए
फाल्गुन का महीना शुरू हो गया है। जी हाँ, रविवार से यानी 1 मार्च से फाल्गुन का महीना शुरू हो गया। इसे हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना कहा जाता है। आप सभी जानते ही होंगे कि इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इसे फाल्गुन कहा जाता हैं। इस महीने को ही आनंद और उल्लास का महीना भी कहते है। दरअसल इस महीने बसंत का प्रभाव बढ़ जाता है और इसी के वजह से प्रेम और रिश्तों में मिठास आने लगती है। आप सभी को बता दें कि इस बार फाल्गुन मास 28 फरवरी से 28 मार्च तक रहेगा। इस बीच महाशिवरात्रि, होली, जानकी जयंती , प्रदोष व्रत , फाल्गुन अमावस्या, शनि अमावस्या, खरमास प्रारंभ, होली भाई दोज, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत जैसे पर्व आने वाले हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस महीने कौन-कौन से त्योहार पड़ने वाले हैं।
1 मार्च- महाशिवरात्रि और दूसरा होली।
2 मार्च : संकष्टी चतुर्थी।।
6 मार्च- जानकी जयंती (सीताष्टमी)।
9 मार्च- विजया एकादशी।
10 मार्च- प्रदोष व्रत (कृष्ण)।
11 मार्च- महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि, हरिद्वार कुंभ प्रथम शाही स्नान।
13 मार्च- फाल्गुन अमावस्या, शनि अमावस्या।
14 मार्च- मीन संक्रांति, पंचक, चंद्रदर्शन।
15 मार्च- खरमास प्रारंभ,।।
17 मार्च- विनायकी चतुर्थी।
20 मार्च- रोहिणी व्रत।
21 मार्च- होलाष्टक प्रारंभ।
25 मार्च- आमलकी एकादशी।
26 मार्च- प्रदोष व्रत (शुक्ल)।
28 मार्च- होलाष्टक स। होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत।
29 मार्च- होली, धुलेंडी, वसंतोत्सव, आम्रकुसुम प्राशन पोडषकारण व्रत प्रारंभ।
30 मार्च- चित्रगुप्त पूजा, होली भाई दोज।
31 मार्च- संकष्टी चतुर्थी।
शुक्रवार, 15 जनवरी 2021
श्रीराम मंदिर निर्माण, रिद्धि-सिद्धि ने 5 लाख दिए
गुरुवार, 14 जनवरी 2021
मकर सक्रांति के साथ माघ मेले का आगाज
बुधवार, 13 जनवरी 2021
संपूर्ण देश में सूर्य पूजा का पर्व 'मकर सक्रांति'
सोमवार, 28 दिसंबर 2020
श्रीराम के जयघोष के साथ निकली कीर्तन मंडली
बुधवार, 23 दिसंबर 2020
श्री जगन्नाथ मंदिर के कपाट खोलें, करें दर्शन
अधिकारियों ने बताया कि 26 से 31 दिसम्बर के बीच केवल पुरी के निवासी भगवान के दर्शन कर पाएंगे। इसके बाद नव वर्ष पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने के मद्देनजर एक और दो जनवरी को मंदिर को फिर बंद कर दिया जाएगा। तीन जनवरी से मंदिर के द्वार सभी श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। उन्होंने बताया कि तीन जनवरी से आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना वायरस से संक्रमित ना होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट दिखानी होगी।
पुरी के निवासियों से कोविड-19 की जांच रिपोर्ट ना मांगे जाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा, ” प्रशासन स्थानीय लोगों में कोरोना वायरस की स्थिति से अवगत है। इसलिए उन्हें संक्रमित ना होने की पुष्टि के लिए कोविड-19 की जांच रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं है।”
रविवार, 20 दिसंबर 2020
गुरु तेग बहादुर को लोक ने अपना गुरु चुनाव
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020
राम नगरी में 4 दिवसीय 'रामायण' मेला आयोजित
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच चार दिवसीय रामायण मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने कार्यक्रम स्थल राम कथा पार्क और इसके आसपास क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी लव कुश द्विवेदी व अवर अभियंता सरयू खंड पवन कुमार को मजिस्ट्रेट नामित किया है। पूरे शहर क्षेत्र के लिए एडीएम नगर और देहात क्षेत्र के लिए एडीएम प्रशासन, अयोध्या क्षेत्र के लिए रेजिडेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या और सभी उप जिला अधिकारी को अपने अपने क्षेत्र का मजिस्ट्रेट बनाया गया है। इनके साथ समन्वय कर कानून व्यवस्था के लिए एसपी सिटी, एसपी देहात व सर्किल प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
रविवार, 13 दिसंबर 2020
खरमास: शुभ कार्यों के मुहूर्त, हो जाते हैं निषेध
हरिओम उपाध्याय
सनातन परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्त्व रहता है। हमारे सनातन धर्म में हरेक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है-मलमास जिसे खरमास भी कहा जाता है।
जानिए कैसे होता है मलमास- जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही मलमास या खरमास कहा जाता है। मलमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह,मुंडन,सगाई,गृहारंभ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
जानिए कब तक रहेगा मलमास- इस माह दिनांक 15 दिसंबर 2020, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मलमास प्रारंभ होगा जो दिनांक 14 जनवरी 2021 पौष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक रहेगा। मलमास प्रभावी होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभकार्यों का निषेध रहेगा।
प्रत्येक माह मनाईं जाती है 'महाशिवरात्रि'
यामिनी दुबे
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन शिव पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि रविवार को मनाई जा रही है। मासिक शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा से कोई भी मुश्किल और असम्भव कार्य पूरा किया जा सकता है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व :
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। क्योंकि इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है। इस व्रत को करके देवी-देवताओं ने मनचाहा वरदान पाया है। भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, इस दिन व्रत करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। जीवन की मुश्किलें दूर होती है।
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