मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित
सोमवार, 15 अप्रैल 2024
नवरात्रि का आठवां दिन मां 'महागौरी' को समर्पित
रविवार, 14 अप्रैल 2024
नवरात्रि का सातवां दिन मां 'कालरात्रि' को समर्पित
शनिवार, 13 अप्रैल 2024
नवरात्रि का छठा दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित
शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024
नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
नवरात्रि का चौथा दिन मां 'कूष्मांडा' को समर्पित
बुधवार, 10 अप्रैल 2024
नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित
मंगलवार, 9 अप्रैल 2024
नवरात्रि का दूसरा दिन मां 'ब्रह्मचारिणी' को समर्पित
शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024
इस साल चैत्र नवरात्रि पर बनेगा 'अमृत सिद्धि' योग
शनिवार, 23 मार्च 2024
आज मनाया जाएगा 'होली' का पर्व, जानिए
गुरुवार, 7 मार्च 2024
विशेष: आज मनाया जाएगा 'महाशिवरात्रि' का पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि शुरुआत 08 मार्च को रात 09 बजकर 47 मिनट से होगी, जिसका समापन 09 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। यानी महाशिवरात्रि का त्योहार 08 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा निशिता काल में करने का विधान होता है। ऐसे में महाशिवरात्रि 08 मार्च को मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि 2024 तिथि: 8 मार्च 2024
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 08 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक।
अवधि : 0 घंटे 48 मिनट
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर पूजा शुभ मुहूर्त
प्रथम प्रहर की पूजा- 08 मार्च शाम 06 बजकर 29 मिनट से रात 09 बजकर 33 मिनट तक
दूसरे प्रहर की पूजा- 08 मार्च सुबह 09 बजकर 33 मिनट से 09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट तक
तीसरे प्रहर की पूजा-09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा- 09 मार्च सुबह 03 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक
पारण मुहूर्त : 09 मार्च की सुबह 06 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक।
महाशिवरात्रि 2024 पर बना दुर्लभ योग
हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही दुर्लभ संयोग बना हुआ है। इस बार शुक्रवार को महाशिवरात्रि का त्योहार है और इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि जबकि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। लेकिन इस बार तिथियों के संयोग के कारण फाल्गुन की त्रयोदशी तिथि और महाशिवरात्रि की पूजा का निशिता मुहूर्त एक ही दिन है। ऐसे में इस बार एक व्रत से दोगुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा इस वर्ष महाशिवरात्रि पर तीन योग भी बन रहे हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिव, सिद्ध और सर्वार्थसिद्ध योग का निर्माण होगा। शिवयोग में पूजा और उपासना करने को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव का नाम जपने वाले मंत्र बहुत ही शुभ फलदायक और सफलता कारक होते हैं। वहीं सिद्ध योग में नया कार्य करने पर उसमें पूर्ण सफलता हासिल होती है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग में हर कार्य में सफलता मिलती है।
महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
सबसे पहले महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें,फिर भोलेनाथ का नाम लेते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें।
व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों को जपते हुए दोनों का आशीर्वाद लें।
शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें।
घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर शिवलिंग को प्रणाम करते हुए और शिवमंत्रों के उच्चारण के साथ गंगाजल, गन्ने के रस, कच्चे दूध, घी और दही से अभिषेक करें। फिर इसके बाद भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा और बेर आदि अर्पित करें।
अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024
आज मनाया जाएगा 'बसंत पंचमी' का पर्व
शुक्रवार, 10 नवंबर 2023
आज मनाया जाएगा 'धनतेरस' का पर्व
सोमवार, 18 सितंबर 2023
आज मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, तुलसी वर्जित
बुधवार, 6 सितंबर 2023
