शनिवार, 12 सितंबर 2020

पुख्ता सबूत गिराएंगे चीन के झूठ की दीवार

न्यूयॉर्क/बीजिंग। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में पिछले कई महीनों से चीन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि चीन ही कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए जिम्मेदार है। अब चीन से डरकर अमेरिका भागने वाली एक वीरोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि बीजिंग ने कोरोना वायरस तैयार किया और फिर महामारी छिपाने की कोशिश की। डॉ. ली मेंग यान ने कहा है कि वह सबूत पेश करने जा रही हैं जिससे साबित होगा कि चीन की लैब में कोरोना वायरस तैयार किया गया।


डॉ. ली मेंग यान का कहना है कि वे ऐसा सबूत पेश करेंगी जिससे वैज्ञानिक समुदाय से बाहर के लोग भी समझ सकेंगे कि इस वायरस को इंसानों ने तैयार किया है। ली मेंग यान हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी में बतौर रिसर्चर काम कर रही थीं जब उन्होंने कोरोना वायरस के ऊपर स्टडी शुरू की। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी जिंदगी को लेकर खतरा महसूस करने के बाद ली मेंग यान अमेरिका चली गईं और वहां किसी सीक्रेट जगह पर रहती हैं। ली मेंग यान ने कहा है कि चीन सरकार ने उनसे जुड़ी सभी जानकारी सरकारी डेटाबेस से डिलीट कर दी है। वायरोलॉजिस्ट ली मेंग यान ने साफतौर से कहा कि कोरोना वायरस को वुहान की लैब में तैयार किया गया है। हालांकि, चीन इस आरोप से बार-बार इनकार करता आया है। ली मेंग यान ने कहा कि वायरस के Genome Sequence फिंगर प्रिंट की तरह होते हैं जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि यह लैब से आया है या नेचुरल तरीके से।


ली मेंग यान ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग छोड़ने के बाद उनके बारे में सारा डेटा सरकार ने डिलीट कर दिया। उनसे जुड़े लोगों को कहा गया कि अफवाह फैलाएं कि वह झूठी हैं और उन्हें कुछ पता नहीं है। ली मेंग यान का दावा है कि वह कोरोना वायरस पर स्टडी करने वाले शुरुआत के चुनिंदा वैज्ञानिकों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर में उनके सुपरवाइजर ने ही सार्स जैसे मामले की जांच करने को कहा था। लेकिन बाद में उन्हें डराया जाने लगा।


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