मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

दंगा भड़काने की साजिश के अहम सबूत मिलेंं

हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश में थी दंगे भड़काने की तैयारी, जांच एजेंसियों को मिले साजिश के अहम सबूत।


अशीष तिवारी


लखनऊ। रिपोर्ट डॉक्टर इब्राहिम कुरैशी ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश
यूपी में हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश था। यही नहीं, इस घटना से जुड़ी कई अफवाहों को फैला कर कुछ संगठन योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहते थे।हाथरस मामले में जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं। हाथरस के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी। हालांकि सरकार की सतर्कता के चलते प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश नाकाम हुई। खबर ये भी है। कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा दंगे भड़काने के लिए अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लिया गया था।यही नहीं, सोशल मीडिया का भी दुरूपयोग हुआ। प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है। हाथरस मामले में मायावती बीजेपी के मुखपत्र की तरह काम कर रही हैं। आप नेता संजय सिंह
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प्रयागराज। होर्डिंग के विवाद में दबंगों ने सरेआम दुकानदार को पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दर्ज किया केसः जितेंद्र हत्याकांड में बागपत पुलिस का सनसनीखेज खुलासा पति को रास्ते से हटाने के लिये पत्नी ने डेढ़ लाख की सुपारी देकर कराई हत्या। इस पूरी साजिश में पीएफआई, एसडीपीआई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत के ठोस सुराग मिले हैं। प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की गई।
साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले. उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की सख्त कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने ये पूरी योजना बनाई था। हाथरस घटना से जुड़ी खबरें जैसे पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने अंग भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई थी। यही नहीं। अफवाह फैलाने के लिए ढेरों वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया। फिलहाल जांच एजेसियां वैरिफाइड एकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं। अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ की घटना की मृतका की तस्वीरें हाथरस की बेटी की बता कर वायरल की गई। आपको बता दें कि एक बड़े चैनल के स्क्रीन शाट में छेड़छाड़ करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए इस पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। दंगे भड़काने की साजिश के लिए तमाम आपत्तिजनक और फोटो शाप्ड तस्वीरों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ। दूसरे राज्यों की शवों की फोटो शाप्ड तस्वीरों को हाथरस की पीड़िता की तस्वीरें बताकर नफरत पैदा करने की कोशिश की गई। रिपोर्ट डॉक्टर इब्राहिम कुरैशी ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश।              


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