जन्माष्टमी पर दान-पुण्य करना बेहद लाभदायक
मंगलवार, 5 सितंबर 2023
6 सितंबर को जन्माष्टमी व्रत रखना शुभ होगा
मंगलवार, 29 अगस्त 2023
30-31 अगस्त, 2 दिन मनाईं जाएगी रक्षाबंधन
बुधवार, 23 अगस्त 2023
27 अगस्त को मनाई जाएगी 'पुत्रदा एकादशी'
27 अगस्त को मनाई जाएगी 'पुत्रदा एकादशी'
सरस्वती उपाध्याय
सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा महत्व है। पुत्रदा एकादशी व्रत सावन महीने की शुक्ल-पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। इसे पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक सावन महीने के शुक्ल पक्ष में और दूसरा पौष मास के शुक्ल पक्ष में। इस बार सावन की पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त यानि रविवार के दिन मनाई जाएगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से निसंतान दंपतियों को सुख मिलता है। इस व्रत को भी संतान की लंबी आयु और सुखद जीवन के लिए किया जाता है। बता दें कि सालभर में कुल 24 एकादशियां होती है, लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
शुभ मुहूर्त और पारण का समय
- शुक्ल एकादशी तिथि आरंभ- 27 अगस्त 2023 को प्रात 12 बजकर 08 मिनट पर
- शुक्ल एकादशी तिथि समापन - 27 अगस्त 2023 को रात 9 बजकर 32 मिनट पर
- पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि- 27 अगस्त 2023
- एकादशी व्रत पारण समय - 28 अगस्त 2023 को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से सुबह 8 बजकर 31तक
महत्व
पुत्रदा एकादशी का व्रत केवल पुत्र से नहीं है, बल्कि संतान से है। संतान पुत्र भी हो सकता है और पुत्री भी। मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इसके आलावा जो व्यक्ति ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष, सब कुछ पाना चाहता है, उसे यह व्रत करना चाहिए। वहीं जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या जिनकी पहले से संतान है और वे अपने बच्चे का सुनहरा भविष्य चाहते हैं, जीवन में उनकी खूब तरक्की चाहते हैं, उन लोगों के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख बढ़ता है।
शनिवार, 8 जुलाई 2023
रुद्राभिषेक: 15 को मनाईं जाएगी 'महाशिवरात्रि'
15 जुलाई को सावन शिवरात्रि, जानिए महत्व
सरस्वती उपाध्याय
10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है। 59 दिनों के इस सावन महिने में शश योग, गजकेसरी योग, बुध व शुक्र के संयोग से लक्ष्मी नारायण योग और सूर्य व बुध की युति से बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। वही, 15 जुलाई शनिवार को सावन शिवरात्रि है। इस दिन 2 बड़े ही दुर्लभ संयोग बन रहे है, जिसका कई जातकों को बहुत ही शुभ फल मिलेगा।
कहते है, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पर विशेष फल प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि पर बनेंगे 2 योग
पंचांग के अनुसार, सावन की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन पड़ती है, इस साल 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन चतुर्दशी तिथि पड़ेगी,चतुर्दशी तिथि को त 8:32 बजे चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो जाएगा और 16 जुलाई रात 10:08 बजे इसका इस बार सावन शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें वृद्धि और ध्रुव योग शामिल हैं। वही इस दिन मृगशिरा नक्षत्र भी बन रहा है। इस दौरान भोलेनाथ की पूजा करना बेहद फलदायी होगा।इसका लाभ कुंभ, मीन, कर्क वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बहुत ही फलदायी होगा।
पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष का होना बहुत अद्भुत संयोग है। संतान प्राप्ति की कामना और शनि दोष से मुक्ति के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन व्रत करने और भगवान शिव और शनिदेव की पूजा र्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शनि का प्रभाव यानी साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि महादशा के दुष्प्रभावों में कमी आती है। इस पूरे सावन में 8 सोमवार व्रत और 4 एकादशी पड़ेगी।वही 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक सावन अधिकमास या मलमास रहेगा। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।
राशि के अनुसार करें ऐसे पूजा
मेष राशि के जातक जल में चंदन, गुड़हल फूल और गुड़ मिलाकर शिव का अभिषेक करें। वृषभ राशि के जातक गाय के दूध से महादेव का अभिषेक करें। मिथुन राशि के जातक जल में दही मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
कर्क राशि के जातक आशीर्वाद पाने के लिए गाय के दूध में भांग मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। चंदन और पुष्प अर्पित करें।सिंह राशि के जातक जल में लाल पुष्प अर्पित कर भगवान शिव का अभिषेक करें। कन्या राशि के जातक गन्ने के रस में काले तिल मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। भगवान शिव को भांग, धतूरा, मदार के फूल अर्पित करें।
तुला राशि के जातक भगवान शिव का आशीर्वाद पाने हेतु सावन शिवरात्रि पर गाय के दूध में मिश्री डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें। महादेव को चंदन, अखंडित चावल और दूध अर्पित करें। वृश्चिक राशि के जातक सावन शिवरात्रि पर जल में बेलपत्र, शहद और सुगंध मिलाकर महादेव का अभिषेक करें।
धनु राशि के जातक भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए जल में केसर मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। साथ ही केसर मिश्रित खीर भोग में अर्पित करें। मकर राशि के जातक भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि चीजें अर्पित करें।
कुंभ राशि के जातक गन्ने के रस में शहद और सुगंध मिलाकर अभिषेक करें। साथ ही शिव चालीसा का पाठ शिव मंत्र का जाप करें।मीन राशि के जातक सावन शिवरात्रि पर गन्ने के रस में केसर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। पूजा के समय सभी जातक ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
शिवरात्रि पर करें ये खास उपाय, मिलेगा लाभ
धन की प्राप्ति के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें और फिर जल धारा अर्पित कर प्रार्थना करें। संतान के लिए शिव लिंग पर घी अर्पित कर जल की धारा अर्पित करें और प्रार्थना करें ।विवाह के लिए शिवलिंग पर 108 बेल पत्र अर्पित करें और हर बेल पत्र के साथ “नमः शिवाय” का जाप करें।
सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 दिन शनिवार
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ – 14 जुलाई, शाम 7 बजकर 18 मिनट से
त्रयोदशी तिथि का समापन – 15 जुलाई, रात 8 बजकर 33 मिनट तक
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ – 15 जुलाई, रात 8 बजकर 33 मिनट से
चतुर्दशी तिथि का समापन – 16 जुलाई, रात 10 बजकर 9 मिनट तक।
बुधवार, 5 जुलाई 2023
1 लाख 10 हजार कावड़ियों ने गंगा जल भरा
1 लाख 10 हजार कावड़ियों ने गंगा जल भरा
श्रीराम मौर्य
हरिद्वार। सावन के महीने के आगाज के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेले का भी शुभारंभ हो गया है। शिव भक्तों के बम-बम भोले के जयकारों से धर्मनगरी गुंजायमान है। सावन महीने के शुरू होने के साथ ही कल एक लाख दस हजार कांवड़ यात्रियों ने गंगा पूजन के बाद जल भरा।
सावन के महीने की शुरूआत मंगवार से हो गई है। मंगलवार से ही हरिद्वार में कांवड़ मेले की भी शुरूआत हो गई है। यूं तो हरिद्वार में एक हफ्ते पहले से ही कांवड़ यात्रियों का यहां आना शुरू हो गया था लेकिन कल से भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ रही है। बम-बम भोले के जयकारों से धर्मनगरी गूंज रही है।
एक लाख दस हजार कांवड़ यात्रियों ने भरा जल
मंगलवार को सावन महीने के पहले दिन दूर-दराज से आए एक लाख दस हजार कांवड़ यात्रियों ने गंगा पूजन के बाद मां गंगा का जल भरा। बम-बम भोले और हर-हर शंभू के जयकारों के बीच गंगा जल भर कर कांड़यात्रियों ने कांवड़ उठाई और लंबे-लंबे डग भरते हुए अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए।
घाटों पर हर तरफ नजर आए कांवड़िए
धर्मनगरी में हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर जहां तक नजर जा रही है वहां तक भगवाधारी कांवड़िए ही नजर आ रहे हैं। पहले ही दिन भक्तों की भीड़ हरिद्वार में उमड़ी। जल भरने के लिए सबसे ज्यादा कांवड़िए दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से आए थे। इनमें ज्यादातर कावड़िए पैदल गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए। गंगाजल लेकर कांवड़ियों को नहर पटरी मार्ग से वापस भेजा जा रहा है।
पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया
पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया अखिलेश पांडेय वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...